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- नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता समाप्त करने पर सहमति बनने के बाद जम्मू-कश्मीर के रियासी में जनजीवन सामान्य हो गया है। मंगलवार सुबह की तस्वीरों में छात्र स्कूलों में लौटते हुए दिखाई दे रहे हैं। हालांकि, सांबा जिले के एक सीमावर्ती गांव के स्थानीय निवासियों में पाकिस्तानी सेना के प्रति भय व्याप्त है क्योंकि सोमवार रात को विस्फोटों की आवाज सुनी गई और एक घर में छर्रे लगे।पाकिस्तान की गोलाबारी के कारण प्रभावित घर की छत और रसोई क्षतिग्रस्त हो गई है। स्थानीय निवासी दलबीर सिंह ने बताया कि पाकिस्तान की गोलाबारी के कारण हमेशा डर बना रहता है। कल रात हमें कुछ पता नहीं था, लेकिन हमने शोर सुना। सुबह हमने देखा कि यह हुआ है। हालांकि, ज़्यादा नुकसान नहीं हुआ है। जब विस्फोट हुआ तो हम सब घर पर थे। बाद में पुलिस आई और स्थिति का जायजा लिया। डर का माहौल है।एक अन्य स्थानीय व्यक्ति कृष्ण चंद ने बताया कि जब विस्फोट हुआ तब वह बाहर बैठे थे। उन्होंने कहा, “कल रात हमें कुछ पता नहीं था, लेकिन हमने शोर सुना। सुबह हमने देखा कि यह घटना हुई है। हालांकि, ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। विस्फोट के समय हम सभी घर पर थे। बाद में पुलिस आई और स्थिति का जायजा लिया। वहां डर का माहौल है।”एक अन्य सीमावर्ती गांव के स्थानीय निवासी प्रखर सिंह ने कहा, “जब ड्रोन से गोलीबारी हुई, तो मैं अपने बच्चों को शांत करने की कोशिश कर रहा था। पाकिस्तान मानने को तैयार नहीं है।”सोमवार शाम को सांबा में ब्लैकआउट के बीच भारतीय वायु रक्षा बलों ने पाकिस्तानी ड्रोनों को रोका, जिसके बाद लाल धारियाँ देखी गईं और विस्फोटों की आवाज़ सुनी गई।
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नोएडा/ ग्रेटर नोएडा पुलिस ने ऑटो रिक्शा में रस्सी से बांधकर कुत्ते को घसीटने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद प्राथमिकी दर्ज कर एक व्यक्ति को सोमवार को गिरफ्तार किया। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि रविवार को सोशल मीडिया पर पांच सेकंड का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक ऑटो रिक्शा के पीछे कुत्ते को रस्सी से बांधकर घसीटते देखा जा सकता है और ऑटो रिक्शा की पिछली नंबर प्लेट नहीं है। उन्होंने बताया कि जांच में पता चला कि घटना कासना थाना क्षेत्र में गांव डाढा के पास की है।
थाना प्रभारी धर्मेंद्र कुमार शुक्ला ने बताया कि बीती रात को इस मामले में पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया। -
कुशीनगर . उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले की निवासी अर्चना शाही के लिए अब 'सिंदूर' एक शब्द नहीं बल्कि एक भावना है, जिसके चलते उन्होंने और उनके परिवार के सदस्यों ने अपनी बेटी का नाम 'सिंदूर' रखने का फैसला किया। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता से प्रेरित होकर और देशभक्ति की भावना के साथ, उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में 17 नवजात लड़कियों का नाम उनके परिजन ने 'सिंदूर' रखा है। बेटी को जन्म देने वाली अर्चना शाही ने कहा, "पहलगाम हमले में कई महिलाओं ने अपने पति खो दिए। उसके बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। हम सभी को इस पर गर्व है। अब 'सिंदूर' एक शब्द नहीं बल्कि एक भावना है। इसीलिए हमने अपनी बेटी का नाम 'सिंदूर' रखने का फैसला किया।'' दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में लोकप्रिय पर्यटन शहर पहलगाम के पास बैंसरन में मंगलवार 22 अप्रैल की दोपहर को आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में 26 लोग मारे गए। इनमें ज्यादातर पर्यटक थे। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में सात मई को तड़के ऑपरेशन सिंदूर शुरू कर नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया था। पाकिस्तानी हमलों का जवाब देने के लिए उसके बाद की सभी कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आरके शाही ने बताया, ''कुशीनगर मेडिकल कॉलेज में दो दिनों के अंतराल में जन्मी 17 नवजात लड़कियों का नाम उनके परिजन ने 'सिंदूर' रखा है।" शाही ने बताया कि कुशीनगर जिले के पडरौना क्षेत्र के मदन गुप्ता की बहू काजल गुप्ता ने बेटी को जन्म दिया और उसका नाम 'सिंदूर' रखा है। मदन गुप्ता ने बताया कि जब से सेना ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया और पहलगाम में मारे गए लोगों की मौत का बदला लिया, तब से उनकी बहू की इच्छा नवजात बच्ची का नाम 'सिंदूर' रखने की थी। मदन गुप्ता ने बताया, "हमने नवजात बच्ची का नाम 'सिंदूर' रखा, ताकि हम न सिर्फ सेना के इस ऑपरेशन को याद रखें, बल्कि इस दिन को उत्साह के साथ मनाएं।" कुशीनगर जिले के भेड़िहारी गांव की निवासी अर्चना शाही के पति अजीत शाही ने बताया, "अर्चना और मैंने बेटी के जन्म से पहले ही उसका नाम 'सिंदूर' सोच लिया था। यह शब्द हमारे लिए प्रेरणा है।" कुशीनगर जिले के भठही बाबू गांव के व्यासमुनि की पत्नी ने भी बेटी को जन्म दिया है। उन्होंने कहा कि वह अपनी बेटी में साहस भरने के लिए उसका नाम 'सिंदूर' रखेंगी। उनके अनुसार, जब बेटी बड़ी होगी तो वह इस शब्द का सही मतलब समझेगी और खुद को भारत माता के लिए कर्तव्य परायण नागरिक के रूप में पेश करेगी। मेडिकल कालेज के प्राचार्य ने यह भी बताया कि कुशीनगर जिले के पडरौना क्षेत्र की प्रियंका देवी ने भी बेटी को जन्म दिया है। उन्होंने कहा, ऑपरेशन सिंदूर के प्रति इस दंपत्ति के मन में बहुत सम्मान है और उन्होंने कहा है कि इसीलिए वे अपनी बेटी का नाम 'सिंदूर' रखेंगे।
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नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, "...निश्चित तौर पर यह युग युद्ध का नहीं है लेकिन यह युग आतंकवाद का भी नहीं है। आतंकवाद के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस', यह एक बेहतर दुनिया की गारंटी है।"
पढ़ें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्र के नाम पूरा संबोधन
प्रिय देशवासियों,
नमस्कार!
