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- अयोध्या. अयोध्या स्थित श्री राम जन्मभूमि मंदिर में सोमवार को सुबह कलश पूजन किया गया और मंदिर के मुख्य शीर्ष पर कलश स्थापित किया गया। निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने संकेत दिया कि राम मंदिर का निर्माण छह महीने में और करीब चार किलोमीटर की सुरक्षा दीवार बनाने का काम 18 महीने में पूरा होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि ‘इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड' राम मंदिर के लिए सुरक्षा दीवार का निर्माण करेगी। दीवार की ऊंचाई, मोटाई, डिजाइन आदि के संबंध में निर्णय ले लिया गया है और मिट्टी की जांच के बाद निर्माण शुरू होगा। मिश्रा ने बताया कि यात्री सुविधा केंद्र का निर्माण राम मंदिर परिसर के भीतर 10 एकड़ में किया जाएगा और वहां भंडारण के लिए 62 ‘काउंटर' होंगे। उन्होंने बताया कि सप्त मंडल मंदिरों की सभी प्रतिमाएं रविवार को अयोध्या पहुंच गईं। इनमें से प्रत्येक को उनके स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। ये प्रतिमाएं जयपुर से लाई गई हैं।
- दुमका. झारखंड के दुमका जिले में कुछ अज्ञात हमलावरों ने एक युवा आदिवासी दंपति की हत्या कर दी। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक, पीड़ितों की पहचान मोहन सोरेन (30) और उनकी पत्नी वेरोनिका हेम्ब्रम (27) के रूप में हुई है। जिले के गोपीकांदर थाना क्षेत्र के पहाड़पुर गांव में रविवार देर रात महिला के पैतृक घर में धारदार हथियारों से दंपति की हत्या कर दी गई थी। गोपीकांदर थाने के प्रभारी सुमित भगत ने बताया कि सूचना मिलने के बाद पुलिस की एक टीम श्वान दस्ते के साथ रविवार आधी रात को घटनास्थल पर पहुंची। उन्होंने कहा कि पुलिस जांच जारी है, लेकिन हत्यारों की पहचान या हत्या के पीछे का मकसद अभी तक पता नहीं चल पाया है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि हमलावर घर में कैसे घुसे।
- नोएडा (उत्तर प्रदेश) । नोएडा में सड़क पर चलती स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) की छत एक युवक के नाचने का वीडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 38 हजार रुपये से अधिक का चालान काटा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। यह वीडियो नोएडा के सेक्टर-33 स्थित एलिवेटेड रोड का बताया जाता है। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि तेज संगीत बजाकर एक युवक थार की छत पर नाच रहा है और उसके पीछे आ रहे वाहनों को अपनी रफ्तार धीमी करनी पड़ रही है। वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने यातायात पुलिस से कार्रवाई की मांग करते हुए कई पोस्ट किए। पुलिस उपायुक्त (यातायात) लखन सिंह यादव ने बताया कि शिकायत को गंभीरता से लेते हुए वाहन की पहचान कर युवक और वाहन मालिक के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम के तहत कुल 38,500 रुपये का चालान काटा गया है। उन्होंने यह नहीं बताया कि वीडियो कब का है।
- नयी दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 13,000 करोड़ रुपये के ऋण ‘‘धोखाधड़ी'' मामले में संलिप्तता के आरोपी भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को भारतीय जांच एजेंसियों के प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। इस 13,000 करोड़ रुपये के ऋण ‘‘धोखाधड़ी'' मामले में चोकसी के भांजे एवं हीरा व्यापारी नीरव मोदी के बाद दूसरे ‘‘प्रमुख संदिग्ध'' के खिलाफ कार्रवाई शनिवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के प्रत्यर्पण अनुरोध के आधार पर की गई। चोकसी चिकित्सा उपचार के लिए बेल्जियम गया था जिसके बाद से वह वहीं था। भारत छोड़ने के बाद से वह 2018 से एंटीगुआ में रह रहा था।सूत्रों ने बताया कि कुछ समय पहले ही उसके खिलाफ इंटरपोल रेड नोटिस को ‘‘हटा दिया गया'' था और तभी से भारतीय एजेंसियां उसे प्रत्यर्पण के माध्यम से भारत लाने के प्रयास में लगी हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्यर्पण अनुरोध के तहत भारतीय एजेंसियों ने 2018 और 2021 में मुंबई की एक विशेष अदालत द्वारा जारी कम से कम दो ‘ओपन-एंडेड' गिरफ्तारी वारंट अपने बेल्जियम समकक्षों के साथ साझा किए हैं। ‘ओपन-एंडेड' गिरफ्तारी वारंट का मतलब ऐसे वारंट से है जो किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी के लिए जारी किया जाता है और उसकी कोई समयसीमा नहीं होती। यह वारंट तब तक वैध रहता है जब तक कि इसे अदालत द्वारा रद्द न कर दिया जाए या आरोपी को गिरफ्तार न कर लिया जाए।
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हिसार (हरियाणा). प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि यदि कांग्रेस को वास्तव में मुसलमानों से हमदर्दी है तो उसे किसी मुसलमान को अपना अध्यक्ष बनाना चाहिए और चुनाव में समुदाय के लोगों को 50 प्रतिशत टिकट देने चाहिए। उन्होंने विपक्षी पार्टी पर तुष्टिकरण की नीति अपनाने का भी आरोप लगाया। हिसार के महाराजा अग्रसेन हवाई अड्डे पर नए टर्मिनल भवन की आधारशिला रखने और अयोध्या के लिए एक वाणिज्यिक उड़ान की शुरुआत के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने 2013 में वक्फ कानून में किए गए बदलावों को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने कहा था कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होना चाहिए और संविधान भी इसका निषेध करता है, लेकिन कर्नाटक की कांग्रेस नीत सरकार ने अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के अधिकारों को छीनकर धर्म के आधार पर निविदाओं में आरक्षण दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने तुष्टिकरण की नीति अपनाई, जिससे मुसलमानों में से केवल कुछ ‘‘कट्टरपंथी'' ही ‘‘खुश'' हुए, जबकि बाकी समुदाय उपेक्षित, अशिक्षित और गरीब बना रहा। मोदी ने कहा कि कांग्रेस की इस नीति का सबसे बड़ा सबूत 2014 के आम चुनावों से ठीक पहले वक्फ कानून में किए गए संशोधन हैं। मोदी ने कहा, ‘‘आजादी से लेकर 2013 तक वक्फ कानून था। लेकिन चुनाव जीतने और तुष्टिकरण तथा वोट बैंक की राजनीति के लिए कांग्रेस ने 2013 के आखिर में जल्दबाजी में वक्फ कानून में संशोधन कर दिया ताकि उसे (कुछ महीने बाद 2014 में) चुनावों में वोट मिल सके।'' मोदी ने कहा कि कांग्रेस द्वारा किए गए बदलाव ‘‘बाबासाहेब का सबसे बड़ा अपमान'' हैं क्योंकि उन्होंने आंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान का उल्लंघन किया। उन्होंने सवाल किया, ‘‘अगर उन्हें (कांग्रेस को) वाकई मुसलमानों से थोड़ी हमदर्दी है, तो उन्हें अपना अध्यक्ष मुस्लिम समुदाय से ही बनाना चाहिए। वे ऐसा क्यों नहीं करते?'' मोदी ने कांग्रेस से 50 प्रतिशत चुनाव टिकट मुस्लिम समुदाय के लोगों को देने को भी कहा। उन्होंने कहा, ‘‘जीतने के बाद वे अपने विचार सामने रखेंगे।'' उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन वे (कांग्रेस) ऐसा नहीं करेंगे। वे कांग्रेस से कुछ नहीं देंगे, बल्कि नागरिकों के अधिकार छीन लेंगे।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस का कभी भी मुसलमानों सहित किसी का भला करने का कोई इरादा नहीं रहा। उन्होंने कहा, ‘‘यही कांग्रेस की असली सच्चाई है।'' मोदी ने कहा कि वक्फ बोर्ड के पास देश में लाखों हेक्टेयर जमीन है जिसका इस्तेमाल गरीबों, बेसहारा महिलाओं और बच्चों के हित में किया जा सकता था। उन्होंने कहा, ‘‘अगर इसका ईमानदारी से इस्तेमाल किया जाता तो मुस्लिम युवाओं को पंक्चर टायर ठीक करके अपनी जिंदगी नहीं गुजारनी पड़ती।'' मोदी ने कहा, ‘‘इससे केवल मुट्ठी भर भू-माफियाओं को फायदा हुआ। पसमांदा मुसलमानों को कोई फायदा नहीं हुआ। ये भू-माफिया दलितों, वंचितों, आदिवासियों और विधवाओं की जमीन लूट रहे थे। सैकड़ों विधवा महिलाओं ने केंद्र को पत्र लिखा और फिर इस कानून पर बहस हुई।'' उन्होंने कहा कि वक्फ कानून में संशोधन के बाद गरीबों की ऐसी लूट बंद हो जाएगी। वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद आठ अप्रैल से लागू किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘हमने वक्फ कानून में एक और संशोधन किया है। इसके तहत, वक्फ बोर्ड अब देश में किसी भी आदिवासी की जमीन और संपत्ति को छू भी नहीं सकता है।'' मोदी ने हाल में कहा था कि नया वक्फ कानून सामाजिक न्याय की दिशा में उनकी सरकार द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि 2013 में बनाया गया पिछला कानून भू-माफिया और मुस्लिम कट्टरपंथियों को खुश करने का एक प्रयास था। उन्होंने कहा, ‘‘हमने आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा करने और संविधान की भावना का पालन करने का एक बड़ा काम किया है।'' उन्होंने कहा कि नए प्रावधानों से वक्फ की नेक भावना का भी सम्मान होगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘गरीब मुस्लिम, पसमांदा परिवार, मुस्लिम महिलाएं खासकर विधवाएं और बच्चे भी अपने अधिकार प्राप्त कर सकेंगे और भविष्य में भी उनके अधिकार सुरक्षित रहेंगे।'' उन्होंने कहा कि यही असली भावना और सामाजिक न्याय है।
