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- खंडवा । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य में कूनो राष्ट्रीय उद्यान और गांधीसागर अभयारण्य के बाद नौरादेही अभयारण्य चीतों का तीसरा घर बनेगा। यादव ने कहा कि अफ्रीका के नामीबिया से चीते लाकर नौरादेही अभयारण्य में छोड़े जाएंगे।यादव ने नर्मदा नदी पर बने इंदिरा सागर बांध के 'बैकवॉटर' (बांध की दीवार से टकराकर लौटने वाले पानी) में छह मगरमच्छ छोड़े जिनमें चार मादा और दो नर शामिल हैं। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने विधि-विधान से नर्मदा नदी की पूजा-अर्चना की। अधिकारियों ने बताया कि वन्यजीव संरक्षण कार्यक्रम के तहत छह मगरमच्छों को भोपाल के वन विहार से लाकर इस बांध के 'बैकवॉटर' में छोड़ा गया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार अलग-अलग वन्य जीवों को संरक्षित करने के लिए लगातार कदम उठा रही है। उन्होंने कहा,‘‘चीता एक समय पूरे एशिया से गायब हो गया था। हमने कूनो राष्ट्रीय उद्यान और गांधीसागर अभयारण्य में चीतों को बसाया है। कुछ समय बाद नौरादेही में एक और चीता अभयारण्य बनने वाला है। अफ्रीका के नामीबिया से चीते लाकर वहां (नौरादेही) भी छोड़े जाएंगे।'' मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में घड़ियालों के संरक्षण का अभियान भी जारी है। उन्होंने बताया, ‘‘असम ने हमसे घड़ियाल मांगे हैं। हम असम तक अपने घड़ियाल पहुंचाने वाले हैं।'' यादव ने यह भी कहा कि ओंकारेश्वर वन्यजीव अभयारण्य की स्थापना के बारे में बहुत जल्द औपचारिक घोषणा की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि वन विभाग के अफसरों ने राज्य के पश्चिमी हिस्से में प्रस्तावित इस अभयारण्य को लेकर मुख्यमंत्री के सामने विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने योजना के हवाले से बताया कि ओंकारेश्वर वन्यजीव अभयारण्य खंडवा और देवास जिलों के कुल 61,407 हेक्टेयर इलाके में फैला होगा।
- नयी दिल्ली ।लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बृहस्पतिवार को कहा कि कानून का शासन और इसका प्रभावी कार्यान्वयन आर्थिक विकास का मूल आधार है तथा 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए यह आवश्यक है। उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के ‘77वें आरआर बैच' के अधिकारियों के लिए संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) द्वारा आयोजित दो दिवसीय परिबोधन पाठ्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर यह भी कहा कि संविधान की भावना आईपीएस अधिकारियों के कार्यों और उनके आचरण का मार्गदर्शक होनी चाहिए। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, बिरला ने कहा कि विधायिका द्वारा बनाए गए कानूनों और नीतियों को युवा सिविल सेवकों द्वारा जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू किया जाना चाहिए। उनका कहना था कि कानून का शासन और इसका प्रभावी कार्यान्वयन आर्थिक विकास का मूल आधार है तथा यह 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए आवश्यक है। बिरला ने युवा आईपीएस अधिकारियों से आह्वान किया कि वे अपने कार्यों को केवल दायित्व न मानकर अपने कर्तव्यों का पालन सच्ची सेवा और समर्पण की भावना से करें। उन्होंने कहा कि ईमानदारी, समर्पण और देशभक्ति के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने वाले अधिकारियों को जनता का विश्वास और सम्मान प्राप्त होता है, और जनता की सेवा करने से उन्हें व्यक्तिगत रूप से अनूठी उपलब्धि और संतुष्टि मिलती है।
- नयी दिल्ली,। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार अगले साल की शुरुआत में संसद के बजट सत्र के दौरान बीज की गुणवत्ता को विनियमित करने के लिए कड़े प्रावधानों वाला कानून पेश करने की योजना बना रही है। किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा कि इन संशोधनों का उद्देश्य कृषक समुदाय के लिए गुणवत्तापूर्ण इनपुट सुनिश्चित करना है। मंत्री ने कहा कि देश की लगभग 46 प्रतिशत आबादी अभी भी अपनी आजीविका के लिए खेती पर निर्भर है और किसानों की बेहतर आय सुनिश्चित करना सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है। चौहान ने कहा, ‘‘हम संसद के बजट सत्र (2026 की शुरुआत में) में बीज कानून लाने जा रहे हैं।'' उन्होंने यह भी कहा कि घटिया गुणवत्ता वाले बीजों की बिक्री और वितरण पर रोक लगाने के लिए कड़े प्रावधान होंगे। उन्होंने कहा कि आनुवंशिक रूप से संशोधित बीजों की अनुमति नहीं है और बेहतर किस्मों को विकसित करने के लिए अनुसंधान चल रहा है। केंद्र सरकार के स्तर पर बीज अधिनियम में संशोधन पर अभी भी सक्रिय रूप से काम चल रहा है, लेकिन अभी तक इसे औपचारिक रूप से अधिनियमित या कानून के रूप में अधिसूचित नहीं किया गया है। सरकार का ध्यान, बीज की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और घटिया या नकली बीजों की बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए अनिवार्य ट्रेसेबिलिटी (उत्पत्ति स्थल), प्रमाणन और गुणवत्ता नियंत्रण प्रावधानों को लागू करने पर केंद्रित है। इस बीच, हरियाणा और पंजाब सहित कुछ राज्यों ने वर्ष 2025 में अपने-अपने बीज अधिनियमों में स्वतंत्र रूप से संशोधन किया है, जिसमें उल्लंघन के लिए कठोर दंड और बेहतर प्रवर्तन उपाय शामिल हैं। किसानों को बेहतर लाभ सुनिश्चित करने के लिए, चौहान ने कहा कि सरकार एकीकृत खेती को बढ़ावा देगी और उन्हें कृषि के साथ-साथ मुर्गी पालन और डेयरी जैसी संबद्ध गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। मौजूदा समय में, देश भर में 10 लाख एफपीओ हैं, जिनसे 53 लाख किसान जुड़े हुए हैं, जिनमें से 1,100 एफपीओ का वार्षिक कारोबार एक करोड़ रुपये का है। उन्होंने कहा कि दो करोड़ किसानों को एफपीओ में लाने का लक्ष्य है।राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित इस कार्यक्रम में 24 राज्यों और 140 जिलों के 500 से अधिक प्रगतिशील किसानों, एफपीओ, कार्यान्वयन एजेंसियों और क्लस्टर-आधारित व्यावसायिक संगठनों ने भाग लिया।