हम सभी ने बीते दिनों में देश का सामर्थ्य और उसका संयम दोनों देखा है। मैं सबसे पहले भारत की पराक्रमी सेनाओं को, सशस्त्र बलों को, हमारी खुफिया एजेंसियों को, हमारे वैज्ञानिकों को, हर भारतवासी की तरफ से सैल्यूट करता हूं। हमारे वीर सैनिकों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए असीम शौर्य का प्रदर्शन किया। मैं उनकी वीरता को, उनके साहस को, उनके पराक्रम को, आज समर्पित करता हूं- हमारे देश की हर माता को, देश की हर बहन को, और देश की हर बेटी को, ये पराक्रम समर्पित करता हूं।
साथियों,
22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों ने जो बर्बरता दिखाई थी, उसने देश और दुनिया को झकझोर दिया था। छुट्टियां मना रहे निर्दोष-मासूम नागरिकों को धर्म पूछकर, उनके परिवार के सामने, उनके बच्चों के सामने, बेरहमी से मार डालना, ये आतंक का बहुत विभत्स चेहरा था, क्रूरता थी। ये देश के सद्भाव को तोड़ने की घिनौनी कोशिश भी थी। मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से ये पीड़ा बहुत बड़ी थी। इस आतंकी हमले के बाद सारा राष्ट्र, हर नागरिक, हर समाज, हर वर्ग, हर राजनीतिक दल, एक स्वर में, आतंक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए उठ खड़ा हुआ। हमने आतंकवादियों को मिट्टी में मिलाने के लिए भारत की सेनाओं को पूरी छूट दे दी। और आज हर आतंकी, आतंक का हर संगठन जान चुका है कि हमारी बहनों-बेटियों के माथे से सिंदूर हटाने का अंजाम क्या होता है।
साथियों,
‘ऑपरेशन सिंदूर’ ये सिर्फ नाम नहीं है, ये देश के कोटि-कोटि लोगों की भावनाओं का प्रतिबिंब है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ न्याय की अखंड प्रतिज्ञा है। 6 मई की देर रात, 7 मई की सुबह, पूरी दुनिया ने इस प्रतिज्ञा को परिणाम में बदलते देखा है। भारत की सेनाओं ने पाकिस्तान में आतंक के ठिकानों पर, उनके ट्रेनिंग सेंटर्स पर सटीक प्रहार किया। आतंकियों ने सपने में भी नहीं सोचा था कि भारत इतना बड़ा फैसला ले सकता है। लेकिन जब देश एकजुट होता है, Nation First की भावना से भरा होता है, राष्ट्र सर्वोपरि होता है, तो फौलादी फैसले लिए जाते हैं, परिणाम लाकर दिखाए जाते हैं।
जब पाकिस्तान में आतंक के अड्डों पर भारत की मिसाइलों ने हमला बोला, भारत के ड्रोन्स ने हमला बोला, तो आतंकी संगठनों की इमारतें ही नहीं, बल्कि उनका हौसला भी थर्रा गया। बहावलपुर और मुरीदके जैसे आतंकी ठिकाने, एक प्रकार से ग्लोबल टैररिज्म की यूनिवर्सटीज रही हैं। दुनिया में कहीं पर भी जो बड़े आतंकी हमले हुए हैं, चाहे नाइन इलेवन हो, चाहे लंदन ट्यूब बॉम्बिंग्स हो, या फिर भारत में दशकों में जो बड़े-बड़े आतंकी हमले हुए हैं, उनके तार कहीं ना कहीं आतंक के इन्हीं ठिकानों से जुड़ते रहे हैं। आतंकियों ने हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा था, इसलिए भारत ने आतंक के ये हेडक्वार्ट्स उजाड़ दिए। भारत के इन हमलों में 100 से अधिक खूंखार आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा गया है। आतंक के बहुत सारे आका, बीते ढाई-तीन दशकों से खुलेआम पाकिस्तान में घूम रहे थे, जो भारत के खिलाफ साजिशें करते थे, उन्हें भारत ने एक झटके में खत्म कर दिया।
साथियों,
भारत की इस कार्रवाई से पाकिस्तान घोर निराशा में घिर गया था, हताशा में घिर गया था, बौखला गया था, और इसी बौखलाहट में उसने एक और दुस्साहस किया। आतंक पर भारत की कार्रवाई का साथ देने के बजाय पाकिस्तान ने भारत पर ही हमला करना शुरू कर दिया। पाकिस्तान ने हमारे स्कूलों-कॉलेजों को, गुरुद्वारों को, मंदिरों को, सामान्य नागरिकों के घरों को निशाना बनाया, पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, लेकिन इसमें भी पाकिस्तान खुद बेनकाब हो गया।दुनिया ने देखा कि कैसे पाकिस्तान के ड्रोन्स और पाकिस्तान की मिसाइलें, भारत के सामने तिनके की तरह बिखर गईं। भारत के सशक्त एयर डिफेंस सिस्टम ने, उन्हें आसमान में ही नष्ट कर दिया। पाकिस्तान की तैयारी सीमा पर वार की थी, लेकिन भारत ने पाकिस्तान के सीने पर वार कर दिया। भारत के ड्रोन्स, भारत की मिसाइलों ने सटीकता के साथ हमला किया। पाकिस्तानी वायुसेना के उन एयरबेस को नुकसान पहुंचाया, जिस पर पाकिस्तान को बहुत घमंड था। भारत ने पहले तीन दिनों में ही पाकिस्तान को इतना तबाह कर दिया, जिसका उसे अंदाजा भी नहीं था।इसलिए, भारत की आक्रामक कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान बचने के रास्ते खोजने लगा। पाकिस्तान, दुनिया भर में तनाव कम करने की गुहार लगा रहा था। और बुरी तरह पिटने के बाद इसी मजबूरी में 10 मई की दोपहर को पाकिस्तानी सेना ने हमारे DGMO को संपर्क किया। तब तक हम आतंकवाद के इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़े पैमाने पर तबाह कर चुके थे, आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया था, पाकिस्तान के सीने में बसाए गए आतंक के अड्डों को हमने खंडहर बना दिया था, इसलिए, जब पाकिस्तान की तरफ से गुहार लगाई गई, पाकिस्तान की तरफ से जब ये कहा गया, कि उसकी ओर से आगे कोई आतंकी गतिविधि और सैन्य दुस्साहस नहीं दिखाया जाएगा। तो भारत ने भी उस पर विचार किया। और मैं फिर दोहरा रहा हूं, हमने पाकिस्तान के आतंकी और सैन्य ठिकानों पर अपनी जवाबी कार्रवाई को अभी सिर्फ स्थगित किया है। आने वाले दिनों में, हम पाकिस्तान के हर कदम को इस कसौटी पर मापेंगे, कि वो क्या रवैया अपनाता है।
साथियों,
भारत की तीनों सेनाएं, हमारी एयरफोर्स, हमारी आर्मी, और हमारी नेवी, हमारी बॉर्डर सेक्योरिटी फोर्स- BSF, भारत के अर्धसैनिक बल, लगातार अलर्ट पर हैं। सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के बाद, अब ऑपरेशन सिंदूर आतंक के खिलाफ भारत की नीति है। ऑपरेशन सिंदूर ने आतंक के खिलाफ लड़ाई में एक नई लकीर खींच दी है, एक नया पैमाना, न्यू नॉर्मल तय कर दिया है।
पहला- भारत पर आतंकी हमला हुआ तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। हम अपने तरीके से, अपनी शर्तों पर जवाब देकर रहेंगे। हर उस जगह जाकर कठोर कार्यवाही करेंगे, जहां से आतंक की जड़ें निकलती हैं। दूसरा- कोई भी न्यूक्लियर ब्लैकमेल भारत नहीं सहेगा। न्यूक्लियर ब्लैकमेल की आड़ में पनप रहे आतंकी ठिकानों पर भारत सटीक और निर्णायक प्रहार करेगा।
तीसरा- हम आतंक की सरपरस्त सरकार और आतंक के आकाओं को अलग-अलग नहीं देखेंगे। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, दुनिया ने, पाकिस्तान का वो घिनौना सच फिर देखा है, जब मारे गए आतंकियों को विदाई देने, पाकिस्तानी सेना के बड़े-बड़े अफसर उमड़ पड़े। स्टेट स्पॉन्सरड टेरेरिज्म का ये बहुत बड़ा सबूत है। हम भारत और अपने नागरिकों को किसी भी खतरे से बचाने के लिए लगातार निर्णायक कदम उठाते रहेंगे।
साथियों,
युद्ध के मैदान पर हमने हर बार पाकिस्तान को धूल चटाई है। और इस बार ऑपरेशन सिंदूर ने नया आयाम जोड़ा है। हमने रेगिस्तानों और पहाड़ों में अपनी क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया, और साथ ही, न्यू एज वॉरफेयर में भी अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की। इस ऑपरेशन के दौरान, हमारे मेड इन इंडिया हथियारों की प्रमाणिकता सिद्ध हुई। आज दुनिया देख रही है, 21वीं सदी के वॉरफेयर में मेड इन इंडिया डिफेंस इक्विपमेंट्स, इसका समय आ चुका है।
साथियों,
हर प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ हम सभी का एकजुट रहना, हमारी एकता, हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। निश्चित तौर पर ये युग युद्ध का नहीं है, लेकिन ये युग आतंकवाद का भी नहीं है। टैररिज्म के खिलाफ जीरो टॉलरेंस, ये एक बेहतर दुनिया की गारंटी है।
साथियों,
पाकिस्तानी फौज, पाकिस्तान की सरकार, जिस तरह आतंकवाद को खाद-पानी दे रहे है, वो एक दिन पाकिस्तान को ही समाप्त कर देगा। पाकिस्तान को अगर बचना है तो उसे अपने टैरर इंफ्रास्ट्रक्चर का सफाया करना ही होगा। इसके अलावा शांति का कोई रास्ता नहीं है। भारत का मत एकदम स्पष्ट है, टैरर और टॉक, एक साथ नहीं हो सकते, टैरर और ट्रेड, एक साथ नहीं चल सकते। और, पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकता।
मैं आज विश्व समुदाय को भी कहूंगा, हमारी घोषित नीति रही है, अगर पाकिस्तान से बात होगी, तो टेरेरिज्म पर ही होगी, अगर पाकिस्तान से बात होगी, तो पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर, PoK उस पर ही होगी।
प्रिय देशवासियों,
आज बुद्ध पूर्णिमा है। भगवान बुद्ध ने हमें शांति का रास्ता दिखाया है। शांति का मार्ग भी शक्ति से होकर जाता है। मानवता, शांति और समृद्धि की तरफ बढ़े, हर भारतीय शांति से जी सके, विकसित भारत के सपने को पूरा कर सके, इसके लिए भारत का शक्तिशाली होना बहुत जरूरी है, और आवश्यकता पड़ने पर इस शक्ति का इस्तेमाल भी जरूरी है। और पिछले कुछ दिनों में, भारत ने यही किया है।
मैं एक बार फिर भारत की सेना और सशस्त्र बलों को सैल्यूट करता हूं। हम भारतवासी के हौसले, हर भारतवासी की एकजुटता का शपथ, संकल्प, मैं उसे नमन करता हूं।
बहुत-बहुत धन्यवाद।
भारत माता की जय !!!
भारत माता की जय !!!
भारत माता की जय !!!
