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नैनीताल में आग लगने से ओल्ड लंदन हाउस राख, बुजुर्ग महिला की मौत

नैनीताल.  उत्तराखंड के नैनीताल में डेढ़ सौ साल से ज्यादा पुराने 'ओल्ड लंदन हाउस' में भीषण आग लगने के कारण झुलसकर एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गयी। पुलिस ने यह जानकारी दी। घटना में जान गंवाने वाली महिला प्रसिद्ध इतिहासकार और पर्यावरणविद डॉ. अजय रावत की बहन थीं।
पुलिस ने यहां बताया कि मल्लीताल क्षेत्र में मोहनको चौराहे पर स्थित इस इमारत में बुधवार रात आग लग गयी जिस पर अग्निशमन सेवा, पुलिस, वायुसेना फायर टेंडर एवं अन्य बचाव दलों की मदद से कई घंटे बाद रात करीब दो बजे काबू पाया जा सका। घनी आबादी वाले क्षेत्र में लगी आग पर नियंत्रण करने के लिए बचाव एवं राहत अभियान में विभिन्न एजेंसियों के 40 से अधिक कर्मी जुटे रहे। घटना की सूचना मिलते ही कुमांउ की पुलिस महानिरीक्षक रिद्धिम अग्रवाल और नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद नारायण मीणा भी मौके पर पहुंचे और बचाव अभियान की निगरानी की। डॉ. रावत ने बताया कि उनकी बहन शांता बिष्ट की आग में झुलसकर मृत्यु हो गयी है। वह 82 वर्ष की थीं।
इमारत के पास ही अपनी मोबाइल फोन की दुकान के मालिक विनोद कुमार वर्मा ने बताया कि उन्होंने रात करीब 10 बजे धुआं निकलते देखा जिसके तुरंत बाद आग की लपटें दिखाई देने लगीं। उन्होंने तत्काल अग्निशमन विभाग को सूचना दी, जिसके बाद दमकल का एक वाहन मौके पर पहुंचा और आग बुझाने का प्रयास किया। हालांकि, उसके टैंक का पानी जल्द ही खत्म हो गया जिसके बाद उसे दोबारा पानी भरने के लिए वापस भेजना पड़ा। घटना के बाद अफरातफरी मच गयी और लोग इधर-उधर भागते दिखाई दिए। बाद में, भवाली, भीमताल, रामनगर, हल्द्वानी समेत कई जगहों से दमकल वाहन मंगाए गए जिन्होंने आग बुझाने में मदद की। एक स्थानीय निवासी सिद्धार्थ शाह ने कहा कि आग की लपटें इतनी उंची थीं कि उसमें अंदर जाना असंभव था। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों ने आग को बुझाने का भरसक प्रयास किया लेकिन वह काबू में नहीं आ रही थी। उपजिलाधिकारी नवाजिश खालिक ने कहा कि अग्निशमन विभाग और जल संस्थान की टीमों के साथ शहर के सभी ‘हाइड्रेंटस' यानी आग बुझाने के लिए पानी की आपूर्ति करने वाले स्रोतों का निरीक्षण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए विभाग की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। आग के कारणों का फिलहाल पता नहीं चला है।
आग में जलकर इमारत पूरी तरह से नष्ट हो गयी। 'ओल्ड लंदन हाउस' को 1863 में बनाया गया था, जब नैनीताल को यूनाइटेड प्रोविंस की ग्रीष्मकालीन राजधानी के रूप में विकसित किया गया था। यह उस दौर में बनीं कई शानदार इमारतों में से एक थी। नैनीताल के एसएसपी मीणा ने कहा कि नुकसान का आकलन किया जा रहा है और आसपास के घरों में भी तलाश करके देखा जा रहा है कि कहीं कोई वहां फंसा तो नहीं है। यह इमारत प्रोफेसर अजय रावत की बहनों कर्णलता रावत और शांता बिष्ट का आवास था। कर्णलता रावत यहां मोहन लाल शाह बालिका विद्यालय की प्रधानाचार्य के तौर पर सेवानिवृत्त हुई थीं लेकिन यह विडंबना है कि 2020 में उनकी मौत भी आग में झुलसकर ही हुई थी। घटना के दौरान महिला के पुत्र निखिल बिष्ट अपनी मां को बचाने के लिए असहाय होकर चिल्लाते रहे और फिर बेहोश हो गए। निखिल बिष्ट ने 'बर्फी' समेत कई हिंदी फिल्मों में आर्ट निर्देशक के रूप में काम किया है और वह नैनीताल आकर अपनी बुजुर्ग मां की देखभाल कर रहे थे।

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