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- नयी दिल्ली। केंद्रीय कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने शनिवार को देश की कृषि नीति में विशुद्ध उपयोगितावादी दृष्टिकोण की जगह नैतिक सिद्धांतों पर आधारित दृष्टिकोण अपना कर आमूलचूल परिवर्तन करने की वकालत की क्योंकि दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला यह देश खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण स्थिरता के बीच संतुलन बनाना चाहता है। यहाँ एम.एस. स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र में बोलते हुए, चतुर्वेदी ने कहा कि भारत की हरित क्रांति उपयोगिता-केंद्रित तरीकों से प्रेरित थी, जिसमें पर्यावरण चिंताओं के स्थान पर उत्पादन को प्राथमिकता दी गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘जैसे-जैसे हम हरित क्रांति में आगे बढ़े, हम एक उपयोगितावादी अवधारणा के साथ आगे बढ़े। अब हमें उपयोगितावादी से नैतिक अवधारणा की ओर जाना होगा।'' चतुर्वेदी ने यह बात, उन नैतिक ढाँचों का उल्लेख करते हुए कहा जो कार्यों का मूल्यांकन केवल उनके परिणामों के बजाय नैतिक नियमों के पालन के आधार पर करते हैं।कृषि सचिव ने मौजूदा कृषि पद्धतियों पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या देश उत्पादन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अत्यधिक कीटनाशकों, सिंचाई और भूमिगत जल का उपयोग कर रहा है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि नीतिगत बदलावों से ऐसी सतत उत्पादन पद्धतियाँ सुनिश्चित होनी चाहिए जो उत्पादकता के स्तर को बनाए रखते हुए पर्यावरण की रक्षा करें। उन्होंने कहा, ‘‘नीतिगत पहलुओं में यह सुनिश्चित करना होगा कि हम उपयोगितावादी से कर्तव्यनिष्ठ अवधारणाओं की ओर बदलाव लाएँ ताकि उच्च उत्पादन और उत्पादकता प्राप्त करने के लिए ऐसी पद्धतियाँ अपनाएँ जो न केवल सतत उत्पादन और आजीविका सुनिश्चित करें बल्कि पर्यावरण की भी रक्षा करें।'' पिछली शताब्दी के दौरान साठ के दशक में शुरू हुई भारत की हरित क्रांति ने उच्च उपज वाली फसल किस्मों, उर्वरक के बढ़ते उपयोग और सिंचाई के विस्तार के माध्यम से देश को खाद्यान्न की कमी वाले देश से एक प्रमुख कृषि उत्पादक देश में बदल दिया। इस पहल ने भारत को गेहूँ और चावल के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया। चतुर्वेदी ने कहा कि जहाँ भारत दलहन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के करीब है, वहीं तिलहन के क्षेत्र में भी देश इसी लक्ष्य की ओर काम कर रहा है, हालाँकि उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि विकसित की जा रही नई फसल किस्में इस लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेंगी। कृषि सचिव ने ज़ोर देकर कहा कि खाद्य सुरक्षा और टिकाऊ खेती महत्वपूर्ण मुद्दे हैं क्योंकि कृषि न केवल एक आर्थिक क्षेत्र है, बल्कि लाखों किसानों के लिए आजीविका का भी एक साधन है। उन्होंने कहा, ‘‘खाद्य एवं पोषण सुरक्षा तथा सतत कृषि महत्वपूर्ण है, क्योंकि कृषि एक आर्थिक मुद्दा नहीं, बल्कि आजीविका का अहम साधन है।'' उन्होंने कहा कि नीतियों में कृषि क्षेत्र में लगे बड़े कार्यबल, विशेष रूप से छोटे किसानों पर विचार किया जाना चाहिए।
- मंडला,। मध्यप्रदेश के मंडला जिले में शनिवार को दो तेज रफ्तार मोटरसाइकिलों की टक्कर में चार लोगों की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक रजत सकलेचा ने बताया कि घटना शाम चार बजे मंडला-सिवनी सीमा पर जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर जारगा-जारगी गांव के पास बजे हुई। उन्होंने कहा, "सिवनी से मंडला जा रहे एक ही परिवार के पांच सदस्यों की मोटरसाइकिल विपरीत दिशा से आ रहे दूसरे दोपहिया वाहन से टकरा गई। इस हादसे में राजेंद्र कूश्राम (38), उनके बेटों सोहिल (10), रवींद्र (7) और बहनोई शिवप्रसाद मरावी (27) की मौत हो गई। राजेंद्र की पत्नी शकुन कुशराम (32) और विवेक कुमार काकोडिया (28) घायल हो गए।" अधिकारी ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है।