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सबरीमला (केरल). त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (टीडीबी) ने सोमवार को सबरीमला मंदिर में 'विषु' पर्व के दिन भगवान अयप्पा की तस्वीर वाले स्वर्ण लॉकेट के वितरण की योजना शुरू की। राज्य के मंत्री वी एन वासवन ने इन लॉकेटों का वितरण आरंभ किया जिन्हें मंदिर के गर्भगृह में रखा गया था और जिनकी श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन बुकिंग कराई थी। टीडीबी के एक बयान के अनुसार, विधिवत उद्घाटन सुबह 6:30 बजे संनिधानम (मंदिर परिसर) में स्थित "कोडिमराम" (ध्वज स्तंभ) के नीचे किया गया। बोर्ड ने बताया कि इस लॉकेट योजना की शुरुआत के साथ भगवान अयप्पा के श्रद्धालुओं की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा किया गया है। पहला लॉकेट आंध्र प्रदेश के एक निवासी को सौंपा गया जिन्होंने ऑनलाइन बुकिंग कराई थी। इसके बाद, सबरीमला के तंत्री (मुख्य पुजारी) कंदरारू राजीवरू, टीडीबी अध्यक्ष पी एस प्रशांत और बोर्ड के सदस्य ए अजिकुमार ने अन्य श्रद्धालुओं के बीच लॉकेट वितरित किए। बोर्ड के अनुसार, ये लॉकेट दो ग्राम, चार ग्राम और आठ ग्राम के हैं। दो ग्राम के लॉकेट की कीमत 19,300 रुपये, चार ग्राम के लॉकेट की कीमत 38,600 रुपये और आठ ग्राम के लॉकेट की कीमत 77,200 रुपये है। बयान में यह भी कहा गया है कि बुकिंग आरंभ होने के दो दिन के भीतर 100 श्रद्धालुओं ने लॉकेट की बुकिंग कराई है।
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यमुनानगर (हरियाणा). प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि 2014 से पहले जब कांग्रेस सत्ता में थी तो ‘ब्लैकआउट' (बिजली गुल होने) की स्थिति थी लेकिन पिछले एक दशक में भारत का विद्युत उत्पादन दोगुना हो गया है और अब यह बिजली का निर्यात कर रहा है। मोदी ने यहां दीनबंधु छोटू राम ताप विद्युत संयंत्र में 800 मेगावाट की अत्याधुनिक ताप विद्युत इकाई की आधारशिला रखने के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हरियाणा राज्य भाजपा की ‘‘डबल इंजन सरकार'' की ‘‘डबल स्पीड'' देख रहा है। यह ताप विद्युत इकाई 233 एकड़ में फैली है और इसके लगभग 8,470 करोड़ रुपये की लागत से मार्च 2029 तक चालू होने की उम्मीद है। इससे हरियाणा की ऊर्जा आत्मनिर्भरता को काफी बढ़ावा मिलेगा और पूरे राज्य में निर्बाध बिजली आपूर्ति होगी। ‘गोबरधन' (गैल्वेनाइजिंग आर्गेनिक बायो एग्रो रिसोर्सेज धन) के विजन को आगे बढ़ाते हुए मोदी ने यहां मुकरबपुर में एक ‘संपीड़ित जैव गैस' (सीबीजी) संयंत्र की आधारशिला भी रखी। इस संबंध में जारी एक बयान के अनुसार, संयंत्र का निर्माण कार्य 2027 तक पूरा होना है और इसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 2,600 मीट्रिक टन होगी। इससे स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन और पर्यावरण संरक्षण में योगदान करते हुए प्रभावी जैविक अपशिष्ट प्रबंधन में मदद मिलेगी। मोदी ने यहां से भारतमाला परियोजना के अंतर्गत लगभग 1,070 करोड़ रुपये की लागत वाली 14.4 किलोमीटर लंबी रेवाड़ी बाईपास परियोजना का भी डिजिटल उद्घाटन किया। बाईपास से रेवाड़ी शहर में भीड़भाड़ कम होगी, दिल्ली-नारनौल यात्रा का समय एक घंटे कम होगा और क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। यमुनानगर पहुंचने से पहले मोदी ने हिसार में एक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने हिसार के महाराजा अग्रसेन हवाई अड्डे से अयोध्या के लिए एक वाणिज्यिक उड़ान को हरी झंडी दिखाई और हवाई अड्डे पर नए टर्मिनल भवन की आधारशिला भी रखी। यमुनानगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि 2014 से पहले जब कांग्रेस सत्ता में थी तो ‘‘ब्लैकआउट'' होते थे, लेकिन पिछले दशक में भारत का बिजली उत्पादन दोगुना हो गया है और अब वह बिजली का निर्यात कर रहा है। भीमराव आंबेडकर की जयंती पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार बाबा साहब के दृष्टिकोण से निर्देशित है, जो ‘‘विकसित भारत की यात्रा में हमें दिशा दिखा रहा है''। उन्होंने कहा कि यमुनानगर सिर्फ एक शहर ही नहीं, बल्कि देश के औद्योगिक मानचित्र का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है। मोदी ने कहा कि प्लाईवुड से लेकर पीतल और स्टील तक, यह पूरा क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था को ताकत देता है। प्रधानमंत्री ने याद किया कि 1990 के दशक में हरियाणा में पार्टी प्रभारी के रूप में वह अकसर यमुनानगर आते थे। उन्होंने कहा कि लगातार तीसरे बार में हरियाणा में ‘‘डबल इंजन'' सरकार की ‘‘डबल स्पीड'' देखने को मिल रही है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘अब सैनी ‘ट्रिपल इंजन' सरकार कह रहे हैं (केंद्र और हरियाणा में भाजपा शासित सरकार के संदर्भ में और हाल में राज्य में नगर निगम चुनाव में भाजपा की जीत के संदर्भ में)।'' मोदी ने कहा, ‘‘विकसित भारत के लिए विकसित हरियाणा हमारा संकल्प है। इसे साकार करने के लिए, हरियाणा के लोगों की सेवा करने के लिए, यहां के युवाओं के सपनों को पूरा करने के लिए, हम और अधिक गति से तथा बड़े पैमाने पर काम करते रहते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘आज यहां शुरू की गईं विकास योजनाएं इसका जीता जागता उदाहरण हैं। मुझे गर्व है कि हमारी सरकार डॉ. आंबेडकर के विचारों को आगे बढ़ाते हुए काम कर रही है।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि बाबा साहेब ने उद्योगों के विकास को सामाजिक न्याय का मार्ग बताया था। उन्होंने यह भी कहा कि वह छोटे भूमिधारकों की समस्याओं को समझते थे। उन्होंने कहा कि आंबेडकर अकसर कहा करते थे कि दलितों के पास खेती के लिए पर्याप्त भूमि नहीं है और उनका मानना था कि उद्योग से सबसे अधिक लाभ दलितों को होगा। मोदी ने कहा कि किसानों के मसीहा माने जाने वाले सर छोटू राम कहते थे कि गांवों में समृद्धि तब आएगी जब किसान खेती के साथ-साथ छोटे-छोटे उद्यमों के माध्यम से अपनी आय बढ़ाएंगे। चौधरी चरण सिंह के बारे में मोदी ने कहा कि उनकी सोच भी इससे अलग नहीं थी, जो कहते थे कि औद्योगिक विकास को कृषि का पूरक होना चाहिए। मोदी ने कहा, ‘‘दोनों (उद्योग और कृषि) हमारी अर्थव्यवस्था के स्तंभ हैं। यह ‘मेक इन इंडिया' की भावना, विचार और प्रेरणा है। हमारी सरकार विनिर्माण पर बहुत जोर दे रही है।'' उन्होंने कहा कि इस वर्ष के बजट में हमने ‘मिशन मैन्यूफैक्चरिंग' की घोषणा की है जिसका उद्देश्य दलितों, वंचितों, शोषितों और युवाओं को अधिकतम रोजगार उपलब्ध कराना है।
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नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर के संचालन की दिशा में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए शनिवार रात न्यू अशोक नगर से सराय काले खां स्टेशन के बीच नमो भारत ट्रेन का ट्रायल रन शुरू किया।
