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नयी दिल्ली. दिल्ली पुलिस ने उस हुंदै आई20 कार के 11 घंटे के रूट का पता लगा लिया है, जिसका इस्तेमाल लाल किला के पास विस्फोट में किया गया था। जांच से पता चला है कि वाहन हरियाणा के फरीदाबाद से राष्ट्रीय राजधानी पहुंचा था। सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सूत्रों के अनुसार, सीसीटीवी फुटेज और टोल प्लाजा से प्राप्त आंकड़ों से जांच अधिकारियों को वाहन की गतिविधियों की विस्तृत समय-सीमा जानने में मदद मिली है। सूत्रों ने बताया कि कार का सफर सोमवार सुबह फरीदाबाद से शुरू हुआ और दिल्ली के कई हिस्सों से होते हुए सोमवार शाम करीब 6:52 बजे लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास विस्फोट हुआ। एक सूत्र ने बताया, "कार को सबसे पहले सुबह करीब 7:30 बजे फरीदाबाद के एशियन अस्पताल के बाहर देखा गया। करीब 8:13 बजे इसने बदरपुर टोल प्लाजा पार किया और दिल्ली में प्रवेश किया।" सुबह 8:20 बजे, ओखला औद्योगिक क्षेत्र के पास एक पेट्रोल पंप के पास से गुज़रती हुई गाड़ी की तस्वीर सीसीटीवी फुटेज में दर्ज हुई।
जांच अधिकारियों ने बताया कि दोपहर 3:19 बजे, कार लाल किला परिसर से सटे एक पार्किंग क्षेत्र में पहुंची, जहां वह कथित तौर पर लगभग तीन घंटे तक खड़ी रही। सूत्र ने बताया, "शाम 6:22 बजे कार को पार्किंग क्षेत्र से निकलकर लाल किले की ओर जाते देखा गया। विस्फोट से पहले का यह 30 मिनट का समय अब हमारी जांच का मुख्य पहलू है। हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि वाहन के अंदर कौन था। गाड़ी के पार्किंग क्षेत्र से निकलने के बमुश्किल 24 मिनट बाद, शाम लगभग 6:52 बजे, जोरदार विस्फोट ने चलती कार को तहस-नहस कर दिया। विस्फोट से गाड़ी के परखच्चे उड़ गए, शवों के टुकड़े सड़क पर बिखर गए, आस-पास की इमारतों और मेट्रो स्टेशन की खिड़कियां टूट गईं।
विस्फोट से स्थानीय लोगों और पर्यटकों में दहशत फैल गई। पुलिस ने कहा कि वे दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के आसपास से एकत्र सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण कर रहे हैं, ताकि कार की हर गतिविधि का पता लगाया सके और उसके संपर्क में आए किसी भी व्यक्ति की पहचान की जा सके। पुलिस के एक सूत्र ने बताया कि यही कार एक पेट्रोल पंप के बाहर भी देखी गई, जहां वह प्रदूषण प्रमाण पत्र लेने गई थी। सूत्र ने कहा, "हमारी जांच जारी है। हमें पता चला है कि कार ने एक पेट्रोल पंप से प्रदूषण प्रमाणपत्र हासिल किया था, ताकि अगर पुलिस उसे सीमा के पास रोके, तो वह सभी दस्तावेज़ दिखा सके। कई जानकारियां सामने आ रही हैं और हम सभी कड़ियों को जोड़ रहे हैं। -
नयी दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में लाल किले के नजदीक हुए धमाके के मद्देनजर दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। शाह ने सुबह एक बैठक की अध्यक्षता की थी और शाम से पहले दूसरी बैठक बुलाई है।
पहली बैठक में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका, दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के महानिदेशक सदानंद वसंत दाते शामिल हुए। जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात भी ऑनलाइन माध्यम से बैठक में शामिल हुए। बैठक के दौरान शीर्ष अधिकारियों ने विस्फोट के बाद की स्थिति पर विस्तृत प्रस्तुतियां दीं।
गृह मंत्री ने कहा है कि शीर्ष जांच एजेंसियां विस्फोट की जांच कर रही हैं और वे घटना की तह तक जाएंगी। अधिकारियों ने बताया कि सोमवार शाम लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास एक ट्रैफिक सिग्नल पर धीमी गति से चल रही एक कार में धमाका हुआ था। इस धमाके में 12 लोगों की मौत हो गई और कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। -
थिंपू. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली विस्फोट के षड्यंत्रकारियों को बख्शा नहीं जाएगा और जांच एजेंसियां मामले की तह तक जाएंगी। मोदी ने लाल किले के पास हुए कार विस्फोट के एक दिन बाद भूटान में एक कार्यक्रम के दौरान यह टिप्पणी की। इस विस्फोट में 12 लोग मारे गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आज मैं यहां बहुत भारी मन से आया हूं। कल शाम दिल्ली में हुई भयावह घटना ने सभी को बहुत दुखी किया है।'' मोदी ने कहा, ‘‘मैं प्रभावित परिवारों का दुःख समझता हूं। पूरा देश उनके साथ खड़ा है। मैं घटना की जांच कर रही सभी एजेंसियों के संपर्क में हूं।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमारी एजेंसियां इस साजिश की तह तक जाएंगी। इसके षड्यंत्रकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। सभी जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।'' भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने थिंपू के चांगलीमेथांग स्टेडियम में हजारों भूटानी नागरिकों की उपस्थिति में दिल्ली विस्फोट के पीड़ितों के लिए प्रार्थना की। भारतीय अधिकारियों ने बताया कि भूटानी नेतृत्व ने दिल्ली में हुए विस्फोट में लोगों की मौत होने की दुखद घटना पर हार्दिक संवेदना व्यक्त की और विस्फोटों से प्रभावित सभी लोगों के लिए विशेष प्रार्थना की। दिल्ली पुलिस ने सोमवार रात बताया था कि विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई और कई अन्य लोग घायल हो गए। उसने मंगलवार को बताया कि तीन और लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है।
- नयी दिल्ली. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि भारत ने 2024-25 में 1.51 लाख करोड़ रुपये मूल्य का रक्षा उत्पादन किया है और रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों (डीपीएसयू) का योगदान इसकी कुल राशि में 71.6 प्रतिशत रहा। सिंह ने यह टिप्पणी यहां एक उच्च स्तरीय बैठक में 16 डीपीएसयू के प्रदर्शन की व्यापक समीक्षा करते हुए की। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सभी 16 डीपीएसयू देश की आत्मनिर्भरता के मजबूत स्तंभ के रूप में काम कर रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियानों में उनका उत्कृष्ट प्रदर्शन हमारे स्वदेशी प्लेटफार्म की विश्वसनीयता और क्षमता का प्रमाण है।'' सिंह ने दक्षिण दिल्ली के नौरोजी नगर स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में नये रक्षा उद्यम (डीपीएसयू) भवन का उद्घाटन भी किया।रक्षा मंत्री ने भारत के रक्षा विनिर्माण परिवेशी तंत्र को मजबूत करने और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में डीपीएसयू के निरंतर योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024-25 में, भारत ने 1.51 लाख करोड़ रुपये का रक्षा उत्पादन हासिल किया, जिसमें रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों (डीपीएसयू) का योगदान कुल उत्पादन का 71.6 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि रक्षा निर्यात 6,695 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो भारत की स्वदेशी प्रणालियों में वैश्विक विश्वास को दर्शाता है। उन्होंने कहा, "यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि 'मेड इन इंडिया' रक्षा उत्पाद वैश्विक सम्मान प्राप्त कर रहे हैं।" सिंह ने इस गति को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल देते हुए सभी रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (डीपीएसयू) से महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के त्वरित स्वदेशीकरण, समग्र अनुसंधान एवं विकास, उत्पाद गुणवत्ता, समय पर आपूर्ति और निर्यात बढ़ाने के लिए एक रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने डीपीएसयू को निर्देश दिया कि वे स्वदेशीकरण और अनुसंधान एवं विकास के स्पष्ट रोडमैप तैयार करें, जिनमें मापनीय प्रगति हों, जिन्हें अगली समीक्षा बैठक में प्रस्तुत किया जाना है।