स्वास्थ्य मंत्रालय ने अर्ध-शहरी, ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी की
नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अर्धशहरी, ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में कोविड नियंत्रण और प्रबंधन के बारे में मानक संचालन प्रक्रिया जारी की है। मंत्रालय ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में कोविड मरीजों की संख्या बढ़ रही है। लेकिन अर्धशहरी, ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में भी अब संक्रमित लोगों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। इसलिए इन क्षेत्रों में कोविड महामारी से निपटने के प्रयास तेज करने के लिए सभी स्तरों पर प्राथमिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और समुदायों को सशक्त बनाने की आवश्यकता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि लगभग 80 से 85 प्रतिशत कोविड मरीजों में कोरोना संक्रमण के लक्षण नहीं होते या हल्के लक्षण होते हैं। इन मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता नहीं है और इन्हें घर पर ही या कोविड केयर आइसोलेशन सेंटर में ठीक किया जा सकता है। कोविड मरीजों की निगरानी के लिए ऑक्सीजन के स्तर पर नजर रखना महत्वपूर्ण है। प्रत्येक गांव में पर्याप्त संख्या में ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर होने चाहिये। ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण समिति को इन उपकरणों के प्रावधान के लिए संसाधन जुटाने चाहिए। कोविड मरीजों के परिवारों के लिए पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर उपलब्ध कराने की प्रणाली विकसित की जानी चाहिए। इस कार्य में आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और ग्रामीण स्तर के स्वयंसेवकों की सहायता ली जानी चाहिए।
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