स्वयंश्री कार्यक्रम से 3.8 लाख से ज्यादा महिलाएं बनी लखपति दीदी
भोपाल। मध्यप्रदेश में ‘स्वयंश्री कार्यक्रम' ने 3.8 लाख से ज्यादा महिलाओं को लखपति दीदी बनने का अधिकार दिया। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। रिलायंस फाउंडेशन, गेट्स फाउंडेशन और मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एमपीएसआरएलएम) के सहयोग से यह कार्यक्रम किया गया। मिशन की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हर्षिका सिंह ने एक विज्ञप्ति में बताया, “स्वयंश्री ने महिलाओं को पारंपरिक सीमाओं से परे सपने देखने के लिए प्रोत्साहित किया और राज्य की 3.8 लाख से ज्यादा महिलाओं को लखपति दीदी बनने का अधिकार दिया। पिछले दो वर्षों में मिशन ने इस कार्यक्रम के तहत स्वयं सहायता समूहों, उत्पादक समूहों और संघों में संगठित लाखों महिलाओं के साथ काम किया है।” रिलायंस फाउंडेशन की महिला सशक्तिकरण प्रमुख एन. दीप्ति रेड्डी ने कहा, “हमारा मिशन पूरे भारत में ग्रामीण समुदायों में महिला उद्यमियों को सशक्त बनाना है। ‘स्वयंश्री कार्यक्रम' के माध्यम से इस उद्देश्य की दिशा में काम करते हुए हम तीन राज्यों में महिलाओं की क्षमता बढ़ाने और ग्रामीण आजीविका को मजबूत करने के लिए नवोन्मेषी, अनुकरणीय और मापनीय मॉडल विकसित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।” गेट्स फाउंडेशन के निदेशक (विकास अवसर एवं लैंगिक सशक्तिकरण) अलकेश वाधवानी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘लखपति दीदी' विजन ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय गति प्रदान की है। उन्होंने कहा कि ‘स्वयंश्री कार्यक्रम' राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और जमीनी स्तर के सहयोगियों के साथ मिलकर महिलाओं के लिए स्थायी आय के अवसर सृजित करता है। विज्ञप्ति में बताया गया, “स्वयंश्री कार्यक्रम' का उद्देश्य मध्यप्रदेश, गुजरात और ओडिशा की 10 लाख महिलाओं तक पहुंच बनाना है ताकि उनकी घरेलू आय को न्यूनतम एक लाख रुपये प्रति वर्ष तक बढ़ाया जा सके।
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