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पुणे. पुणे में कथित तौर पर ‘‘डिजिटल अरेस्ट'' धोखाधड़ी में 1.2 करोड़ रुपये गंवाने वाले 83 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति की एक महीने बाद ही दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि धोखाधड़ी करने वालों ने खुद को पुलिस और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) कर्मी बताकर बुजुर्ग व्यक्ति और उनकी पत्नी को फंसाया था। उन्होंने बताया कि जालसाजों ने सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी को धमकी दी और दावा किया कि उनका नाम एक प्रमुख व्यक्ति से जुड़े धन शोधन मामले में सामने आया है। साइबर पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘बुजुर्ग व्यक्ति की पत्नी ने दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत के एक सप्ताह बाद मंगलवार को इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई।'' ‘डिजिटल अरेस्ट' एक धोखाधड़ी है जिसका उद्देश्य भय, छल और धमकी का इस्तेमाल करके पीड़ितों से पैसे ऐंठना है। धोखेबाज खुद को कानून प्रवर्तन अधिकारी बताकर गिरफ्तारी और बैंक खाते जब्त करने आदि की धमकियां देकर पीड़ितों को ‘‘कानूनी कार्रवाई'' से बचने के लिए पैसे देने के लिए मजबूर करते हैं। पुणे के इस बुजुर्ग को अगस्त में एक व्यक्ति का फोन आया जिसने खुद को कोलाबा पुलिस थाने का एक अधिकारी बताया। साइबर पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘फोन करने वाले ने ‘नरेश गोयल धन शोधन मामले' का हवाला दिया और उन बुजुर्ग व्यक्ति से कहा कि उनकी संलिप्तता सामने आई है लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। एक अन्य वीडियो कॉल के दौरान दो जालसाजों ने खुद को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी विजय खन्ना और सीबीआई अधिकारी दया नायक बताते हुए धमकी दी कि उन्हें और उनकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।'' पुलिस ने बताया कि इसके बाद दंपति को घंटों तक वीडियो कॉल पर रहने के लिए मजबूर किया गया, जिसके दौरान उन्हें बताया गया कि वे ‘‘डिजिटल अरेस्ट'' हैं। पुलिस के अनुसार, उनके बैंक खातों की पुष्टि करने के बहाने जालसाजों ने कथित तौर पर उन्हें 16 अगस्त से 17 सितंबर के बीच कई खातों में 1.19 करोड़ रुपये स्थानांतरित करने के लिए मजबूर किया और आश्वासन दिया कि बाद में राशि वापस कर दी जाएगी। पिछले सप्ताह दिल का दौरा पड़ने से उन बुजुर्ग व्यक्ति की मृत्यु हो गई।
अधिकारी ने कहा, ‘‘धोखाधड़ी और दिल के दौरे को सीधे तौर पर जोड़ा नहीं जा सकता। बाद में बुजुर्ग की पत्नी और उनकी बेटी ने साइबर पुलिस थाने का रुख किया। उनकी शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है।'' -
नयी दिल्ली. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड कम्प्यूटेशनल थिंकिंग (एआई सीटी) के लिए पाठ्यक्रम विकसित करने के उद्देश्य से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास के एक प्राध्यापक की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यह कदम अकादमिक सत्र 2026-27 से सभी स्कूलों में एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) पाठ्यक्रम लागू करने की योजना के बाद उठाया गया है। स्कूल शिक्षा सचिव संजय कुमार ने कहा, ‘‘बुधवार को सीबीएसई, एनसीईआरटी, केवीएस, एनवीएस और बाहरी विशेषज्ञों के साथ परामर्श किया गया। सीबीएसई ने एआई और सीटी पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए आईआईटी मद्रास के प्राध्यापक कार्तिक रमन की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है।'' कुमार ने कहा, ‘‘एआई और कम्प्यूटेशनल सोच सीखने और सिखाने की अवधारणा को सुदृढ़ करेगी... यह पहल जटिल चुनौतियों के हल के लिए एआई के नैतिक उपयोग की दिशा में एक नया लेकिन महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह तकनीक कक्षा तीन से शुरू होगी।'' उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम समग्रता आधारित, समावेशी और स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफ-एसई), 2023 के अनुरूप होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘प्रत्येक बच्चे की विशिष्ट क्षमता हमारी प्राथमिकता है।'
वर्तमान में, 18,000 से अधिक सीबीएसई स्कूल कक्षा 6 से 15 घंटे के मॉड्यूल के माध्यम से एआई को एक कौशल विषय के रूप में पढ़ाते हैं, जबकि कक्षा 9-12 में इसे वैकल्पिक विषय के रूप में पढ़ाया जाता है। -
जबलपुर. संस्कारधानी जबलपुर में बृहस्पतिवार को शुरू हुई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की तीन दिवसीय बैठक के पहले दिन की चर्चा देश भर में एक लाख से अधिक हिंदू सम्मेलनों के आयोजन के इर्द-गिर्द घूमती रही। एक पदाधिकारी ने यह जानकारी दी। आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक का उद्घाटन किया, जिसके बाद प्रतिभागियों ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन और दिग्गज अभिनेता असरानी सहित दिवंगत हस्तियों को श्रद्धांजलि दी। पदाधिकारी ने बताया कि पहले दिन चर्चा में 'गृह संपर्क अभियान', एक लाख से अधिक हिंदू सम्मेलन और सार्वजनिक सेमिनार आयोजित करने की तैयारी शामिल थी, जबकि मौजूदा राष्ट्रीय स्थिति पर भी विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित देश के विभिन्न हिस्सों में आरएसएस स्वयंसेवकों द्वारा की जा रही राहत और सेवा गतिविधियों के बारे में भी जानकारी साझा की गई। उन्होंने कहा कि संघ के 101वें वर्ष के अवसर पर आयोजित एजेंडे में शताब्दी समारोह की समीक्षा और 'पंच परिवर्तन' पहल शामिल है। जबलपुर के विजय नगर इलाके के कचनार सिटी में हो रही यह बैठक 1 नवंबर तक चलेगी। 'संघचालक', 'कार्यवाह', 'प्रचारक' और समान विचारधारा वाले संगठनों के प्रतिनिधियों सहित पूरे भारत से कुल 407 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम में सभी छह 'सह सरकार्यवाह' कृष्ण गोपाल, सी आर मुकुंद, अरुण कुमार, रामदत्त चक्रधर, आलोक कुमार और अतुल लिमये भाग ले रहे हैं। संघ परिवार के सूत्रों ने बताया कि भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा के भी बैठक में शामिल होने की उम्मीद है।
एजेंडे में गुरु तेग बहादुर की शहादत का 350वां वर्ष भी शामिल है, जिसके लिए साल भर चलने वाले कार्यक्रम 24 नवंबर से शुरू होंगे। साथ ही इसमें भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती भी शामिल है। केंद्र ने 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती को 2021 में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित किया था। -
बड़वानी. मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले में देहदान करने वाले प्रवीण जोशी को राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को ‘गार्ड ऑफ ऑनर' के राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि जोशी (76) का उम्र संबंधी परेशानियों के चलते बुधवार को निधन हो गया था और उन्होंने अपने जीवनकाल के दौरान देहदान करने का संकल्प काफी पहले ले लिया था। उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों ने जोशी को वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में ‘गार्ड ऑफ ऑनर' प्रदान किया और उनके पार्थिव शरीर को इंदौर के एक निजी चिकित्सा महाविद्यालय भेजा गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. सुरेखा जमरे ने बताया कि जोशी का बुधवार रात उम्र संबंधी परेशानियों के कारण निधन हो गया था। उन्होंने बताया कि जोशी ने अपने जीवनकाल के दौरान देहदान करने का संकल्प काफी पहले ले लिया था और जिले में दूसरी बार किसी देहदानी को ‘गार्ड ऑफ ऑनर' दिया गया है। जोशी मूल रूप से गुजरात के निवासी थे और पिछले तीस वर्षों से बड़वानी में अकेले रह रहे थे।