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लखनऊ/नयी दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने न केवल सीमा के पास पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर हमला किया, बल्कि उनकी ताकत पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय की मौजूदगी वाले रावलपिंडी में भी महसूस की गई। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने पहलगाम आतंकी हमले के जरिए कई महिलाओं की मांग का सिंदूर मिटाने वाली भारत विरोधी ताकतों और आतंकवादियों को दंडित किया है। रक्षा मंत्री ने लखनऊ के ‘उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर' में ‘ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंटिग्रेशन एंड टेस्टिंग फैसिलिटी' का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही।
रक्षा मंत्री ने ब्रह्मोस मिसाल विनिर्माण इकाई को एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि यह सिर्फ एक फैक्ट्री का उद्घाटन नहीं है, बल्कि रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम भी है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, 300 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह विनिर्माण इकाई ‘उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर' का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह आत्मनिर्भर रक्षा विनिर्माण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह विनिर्माण इकाई अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सामग्रियों का उत्पादन करेगी, जिनका उपयोग चंद्रयान मिशन और लड़ाकू विमानों में किया जाएगा। रक्षा मंत्री ने ‘ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की राजनीतिक, सामाजिक और रणनीतिक इच्छाशक्ति का प्रतीक है। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में सात मई को तड़के पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया गया था। पाकिस्तानी हमलों के बाद की सभी जवाबी कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर' के तहत की गई। भारत और पाकिस्तान ने शनिवार को जमीन, वायु और समुद्री क्षेत्र में सभी प्रकार की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई को तत्काल प्रभाव से रोकने के लिए सहमति बनने की घोषणा की थी। सिंह ने कहा कि पूरा देश ‘‘इस ऑपरेशन की सफलता के लिए भारतीय सेना को बधाई दे रहा है।''उन्होंने कहा, ‘‘यह ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति तथा सैन्य शक्ति की क्षमता और संकल्प का प्रदर्शन है।''
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘हमने दिखा दिया है कि जब भी भारत आतंकवाद के खिलाफ कोई कार्रवाई करेगा, तो सीमा पार की जमीन भी आतंकवादियों और उनके आकाओं के लिए सुरक्षित नहीं होगी।'' रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘भारतीय सेना ने पाकिस्तान के आम नागरिकों को कभी निशाना नहीं बनाया, लेकिन पड़ोसी देश ने भारत के असैन्य क्षेत्रों तथा मंदिरों, गुरुद्वारों और गिरजाघरों को निशाना बनाया। भारतीय सेना ने साहस एवं संयम का परिचय दिया तथा पाकिस्तान के कई सैन्य अड्डों पर हमला करके उसे मुंहतोड़ जवाब दिया।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमने न केवल सीमा के निकट सैन्य ठिकानों पर कार्रवाई की, बल्कि भारतीय सेना की ताकत रावलपिंडी में भी महसूस की गई, जहां पाकिस्तानी सेना का मुख्यालय स्थित है।'' रक्षा मंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया ने भारत में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने के परिणामों को देख लिया है। राजनाथ ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि नया भारत सीमा के दोनों ओर आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करेगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘उरी की घटना के बाद हमारी सेना ने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की, पुलवामा हमले के बाद हमने बालाकोट हवाई हमले किए और अब दुनिया देख रही है कि पहलगाम हमले के बाद कैसे भारत ने पाकिस्तान में घुसकर कई हमले किए।''
रक्षा मंत्री ने ब्रह्मोस मिसाल विनिर्माण इकाई को एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा, ''यह सिर्फ एक फैक्ट्री का उद्घाटन नहीं है, बल्कि मेरा मानना है कि यह रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम भी है।'' उन्होंने ब्रह्मोस को भारत और रूस की सर्वोच्च रक्षा तकनीक का संगम बताते हुए कहा, ''ब्रह्मोस भारत और रूस की सर्वोच्च रक्षा तकनीक का संगम है। जिस तरह हमारा उत्तर प्रदेश प्रयाग में संगम के लिए दुनिया भर में जाना जाता है उसी तरह आने वाले समय में लखनऊ भी इस तकनीक के संगम के लिए जाना जाएगा। यह संगम अपने आप में कई विशेषताएं समेटे हुए है। आने वाले समय में यह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर पैदा करेगा। मुझे यह भी विश्वास है कि आने वाले समय में यह क्षेत्र विकास की धुरी बनकर उभरेगा।'' सिंह ने कहा, ''भारत के मिसाइल मैन कहे जाने वाले पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने कहा था कि जब तक भारत दुनिया के सामने खड़ा नहीं होगा तब तक कोई भी हमारा सम्मान नहीं करेगा। इस दुनिया में डर का कोई स्थान नहीं है। केवल ताकत ही ताकत का सम्मान करती है।''रक्षा मंत्री ने कहा कि आज भारत की गिनती दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में की जाती है और यह ब्रह्मोस मिसाइल फैक्ट्री भारत की शक्ति को और मजबूत करने में मदद करेगी।
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक ‘ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंटिग्रेशन एंड टेस्टिंग फैसिलिटी' दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक का निर्माण करेगी, जिसकी मारक क्षमता 290 से 400 किलोमीटर तक होगी। राज्य सरकार ने बयान में कहा कि साढ़े तीन साल में बनकर तैयार हुई लखनऊ स्थित ब्रह्मोस विनिर्माण इकाई 80 हेक्टेयर में फैली है। इसके लिए जमीन उत्तर प्रदेश सरकार ने निशुल्क उपलब्ध कराई है। तमिलनाडु के बाद ‘डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर' स्थापित करने वाला उत्तर प्रदेश दूसरा राज्य है। सिंह ने कहा, ''जैसा कि आप सभी जानते हैं कि चाहे राज्य सरकार हो या केंद्र की सरकार, हमारी नीति बहुत स्पष्ट है। मेक इन इंडिया, मेक फॉर वर्ल्ड। हमारे लिए रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का बहुत व्यापक अर्थ है। हम इस विचार के साथ आगे बढ़ रहे हैं कि हमें अपने लिए हथियार और उपकरण बनाने के साथ-साथ उन्हें पूरी दुनिया में निर्यात भी करना है।'' रक्षा मंत्री ने स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, ''इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2024 में विश्व सैन्य व्यय बढ़कर 2,718 अरब डॉलर हो गया है। हथियारों और उपकरणों के लिए एक बड़ा बाजार हमारा इंतजार कर रहा है इसलिए हमें भारत को दुनिया के लिए एक आकर्षक रक्षा उत्पाद केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में बड़ी मजबूती के साथ आगे बढ़ना है। आज उस विचार की दिशा में एक और ठोस कदम बढ़ाया गया है।'' उन्होंने कहा, ''आज हम जिस ब्रह्मोस विनिर्माण इकाई का उद्घाटन कर रहे हैं उसने अपनी शुरुआत से अब तक लगभग 500 प्रत्यक्ष और एक हजार अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित किए हैं।'' सिंह ने कहा कि यह भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा यहां विकसित किये गये माहौल की वजह से संभव हुआ है। उन्होंने कहा, ''यूपीडीआईसी में अब तक 34,000 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश के साथ कुल 180 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं और चार हजार करोड़ रुपये का निवेश पहले ही हो चुका है।''