- नयी दिल्ली। पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने अमेरिका के साथ बढ़ते व्यापार तनाव के बीच शनिवार को कहा कि भारत अपने रणनीतिक और राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेगा तथा बाहरी दबाव के बावजूद अपनी ऊर्जा सुरक्षा की रक्षा करना जारी रखेगा। नायडू ने यहां एम एस स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम ऊर्जा सुरक्षा की रक्षा करते रहेंगे और अपने सामरिक एवं राष्ट्रीय हितों पर अडिग रहेंगे। किसी भी धमकी के आगे झुकने का सवाल ही नहीं उठता। भारत पर धमकियां काम नहीं करेंगी...।'' उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भारत आज ''आत्मनिर्भर'' है, लेकिन ‘साझा करना और परवाह करना' की मूल भावना के साथ सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है। पूर्व उप राष्ट्रपति की यह टिप्पणी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर शुल्क को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने के बाद आई है। ट्रंप ने भारत को देश की मजबूत विकास दर के बावजूद ‘‘मृत अर्थव्यवस्था'' करार दिया था। नायडू ने कहा कि भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है और विश्वभर में मान्यता प्राप्त कर रहा है, जबकि कुछ देश इस की प्रगति से ‘‘ईर्ष्या'' कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वे हमारी प्रगति को पचा नहीं पा रहे हैं। वे अपच की समस्या से पीड़ित हैं।'' पूर्व उपराष्ट्रपति ने रेखांकित किया कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था रैंकिंग में चौथे स्थान से तीसरे स्थान पर पहुंच रहा है और विश्वास व्यक्त किया कि किसानों, शोधकर्ताओं और युवाओं के योगदान से देश ‘‘निश्चित रूप से और ऊंचाइयों तक पहुंचेगा''। नायडू ने भारत के रुख का बचाव करते हुए कहा कि देश एक ‘‘संप्रभु और जीवंत लोकतंत्र'' है जो 6.5-7 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि में 18 प्रतिशत का योगदान दे रहा है, जो अमेरिका के 11 प्रतिशत योगदान से कहीं अधिक है। उन्होंने भारत जैसे सहयोगियों पर चुनिंदा शुल्क लगाने की निष्पक्षता पर सवाल उठाया, जबकि अमेरिका यूरेनियम और उर्वरक का आयात जारी रखे हुए है, तथा यूरोपीय संघ ‘‘रूस से भारी मात्रा में कच्चा तेल'' आयात करता है। नायडू ने कहा, ‘‘हम मित्र थे। हम हमेशा अमेरिका की प्रशंसा करते हैं क्योंकि वह सबसे पुराना लोकतंत्र है और हम सबसे बड़े लोकतंत्र हैं। हम एक-दूसरे का सम्मान करते हैं, प्रशंसा करते हैं, लेकिन जो कुछ हो रहा है, बिना किसी उकसावे या कारण के भारत के बारे में जो कुछ कहा जा रहा है, वह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है।'' कारोबार को लेकर तनाव के बावजूद पूर्व उप राष्ट्रपति ने रेखांकित किया कि भारत अन्य देशों के साथ मिलकर काम करना चाहता है तथा भारतीय दर्शन के मूल ‘‘साझा करना और परवाह करना'' में विश्वास करता है। उन्होंने कहा, ‘‘किसी को भी भारत के खिलाफ या भारत के बारे में कोई शिकायत रखने की कोई वजह नहीं है।''
- लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को विश्व संस्कृत दिवस की शुभकामना देते हुए इस भाषा के संरक्षण, प्रसार व दैनिक जीवन में उपयोग करने का संकल्प लेने का आह्वान किया। उन्होंने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ''देववाणी संस्कृत भारत की आत्मा की अभिव्यक्ति, ऋषियों की वाणी का स्पंदन और सनातन ज्ञान का अनंत स्रोत है। यह भाषा हमारी परम्परा, प्रज्ञा और वैश्विक बौद्धिकता की आधारभूमि है। आइए, विश्व संस्कृत दिवस पर इस अमृत वाणी के संरक्षण, प्रसार और दैनिक जीवन में उपयोग के लिए संकल्पित हों।'' उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ''जयतु संस्कृतम् जयतु भारतम्। संस्कृत - जो भारतीय संस्कृति, संस्कारों और ज्ञान परंपरा की आधारशिला है। विश्व की प्राचीनतम, समस्त भाषाओं की जननी वेदों की भाषा संस्कृत को नमन करता हूं।'' उन्होंने कहा, ''देववाणी एवं वेदवाणी संस्कृत के संवर्धन को समर्पित विश्व संस्कृत दिवस की समस्त देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं!'' उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने 'एक्स' पर कहा, ''देववाणी एवं वेदवाणी संस्कृत के संवर्धन को समर्पित विश्व संस्कृत दिवस की समस्त देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं।''