परीक्षण का उद्देश्य सिग्नलिंग सिस्टम की अनुकूलता का मूल्यांकन करना थाइस ट्रायल के दौरान ट्रेन को धीमी गति से डाउन लाइन पर मैन्युअल मोड में चलाया गया। इस परीक्षण का उद्देश्य सिग्नलिंग सिस्टम की अनुकूलता का मूल्यांकन करना था। एनसीआरटीसी आने वाले दिनों में ट्रैक, प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी), ओवरहेड पावर सप्लाई समेत अन्य तकनीकी पहलुओं को लेकर समन्वित जांच करेगी। इसके साथ ही हाई-स्पीड रन सहित कई व्यापक ट्रायल किए जाएंगे।ट्रायल रन के दौरान नमो भारत ट्रेन ने पहली बार यमुना नदी को पार कियाइस ट्रायल रन के दौरान नमो भारत ट्रेन ने पहली बार यमुना नदी को पार किया। लगभग 1.3 किलोमीटर लंबा यह पुल 32 पिलर्स पर बना हैं, जिसमें से 626 मीटर यमुना नदी के ऊपर है। यह पुल डीएनडी यमुना पुल के समानांतर बनाया गया है। इसके अलावा ट्रेन ने बारपुला फ्लाईओवर और रिंग रोड को पार करते हुए सराय काले खां स्टेशन तक सफलतापूर्वक यात्रा पूरी की।न्यू अशोक नगर से सराय काले खां तक की दूरी करीब 4.5 किलोमीटर हैइस क्षेत्र में वायडक्ट का निर्माण भी चुनौतीपूर्ण था, जिसे एनसीआरटीसी ने सफलता से पूरा किया। न्यू अशोक नगर से सराय काले खां तक की दूरी करीब 4.5 किलोमीटर है। इस सेक्शन के चालू होते ही यात्रियों को सराय काले खां से मेरठ तक वातानुकूलित, तेज और आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलेगा। हाल ही में इस खंड में ओवरहेड इक्विपमेंट (ओएचई) को चार्ज किया गया था।सराय काले खां स्टेशन दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर का आरंभिक स्टेशन हैसराय काले खां स्टेशन दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर का आरंभिक स्टेशन है। स्टेशन का निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर है। यहां यात्रियों की सुविधा के लिए 12 एस्केलेटर और चार लिफ्ट लगाए गए हैं, जो पूरी तरह से तैयार हैं। स्टेशन के पांच प्रवेश और निकास द्वारों पर फिनिशिंग का कार्य जारी है। प्लेटफॉर्म स्तर पर सभी पीएसडी भी स्थापित कर दिए गए हैं।सराय काले खां स्टेशन को मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन के प्रमुख उदाहरण के रूप में विकसित किया जा रहा हैसराय काले खां स्टेशन को मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन के प्रमुख उदाहरण के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह स्टेशन दिल्ली मेट्रो की पिंक लाइन, हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन, वीर हकीकत राय आईएसबीटी और रिंग रोड बस स्टैंड से जुड़ा होगा, जिससे यात्रियों को निर्बाध कनेक्टिविटी मिलेगी।दिल्ली खंड की कुल लंबाई 14 किलोमीटर है, जिसमें आनंद विहार (भूमिगत), न्यू अशोक नगर और सराय काले खां स्टेशन शामिल हैंदिल्ली खंड की कुल लंबाई 14 किलोमीटर है, जिसमें आनंद विहार (भूमिगत), न्यू अशोक नगर और सराय काले खां स्टेशन शामिल हैं। इनमें से आनंद विहार और न्यू अशोक नगर पर नमो भारत ट्रेनों का संचालन पहले ही शुरू हो चुका है। वर्तमान में न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक 55 किलोमीटर के खंड में नमो भारत ट्रेनें चल रही हैं। इस रूट पर 11 स्टेशन हैं। अब सराय काले खां को जोड़े जाने से परिचालित खंड का विस्तार होगा।एनसीआरटीसी की योजना है कि 82 किलोमीटर लंबे पूरे दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर पर इस वर्ष के अंत तक ट्रेन संचालन शुरू हो जाएएनसीआरटीसी की योजना है कि 82 किलोमीटर लंबे पूरे दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर पर इस वर्ष के अंत तक ट्रेन संचालन शुरू हो जाए, जिससे सराय काले खां से मोदीपुरम, मेरठ तक की दूरी एक घंटे से भी कम समय में तय की जा सकेगी। -
नई दिल्ली। बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर कई प्रमुख नेता संसद परिसर में प्रेरणा स्थल पर एकत्र हुए और बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को उनकी जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश के सैन्य छावनी (महू) में जन्मे डॉ. अंबेडकर एक महान विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, समाज सुधारक और राजनीतिज्ञ थे। भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार के रूप में उन्होंने संविधान की मसौदा समिति की अध्यक्षता की और बाद में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल में पहले कानून और न्याय मंत्री के रूप में कार्य किया।
भारतीय संविधान के निर्माता को पुष्पांजलि अर्पित की और समारोह में मौजूद बौद्ध भिक्षुओं से आशीर्वाद लियाडॉ. अंबेडकर की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू शामिल थे। उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माता को पुष्पांजलि अर्पित की और समारोह में मौजूद बौद्ध भिक्षुओं से आशीर्वाद लिया।बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर का जीवन प्रेरणादायीइससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने एक्स पर पोस्ट में कहा, “हमारे संविधान के निर्माता बाबासाहेब भीमराव रामजी अंबेडकर की जयंती के अवसर पर, मैं सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देती हूं।” उन्होंने कहा, “बाबासाहेब ने अपने प्रेरक जीवन में अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करते हुए भी अपनी एक अलग पहचान बनाई और अपनी असाधारण उपलब्धियों से दुनिया भर में सम्मान अर्जित किया।”बाबासाहेब की प्रेरणा से देश प्रगति के पथ पर अग्रसरनरेंद्र मोदी ने भी डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनकी प्रेरणा से देश प्रगति के पथ पर अग्रसर है। पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, “सभी देशवासियों की ओर से भारत रत्न पूज्य बाबासाहेब को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। यह उन्हीं की प्रेरणा है कि देश आज सामाजिक न्याय के सपने को साकार करने में समर्पित भाव से जुटा हुआ है। उनके सिद्धांत और आदर्श आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण को मजबूती और गति देने वाले हैं।” -
नई दिल्ली। संविधान निर्माता डाॅ. बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की आज जयंती है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अंबेडकर जयंती पर सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं। राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में बाबासाहेब की तस्वीर के साथ संदेश भी साझा किया।
असाधारण उपलब्धियों से विश्व स्तर पर सम्मान अर्जित कियाराष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने संदेश में कहा, “भारतीय संविधान के शिल्पकार, बाबासाहेब भीमराव रामजी अंबेडकर के जन्म दिवस पर मैं सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देती हूं। अपने प्रेरणादायी जीवन में बाबासाहेब ने अत्यंत विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए अपनी विशेष पहचान बनाई और असाधारण उपलब्धियों से विश्व स्तर पर सम्मान अर्जित किया।”महिलाओं और वंचित वर्गों को समान आर्थिक और सामाजिक अधिकार दिलाने के लिए उन्होंने आजीवन संघर्ष कियासंदेश में आगे कहा, “विलक्षण क्षमताओं और बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी बाबासाहेब अर्थशास्त्री, शिक्षाविद, न्यायविद और महान समाज सुधारक थे। वे समानता के प्रबल पक्षधर थे। उन्होंने महिलाओं तथा पिछड़े और वंचित वर्गों को समान आर्थिक और सामाजिक अधिकार दिलाने के लिए आजीवन संघर्ष किया। वे शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन और वंचित वर्गों के सशक्तिकरण का महत्वपूर्ण साधन मानते थे। विभिन्न क्षेत्रों में उनका अमूल्य योगदान भावी पीढ़ियों को राष्ट्र-निर्माण के लिए प्रतिबद्ध होकर कार्य करने के लिए प्रेरित करता रहेगा।”डॉ. अंबेडकर की शिक्षाओं और आदर्शों को जीवन में अपनाने की जरूरतउन्होंने कहा, “आइए, इस अवसर पर हम सब डॉ. अंबेडकर की शिक्षाओं और आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लें और एक ऐसे भारत का निर्माण करें जहां सामाजिक समरसता और समानता का आदर्श स्वरूप दिखाई दे।”