अच्छे मानसून से खरीफ बुआई क्षेत्र में 38.48 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी; धान, मोटे अनाज और गन्ने में भी वृद्धि
नई दिल्ली। इस साल खरीफ फसलों की बुआई का कुल क्षेत्र 995.63 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले साल के 957.15 लाख हेक्टेयर से 38.48 लाख हेक्टेयर अधिक है। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के मुताबिक यह वृद्धि अच्छे और समय पर हुए मानसून के कारण हुई है, जिससे विशेष रूप से गैर-सिंचित क्षेत्रों में खेती को बढ़ावा मिला है। धान की बुआई में सबसे अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 8 अगस्त 2025 तक धान का रकबा 364.8 लाख हेक्टेयर हो गया, जो पिछले साल 325.36 लाख हेक्टेयर था।
वहीं दालों (उड़द, मूंग आदि) का रकबा मामूली बढ़कर 106.68 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि पिछले साल यह 106.52 लाख हेक्टेयर था। मोटे अनाज (ज्वार, बाजरा, रागी) का क्षेत्रफल 178.73 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले साल 170.96 लाख हेक्टेयर था। गन्ने की खेती भी बढ़कर 57.31 लाख हेक्टेयर हो गई, जो पिछले साल 55.68 लाख हेक्टेयर थी।
किसानों को बेहतर दाम देने और उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने वर्ष 2025-26 के लिए 14 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि को मंजूरी दी है। सबसे अधिक MSP बढ़ोतरी निगरसीड (₹820 प्रति क्विंटल) के लिए की गई है, इसके बाद रागी (₹596 प्रति क्विंटल), कपास (₹589 प्रति क्विंटल) और तिल (₹579 प्रति क्विंटल) के लिए बढ़ोतरी की गई है।-
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