- कोझिकोड (केरल)। केरल में कोझिकोड रेलवे स्टेशन से रवाना हुई संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से 64 वर्षीय महिला को धक्का देकर नीचे गिरा दिया गया और उससे आठ हजार रुपये से अधिक नकद और एक मोबाइल फोन लूट लिया। रेलवे पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। रेलवे पुलिस के अनुसार, पीड़िता अपने भाई के साथ महाराष्ट्र के पनवेल से केरल के त्रिशूर जा रही थी। घटना उस समय हुई जब ट्रेन कोझिकोड स्टेशन से निकलने के तुरंत बाद धीमी गति से गुजर रही थी। उन्होंने बताया कि महिला दरवाजे के पास अपने भाई का इंतजार कर रही थी जो शौचालय में गया था। इस दौरान आरोपी ने उसका बैग छीनने की कोशिश की और विरोध करने पर उसे ट्रेन से धक्का दे दिया। आरोपी भी ट्रेन से कूद गया और महिला का सामान लेकर मौके से भाग निकला।पुलिस ने बताया कि ट्रेन से गिरने के कारण महिला के सिर के पिछले हिस्से में चोट लगी, हालांकि उसे कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। उन्होंने कहा, "महिला को कोझिकोड मेडिकल कॉलेज ले जाया गया और बाद में उसे छुट्टी दे दी गई।"महिला ने कहा कि वह आदमी अचानक आया और उनका बैग छीनने की कोशिश करने लगा।उन्होंने एक टीवी चैनल से बातचीत में दावा किया, "जब उसने ट्रेन से कूदने की कोशिश की तो मैंने उसे जाने नहीं दिया और उसकी शर्ट पकड़ ली। इसलिए, उसने मुझे धक्का दिया और मैं ट्रेन से पीछे की ओर पटरी पर गिर गई।" उन्होंने आगे कहा, "जिस ट्रैक पर मैं गिरी, उस पर एक और ट्रेन आ रही थी और मेरी ट्रेन में मौजूद लोग मुझे दूर हटने के लिए चिल्लाने लगे। ट्रेन आने से पहले मैं किसी तरह पटरी से उठने में सफल रही। मैं खून से लथपथ थी।" उन्होंने कहा कि संपर्क क्रांति में सवार यात्रियों ने ट्रेन को रोकने के लिए चेन खींच दी। महिला ने दावा किया, "मैं डर गई थी। मेरे सिर पर गहरा घाव होने के कारण मुझे पास के अस्पताल ले जाया गया और वहां से मेडिकल कॉलेज ले जाया गया।" रेलवे पुलिस ने कहा कि आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी के लिए एक टीम गठित की गई है।
- बेंगलुरु,। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने शनिवार को कहा कि बालाकोट हवाई हमले से हुए नुकसान की तस्वीरें उपलब्ध न होना एक ‘‘बड़ा मुद्दा'' बन गया था और लोग इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हो पा रहे थे कि क्या हासिल हुआ, लेकिन ‘ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान ‘‘बालाकोट के उस भूत'' का ख्याल रखा गया। यहां 16वें एयर चीफ मार्शल एल एम कात्रे स्मृति व्याख्यान में उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाकिस्तान के पांच लड़ाकू विमानों और एक बड़े विमान को मार गिराया। उन्होंने इसे भारत द्वारा सतह से हवा में मार गिराने का अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बताया। उन्होंने कहा, "जब हमने बालाकोट (हमला) किया, तो हमने कुछ (ऑपरेशन सिंदूर जैसा) ऐसा ही किया था।" उन्होंने कहा कि चूंकि कोई तस्वीर उपलब्ध नहीं थी, इसलिए यह एक बड़ा मुद्दा बन गया। वायुसेना प्रमुख कहा, "दुर्भाग्यवश, हम अपने लोगों को यह नहीं बता सके कि हम क्या हासिल कर पाए। हमारे पास खुफिया जानकारी थी कि भारी क्षति हुई है; बहुत सारे आतंकवादी मारे गए, लेकिन हम अपने लोगों को आश्वस्त नहीं कर सके। लेकिन (इस बार) हम भाग्यशाली रहे और ये वीडियो सार्वजनिक कर पाए।" उन्होंने कहा, "मुझे खुशी है कि हम बालाकोट के उस भूत से निपट पाए।"भारत ने बालाकोट में हवाई हमले किए, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) आतंकवादी समूह के एक प्रशिक्षण शिविर को निशाना बनाया गया। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में एक आत्मघाती हमलावर द्वारा किए गए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने ये हमले किए थे। पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान मारे गए थे।
