ये राखी बंधन है ऐसा....जैसे सुभद्रा और किशन का...
-बॉलीवुड में भाई-बहन के अटूट बंधन पर आधारित कुछ सुपर हिट गीत
आलेख - मंजूषा शर्मा
रक्षा बंधन का त्यौहार बॉलीवुड का सबसे लोकप्रिय त्यौहार रहा है। होली के बाद इस पर्व को लेकर ही सबसे ज्यादा गाने बनाए गए हैं। पुरानी फिल्मों की बात करें, तो अधिकांश फिल्मों में नायक की मां और कम से कम एक बहन का होना अनिवार्य होता था। राखी का त्यौहार जैसे फिल्म की कहानी का हिस्सा बन चुका था। आजकल की ज्यादातर फिल्मों की कहानी तेजी से भागती है और उसमें बहन और भाई के रिश्ते का ताना-बाना ज्यादा नहीं बुना जाता यदि होता भी है, तो वह अदब से ज्यादा फ्रैंडली और कभी - कभी प्रतिस्पर्धी होता है।
खैर आज हम बॉलीवुड के कुछ ऐसे गानों की चर्चा कर रहे हैं, जो आज भी राखी के मौके पर सुनाई दे जाते हैं। फिर वह चाहे रेडियो हो या फिर टीवी सीरियल। ये गाने अपने जमाने में काफी लोकप्रिय भी रहे हैं।
1. बहना ने भाई की कलाई में.. फिल्म -रेशम की डोरी-1974 में बनी इस फिल्म में धर्मेन्द्र और सायरा बानो मुख्य भूमिकाओं में थे। भाई - बहन के रिश्ते पर आधारित इस फिल्म में धर्मेन्द्र की बहन का रोल कुमुद छुगानी ने निभाया था, जो उस दौर की अधिकांश फिल्मों में बहन के रोल में नजर आईं। गीतकार इंदीवर के गीत बहना ने भाई की कलाई में ... को आवाज दी है सुमन कल्याणपुर ने। फिल्म में वैसे तो छह गाने थे, लेकिन राखी वाला गाना सबसे ज्यादा लोकप्रिय हुआ। फिल्म में भाई और बहन के अटूट प्रेम को दर्शाया गया है। निर्देशक आत्माराम की इस फिल्म में संगीतकार शंकर-जय किशन ने एक भी गाना लता मंगेशकर से नहीं गवाया था, बल्कि नायिका के लिए आशा भोंसले और बहन के लिए उन्होंने सुमन कल्याणपुर की आवाज में गीत तैयार किए थे।

2. भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना-फिल्म छोटी बहन भी भाई और बहन के रिश्तों पर आधारित थी। वर्ष 1959 में प्रदर्शित इस फिल्म में छोटी बहन का रोल अभिनेत्री नंदा ने निभाया था और कॅरिअर के आरंभ में ही बहन का रोल करने के कारण उनका कॅरिअर टाइप्ड हो गया था। बाद में उन्हें नायिका के रोल काफी मुश्किलों के बाद मिले। इस फिल्म में वे बलराज साहनी और रहमान की छोटी बहन के रोल में नजर आईं। लता मंगेशकर का गाया भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना गीत आज भी रक्षा बंधन का एक लोकप्रिय गीत बना हुआ है। फिल्म में सात गाने थे और सबसे लोकप्रिय गाना रहा भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना, जिसे 1959 में बिनाका गीत माला के सालाना लोकप्रिय गीतों में शुमार किया गया था। जिसे शैलेन्द्र ने लिखा है। फिल्म के सात गानों में पांच तो लता मंगेशकर के ही हिस्से में आए थे। फिल्म का निर्देशन प्रसाद ने किया था।

3. फूलों का तारों का सबका कहना है- फिल्म हरे रामा हरे कृष्णा 1971 में प्रदर्शित हुई थी। देवानंद ने इस फिल्म का निर्माण अपनी कंपनी नवकेतन के बैनर तले किया था। इसमें देवानंद की बहन का रोल जीनत अमान ने निभाया था। फिल्म में दिखाया गया है कि माता-पिता के बिगड़ते सम्बन्धों से बच्चों का जीवन किस प्रकार अभिशप्त बन जाता है, नशे की गिरफ्त में युवा पीढ़ी किस प्रकार बर्बाद हो रही है और इसका खामियाजा माता-पिता को बेटी की मौत से चुकाना पड़ता है। फिल्म की ज्यादातर शूटिंग काठमांडू में हुई थी। देवानंद के अपोजिट मुमताज थीं। फिल्म में फूलों का तारों का गीत काफी प्रभावशाली है। किशोर और लता मंगेशकर दोनों ने अलग-अलग इसे गाया है। आनंद बख्शी के इस गीत को सुरों से सजाया है राहुल देव बर्मन ने।