बाबासाहेब ने अपना पूरा जीवन दीन दुखियों की सेवा में समर्पित कर दियाइससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने रविवार को अंबेडकर जयंती की पूर्व संध्या पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी थीं। राष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा था, “हमारे संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर मैं सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देती हूं। अपने प्रेरणादायक जीवन में बाबा साहेब ने अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करते हुए भी अपनी एक अलग पहचान बनाई और अपनी असाधारण उपलब्धियों से दुनिया भर में सम्मान प्राप्त किया।”डॉ. अंबेडकर को समानता, शिक्षा, और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में योगदान देने के लिए याद किया जाता हैबता दें कि हर साल 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती मनाई जाती है। यह दिन भारत के संविधान निर्माता, सामाजिक सुधारक और दलित आंदोलन के प्रणेता डॉ. भीमराव अंबेडकर के जन्मदिन को चिह्नित करता है। इस अवसर पर देशभर में विभिन्न कार्यक्रम, रैलियां और सांस्कृतिक आयोजन किए जाते हैं, जिसमें डॉ. भीमराव अंबेडकर की समानता, शिक्षा, और सामाजिक न्याय के योगदान को याद किया जाता है। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिसार को पहले एयरपोर्ट की सौगात दी। उन्होंने एयरपोर्ट से हिसार-अयोध्या फ्लाइट को हरी झंडी दिखाई और बटन दबाकर नए टर्मिनल का शिलान्यास भी किया। हरियाणावासियों को इस शुभ दिन की बधाई देते हुए उन्होंने कहा, “यह शुरुआत हरियाणा के विकास को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाएगी।”
आज हरियाणा से अयोध्या धाम के लिए फ्लाइट शुरूपीएम मोदी ने कहा, “आज हरियाणा से अयोध्या धाम के लिए फ्लाइट शुरू हुई है। यानी अब श्रीकृष्ण जी की पावन भूमि हरियाणा, श्रीराम जी की भूमि से सीधे जुड़ गई है। बहुत जल्द यहां से दूसरे शहरों के लिए भी उड़ानें शुरू होंगी। आज हिसार एयरपोर्ट की नई टर्मिनल बिल्डिंग का शिलान्यास भी हुआ है। यह शुरुआत हरियाणा के विकास को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाएगी। हरियाणा के लोगों को इस नई शुरुआत के लिए ढेर सारी बधाई देता हूं। मेरा आपसे वादा रहा है कि हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज में उड़ेगा।”आज देश में एयरपोर्ट की संख्या 150 के पार हो गई हैप्रधानमंत्री ने एक आंकड़े की जुबानी आम लोगों की हवाई यात्रा की कहानी सुनाई। उन्होंने कहा, “बीते दस सालों में करोड़ों भारतीयों ने जीवन में पहली बार हवाई सफर किया है। हमने वहां भी नए एयरपोर्ट बनाए, जहां कभी अच्छे रेलवे स्टेशन तक नहीं थे। 2014 से पहले देश में 74 एयरपोर्ट थे, 70 साल में 74। आज देश में एयरपोर्ट की संख्या 150 के पार हो गई है।”बाबा साहेब का जीवन हमारी सरकार के लिए प्रेरणा स्तंभपीएम मोदी ने अंबेडकर जयंती के खास अवसर पर लोगों को बधाई देते हुए कहा, “आज का दिन हम सभी के लिए, पूरे देश के लिए और खासकर दलित, पीड़ित, वंचित, शोषित के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है। उनके जीवन में ये दूसरी दिवाली है। आज संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती है। उनका जीवन, उनका संघर्ष, उनका संदेश हमारी सरकार की 11 साल की यात्रा का प्रेरणा स्तंभ बना है। हर दिन, हर फैसला, हर नीति, बाबा साहेब अंबेडकर को समर्पित है।”हमारे साथियों के परिश्रम ने बीजेपी की हरियाणा में नींव को मजबूत किया हैइससे पहले पीएम मोदी ने हिसार से अपने पुराने रिश्ते का जिक्र किया। बोले, “खाटे जवान, खाटे खिलाड़ी, और थारा भाईचारा जो है हरियाणा की पहचान। हिसार से मेरी इतनी यादें जुड़ी हुई हैं। जब भाजपा ने मुझे हरियाणा की जिम्मेदारी दी थी, तो यहां अनेक साथियों के साथ मैंने लंबे समय तक काम किया। इन सभी साथियों के परिश्रम ने बीजेपी की हरियाणा में नींव को मजबूत किया है। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को अपने एक दिवसीय दौरे पर हरियाणा पहुंचे। यहां पहुंचकर उन्होंने सबसे पहले हिसार हवाई अड्डे का उद्घाटन किया और हिसार से अयोध्या के लिए सीधी उड़ान को हरी झंडी दिखाई। इसके बाद पीएम मोदी ने जहां एक तरफ मंच से वक्फ कानून को लेकर अपनी सरकार की नई नीति के बारे में बताया, वहीं कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए बाबा साहेब अंबेडकर के अपमान का आरोप भी लगाया।
वक्फ की ज़मीन से गरीबों, बेसहारा महिलाओं और बच्चों का भला होना चाहिए थाप्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा, “वक्फ के नाम पर लाखों हेक्टेयर जमीन पूरे देश में है। इस जमीन से गरीबों का, बेसहारा महिलाओं-बच्चों का भला होना चाहिए था। अगर ईमानदारी से इसका उपयोग हुआ होता, तो मुसलमानों को साइकिल के पंचर बनाने की जरूरत नहीं होती। इससे सिर्फ भू-माफिया को ही फायदा हुआ। ये माफिया इस कानून के जरिए गरीबों की जमीन लूट रहे थे।”सैकड़ों विधवा मुस्लिम महिलाओं ने सरकार को पत्र लिखकर वक्फ कानून में बदलाव की मांग की थीपीएम मोदी ने वक्फ कानून को लेकर की गई गुहार का भी जिक्र किया। बताया कि सैकड़ों विधवा मुस्लिम महिलाओं ने सरकार को पत्र लिखकर वक्फ कानून में बदलाव की मांग की थी, जिसके बाद सरकार ने इसमें संशोधन किया। पीएम मोदी ने कहा, “हमने बहुत बड़ा काम किया है। अब नए वक्फ कानून के तहत किसी भी आदिवासी की जमीन को, हिंदुस्तान के किसी भी कोने में, वक्फ बोर्ड हाथ भी नहीं लगा पाएगा। नए प्रावधान वक्फ की पवित्र भावना का सम्मान करते हुए बनाए गए हैं।”जब तक बाबा साहेब जीवित थे, कांग्रेस ने उन्हें अपमानित कियाअपने भाषण में पीएम मोदी ने कांग्रेस को भी आड़े हाथों लिया और आरोप लगाया कि पार्टी ही संविधान की भक्षक बन गई। उन्होंने कहा, “हमें ये भूलना नहीं चाहिए कि कांग्रेस ने बाबा साहेब के साथ क्या किया। जब तक बाबा साहेब जीवित थे, कांग्रेस ने उन्हें अपमानित किया। दो-दो बार उन्हें चुनाव हरवाया। कांग्रेस ने उनकी याद तक मिटाने की कोशिश की। कांग्रेस ने बाबा साहेब के विचारों को भी हमेशा के लिए खत्म कर देना चाहा। डॉ. अंबेडकर संविधान के संरक्षक थे, लेकिन कांग्रेस संविधान की भक्षक बन गई है।” -
मथुरा। जिले में दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक ट्रक के केबिन में अपने पिता की गोद में बैठे चार साल के बच्चे की गर्दन में ट्रक का ‘साइड व्यू मिरर' का टुकड़ा टूट कर घुस गया जिससे उसकी मौके पर ही मृत्यु हो गयी। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। जैंत थाने के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) अश्विनी कुमार ने बताया कि शनिवार को राजमार्ग पर चौमुहां कस्बे के समीप से एक ट्रक दिल्ली की ओर से आगरा की तरफ जा रहा था तथा उसमें आगरा के बाह थाना क्षेत्र के गांव जरार का निवासी राकेश अपने चार वर्षीय पुत्र प्रिंस को गोद में लेकर केबिन में बैठा हुआ था। वह राजस्थान के भिवाड़ी से अपने गांव लौट रहा था। एसएचओ ने बताया कि जब ट्रक आझई गांव के निकट से गुजर रहा था, तभी ट्रक चालक ने आगे चल रहे ट्रक को ओवरटेक करने का प्रयास किया तथा उसी वक्त दूसरे ट्रक से रगड़ लगने पर उस ट्रक का ‘साइड व्यू मिरर' का कांच टूटकर केबिन में बैठे बच्चे की गर्दन में घुस गया जिससे अत्यधिक रक्तस्राव होने के कारण उसकी मौके पर ही मौत हो गयी। उन्होंने कहा कि पुलिस ने पोस्टमॉर्टम कराकर बच्चे का शव उसके पिता को सौंप दिया। इस मामले में देर शाम तक कोई तहरीर न मिलने के कारण मुकदमा दर्ज नहीं किया गया।