- श्रीनगर। भगवान शिव के केसरिया वस्त्र में लिपटी पवित्र ‘छड़ी मुबारक' को शनिवार को पारंपरिक पूजा और अनुष्ठान के लिए अमरनाथ पवित्र गुफा ले जाया गया जिसके साथ वार्षिक तीर्थयात्रा औपचारिक रूप से संपन्न हो गयी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ‘श्रावण पूर्णिमा' के अवसर पर एक रात के विश्राम के बाद छड़ी मुबारक सुबह पंचतरणी शिविर से रवाना हुई। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पारंपरिक पूजा-अर्चना और अनुष्ठान संपन्न हुआ। अधिकारियों ने कहा कि पवित्र छड़ी के संरक्षक महंत दीपेंद्र गिरि के नेतृत्व में पवित्र गुफा में विशेष प्रार्थना आयोजित की गई। ‘आरती' के बाद छड़ी मुबारक रात के विश्राम के लिए पुनः पंचतरणी लौट आई। यह पवित्र छड़ी रविवार को पहलगाम के लिए रवाना होगी जहां सोमवार को लिद्दर नदी के किनारे पूजन और विसर्जन समारोह होंगा। इस वर्ष 4.14 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने अमरनाथ यात्रा में भाग लिया। मौसम की खराबी और मार्ग फिसलन भरा होने के कारण यात्रा का समापन दो अगस्त को कर दिया गया था। पिछले वर्ष 5.10 लाख यात्रियों ने दक्षिण कश्मीर हिमालय स्थित पवित्र गुफा में प्राकृतिक हिमलिंग के दर्शन किए थे।
- गंगटोक ।देश के सभी प्रमुख धर्मों और जातीय समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाली पांच राज्यों की 18 महिलाओं ने सिक्किम में भारत-चीन सीमा की सुरक्षा कर रहे सुरक्षाकर्मियों की कलाई पर राखी बांधी। सिक्किम, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और असम की महिलाओं ने 14,250 फुट पर स्थित नाथू ला में तैनात सैनिकों और 12,500 फुट पर स्थित लुंगथुंग कैंप में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के जवानों की कलाई पर राखी बांधी। महिलाओं ने सबसे पहले गंगटोक में सिक्किम के मुख्य सचिव रवींद्र तैलंग की कलाई पर राखी बांधी।यहां जारी एक बयान में बताया गया कि इसके बाद वे सुरक्षा जवानों की कलाई पर राखी बांधने के लिए सुदूर इलाकों गईं। छत्तीसगढ़ की श्रुति वर्मा ने कहा, ‘‘हम यहां अपने सैनिक भाइयों के प्रति प्रेम और आभार व्यक्त करने आए हैं, जो अपने परिवारों से दूर रहते हैं, ताकि हम शांतिपूर्वक रह सकें।'' कार्यक्रम के आयोजक सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत यादव ने कहा कि भारत-चीन सीमा पर आयोजित रक्षाबंधन समारोह के मूल में राष्ट्रीय एकता और भावनात्मक बंधन की भावना थी। उनके संगठन के 35 लोगों ने गंगटोक के रानीपुल स्थित एसएसबी मुख्यालय में भी रक्षाबंधन मनाया।इस बीच, ग्यालशिंग जिले के युकसम में एसएसबी की 72वीं बटालियन द्वारा भी रक्षाबंधन मनाया गया। तथांग ‘जूनियर हाई स्कूल' की छात्राओं ने एसएसबी अधिकारियों और कर्मियों की कलाई पर राखी बांधी। अधिकारियों ने छात्रों को एसएसबी में भर्ती प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी और एक प्रदर्शनी के माध्यम से बल द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले गोला-बारूद और हथियारों से परिचित कराया। गंगटोक स्थित राजभवन में भी यह पर्व मनाया गया। आईटीबीपी की महिला बटालियन की सदस्यों ने राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर की कलाई पर राखी बांधी। माथुर ने कहा, ‘‘रक्षाबंधन सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत का जीवंत प्रतीक है। यह भाई-बहन के पवित्र रिश्ते के साथ-साथ समाज में आपसी विश्वास, सुरक्षा और स्नेह की भावना को भी मजबूत करता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह त्योहार हमें आपसी सम्मान, सामाजिक सद्भाव और पारिवारिक मूल्यों को मज़बूत करने की प्रेरणा देता है।'' मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने अपने राज्य सिक्किम एवं उसके लोगों की शांति, समृद्धि और खुशहाली के लिए प्रार्थना की।