उन्होंने कहा, "सरकार की ओर से, मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि जहां भी विशेष हस्तक्षेप या सहायता की आवश्यकता होगी, उसे तुरंत प्रदान किया जाएगा।'' रक्षा मंत्री ने अनुसंधान एवं विकास पहलों की एक श्रृंखला का भी अनावरण किया, जिसमें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के लिए एक मैनुअल भी शामिल है, जिसका उद्देश्य डिजिटलीकरण, बौद्धिक संपदा सृजन और भारतीय शिक्षा जगत के साथ सहयोग के माध्यम से एयरोस्पेस क्षेत्र की इस प्रमुख कंपनी के अनुसंधान एवं विकास परिवेशी तंत्र को मजबूत करना है। अधिकारियों ने बताया कि रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों (डीपीएसयू) का अनुसंधान एवं विकास रोडमैप मौजूदा पहलों और भविष्य की रणनीतियों को एकीकृत करेगा, जो लाइसेंस प्राप्त उत्पादन से स्वदेशी डिजाइन और विकास की ओर बदलाव का प्रतीक है। इस कार्यक्रम के दौरान, कुछ रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों (डीपीएसयू) के बीच तीन प्रमुख समझौता ज्ञापनों (एमओयू) का आदान-प्रदान किया गया। एचएएल और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) ने यंत्र इंडिया लिमिटेड (वाईआईएल) के आधुनिकीकरण प्रयासों में सहयोग के लिए उसके साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। एचएएल ने वाईआईएल को 435 करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त अग्रिम देने का वादा किया है।तीसरा समझौता ज्ञापन राष्ट्रीय महत्व की रक्षा परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण कच्चे माल की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु एमआईडीएचएएनआई (मिश्र धातु निगम लिमिटेड) में एक 'धातु बैंक' के निर्माण के लिए हस्ताक्षरित किया गया। एमआईडीएचएएनआई रक्षा प्लेटफार्म में उपयोग के लिए विभिन्न सुपर मिश्र धातुओं, विशेष इस्पातों और मृदु चुंबकीय मिश्र धातुओं के उत्पादन और आपूर्ति में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने पर केंद्रित है। सतत रक्षा विनिर्माण की दिशा में एक कदम बढ़ाते हुए, सिंह ने ‘एसडब्ल्यूएवाईएएम' (सतत और हरित रक्षा विनिर्माण) नामक एक कार्यक्रम का शुभारंभ किया, जो रक्षा क्षेत्र के विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों (डीपीएसयू) में हरित परिवर्तन को दर्शाता एक सार-संग्रह है। यह ऊर्जा दक्षता बढ़ाने, नवीकरणीय ऊर्जा अपनाने का विस्तार करने और रक्षा उत्पादन परिवेशी तंत्र में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के प्रयासों का विवरण देता है।
- कोहिमा. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद के शीतकालीन सत्र से पहले, सोमवार को कहा कि सदन की कार्यवाही में जानबूझकर व्यवधान डालना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। संसद का शीतकालीन सत्र एक दिसंबर को शुरू होकर 19 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें 15 बैठकें होंगी। विपक्ष ने सत्र की “संक्षिप्त” अवधि को लेकर सरकार पर हमला बोला है।संसद के मॉनसून सत्र के दौरान विपक्ष ने विशेष रूप से बिहार में मतदाता सूची के संशोधन का मुद्दा उठाया था, और हंगामे के कारण कार्यवाही बार बार बाधित होने की वजह से ज्यादा कामकाज नहीं हो पाया था। सत्र की छोटी अवधि के बारे में पूछे गए सवाल पर बिरला ने कहा कि संसद सत्र बुलाना सरकार का विशेषाधिकार है और इसकी अवधि आधिकारिक एजेंडे पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा, “सत्र की अवधि पर निर्णय सरकार लेती है। हमारा प्रयास होगा कि हम सभी राजनीतिक दलों के साथ चर्चा करके सदन की कार्यवाही को सुचारू बनाएं।” लोकसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि संसद जनता के मुद्दों को उठाने का मंच है और राजनीतिक दलों को इस मंच का सही ढंग से उपयोग करना चाहिए और व्यवधान पैदा नहीं करना चाहिए।
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नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि जन औषधि केंद्रों की संख्या 10,000 को पार कर गई है, जो किफायती जेनेरिक दवाइयां और सैनिटरी प्रोडक्ट बेहद कम कीमत पर उपलब्ध करवाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के हस्तक्षेपों से ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों के लिए स्वास्थ्य सेवा की पहुंच में काफी सुधार देखा गया है।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने 22वें सीआईआई एनुअल हेल्थ समिट में कहा कि भारत सरकार द्वारा उठाए गए कई बड़े कदमों जैसे हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से शून्य करना, मेडिकल डिवाइस, कैंसर देखभाल दवाओं और कई आवश्यक दवाओं पर शुल्क कम करने के साथ भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को कई महत्वपूर्ण लाभ मिल रहे हैं।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार, मेडिकल प्रोफेशनल्स और हेल्थकेयर इंडस्ट्री के सामूहिक प्रयास भारतीयों को बेहतर सेवा प्रदान करेंगे और वैश्विक स्तर पर भारत को मेडिकल ट्रीटमेंट और वेलनेस के लिए एक पसंदीदा ग्लोबल डेस्टिनेशन बनाएंगे।उन्होंने अपनी बात समझाते हुए कहा, “दुनिया के कुछ हिस्सों में आबादी की औसत उम्र 47-50 वर्ष है और यह और भी अधिक बढ़ रही है। क्या आप सोच सकते हैं कि हमारे लिए कितना बड़ा अवसर बन सकता है? ऐसे बहुत से देश हैं जहां मेडिकल ट्रीटमेंट सोशल वेलफेयर खर्च के हिस्से के तौर पर दिया जाता है, लेकिन वहां बहुत लंबा वेटिंग टाइम होता है, जिसके साथ एक डेंटिस्ट से अपॉइंटमेंट लेने में भी 6 महीने का समय लग जाता है। इसके मुकाबले शायद फ्लाइट से आना, इलाज करवाना और जल्दी वापस जाना अधिक आसान, कम खर्चीला और बेहतर साबित हो सकता है।”केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा, “पीएम मोदी के विजन के अनुरूप, एक अच्छा स्वास्थ्य एक समृद्ध समाज की नींव है। देश क्योंकि 2047 तक विकसित भारत बनने की राह पर तेजी से अग्रसर है इसलिए एक स्वस्थ और उत्पादक राष्ट्र के निर्माण में डॉक्टर्स और संपूर्ण मेडिकल इकोसिस्टम की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।” -
नई दिल्ली। देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित लाल किले के पास हुए बम ब्लास्ट की जांच की जिम्मेदारी अब नेशनल इनवेस्टिगेटिव एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी गई है। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई थी, जिसमें कई अधिकारी शामिल हुए थे। इस बैठक में ही फैसला किया गया कि दिल्ली के लाल किले के पास हुए ब्लास्ट की जिम्मेदारी अब एनआईए को सौंपी जाएगी, ताकि पूरी वस्तुस्थिति स्पष्ट हो सके।
इस हमले की जांच के लिए दिल्ली पुलिस सहित अन्य जांच एजेंसियों की तरफ से एक टीम गठित की गई थी। इस टीम में 500 से ज्यादा जवान और अन्य अधिकारी शामिल किए गए थे। इसके अलावा, 1 हजार से भी ज्यादा सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा रहे हैं, ताकि हमले से जुड़े अन्य पहलुओं की भी जांच की जा सके। वहीं, दिल्ली में हुए हमले के बाद अन्य राज्यों की पुलिस भी सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर अलर्ट हो चुकी है। दिल्ली से सटे राज्यों से आने वाले वाहनों की सघन जांच की जा रही है, ताकि हर प्रकार की अप्रिय स्थिति से बचा सके।प्राप्त जानकारी के मुताबिक, कार का मालिकाना हक कई बार बदला जा चुका है। इसे पहले नदीम को बेचा गया। इसके बाद फरीदाबाद के सेकेंड हैंड डीलर को। इसके बाद यह गाड़ी आमिर ने खरीदी, इसके बाद तारीक ने, जिस पर फरीदाबाद के आतंकी मॉड्यूल से जुड़े होने का संदेह है। इसके बाद मोहम्मद उमर ने इसे खरीद लिया था। - -डॉ. दीक्षा चौबे के दो एकल सजल-संग्रहों का विमोचनमथुरा/ धर्म- सनातन की महा नगरी और योगीराज की कृष्ण की जन्म भूमि मथुरा में हिंदी गीतिकाव्य नई विधा सजल का सप्तम समारोह स्थानीय आर. सी. ए. कन्या महा विद्यालय, के विशाल सभागार में संपन्न हुआ! कार्यक्रम की अध्यक्षता- साहित्यभूषण से विभूषित हिंदी के लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार और हिंदी के सेवानिवृत आचार्य डा. महेश 'दिवाकर', डी. लिट. ( मुरादाबाद) ने की और मुख्यअतिथि प्रो. हरीशंकर मिश्र, हिंदी आचार्य, लखनऊ विश्वविद्यालय, और विशिष्ट अतिथि प्रो. राजेश गर्ग, हिंदी आचार्य- प्रयाग विश्व विद्यालय रहे! अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करने के उपरांत डा. कृष्णा राजपूत, जबलपुर ने सरस्वती वंदना की!