सामाजिक कार्यकर्ता अजीत जैन ने बताया,‘‘जोशी अपने सक्रिय जीवन के आखिरी दिनों में महिलाओं के हाथों पर एक खास सांचे से मेहंदी लगाने का काम करते थे।'' अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश सरकार ने निर्णय किया है कि मरणोपरांत देहदान और अंगदान करने वाले व्यक्तियों को ‘गार्ड ऑफ ऑनर' के तौर पर राजकीय सम्मान प्रदान किया जाएगा। 'गार्ड ऑफ ऑनर' के दौरान वर्दीधारी पुलिस कर्मी या सैनिक अपने हथियारों सहित कतार में खड़े होते हैं। गारद का नेतृत्व करने वाले अधिकारी के आदेश पर इस दस्ते के सदस्य अपने हथियार को 'सलामी' की स्थिति में लाकर संबंधित व्यक्ति के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं। सरकारी प्रोटोकॉल के तहत आमतौर पर विशिष्ट और अति विशिष्ट श्रेणी के लोगों को 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया जाता है। -
एकता नगर (गुजरात), प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बृहस्पतिवार को एकता नगर में सरदार वल्लभभाई पटेल के परिवार के सदस्यों से मिले। सरदार पटेल के पौत्र गौतम पटेल और उनके परिवार ने भी देश के पहले गृह मंत्री की 150वीं जयंती की पूर्व संध्या पर एकता नगर में आयोजित भव्य समारोह प्रधानमंत्री के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम देखा। मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट किया, "केवडिया में सरदार वल्लभभाई पटेल के परिवार से मिला। उनके साथ बातचीत करना और हमारे राष्ट्र के लिए सरदार पटेल के महान योगदान को याद करना खुशी की बात थी।" राज्य सरकार की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि गौतम पटेल पत्नी नंदिता, बेटे और बहू केदार व रीना तथा अपनी पोती करीना को लेकर प्रधानमंत्री के साथ एकता नगर में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम देखने गए। मोदी आज शुक्रवार को सरदार पटेल की 150वीं जयंती के भव्य समारोह का नेतृत्व करेंगे।
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नई दिल्ली। भारत को जल्द ही नया मुख्य न्यायाधीश मिलने वाला है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत को देश का अगला मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई ) नियुक्त किया है। जस्टिस सूर्यकांत 24 नवंबर को भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। केंद्र सरकार ने आधिकारिक रूप से इसकी घोषणा कर दी है।
वर्तमान मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई 23 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। इससे पहले, जस्टिस बीआर गवई ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस सूर्यकांत के नाम की सिफारिश की थी। जस्टिस सूर्यकांत फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं और अब वे देश की न्यायपालिका के सर्वोच्च पद की जिम्मेदारी संभालेंगे।केंद्रीय कानून और न्याय राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर जस्टिस सूर्यकांत को बधाई दी। उन्होंने लिखा कि भारत के संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सूर्यकांत को 24 नवंबर 2025 से देश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया है। मैं उन्हें हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।जस्टिस सूर्यकांत हरियाणा के हिसार जिले के एक सामान्य परिवार से आते हैं। उनके पिता संस्कृत के शिक्षक और मां गृहिणी थीं। वे अपने चार भाइयों और एक बहन में सबसे छोटे हैं। उन्होंने रोहतक से एलएलबी की डिग्री हासिल की।जस्टिस सूर्यकांत का कानूनी करियर बेहद शानदार रहा है। उन्होंने हरियाणा और पंजाब हाईकोर्ट में बतौर वकील अपने करियर की शुरुआत की थी और बाद में वहीं के न्यायाधीश बने। इसके बाद वे हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भी रहे। अपने फैसलों में संतुलन, संवेदनशीलता और संविधान की भावना को सर्वोपरि रखने के लिए वे जाने जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट में आने के बाद उन्होंने कई अहम मामलों में निर्णायक भूमिका निभाई।अब भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस सूर्यकांत अपना सफर शुरू करने जा रहे हैं। -
नई दिल्ली आंध्र प्रदेश में भीषण चक्रवाती तूफान मोन्था के कारण 5,265 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। राज्य सरकार के अनुसार अकेले सड़कों को 2,079 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में बताया कि कृषि क्षेत्र को 829 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है, जबकि बिजली और जल संसाधन विभाग को 207 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
नुकसान का पूरा आकलन करने के बाद केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट भेजी जाएगी। उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार तकनीक की मदद, तैयारी और अग्रिम योजना के साथ चक्रवात से हुए नुकसान को कम करने में सक्षम रही। उन्होंने कहा कि हमने उपग्रह चित्रों के आधार पर चक्रवात की स्थिति का आकलन किया। हमने बारिश और हवाओं की तीव्रता का आकलन किया और समय-समय पर चेतावनी जारी की और कार्रवाई की।मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सरकारी विभागों ने समन्वय से काम किया और पहले ही दिन काफी हद तक सामान्य स्थिति बहाल हो गई।मुख्यमंत्री ने कहा कि चक्रवात और बारिश को रोका नहीं जा सकता, लेकिन सतर्कता और समय रहते कार्रवाई से जानमाल के नुकसान को कम किया जा सकता है। हम चक्रवात से प्रभावित सभी इलाकों में तकनीक का इस्तेमाल करके नुकसान को कम करने में कामयाब रहे। हमने समय-समय पर चक्रवात की समीक्षा की। हमने यह आकलन किया कि भारी बारिश के मद्देनजर पानी का बहाव कहां ज्यादा होगा और उसे देखकर चेतावनी दी।मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि राज्य के मंत्रियों ने क्षेत्रीय स्तर पर स्थिति पर नजर रखी, जबकि शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री नारा लोकेश और गृह मंत्री वांगलापुडी अनीता ने चक्रवात से हुए नुकसान की गंभीरता को कम करने के लिए रियल टाइम गवर्नेंस सोसाइटी से निगरानी की।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों को परेशानी से बचाने के लिए तकनीक का इस्तेमाल कर रही है, लेकिन कुछ लोग फर्जी पोस्ट डाल रहे हैं। ऐसा लगता है कि वे लोगों के लिए चीजें आसान नहीं बनाना चाहते। उन्होंने सरकारी अधिकारियों और स्थानीय विभागों की उनके त्वरित और समन्वित राहत प्रयासों के लिए प्रशंसा की। मुख्यमंत्री नायडू ने राहत कार्यों की समीक्षा करते हुए सभी स्तरों पर कर्मचारियों द्वारा प्रदर्शित समर्पण और दक्षता की सराहना की।मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं बहुत खुश हूं। जीवन में पहली बार मैंने सभी का इतना तत्पर, उत्साही और समर्पित कार्य देखा है। उन्होंने बताया कि भारी बारिश और बड़े पैमाने पर पेड़ों के गिरने के बावजूद सड़कों की सफाई और मरम्मत का काम तुरंत शुरू हो गया। मुख्यमंत्री नायडू ने कहा कि पहले काम पूरा होने में चार से सात दिन लगते थे, लेकिन इस बार सड़कें जल्दी साफ हो गईं।मुख्यमंत्री ने राहत शिविरों के प्रबंधन में विशेष रूप से कमजोर समूहों के लिए सुधारों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “पिछले वर्षों में, मैंने ऐसी परिस्थितियों में गर्भवती महिलाओं को बहुत कष्ट सहते देखा है, लेकिन इस बार सब कुछ पूरी तरह से संभाला गया और किसी भी गर्भवती महिला को कोई असुविधा नहीं हुई।”मुख्यमंत्री नायडू ने विभिन्न विभागों के बीच निर्बाध समन्वय की सराहना करते हुए कहा कि इससे समय पर राहत सुनिश्चित हुई, संपर्क बहाल हुआ और चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की कठिनाई कम हुई। उन्होंने सामूहिक प्रयास को सार्वजनिक सेवा और आपदा तैयारी के प्रति प्रशासन की प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब बताया। -