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मुंबई। महाराष्ट्र के सभी मंदिरों में धीरे-धीरे आगंतुकों के लिए ड्रेस कोड लागू किया जा रहा है। इन पूजा स्थलों का प्रबंधन करने वाले न्यासियों ने दिशा-निर्देश जारी कर भक्तों से शालीन और पारंपरिक कपड़े पहनने का आग्रह किया है। मंदिरों के न्यासियों का मानना है कि धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखने के लिए ‘ड्रेस कोड' आवश्यक है जबकि धार्मिक स्थलों में आने वाले लोग मिली-जुली प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। ‘चिंचवड देवस्थान ट्रस्ट' द्वारा प्रबंधित मंदिरों ने शुक्रवार को परामर्श जारी कर श्रद्धालुओं से ‘उचित'' पोशाक पहन कर आने का अनुरोध किया है। यह ट्रस्ट पुणे जिले के मोरगांव और थेऊर, अहिल्यानगर में सिद्धटेक और पिंपरी चिंचवड में मोरया गोसावी संजीवन और रायगढ़ में खार नारंगी स्थित मंदिर का प्रबंधन करता है। ट्रस्ट ने यह स्पष्ट किया कि ‘ड्रेस कोड' अनिवार्य नहीं बल्कि इन मंदिरों में शिष्टाचार को बनाए रखने के लिए यह एक सम्मानजनक अपील है। पुणे की निवासी अदिति काणे ने कहा, ‘इन दिनों लोग मंदिर जाने की योजना पहले से नहीं बनाते बल्कि वे अपनी छुट्टियों के दौरान किसी स्थान पर जाते समय यहां चले जाते हैं। मैं अपनी छुट्टियों के दौरान मंदिर गई और वहां मैंने देखा कि बहुत कम श्रद्धालुओं को छोड़कर अधिकांश लोगों ने सभ्य पोशाक पहनी हुई थी। मंदिर प्रबंधन द्वारा ड्रेस कोड के बारे में अपनी अपेक्षाएं व्यक्त करने में कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन उन्हें इसे लागू नहीं करना चाहिए।'' मुंबई स्थित श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट ने इस वर्ष जनवरी में इस प्रमुख मंदिर के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिए जाने की घोषणा की। इस प्रसिद्ध मंदिर में मशहूर हस्तियों सहित हजारों लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। पिछले साल रत्नागिरी के 50 मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया था और मंदिरों के प्रवेश द्वारों पर सूचना पट्ट लगाकर लोगों से पूरे कपड़े पहनने और आपत्तिजनक कपड़ों से बचने का आग्रह किया गया था। महाराष्ट्र मंदिर महासंघ ने रत्नागिरी में 11 स्थानों पर बैठकें कीं और मंदिरों के न्यासियों ने इन बैठकों के दौरान मंदिरों में पारंपरिक भारतीय परिधानों का ड्रेस कोड लागू करने का फैसला किया। अहिल्यानगर जिले के कम से कम 16 मंदिरों में भी इस तरह के प्रतिबंध लगाए गए और यहां जींस, स्कर्ट, शॉर्ट्स या आपत्तिजनक कपड़े पहन कर आने पर रोक लगा दी। दक्षिणपंथी संगठन महाराष्ट्र मंदिर महासंघ और हिंदू जनजागृति ने कहा कि अहिल्यानगर और संभवतः पूरे महाराष्ट्र के सभी मंदिरों में समान ड्रेस कोड लागू किया जाएगा। उन्होंने राज्य सरकार से शिरडी साईं बाबा मंदिर और अहिल्यानगर जिले के शनि शिंगणापुर मंदिर जैसे प्रमुख मंदिरों में ड्रेस कोड लागू करने की भी अपील की है। मंदिरों में ड्रेस कोड को लेकर श्रद्धालुओं ने मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है।
मुंबई निवासी वनिता सोमवंशी ने कहा, ड्रेस कोड उचित है क्योंकि लोगों के दिल और दिमाग में श्रद्धा होती है और वे इसी श्रद्धा के साथ मंदिर में आते हैं। बेहतर होगा कि आप ऐसे कपड़े न पहनें जो आपत्तिजनक हो या बहुत ज़्यादा फैशनेबल हों जैसे कि फटी या कटी हुई जींस। यहां तक कि मंदिरों में ऐसी टी-शर्ट भी पहन कर आने से बचना चाहिए, जिसपर आपत्तिजनक कैप्शन लिखा हो। -
मुंबई. मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक यात्री के जूतों से 6.3 करोड़ रुपये मूल्य का सोना बरामद होने के बाद राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। एक अधिकारी ने बताया कि सोना तस्करी गिरोह से जुड़े एक संभावित खरीदार को भी गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने बताया कि विशिष्ट जानकारी के आधार पर डीआरआई के अधिकारियों ने बैंकॉक से छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे एक यात्री को रोका। उसकी तलाशी लेने पर उसके जूतों में छिपाकर रखा गया 6.7 किलोग्राम सोना बरामद हुआ, जिसकी कीमत 6.3 करोड़ रुपये आंकी गई है। अधिकारी ने बताया कि तस्करी करके लाए गए सोने के संभावित खरीदार का नाम पूछताछ में सामने आया और बाद में उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया। -
नई दिल्ली। केंद्र सरकार अगले दो वर्षों में देशभर में राजमार्गों को मजबूत करने के लिए ₹10 लाख करोड़ रुपए (₹10 ट्रिलियन) का निवेश करने की योजना बना रही है, जिसमें पूर्वोत्तर क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जहां सड़कें अमेरिका की सड़कों की बराबरी करेंगी। यह जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में दी।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार देश के बुनियादी ढांचे को अगले दो वर्षों में पूरी तरह बदलने के लिए काम कर रही है ताकि यह विश्वस्तरीय मानकों पर खरा उतर सके। “हम अगले दो वर्षों में देशभर में राजमार्गों को मजबूत करने के लिए ₹10 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाएं शुरू करने की योजना बना रहे हैं, जिसमें पूर्वोत्तर और सीमावर्ती क्षेत्रों के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने पर विशेष जोर दिया जाएगा। आने वाले दो वर्षों में पूर्वोत्तर की सड़कें अमेरिका की सड़कों के समकक्ष होंगी,” गडकरी ने कहा।गडकरी ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र का भूगोल जटिल है और वह सीमाओं के पास स्थित है, इसलिए वहां सड़क ढांचे को बेहतर बनाने की तत्काल जरूरत है। “हमारा लक्ष्य है कि देश के बुनियादी ढांचे को पूरी तरह बदल दिया जाए ताकि वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्तर का हो सके,” उन्होंने कहा। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान और दिल्ली सहित सभी राज्यों में काम चल रहा है।केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने बताया कि पूर्वी राज्यों में ₹3,73,484 करोड़ रुपए की लागत से 21,355 किलोमीटर की लंबाई वाली 784 राजमार्ग परियोजनाएं लागू की जाएंगी। इन परियोजनाओं में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) की योजनाएं शामिल हैं।“हम फिलहाल असम में ₹57,696 करोड़ रुपए , बिहार में ₹90,000 करोड़ रुपए , पश्चिम बंगाल में ₹42,000 करोड़ रुपए से अधिक, झारखंड में ₹53,000 करोड़ रुपए और ओडिशा में करीब ₹58,000 करोड़ रुपए की परियोजनाएं चला रहे हैं,” गडकरी ने बताया। “पूर्वोत्तर में, असम को छोड़कर, हम इस वर्ष ही लगभग ₹1 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाएं कर रहे हैं,” ।नागपुर में चलेगी 135 सीटों वाली बसगडकरी ने बताया कि नागपुर में ₹170 करोड़ रुपए की लागत से एक मास रैपिड ट्रांसपोर्ट पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है। “इस परियोजना में एक 135 सीटों वाली बस शामिल है, जो गैर-प्रदूषणकारी ऊर्जा स्रोतों पर चलेगी और अत्यंत किफायती मानी जा रही है। अगर यह सफल होती है, तो इसे देशभर के प्रमुख मार्गों पर दोहराया जाएगा, जिसमें दिल्ली-जयपुर मार्ग भी शामिल है, और इसे बीओटी (बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर) मॉडल के तहत लागू किया जाएगा,”मोदी सरकार में NH 91,287 किमी से 1,46,204 किमी हुएकेंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क की लंबाई में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो मार्च 2014 में 91,287 किलोमीटर थी और अब 1,46,204 किलोमीटर हो गई है, साथ ही मानकों में भी काफी सुधार हुआ है। दो लेन से कम चौड़ाई वाले राष्ट्रीय राजमार्गों का अनुपात भी घटकर 30 प्रतिशत से सिर्फ 9 प्रतिशत रह गया है। 2024–25 में NHAI ने 5,614 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया, जो उसके 5,150 किलोमीटर के लक्ष्य से अधिक है। - बीजिंग. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन के प्रतिष्ठित विद्वान प्रोफेसर वांग झिचेंग को पत्र लिखकर चीन में योग, वेदांत और भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं को लोकप्रिय बनाने की दिशा में उनके प्रयासों की सराहना की है। वाणिज्य दूतावास की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि भारतीय महावाणिज्य दूत प्रतीक माथुर ने बृहस्पतिवार को एक समारोह में प्रोफेसर वांग को प्रधानमंत्री का पत्र सौंपा। विज्ञप्ति में कहा गया कि यह समारोह हांग्झो के प्रतिष्ठित झेजियांग विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित किया गया। भारत और चीन इस वर्ष राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। अपने पत्र में मोदी ने भारतीय दार्शनिक परंपराओं की गहरी समझ को विशेष रूप से योग और वेदांत पर कार्यों के माध्यम से बढ़ावा देने के प्रति वांग के समर्पण की सराहना की। अपने संबोधन में महावाणिज्यदूत माथुर ने वांग के ‘‘भारतीय संस्कृति को लोकप्रिय बनाने के अथक प्रयासों'' की प्रशंसा की तथा इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे योग सांस्कृतिक कूटनीति के लिए एक मजबूत माध्यम बन गया है। प्रेस विज्ञप्ति में उनके हवाले से कहा गया है, ‘‘प्रोफेसर वांग का योगदान भारत और चीन की हमारे समृद्ध इतिहास और परंपराओं के माध्यम से जुड़ने की साझा आकांक्षाओं का उदाहरण है।'' माथुर ने कहा, ‘‘चीन में योग की लोकप्रियता इसकी सार्वभौमिक अपील और हमारे लोगों को एक-दूसरे के करीब लाने की इसकी क्षमता का प्रमाण है।'' प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि वांग के प्रयासों ने चीन में योग की लोकप्रियता बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और चीन में यह शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए व्यापक रूप से अपनाई जाने वाली पद्धति के रूप में उभरी है। पिछले दशक में, चीनी शहरों में योग काफी लोकप्रिय हुआ है। लाखों लोग योग कक्षाओं, कार्यशालाओं और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस जैसे कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं।