- नागपुर। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि आज की दुनिया में जो देश ‘दादागिरी' कर रहे हैं, वे ऐसा इसलिए कर पा रहे हैं क्योंकि उनके पास प्रौद्योगिकी है और वे आर्थिक रूप से मजबूत हैं। गडकरी ने यहां स्थित विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (वीएनआईटी) में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारत के निर्यात को बढ़ाने और आयात को कम करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। गडकरी ने कहा, ‘‘अगर हमारे निर्यात और अर्थव्यवस्था की दर बढ़ती है, तो मुझे नहीं लगता कि हमें किसी के पास जाने की जरूरत पड़ेगी। जो लोग ‘दादागिरी' कर रहे हैं, वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वे आर्थिक रूप से मजबूत हैं और उनके पास प्रौद्योगिकी है। अगर हमें बेहतर प्रौद्योगिकी और संसाधन मिल जाएं, तो हम किसी पर धौंस नहीं जमाएंगे, क्योंकि हमारी संस्कृति हमें सिखाती है कि विश्व का कल्याण सबसे महत्वपूर्ण है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम वैश्विक स्तर पर विभिन्न समस्याओं का सामना कर रहे हैं और इन सभी समस्याओं का समाधान विज्ञान और प्रौद्योगिकी है, अर्थात ज्ञान, जो एक शक्ति है।'' भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि यदि भारत को ‘विश्वगुरु' बनना है तो निर्यात बढ़ाना और आयात कम करना आवश्यक है।
- नयी दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वाशिंगटन में अर्मेनिया-अजरबैजान के बीच हुए शांति समझौते को शनिवार को वार्ता और कूटनीति के लिए एक ‘महत्वपूर्ण उपलब्धि' बताया जिसकी भारत वकालत करता है। जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में यह भी कहा कि उन्होंने अपने अर्मेनियाई समकक्ष अरारत मिर्जोयान से बात की और उन्हें इस घटनाक्रम पर बधाई दी। अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास व्हाइट हाउस में शुक्रवार को आयोजित शांति शिखर सम्मेलन में अर्मेनिया और अजरबैजान के नेताओं ने दशकों से चले आ रहे संघर्ष को समाप्त करने के उद्देश्य से एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। जयशंकर ने कहा, ‘‘अर्मेनियाई विदेश मंत्री अरारत मिर्जोयान से बात करके अच्छा लगा। वाशिंगटन में हुए अर्मेनिया-अजरबैजान शांति संधि के लिए उन्हें बधाई दी। यह संवाद और कूटनीति के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है जिसकी भारत हमेशा वकालत करता है।
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नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने अपने यात्रियों के लिए एक खास तोहफा पेश किया है। फेस्टिवल सीजन को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने ‘राउंड ट्रिप पैकेज’ स्कीम शुरू की है, जिसमें रिटर्न टिकट पर छूट दी जाएगी। यह योजना खास तौर पर उन यात्रियों के लिए है जो दीवाली और छठ जैसे त्योहारों पर अपने घर जा रहे हैं। इस स्कीम का मकसद न सिर्फ यात्रियों को सुविधा देना है, बल्कि रेलवे स्टेशनों पर भीड़ को कम करना और ट्रेनों का दोनों तरफ बेहतर इस्तेमाल सुनिश्चित करना है।
