शैक्षणिक सत्र-2025 के तहत हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में शिक्षा गुणवत्ता कार्ययोजना के संबंध में हुई समीक्षा बैठक
0- कक्षा 10 वीं और 12 वीं हेतु उत्कृष्ट परीक्षा परिणामों के लिए समर्पित समयबद्ध तैयारी सतत मूल्यांकन पर कलेक्टर ने दिया जोर
0- सटीक शैक्षणिक रणनीति कार्ययोजना एवं व्यक्तिगत प्रयासों से मिलेंगे उत्साह जनक नतीजे-कलेक्टर श्री दुदावत
दंतेवाड़ा । संयुक्त जिला कार्यालय भवन के सभाकक्ष में शनिवार को शैक्षणिक सत्र-2025 के तहत हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में शिक्षा गुणवत्ता कार्य योजना शिक्षण प्रक्रिया को अधिक संगठित समर्पित समयबद्ध तैयारी सतत मूल्यांकन के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर श्री कुणाल दुदावत के अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आहूत की गई। बैठक के अंतर्गत परीक्षा परिणाम सत्र-2024-25, विकासखण्डवार शालाओं का प्रदर्शन, टेस्ट श्रृंखला वार्षिक कैलेंडर 2025-26 के लिए कक्षा-10 वीं एवं 12 वीं हेतु विशेष योजना, यूथ ईको क्लब, गणित एवं विज्ञान क्लब के गठन की प्रक्रिया, राष्ट्रीय आविष्कार अभियान, करियर काउंसलिंग कार्यक्रम की विशेष रूप से समीक्षा हुई।
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि सभी हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी शालाओं का प्रथम लक्ष्य सभी छात्रों को प्रथम श्रेणी अंतर्गत उत्तीर्ण करना सुनिश्चित करना होगा। इसके साथ ही सभी शाला प्रमुख छात्रों से प्रष्नों के आवश्यकता अनुरूप सही उत्तर सही पैटर्न में लिखने का अभ्यास करवाएं, क्योंकि छात्रों की उत्तर लिखने की शैली भी परीक्षा परिणामों को प्रभावित करती है। इसके लिए विषयवार शिक्षकों की व्यक्तिगत बैठक अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करें। मासिक टेस्ट सभी शालाओं में अनिवार्य रूप होने चाहिए ताकि एक माह में जो पढ़ाई की गई उसका वास्तविक मूल्यांकन हो सके। बीईओ इस संबंध में मासिक बैठक अवश्य लेगें। इस के तहत आगामी अगस्त में पुनरीक्षण बैठक होगी। इसके अलावा जिन-जिन शालाओं में पूर्व सत्र में बेहतर परिणाम आए है उनकी रणनीति एवं विशेष प्रयासों को अपने शालाओं भी लागू करने के निर्देष भी बैठक में दिए गए।
इसके साथ ही कलेक्टर ने विकासखण्डवार बोर्ड परीक्षा परिणाम का समीक्षा करते हुए कहा कि कई हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में परीक्षा परिणाम अपेक्षा अनुरूप नही है। इसके लिए शिक्षण सत्र के प्रारंभ से ही कार्य योजना बनाकर आगामी परीक्षा परिणाम को बेहतर बनाना अपेक्षित रहेगा। इसमें समस्त स्टाफ की जवाबदेही तय की जायेगी। क्योकि अगर दूसरे विद्यालय उसी पाठ्यक्रम में बेहतर प्रदर्शन कर रहे है तो निश्चित ही स्वयं के विद्यालय में कमिया जाहिर होती है। हिन्दी जैसे विषयों में छात्रों का कम अंक आना वास्तव में चिंता का विषय है। इसके लिए सभी बीईओ, प्राचार्य को व्यक्तिगत रूचि लेकर अतिरिक्त शैक्षणिक प्रयास की जरूरत है। इसके लिए शिक्षा सत्र के प्रारंभ से ही अतिरिक्त क्लास, उत्तर लेखन कौशल, पढ़ाएं गए अध्यायों के पुनरावृत्ति, कमजोर छात्रों विशेष ध्यान, पिछले वर्षों की उत्तर पुस्तिकाओं का विश्लेषण,प्रश्न बैंक एवं परीक्षा पूर्व मानसिक तैयारी यह लक्ष्य प्राप्त किए जाए। बैठक में कलेक्टर ने इसके साथ ही शालाओं को अधोसंरचना, शौचालय,प्रयोगशालाओं की स्थिति, उसमें उपकरणों की आवश्यकता,पेयजल की उपलब्धता विषय अनुरूप शिक्षकों की आवश्यकता के संबंध में बैठक जानकारी चाही। इसके लिए उन्होंने सभी प्राचार्यों से मांग अनुसार प्रपत्र तैयार कर प्रस्तुत करने को कहा।
बैठक में एजेंडा अनुसार कक्षा 10 वीं और 12 वीं शत प्रतिशत उत्तीर्णता सुनिश्चित करने के लिए टेस्ट श्रृंखला की कार्ययोजना, उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत 15 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के शिक्षार्थियों को मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता प्रदान करने, करियर काउंसलिंग कार्यक्रम के तहत 9 वीं और 12 वीं तक छात्रों को उनके करियर के संबंध में मार्गदर्शन देवें, राष्ट्रीय अविष्कार अभियान के संबंध में शाला विकासखण्ड एवं जिला स्तरीय आयोजन, यूथ ईको क्लब एवं गणित एवं विज्ञान क्लब के संबंध में भी विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। बैठक के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी श्री एस.के.अम्बस्ट, डीएमसी श्री हरीश गौतम, विकासखण्ड अधिकारी,प्राचार्य गण सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
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