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  कौन सा विटामिन है ज्यादा फायदेमंद और कैसे करें इसकी कमी दूर

  स्वास्थ रहने के लिए हर तरह के पोषक तत्वों की पूर्ति होना हमारे लिए बहुत जरूरी होता है, ऐसे ही हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी पोषण विटामिन-डी और विटामिन-सी होते हैं, जो हमे मजबूती देने का काम करते हैं और कई गंभीर बीमारियों से दूर रखने का काम करते हैं। विटामिन डी और सी के स्तर का चयापचय सिंड्रोम घटकों के साथ विपरीत संबंध होता है और उन्हें चयापचय गतिविधियों को खत्म करने के दौरान एंटीऑक्सिडेंट पूरक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। अध्ययनों में अनुमान लगाया कि शारीरिक गतिविधि के साथ विटामिन डी या विटामिन सी का सेवन चयापचय सिंड्रोम के खतरे को कम कर सकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं विटामिन डी या विटामिन सी से कौन सबसे ज्यादा बेहतर है और इनके क्या फायदे हैं।
 विटामिन डी का काम क्या है
हमारे शरीर को मजबूती देने के साथ हड्डियों और दांतों को मजबूत रखने वाले कैल्शियम और फास्फोरस को अवशोषित और विनियमित करने के लिए विटामिन डी की बहुत जरूरत होती है। विटामिन-डी आपके शरीर में इंसुलिन के स्तर को भी नियंत्रित करता है, हमारे प्रतिरक्षा मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र का सक्रिय करता है; हमारे जीन, मांसपेशियां और फेफड़े अच्छी तरह से काम करता है। लेकिन जब हम इसकी कमी को पूरा नहीं कर पाते तो ये हमारी सेहते के लिए गंभीर बन सकता है। 
 विटामिन-डी की पर्याप्त मात्रा कैसे पूरी करें
बच्चे हों या फिर कोई बुजुर्ग हर किसी के लिए शरीर की मजबूती जरूरी होती है, लेकिन जब बात आ जाए कि इसकी पर्याप्त मात्रा कैसे पूरी की जाए तो इसपर कई लोग रुक जाते हैं। क्योंकि उन्हें ये नहीं पता होता कि कैसे इसकी पूर्ति की जाए। तो इसका सीधा जवाब होगा कि सूरज जैसे प्राकृतिक स्रोत और विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थ आपके लिए ज्यादा जरूरी हो जाते हैं। जैसे- रोजाना कम से कम 15 मिनट के लिए धूप में रहें और कोई सनस्क्रीन, सनब्लॉक या शेड के बिना ही आप विटामिन डी की कमी को पूरा करें। इसके साथ ही आप विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं जैसे- सामन, टूना, मछली का तेल, जिगर, पनीर और अंडे की जर्दी का सेवन करें। 
 क्या आप विटामिन-डी बहुत अधिक ले सकते हैं?
विटामिन डी वसा में घुलनशील है, जिसका अर्थ है कि यह आपके वसा में जमा होता है। यदि आप बहुत अधिक लेते हैं, तो आपका शरीर इसे आसानी से साफ नहीं कर सकता है, और कैल्शियम का स्तर प्रभावित होगा, जो आपके हृदय और रक्त वाहिकाओं, फेफड़ों और गुर्दे को प्रभावित करता है। आप सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, आपके मुंह में एक धातु का स्वाद, मतली या उल्टी, कब्ज या दस्त का अनुभव कर सकते हैं।
 विटामिन-सी का काम क्या है
विटामिन सी हमारे लिए कितना फायदेमंद होता है ये तो आप सभी जानते हैं। ये संक्रमण से लडऩे में हमारी बहुत मदद करता है और ये इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करने का काम करता है। विटामिन सी हृदय और प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत करता है, रक्त शर्करा के स्तर को विनियमित करने में मदद करता है और लोहे के अवशोषण में मदद करता है। इसके अलावा विटामिन सी आपके बालों और त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करता है और इन्हें बेहतर बनाता है। 
 क्या विटामिन-सी बहुत अधिक ले सकते हैं?
हालांकि बहुत ज्यादा विटामिन-सी से भरपूर आहार लेने से कोई हानिकारक संभावना नहीं है, विटामिन सी की खुराक के कारण मेगाडोज हो सकता है। जैसे-  दस्त, जी मिचलाना, उल्टी, पेट में जलन, पेट में मरोड़, सिरदर्द और अनिद्रा की समस्या। 
विटामिन सी के स्रोत- आंवला , संतरा, अंगूर, टमाटर, नारंगी, नींबू, केला, बेर, अमरूद, सेब, कटहल, शलजम, पुदीना, मूली के पत्ते, मुनक्का, दूध, चुकंदर, चौलाई, बंदगोभी, हरा धनिया और पालक। 

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