- नरसिंहपुर. मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले में शनिवार को छह लोगों ने एक हिंदी दैनिक के 45 वर्षीय पत्रकार के घर में घुसकर तलवारों से हमला किया। पुलिस ने यह जानकारी दी। नरसिंहपुर के पुलिस उपाधीक्षक मनोज गुप्ता ने बताया कि ब्रजेश दीक्षित के सिर और शरीर के अन्य हिस्सों में चोटें आयी हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अधिकारी ने बताया कि हमलावर देर रात करीब दो बजे जिला मुख्यालय से 22 किलोमीटर दूर आमगांव इलाके में स्थित दीक्षित के घर में जबरन घुस गए। पत्रकार के अनुसार, उन्हें इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि उन्होंने जिले के करेली क्षेत्र में फल-फूल रहे सट्टेबाजी गिरोह का पर्दाफाश करने वाली खबरें चलाई थीं। शाम को पत्रकारों ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर करेली के आमगांव थाने का घेराव किया। डीएसपी गुप्ता ने बताय बताया कि चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है और बाकी दो की तलाश जारी है।
- नयी दिल्ली. देशभर में शनिवार को हनुमान जयंती पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस दौरान कई स्थानों पर शोभा यात्रा निकाली गई और हनुमान जी की आरती की गई। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हनुमान जयंती के मौके पर शालीमारबाग निर्वाचन क्षेत्र के एक मंदिर में भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना की और इसके बाद उन्होंने एक स्वचालित चपाती बनाने वाली मशीन का उद्घाटन किया, जिससे एक घंटे में 1200 रोटियां बनाई जा सकती हैं। गुप्ता ने कहा कि शालीमार बाग स्थित सिद्ध कात्यायनी देवी मंदिर में स्वचालित चपाती बनाने वाली मशीन दैनिक ‘अन्न सेवा' में मदद करेगी, जिससे गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने भगवान हनुमान से प्रार्थना की है कि वे ‘विकसित दिल्ली' के लिए भाजपा सरकार के प्रयासों को आशीर्वाद दें। गुप्ता ने करोल बाग में संकट मोचन हनुमान मंदिर में भी दर्शन किए। इस बीच, एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने ‘‘संवेदनशीलता और कानून-व्यवस्था' के मद्देनजर उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) को शोभा यात्रा निकालने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। पिछले साल सांप्रदायिक हिंसा से प्रभावित उत्तर प्रदेश के संभल शहर में भी शनिवार को हनुमान जयंती पर भव्य शोभायात्रा निकाली गई। कड़ी सुरक्षा के बीच हल्लू सराय स्थित श्री बाला जी मंदिर से जय बजरंगबली के जयघोष के साथ शोभा यात्रा निकाली गई और यह कई इलाकों से गुजरी। हल्लू सराय स्थित श्री बाला जी मंदिर में सुबह से ही भक्ति कार्यक्रमों की श्रृंखला शुरू हुई। शहर भर में और शोभायात्रा के मार्ग पर पुलिस और ‘प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी' (पीएसी) के जवानों की भारी संख्या में तैनाती की गई थी। पिछले साल 24 नवंबर को शहर के कोट गर्वी क्षेत्र में अदालत के आदेश पर एक मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क गई थी जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। हनुमान जयंती के अवसर पर वाराणसी के मंदिरों में रंग-बिरंगी सजावट की गई, सुबह से ही आरती, भक्ति गीत और रामचरितमानस का पाठ किया गया। कई स्थानीय समितियों ने शोभायात्राएं निकालीं, जबकि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने शांति व सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शहर में गश्त की। समारोह के प्रमुख केंद्र, प्रसिद्ध संकट मोचन मंदिर में विशेष व्यवस्था की गई थी।संकट मोचन मंदिर के महंत प्रोफेसर विशंभर नाथ मिश्रा ने बताया, “हनुमान जयंती के अवसर पर मंदिर परिसर में भगवान हनुमान का विशेष श्रृंगार, झांकी, पूजा और आरती की जा रही है। सुबह की शुरुआत शहनाई वादन, ब्राह्मण पुजारियों द्वारा रुद्राभिषेक, रामचरितमानस के पाठ, सीता-राम कीर्तन और वाल्मीकि रामायण के सुंदरकांड से हुई।” पश्चिम बंगाल में शनिवार को कई जगहों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं और अन्य संगठनों ने कड़ी सुरक्षा के बीच हनुमान जयंती मनाई। सूत्रों ने बताया कि भाजपा और अन्य संगठनों ने कोलकाता में करीब 60 जगहों पर पूजा व हनुमान चालीसा का पाठ किया। सिलीगुड़ी, आसनसोल, पुरुलिया और दुर्गापुर सहित राज्य भर में विभिन्न स्थानों पर भी हनुमान जयंती मनाई गई। तेलंगाना के हैदराबाद में, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) नेता और पूर्व भाजपा सांसद रामविलास वेदांती ने गौलीगुड़ा स्थित हनुमान मंदिर में बजरंग दल द्वारा आयोजित हनुमान जयंती ‘शोभा यात्रा' की शुरुआत की। ‘जय श्री राम' के नारों के बीच हजारों युवाओं ने शोभा यात्रा में हिस्सा लिया। वेदांती ने कामना की कि नरेन्द्र मोदी चौथी बार प्रधानमंत्री बनें और देश ‘हिंदू राष्ट्र' बने। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस अवसर पर इंदौर में पितृ पर्वत पर पूजा-अर्चना की।महाराष्ट्र में पुलिस ने बताया कि नासिक जिले में अंजनेरी पहाड़ी पर मधुमक्खियों के झुंड के हमले में कई श्रद्धालु मामूली रूप से घायल हो गए। एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना सुबह करीब साढ़े सात बजे हुई जब पहाड़ी पर स्थित मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ थी। नासिक से लगभग 20 किलोमीटर दूर अंजनेरी को भगवान हनुमान का जन्मस्थान माना जाता है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर जारी पोस्ट में कहा, ‘‘देशवासियों को हनुमान जयंती की ढेरों शुभकामनाएं। संकटमोचन की कृपा से आप सभी का जीवन सदैव स्वस्थ, सुखी और संपन्न रहे, यही कामना है।'' महाकाव्य ‘रामायण' में भगवान राम के भक्त और शक्तिशाली योद्धा के रूप में वर्णित भगवान हनुमान पूरे देश में पूजनीय हैं।
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को जलियांवाला बाग की शहादत याद दिलाई है। उन्होंने मासूम लोगों के बलिदान को स्वतंत्रता संग्राम का एक अहम मोड़ भी बताया है। प्रधानमंत्री मोदी ने बैसाखी के दिन दो पोस्ट की। पहले में बैसाखी की शुभकामनाएं दीं तो दूसरे में भारतीय इतिहास के काले अध्याय को याद दिलाया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- हम जलियांवाला बाग के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं। आने वाली पीढ़ियां उनके अदम्य साहस को हमेशा याद रखेंगी। यह वास्तव में हमारे देश के इतिहास का एक काला अध्याय था। उनका बलिदान भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मोड़ बन गया।