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नयी दिल्ली। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ सैन्य संघर्ष में भारत की वैज्ञानिक क्षमता और प्रौद्योगिकी में उन्नति तथा पिछले 11 वर्षों में इन क्षेत्रों में हुई प्रगति दुनिया के सामने प्रदर्शित हुई। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाने के लिए आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि पिछले चार दिनों में संघर्ष में इस्तेमाल की गई कई प्रौद्योगिकियां और हथियार- ड्रोन से लेकर मिसाइल तक-, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा समर्थित आत्मनिर्भरता की अवधारणा पर आधारित थे। भारत हर साल 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाता है। यह 1998 में पोकरण में किए गए परमाणु परीक्षणों की वर्षगांठ के अवसर पर मनाया जाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ दिनों में, भारत के पास दुनिया के बाकी हिस्सों के सामने अपनी वैज्ञानिक क्षमता का प्रदर्शन करने का भरपूर अवसर रहा। आजकल कोई भी सशस्त्र संघर्ष प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित होता है।'' सिंह ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘इसलिए, यह इस बात का प्रमाण है कि भारत ने रक्षा सहित वैज्ञानिक प्रौद्योगिकी के हर क्षेत्र में सर्वोच्चता हासिल कर ली है।'' सिंह ने कहा, ‘‘आपने टेलीविजन स्क्रीन पर जो कुछ भी देखा, वह कमोबेश स्वदेशी था। आत्मनिर्भर भारत में इसका निर्माण हुआ और इससे यह भी संकेत मिला कि विकसित भारत कैसा होने जा रहा है।'' उन्होंने एक पाकिस्तानी मंत्री की टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘पहली बार दुनिया को एहसास हुआ है कि आज का भारत अतीत का भारत नहीं है।'' सिंह ने याद दिलाया कि टीडीबी ड्रोन परियोजना को वित्तपोषित करने वाला पहला संगठन था, जिसका प्रदर्शन कुछ वर्ष पहले गणतंत्र दिवस समारोह के समापन के अवसर पर आयोजित बीटिंग रिट्रीट समारोह के दौरान किया गया था। सिंह ने कहा, ‘‘जिस तरह से उन्होंने आसमान को रंगीन बनाया, उस दिन के जश्न में आप ड्रोन के आकर्षण से अभिभूत थे। ड्रोन वास्तव में क्या कर सकते हैं, यह आपने पिछले चार दिनों में देखा।'' विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के साथ सैन्य टकराव के मद्देनजर सरकार ने देशभर में वैज्ञानिक प्रतिष्ठानों, विशेषकर पश्चिमी सीमा पर सुरक्षा बढ़ाने का फैसला किया है। उन्होंने देश भर में वैज्ञानिक एवं तकनीकी प्रतिष्ठानों की सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की तथा विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा तैयारियों को उन्नत करने के निर्देश जारी किए। मंत्री ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि श्रीनगर और लेह में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के केंद्रों और जम्मू में भारतीय समवेत औषध संस्थान की सुरक्षा भी बढ़ाई जाएगी। एक विज्ञप्ति के अनुसार, सभी वैज्ञानिक संस्थानों को मौजूदा स्थिति के मद्देनजर अपने सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा करने और उन्हें बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। निर्बाध समन्वय और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संस्थानों को संबंधित जिला प्रशासन को तुरंत सूचित करना चाहिए।
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गुवाहाटी। सिक्किम में मेली से डेंटम तक जोरथांग और लेगशिप के रास्ते नयी रेलवे लाइन बिछाने के लिए अंतिम सर्वेक्षण को रेल मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। इस सर्वेक्षण को पूर्वोत्तर सीमा रेलवे द्वारा 2.25 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया जाएगा। यह निर्णय सिक्किम के दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों में रेल संपर्क का विस्तार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। प्रस्तावित मार्ग का उद्देश्य एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की कमी को पूरा करना है जो भारत-नेपाल सीमा के पास चिवाभंजयांग में स्थित डेंटम जैसे दूरदराज के शहरों को रेलवे नेटवर्क से जोड़ता है। शुरुआती सर्वेक्षण के तहत नए रेल मार्ग की लंबाई 75 किलोमीटर होगी और यह निर्माणाधीन सिवोक-रंगपो रेलवे परियोजना का विस्तार कर बिछाई जाएगी। सिवोक-रंगपो रेलवे परियोजना के 2027 तक चालू होने की उम्मीद है। दक्षिणी और पश्चिमी सिक्किम के लिए एक प्रमुख केंद्र मेली प्रस्तावित विस्तार के लिए जंक्शन के रूप में काम करेगा। जारी बयान में कहा गया कि सर्वेक्षण को लेकर संबंधित कार्य निविदाएं जल्द ही जारी होने की उम्मीद है।
- नागपुर,। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम में अपने राजनीतिक सफर की पुरानी बातें साझा कीं। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने राजनीति की शुरुआत की थी, तब कुछ लोग उनके घर पर रोज़ पत्थर फेंकते थे, लेकिन समय बदला और आज वही लोग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए हैं। गडकरी स्थानीय भाजपा नेता रामदास आंबटकर को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि कठिन समय में भी भाजपा कार्यकर्ताओं की निष्ठा और मेहनत पार्टी की सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने आरएसएस के पूर्व सरसंघचालक बालासाहेब देवरस के एक भाषण का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था, "दुर्लभ कार्यकर्ता ही संगठन की सबसे बड़ी शक्ति होता है।'' गडकरी ने कहा कि आरएसएस में बड़ी संख्या में ऐसे समर्पित कार्यकर्ता हैं, जिनकी बदौलत संगठन ने सफलतापूर्वक लगभग 100 वर्ष पूरे किए हैं। उन्होंने कहा कि ये कार्यकर्ता हमेशा अपनी विचारधारा और राष्ट्र को सर्वोपरि रखते हैं।गडकरी ने राजनीति में अपने शुरुआती दिनों को भी याद किया।उन्होंने कहा कि 1975 में जब मैं नागपुर क्षेत्र में भाजपा के लिए काम कर रहा था, तो मेरे इलाके के कुछ लोग अक्सर मेरे घर पर पत्थर फेंकते थे। गडकरी ने कहा कि समय के साथ वही लोग आरएसएस मुख्यालय, डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर और उनके घर आने लगे तथा उनमें से एक तो बाद में भाजपा का वार्ड अध्यक्ष भी बना। गडकरी ने भाजपा और आरएसएस में योगदान के लिए दिवंगत आंबटकर और उनके परिवार की सराहना की।
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नई दिल्ली। लोक सभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पहलगाम आतंकवादी हमले, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और सीमा पार से गोलीबारी के मामले में ताजा घटनाक्रम पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। दोनों नेताओं ने अपने पत्र में आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक संकल्प प्रदर्शित करने के लिए संसद के दोनों सदनों का विशेष सत्र बुलाने की अपनी मांग दोहराई है।
राहुल ने अपने पत्र में लिखा है, ‘मैं विपक्ष के सर्वसम्मति से किए गए अनुरोध को दोहराता हूं कि संसद का विशेष सत्र तुरंत बुलाया जाए। लोगों और उनके प्रतिनिधियों के लिए पहलगाम आतंकवादी हमले, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से दोनों देशों के संघर्ष-विराम के लिए तैयार होने की घोषणा पर चर्चा करना अहम है। यह आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए हमारे सामूहिक संकल्प को प्रदर्शित करने का भी अवसर होगा।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि आप इस मांग पर गंभीरतापूर्वक और शीघ्रता से विचार करेंगे।’ खरगे ने अपने पत्र में उनके और राहुल गांधी की ओर से 28 अप्रैल को लिखे गए पत्रों का जिक्र किया, जिनमें प्रधानमंत्री से पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर संसद का विशेष सत्र बुलाने का अनुरोध किया गया था।क्या सरकार ने स्वीकारी अमेरिकी मध्यस्थताइस बीच, भारत और पाकिस्तान के सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमत होने की घोषणा सबसे पहले अमेरिका की ओर से किए जाने के बाद कांग्रेस ने रविवार को सरकार से सवाल किया कि क्या उसने कश्मीर मुद्दे पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार कर ली है? पार्टी ने इस मुद्दे का ‘अंतरराष्ट्रीयकरण’ करने के प्रयास की भी आलोचना की। कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने पार्टी मुख्यालय पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि संघर्ष रोकने पर सहमति का ऐलान सभी के लिए आश्चर्यजनक है, क्योंकि यह पहली बार है, जब किसी तीसरे देश ने भारत और पाकिस्तान की तरफ से घोषणा की है। उन्होंने दोनों देशों को एक साथ जोड़ने के अमेरिका के प्रयास पर भी सवाल उठाया। पायलट ने कहा कि सरकार को मौजूदा हालात में इन मुद्दों पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक और सर्वदलीय बैठक तथा संसद का विशेष सत्र बुलाने की विपक्ष की मांग को स्वीकार करना चाहिए। पिछले 24 घंटे में घटनाक्रम में तेजी से आए बदलावों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘अमेरिकी राष्ट्रपति के सोशल मीडिया के माध्यम से (भारत और पाकिस्तान के बीच) सैन्य संघर्ष रोकने पर सहमति बनाने की घोषणा किए जाने से हम सभी हैरान थे।’ पायलट ने कहा, ‘भारत और पाकिस्तान के बीच के मुद्दों का अंतरराष्ट्रीयकरण करने का प्रयास किया गया है। ऐसा पहली बार हुआ है।’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार को राष्ट्र और सभी पक्षों को विश्वास में लेते हुए स्पष्टीकरण देना चाहिए।विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने शनिवार को घोषणा की कि भारत और पाकिस्तान जमीन, हवा और समुद्र में सभी प्रकार की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई को तत्काल प्रभाव से रोकने पर सहमत हो गए हैं। पायलट ने सवाल किया, ‘किन शर्तों पर सैन्य कार्रवाई रोकने की घोषणा की गई है और क्या गारंटी है कि ऐसी चीजें दोबारा नहीं होंगी, क्योंकि कल के संघर्ष विराम के उल्लंघन के बाद कोई विश्वसनीयता नहीं बची है। हम उन पर कैसे विश्वास कर सकते हैं और क्या गारंटी है कि ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होंगी।’राज्य सभा सदस्य कपिल सिब्बल ने भी इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाए जाने की मांग की, लेकिन साथ ही राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे इसमें शामिल होने पर तब तक सहमत न हों जब तक सरकार यह आश्वासन नहीं देती कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें मौजूद रहेंगे। सिब्बल ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सोशल मीडिया पोस्ट का जिक्र किया। -
नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलअत्ती से फोन पर बातचीत की। यह चर्चा भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच हुई। बातचीत के दौरान जयशंकर ने आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को दोहराया। इसके साथ ही, भारत और मिस्र के बीच आर्थिक सहयोग की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई। जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी दी कि उन्होंने मिस्र के विदेश मंत्री को हाल की घटनाओं से अवगत कराया और दोनों देशों के बीच सहयोग की संभावनाओं को लेकर उम्मीद जताई कि वे जल्द ही भारत का दौरा करेंगे।
इस बीच, पाकिस्तान द्वारा भारत के साथ संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन किए जाने के कुछ घंटे बाद भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इसे एक गंभीर झटका बताया। उन्होंने कहा कि भारत इन उल्लंघनों को बहुत गंभीरता से लेता है और पाकिस्तान से अपेक्षित कदम उठाने की मांग की है ताकि स्थिति को जिम्मेदारी से संभाला जा सके।विक्रम मिस्री ने आगे कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों को भविष्य में किसी भी प्रकार के उल्लंघन-चाहे वह अंतरराष्ट्रीय सीमा हो या नियंत्रण रेखा (LoC) का कड़ा जवाब देने का निर्देश दिया गया है। इस घटनाक्रम के बाद जयशंकर ने फिर एक बार भारत के आतंकवाद के प्रति कड़े रुख को दोहराया। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान ने गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई को रोकने को लेकर एक समझौता किया है, लेकिन भारत ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ सख्त और समझौता न करने वाला रवैया अपनाया है और आगे भी ऐसा ही करेगा। -
नई दिल्ली। भारतीय नौसेना ने रविवार को खुलासा किया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान का कराची बंदरगाह और अन्य प्रमुख सैन्य ठिकाने उसकी मारक सीमा में थे। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत की समन्वित सैन्य कार्रवाई का हिस्सा था। नौसेना की ओर से यह जानकारी उप एडमिरल ए.एन. प्रमोद, महानिदेशक नौसैनिक संचालन (Director General of Naval Operations) ने सेना और वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक संयुक्त ब्रीफिंग में दी।
उप एडमिरल प्रमोद ने बताया कि भारतीय नौसेना ने अरब सागर में अपनी तैनाती के जरिए पाकिस्तान नौसेना को केवल अपने बंदरगाहों तक ही सीमित रहने या तट के पास ही परिचालन करने को मजबूर कर दिया था। उन्होंने कहा कि नौसेना हमले के 96 घंटे के भीतर पूरी तरह से तैयार हो गई थी और कराची पोर्ट सहित समुद्र और जमीन पर स्थित पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के लिए तैयार थी, लेकिन अंतिम आदेश की प्रतीक्षा कर रही थी।उन्होंने बताया कि नौसेना ने युद्धपोतों, पनडुब्बियों और विमानों को त्वरित रूप से युद्ध के लिए तैयार कर लिया था। इस दौरान अरब सागर में कई हथियार अभ्यास भी किए गए ताकि मारक क्षमता और सटीकता को परखा जा सके। पाकिस्तान की नौसेना इस दौरान केवल रक्षात्मक स्थिति में थी और भारतीय निगरानी के घेरे में थी। प्रमोद ने कहा कि भारत की ओर से की गई सैन्य प्रतिक्रिया सोच-समझकर और संतुलित थी, जिसमें सेना, वायुसेना और नौसेना ने मिलकर तालमेल के साथ काम किया। उन्होंने कहा कि भारत की समुद्री श्रेष्ठता और तीनों सेनाओं के संयुक्त प्रयासों ने पाकिस्तान को संघर्षविराम की ओर मजबूर किया।हालांकि लड़ाई थम चुकी है, लेकिन भारतीय नौसेना किसी भी भविष्य की चुनौती का सामना करने के लिए सतर्क और तैयार है। सेना के संचालक महानिदेशक (Director General of Military Operations) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने दोहराया कि पाकिस्तान को साफ चेतावनी दी गई है कि अगर उसने फिर कोई उल्लंघन किया, तो भारत की प्रतिक्रिया तेज और निर्णायक होगी। वायुसेना के एयर मार्शल ए.के. भारती ने बताया कि भारतीय वायुसेना ने सटीक हवाई हमलों के जरिए पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इन हमलों में नागरिक इलाकों को नुकसान न पहुंचे, इसका विशेष ध्यान रखा गया, जिससे भारत की रणनीतिक और नैतिक प्रतिबद्धता दोनों स्पष्ट होती है। - पुरी/कोलकाता । श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने रविवार को पुरी मंदिर के वरिष्ठ सेवक रामकृष्ण दासमोहनपात्र को 30 दिन के लिए निलंबित कर दिया। यह कार्रवाई उन्हें पश्चिम बंगाल के दिगा जगन्नाथ मंदिर में एक कार्यक्रम में भाग लेने और अनुशासनहीनता के आरोप में की गई है। एसजेटीए के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि दासमोहनपात्र को मंदिर के सभी कर्तव्यों से निलंबित कर दिया गया है तथा एक महीने के लिए पुरी जगन्नाथ मंदिर में उनके अनुष्ठान करने पर रोक लगा दी गई है। इससे पहले, एसजेटीए ने दासमोहनपात्र को दो नोटिस भेजे थे। पहला नोटिस चार मई को जारी किया गया था, जिसमें उन्हें यह बताने के लिए कहा गया था कि उन्होंने 2015 के नबकलेबरा महोत्सव के दौरान एकत्रित पवित्र लकड़ी से दिगा जगन्नाथ मंदिर के लिए मूर्तियां क्यों बनाई। दूसरे नोटिस में पूछा गया कि वह पुरी सेवक होते हुए दिगा मंदिर के समारोह में क्यों गए।एसजेटीए ने कहा कि यह कदम मंदिर की परंपराओं और अनुशासन को बनाए रखने के लिए उठाया गया है।पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी ने दासमोहनपात्र के निलंबन का समर्थन करते हुए कहा कि दासमोहनपात्र ने पुरी की परंपराओं को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने कहा कि यह निलंबन एक संदेश है कि पुरी जगन्नाथ धाम की पवित्रता की रक्षा की जानी चाहिए।
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नयी दिल्ली. भारत में भीषण गर्मी के आगामी मौसम से निपटने की तैयारियों के बीच गर्मी की मार झेलने वाले राज्यों के ग्रामीण समुदाय बढ़ते तापमान से खुद को बचाने के लिए पारंपरिक और कम लागत वाले समाधानों की ओर रुख कर रहे हैं। ग्रामीण लोग ‘चेक डैम' बनाने से लेकर देसी पेड़ लगाने और दिनचर्या में बदलाव करने समेत गर्मी से निपटने के लिए जमीनी स्तर पर उपाय कर रहे हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात और राजस्थान समेत उत्तरी और पश्चिमी भारत के राज्यों में लू वाले दिनों की संख्या में 7-8 दिन तक की वृद्धि होने का अनुमान है। देश के सबसे गर्म जिलों में शामिल मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले में पिछले साल तापमान 50 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया था। मध्यप्रदेश के मंडला जिले के बीजाडांडी ब्लॉक की मालती यादव को वह समय याद है जब उनके छोटे से गांव में पानी एक दुर्लभ चीज हो गई थी। उन्होंने कहा, "हमारे गांव में गंभीर जल संकट था। जो लोग पहले जाग जाते थे उन्हें पानी मिल जाता था, बाकी लोगों को नहीं मिलता था।" बड़वानी के राजपुर ब्लॉक के भागसुर गांव की निवासी सीमा नरगावे ने बताया कि रात 9-10 बजे तक तो दीवारों में भी आग सी लगती रहती है। हालांकि, मालती और सीमा जैसे कई ग्रामीण आगामी गर्मी से बचने के लिए पारंपरिक ज्ञान पर आधारित और कम लागत वाले समाधानों का इस्तेमाल कर रहे हैं। आज, मालती और उसके स्वयं सहायता समूह की अन्य महिलाएं चेक डैम बनाने और गांव के छह तालाबों को पुनर्जीवित करने की दिशा में काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, "अब हम भूजल और अपने पंप को रिचार्ज करने के लिए वर्षा जल का भंडारण करते हैं। गर्मियों में भी सभी के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध है।" सीमा ने बताया कि परिवार गर्मी से बचने के लिए ईंट और मिट्टी के घरों और पारंपरिक वास्तुकला की ओर रुख कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "हम अपने मिट्टी के घरों को गाय के गोबर से लीपते हैं और हवा की बेहतर आवाजाही के लिए 'अरहर के डंठल' से छोटे छप्पर वाले कमरे बनाते हैं।" सीमा ने कहा, "हमारी भैंसों की त्वचा गर्मी से जल जाती है और वे दूध देना बंद कर देती हैं। बात केवल पशुओं की नहीं है। लोग, विशेषकर महिलाएं भी परेशान हैं - वे काम करने, खाना पकाने या अत्यधिक गर्मी के दौरान बाहर निकलने में असमर्थ हैं।" सीमा का परिवार पशुओं को ठंडा रखने के लिए नीम के पत्तों और सूती कपड़ों का इस्तेमाल करता है।
झारखंड के गढ़वा जिले में, 40 वर्षीय कुंती देवी जैसे किसान अब दोपहर की कड़ी धूप से बचने के लिए सूर्योदय से पहले ही अपना कामकाज शुरू कर देते हैं। उन्होंने बताया, "पूर्वाह्न 10 बजे तक खेतों में मुझे चक्कर आने लगते हैं।”
आश्रय न होने और अनियमित जल आपूर्ति के कारण, वह और उनके पड़ोसी प्राकृतिक उपचारों पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा, "हम छाछ पीते हैं, हल्का भोजन करते हैं और पेड़ की छाया में रहने की कोशिश करते हैं क्योंकि गर्मी असहनीय हो जाती है।" भीषण गर्मी और कृषि संकट के लिए जाने जाने वाले उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में किसान गर्मी से बचने के लिए बेर, नीम और आम जैसे गहरी जड़ों वाले देसी पेड़ों की ओर तेजी से रुख कर रहे हैं। लेकिन मध्य प्रदेश के ललितपुर के एक छोटे किसान घमंडी लाल ने कहा कि यह भी मुश्किल होता जा रहा है।
