जल संरक्षण में छत्तीसगढ़ और रायपुर नगर निगम का स्वर्णिम कीर्तिमान
*JSJB 1.0 में छत्तीसगढ़ देश का अग्रणी, रायपुर नगर निगम देश भर में नंबर–1*
*इस सफलता के पीछे मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के विजन और संकल्प, उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव के मार्गदर्शन, महापौर श्रीमती मीनल चौबे, जिला कलेक्टर डॉक्टर गौरव कुमार सिंह, निगम आयुक्त श्री विश्वदीप के समर्पित प्रयास को श्रेय दिया जा रहा
रायपुर/जल संचय जनभागीदारी (JSJB) 1.0 अभियान के तहत छत्तीसगढ़ ने राष्ट्रीय स्तर पर ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है।
राज्य स्तर पर: छत्तीसगढ़ ने 4,05,563 संरचनाओं का निर्माण कर देशभर में दूसरा स्थान प्राप्त किया। तेलंगाना (5,20,362 संरचनाएँ) पहले और राजस्थान (3,64,968 संरचनाएँ) तीसरे स्थान पर रहे।
नगर निगम स्तर पर: रायपुर नगर निगम ने 33,082 कार्य पूरे कर देश में पहला स्थान हासिल किया। हैदराबाद (14,363) और गोरखपुर (14,331) क्रमशः दूसरे व तीसरे स्थान पर रहे।
*यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ राज्य और राजधानी रायपुर के लिए गर्व का क्षण है।*
???? पुरस्कार और प्रोत्साहन
*नगर निगम श्रेणी: 10,000 से अधिक संरचनाएँ पूर्ण करने पर रायपुर नगर निगम सहित शीर्ष निगमों को ₹2 करोड़ का पुरस्कार मिलेगा।*
जिला स्तर पर भी छत्तीसगढ़ का दबदबा : ज़ोन–2 में बालोद, राजनांदगांव और रायपुर जिले ने शानदार प्रदर्शन कर ₹2–2 करोड़ पुरस्कार जीते।
अन्य ज़ोन में उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान, त्रिपुरा और जम्मू–कश्मीर के जिलों को भी सम्मानित किया जाएगा।
✨ नेतृत्व और वर्तमान प्रयास
*इस सफलता के पीछे मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के विज़न और संकल्प, उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव के मार्गदर्शन, तथा रायपुर की महापौर श्रीमती मीनल चौबे, जिला कलेक्टर डॉक्टर गौरव कुमार सिंह और नगर निगम आयुक्त श्री विश्वदीप के समर्पित प्रयास को श्रेय दिया जा रहा है।*
मुख्यमंत्री ने इस अभियान को सीधे जनता से जोड़ते हुए “जन भागीदारी से जल सुरक्षा” का मंत्र दिया, जिसके परिणामस्वरूप गाँव–गाँव और वार्ड–वार्ड में लोगों ने स्वयं आगे आकर संरचनाओं का निर्माण और रखरखाव किया।
स्थानीय समुदायों, स्वयंसेवी संगठनों और वार्ड समितियों की सक्रिय भागीदारी ने इसे सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं बल्कि जन–आंदोलन का स्वरूप प्रदान किया।
???? संदेश
छत्तीसगढ़ और रायपुर का यह प्रदर्शन साबित करता है कि सशक्त नेतृत्व, प्रशासनिक प्रतिबद्धता और जन भागीदारी मिलकर असंभव को संभव बना सकती है।
यह उपलब्धि न केवल जल संरक्षण के क्षेत्र में मील का पत्थर है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए "जल है तो कल है" के संकल्प को साकार करती है।

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