जलियांवाला बाग कांड अंग्रेजी हुकूमत की अमानवीयता की पराकाष्ठापीएम मोदी से पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी एक्स पोस्ट में उस नरसंहार को भारत के स्वतंत्रता संग्राम का काला अध्याय बताया। उन्होंने इसे अंग्रेजी हुकूमत की अमानवीयता की पराकाष्ठा बताया। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी जलियांवाला बाग नरसंहार को याद करते हुए लिखा- जलियांवाला बाग के अमर बलिदानियों को हम सिर झुकाकर नमन करते हैं। कृतज्ञ राष्ट्र उन निःशस्त्र स्वाधीनता सेनानियों की देशभक्ति, उनके साहस, समर्पण, त्याग और निःस्वार्थ बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। आजादी की लड़ाई में उनकी शहादत का अमिट योगदान अविस्मरणीय रहेगा।जलियांवाला बाग में उस दिन अंग्रेजों के दमनकारी कानून ‘रॉलेट एक्ट’ के खिलाफ शांतिपूर्ण सभा का किया गया था आयोजनबता दें, बैसाखी के दिन ही 1919 में अमृतसर स्थित जलियांवाला बाग में अंग्रेज अफसर ने क्रूरता की हद पार करते हुए निहत्थे और मासूम लोगों पर गोलियां चलाने का हुक्म दिया। चूंकि उस दिन बैसाखी थी, तो बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे मेले में शामिल होने आए थे। इस अमानवीय घटना में सैकड़ों की जान गई, जिसमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल थीं। जलियांवाला बाग में उस दिन अंग्रेजों के दमनकारी कानून ‘रॉलेट एक्ट’ के खिलाफ शांतिपूर्ण सभा का भी आयोजन किया गया था। अंग्रेजों ने शहर में कर्फ्यू का ऐलान किया था, इसके बावजूद हजारों की संख्या में लोग जनसभा में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे थे।सभा में इतनी बड़ी संख्या में भीड़ देखकर अंग्रेज अफसर बौखला गए और भीड़ को संभालने पहुंचे जनरल रेजीनॉल्ड डायर ने 90 सिपाहियों को गोली चलाने का आदेश दे दिया और बिना किसी चेतावनी के भीड़ पर गोलियां दाग दी गईं। -
नई दिल्ली। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की नगरी अयोध्या में ‘रन फॉर राम’ मैराथन का आयोजन किया गया। राम पथ पर आयोजित इस मैराथन में देशभर से आए हजारों धावकों ने हिस्सा लिया। मैराथन तीन श्रेणियों में आयोजित की गई। पहली श्रेणी 21 किलोमीटर की फुल मैराथन थी, जिसमें प्रथम पुरस्कार 21,000 रुपये, द्वितीय पुरस्कार 15,000 रुपये और तृतीय पुरस्कार 7,500 रुपये दिया गया।
कुल एक लाख रुपये की पुरस्कार राशि वितरित की गईइस श्रेणी में कुल एक लाख रुपये की पुरस्कार राशि वितरित की गई। दूसरी श्रेणी 10 किलोमीटर की हाफ मैराथन थी, जिसमें भी महिला और पुरुष वर्ग में कुल एक लाख रुपये के पुरस्कार बांटे गए। तीसरी श्रेणी 3 किलोमीटर की फैमिली फन रन थी, जिसमें सभी प्रतिभागियों को मेडल और टी-शर्ट मुफ्त में दिए गए।21 किलोमीटर की दौड़ सुबह 4 बजे राम पथ से शुरू हुई21 किलोमीटर की दौड़ सुबह 4 बजे राम पथ से शुरू हुई, जबकि 10 किलोमीटर की दौड़ राम पथ से साहबगंज तक जाकर नया घाट पर समाप्त हुई। 3 किलोमीटर की फन रन धर्मपथ पर आयोजित की गई। इस मैराथन का आयोजन हर साल क्रीड़ा भारती करती है। आयोजन में विधान परिषद सदस्य अंगद सिंह, विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, प्रांत अध्यक्ष गोविंद पांडेय, आर.बी. सिंह, शिवांक रमन भदोरिया, अवधेश वर्मा, अनिल अग्रवाल, सत्यम कनौजिया सहित क्रीड़ा भारती के कई पदाधिकारी मौजूद रहे।अवध प्रांत के सभी जिलों में खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित की गईंसंगठन के अनिल मिश्रा ने कहा, “राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में हर साल ‘रन फॉर राम’ का आयोजन हो रहा है। इस बार अवध प्रांत के सभी जिलों में खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। हम सभी प्रतिभागियों और आयोजकों का स्वागत करते हैं। यह आयोजन और भव्य हो, यही प्रभु श्री राम से प्रार्थना है।”देश के विभिन्न प्रांतों से आए धावकों ने इसमें हिस्सा लियाक्रीड़ा भारती उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अवनीश सिंह ने बताया, “यह तीसरा मौका है, जब अयोध्या में ‘रन फॉर राम’ का आयोजन हुआ। देश के विभिन्न प्रांतों से आए धावकों ने इसमें हिस्सा लिया। 21 किलोमीटर, 10 किलोमीटर और 3 किलोमीटर की दौड़ में लाखों रुपये के पुरस्कार वितरित किए गए। फन रन में सभी को मेडल और टी-शर्ट दिए गए। यह आयोजन आस्था और उत्साह का अनूठा संगम है।” -
नई दिल्ली। दिल्ली के न्यू मोती बाग में ‘फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में भारी तादाद में लोगों ने हिस्सा लिया। उन्होंने खुद को फिट रखने और पर्यावरण को स्वच्छ बनाने की अपील की। ‘फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल’ कार्यक्रम में शामिल हुए एक शख्स ने बातचीत में कहा कि यह एक अच्छा अभियान है। मेरा मानना है कि लोगों को खुद को फिट रखने के लिए सुबह-सुबह शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए कुछ न कुछ एक्टिविटी करनी चाहिए।
खुद को फिट रखने के लिए साइकिलिंग जरूरीवहीं, एक अन्य शख्स ने बताया कि मैं साइकिलिंग नहीं करता हूं, लेकिन यह एक अच्छा अभियान है। मैं खुद को फिट रखने के लिए योग, क्रिकेट और जिम जाता हूं। मैं प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने ‘फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल’ कार्यक्रम की शुरुआत की है।‘फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल’ अभियान के लिए पीएम मोदी की सराहना कीकार्यक्रम में शामिल हुए एक युवा ने ‘फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल’ के लिए पीएम मोदी की तारीफ की। उन्होंने कहा, “मैं सभी लोगों से अपील करना चाहता हूं कि ‘फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल’ में अधिक से अधिक तादाद में जुड़ें। ताकि स्वच्छ पर्यावरण को बढ़ावा मिले और खुद की सेहत में सुधार हो।‘फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल’ अभियान को घर घर तक पहुंचाएंकार्यक्रम में शामिल हुई एक महिला ने बताया कि फिट इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत पीएम मोदी ने साल 2019 में की थी। उसके बाद से फिटनेस से संबंधित कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। उसी की तर्ज पर हर संडे को ‘फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल’ कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इससे फिटनेस का संदेश लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। मेरा मानना है कि साइकिलिंग करने से शरीर को काफी लाभ होता है।अभियान का उद्देश्य लोगों को शारीरिक रूप से सक्रिय रहने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना हैबता दें कि यह कार्यक्रम भारत सरकार के फिट इंडिया मिशन के तहत आयोजित किया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को शारीरिक रूप से सक्रिय रहने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।साइकिलिंग हृदय रोग, मधुमेह और मोटापे जैसे रोगों के जोखिम को कम करने में मदद करती है। -
नयी दिल्ली। दिल्ली हवाई अड्डे पर शनिवार को सैकड़ों यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ा क्योंकि 450 से अधिक उड़ानों में देरी हुई और भीड़भाड़ के कारण कई उड़ानें रद्द कर दी गईं। हालांकि, दोपहर बाद से स्थिति में सुधार होने लगा। शुक्रवार शाम और शनिवार सुबह हवाई अड्डे पर अव्यवस्था का माहौल देखा गया, जहां कई यात्री हवाई अड्डे के अंदर कुछ स्थानों पर खड़े होकर उड़ान से संबंधित जानकारी का इंतजार करते दिखे क्योंकि खराब मौसम के कारण उड़ानों में व्यवधान का असर शनिवार को भी बरकरार रहा। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर अव्यवस्था और उड़ान में देरी की शिकायत की तथा हवाई अड्डे के अंदर कुछ स्थानों पर भीड़भाड़ की तस्वीरें और वीडियो भी साझा किए।
प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण शुक्रवार शाम को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीआईए) पर परिचालन बाधित हो गया और इसके प्रभाव से शनिवार को भी उड़ानों की आवाजाही प्रभावित हुई। ‘दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड' (डायल) ने ‘एक्स' पर सात बजकर 19 मिनट पर एक पोस्ट में कहा कि हवाई अड्डे के सभी टर्मिनल पर उड़ान परिचालन सामान्य हो गया है। इसने पांच बजकर एक मिनट पर एक पोस्ट में कहा कि दिल्ली हवाई अड्डे पर उड़ान परिचालन में सुधार हो रहा है; हालांकि, कल रात की मौसम की स्थिति के कारण कुछ उड़ानें अब भी प्रभावित हैं। पोस्ट में कहा गया, ‘‘हमारी विभिन्न टीम असुविधा को कम से कम करने के लिए मिलकर काम कर रही हैं । कृपया, अद्यतन जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट और एयरलाइन की वेबसाइट पर उड़ानों की स्थिति जांच कर लें।