नयी दिल्ली. विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि अमेरिका ने चाबहार बंदरगाह परियोजना पर अमेरिकी प्रतिबंधों से भारत को छह महीने की छूट दी है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यह भी कहा कि व्यापार समझौते के लिए अमेरिका के साथ भारत की बातचीत जारी है। उन्होंने एक प्रेस वार्ता में कहा कि भारत रूसी तेल कंपनियों पर हाल ही में लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों के प्रभावों का अध्ययन कर रहा है। जायसवाल ने कहा, ‘‘हम रूसी तेल कंपनियों पर हाल ही में लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों के प्रभावों का अध्ययन कर रहे हैं। हमारे निर्णयों में स्वाभाविक रूप से वैश्विक बाजार की बदलती गतिशीलता को ध्यान में रखा जाता है।'' विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ऊर्जा स्रोत के व्यापक प्रश्न पर हमारी स्थिति सर्वविदित है। इस प्रयास में, हम अपने 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विविध स्रोतों से किफायती ऊर्जा प्राप्त करने की अनिवार्यता से निर्देशित हैं।
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मुंबई. महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य सरकार निश्चित रूप से कृषि ऋण माफी योजना लागू करेगी लेकिन यह सुनिश्चित करने के बाद कि इसका लाभ वास्तविक और पात्र किसानों को मिले। उन्होंने कहा कि सरकार जल्दबाजी में ऋण माफी योजना की घोषणा नहीं करना चाहती।
राज्य सरकार ने इस महीने की शुरुआत में मौजूदा वर्ष में मानसून के दौरान बारिश और बाढ़ से भारी नुकसान झेलने वाले किसानों के लिए 31,628 करोड़ रुपये के मुआवजे के पैकेज की घोषणा की थी। आंकड़ों के अनुसार, कुल 36 जिलों में से 29 और 358 में से 253 तालुकों को भारी बारिश से नुकसान हुआ। विपक्षी दल प्रभावित किसानों के लिए पूर्ण ऋण माफी की मांग कर रहे हैं। नागपुर में एक मराठी समाचार चैनल से बातचीत में बावनकुले ने कहा, ‘‘सरकार फसल ऋण माफी के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन इसे इस तरह से डिजाइन किया जाएगा कि केवल वास्तविक किसान जिन्होंने कृषि उद्देश्यों के लिए ऋण लिया है, उन्हें इसका लाभ मिलेगा। जिन लोगों ने अपनी कृषि भूमि पर फार्महाउस या बड़े घर बनाए हैं और ऐसे ऋणों को कृषि से संबंधित दिखाया है, वे इसके पात्र नहीं होंगे।'' पूर्व मंत्री बच्चू काडू, पूर्व सांसद राजू शेट्टी और अन्य द्वारा तत्काल ऋण माफी की मांग को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन पर बावनकुले ने कहा, ‘‘हमने उन्हें तीन बार बैठक के लिए आमंत्रित किया लेकिन उन्होंने यह कहते हुए आने से इनकार कर दिया कि चर्चा की कोई आवश्यकता नहीं है। सरकार जल्दबाजी में ऐसी योजना की घोषणा नहीं करना चाहती जिसका लाभ अपात्र व्यक्तियों को मिले।'' उन्होंने कहा कि भले ही कर्ज माफी को थोड़ी देर से लागू किया जाए लेकिन अंतरिम अवधि के दौरान फसल ऋण पर ब्याज का भुगतान सरकार करेगी। -
पटना. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में देश में 1 से 15 नवंबर तक ‘भारत पर्व 2025' मनाया जाएगा। यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने यह भी घोषणा की कि सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर अब से हर साल 31 अक्टूबर को गुजरात के एकता नगर में भव्य परेड का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को सुबह सात बजकर 55 मिनट से शुरू होने वाली पहली परेड में हिस्सा लेंगे। शाह ने कहा, ‘‘महात्मा गांधी के साथ मिलकर सरदार पटेल ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम की रीढ़ मजबूत की। राष्ट्र की नींव बनाने में उनका योगदान बहुत बड़ा है। फिर भी कांग्रेस ने इसमें कोई कोर कसर नहीं छोड़ी कि देश सरदार पटेल को भुला दे और पार्टी ने उनके नाम पर कोई प्रतिमा या स्मारक नहीं बनवाया।'' उन्होंने कहा कि दूसरी ओर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का निर्माण किया, जो आभियांत्रिकी की भव्य मिसाल है।
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अहमदाबाद. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को गुजरात के नर्मदा जिले के एकता नगर में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के निकट 1,220 करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। राज्य सरकार की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रधानमंत्री गुजरात की दो दिवसीय यात्रा के लिए शाम को वडोदरा हवाई अड्डे पर उतरे और खराब मौसम के कारण सड़क मार्ग से एकता नगर पहुंचे। कार्यक्रम स्थल पर, प्रधानमंत्री ने 30 करोड़ रुपये की लागत से खरीदी गई 25 इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाई। बेड़े में इन बसों के जुड़ने के साथ, अब कुल 55 ई-बसें एकता नगर में पर्यटकों को मुफ्त सेवा प्रदान करेंगी। बाद में, प्रधानमंत्री ने कई परियोजनाओं का ई-उद्घाटन किया, जिनमें 56.33 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित सरकारी क्वार्टर, 303 करोड़ रुपये की लागत से बिरसा मुंडा भवन, 54.65 करोड़ रुपये की लागत से विकसित आतिथ्य जिला (चरण-1) और 20.72 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित सतपुड़ा सुरक्षा दीवार और रिवरफ्रंट शामिल हैं। विज्ञप्ति में कहा गया, "प्रधानमंत्री ने बोनसाई गार्डन, वॉकवे (चरण-2), ई-बस चार्जिंग डिपो, स्मार्ट बस स्टॉप (चरण-2), सरदार सरोवर बांध और गार्डन की प्रतिकृति का भी उद्घाटन किया। ये परियोजनाएं एकता नगर आने वाले पर्यटकों के लिए उपलब्ध बुनियादी ढांचे और सुविधाओं में उल्लेखनीय वृद्धि करेंगी।" प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को एकता नगर में सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती समारोह का नेतृत्व करेंगे। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस वर्ष के राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह में सांस्कृतिक उत्सव और सुरक्षा बलों द्वारा राष्ट्रीय एकता दिवस परेड शामिल होगी, जिसमें उनके कौशल, अनुशासन और वीरता का प्रदर्शन किया जाएगा। राष्ट्रीय एकता दिवस ‘लौह पुरुष' की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