रेल मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह एक प्रयोग के तौर पर शुरू की गई योजना है। इसके तहत फेस्टिवल सीजन में यात्रियों को आसानी से टिकट बुक करने में मदद मिलेगी और पीक टाइम में ट्रैफिक को बेहतर तरीके से मैनेज किया जा सकेगा। यह स्कीम खास तौर पर उन यात्रियों के लिए बनाई गई है जो अपने घर आने-जाने के लिए दोनों तरफ की टिकट एक साथ बुक करते हैं।कौन उठा सकता है इस स्कीम का फायदा?राउंड ट्रिप पैकेज के तहत छूट तभी मिलेगी, जब यात्री एक ही बार में आने और जाने दोनों की टिकट बुक करें। साथ ही, दोनों यात्राओं के लिए यात्रियों का डिटेल एक ही होना चाहिए। यानी, जो लोग आगे की यात्रा के लिए टिकट बुक करते हैं, वही लोग रिटर्न जर्नी के लिए भी टिकट ले सकते हैं। रेलवे ने साफ किया है कि यह छूट सिर्फ कन्फर्म टिकटों पर ही लागू होगी।टिकट बुकिंग 14 अगस्त से शुरू होगी और यह स्कीम 13 अक्टूबर 2025 से 26 अक्टूबर 2025 के बीच शुरू होने वाली ट्रेनों के लिए लागू होगी। रिटर्न जर्नी की टिकट 17 नवंबर से 1 दिसंबर 2025 के बीच शुरू होने वाली ट्रेनों के लिए बुक की जा सकेगी। रिटर्न टिकट बुक करने के लिए एडवांस रिजर्वेशन पीरियड (ARP) लागू नहीं होगा। छूट सिर्फ रिटर्न जर्नी के बेस फेयर पर दी जाएगी, जो कि 20 फीसदी होगी। यह छूट उसी क्लास और उसी ओरिजिन-डेस्टिनेशन जोड़ी के लिए होगी, जो आगे की यात्रा के लिए बुक की गई है।रेलवे ने यह भी साफ किया है कि इस स्कीम के तहत बुक किए गए टिकटों का रिफंड नहीं होगा। साथ ही, रिटर्न जर्नी के लिए कोई दूसरी छूट, रेल यात्रा कूपन, वाउचर, पास या PTO जैसी सुविधाएं नहीं मिलेंगी। यह स्कीम सभी क्लास और सभी ट्रेनों (स्पेशल ट्रेनों सहित) के लिए लागू होगी, सिवाय उन ट्रेनों के जिनमें फ्लेक्सी फेयर सिस्टम लागू है। टिकट में कोई बदलाव भी नहीं किया जा सकेगा। बुकिंग का तरीका, चाहे ऑनलाइन हो या काउंटर, दोनों यात्राओं के लिए एक ही होना चाहिए। -
नयी दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शनिवार सुबह भारी बारिश के बीच जैतपुर के हरिनगर में मोहन बाबा मंदिर के पास दीवार गिरने से आठ लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। दिल्ली अग्निशमन सेवा ने बताया कि पुलिस दल के साथ दमकल की तीन गाड़ियां घटनास्थल पर भेजी गईं।
अग्निशमन विभाग को शनिवार सुबह नौ बजकर 16 मिनट पर घटना के बारे में सूचना मिली।
अधिकारियों ने बताया कि दीवार ढहने का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है।
राष्ट्रीय राजधानी में रात भर भारी बारिश हुई और भारतीय मौसम विभाग ने शनिवार के लिए ‘रेड अलर्ट' जारी किया। दिल्ली-एनसीआर के कई हिस्सों में बारिश शुक्रवार देर रात 11 बजे शुरू हुई थी। -
नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को अपने आवास पर रक्षाबंधन मनाया, जहां स्कूली बच्चों और आध्यात्मिक संगठन ‘ब्रह्माकुमारी' की सदस्यों ने उनकी कलाई पर राखी बांधी। यह त्योहार भाई-बहन के पारंपरिक बंधन का उत्सव है।
मोदी ने इस उत्सव की एक वीडियो क्लिप साझा की, जिसमें युवा छात्राओं के एक समूह ने अपनी खुशी और भावनाओं को व्यक्त किया है। एक छात्रा ने उन्हें "योद्धा और रक्षक" कहकर सराहा, तो कुछ ने ‘ऑपरेशन सिंदूर' का जिक्र किया। एक स्कूली छात्रा ने कहा कि वह "मोदी अंकल" के लिए मोर वाली राखी लाई है, जबकि एक अन्य ने उनकी तरह प्रधानमंत्री बनने की इच्छा जताई। प्रधानमंत्री ने एक छात्रा की प्रशंसा की, जिसने कई सरकारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए उन्हें एक कविता में शामिल किया था। मोदी ने इस अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं देते हुए ‘एक्स' पर एक संदेश भी पोस्ट किया। वीडियो क्लिप पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा, "आज रक्षाबंधन के एक बेहद खास उत्सव की झलकियां यहां प्रस्तुत हैं। हमारी नारी शक्ति के निरंतर विश्वास और स्नेह के लिए उनका आभार। -
नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को ‘भारत छोड़ो आंदोलन' की 83वीं वर्षगांठ पर इसमें भाग लेने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनके साहस ने देशभक्ति की ऐसी चिनगारी जलाई जिसने स्वतंत्रता की ललक में असंख्य लोगों को एकजुट किया। उन्होंने कहा, ‘‘हम उन सभी बहादुर लोगों को गहरी कृतज्ञता के साथ याद करते हैं, जिन्होंने बापू के प्रेरक नेतृत्व में भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया।'' मोदी ने कहा, ‘‘उनके साहस ने देशभक्ति की एक चिनगारी जलाई जिसने स्वतंत्रता की ललक में अनगिनत लोगों को एकजुट किया।'' महात्मा गांधी ने 1942 में ब्रिटिश शासन को हटाने का आह्वान करते हुए आंदोलन शुरू किया था, जिसके परिणामस्वरूप औपनिवेशिक शासकों ने कांग्रेस के लगभग पूरे नेतृत्व को गिरफ्तार कर लिया था।
