उपराष्ट्रपति ने कहा - उच्च शिक्षा संस्थानों में शोध समाज के लिए प्रासंगिक होने चाहिए
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा है कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान - आईआईटी और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में किए जाने वाले शोध समाज के लिए प्रासंगिक होने चाहिए।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दिल्ली आईआईटी के हीरक जयंती समारोह का आज उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि इन संस्थाओं को जलवायु परिवर्तन से लेकर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के समाधान का पता लगाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय संस्थानों को दुनिया के सबसे अच्छे संस्थानों में तभी गिना जाएगा जब वे राष्ट्र के सामने आने वाली समस्याओं का स्थायी समाधान खोज लेंगे।
अनुसंधान और विकास परियोजनाओं में अधिक निवेश का आह्वान करते हुए उपराष्ट्रपति ने निजी क्षेत्र से ऐसी परियोजनाओं की पहचान करने और उन्हें उदारतापूर्वक धन उपलब्ध कराने का आग्रह किया।
किसानों और ग्रामीण भारत के सामने आने वाली समस्याओं पर ध्यान देने के लिए आईआईटी के छात्रों का आह्वान करते हुए श्री नायडू ने उनसे न केवल कृषि-उत्पादन बढ़ाने के लिए काम करने को कहा, बल्कि विशेष रूप से पौष्टिक और प्रोटीन युक्त भोजन के उत्पादन पर भी ध्यान देने को कहा।
नई शिक्षा नीति पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि इससे भारत को विश्व का क प्रमुख शिक्षा केन्द्र बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि विश्व स्तर के शीर्ष 500 संस्थानों में केवल आठ भारतीय संस्थान शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस स्थिति को बदलना होगा। श्री नायडू ने कहा कि उच्च शिक्षा संस्थानों के मानकों और गुणवत्ता में मौलिक सुधार लाने के लिए सभी हितधारकों, सरकारों, विश्वविद्यालयों, शिक्षाविदों और निजी क्षेत्र को मिलकर ठोस और सामूहिक प्रयास करना होगा।
श्री नायडू ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे संस्थान अब नौकरी तलाशने वालों की जगह नौकरी प्रदाता तैयार कर रहे हैं। उपराष्ट्रपति ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्?ली का हीरक जयंती प्रतीक चिन्ह और रणनीतिक दस्तावेज भी जारी किया। इस अवसर पर केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल समेत कई गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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