ग्लोबल चिप कंपनियों को आकर्षित कर रही भारत की कुशल युवा शक्ति: मंत्री अश्विनी वैष्णव
नई दिल्ली। केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को कहा कि भारत में बढ़ती हुई कुशल प्रतिभा की संख्या ग्लोबल सेमीकंडक्टर डिजाइन कंपनियों को बड़ी संख्या में आकर्षित कर रही है. बेंगलुरु में चिप डिजाइन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी ARM के नए कार्यालय के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा कि भारत सरकार की सेमीकंडक्टर मिशन का मुख्य उद्देश्य एक मजबूत और गहरी प्रतिभा श्रृंखला विकसित करना है, और अब इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं.
मंत्री ने कहा, “सेमीकंडक्टर मिशन के तहत हमारा एक बड़ा लक्ष्य एक गहरी टैलेंट पाइपलाइन तैयार करना रहा है. यह अब दिखाई दे रहा है, क्योंकि दुनिया की कई प्रमुख डिजाइन कंपनियां भारत आ रही हैं — क्योंकि यहां टैलेंट मौजूद है.”278 विश्वविद्यालयों में सेमीकंडक्टर शिक्षा का विस्तार
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सेमीकंडक्टर मिशन के अंतर्गत देशभर के 278 विश्वविद्यालयों और संस्थानों को सहायता प्रदान की जा रही है, जहां छात्रों को अब दुनिया के नवीनतम EDA टूल्स के माध्यम से चिप डिजाइन की पढ़ाई कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि अब तक छात्रों द्वारा 28 चिप्स डिजाइन किए जा चुके हैं, जो भारत में सेमीकंडक्टर डिजाइन के प्रति वैश्विक कंपनियों के भरोसे को दर्शाता है.ARM भारत में बनाएगी 2 नैनोमीटर चिप्स
उन्होंने यह भी घोषणा की कि ARM अपने बेंगलुरु स्थित नए कार्यालय से 2 नैनोमीटर (2nm) चिप्स सहित कई उन्नत चिप्स का डिजाइन कार्य करेगी. मंत्री ने ARM की टीम को बधाई देते हुए कहा कि इस तरह के अत्याधुनिक कार्य के लिए भारत को केंद्र बनाना एक बड़ा कदम है.उन्होंने यह भी बताया कि चिप डिजाइन के साथ-साथ अब सप्लाई चेन के अन्य हिस्सों जैसे केमिकल, गैस, सब्सट्रेट्स और मैन्युफैक्चरिंग इक्विपमेंट्स से जुड़े इकोसिस्टम पार्टनर्स भी भारत में अपने केंद्र स्थापित कर रहे हैं.
डीप टेक फंड और सेमीकंडक्टर मिशन 2.0
अश्विनी वैष्णव ने आगे बताया कि सरकार ने उन्नत तकनीकों में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए "इंडिया डीप टेक फंड" लॉन्च किया है, जिसकी शुरुआत $1 बिलियन की राशि से की गई है. इस फंड का उद्देश्य एआई, सेमीकंडक्टर, बायोटेक जैसे क्षेत्रों में स्टार्टअप्स और अनुसंधान को सहायता देना है.उन्होंने बताया कि जल्द ही सेमीकंडक्टर मिशन का वर्जन 2.0 लाया जाएगा, जिसमें सिर्फ चिप डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग नहीं, बल्कि उससे जुड़ी मशीनों, उपकरणों और मटेरियल्स के स्थानीय निर्माण पर भी फोकस किया जाएगा.उन्होंने कहा. “हम पूरी सेमीकंडक्टर स्टैक पर काम कर रहे हैं — डिजाइन से लेकर मैन्युफैक्चरिंग तक, उपकरणों से लेकर मटेरियल्स तक, और प्रतिभा निर्माण से लेकर वैश्विक नेतृत्व तक. यह सिर्फ शुरुआत है, आगे की प्रगति और भी बेहतर होगी,”


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