वस्तुत: सद्य: प्रवर्तित हिंदी सजल साहित्य स्वत: स्फूर्त विधा है। स्थानीय आरसीए गर्ल्स (पीजी) कालेज के सभागार में सजल सर्जना समिति के सप्तम वार्षिकोत्सव में देश के विभिन्न भागों से जुटे 150 से अधिक साहित्यकारों/सजलकारों को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय के सेवानिवृत आचार्य प्रो. हरिशंकर मिश्र ने कहा कि सजलकार सामाजिक चुनौतियों के प्रति सजग हैं तथा मानवीय मूल्यों के विस्तारण हेतु काम कर रहे हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि सजल विधा को प्रबन्धात्मक काव्य का रूप देकर इसे और भी अधिक उपयोगी बना सकते हैं।कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि व इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हिंदी भाषा के आचार्य प्रो. राजेश गर्ग ने कहा कि हर विषय पर सजलकार आज सफलतापूर्वक हस्तक्षेप कर रहा है तथा सजल के केन्द्र में मानवीय संवेदनाओं का बोध है।विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट बृजबिहारी सिंह ने सजल विधा से तन-मन-धन से जुडने तथा अन्य लोगों को जोड़ने का आग्रह करते हुए कहा कि पूरे देश में साहित्य की सजल विधा का प्रचार- प्रसार आवश्यक है।समारोह की अध्यक्षता कर रहे अन्तर्राष्ट्रीय कला मंच मुरादाबाद के संस्थापक डॉ. महेश 'दिवाकर' ने सजल सृजन के साथ-साथ इसमें शोध एवं समीक्षात्मक पक्ष पर बल देते हुए आयोजन की भूरि- भूरि प्रशंसा की! उन्होंने इस बात पर नाराजी भी जताई कि उत्तर प्रदेश शासन ने अभी तक सजल साहित्य को पुरस्कृत एवं सम्मानित करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है?प्रारम्भ में संस्था के अध्यक्ष डॉ. अनिल गहलौत ने समारोह में सजल विधा की अवधारणा एवं प्रयोजन की विस्तार से चर्चा की तथा समिति के सचिव इंजी.संतोष कुमार सिंह ने सजल सर्जना समिति की स्मारिका का लोकार्पण कराने के साथ-साथ समिति की वार्षिक प्रगति आख्या प्रस्तुत की।समिति की ओर से सर्वश्रेष्ठ सजलकार के रूप में फिरोजाबाद के डॉ. राम सनेही लाल शर्मा 'यायावर', फिरोजाबाद को सजल-ऋषि सम्मान तथा इंजी.संतोष कुमार सिंह एवं अमर'अद्वितीय' को शिखर सम्मान से विभूषित किया गया। डॉ . दीक्षा चौबे को सजल-भूषण सम्मान से अलंकृत किया गया। डॉ. दीक्षा चौबे के दो सजल-संग्रह शंखनाद और बाल सजल मेरी नानी बड़ी सयानी का विमोचन हुआ।समारोह में छह समूहों में सजल विधा की 84 सजल कृतियों के लोकार्पण के अतिरिक्त डॉ. किरन जैन अम्बाला, डॉ. डीपी साहू रायगढ, डॉ. चिरौंजी लाल यादव मैनपुरी व आरसीए कालेज प्रबंध समिति के अध्यक्ष रमेश चंद्र मित्तल को सजल रथी सम्मान से भी विभूषित किया गया।संस्था के सचिव इंजी. संतोष कुमार सिंह तथा राजस्थान से पधारीं श्रीमती रेखा लोढा स्मित ने कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन किया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में भारत के विभिन्न प्रातों से आये 75 सजलकारों ने अपनी सजल रचनाओं का पाठ किया ।

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नयी दिल्ली/ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सोमवार शाम लाल किले के पास हुए विस्फोट का विस्तृत विश्लेषण मंगलवार को शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ किया जाएगा। एलएनजेपी अस्पताल में विस्फोट में घायल हुए लोगों से मिलने के बाद शाह ने संवाददाताओं से कहा, कल सुबह हम गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्फोट का विस्तृत विश्लेषण करेंगे।” अधिकारियों ने बताया कि सोमवार शाम लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास एक ट्रैफिक सिग्नल पर धीमी गति से चल रही कार में भीषण विस्फोट हुआ, जिसमें कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए।
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हैदराबाद. तेलंगाना के प्रतिष्ठित राजकीय गीत ‘जय जय हे तेलंगाना' के रचयिता प्रसिद्ध कवि अंदे श्री का सोमवार को हैदराबाद में निधन हो गया। वह 64 वर्ष के थे। अंदे श्री आज सुबह अपने आवास पर जमीन पर पड़े मिले। अधिकारियों ने बताया कि परिवार के सदस्य उन्हें सरकारी गांधी अस्पताल ले गए जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उन्होंने बताया कि संभवत: दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हुई। अंदे श्री को उच्च रक्तचाप की समस्या थी और उन्हें दो दिन पहले काफी पसीना आया था। अंदे श्री का वास्तविक नाम अंदे येल्लैया था। उन्होंने अपने गीतों के माध्यम से तेलंगाना राज्य आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। कांग्रेस सरकार ने दिसंबर 2023 में सत्ता में आने के बाद अंदे श्री के ‘जय जय हे तेलंगाना' को राजकीय गीत घोषित किया। मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी, केंद्रीय कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष एन. रामचंदर राव, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव और कई अन्य नेताओं ने अंदे श्री के निधन पर शोक व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा कि अंदे श्री का निधन तेलंगाना साहित्य जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि दिवंगत कवि का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाए।
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नयी दिल्ली/ राष्ट्रीय राजधानी में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास धीमी गति से गुजर रही एक कार में सोमवार शाम जबरदस्त विस्फोट हुआ, जिसमें कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और 24 घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि भीड़भाड़ वाले इलाके में व्यस्त समय में हुए विस्फोट के कारण आसपास मौजूद कई वाहन जलकर खाक हो गए, जबकि कई गाड़ियों की खिड़कियों के शीशे टूट गए। उन्होंने बताया कि विस्फोट में घायल लोगों को लोक नायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल ले जाया गया। दिल्ली के पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा ने कहा कि जिस कार में विस्फोट हुआ, उसमें कुछ लोग सवार थे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, “विस्फोट एक चलती हुंडई आई20 कार में हुआ, जिसमें तीन लोग सवार थे। हमें घायलों के शरीर में कोई छर्रा या पंचर नहीं मिला है, जो बम विस्फोट में असामान्य है। हम सभी कोण से जांच कर रहे हैं।” पुलिस सूत्रों ने बताया कि कार नदीम खान नामक व्यक्ति के नाम पर पंजीकृत थी और उस पर हरियाणा की नंबर प्लेट लगी हुई थी। अधिकारियों के अनुसार, विस्फोट के बाद पूरी दिल्ली में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि शहर की सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और वाहनों की जांच तेज कर दी गई है। चांदनी चौक व्यापारी संघ की ओर से साझा किए गए वीडियो में विस्फोट का भयावह मंजर देखा जा सकता है। इस वीडियो में एक क्षत-विक्षत शव एक वाहन पर पड़ा हुआ दिखाई दे रहा है। वहीं, एक अन्य वीडियो में सड़क पर एक शव पड़ा हुआ नजर आ रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विस्फोट स्थल के आसपास शवों के अंग बिखरे हुए दिखाई दे रहे थे। दिल्ली अग्निशमन सेवा के मुताबिक, दमकल की 10 गाड़ियां मौके पर भेजी गईं और विस्फोट के कारण लगी आग पर देर शाम 7:29 बजे तक काबू पा लिया गया। गोलचा ने संवाददाताओं से कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को घटना के बारे में लगातार जानकारी दी जा रही है। उन्होंने कहा, “देर शाम करीब 6:52 बजे लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास यातायात सिग्नल पर धीमी गति से गुजर रही कार में विस्फोट हो गया। कार के अंदर कुछ लोग सवार थे। अन्य वाहन भी प्रभावित हुए। सभी एजेंसियां-दिल्ली पुलिस, फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए), राष्ट्रीय सुरक्षा गारद (एनएसजी)-मौके पर पहुंच गई हैं और स्थिति का जायजा ले रही हैं। इस बीच, गृह मंत्री शाह ने दिल्ली पुलिस प्रमुख और खुफिया ब्यूरो (आईबी) के निदेशक से बात करके स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने एनएसजी, एनआईए और फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के प्रमुखों को निर्देश दिया कि वे विस्फोट स्थल पर विशेषज्ञ दल भेजकर जांच में मदद करें और साक्ष्य जुटाएं। सरकारी सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी स्थिति का जायजा लिया और गृह मंत्री अमित शाह से बात की। - देहरादून.। उत्तराखंड स्थापना के रविवार को आयोजित रजत जयंती समारोह में शामिल हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का टोपी से लेकर बोली तक हर अंदाज उत्तराखंडी रहा । वैसे तो अक्सर प्रधानमंत्री यहां अपने भाषण की शुरूआत गढवाली में करते हें लेकिन उत्तराखंडी टोपी पहने मोदी ने इस बार अपने भाषण में कई बार गढ़वाली और कुमांऊनी का इस्तेमाल किया । प्रधानमंत्री ने अपने चिर-परिचित अंदाज में भाषण की शुरूआत करते हुए कहा, ' देवभूमि उत्तराखंड का मेरा भै—बन्धौं, दीदी—भुल्यों, दाना—सयाणों। आप सबू कैं म्यर नमस्कार, पैलाग, सेवा सौंधी '(भाई—बंधुओं, दीदी—बड़े भाइयों। आप सबको मेरा नमस्कार, चरण वंदना, प्यार आशीर्वाद)। इसके बाद, पिछले 25 साल में प्रदेश में आए बदलाव को सबको साथ लेकर चलने की नीति और हर उत्तराखंडी के संकल्प का नतीजा बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'पैली पहाडोंक चढ़ाई, विकासक बाट कें रोक दे छी। अब वई बटी, नई बाट खुलण लाग ली।' (पहले पहाड़ों की चढ़ाई विकास के रास्ते रोकती थी। अब वहीं से नए रास्ते खुलने लगे हैं ।' बीच में, एक बार फिर प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के विकास को लेकर प्रदेशवासी बहुत उत्साहित हैं और अगर उनकी बातों को वह गढ़वाली में बोलेंगे तो हो सकता है कि उनसे गलती हो जाए लेकिन ' 2047 मा भारत थे, विकसित देशों की लैन मा, ल्याण खुणी, मेरो उत्तराखंड, मेरी देवभूमि, पूरी तरह से तैयार छिन। (2047 में भारत को विकसित देशों की लाइन में ले जाने के लिए मेरा उत्तराखंड, मेरी देवभूमि पूरी तरह से तैयार है ।) प्रधानमंत्री ने अपने भाषण मे पहाड़ के लोक पर्वों, लोक परंपराओं और महत्वपूर्ण आयोजनों को भी शामिल किया। इस क्रम में उन्होंने हरेला, फुलदेई, भिटोली, नंदादेवी, जौलजीबी मेले, देवीधुरा मेले से लेकर दयारा बुग्याल के बटर फेस्टिवल तक का जिक्र किया।
- हैदराबाद.। एक व्यक्ति ने रविवार को अपनी पत्नी पर बेवफाई का संदेह होने पर क्रिकेट के बल्ले से पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने यह जानकारी दी। यह घटना तेलंगाना के संगारेड्डी जिले के अमीनपुर कस्बे में उस समय घटी जब आरोपी और उसकी पत्नी के बीच उनके घर पर कथित तौर पर झगड़ा हुआ। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "बहस के दौरान व्यक्ति ने अपनी पत्नी पर क्रिकेट बैट से हमला कर दिया जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।" अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने अमीनपुर थाने में हत्या का मामला दर्ज कर आरोपी को हिरासत में ले लिया है। मामले की जांच जारी है।
- गुवाहाटी।असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार को गुवाहाटी में पूर्वोत्तर में भारतीय वायुसेना के पहले पूर्ण पैमाने के ‘एयर शो' का अवलोकन किया और कहा कि ‘चिकन्स नेक कॉरिडोर' के निकट शक्ति, कौशल और भावना का यह प्रदर्शन दुश्मनों की ‘‘रातों की नींद हराम'' कर देगा। ‘चिकन नेक कॉरिडोर' भारत का वह संकरा भूभाग है, जो पूर्वोत्तर राज्यों को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है। भारतीय वायुसेना द्वारा यहां आयोजित कार्यक्रम में राफेल, सुखोई-30, मिग-29, मिराज, जगुआर, आईएल-78 रिफ्यूलर, सी-17 ग्लोबमास्टर, एंटोनोव एएन-32, सी-130 हरक्यूलिस जैसे विमानों और अपाचे, एमआई-17 तथा उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर-एमके1 जैसे हेलीकॉप्टरों ने हवाई प्रदर्शन किया। पूर्वी वायु कमान ने लासित घाट के निकट ब्रह्मपुत्र नदी के ऊपर डेढ़ घंटे का 'फ्लाइंग डिस्प्ले 2025' एयर शो आयोजित किया, जिसमें 25 से अधिक प्रकार के करतबों में 75 से अधिक लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर शामिल थे। इस कार्यक्रम में राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य के अलावा वायु सेना प्रमुख एयर मार्शल ए पी सिंह, पूर्वी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ एयर मार्शल सूरत सिंह और अन्य वरिष्ठ वायुसेना अधिकारी भी शामिल हुए। शर्मा ने शो के बाद एक पोस्ट में ‘फ्लाइंग डिस्प्ले 2025' देखने के लिए बड़ी संख्या में आए गुवाहाटी के लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘‘पूर्वोत्तर का पहला एयर शो वास्तव में शक्ति, कौशल और उत्साह का अद्भुत प्रदर्शन था। ‘चिकन्स नेक' और चार अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के इतने करीब भारत के वायु योद्धाओं के लिए आपका अपार समर्थन देश के अंदर और बाहर दुश्मनों की नींद हराम कर देगा।'' इस कार्यक्रम में भारी भीड़ के कारण पूरा गुवाहाटी शहर थम सा गया। शहर के भीतर और बाहर से बड़ी संख्या में लोग अपने वाहनों में सवार होकर लासित घाट इलाके में पहुंचने की कोशिश कर रहे थे, जिससे सुबह से ही सभी मुख्य सड़कों पर जाम की स्थिति रही। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को इस एयर शो को देखने के लिए सेना के साथ शामिल होना था, लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव में व्यस्तता के कारण वह इसमें शामिल नहीं हो सके। रक्षा जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने कहा कि यह पहली बार है कि भारतीय वायुसेना ने पूर्वोत्तर में इस तरह का प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय वायुसेना के लगभग सभी विमानों और हेलीकॉप्टरों का प्रदर्शन किया गया, जो आकाश में विभिन्न करतब दिखा रहे थे। यहां लोगों को हमारे आकाश योद्धाओं की एक झलक देखने को मिली।'' उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शन में गति, कौशल और समन्वय का अद्भुत संगम प्रदर्शित किया गया, जिससे नागरिकों को देश की हवाई ताकत को करीब से देखने का दुर्लभ मौका मिला।
