नवा साल के गाड़ा गाड़ा बधाई
लेखिका- डॉ. दीक्षा चौबे
- दुर्ग ( वरिष्ठ साहित्यकार और शिक्षाविद)
सुआगत हे तोर नवा बछर।
सुख लेके आबे डगर डगर।।
अंधियारी मेटावय मन के ।
रोग शोक फेंकावय तन के ।
सुनता के अंजोर जगर मगर।।
सुआगत हे तोर नवा बछर ।।
खोर दुआरी ला बुहार लव ।
सुन्ना रद्दा हे गुहार दव ।
संगी चलबो सबो हाथ धर ।।
सुआगत हे तोर नवा बछर ।।
हँसी खुशी राहव हिलमिल के।
गोठ मया के कह लव खिल के।
जिनगी सबके राहय सुग्घर ।।
सुआगत हे तोर नवा बछर ।।
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