4. देख सकता हूं मैं कुछ भी होते हुए... फिल्म मजबूर में यह गाना शामिल किया गया था। अमिताभ बच्चन की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म में फरीदा जलाल बहन के रोल में थीं। फिल्म के इस गाने में अमिताभ बच्चन , अपनी बहन के प्रति प्रेम को प्रदर्शित करते हैं। इसमें फरीदा ने एक नि:शक्त बहन का रोल निभाया था ,जिनका नाम इस रोल के लिए उस वर्ष फिल्म फेयर के बेस्ट सर्पोटिंग एक्ट्रेस पुरस्कार के लिए नामित किया गया था। वहीं, नायिका के रोल में परवीन बॉबी थीं। सलीम- जावेद की कहानी पर बनी इस फिल्म का संगीत लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने तैयार किया था। यह फिल्म 1974 में प्रदर्शित हुई थी।
5. ये राखी बंधन है ऐसा- फिल्म बेईमान में यह गीत शामिल किया गया था, जो 1972 में बनी थी। फिल्म में राखी और मनोज कुमार मुख्य भूमिकाओं में थे। अभिनेत्री नजीमा पर यह गाना फिल्माया गया है। निर्देशक सोहनलाल कंवर की इस फिल्म में संगीत शंकर -जयकिशन की जोड़ी का था और राखी का यह गाना लता मंगेशकर और मुकेश की आवाज में है जिसे लिखा वर्मा मलिक ने है। इस गाने में अभिनेत्री नजीमा राखी के महत्व को बयान करती है और मनोज कुमार को अपना भाई स्वीकार कर उसे भाई- बहन के पवित्र रिश्ते का अहसास कराती हैं।
6. मेरे भईया मेरा चंदा मेरे अनमोल रतन- फिल्म काजल का यह गीत आशा भोंसले की आवाज में है और यह अपने दौर का सुपर हिट गीत है। 1965 की इस फिल्म में मीना कुमारी, राजकुमार और धर्मेन्द्र मुख्य भूमिकाओं में थे। यह वह दौर था, जब धर्मेन्द्र और मीना कुमारी की नजदीकियां चर्चा में थीं। साहिर लुधियानवी के गीतों को रवि ने सुरों में ढाला था। यह फिल्म गुलशन नंदा के उपन्यास माधवी पर आधारित थी। राखी के इस गाने में एक बहन अपने छोटे भाई के प्रति अपने प्यार को प्रदर्शित करती है और भगवान से उसकी सलामती के लिए दुआ करती है। फिल्म में मीना कुमारी अपने यह मनोभाव अपने छोटे भाई के प्रति प्रदर्शित करती है । फिल्म में धर्मेन्द्र ने मीना कुमारी के भाई का रोल निभाया था।
7. अब के बरस भेज भैया को बाबुल- फिल्म बंदिनी का यह गाना एक बहन के दर्द को बयां करता है। बहन जेल में है और सावन का महीना आया हुआ है। वह अपने गीत के माध्यम से सावन, तीज और राखी के त्यौहार का जिक्र करते हुए अपने पीहर को याद करती है। फिल्म में नूतन , अशोक कुमार और धर्मेन्द्र मुख्य भूमिकाओं में थे। आशा भोंसले ने इस गाने को इतनी खूबी से गाया है कि इसके मनोभाव सीधे दिल तक लगते हैं। 1963 की यह फिल्म बिमल रॉय की बेहतरीन फिल्मों में से है। फिल्म की कहानी नबेन्दु घोष ने लिखी थी। फिल्म में शैलेन्द्र और गुलजार ने गीत लिखे थे जिसे सुरों से सजाया था सचिन देव बर्मन साहब ने। 1964 में इस फिल्म ने विभिन्न श्रेणियों में छह फिल्म फेयर पुरस्कार जीते थे। अब के बरस भेज ... गीत शैलेन्द्र ने लिखा था।
8. राखी धागों का- फिल्म राखी (रिलीज वर्ष-1962) में यह गीत शामिल किया गया था। फिल्म में अशोक कुमार की बहन का रोल वहीदा रहमान ने निभाया था। यह गाना मोहम्मद रफी के हिट गानों में शामिल है। फिल्म में यह गाना प्लैबैक में चलता है। फिल्म में वहीदा रहमान के अपोजिट प्रदीप कुमार थे। फिल्म के लिए अशोक कुमार ने बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर अवार्ड जीता था। वहीं ये फिल्म बेस्ट फिल्म की श्रेणी के लिए नामित हुई थी। साथ ही मेहमूद का नाम भी बेस्ट सर्पोटिंग एक्टर की श्रेणी में नामांकित किया गया था। यह तमिल फिल्म पासामलार की हिन्दी रीमेक थी। गीत राजेन्द्र कृष्ण के और संगीत रवि का था।
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