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देहरादून.। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को जनसांख्यिकी बदलाव रोकने के उपाय, समान नागरिक संहिता (यूसीसी), अवैध धर्मांतरण पर रोक और दंगा नियंत्रण को लेकर उत्तराखंड सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को ‘साहसिक' करार देते हुए उनकी प्रशंसा की और सुझाव दिया कि अन्य राज्यों को भी उनका अनुकरण करना चाहिए। मोदी ने उत्तराखंड के गठन की रजत जयंती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की सरकार ने जिस गंभीरता से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू किया, वह अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल है। राज्य सरकार ने धर्मांतरण विरोधी कानून और दंगा नियंत्रण कानून जैसे राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर साहसिक नीतियां अपनाई हैं।'' प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भाजपा सरकार (उत्तराखंड में) भूमि हड़पने और जनसांख्यिकीय परिवर्तन जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी ठोस कार्रवाई कर रही है।'' देहरादून में वन अनुसंधान संस्थान के प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में मोदी ने रिमोट के जरिये 8260.72 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के विकास में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए राज्य सरकार की सराहना की और कहा कि उत्तराखंड अगले कुछ वर्षों में खुद को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित कर सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘उत्तराखंड की विकास यात्रा को अनेक बाधाओं का सामना करना पड़ा है, लेकिन भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) सरकार ने हर बार उन पर विजय प्राप्त की है और यह सुनिश्चित किया है कि विकास की गति न थमे।'' प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त करते हुए कि उत्तराखंड आने वाले वर्षों में विकास की नई ऊंचाइयों को छुएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र इसके भविष्य की यात्रा के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि ‘डबल इंजन' वाली भाजपा सरकार उत्तराखंड की क्षमता को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए काम कर रही है। मोदी ने कहा, ‘‘आप सभी जानते हैं कि उत्तराखंड से मेरा कितना गहरा लगाव है। जब भी मैं आध्यात्मिक यात्राओं पर यहां आया, पहाड़ों में रहने वाले लोगों के संघर्ष और कड़ी मेहनत ने मुझे हमेशा प्रेरित किया। इसने मुझे उत्तराखंड की अपार संभावनाओं से परिचित कराया।'' उन्होंने कहा,‘‘बाबा केदार के दर्शन के बाद मैंने कहा था कि यह दशक उत्तराखंड का है। यह कोई सामान्य बात नहीं थी, मुझे आप पर पूरा विश्वास था।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड का असली सार इसकी आध्यात्मिक शक्ति में निहित है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि उत्तराखंड दृढ़ निश्चय कर ले तो अगले कुछ वर्षों में वह विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित हो सकता है।'' मोदी ने कहा कि 25 साल पहले उत्तराखंड की जो तस्वीर थी, वह अब पूरी तरह बदल चुकी है। उन्होंने कहा, ‘‘यहां आने से पहले, मैंने रजत जयंती समारोह में प्रदर्शनी देखी थी। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि हर नागरिक इसे देखे। यह पिछले 25 वर्षों में उत्तराखंड की यात्रा को दर्शाती है।'' प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘शिक्षा, पर्यटन, उद्योग, स्वास्थ्य, ऊर्जा और ग्रामीण विकास जैसे कई क्षेत्रों में सफलता की कहानियां प्रेरणादायक हैं।''उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उत्तराखंड की प्रगति की सराहना की। मोदी ने कहा कि 25 साल पहले उत्तराखंड का बजट केवल 4,000 करोड़ रुपये था, जो अब एक लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। उन्होंने कहा कि 25 सालों में उत्तराखंड में बिजली उत्पादन चार गुना बढ़ गया है और सड़कों की लंबाई दोगुनी हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हर छह महीने में हवाई मार्ग से आने वाले 4,000 यात्रियों की तुलना में आज प्रतिदिन 4,000 से अधिक यात्री आते हैं।''उन्होंने कहा, ‘‘इन 25 वर्षों में इंजीनियरिंग महाविद्यालयों की संख्या 10 गुना से भी अधिक बढ़ी है। पहले केवल एक चिकित्सा महाविद्यालय था, लेकिन अब 10 हो गए हैं।'' प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह परिवर्तन समावेशिता की नीति और प्रत्येक उत्तराखंडी के संकल्प का परिणाम है।'' उन्होंने कहा कि उत्तराखंड 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने के प्रयास में मदद करने के लिए पूरी तरह तैयार है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने 8000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जिससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि हल्द्वानी में जमरानी बांध और देहरादून में सोंग बांध पेयजल की कमी को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार सेब और कीवी किसानों को डिजिटल मुद्रा के माध्यम से अनुदान उपलब्ध कराएगी। मोदी ने कहा कि राज्य में दो लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाएं चल रही हैं जिनमें ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना और दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि गौरीकुंड-केदारनाथ और हेमकुंड रोपवे का भी शिलान्यास किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘ये सभी परियोजनाएं उत्तराखंड के विकास को नई गति दे रही हैं।'' उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों का सुझाव दिया जिनमें राज्य में विकास की अपार संभावनाएं हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम यहां के मंदिरों, आश्रमों, ध्यान और योग केंद्रों को वैश्विक नेटवर्क से जोड़ सकते हैं। देश-विदेश से लोग यहां स्वास्थ्य लाभ के लिए आते हैं। यहां जड़ी-बूटियों और आयुर्वेदिक औषधियों की मांग तेज़ी से बढ़ रही है।'' उन्होंने कहा, ‘‘उत्तराखंड ने सुगंधित पौधों, आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों, योग और स्वास्थ्य पर्यटन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। अब समय आ गया है कि एक सम्पूर्ण पैकेज पर विचार किया जाए। उत्तराखंड के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में योग केंद्र, आयुर्वेदिक केंद्र, प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र और होमस्टे को प्रोत्साहित किया जाए।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि वह चाहते हैं कि उत्तराखंड का हर गांव एक छोटा ‘पर्यटन केंद्र' बने। उन्होंने कहा, ‘‘होमस्टे स्थापित किए जाने चाहिए और स्थानीय खान-पान व संस्कृति को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।'' उन्होंने कहा,‘‘कल्पना कीजिए कि विदेशी पर्यटकों को कैसे आनंद का अनुभव होगा जब वे घरेलू माहौल में डूब जाएंगे और चुड़कानी, अरसा, भात और झंगोरा की खीर खाएंगे।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि यह खुशी इन पर्यटकों को उत्तराखंड वापस लाएगी।मोदी ने कहा कि धार्मिक पर्यटन, शीतकालीन पर्यटन, साहसिक पर्यटन, विवाह स्थलों का विकास और फिल्म शूटिंग स्थल ऐसे अन्य क्षेत्र हो सकते हैं जहां उत्तराखंड प्रगति कर सकता है। प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन की गई परियोजनाएं पेयजल, सिंचाई, तकनीकी शिक्षा, ऊर्जा, शहरी विकास, खेल और कौशल विकास सहित कई प्रमुख क्षेत्रों से संबंधित हैं। समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्य के अन्य वरिष्ठ नेता भी उपस्थित थे। - जैसलमेर. । राजस्थान के जैसलमेर जिले में बीती रात चोरों का एक समूह एटीएम को उखाड़कर ले गया। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार यह घटना जिले के नेहड़ाई गांव में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के एटीएम पर हुई। शनिवार देर रात एक वाहन से आए अज्ञात चोरों ने एटीएम को रस्सी से बांध कर उखाड़ लिया और अपने साथ ले गए। पुलिस ने बताया कि सुबह जब ग्रामीणों ने एटीएम वहां नहीं देखा तो पुलिस को सूचना दी। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। एटीएम में कितनी नकदी थी इस बारे में अभी आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है।
- नयी दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को गोवा में आयोजित ‘आयरनमैन 70.3' जैसे आयोजनों में युवाओं की बढ़ती भागीदारी का स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में युवा भाजपा नेताओं - तेजस्वी सूर्या और के. अन्नामलाई को ‘आयरनमैन ट्रायथलॉन' सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए बधाई दी। मोदी ने कहा, ‘‘ गोवा में, ‘आयरनमैन 70.3' जैसे आयोजनों में हमारे युवाओं की बढ़ती भागीदारी देखकर खुशी हुई। इस तरह के आयोजन फिटइंडिया अभियान में योगदान देते हैं।'' प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भाग लेने वाले सभी लोगों को बधाई। मुझे खुशी है कि हमारी पार्टी के दो युवा सहयोगी - अन्नामलाई और तेजस्वी सूर्या उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने ‘आयरनमैन ट्रायथलॉन' सफलतापूर्वक पूरा किया है।'