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पुरी. ओडिशा के जगन्नाथ मंदिर में पंचक उत्सव के दौरान भक्तों को केवल सिंह द्वार से ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति होगी। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। पुरी जिला कलेक्टर दिव्यज्योति परिदा ने बताया कि पंचक (कार्तिक माह के अंतिम पांच दिन) से पहले नागरिक प्रशासन और पुलिस के बीच समन्वय बैठक में यह निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि इस बार पंचक दो से पांच नवंबर तक चार दिन तक होगा और इस दौरान मंदिर में लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। परीदा ने कहा कि फिलहाल श्रद्धालु सभी चार द्वारों से मंदिर में प्रवेश करते हैं, लेकिन अब यह निर्णय लिया गया है कि 'पंचक' उत्सव के दौरान दो से पांच नवंबर तक श्रद्धालु पूर्व की ओर वाले द्वार से मंदिर में प्रवेश करेंगे और तीर्थस्थल के अन्य तीन द्वारों से बाहर निकल सकेंगे। उन्होंने कहा कि भीड़ को नियंत्रित करने और भगदड़ जैसी स्थिति को टालने के लिए मंदिर के सामने 'बैरिकेड' लगाए जा रहे हैं। मंदिर के अधिकारियों ने बताया कि 'पंचक' के आखिरी दिन भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ को 'सुना बेशा' (सोने के कपड़े) पहनाए जाते हैं।
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नई दिल्ली। रेल यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रेल मंत्रालय ने देशभर के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर ‘पैसेंजर होल्डिंग एरिया’ विकसित करने की योजना को मंजूरी दे दी है। यह फैसला नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर इस व्यवस्था की शानदार सफलता के बाद लिया गया है। नई दिल्ली स्टेशन पर दीपावली और छठ जैसे त्योहारों के दौरान यात्रियों की भारी भीड़ को संभालने में यह सुविधा बेहद कारगर साबित हुई थी। सिर्फ चार महीने में तैयार हुआ यह होल्डिंग एरिया यात्रियों के लिए एक बड़ा राहत केंद्र बना, जिससे प्लेटफॉर्म और ट्रेनों पर भीड़ को नियंत्रित करना आसान हो गया।
अब इसी मॉडल को देश के अन्य बड़े स्टेशनों पर लागू किया जाएगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने निर्देश दिया है कि सभी होल्डिंग एरिया 2026 के त्योहारी सीजन से पहले तैयार हो जाने चाहिए।रेल मंत्रालय के अनुसार, इन नए होल्डिंग एरियाज का डिजाइन मॉड्यूलर होगा, यानी इन्हें स्थानीय परिस्थितियों के हिसाब से बनाया जाएगा। इससे अलग-अलग शहरों के तापमान, भीड़भाड़ और स्पेस के अनुसार सुविधाएं तैयार की जा सकेंगी। इस योजना के तहत देश के 76 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर होल्डिंग एरिया विकसित किए जाएंगे। इन स्टेशनों का चयन विभिन्न जोनल रेलवेज के आधार पर किया गया है।सेंट्रल रेलवे जोन में मुंबई सीएसएमटी, लोकमान्य तिलक टर्मिनस, नागपुर, नासिक रोड, पुणे और दादर, कुल 6 स्टेशन हैं। ईस्टर्न रेलवे में हावड़ा, सियालदह, आसनसोल, भागलपुर,जसीडीह जंक्शन कुल 5 स्टेशन हैं। ईस्ट सेंट्रल रेलवे में पटना, दानापुर, गया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर और पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (कुल 6 स्टेशन) शामिल हैं।ईस्ट कोस्ट रेलवे में भुवनेश्वर, पुरी और विशाखापत्तनम के 3 स्टेशन, नॉर्दर्न रेलवे में नई दिल्ली, आनंद विहार, निजामुद्दीन, दिल्ली, गाजियाबाद, जम्मू तवी, कटरा, लुधियाना, लखनऊ (एनआर), वाराणसी, अयोध्या धाम और हरिद्वार के 12 स्टेशन और नॉर्थ सेंट्रल रेलवे में कानपुर, झांसी, मथुरा और आगरा कैंट (4 स्टेशन) शामिल हैं।वहीं, नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे में गोरखपुर, बनारस, छपरा और लखनऊ जंक्शन (एनईआर) 4 स्टेशन, नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे में गुवाहाटी और कटिहार, नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे में जयपुर, गांधी नगर जयपुर, अजमेर, जोधपुर और रिंगस के 5 स्टेशन और साउदर्न रेलवे में चेन्नई सेंट्रल, चेन्नई एग्मोर, कोयंबटूर, एर्नाकुलम जंक्शन (4 स्टेशन) शामिल हैं।साउथ सेंट्रल रेलवे में सिकंदराबाद, विजयवाड़ा, तिरुपति, गुंटूर, काचीगुड़ा और राजमुंद्री (6 स्टेशन), साउथ ईस्टर्न रेलवे में रांची, टाटा और शालीमार के 3 स्टेशन, साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे में रायपुर का 1 स्टेशन, साउथ वेस्टर्न रेलवे में बेंगलुरु, यशवंतपुर, मैसूर और कृष्णराजपुरम के 4 स्टेशन, वेस्टर्न रेलवे में मुंबई सेंट्रल, बांद्रा टर्मिनस, उधना, सूरत, अहमदाबाद, उज्जैन, वडोदरा और सीहोर के 8 स्टेशन, वेस्ट सेंट्रल रेलवे में भोपाल, जबलपुर और कोटा के 3 स्टेशन शामिल हैं। -
नई दिल्ली। देश के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ की तैयारी में एक और अहम कदम बढ़ाते हुए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने अंतरिक्ष यात्रियों के लिए विशेष भोजन और पैराशूट सिस्टम विकसित किए हैं।
DRDO के इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार महानिदेशक डॉ. बी.के. दास ने बताया कि संगठन ने इन तकनीकों का सफल परीक्षण भी पूरा कर लिया है। “हमने मिशन के लिए विशेष फूड, पैराशूट सिस्टम और अन्य आवश्यक तकनीकें तैयार की हैं, जिन पर अंतरिक्ष यात्री भरोसा कर सकेंगे,” ।उन्होंने बताया कि DRDO और ISRO के बीच कई स्तरों पर सहयोग जारी है। संगठन ने ऐसी कई तकनीकें विकसित की हैं जिनका उपयोग सशस्त्र बलों और अंतरिक्ष मिशनों — दोनों में किया जा सकता है। दास ने कहा कि पहले और दूसरे चरण के परीक्षण प्रयोगशालाओं और बाहरी परिस्थितियों में किए गए हैं, जिनके परिणाम “बेहद संतोषजनक” रहे। उन्होंने कहा कि कुछ और कार्य शेष हैं, जो जल्द पूरे कर लिए जाएंगे।उन्होंने कहा, “गगनयान कार्यक्रम में DRDO की भूमिका महत्वपूर्ण है और हम ISRO के मिशनों में और अधिक योगदान देने को तैयार हैं।”इस सप्ताह की शुरुआत में ISRO प्रमुख डॉ. वी. नारायणन ने बताया कि गगनयान मिशन के 85 से 90 प्रतिशत सबसिस्टम स्तर के कार्य पूरे हो चुके हैं। अब एकीकृत परीक्षण और सॉफ्टवेयर वेरिफिकेशन चल रहा है। तीन बिना चालक दल (uncrewed) वाले मिशन पहले लॉन्च किए जाएंगे ताकि सुरक्षा और सिस्टम की विश्वसनीयता सुनिश्चित की जा सके। गगनयान का मानवयुक्त मिशन वर्ष 2027 में प्रस्तावित है। -
कोलकाता. क्यूएस एक्जीक्यूटिव एमबीए इंटरनेशनल ट्रेड रैंकिग द्वारा 2026 के लिए घोषित रैंकिंग में भारतीय प्रबंधन संस्थान कलकत्ता (आईआईएम-सी) शीर्ष 10 वैश्विक स्थानों में शामिल किया गया है। इसे दुनिया भर में आठवां स्थान और भारत में पहला स्थान प्राप्त हुआ है। संस्थानों की यह रैंकिंग व्यापार कार्यक्रम सामग्री, स्नातक परिणाम, उद्योग जुड़ाव, नवीन शिक्षण और शैक्षणिक प्रतिष्ठा जैसे कारकों के आधार पर तय की जाती है। आईआईएम-सी ने कुल 78.3 अंक हासिल किए हैं।
