आरएसएस प्रमुख ने नागपुर संग्रहालय का दौरा किया, शिवाजी महाराज का ‘वाघ-नख' देखा
नागपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने बृहस्पतिवार को यहां एक प्रदर्शनी का दौरा किया, जिसमें छत्रपति शिवाजी महाराज का प्रसिद्ध ‘वाघ-नख' प्रदर्शित किया गया है। उन्होंने कहा कि हर किसी को इस हथियार को देखना चाहिए, क्योंकि यह ‘‘हमें हमारी वीरता के इतिहास'' की याद दिलाता है। ‘शिवशास्त्र शौर्यगाथा' प्रदर्शनी के तहत मराठाओं द्वारा इस्तेमाल किए गए विभिन्न हथियारों का प्रदर्शन किया जा रहा है। भागवत ने बाद में संवाददाताओं से कहा, ‘‘छत्रपति शिवाजी महाराज का वाघ-नख हमें हमारे शौर्य के इतिहास की याद दिलाता है। सभी को इसे देखना चाहिए।'' इस संबंध में जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि यह हथियार लंदन के विक्टोरिया एवं अल्बर्ट संग्रहालय में दक्षिण एशियाई संग्रह का हिस्सा है। ऐसा माना जाता है कि इसे 17वीं शताब्दी में दक्षिण भारत में बनाया गया था। स्टील से बने इस हथियार में ठोस धातु की एक छड़ है जिस पर चार घुमावदार, धारदार पंजे लगे हैं। इसके दोनों सिरों पर छल्ले हैं जो इसे बाएँ हाथ की हथेली में छिपाने के लिहाज से डिजाइन किए गए हैं। ऐतिहासिक विवरण के अनुसार, मराठा राज्य के संस्थापक शिवाजी महाराज ने नवंबर 1659 में आदिल शाही वंश के सेनापति और आक्रमणकारी सेना का नेतृत्व कर रहे अफजल खान को मारने के लिए वाघ-नख का इस्तेमाल किया था। प्रदर्शनी में 190 अन्य मराठा हथियार भी प्रदर्शित किए गए हैं, जिनमें विभिन्न प्रकार के भाले, कुल्हाड़ी, तलवारें, ढाल, खंजर, दंडपट्ट और अग्निबाण शामिल हैं।
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