अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर को निहारती गिलहरी की मूर्ति स्थापित
अयोध्या . राम मंदिर ट्रस्ट ने अयोध्या में राम जन्मभूमि स्थल पर गिलहरी की एक मूर्ति स्थापित की है। मंदिर निर्माण के करीब पहुंचने पर रामायण में गिलहरी की प्रतीकात्मक भूमिका को मान्यता देते हुए ट्रस्ट ने यह कदम उठाया है। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मंगलवार को कहा कि मूर्ति को अंगद टीला पर स्थापित किया गया है, जहां से वह मंदिर को निहारती हुई प्रतीत होती है। उन्होंने कहा, ‘‘जैसे-जैसे मंदिर निर्माण कार्य पूर्ण होने की ओर बढ़ रहा है, ट्रस्ट ने उस गिलहरी को विशेष स्थान दिया है जिसने लंका विजय में राम सेतु के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।'' राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक में भाग लेने अयोध्या आए मिश्रा ने कहा कि मंदिर का निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है और गुणवत्ता की जांच जल्द शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियां भी तेज की जा रही हैं। योजना के अनुसार, मंदिर परिसर की चार किलोमीटर लंबी चारदीवारी के साथ 25 निगरानी टावर बनाए जाएंगे। मिश्रा ने बताया कि सुरक्षा उपायों पर जल्द जिला प्रशासन के साथ विस्तृत चर्चा की जाएगी। उन्होंने देश-विदेश के तीर्थयात्रियों के लिए मंदिर दर्शन के बाद क्या-क्या देखने को मिलेगा, इसकी योजना बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया और अयोध्या को एक प्रमुख पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने पर बल दिया। रामायण में, गिलहरी को भगवान राम की सेना द्वारा राम सेतु निर्माण में दिए गए अपने छोटे से लेकिन समर्पित योगदान के लिए पूजनीय माना गया है। राम जन्मभूमि पर इसकी उपस्थिति अब मंदिर के भव्य निर्माण में सामूहिक प्रयास, भक्ति और विनम्रता के महत्व का प्रतीक है।
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