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 भारत ने चालू वित्त वर्ष के पहले पांच माह में 23 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ी : जोशी

नयी दिल्ली. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि भारत ने चालू वित्त वर्ष के पहले पांच माह (अप्रैल-अगस्त) के दौरान 23 गीगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ी है। उन्होंने कहा कि देश अब 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय क्षमता हासिल करने के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है। केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में ‘एफटी लाइव एनर्जी ट्रांजिशन समिट इंडिया' को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। जोशी ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों सहित उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘इस वित्त वर्ष में अबतक भारत ने केवल पांच महीनों में 23 गीगावाट नवीकरणीय क्षमता जोड़ी है।
यह एक ऐसी उपलब्धि है जिसे अधिकांश देश कई वर्षों में हासिल नहीं कर सकते।'' नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में देश की प्रगति का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने आज अपनी स्थापित गैर-जीवाश्म क्षमता को लगभग 252 गीगावाट तक बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम 500 गीगावाट के अपने लक्ष्य का आधा पड़ाव पार कर चुके हैं। इसके अलावा, भारत ने गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से अपनी स्थापित बिजली क्षमता का 50 प्रतिशत भी हासिल कर लिया है, जो पेरिस समझौते में राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) के तहत निर्धारित लक्ष्य से पांच साल पहले है। वास्तव में, जी20 देशों में, भारत 2021 तक अपने 2030 के लक्ष्यों को हासिल करने वाला एकमात्र देश है।'' उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत लगभग 20 लाख (लक्षित एक करोड़ का 20 प्रतिशत) घरों को सौर ऊर्जा से रोशन किया गया है। इस योजना से छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्रों के माध्यम से 30 गीगावाट सौर क्षमता जुड़ने का अनुमान है।
जोशी ने कहा कि सही मायने में सूर्य घर से लाभान्वित होने वाले परिवारों की संख्या ऑस्ट्रिया, स्विट्जरलैंड, इजराइल या सिंगापुर जैसे देशों की जनसंख्या से भी अधिक है। उन्होंने कहा, ‘‘देखिए, लगभग 51 प्रतिशत देशों की जनसंख्या एक करोड़ से कम है। इसलिए हम इसी पैमाने पर काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के माध्यम से, लाखों परिवार स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादक बन गए हैं।'' उन्होंने आगे कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत का उदय असाधारण रहा है। कुछ ही साल में भारत सौर, पवन और हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं का तेजी से विस्तार करते हुए एक वैश्विक ताकत बन गया है। ‘‘हमारी सौर मॉड्यूल निर्माण क्षमता अब 100 गीगावाट है, जो मार्च, 2024 और मार्च, 2025 के बीच दोगुनी हो गई है। इसी दौरान, हमारी पीवी सेल निर्माण क्षमता नौ गीगावाट से तिगुना होकर 25 गीगावाट हो गई है और आज यह 27 गीगावाट है।''
 

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