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इस बार 6 दिनों का होगा दीपावली का त्योहार, जानें कब से होगा शुरू
पांच दिवसीय दीपोत्सव पर्व को दिवाली या दीपावली भी कहा जाता है. इस पर्व में धनतेरस, नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली), दिवाली (लक्ष्मी पूजा), गोवर्धन पूजा और भाई दूज शामिल हैं. यह पर्व कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी से शुरू होता है और शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि तक मनाया जाता है. यह प्रकाश और समृद्धि का प्रतीक है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतिनिधित्व करता है. इस उत्सव में हर दिन का अपना विशेष महत्व और अनुष्ठान होता है. पंंचांग के अनुसार, साल 2025 में दिवाली का पर्व 20 अक्टूबर दिन सोमवार को मनाया जाएगा.
पांच दिवसीय दीपोत्सव पर्व कब है?
पांच दिवसीय प्रकाश पर्व की शुरुआत धनतेरस के साथ होती है और भाई दूज पर इसका समापन होता है. पांच दिनों तक मनाया जाने वाला यह त्योहार इस बार 6 दिनों का होने वाला है. इस साल पंच दीपोत्सव की शुरुआत 18 अक्टूबर से हो रही है, जिसका समापन 23 अक्टूबर 2025 को होगा. इस तरह से दीपोत्सव 5 नहीं, बल्कि 6 दिनों तक मनाया जाएगा.
इस बार 6 दिन का होगा दीपोत्सव
पांच दिवसीय दीपोत्सव का 6 दिन पड़ने के पीछे का कारण है त्रयोदशी तिथि में बढ़ोतरी. इस बार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि दो दिन पड़ेगी. जिसकी वजह से दीपोत्सव 6 दिनों का हुआ है. इस साल छोटी दिवाली और बड़ी दिवाली दोनों एक ही दिन मनाई जाएगी. आइए जानते हैं किस तिथि पर कौन से त्योहार मनाए जाएंगे.
दीपावली के 5 दिन कौन से हैं?
धनतेरस:- दिवाली पर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है, जिसे धनत्रयोदशी भी कहते हैं. इस दिन भगवान धन्वंतरी, कुबेर और लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है और लोग बर्तन, धातु व आभूषण खरीदते हैं.
नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली):- धनतेरस के अगले दिन छोटी दिवाली का पर्व मनाया जाता है. इस दिन भगवान कृष्ण द्वारा नरकासुर राक्षस का वध किया गया था, जो कि बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है.
दिवाली (बड़ी दिवाली):- दिवाली का त्योहार कार्तिक अमावस्या के दिन मनाया जाता है और इसमें लक्ष्मी-गणेश जी की पूजा के साथ दीपक जलाए जाते हैं. यह दीपावली का मुख्य दिन होता है.
गोवर्धन पूजा:- यह पांच दिवसीय दीपोत्सव का चौथा दिन होता है. इस दिन भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत को उठाने का स्मरण किया जाता है, जिसे अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है.
भाई दूज:- पांच दिवसीय उत्सव का आखिरी दिन भाई दूज भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित है, जिसमें भाई अपनी बहन के घर जाकर भोजन करते हैं और बहन भाई की लंबी उम्र की कामना करती है. 

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