उन्होंने कहा, "पौधे खरीदना महंगा है, और चूंकि पशुधन की संख्या कम हो गई है, इसलिए हमें अब पर्याप्त गोबर (खाद) भी नहीं मिलता है। यह एक चक्र है, गर्मी हमारी फसलों और उससे लड़ने की हमारी क्षमता को खत्म कर रही है।" महाराष्ट्र के बोबलवाड़ी गांव में साकेला भटनागर घरों को ठंडा रखने के लिए टिन की छतों पर आम व पलाश के पत्ते बिछाती हैं। उन्होंने कहा, "हम न केवल व्यवसाय के लिए बल्कि छाया के लिए भी सीताफल और आम जैसे पेड़ लगाते हैं।कई जिलों में अधिकारी इस तात्कालिकता को समझ रहे हैं।
ऊर्जा, पर्यावरण एवं जल परिषद (सीईईडब्ल्यू) के वरिष्ठ कार्यक्रम प्रमुख विश्वास चितले ने कहा, "सरकारी सलाह के अनुसार अब येलो और ऑरेंज हीटवेव अलर्ट के दौरान दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक बाहर रहकर कामकाज करने पर पाबंदी है।” उन्होंने कहा, "लेकिन हमें और आगे बढ़ना होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे संवेदनशील लोगों की सुरक्षा के लिए ठंडे आश्रय स्थलों, स्वच्छ पेयजल और थर्मल विश्राम स्थल बनाने की आवश्यकता है। -
तिरुवनंतपुरम. केरल में तिरुवनंतपुरम के प्रसिद्ध श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर से गायब हुआ सोना बरामद कर लिया गया है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि 20 सेंटीमीटर लंबी छड़ के रूप में मौजूद यह सोना मंदिर के अंदर भंडारगृह के पास एक रास्ते पर मिला, जहां (भंडारगृह) इसे रखा गया था। पुलिस के मुताबिक, मंदिर परिसर की तलाशी के दौरान इसे बरामद किया गया। उसने बताया कि सोने की परत चढ़ाने के लिए मंदिर में करीब 12 तोला (लगभग 96 ग्राम) सोना रखा गया था। पुलिस के अनुसार, वह अभी भी इस बात की जांच कर रही है कि भंडारगृह में रखा सोना वहां कैसे पहुंचा।
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नई दिल्ली। एयर मार्शल ए.के. भारती ने आज रविवार को नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि भारत के पास पाकिस्तान के सभी सैन्य ठिकानों और सिस्टम को पूरी तरह से निशाना बनाने की क्षमता है। यह बयान हाल ही में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद आया है, जिसमें भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकियों के अड्डों पर सटीक हमले किए। इस ऑपरेशन में मुजफ्फराबाद, कोटली और बहावलपुर सहित कुल 9 ठिकानों पर हमले किए गए जो आतंकियों के ट्रेनिंग और लॉन्चिंग सेंटर माने जाते थे।
एयर मार्शल भारती ने कहा कि भारतीय वायुसेना की यह कार्रवाई एक सोच-समझकर लिया गया और संतुलित जवाब था, जिसका मकसद दुश्मन को कड़ा संदेश देना और क्षेत्र में तनाव को और नहीं बढ़ाना था। उन्होंने यह साफ किया कि हमलों में सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया और नागरिक इलाकों को जानबूझकर नुकसान से बचाया गया।उन्होंने बताया कि 8 और 9 मई की रात पाकिस्तान ने श्रीनगर और नलिया जैसे भारतीय शहरों पर ड्रोन से हमला करने की कोशिश की लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणाली पूरी तरह सतर्क थी और सभी ड्रोन हमलों को नाकाम कर दिया गया।इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान के एयरबेस, कमांड सेंटर, सैन्य ढांचे और वायु रक्षा प्रणालियों को निशाना बनाते हुए सटीक हमले किए। जिन प्रमुख ठिकानों पर हमले किए गए, उनमें चकलाला, रफीकी, रहीम यार खान, सरगोधा, भुलारी और जैकबाबाद शामिल हैं।एयर मार्शल भारती ने कहा कि भारत ने यह हमला यह दिखाने के लिए किया कि वह किसी भी प्रकार की आक्रामकता को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत ने इस कार्रवाई में रणनीतिक संयम दिखाया है लेकिन साथ ही अपनी सैन्य क्षमताओं का ठोस प्रदर्शन भी किया है। -
नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के चलते 9 मई 2025 से 14 मई 2025 तक उत्तरी और पश्चिमी भारत के 32 हवाई अड्डों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है, जिससे हजारों यात्री जम्मू और चंडीगढ़ जैसे हवाई अड्डों पर फंसे रह गए। इस स्थिति को देखते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल संचालन की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे आम जनता की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विशेष ट्रेनें चलाएं।
रेल मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, रेल मंत्री ने जम्मू, चंडीगढ़ और सीमावर्ती इलाकों में फंसे यात्रियों के लिए विशेष रेलगाड़ियां चलाने के आदेश दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे को अन्य सरकारी एजेंसियों से समन्वय कर तत्काल राहत के उपाय करने चाहिए। रेल मंत्री के निर्देश पर 9 मई को चार विशेष ट्रेनें चलाई गईं। पहली विशेष ट्रेन संख्या 04612 जम्मू स्टेशन से सुबह 10:45 बजे रवाना हुई, जिसमें 12 अनारक्षित और 12 आरक्षित कोच थे। दूसरी ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस (20 कोच) उधमपुर से दोपहर 12:45 बजे रवाना होकर जम्मू और पठानकोट होते हुए नई दिल्ली पहुंची। तीसरी विशेष ट्रेन 22 एलएचबी कोचों के साथ शाम 7:00 बजे जम्मू स्टेशन से चलाई गई।चौथी वंदे भारत स्पेशल ट्रेन बीसीसीआई के अनुरोध पर चलाई गई, जिसमें आईपीएल खिलाड़ियों और अधिकारियों को नई दिल्ली तक पहुंचाया गया। यह ट्रेन जम्मू से दोपहर 3:30 बजे रवाना हुई। इसके अलावा एक और अनारक्षित विशेष ट्रेन शुक्रवार रात 11:55 बजे जम्मू से गुवाहाटी के लिए चलाई जानी है, जो यूपी और बिहार होते हुए जाएगी। इससे पहले भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) और विमानन एजेंसियों ने नोटिस जारी कर 32 हवाई अड्डों को नागरिक विमानों के संचालन के लिए अस्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की थी। इनमें जम्मू, श्रीनगर, अमृतसर, चंडीगढ़, पठानकोट, जेसलमेर, लेह, भुज, राजकोट, बीकानेर, अडंपुर, कांडला, और मनाली (भुंतर) जैसे महत्वपूर्ण एयरपोर्ट शामिल हैं। -
नई दिल्ली। भारत-पाक तनाव के बीच आज रविवार को दिल्ली एयरपोर्ट की ओर से यात्रियों के लिए एक एडवाइजरी जारी की गई। इस एडवाइजरी में दिल्ली एयरपोर्ट ने यात्रियों से फ्लाइट्स की ऑफिशियल अपडेट्स को फॉलो करने की सलाह दी है। एडवाइजरी में कहा गया है कि फ्लाइट के शेड्यूल में बदलाव भी हो सकता है। ऐसे में यात्रियों को सलाह दी जाती है कि यात्रा करने से पहले अपनी एयरलाइन के साथ संपर्क में बने रहें।
एडवाइजरी में कहा गया है कि दिल्ली एयरपोर्ट पर परिचालन सुचारू रूप से जारी है। हालांकि, हवाई क्षेत्र की बदलती गतिशीलता और नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो द्वारा अनिवार्य किए गए सुरक्षा प्रोटोकॉल के मद्देनजर, उड़ान के शेड्यूल में बदलाव हो सकता है और ऐसे में ‘चेक इन’ पर प्रतीक्षा अवधि बढ़ सकती है। इसलिए, समय से एयरपोर्ट पर पहुंचे।यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे संबंधित एयरलाइन के माध्यम से अपडेट प्राप्त करते रहें। किसी अन्य सोशल मीडिया या अन्य माध्यम के बहकावे में न आए। केबिन और चेक-इन बैगेज के लिए निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करें। एयरलाइन या दिल्ली हवाई अड्डे की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से उड़ान की स्थिति की पुष्टि करें। सुरक्षा कारणों से होने वाली संभावित देरी के कारण एयरपोर्ट पर समय से पहले पहुंचे। एयरलाइन और सुरक्षा कर्मियों का पूरा सहयोग करें।एडवाइजरी में आगे लिखा गया है कि हम सभी यात्रियों से आग्रह करते हैं कि वे सटीक जानकारी के लिए केवल आधिकारिक अपडेट पर ही निर्भर रहें तथा असत्यापित सामग्री प्रसारित करने से बचें। आपके निरंतर सहयोग और समर्थन के लिए धन्यवाद, हम एक सुरक्षित और कुशल यात्रा अनुभव बनाए रखने के लिए सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम करते हैं।ज्ञात हो, 10 मई को भारत-पाक के तनाव के बीच भारत के 32 हवाई अड्डों को सभी नागरिक उड़ान संचालन के लिए अस्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की थी। ये आदेश 15 मई तक प्रभावी रहेगा। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा था कि परिचालन कारणों से यह बंद 15 मई 2025 को भारतीय समयानुसार 05:29 बजे तक रहेगा। इन प्रभावित हवाई अड्डों में आदमपुर, अंबाला, अमृतसर, अवंतीपोरा, बठिंडा, भुज, बीकानेर, चंडीगढ़, हलवारा, हिंडन, जैसलमेर, जम्मू, जामनगर, जोधपुर, कांडला, कांगड़ा (गग्गल), केशोद, किशनगढ़, कुल्लू मनाली (भुंतर), लेह, लुधियाना, मुंद्रा, नालिया, पठानकोट, पटियाला, पोरबंदर, राजकोट (हीरासर), सरसावा, शिमला, श्रीनगर, थोइस और उत्तरलई शामिल हैं। -