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बेंगलुरु. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को बेंगलुरु मेट्रो की बहुप्रतीक्षित येलो लाइन जनता को समर्पित करेंगे और बेंगलुरु-बेलगावी के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखायेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा साझा किए गए कार्यक्रम के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी यहां के अपने लगभग चार घंटे के दौरे के दौरान तीन कार्यक्रमों में भाग लेंगे। सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर एचएएल हवाई अड्डे पर उतरने के बाद प्रधानमंत्री हेलीकॉप्टर एवं सड़क मार्ग से केएसआर बेंगलुरु (शहर) रेलवे स्टेशन जाएंगे, जहां वे केएसआर बेंगलुरु-बेलगावी के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे। वह अमृतसर-श्री माता वैष्णो देवी कटरा और अजनी (नागपुर)-पुणे के बीच दो और वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को भी डिजिटल माध्यम से हरी झंडी दिखाएंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी सड़क मार्ग से येलो लाइन पर आरवी रोड (रागीगुड्डा) मेट्रो स्टेशन जाएंगे और यहां 11 बजकर 45 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट के बीच वह येलो लाइन को हरी झंडी दिखाएंगे। प्रधानमंत्री इलेक्ट्रॉनिक सिटी स्टेशन तक मेट्रो में सफर करेंगे। वहां से मोदी अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) बेंगलुरु जाएंगे, जहाँ संस्थान के सभागार में वह बेंगलुरु मेट्रो चरण-चार की आधारशिला रखेंगे और आरवी रोड (रागीगुड्डा) से बोम्मासंद्रा स्टेशन तक येलो लाइन का आधिकारिक उद्घाटन करेंगे। इसके बाद वह हेलीकॉप्टर से एचएएल हवाई अड्डे जाएंगे और अपराह्न दो बजकर 45 मिनट पर दिल्ली वापस आ जाएंगे। बेंगलुरु मेट्रो की आरवी रोड से बोम्मासंद्रा तक 19.15 किलोमीटर लंबी 16 स्टेशन वाली येलो लाइन 5,056.99 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई है। मेट्रो के चरण तीन के तहत बनने वाली ‘ऑरेंज लाइन' 44.65 किलोमीटर लंबी होगा और इसके निर्माण पर अनुमानित 15,611 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
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अमरावती. न्याय प्रदान करने के मामले में आंध्र प्रदेश ने 18 बड़े और मध्यम आकार के राज्यों में दूसरा स्थान हासिल किया है। 'इंडिया जस्टिस रिपोर्ट-2025' में यह कहा गया है। राज्य 2022 में पांचवें स्थान पर था।
रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिणी राज्य 'कारागार' श्रेणी में चौथे स्थान पर तथा 'कानूनी सहायता' के मामले में पांचवें स्थान पर है। तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) की राष्ट्रीय प्रवक्ता ज्योत्सना तिरुनगरी ने कहा, "हम अपनी रैंकिंग में इस नाटकीय बदलाव से बेहद खुश हैं। हम अगली रैंकिंग में नंबर 1 बनने के लिए प्रतिबद्ध हैं।" टाटा ट्रस्ट ने इसे शुरु किया था और पहली बार 2019 में इसका प्रकाशन हुआ था। -