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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूर्वोत्तर की यात्रा के अपने अनुभव साझा किए हैं। उन्होंने एक लेख में पूर्वोत्तर की सुंदरता और वहां के लोगों की अदम्य भावना का वर्णन किया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस लेख पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रतिक्रिया दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की ओर से लिखा एक लेख शेयर किया, जिसमें जानकारी दी गई कि कैसे पूर्वोत्तर भारत दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए भारत का नैसर्गिक प्रवेश द्वार बन रहा है।केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के ‘एक्स’ पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, “महत्वपूर्ण लेख में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूर्वोत्तर की यात्रा के अपने अनुभव साझा किए हैं। उन्होंने एक लेख में पूर्वोत्तर की सुंदरता और वहां के लोगों की अदम्य भावना का वर्णन किया है। पूर्वोत्तर को ‘अष्टलक्ष्मी’ बताते हुए मंत्री सिंधिया ने जानकारी दी है कि कैसे यह दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए भारत का नैसर्गिक प्रवेश द्वार बन रहा है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि पूर्वोत्तर सिर्फ भारत की सीमा नहीं, बल्कि अब उसकी अग्रिम पहचान है।”इससे पहले, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी हालिया मेघालय और असम यात्रा का जिक्र किया। अपना लेख शेयर करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “मेघालय और असम की अपनी हालिया यात्रा के दौरान, मुझे प्रकृति को उसके सबसे प्रामाणिक रूप में देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, जहां पर्यावरण की भव्यता वहां रहने वाले समुदायों की सांस्कृतिक समृद्धि से पूरित होती है।”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन की प्रशंसा करते हुए उन्होंने लिखा, “मैं आज अपने विचार लिख रहा हूं कि कैसे पूर्वोत्तर की गतिशील भूमि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से निर्देशित होकर भारत के विकास इंजन के रूप में उभर रही है, जो परंपराओं में निहित है, नवाचार से संचालित है और अपने लोगों के लचीलेपन से मजबूत हुई है।”( -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में रविवार को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) और उत्तराखंड सरकार के बीच पिथौरागढ़ स्थित नैनी सैनी एयरपोर्ट के अधिग्रहण के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। यह ऐतिहासिक समझौता उत्तराखंड के पर्वतीय अंचल में सुगम, सुरक्षित और टिकाऊ हवाई संपर्क की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
नैनी सैनी एयरपोर्ट का कुल क्षेत्रफल लगभग 70 एकड़ है। यहां का टर्मिनल भवन व्यस्त समय में 40 यात्रियों को सेवा प्रदान करने में सक्षम है। साथ ही, एयरपोर्ट का एप्रन एक समय में दो विमानों (कोड-2बी) को समायोजित करने की सुविधा से सुसज्जित है।इस अधिग्रहण से एयरपोर्ट के मौजूदा बुनियादी ढांचे का उन्नयन, परिचालन मानकों का सुव्यवस्थित प्रबंधन और उत्तराखंड की क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार होगा। नैनी सैनी एयरपोर्ट का विकास प्रदेश की स्थानीय कला, सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन क्षेत्र को नया प्रोत्साहन देगा। इससे व्यापार, तीर्थ पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और आतिथ्य क्षेत्र में नए अवसर खुलेंगे। इसके साथ ही, स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए आयाम सृजित होंगे।इस पहल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुगम्य और टिकाऊ विमानन अवसंरचना के दृष्टिकोण को बल मिलेगा और इस रणनीतिक हिमालयी क्षेत्र में आपदा-प्रतिक्रिया क्षमताओं को भी सुदृढ़ किया जा सकेगा। यह समझौता उत्तराखंड को विकास की नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर सिद्ध होगा।प्रधानमंत्री मोदी रविवार को देहरादून पहुंचे, जहां उन्होंने ‘उत्तराखंड रजत जयंती उत्सव’ में भाग लिया। इस मौके पर उन्होंने एक विशेष डाक टिकट जारी किया। इसके साथ ही, उन्होंने उत्तराखंड की परंपरा और संस्कृति के साथ-साथ उसकी प्रगति को दिखाने वाली कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया।उन्होंने उत्तराखंड को आठ हजार करोड़ रुपए से अधिक की कई विकास परियोजनाओं की सौगात दी। इनमें 7329.06 करोड़ रुपए की लागत वाली 19 ऐसी योजनाएं थीं, जिनका शिलान्यास किया गया। 931.65 करोड़ रुपए की लागत की 12 योजनाओं का लोकार्पण किया गया। -
झांसी (उप्र)। उत्तर प्रदेश के झांसी के नवाबाद थाना क्षेत्र में विश्वविद्यालय रोड पर रविवार की दोपहर एक युवक ने अपनी कथित प्रेमिका के सीने में गोली मारने के बाद आत्महत्या कर ली। विश्वविद्यालय की इस छात्रा को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस के मुताबिक, घटना का कारण निजी संबंधों को लेकर विवाद बताया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार घटना से पूर्व दोनों के बीच विवाद होते देखा गया था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बीबी जीटीएस मूर्ति ने बताया कि रविवार दोपहर विश्वविद्यालय रोड स्थित ओम डेरी के पास तालाबपुरा ललितपुर निवासी मनीष साहू (25) ने आपसी संबंधों में विवाद के चलते अपनी साथी और विश्वविद्यालय से एमबीए कर रही कृतिका चौबे (24) के सीने में गोली मार दी और इसके तुरंत बाद अपनी कनपटी पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने बताया कि दोनों ही ललितपुर में पड़ोसी बताए जा रहे हैं। घायल अवस्था में दोनों को मेडिकल कॉलेज ले जाया गया जहां डाक्टरों ने मनीष को मृत घोषित कर दिया। वहीं घायल छात्रा कृतिका की स्थिति स्थिर बनी हुई है।
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अयोध्या (उप्र)। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा अयोध्या में विकसित किए जा रहे भव्य रामायण पार्क में जल्द ही रावण की 25 फुट ऊंची प्रतिमा लगाई जाएगी। अधिकारियों ने रविवार को कहा कि यह प्रतिमा भगवान राम और रावण के बीच युद्ध को दर्शाएगी। इस पार्क का निर्माण गुप्तार घाट के पास किया जा रहा है। अयोध्या के महापौर गिरीश पति त्रिपाठी ने कहा कि इस पार्क में भगवान राम, हनुमान, सुग्रीव, विभीषण और अंगद सहित प्रमुख पात्रों की आदमकद प्रतिमाओं के जरिए रामायण के प्रमुख प्रसंगों को प्रदर्शित किया जाएगा। त्रिपाठी ने कहा, “गुप्तार घाट का काफी धार्मिक महत्व है क्योंकि माना जाता है कि इसी स्थान पर भगवान राम ने जल समाधि ली थी। इस पार्क को रामायण की दिव्यता और भव्यता प्रदर्शित करने के लिहाज से डिजाइन किया गया है।” महापौर ने कहा कि इस पार्क के भीतर दूसरा प्रमुख आकर्षण होगा राम दरबार जिसमें भगवान राम, माता सीता और भगवान लक्ष्मण की प्रतिमाएं लगी होंगी। इसका लक्ष्य आगंतुकों को रामायण के महत्वपूर्ण क्षणों का एक आध्यात्मिक अनुभव कराना है। अधिकारियों ने कहा कि इस परियोजना के जरिए आध्यात्मिकता का सांस्कृतिक पर्यटन के साथ मेल कराने का प्रयास किया जाएगा।