यह रैंकिंग क्यूएस इंटरनेशनल ट्रेड रैंकिंग 2026 पर आधारित है, जो मानक एमबीए या कार्यकारी एमबीए रैंकिंग से अलग सूची है। संस्थान ने कहा कि आईआईएम कलकत्ता का आठवां स्थान कार्यकारी कार्यक्रमों के लिए अंतरराष्ट्रीय व्यापार शिक्षा में इसकी महत्वपूर्ण वृद्धि को दर्शाता है। बयान के मुताबिक यह विशेष रैंकिंग उन स्कूलों को उजागर करती है जो छात्रों को वैश्विक व्यापार और प्रबंधन के लिए सर्वोत्तम रूप से तैयार करते हैं। क्यूएस इंटरनेशनल ट्रेड रैंकिंग सामान्य ग्लोबल एक्जीक्यूटिव एमबीए रैंकिंग से अलग है। -
नयी दिल्ली. भारत की स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता 500 गीगावाट के स्तर को पार कर गई है, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक है। एक आधिकारिक बयान में बुधवार को यह जानकारी दी गई। केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने बयान में कहा कि यह उपलब्धि ऊर्जा क्षेत्र में वर्षों से चले आ रहे मजबूत नीतिगत समर्थन, निवेश और ‘टीम वर्क' को दर्शाती है। बयान में कहा गया कि भारत के बिजली क्षेत्र ने ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं जो स्वच्छ, सुरक्षित और आत्मनिर्भर ऊर्जा भविष्य की दिशा में देश की प्रगति को दर्शाता हैं। मंत्रालय ने कहा कि 30 सितंबर, 2025 तक देश की कुल स्थापित बिजली क्षमता 500 गीगावाट को पार कर 500.89 गीगावाट हो गई। यह क्षमता 2014 में 249 गीगावाट थी। नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन भी मांग के मुकाबले 50 प्रतिशत से अधिक हो गया है। गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों - नवीकरणीय ऊर्जा, जलविद्युत और परमाणु ऊर्जा - से बिजली उत्पादन 256.09 गीगावाट है, जो कुल उत्पादन का 51 प्रतिशत से अधिक है। जीवाश्म ईंधन आधारित स्रोतों से उत्पादन 244.80 गीगावाट था, जो कुल उत्पादन का लगभग 49 प्रतिशत है।
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को छपरा में एक चुनावी सभा को संबोधित किया। उन्होंने अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण की चर्चा करते हुए राजद और कांग्रेस पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा कि राजद और कांग्रेस वालों को विदेश जाने की फुर्सत है, लेकिन इन्हें राम मंदिर दर्शन जाने के लिए फुर्सत नहीं है।
राजद और कांग्रेस ने छठी मैया का अपमान कियाउन्होंने कहा कि जो लोग आपकी आस्था का सम्मान नहीं कर सकते, वे लोग आस्था स्थलों का विकास नहीं कर सकते। राजद और कांग्रेस ने छठी मैया का अपमान किया है। पीएम मोदी ने कहा कि 500 साल के इंतजार और अविरत संघर्ष के बाद जब अयोध्या में भव्य राम मंदिर बना, तब प्रभु श्रीराम के दर्शन के लिए लाखों लाख लोग अयोध्या चल पड़े, लेकिन कांग्रेस और राजद के नेताओं को राम मंदिर के निर्माण से भी परेशानी है। कांग्रेस और राजद वालों को अयोध्या जाते नहीं देखा।पीएम मोदी ने कहा, “उन्हें (कांग्रेस-राजद) डर है कि अयोध्या जाकर अगर वे श्रीराम के दर्शन करेंगे, तो उनका वोट बैंक नाराज हो जाएगा, तुष्टिकरण का गणित बिगड़ जाएगा, और ये घुसपैठिए उनके माथे पर चढ़ जाएंगे।”पीएम मोदी ने राजद और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहाउन्होंने राजद और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि लालटेन वाले, पंजे वाले या उनके इंडी गठबंधन के साथी ये लोग बिहार और बिहारियों का अपमान करते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पंजाब के एक मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने एक रैली में खुला ऐलान किया कि बिहार के लोगों को वे अपने राज्य पंजाब में घुसने नहीं देंगे।पीएम मोदी ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि उस समय मंच पर गांधी परिवार की एक बेटी, जो आजकल पार्लियामेंट में बैठती हैं, वह इस पर खुश होकर तालियां बजा रही थीं। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस के नेता बिहार को गाली देते रहते हैं। तमिलनाडु में डीएमके के लोग बिहार के मेहनतकश लोगों को प्रताड़ित करते हैं। इतना सब कुछ हो रहा है और बिहार में राजद को सांप सूंघ जाता है।पीएम मोदी ने लोगों से संकल्प करवाते हुए कहा कि जंगल राज से बिहार दूर रहेगाउन्होंने आए लोगों से संकल्प करवाते हुए कहा कि जंगल राज से बिहार दूर रहेगा। पीएम मोदी ने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा, “पहली बार वोट देने जा रहे हैं। मैं उन सभी युवाओं से कहना चाहता हूं, मैं सभी मतदाताओं से कहना चाहता हूं कि आपको अपने वोट की कीमत पहचाननी है। मैं आपको बताना चाहता हूं कि आपके माता-पिता के एक वोट ने बिहार को जंगलराज से मुक्ति दिलाई और बिहार को सुशासन की ओर ले गए। यह आपके पिताजी और माताजी के वोट की ताकत थी, अब बारी आपकी है। अब आपके एक वोट से सुशासन को समृद्धि में बदलने का समय है।”उन्होंने रोजगार योजना की चर्चा करते हुए कहा कि जिसे कोई नहीं पूछता है, उसे मोदी पूजता है। उन्होंने कहा कि बिहार अब रुकेगा नहीं, बिहार तेज रफ्तार से आगे बढ़ेगा। इससे पहले पीएम मोदी ने मुजफ्फरपुर में एक रैली को संबोधित किया। इस दौरान, पीएम मोदी ने राजद और कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि राजद-कांग्रेस वालों की पहचान 5 चीजों से है, जो कट्टा, क्रूरता, कटुता, कुशासन और करप्शन हैं। -
नयी दिल्ली. दिवाली के दौरान कार्बाइड गन से आंख चोटिल होने के मामले पहली बार दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में आये हैं और विशेषज्ञों ने ऐसे रासायनिक पटाखों के निर्माण, बिक्री और खरीद पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। चिकित्सकों के अनुसार, इस साल पटाखों से आंखों की चोट के मामले में एम्स स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद नेत्र विज्ञान केंद्र में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि आंखों की चोट के 190 मामले यहां आये, जिनमें से 18-20 चोट के मामले कार्बाइड गन के थे। डॉ. राजेंद्र प्रसाद नेत्र विज्ञान केंद्र की प्रमुख डॉ. राधिका टंडन ने बताया कि पिछले साल दिवाली के दौरान 160 लोगों ने नेत्र संबंधी चोटों के लिए प्रमुख राष्ट्रीय रेफरल संस्थान में उपचार का अनुरोध किया था। डॉ. टंडन ने कहा, ‘‘इस बार यह संख्या बढ़कर 190 हो गई है और त्योहार के बाद भी मरीजों के आने का सिलसिला जारी है। यह पिछले साल की तुलना में आंखें चोटिल होने के मामलों में 19 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।" उन्होंने कहा, "इस बार एक परेशान करने वाला रुझान यह देखने को मिला कि रासायनिक जलन जैसी गंभीर चोटें सामने आई हैं। 