नई दिल्ली। भारत में सतत विकास लक्ष्य 2030 की प्राप्ति की दिशा में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में लगातार गिरावट का रुख देखा जा रहा है। मातृ मृत्यु दर अनुपात (एमएमआर) में उल्लेखनीय कमी आई है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, यह 2014-16 में प्रति लाख जन्मों पर 130 से 37 अंक घटकर 2019-21 में 93 हो गई है। वहीं, शिशु मृत्यु दर 2014 में 39 प्रति 1000 जन्मों से घटकर 2021 में 27 प्रति 1000 जन्मों पर आ गई। नवजात मृत्यु दर 2014 में 26 प्रति 1000 जन्मों से घटकर 2021 में 19 प्रति 1000 जन्मों पर आ गई। पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर 2014 में 45 प्रति 1000 जन्मों से घटकर 2021 में 31 प्रति 1000 जन्मों पर आ गई है, प्रजनन दर 2021 में 2.0 पर स्थिर है। इसके अतिरिक्त जन्म के समय लिंग अनुपात 899 से सुधरकर 913 हो गया है।
भारत के महापंजीयक (आरजीआई) द्वारा 7 मई, 2025 को जारी नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) रिपोर्ट 2021 के अनुसार, भारत में प्रमुख मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य संकेतकों में उल्लेखनीय सुधार हो रहा है।एसआरएस पर आधारित भारत में मातृ मृत्यु दर पर विशेष बुलेटिन, 2019-21 के अनुसार, देश के मातृ मृत्यु अनुपात (एमएमआर) में उल्लेखनीय कमी आई है। यह 2014-16 में प्रति लाख जन्मों पर 130 से 37 अंक घटकर 2019-21 में 93 हो गई है। इसी प्रकार, नमूना पंजीकरण प्रणाली सांख्यिकीय रिपोर्ट 2021 के अनुसार, शिशु मृत्यु दर संकेतकों में गिरावट का रुझान जारी रहा। देश की शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) 2014 में प्रति 1000 जन्मों पर 39 से घटकर 2021 में प्रति 1000 जन्मों पर 27 हो गई है।वहीं, नवजात मृत्यु दर (एनएमआर) 2014 में प्रति 1000 जन्मों पर 26 से घटकर 2021 में प्रति 1000 जन्मों पर 19 हो गई है। पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर (यू5एमआर) 2014 में प्रति 1000 जन्मों पर 45 से घटकर 2021 में प्रति 1000 जन्मों पर 31 हो गई है। जन्म के समय लिंग अनुपात 2014 में 899 से सुधरकर 2021 में 913 हो गया है। कुल प्रजनन दर 2021 में 2.0 पर स्थिर है, जो 2014 में 2.3 से उल्लेखनीय सुधार है।एसआरएस 2021 रिपोर्ट के अनुसार, देश में केरल (20), महाराष्ट्र (38), तेलंगाना (45), आंध्र प्रदेश (46), तमिलनाडु (49), झारखंड (51), गुजरात (53), कर्नाटक (63)।राज्य पहले ही एमएमआर (2030 तक <=70) का एसडीजी लक्ष्य प्राप्त कर चुके हैं।वहीं, बारह (12) राज्य/केंद्र शासित प्रदेश पहले ही यू5एमआर (2030 तक <=25) का एसडीजी लक्ष्य प्राप्त कर चुके हैं- केरल (8), दिल्ली (14), तमिलनाडु (14), जम्मू और कश्मीर (16), महाराष्ट्र (16), पश्चिम बंगाल (20), कर्नाटक (21), पंजाब (22), तेलंगाना (22), हिमाचल प्रदेश (23), आंध्र प्रदेश (24) और गुजरात (24)।इसके अलावा, 6 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पहले ही एनएमआर का एसडीजी लक्ष्य (वर्ष 2030 तक <=12) प्राप्त कर चुके हैं, जिसमें शामिल हैं -केरल (4), दिल्ली (8), तमिलनाडु (9), महाराष्ट्र (11), जम्मू और कश्मीर (12) और हिमाचल प्रदेश (12)।दरअसल, सरकार की प्रमुख स्वास्थ्य योजनाओं को गरिमापूर्ण, सम्मानजनक और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं की गारंटी देने के लिए एकीकृत किया गया है। यह पूरी तरह से निःशुल्क है। इसमें देखभाल से इनकार करने के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाई गई है। वहीं, आयुष्मान भारत विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य आश्वासन पहल है जो प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक का वार्षिक स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करती है, जिससे वित्तीय सुरक्षा और आवश्यक सेवाओं तक पहुँच सुनिश्चित होती है।केंद्रित सहयोग यह सुनिश्चित करते हैं कि प्रत्येक गर्भवती महिला को सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में निःशुल्क परिवहन, दवा, निदान और पोषण सहायता के साथ-साथ सीजेरियन सेक्शन सहित नि:शुल्क संस्थागत प्रसव का अधिकार हो। समावेशी और न्यायसंगत पहुँच सुनिश्चित करने के लिए, मंत्रालय ने मातृत्व प्रतीक्षा गृह, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य (एमसीएच) विंग, प्रसूति उच्च निर्भरता इकाइयाँ (एचडीयू)/गहन देखभाल इकाइयाँ (आईसीयू) नवजात शिशु स्थिरीकरण इकाइयाँ (एनबीएसयू), बीमार नवजात शिशु देखभाल इकाइयाँ (एसएनसीयू), माँ-नवजात शिशु देखभाल इकाइयाँ, और जन्म दोषों की जाँच के लिए समर्पित कार्यक्रम स्थापित करके स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर को काफी मजबूत किया है।वहीं, समय से पहले प्रसव के लिए प्रसवपूर्व कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स की व्यवस्था, निरंतर सकारात्मक वायुमार्ग दबाव (सीपीएपी) का उपयोग, और सुनने और दृष्टि की जांच के लिए संरचित अनुवर्ती जैसी प्रमुख नैदानिक व्यवस्थाएं नवजात शिशु के जीवित रहने के परिणामों में सुधार करने में योगदान करती हैं। इन उपायों से सालाना लगभग 300 लाख सुरक्षित गर्भधारण और 260 लाख स्वस्थ जीवित जन्म होते हैं। -
छिंदवाड़ा .मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में दो मोटरसाइकिल की टक्कर में पांच लोगों की मौत हो गई। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) आयुष गुप्ता ने बताया कि यह दुर्घटना अमरवाड़ा-चौरई रोड पर रात करीब सवा 12 बजे हुई। उन्होंने बताया कि हादसे के समय दोनों मोटरसाइकिल पर तीन-तीन लोग सवार थे।
अधिकारी ने बताया कि पांच लोगों की मौत हो गई और एक घायल हो गया। घायल का उपचार किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान सुरखराम यादव (21), आयुष यादव (19), शहजाद खान (19), विक्रम उइके (18) और अविनाश उइके (18) के रूप में हुई है।
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गोंडा. उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में एक महिला और उसकी बहू ने एक साथ आत्महत्या कर ली। दोनों शवों का पंचनामा करके पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। प्रभारी निरीक्षक शेषमणि पाण्डेय ने बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, पारिवारिक कलह से तंग आकर लक्ष्मणपुर लाल नगर गांव में बहू संगीता देवी (35) ने पहले घर में फांसी लगाकर जान दी। इसके कुछ देर बाद संगीता की सास छोटका देवी (62) ने नजदीक के एक खेत में जाकर पेड़ से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना के वक्त घर में केवल संगीता का दिव्यांग ससुर ब्रजराज और डेढ़ साल का मासूम बच्चा मौजूद था।
पाण्डेय ने बताया कि पुलिस जांच में यह सामने आया है कि संगीता ने घर के अंदर साड़ी से फांसी लगाई थी। जब बच्चे के रोने की आवाज सुनकर पड़ोसी पहुंचे और सब्बल से टीन शेड तोड़ा गया, तब तक संगीता की मौत हो चुकी थी। प्रभारी निरीक्षक के अनुसार, संगीता दो दिन पहले ही अपने मायके नारे महरीपुर से ससुराल आई थी। इसके कुछ देर बाद सास छोटका देवी घर से 200 मीटर दूर गन्ने के खेत में पहुंची और पेड़ से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। घटनास्थल की जांच के बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। दोनों मृतकों के साथ घर में कोई सक्षम व्यक्ति मौजूद नहीं था। ससुर ब्रजराज दिव्यांग हैं, जबकि संगीता का पति और उसके तीन देवर बाहर नौकरी करते हैं। फिलहाल उन्हें इसकी सूचना दे दी गई है और वे घर लौट रहे हैं। प्रभारी निरीक्षक ने कहा कि आत्महत्या से जुड़े सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है। -
नयी दिल्ली. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने रविवार को कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के 27 मई को केरल पहुंचने की संभावना है, जो आमतौर पर एक जून को दस्तक देता है। आईएमडी के आंकड़े के अनुसार, यदि मानसून केरल में उम्मीद के अनुरूप पहुंचता है, तो यह 2009 के बाद से भारतीय मुख्य भूमि पर मानसून का समय से पहले आगमन होगा। तब मानसून ने 23 मई को दस्तक दी थी। भारतीय मुख्य भूमि पर मानसून के आगमन की आधिकारिक घोषणा तब की जाती है जब यह केरल पहुंचता है, आमतौर पर एक जून के आसपास। दक्षिण-पश्चिम मानसून 8 जुलाई तक पूरे देश में छा जाता है। यह 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से पीछे हटना शुरू करता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस हो जाता है। मानसून पिछले साल 30 मई को दक्षिणी राज्य में आया था, 2023 में 8 जून को, 2022 में 29 मई को, 2021 में 3 जून को, 2020 में 1 जून को, 2019 में 8 जून को और 2018 में 29 मई को केरल आया था। आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा कि मानसून के आगमन की तिथि और पूरे देश में इस मौसम में होने वाली कुल वर्षा के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है। अधिकारी ने कहा, ‘‘केरल में मानसून के जल्दी या देर से पहुंचने का मतलब यह नहीं है कि यह देश के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह पहुंचेगा। यह बड़े पैमाने पर परिवर्तनशीलता और वैश्विक, क्षेत्रीय और स्थानीय स्थितियों पर निर्भर होता है।" आईएमडी ने अप्रैल में 2025 के मानसून में सामान्य से अधिक कुल वर्षा का पूर्वानुमान जताया था और अल नीनो परिस्थितियों की संभावना को खारिज कर दिया था, जो भारतीय उपमहाद्वीप में सामान्य से कम वर्षा से जुड़ी है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में सचिव एम रविचंद्रन ने कहा था, ‘‘भारत में चार महीने के मानसून (जून से सितंबर) में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है।