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कोच्चि। 'लक्ज़री बस ऑनर्स एसोसिएशन' ने रविवार को घोषणा की कि वे केरल से कर्नाटक और तमिलनाडु के लिए सभी अंतरराज्यीय सेवाएं निलंबित कर देंगे। लक्जरी बस ऑनर्स एसोसिएशन, केरल राज्य समिति ने एक बयान में कहा कि केरल से तमिलनाडु और कर्नाटक के लिए अंतरराज्यीय पर्यटक बस सेवाएं सोमवार शाम छह बजे से निलंबित कर दी जाएंगी। एसोसिएशन के राज्य अध्यक्ष एजे रिजास ने कहा कि यह निर्णय पड़ोसी राज्यों द्वारा भारी जुर्माना लगाने, राज्य स्तर पर गैरकानूनी कर लगाने और केरल के संचालकों की अखिल भारतीय पर्यटक परमिट (एआईटीपी) बसों को जब्त करने के बाद लिया गया है। महासचिव मनीष शशिधरन ने कहा कि केंद्र सरकार के मोटर वाहन अधिनियम के तहत जारी वैध एआईटीपी होने के बावजूद, केरल के पर्यटक वाहनों को तमिलनाडु और कर्नाटक में रोका जा रहा है, जुर्माना लगाया जा रहा है और वाहनों को कब्जे में लिया जा रहा है। एसोसिएशन ने कहा, ‘‘एक साल से भी ज़्यादा समय से, तमिलनाडु के अधिकारी केरल में पंजीकृत वाहनों से मनमाने ढंग से कर वसूल रहे हैं, जिससे ऑपरेटरों और यात्रियों को बार-बार परेशानी हो रही है। इस दौरान, केरल सरकार ने बहुत ही सहानुभूतिपूर्ण और सहयोगी रुख अपनाया है और सहयोगात्मक समाधान की उम्मीद में जवाबी कार्रवाई से परहेज किया है।'' उन्होंने कहा कि कई लोग अब वित्तीय नुकसान और वाहन जब्त होने के डर के कारण अंतरराज्यीय सेवाएं संचालित करने से डर रहे हैं। एसोसिएशन ने स्पष्ट किया कि यह सेवा निलंबन स्वैच्छिक विरोध नहीं है, बल्कि वाहनों, चालकों और यात्रियों की सुरक्षा के लिए उठाया गया एक मजबूरी भरा कदम है। एसोसिएशन ने केरल के परिवहन मंत्री और परिवहन आयुक्त से अनुरोध किया है कि वे तमिलनाडु और कर्नाटक सरकारों तथा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के साथ तत्काल हस्तक्षेप करें, ताकि इन गैर-कानूनी प्रथाओं को समाप्त किया जा सके और सभी दक्षिणी राज्यों में एआईटीपी ढांचे का एक समान कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा सके। एसोसिएशन ने इस मुद्दे पर ध्यान देने के लिए केरल के परिवहन मंत्री केबी गणेश कुमार को एक पत्र भी लिखा है। एसोसिएशन ने कहा, ‘‘केरल सरकार और केंद्रीय अधिकारियों के समय पर हस्तक्षेप से इस मुद्दे का सौहार्दपूर्ण ढंग से समाधान हो सकता है और सामान्य अंतरराज्यीय पर्यटन गतिविधियां जल्द ही फिर से शुरू हो सकती हैं।
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नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने राज्यों को अंगदान को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न कर्मियों को प्रशिक्षण देने, अस्पतालों में विशेष टीम नियुक्त करने, ट्रॉमा सेंटर का उन्नयन करने और उन्हें अंग पुनर्प्राप्ति केंद्रों के रूप में पंजीकृत करने जैसे कुछ सुझाव दिए हैं। देश में अंगदान की दर प्रति 10 लाख जनसंख्या पर एक मृतक दाता से भी कम है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से कहा है कि वे आपात स्थिति में पुलिस कर्मियों, एम्बुलेंस चालकों और पैरा-मेडिकल कर्मचारियों जैसे कर्मियों के लिए राज्य और जिला स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करें, ताकि सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों के अंग और ऊतक दान कराने में सुविधा हो। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) के निदेशक डॉ. अनिल कुमार ने एक पत्र में कहा कि भारत में प्रतिरोपण के लिए अंगों की भारी कमी है तथा हजारों मरीज विभिन्न अंगों के लिए प्रतीक्षा सूची में हैं। पत्र में कहा गया है कि सड़क दुर्घटनाओं के कारण बड़ी संख्या में मौतें होती हैं, खासकर युवा और स्वस्थ लोगों की। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की "भारत में सड़क दुर्घटनाएं 2023" नामक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 में सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 1.7 लाख लोग मारे गए, जो संभावित अंगदाता हो सकते थे। इसमें कहा गया है, "समय पर पहचान और रेफरल के अभाव में इनमें से कई संभावित अंगदाता व्यर्थ हो जाते हैं।" हादसे के शिकार लोगों की जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे, लेकिन मानव अंग एवं ऊतक प्रतिरोपण अधिनियम, 1994 और उसके नियमों में निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार, चिह्नित ‘ब्रेन स्टेम' मृत्यु मामलों में अंगदान पर विचार किया जा सकता है। कुमार ने पत्र में कहा, "आपात स्थिति में पुलिस कर्मी, एम्बुलेंस चालक, आपातकालीन चिकित्सा तकनीशियन (ईएमटी), पैरा-मेडिकल स्टाफ समेत अन्य कर्मी संभावित दाताओं की पहचान करने और समय पर सूचित करने तथा दान के लिए सहमति देने वालों से अंग प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।" कुमार ने कहा कि इन कर्मियों से लेकर निकटतम ट्रॉमा सेंटर या अस्पतालों या मेडिकल कॉलेजों में उपलब्ध प्रतिरोपण समन्वयकों तक सूचना प्रसारित करने के लिए तंत्र स्थापित किया जाना चाहिए। पत्र में कहा गया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा कार्यान्वयन को लेकर सुझाई गई कार्ययोजना के अनुसार, सरकारी और निजी एम्बुलेंस सेवाओं के अंतर्गत पुलिसकर्मियों, एम्बुलेंस चालकों और आपातकालीन चिकित्सा तकनीशियन (ईएमटी) के लिए राज्य-स्तरीय और जिला-स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए। यह प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण के माध्यम से प्रशिक्षण का एक व्यापक माध्यम हो सकता है।
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नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कानून की भाषा को सरल बनाने की शनिवार को वकालत की ताकि स्थानीय लोग इसे आसानी से समझ सकें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक के लिए न्याय सुलभ किया जाना चाहिए, चाहे उनकी सामाजिक या वित्तीय पृष्ठभूमि कुछ भी हो। उच्चतम न्यायालय परिसर में, विधिक सहायता तंत्र को सशक्त बनाने पर राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि न्याय सुलभ करना सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने की एक पूर्व शर्त है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि न्याय सभी को उपलब्ध होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की कानूनी सहायता रक्षा प्रणाली गरीबों और वंचितों को न्याय सुलभ कराने में मदद कर रही है। इस कार्यक्रम में, प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई, उनके उत्तराधिकारी न्यायमूर्ति सूर्यकांत तथा उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के अन्य न्यायाधीश भी मौजूद थे। इस मौके पर मोदी ने कहा कि सामाजिक न्याय तभी संभव है जब न्याय की पहुंच प्रत्येक नागरिक तक हो, चाहे उसकी सामाजिक या वित्तीय पृष्ठभूमि कुछ भी हो। उन्होंने कहा कि सरकार ने न्याय की सुगमता में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं और वह इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए काम करना जारी रखेगी। मोदी ने अदालती फैसलों और कानूनी दस्तावेजों को स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध कराने का आह्वान किया और इस संबंध में महत्वपूर्ण कदम उठाने के लिए उच्चतम न्यायालय की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘‘यह वास्तव में सराहनीय बात है कि उच्चतम न्यायालय ने 80,000 से अधिक निर्णयों का 18 भारतीय भाषाओं में अनुवाद करने की पहल की है। मुझे पूरा विश्वास है कि यह प्रयास उच्च न्यायालय और जिला स्तर पर भी जारी रहेगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘न्याय की भाषा ऐसी होनी चाहिए जो न्याय पाने वाले व्यक्ति को समझ में आए।''