190 मामलों में से 18-20 मरीज कार्बाइड गन से सीधे जुड़ी आंखों की चोट के इलाज के लिए अस्पताल आए।'' ये कार्बाइड गन पीवीसी पाइप से बनायी जाती है। कैल्शियम कार्बाइड के पानी के साथ प्रतिक्रिया करके एसिटिलीन गैस बनती है और इसमें चिंगारी के संपर्क में आने पर विस्फोट होता है। पाइप से निकलने वाले प्लास्टिक के टुकड़े छर्रे की तरह छिटक कर गंभीर चोट पहुंचा सकते हैं। किसान पिछले कई सालों से इसका इस्तेमाल बंदरों और पक्षियों को भगाने के लिए करते आ रहे हैं। इस साल, यह बच्चों के हाथों में पटाखा बन गयी। विशेषज्ञों का कहना है कि कार्बाइड गन से होने वाले विस्फोट के बाद निकलने वाले धुएं से कई बाहरी कण कॉर्निया में धंस जाते हैं, जिससे आंखों को गंभीर चोटें पहुंचती है। विशेषज्ञों ने ऐसे खतरनाक उपकरणों के सख्त नियमन और निषेध की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया है। यह मांग देश भर में, खासकर बच्चों में, रासायनिक पटाखों के कारण आंखों की गंभीर चोट के मामलों में वृद्धि के बीच आई है। दिवाली पर कार्बाइड गन के इस्तेमाल से लगी चोटों के कारण मध्य प्रदेश के भोपाल और पड़ोसी विदिशा जिले में 100 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती हुए, जिनमें अधिकतर 8 से 14 साल के बच्चे थे। डॉ. राजेंद्र प्रसाद नेत्र विज्ञान केंद्र की प्रोफेसर डॉ. नम्रता शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि बहुत से लोग ऑनलाइन वीडियो देखकर कार्बाइड गन बनाना सीख रहे हैं। उन्होंने आगाह किया कि इस प्रवृत्ति पर रोक लगाने की ज़रूरत है और स्कूल स्तर पर जागरूकता गतिविधियां चलाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि एम्स-दिल्ली में आंखों में चोट लगने के आये कुल 190 मामलों में से 44 प्रतिशत दिल्ली-एनसीआर से, जबकि 56 प्रतिशत पड़ोसी राज्यों, मुख्यतः उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कुछ हिस्सों से आए थे। डॉक्टर ने बताया कि 17 प्रतिशत मरीज़ों की दोनों आंखों में चोट लगी थी, जो इन चोटों के उच्च जोखिम वाले स्वरूप को दर्शाता है।
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नागपुर. महाराष्ट्र के नागपुर जिले में बुधवार को एक कार के एक निजी यात्री बस से टकराने में तीन लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि यह घटना नागपुर-जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 पर वडम्बा गांव के पास दोपहर में हुई। एक अधिकारी ने बताया, "जबलपुर जा रही कार एक दोपहिया वाहन से टकराने से बचने के कारण नियंत्रण खो बैठी और यात्री बस से टकरा गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार पूरी तरह से चकनाचूर हो गई और उसमें सवार तीनों लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।" अधिकारी ने बताया कि मृतकों की पहचान जबलपुर निवासी कपिल साहनी (50), अमित अग्रवाल (51) और संदीप सोनी (51) के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि हादसे में एक मोटरसाइकिल सवार और उसकी पत्नी, बस चालक और कुछ यात्रियों को मामूली चोटें आईं। उन्होंने बताया कि घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है तथा आगे की जांच जारी है।
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अमरावती. आंध्र प्रदेश के तट को पार कर चुके भीषण चक्रवाती तूफान ‘मोंथा' के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है। मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे भीषण चक्रवाती तूफान ‘मोंथा' के कारण मारे गए तीन लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान करें। यह तूफान मंगलवार आधी रात को आया था।
एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, "अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को सूचित किया कि राज्य में अब तक चक्रवात मोंथा के कारण तीन लोगों की मौत हो गई है और मुख्यमंत्री ने उनके परिवारों को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है।" नायडू के समक्ष बुधवार को प्रस्तुत प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, 'मोंथा' तूफान से आंध्र प्रदेश में 87,000 हेक्टेयर भूमि की फसलें, 380 किलोमीटर पंचायती राज सड़कें, 2,300 किलोमीटर लंबी सड़क एवं भवन (आरएंडबी) विभाग की सड़कें और 14 पुल क्षतिग्रस्त हो गए। अधिकारियों ने नायडू को बताया कि 304 मंडलों में धान, मक्का, कपास और उड़द की फसलें नष्ट हो गई हैं।एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, "304 मंडलों में 87,000 हेक्टेयर में लगी फसलें बर्बाद हो गईं। धान, कपास, मक्का और उड़द के अलावा 59,000 हेक्टेयर में लगी फसलें जलमग्न हैं, जिससे 78,796 किसान प्रभावित हुए हैं।" फसल नुकसान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नायडू ने अधिकारियों को पांच दिनों में एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। अधिकारियों ने सड़कों और पुलों के क्षतिग्रस्त होने से 1,424 करोड़ रुपये तथा ग्रामीण जलापूर्ति अवसंरचना के प्रभावित होने से 36 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान लगाया है। चक्रवात के दौरान तीन लोगों की मौत के अलावा 42 पशु भी मारे गए।सरकार ने कहा कि एहतियाती उपायों के कारण नुकसान न्यूनतम रहा।इस बीच मुख्यमंत्री ने चक्रवात प्रभावित स्थानों का हवाई दौरा शुरू किया। विज्ञप्ति में कहा गया है कि उन्होंने बापटला, पालनाडू, कृष्णा, कोनासीमा और एलुरु जिलों का दौरा किया। दौरे के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि चक्रवात के तट से टकराने पर तेज हवाएं चलीं, जबकि प्रकाशम और नेल्लोर जिलों में भारी बारिश हुई। उन्होंने कहा, ‘‘हवा की गति 75 किमी प्रति घंटे तक पहुंच गई। अगर यह इससे अधिक होती, तो कोनासीमा जिले में नारियल के पेड़ों को नुकसान पहुंचता।'' नायडू ने कहा कि घरों और मवेशियों को कम से कम नुकसान हुआ है, लेकिन जल निकासी व्यवस्था के अवरुद्ध होने जैसी बार-बार होने वाली नागरिक समस्याएं बनी हुई हैं। अपने दौरे के दौरान, नायडू ने कोनासीमा जिले के अल्लावरम मंडल के ओडालारेवु गांव में एक राहत शिविर का दौरा किया, जहां उन्होंने विस्थापितों को आवश्यक सामग्री वितरित की, जिसमें 25 किलोग्राम चावल और अन्य वस्तुएं तथा प्रति परिवार 3,000 रुपये नकद शामिल था। उन्होंने कहा, "इस (चक्रवात) के कारण व्यापक क्षति हुई है। यह राज्य के लिए एक बड़ी आपदा है। हालांकि, हम कुछ हद तक नुकसान कम करने में कामयाब रहे। हम 1.8 लाख लोगों को राहत शिविरों में लेकर आए। मैं यह देखने आया था कि राहत शिविरों की क्या स्थिति है।" -
नयी दिल्ली. भारत और चीन ने मौजूदा तंत्र का उपयोग करते हुए पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक और उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता की। कोर कमांडर स्तर की बैठक 25 अक्टूबर को वास्तविक नियंत्रण रेखा के भारतीय हिस्से में ‘मोल्डो-चुशूल' बिंदु पर हुई। अगस्त में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच विशेष प्रतिनिधियों की वार्ता के बाद दोनों सेनाओं के बीच यह पहली ऐसी बातचीत थी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि वार्ता मैत्रीपूर्ण और सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई।
मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने अक्टूबर 2024 में कोर कमांडर स्तर की 22वें दौर की बैठक के बाद से हुई प्रगति पर ध्यान दिया और इस बात पर सहमति जताई कि भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाए रखा गया है। इसने कहा, ‘‘दोनों पक्ष स्थिरता बनाए रखने के लिए सीमा पर किसी भी जमीनी मुद्दे को सुलझाने के लिए मौजूदा तंत्र का उपयोग जारी रखने पर सहमत हुए।'' पिछले साल अक्टूबर में भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चार साल से अधिक समय से जारी सैन्य गतिरोध को समाप्त करने के बाद अपने संबंधों को सामान्य बनाने के लिए पिछले कुछ महीनों में कई उपाय शुरू किए हैं। डेमचोक और देपसांग के अंतिम दो टकराव बिंदुओं से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद गतिरोध प्रभावी रूप से समाप्त हो गया। गत 19 अगस्त को विशेष प्रतिनिधियों की वार्ता के लिए वांग की नयी दिल्ली यात्रा के बाद, भारत और चीन ने ‘‘स्थिर, सहयोगात्मक और दूरदर्शी'' संबंधों के लिए कई उपायों की घोषणा की, जिनमें सीमा पर संयुक्त रूप से शांति बनाए रखना, सीमा व्यापार को पुनः खोलना और निवेश प्रवाह को बढ़ावा देना शामिल था। विदेश मंत्रालय ने कोर-कमांडर वार्ता पर कहा, ‘‘गत 19 अगस्त को आयोजित विशेष प्रतिनिधियों की 24वें दौर की वार्ता के बाद से पश्चिमी क्षेत्र में ‘जनरल स्तरीय तंत्र' की यह पहली बैठक थी।'' कोर-कमांडर वार्ता पर एक चीनी बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने चीन-भारत सीमा के पश्चिमी हिस्से के प्रबंधन पर सक्रिय और गहन संवाद किया। इसमें कहा गया कि दोनों पक्षों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के निर्णय के अनुसार संचार और संवाद बनाए रखने का निर्णय लिया है। चीन के रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया, ‘‘वे दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति के मार्गदर्शन में सैन्य और राजनयिक माध्यमों से संचार और संवाद जारी रखने और चीन-भारत सीमा क्षेत्रों में संयुक्त रूप से शांति बनाए रखने पर सहमत हुए।'' हालांकि, दोनों पक्षों ने टकराव वाले स्थानों से अपने सैनिकों को हटा लिया है, लेकिन उन्होंने सीमा से अग्रिम पंक्ति के बलों को वापस नहीं बुलाया है। वर्तमान में पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों पक्षों में से प्रत्येक के लगभग 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं। पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध मई 2020 में शुरू हुआ था और उसी वर्ष जून में गलवान घाटी में हुई एक घातक झड़प के परिणामस्वरूप दोनों पड़ोसियों के बीच संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया था। भारत और चीन के बीच विभिन्न संवाद तंत्रों को पुनर्जीवित करने का निर्णय पिछले साल अक्टूबर में रूसी शहर कजान में मोदी और शी के बीच एक बैठक में लिया गया था। -
दरभंगा/पटना. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू जिस तरह के विकसित और मजबूत भारत का सपना देखते थे, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वैसा ही भारत बनाना चाहते हैं। उन्होंने चुनावी सभा को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को दो-तिहाई बहुमत मिलना देश के पहले नेहरू की जयंती पर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। आगामी 14 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना होगी और उसी दिन नेहरू की जयंती भी है।
पटना जिले के बाढ़ में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा, ‘‘ बिहार चुनाव परिणाम जिस दिन आएंगे, वही पंडित नेहरू का जन्मदिन भी है। वह हमारे विचारधारा के नहीं थे, न ही हमारी पार्टी के थे, लेकिन देश के पहले प्रधानमंत्री थे। मैं उनका सम्मान करता हूं।” सिंह ने कहा कि नेहरू जिस तरह के विकसित और मजबूत भारत का सपना देखते थे, प्रधानमंत्री मोदी वैसा ही भारत बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “यदि 14 नवंबर को बिहार में जनता राजग को दो-तिहाई बहुमत से सत्ता में लाती है, तो यह नेहरू जी को जन्मदिन पर सच्ची श्रद्धांजलि होगी। क्या आप यह काम पूरा करना चाहते हैं या नहीं?” उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद)पर निशाना साधा और कहा कि बिहार की जनता “गुंडा राज” नहीं चाहती और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने “राजद के जंगल राज” से राज्य को काफी हद तक बाहर निकाला है। रक्षा मंत्री ने कांग्रेस और राजद पर चुनाव आयोग को बदनाम करने का आरोप लगाया और कहा कि “यदि संवैधानिक संस्थाओं को ही बदनाम किया जाएगा तो लोकतंत्र कैसे चलेगा?” उन्होंने कहा कि राजद ने “बिहार की छवि विश्व भर में खराब की” और यह चुनाव इस बात का फैसला करेगा कि “राज्य फिर से जंगल राज” की ओर जाएगा या “विकास के रास्ते” पर आगे बढ़ेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दल ‘‘बांग्लादेशी घुसपैठियों'' के वोट सुरक्षित करना चाहता है।भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सिंह ने कांग्रेस और राजद पर निर्वाचन आयोग पर हमला करने का आरोप लगाते हुए कहा कि संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम किया जाएगा तो लोकतंत्र कैसे चलेगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव का मुद्दा बिल्कुल स्पष्ट है कि ‘‘राज्य को फिर से जंगल राज की ओर ले जाना है या विकास के मार्ग पर आगे बढ़ाना है।'' इससे पहले दरभंगा जिले में रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने राजद द्वारा प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने के वादे को ‘‘अवास्तविक'' करार दिया। उन्होंने कहा कि राजग अपना घोषणापत्र गुरुवार को जारी करेगा और उसमें किए गए हर वादे को पूरा करेगा।सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर 20 साल के शासन में भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा, जबकि ‘‘दुःख की बात है कि एक पूर्व मुख्यमंत्री का पूरा परिवार अनियमितताओं के मामलों में आरोपी है।'' उन्होंने विपक्ष पर वक्फ अधिनियम में किए गए संशोधनों को वापस लेने का ‘‘झूठा वादा'' करने का आरोप लगाया। सिंह ने कहा कि यह कानून संसद में पारित हुआ है, इसलिए इसे राज्य स्तर पर बदला नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जाति और धर्म की राजनीति नहीं करती, बल्कि ‘‘हम निष्पक्ष और स्वच्छ राजनीति करते हैं''। रक्षा मंत्री ने दावा किया कि नरेंद्र मोदी सरकार के 11 वर्षों में बिहार के सर्वांगीण विकास के लिए 15 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए। उन्होंने कहा, ‘‘ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा राहुल गांधी ने नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी ने दिया है।'' सिंह ने आरोप लगाया कि “कांग्रेस ने दशकों तक” पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न नहीं दिया, जबकि “यह सम्मान नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार ने किया।”

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