उड़ानों पर नजर रखने वाली वेबसाइट ‘फ्लाइटरडार24डॉट कॉम' पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 450 से अधिक उड़ानों की आवाजाही में देरी हुई है और उड़ान प्रस्थान में औसत देरी 50 मिनट से अधिक थी। विमानन कंपनी इंडिगो ने ‘एक्स' पर दोपहर एक बजकर 32 मिनट पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘दिल्ली में हवाई यातायात की भीड़ के कारण विमानों को उड़ान भरने और उतरने की मंजूरी के लिए रोका जा रहा है। इस वजह से पूरे नेटवर्क में कुछ उड़ानें भी प्रभावित हुई हैं।'' एयर इंडिया ने दो बजकर 41 मिनट पर ‘एक्स' पर एक पोस्ट में आज दिल्ली से आने-जाने वाले यात्रियों से कहा कि वे शाम साढ़े पांच बजे से रात नौ बजे के बीच भारी धूल भरी हवाओं के पूर्वानुमान के कारण संभावित व्यवधानों के प्रति सचेत रहें। -
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि भारत अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता के लिए अधिक तत्परता से तैयार है। कार्नेगी ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट में अपने मुख्य भाषण में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत के व्यापार सौदे बहुत चुनौतीपूर्ण होंगे, क्योंकि अमेरिका बहुत महत्वाकांक्षी है और वैश्विक परिदृश्य एक साल पहले की तुलना में बहुत अलग है।
हमारे व्यापार सौदे वास्तव में चुनौतीपूर्णउन्होंने कहा, “इस बार, हम निश्चित रूप से तत्काल व्यापार वार्ता के लिए तैयार हैं। हमें एक अवसर दिखाई दे रहा है। हमारे व्यापार सौदे वास्तव में चुनौतीपूर्ण हैं और जब व्यापार सौदों की बात आती है, तो हमें एक-दूसरे के साथ बहुत कुछ करना होता है। मेरा मतलब है कि ये लोग अपने खेल में बहुत आगे हैं, जो हासिल करना चाहते हैं, उसके बारे में बहुत महत्वाकांक्षी हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह अमेरिका का भारत के प्रति दृष्टिकोण है, उसी तरह भारत का भी उनके प्रति दृष्टिकोण है। हमने पहले ट्रंप प्रशासन में चार साल तक बातचीत की। उनका हमारे प्रति अपना दृष्टिकोण है और स्पष्ट रूप से हमारा उनके प्रति अपना दृष्टिकोण है।अमेरिका ने दुनिया के साथ जुड़ने के अपने दृष्टिकोण को बदल दिया हैउन्होंने आगे कहा, “अमेरिका ने दुनिया के साथ जुड़ने के अपने दृष्टिकोण को मौलिक रूप से बदल दिया है और इसका परिणाम हर क्षेत्र में है, लेकिन मेरा मानना है कि तकनीकी परिणाम विशेष रूप से गहरे होंगे।” विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, “यह न केवल इसलिए गहरा होगा क्योंकि अमेरिका सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, वैश्विक तकनीकी प्रगति का मुख्य चालक है, बल्कि इसलिए भी कि यह बहुत स्पष्ट है कि अमेरिका को फिर से महान बनाने में तकनीक की बड़ी भूमिका है। इसलिए एमएजीए और तकनीक के बीच एक संबंध है, जो शायद 2016 और 2020 के बीच इतना स्पष्ट नहीं था।”अमेरिका-चीन व्यापार की गतिशीलता व्यापार के साथ-साथ टेक्नोलॉजी से भी प्रभावित होती हैउन्होंने पिछले एक साल में चीन के बढ़ते भू-राजनीतिक प्रभाव के साथ हो रहे वैश्विक शक्ति परिवर्तन पर भी प्रकाश डाला। केंद्रीय मंत्री जयशंकर ने कहा कि अमेरिका-चीन व्यापार की गतिशीलता व्यापार के साथ-साथ टेक्नोलॉजी से भी प्रभावित होती है और चीन के निर्णय अमेरिका की तरह ही महत्वपूर्ण हैं। वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य में बदलावों पर प्रकाश डालते हुए, विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि यूरोप भी खुद को तनावपूर्ण स्थिति में पाता है।पांच साल पहले, मुझे लगता है कि यूरोप में शायद सबसे अच्छी भू-राजनीतिक स्थिति थीउन्होंने कहा, “पांच साल पहले, मुझे लगता है कि यूरोप में शायद सबसे अच्छी भू-राजनीतिक स्थिति थी। इसने संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के बीच आदर्श त्रिकोण का निर्माण किया था। आज, उसका हर पक्ष तनाव में है।” जयशंकर ने बताया कि जापान, दक्षिण कोरिया और ताइवान ने भी तकनीकी प्रगति के माध्यम से भू-राजनीतिक प्रभाव बनाने की कोशिश की है।भारत भी डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर में प्रगति कर रहा है और कई दशकों के बाद सेमीकंडक्टर को प्राथमिकता दे रहा हैउन्होंने कहा कि भारत भी डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर में प्रगति कर रहा है और कई दशकों के बाद सेमीकंडक्टर को प्राथमिकता दे रहा है। उन्होंने ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट में विशेषज्ञों से इस मुद्दे पर चर्चा करने और देश के तकनीकी पक्ष को सकारात्मक रूप से देखने का आग्रह किया। -
नई दिल्ली। देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में शामिल पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 31 जुलाई है। गणतंत्र दिवस 2026 पर घोषित किए जाने वाले ये पुरस्कार विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियों और विशिष्ट सेवा को मान्यता देते हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दी जानकारीकेंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर घोषित किए जाने वाले पद्म पुरस्कार-2026 के लिए ऑनलाइन नामांकन और सिफारिश की प्रक्रिया 15 मार्च से चल रही है। पद्म पुरस्कारों के नामांकन की अंतिम तारीख 31 जुलाई है। पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन व सिफारिशें राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल https://awards.gov.in पर ऑनलाइन प्राप्त की जाएंगी।देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में शामिल हैं पद्म पुरस्कारपद्म पुरस्कार, अर्थात पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में शामिल हैं। वर्ष 1954 में स्थापित इन पुरस्कारों की घोषणा प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है। इन पुरस्कारों के अंतर्गत ‘उत्कृष्ट कार्य’ के लिए सम्मानित किया जाता है।पद्म पुरस्कारों के पात्रपद्म पुरस्कार कला, साहित्य एवं शिक्षा, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा, विज्ञान एवं इंजीनियरिंग, लोक कार्य, सिविल सेवा, व्यापार एवं उद्योग आदि जैसे सभी क्षेत्रों/विषयों में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों व सेवा के लिए प्रदान किए जाते हैं। जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के भेदभाव के बिना सभी व्यक्ति इन पुरस्कारों के लिए पात्र हैं। चिकित्सकों और वैज्ञानिकों को छोड़कर अन्य सरकारी सेवक, जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में काम करने वाले सरकारी सेवक भी शामिल हैं, पद्म पुरस्कारों के पात्र नहीं हैं।सरकार पद्म पुरस्कारों को पीपल्स पद्म बनाने के लिए प्रतिबद्धसरकार पद्म पुरस्कारों को पीपल्स पद्म बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, इसलिए सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे नामांकन व सिफारिशें करें। नागरिक स्वयं को भी नामित कर सकते हैं। महिलाओं, समाज के कमजोर वर्गों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों, दिव्यांग व्यक्तियों और समाज के लिए निस्वार्थ सेवा कर रहे लोगों में से ऐसे प्रतिभाशाली व्यक्तियों की पहचान करने के ठोस प्रयास किए जा सकते हैं, जिनकी उत्कृष्टता और उपलब्धियां वास्तव में पहचाने जाने योग्य हैं।नामांकन व सिफारिशों में पोर्टल पर उपलब्ध प्रारूप में निर्दिष्ट सभी प्रासंगिक विवरण शामिल होने चाहिए, जिसमें वर्णनात्मक रूप में एक उद्धरण (अधिकतम 800 शब्द) शामिल होना चाहिए, जिसमें अनुशंसित व्यक्ति की संबंधित क्षेत्र व अनुशासन में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों व सेवा का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया हो।इस संबंध में विस्तृत विवरण गृह मंत्रालय की वेबसाइट (https://mha.gov.in) पर ‘पुरस्कार और पदक’ शीर्षक के अंतर्गत और पद्म पुरस्कार पोर्टल (https://padmaawards.gov.in) पर उपलब्ध हैं।