ठंड में बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने में फायदेमंद हैं ये 5 आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां
सर्दियों का मौसम शुरू होते ही इम्यून सिस्टम धीमा होने लगता है और कई लोगों के बीमार होने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ जाती है। ठंड के मौसम में सर्दी-जुकाम, बुखार, खांसी आदि समस्या बहुत आम होती है। खासकर बच्चों में वायरल इंफेक्शन, खांसी-जुकाम, बुखार और सर्दी लगना काफी सामान्य हो जाता है। आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी बूटियों के बारे में बताया गया है, जिसका सेवन बच्चों की इम्यूनिटी मजबूत करने के साथ, सर्दी-जुकाम, खांसी आदि जैसी वायरल समस्याओं से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।
1. अश्वगंधा
अश्वगंधा एक शक्तिवर्धक और इम्यूनिटी बूस्टर जड़ी-बूटी के रूप में जानी जाती है। यह बच्चों के तनाव हार्मोन को कंट्रोल करने, एनर्जी बढ़ाने और इम्यूनिटी बूस्ट करने में मदद करती है। सर्दियों में बच्चों की कमजोरी, थकान, भूख न लगना और बार-बार बीमारी होने की समस्या को दूर करने में ये काफी फायदेमंद होती है।
बच्चों को अश्वगंधा कैसे दें?
बच्चों को अश्वगंधा खिलाना काफी आसान है। 5 से 12 साल के बच्चों को डॉक्टर की सलाह पर 1/4 से 1/2 चम्मच अश्वगंधा पाउडर गर्म दूध में मिलाकर पिला सकते हैं।। हालांकि, ध्यान रखें कि 2 साल से छोटे बच्चों को अश्वगंधा देने से बचें और अगर बच्चे के एलर्जी या पाचन समस्याएं है तो भी इससे परहेज करें।
2. ब्राह्मी
ब्राह्मी को दिमाग के लिए सबसे बेहतरीन औषधि मानी जाती है। यह बच्चों की याददाश्त, एकाग्रता, मानसिक विकास और नींद के पैटर्न को बेहतर बनाने में मदद करता है। सर्दियों में जब ठंड की वजह से सुस्ती और थकान बढ़ जाती है तो ब्राह्मी का सेवन मन और शरीर दोनों को संतुलित रखती है।
बच्चों को ब्राह्मी कैसे दें?
आप अपने बच्चों को ब्राह्मी सिरप या ब्राह्मी घृत डॉक्टर की सलाह के अनुसार दे सकते हैं। 1/4 चम्मच ब्राह्मी घृत गर्म दूध में मिलाकर बच्चों को सुबह खिलाया जा सकता है। ध्यान रहे, इसकी खुराक हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही तय करनी चाहिए, अपनी मर्जी से कम या ज्यादा देने से बचें।
3. मुलेठी
मुलेठी एक बेहतरीन कफ नाशक जड़ी बूटी है, जो गले की खराश, खांसी, आवाज बैठना और सर्दी-जुकाम की समस्या में काफी फायदेमंद होती है। बच्चों को सर्दियों में होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से राहत दिलाने के लिए मुलेठी काफी सुरक्षित आयुर्वेदिक उपाय है।
बच्चों को मुलेठी कैसे दें?
बच्चों को मुलेठी खिलाना काफी आसान है। इसके लिए आप 1–2 चुटकी मुलेठी पाउडर शहद के साथ मिलाकर बच्चों को रोजाना खिलाएं। मुलेठी का काढ़ा भी बच्चों के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन, इसकी मात्रा का ध्यान रखें। बहुत लंबे समय तक बच्चे को मुलेय़ी देने से बचें, क्योंकि इससे हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है और अगर बच्चे में पहले से हाई बीपी की समस्या है तो भी उन्हें देने से बचें।
4. च्यवनप्राश
भारत में सर्दियों के मौसम में च्यवनप्राश का सेवन काफी ज्यादा बढ़ जाता है। च्यवनप्राश बच्चों की इम्यूनिटी बूस्ट करने में काफी फायदेमंद माना जाता है। इसमें बहुत सारी जड़ी बूटियां जैसे आंवला, इलायची, दालचीनी, पिप्पली, अश्वगंधा और घृत आदि शामिल होते हैं, जो बच्चों को ठंड के कारण होने वाली समस्याओं से बचाने में मदद करते हैं। सर्दियों में इसका नियमित सेवन शरीर को गर्माहट देता है, फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है, बच्चों को बार-बार होने वाली खांसी-जुकाम से बचाता है। इतना ही नहीं, इसका सेवन बच्चों के पाचन में सुधार भी करता है और भूख को बढ़ाता है।
बच्चों को च्यवनप्राश कैसे खिलाएं?
अगर बच्चा 2 से 3 साल का है तो आप उसे रोजाना 1/4 चम्मच खिलाएं, अगर 4 से 10 साल का बच्चा है तो रोजाना आधे से 1 चम्मच गुनगुने दूध के साथ खिला सकते हैं। ध्यान रहे कि जिन बच्चों के शरीर में गर्मी ज्यादा हो उन्हें ये कम मात्रा में दें और अगर बच्चे को एलर्जी या अस्थमा की समस्या है तो पहले डॉक्टर से कंसल्ट कर लें।
5. शिलाजीत
बहुत कम मात्रा में शिलाजीत बच्चों को खिलाने से उनकी इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मदद मिल सकती है। यह बच्चों में कमजोरी, बार-बार थकान, भूख न लगना और सर्दियों में कमजोरी या एनर्जी की समस्या को दूर करने में फायदेमंद माना जाता है। इसका सेवन आपकी इम्यूनिटी बूस्ट करने के साथ-साथ हड्डियों और मांसपेशियों के विकास में भी मदद करता है। ध्यान रहे कि बिना डॉक्टर की सलाह के बच्चों को कभी भी शिलाजीत देने से बचें।
बच्चों को शिलाजीत कैसे खिलाएं?
बच्चों को शिलाजीत हमेशा बहुत कम मात्रा में देनी चाहिए और आमतौर पर 1 या 2 बूंद के रूप में ही दें। आप इसे बच्चों को गुनगुने दूध या पानी के साथ दे सकते हैं
निष्कर्ष
सर्दियों में बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां देना एक सुरक्षित और नेचुरल विकल्प हो सकती है। इसलिए, आप अपने बच्चे का इम्यून सिस्टम मजबूत करने के लिए उनकी डाइट में अश्वगंधा, च्यवनप्राश, मुलेठी और शिलाजीत जैसी जड़ी बूटियां डॉक्टर की सलाह पर शामिल कर सकते हैं।



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