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 दिनेश पटनायक ओटावा में भारत के उच्चायुक्त नियुक्त, कनाडा ने क्रिस्टोफर को भारत में अपना दूत बनाया

नयी दिल्ली.  भारत और कनाडा ने बृहस्पतिवार को एक-दूसरे की राजधानियों में अपने-अपने राजनयिकों की नियुक्ति की घोषणा की। भारत ने जहां वरिष्ठ राजनयिक दिनेश के पटनायक को बृहस्पतिवार को ओटावा में अपना अगला उच्चायुक्त नियुक्त किया। वहीं, कनाडा ने क्रिस्टोफर कूटर को नयी दिल्ली में अपना नया उच्चायुक्त बनाने की घोषणा की। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जब भारत और कनाडा 2023 में एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या के बाद द्विपक्षीय संबंधों में आई तल्खी को दूर करने की कोशिशों में जुटे हैं। 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके कनाडाई समकक्ष मार्क कार्नी ने 17 जून को कनाडा के कनानसकीस में जी-7 शिखर सम्मेलन के इतर हुई मुलाकात में द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने पर ध्यान केंद्रित किया था। पटनायक भारतीय विदेश सेवा के 1990 बैच के अधिकारी हैं। वह वर्तमान में स्पेन में भारत के राजदूत के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि पटनायक को कनाडा में भारत का अगला उच्चायुक्त नियुक्त किया गया है। बयान में कहा गया है, “उनके (पटनायक के) जल्द अपना नया कार्यभाल संभालने की उम्मीद है।”
वहीं, ओटावा में कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद ने घोषणा की कि कूटर भारत में देश के अगले उच्चायुक्त होंगे। यह पद पहले कैमरून मैके के पास था। आनंद ने कहा, “नये उच्चायुक्त की नियुक्ति भारत के साथ राजनयिक संबंधों को गहरा करने और द्विपक्षीय सहयोग को गति देने के लिए कदम-दर-कदम आगे बढ़ने के कनाडा के दृष्टिकोण को दर्शाती है।” उन्होंने कहा, “यह नियुक्ति कनाडा में रहने वाले लोगों के लिए सेवाएं बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही यह कनाडा की अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगी।” कनाडा सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि ये नियुक्तियां दोनों देशों के नागरिकों और व्यवसायों के लिए आवश्यक राजनयिक सेवाएं बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
कूटर के पास 35 वर्षों का कूटनीतिक अनुभव है। हाल ही में उन्होंने इजराइल में कनाडा के प्रभारी राजदूत के रूप में काम किया। वह दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, लेसोथो, मॉरीशस और मेडागास्कर में कनाडा के उच्चायुक्त के रूप में सेवाएं दे चुके हैं। कूटर ने 1998 से 2000 तक नयी दिल्ली स्थित कनाडाई उच्चायोग में प्रथम सचिव के रूप में भी कार्य किया था। जून में प्रधानमंत्री मोदी और उनके कनाडाई समकक्ष कार्नी ने भारत-कनाडा संबंधों में स्थिरता बहाल करने के लिए “रचनात्मक” कदम उठाने पर सहमति जताई थी, जिसमें एक-दूसरे की राजधानियों में दूतों की शीघ्र वापसी भी शामिल है। साल 2023 में कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट का हाथ होने के आरोप लगाए थे, जिसके बाद दोनों देशों के बीच संबंध अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए थे। पिछले साल अक्टूबर में भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त और पांच अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया था, जब ओटावा ने उन्हें निज्जर मामले से जोड़ने की कोशिश की थी। भारत ने इतनी ही संख्या में कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित भी कर दिया था। हालांकि, अप्रैल में संसदीय चुनाव में लिबरल पार्टी के नेता कार्नी की जीत ने द्विपक्षीय संबंधों को पुनः स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू करने में मदद की।
 

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