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पुणे. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिक एक मानव रोबोट बनाने पर काम कर रहे हैं जिसे अग्रिम मोर्चे पर सैन्य मिशन का हिस्सा बनाया जा सकता है। अधिकारी ने बताया कि डीआरडीओ के अंतर्गत आने वाली प्रमुख प्रयोगशाला अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (इंजीनियर्स) एक ऐसी मशीन बना रही है, जो सीधे तौर पर मानव निर्देश के तहत जटिल कार्य को अंजाम दे सकती है। इसका उद्देश्य उच्च जोखिम वाले वातावरण में सैनिकों के लिए खतरों को कम करना है। अनुसंधान एवं विकास (इंजीनियर्स) के अंतर्गत आने वाले ‘सिस्टम एंड टेक्नोलॉजीज फॉर एडवांस्ड रोबोटिक्स सेंटर' के समूह निदेशक एस. ई. तलोले ने कहा कि टीम चार साल से इस परियोजना पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, "हमने ऊपरी और निचले हिस्से के लिए अलग-अलग प्रोटोटाइप विकसित किए हैं और आंतरिक परीक्षणों के दौरान कुछ कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया है।” उन्होंने आगे कहा कि यह रोबोट जंगल जैसे कठिन इलाकों में भी काम करने में सक्षम होगा। इस रोबोट को हाल ही में पुणे में आयोजित ‘एडवांस्ड लेग्ड रोबोटिक्स' से संबंधित राष्ट्रीय कार्यशाला में प्रदर्शित किया गया। इसे बनाने वाली टीम फिलहाल ऑपरेटर के आदेशों को समझने और उन्हें निष्पादित करने की रोबोट की क्षमता को निखारने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
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नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के चलते देश के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में 32 हवाई अड्डों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 9 मई से 15 मई 2025 की सुबह 5:29 बजे (IST) तक सभी सिविल उड़ानों के लिए यह बंदी लागू की है।
बंद किए गए हवाई अड्डों में अमृतसर, जम्मू, श्रीनगर, चंडीगढ़, पठानकोट, अवंतिपोरा, अंबाला, बठिंडा, भुज, बीकानेर, जैसलमेर, जोधपुर, कान्डला, पोरबंदर, राजकोट (हिरासर), नलिया, मुण्ड्रा, कांगड़ा (गग्गल), कुल्लू-मनाली (भुंतर), शिमला, लेह, लुधियाना, पटियाला, सरसावा, थोइस, उत्तरलई, जमनगर, किशनगढ़, केशोद, हलवारा, आदमपुर और हिंडन शामिल हैं।नागरिक उड्डयन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन हवाई अड्डों पर इस अवधि के दौरान कोई भी सिविल फ्लाइट ऑपरेशन नहीं होगा। साथ ही, दिल्ली और मुंबई फ्लाइट इंफॉर्मेशन रीजन (FIR) के तहत आने वाले 25 एयर ट्रैफिक सर्विस (ATS) मार्गों को भी सुरक्षा कारणों से अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। NOTAM G0555/25 के मुताबिक ये 25 एयर रूट ग्राउंड लेवल से अनलिमिटेड ऊंचाई तक 14 मई की रात 11:59 UTC (15 मई को सुबह 5:29 IST) तक बंद रहेंगे। सभी एयरलाइनों और फ्लाइट ऑपरेटर्स को वैकल्पिक मार्ग अपनाने की सलाह दी गई है। -
नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार तनाव बढ़ता ही जा रहा है। पाकिस्तान के हमलों का भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब दे रही है। हालांकि, दोनों देशों के बीच बिगड़ते हालात ने सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरों और झूठे दावों की झड़ी लगा दी है। सोशल मीडिया के माध्यम से भारत को नुकसान पहुंचाने और साजिश रचने के लिए तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं।
पीआईबी के फैक्ट चेक ने इस दावे की पोल खोलकर रख दी हैऐसा ही एक दावा ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर ड्रोन हमले को लेकर किया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि भारत ने ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर ड्रोन हमला किया है। पीआईबी के फैक्ट चेक ने इस दावे की पोल खोलकर रख दी है।सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने के लिए ऐसे कंटेंट बनाए जाते हैंपीआईबी ने फैक्ट चेक में बताया कि सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि भारत ने ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर ड्रोन हमला किया है, जबकि यह दावा पूरी तरह फर्जी है। एक्स हैंडल पर फर्जी वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने के लिए ऐसे कंटेंट बनाए जाते हैं। कृपया सतर्क रहें। ऐसे वीडियो फॉरवर्ड न करें।”भारतीय महिला वायुसेना पायलट, स्क्वाड्रन लीडर शिवानी सिंह को पाकिस्तान में पकड़े जाने का दावा झूठा निकलाइसके अलावा, एक पाकिस्तान समर्थक सोशल मीडिया हैंडल ने भारतीय पायलट को पकड़ने का दावा किया, जो फर्जी निकला। पीआईबी ने फैक्ट चेक में पुष्टि करते हुए कहा कि भारतीय महिला वायु सेना पायलट को पकड़ा नहीं गया है। पाकिस्तान समर्थक सोशल मीडिया हैंडल दावा कर रहे हैं कि भारतीय महिला वायुसेना पायलट, स्क्वाड्रन लीडर शिवानी सिंह को पाकिस्तान में पकड़ लिया गया है, जबकि यह दावा फर्जी है।पीआईबी ने अपने एक्स हैंडल पर फर्जी पोस्ट शेयर करते हुए लिखा,ध्यान दें ऑनलाइन झूठा दावा प्रसारित किया जा रहा हैइतना ही नहीं, एक अन्य यूजर ने दावा किया है कि पाकिस्तान साइबर हमले के कारण भारत का 70 फीसदी बिजली ग्रिड खराब हो गया है। यह दावा भी फर्जी निकला है। पीआईबी ने अपने एक्स हैंडल पर फर्जी पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, “ध्यान दें: ऑनलाइन झूठा दावा प्रसारित हो रहा है। सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान द्वारा किए गए साइबर हमले के कारण भारत का 70 फीसदी बिजली ग्रिड खराब हो गया है। यह दावा फर्जी है। -
नई दिल्ली। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर पूरे उत्तर प्रदेश में सतर्कता बढ़ा दी गई है। यूपी से सटे राज्यों की सीमा पर फोर्स अलर्ट पर है। वहीं यूपी की राजधानी लखनऊ समेत पूरे प्रदेश के सभी एयरपोर्ट पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है और रेलवे स्टेशनों पर भी चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। इसी के मद्देनजर सरकार ने सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई है।
सुरक्षा के किए कड़े इंतजामभारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश हाई अलर्ट मोड पर है। यूपी की राजधानी लखनऊ के अलावा कानपुर, गोरखपुर, अयोध्या, वाराणसी, मथुरा, आगरा समेत सभी जिलों के पुलिस कप्तानों और कमिश्नरों को अलर्ट पर रखा गया है। साथ ही सभी एयरपोर्टों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।घनी आबादी वाले जिलों में पुलिस रख रही कड़ी नजरपुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार पहले ही नेपाल सीमा से सटे सभी जिलों में सतर्कता बढ़ाने के निर्देश जारी कर चुके हैं। इसके बाद से ही प्रदेश की सभी सीमाओं पर सघन चेकिंग की जा रही है। पुलिस अधिकारी फोर्स के साथ होटलों, रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और सार्वजनिक स्थानों पर चेकिंग कर रहे हैं। आबादी वाले जिलों में भी पुलिस कड़ी नजर रख रही है।आगरा, वाराणसी और प्रयागराज में एयरपोर्टों पर बढ़ाई सुरक्षापुलिस अधिकारियों के अनुसार, जम्मू और श्रीनगर के एयरपोर्ट को निशाना बनाने की कोशिश के बाद नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) ने देशभर के एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट जारी कर दिया है। इसके बाद सभी एयरपोर्ट पर मार्शल के साथ फोर्स की तैनात की गई है। सभी यात्रियों के लिए सेकेंडरी लैडर पॉइंट चेकिंग बनाया गया है। एटीसी यात्री विमान, चार्टर्ड विमान, मालवाहक विमान, हेलीकॉप्टर, एयर एंबुलेंस, हॉट एयर बैलून, ड्रोन समेत किसी भी उड़ान पर नजर रख रही है। इसके अलावा विमानन कंपनियों ने यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी की है। आगरा, वाराणसी और प्रयागराज में एयरपोर्टों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कई नगरों में रेलवे स्टेशनों पर चेकिंग की जा रही है।आगरा में भी एयरफोर्स स्टेशन के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस तैनातआगरा में भी एयरफोर्स स्टेशन के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस तैनात की गई है। आगरा में ताजमहल की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है। स्मारक के रेड जोन में सीआईएसएफ और यलो जोन में पुलिस हर आने-जाने वाले की गतिविधि पर नजर रख रही है। आगरा के डीसीके निर्देश पर थाना शाहगंज के अंतर्गत एयरपोर्ट के आस–पास पेट्रोलिंग की जा रही है। डीसीपी ने लोगों से अपील की है कि अफवाहों से बचें और कुछ भी संदिग्ध दिखने पर पुलिस को सूचना दें।उल्लेखनीय है कि पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमले बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की। इसके बाद पाकिस्तान बौखला गया है। गुरुवार रात जम्मू, पठानकोट, उधमपुर, गुरदासपुर, बठिंडा और जैसलमेर में ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया गया। भारत ने मुंहतोड़ जवाब देकर पाकिस्तान के सभी मंसूबों को नाकाम कर दिया है।