डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी को मिला हिन्दी सेवा पुरस्कार
जयपुर. वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी को राजस्थान सरकार के भाषा एवं पुस्तकालय विभाग की ओर से रविवार को हिन्दी सेवा पुरस्कार दिया गया। हिन्दी दिवस के अवसर पर सवाई मानसिंह चिकित्सा महाविद्यालय में आयोजित समारोह में डॉ. सोनी को कला, संस्कृति एवं पर्यटन श्रेणी में हिंदी सेवा पुरस्कार दिया गया। उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने उन्हें पुरस्कार प्रदान किया। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सोनी की हिन्दी एवं राजस्थानी में लगभग पन्द्रह मौलिक, अनूदित और संपादित पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। राजस्थानी काव्य संग्रह ‘रणखार' के लिए इन्हें साहित्य अकादमी (नयी दिल्ली) का ‘साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार' मिला है। पुरस्कार समारोह में बैरवा ने हिन्दी साहित्य (कथा) में डॉ. कृष्ण कुमार कुमावत को उनके उपन्यास ‘लक्ष्य', हिन्दी साहित्य (कथेतर) में डॉ. मूलचंद बोहरा को उनके शैक्षिक निबन्ध संग्रह ‘समझ गए ना!', संविधान एवं विधि में डॉ. अनुपम चतुर्वेदी एवं डॉ. दीप्ति चतुर्वेदी को संयुक्त रूप से उनकी पुस्तक ‘भारतीय राजनीतिक व्यवस्था', विज्ञान तकनीकी एवं अभियांत्रिकी में प्रो. पूर्णेन्दु घोष को ‘वैज्ञानिक विचार द्वीपों के बीच', चिकित्सा विज्ञान एवं स्वास्थ्य (भारतीय चिकित्सा पद्धति) में डॉ. हिमांशु भाटिया को उनकी पुस्तक ‘सेरेब्रल पाल्सी: व्यथा, कथा एवं कानून', दर्शन, योग एवं अध्यात्म में मनोज गट्टानी को उनकी पुस्तक ‘मन सनातन' एवं जनसंचार, पत्रकारिता एवं सिनेमा में डॉ. विजय विप्लवी एवं डॉ. कुंजन आचार्य को संयुक्त रूप से लिखी उनकी पुस्तक ‘पत्रकार दीनदयाल उपाध्याय' के लिए हिंदी सेवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर बैरवा ने कहा ,‘‘ हिंदी संवाद की भाषा ही नहीं बल्कि भारतीयता का गौरव और हमारी सांस्कृतिक धरोहर है। भारतीय सभ्यता, संस्कृति और संस्कारों की अविरल धारा को जीवंत एवं सुरक्षित रखने में हिंदी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।'' उन्होंने कहा कि हिंदी बोलने में संकोच नहीं बल्कि गर्व का अनुभव करना चाहिए।


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