मोदी ने कहा कि जब लोग कानून को अपनी भाषा में समझते हैं तो इससे बेहतर अनुपालन होता है और मुकदमे कम होते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जब न्याय सभी के लिए सुलभ हो, समय पर हो और सामाजिक या वित्तीय पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना प्रत्येक व्यक्ति तक इसकी पहुंच हो, तभी यह सामाजिक न्याय की नींव बनता है।'' उन्होंने कहा कि न्याय सभी तक पहुंचे, यह सुनिश्चित करने में कानूनी सहायता महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। मोदी ने समावेशन और सशक्तीकरण के लिए प्रौद्योगिकी को एक प्रमुख माध्यम बताया और न्याय प्रदान करने में ई-कोर्ट परियोजना को इसका एक शानदार उदाहरण बताया। उन्होंने कहा, ‘‘यह दर्शाता है कि प्रौद्योगिकी किस प्रकार न्यायिक प्रक्रिया को आधुनिक और मानवीय बना सकती है।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि मध्यस्थता हमेशा से भारतीय सभ्यता का हिस्सा रही है और नया मध्यस्थता अधिनियम इस परंपरा को आधुनिक रूप में आगे बढ़ा रहा है। नालसा (राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण) के 30 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में मोदी ने सामुदायिक मध्यस्थता पर एक नये प्रशिक्षण मॉड्यूल की भी शुरुआत की और कहा कि उन्हें विश्वास है कि इससे ऐसे संसाधन तैयार होंगे जो विवादों को सुलझाने, सद्भाव बनाए रखने और मुकदमेबाजी को कम करने में मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि लोक अदालतों और मुकदमा-पूर्व समझौतों के जरिये लाखों विवादों का निपटारा तेजी से और बहुत कम लागत पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार द्वारा शुरू की गई कानूनी सहायता बचाव पक्ष परामर्श प्रणाली के तहत, केवल तीन वर्षों के भीतर आठ लाख से अधिक आपराधिक मामलों का निपटारा किया गया है। सरकार के इन प्रयासों से वंचित लोगों के लिए न्याय में सुगमता सुनिश्चित हुई है।'' नालसा का गठन विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत समाज के कमजोर वर्गों को निशुल्क कानूनी सेवाएं प्रदान करने और विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए लोक अदालतें स्थापित करने के लिए किया गया था। प्रधान न्यायाधीश इसके मुख्य संरक्षक के रूप में कार्य करते हैं तथा उच्चतम न्यायालय के अगले वरिष्ठतम न्यायाधीश इसके कार्यकारी अध्यक्ष होते हैं। इसके अलावा, नालसा की नीतियों और निर्देशों को प्रभावी बनाने तथा लोगों को निशुल्क कानूनी सेवा सहायता प्रदान करने तथा राज्य में लोक अदालतों का आयोजन करने के लिए प्रत्येक राज्य में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन किया गया है। संविधान के अनुच्छेद 39ए में यह प्रावधान है कि राज्य यह सुनिश्चित करेगा कि विधिक प्रणाली का संचालन समान अवसर के आधार पर न्याय को बढ़ावा दे तथा विशेष रूप से, यह सुनिश्चित करने के लिए निशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराएगा कि आर्थिक या अन्य अक्षमताओं के कारण किसी भी नागरिक को न्याय प्राप्त करने के अवसरों से वंचित न किया जाए। संविधान के अनुच्छेद 14 और 22(1) कानून के समक्ष समानता और सभी के लिए समान अवसर के आधार पर न्याय को बढ़ावा देने वाली कानूनी प्रणाली सुनिश्चित करना भी अनिवार्य बनाते हैं। -
वाराणसी/लखनऊ (उप्र). प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बनारस रेलवे स्टेशन से नयी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने के बाद, शनिवार से वाराणसी से विश्व प्रसिद्ध खजुराहो जाने के लिए ट्रेन बदलने की समस्या अब पुरानी बात हो गई है। बनारस रेलवे स्टेशन के अधीक्षक लवलेश राय ने बताया कि अब तक बनारस से खुजराहो के लिए कोई सीधी ट्रेन नहीं थी, ऐसे में पर्यटकों को ट्रेन बदलनी पड़ती थी। उन्होंने कहा कि अब पर्यटक सीधे खजुराहो जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पहले पर्यटकों को खजुराहो जाने के लिए या तो वाराणसी से पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन (जिसे पहले मुगलसराय के नाम से जाना जाता था) जाना पड़ता था या मानिकपुर जाना पड़ता था। राय का कहना है कि बनारस और खुजराहो दोनों ही विदेशी पर्यटकों के लिए लोकप्रिय स्थल हैं, वंदे भारत ट्रेन के शुरू होने से पर्यटकों का काफी समय बचेगा। अब पर्यटक बनारस से खजुराहो छह घंटे में पहुंच सकते हैं। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि बनारस-खजुराहो वंदे भारत एक्सप्रेस इस मार्ग पर सीधा संपर्क स्थापित करेगी और वर्तमान में चल रही विशेष ट्रेनों की तुलना में लगभग दो घंटे 40 मिनट की बचत करेगी। बनारस-खजुराहो वंदे भारत एक्सप्रेस भारत के कुछ सबसे प्रतिष्ठित धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों, जैसे वाराणसी, प्रयागराज, चित्रकूट और खजुराहो को जोड़ेगी। बयान में कहा गया,‘‘ बनारस-खजुराहो वंदे भारत एक्सप्रेस भारत के कुछ सबसे प्रतिष्ठित धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों, जैसे वाराणसी, प्रयागराज, चित्रकूट और खजुराहो को जोड़ेगी। यह संपर्क न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को मजबूत करेगा, बल्कि तीर्थयात्रियों और यात्रियों को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल खजुराहो तक तेज, आधुनिक और आरामदायक यात्रा भी प्रदान करेगा।'' कार्यक्रम में शामिल हुए वाराणसी के महापौर अशोक तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी को एक क्रांतिकारी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया है। उन्होंने कहा,‘‘आज देश भर से पर्यटक काशी आ रहे हैं। प्रधानमंत्री का प्रयास वाराणसी को देश के सभी पर्यटन स्थलों से जोड़ना है, जिससे पर्यटकों को सुविधा हो। '' उन्होंने कहा कि काशी के लोग बहुत भाग्यशाली हैं कि मोदी उनके सांसद और प्रधानमंत्री हैं।
स्थानीय निवासी अनीश ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के सांसद होने से काशी को लाभ मिल रहा है।
अनीश ने कहा और कहा ,‘‘ वंदे भारत ट्रेन नए भारत की ट्रेन है। इसके संचालन से पर्यटन और व्यापार को और बढ़ावा मिलेगा । अब, वंदे भारत ट्रेन (बनारस और खजुराहो के बीच) शुरू होने के साथ, वह जल्द ही खजुराहो की यात्रा करेंगे।'' लखनऊ के व्यवसायी विशाल मेहरोत्रा ने कहा कि लखनऊ-सहारनपुर वंदे भारत ट्रेन से लोगों को बहुत लाभ होगा तथा लखनऊ और सहारनपुर के बीच लोगों की आवाजाही तेज़ होगी। उन्होंने कहा,‘‘आमतौर पर सहारनपुर से लखनऊ आने वाले लोग दिल्ली रूट चुनते हैं। इन दोनों शहरों के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू होने से निश्चित रूप से समय में कमी आएगी और आवाजाही तेज़ होगी। इस ट्रेन के संचालन से व्यापारियों और कारोबारियों को लाभ होगा।" शाहजहांपुर निवासी और इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में वकालत करने वाले अधिवक्ता अंकुर सक्सेना ने कहा, ‘‘लखनऊ-सहारनपुर वंदे भारत एक्सप्रेस के चलने से मेरे जैसे लोगों को मदद मिलेगी, क्योंकि इससे हमें लखनऊ जाने का एक और विकल्प मिलेगा, जो मौजूदा विकल्पों की तुलना में अपेक्षाकृत तेज़ होगा। इससे बरेली से लखनऊ आने-जाने में भी तेज़ी आएगी।" उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना (जो शाहजहांपुर से हैं) का धन्यवाद किया। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि लखनऊ-सहारनपुर वंदे भारत लगभग सात घंटे 45 मिनट में यात्रा पूरी करेगी, जिससे एक घंटा समय बचेगा। लखनऊ-सहारनपुर वंदे भारत एक्सप्रेस से लखनऊ, सीतापुर, शाहजहांपुर, बरेली, मुरादाबाद, बिजनौर और सहारनपुर के यात्रियों को बहुत लाभ होगा। साथ ही रुड़की होते हुए पवित्र नगरी हरिद्वार तक पहुंच में भी सुधार होगा। मध्य और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सुगम और तेज़ अंतर-शहरी यात्रा सुनिश्चित करके, यह सेवा कनेक्टिविटी और क्षेत्रीय विकास को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।'' प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को वाराणसी के बनारस रेलवे स्टेशन से चार नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें बनारस-खजुराहो, लखनऊ-सहारनपुर, फिरोजपुर-दिल्ली और एर्नाकुलम-बेंगलुरु मार्गों पर चलेंगी।













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