नयी दिल्ली. रेल मंत्रालय ने शनिवार को एक योजना की घोषणा की, जिसके तहत एक ही ट्रेन से 13-26 अक्टूबर के बीच यात्रा और 17 नवंबर से एक दिसंबर तक वापसी के लिए बुक किए गए टिकटों पर 20 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। यह छूट 14 अगस्त से बुक किए गए टिकटों पर लागू होगी और यह छूट राजधानी, शताब्दी, दुरंतो जैसी ट्रेन पर लागू नहीं होगी, जिसमें किराये में मांग के आधार बढ़ोतरी होती है। रेल मंत्रालय की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, "एआरपी (अग्रिम आरक्षण अवधि) तिथि 13 अक्टूबर 2025 के लिए बुकिंग शुरू होने की तारीख 14.08.2025 होगी।" इसमें कहा गया है, "यात्रा की शुरुआत का टिकट पहले 13 अक्टूबर 2025 और 26 अक्टूबर 2025 के बीच ट्रेन शुरू होने की तारीख के लिए बुक किया जाएगा और बाद में 17 नवंबर और एक दिसंबर 2025 के बीच ट्रेन शुरू होने की तारीख के लिए कनेक्टिंग यात्रा सुविधा का उपयोग करके वापसी यात्रा टिकट बुक किया जाएगा।" इसमें स्पष्ट किया गया है कि अग्रिम आरक्षण अवधि, जो 13 अक्टूबर से 26 अक्टूबर तक है, वापसी यात्रा की बुकिंग के लिए लागू नहीं होगी। विज्ञप्ति में कहा गया है, "इस योजना के तहत, यात्रियों के एक ही समूह के लिए जाने और आने दोनों यात्राओं के लिए बुकिंग कराने पर छूट लागू होगी। वापसी यात्रा का यात्री विवरण आगे की यात्रा के समान ही होगा।" मंत्रालय ने कहा, "बुकिंग केवल दोनों दिशाओं में कन्फर्म टिकटों के लिए ही स्वीकार्य होगी। वापसी यात्रा के मूल किराए पर ही 20 प्रतिशत की कुल छूट दी जाएगी।" विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस योजना के तहत बुकिंग जाने और आने दोनों यात्राओं के लिए एक ही श्रेणी और एक ही प्रस्थान-गंतव्य ट्रेन के लिए होगी। इसमें स्पष्ट किया गया है, "इस योजना के तहत बुक किए गए टिकटों पर किराया वापस नहीं किया जाएगा।"
- नयी दिल्ली।' सरकार ने कहा है कि चालू वर्ष में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) देशभर में 22 स्थलों पर खुदाई कर रहा है। संस्कृति मंत्रालय ने एक बयान में यह भी बताया कि एएसआई के संज्ञान में आया है कि इसके बजट व व्यय के संबंध में एक मीडिया प्रतिष्ठान द्वारा प्रकाशित कुछ रिपोर्ट ‘‘भ्रामक हैं और तथ्यात्मक स्थिति को प्रतिबिंबित नहीं करती हैं''। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले 10 वर्षों में एएसआई का व्यय उसके आवंटित बजट की तुलना में बहुत कम रहा है। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि एएसआई नागपुर, दिल्ली, पटना, भुवनेश्वर, वडोदरा और मैसूर में स्थित छह समर्पित इकाइयों का संचालन करता है, जिनके पास सालाना पुरातात्विक अन्वेषण और उत्खनन कार्य करने का दायित्व है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत सरकार के अंतर्गत अन्वेषण और उत्खनन के लिए बजट आवंटन में पर्याप्त वृद्धि देखी गई है। 2024-25 में, इस मद के तहत 15 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई जो 2014-15 में 6.53 करोड़ रुपये के आवंटन से लगभग 2.3 गुना अधिक है।'' बयान में कहा गया कि यह वृद्धि देश की पुरातात्विक संपदा के संरक्षण, अनुसंधान और वैज्ञानिक अध्ययन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘केवल चालू वर्ष में ही एएसआई देश भर में 22 स्थलों पर खुदाई कर रहा है।''
- जयपुर। राजस्थान के दौसा जिले में सड़क हादसे में दो बहनों समेत पांच लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि बताया कि यह दुर्घटना शुक्रवार शाम जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिकंदरा थाना क्षेत्र में उस समय हुई जब कार सवार पांच लोग जयपुर के बस्सी में परीक्षा देने के बाद गांव लौट रहे थे। उसने बताया कि एक अनियंत्रित ट्रक ने उनकी कार को टक्कर मार दी। थाना प्रभारी ने बताया कि अशोक चौधरी ने बताया कि इस हादसे में कार सवार दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि गंभीर रूप से घायल तीन लोगों ने जयपुर ले जाते समय दम तोड़ दिया। उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान यादराम मीणा (36), मोनिका मीणा (18), वेदिका मीणा (21), अर्चना मीणा (20) और मुकेश महावर (27) के रूप में हुई है। थाना प्रभारी ने बताया कि अर्चना और मोनिका बहनें थीं।
- उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में इस हफ्ते की शुरुआत में आई अचानक बाढ़ और भूस्खलन के बाद फंसे लोगों को निकालने के लिए चार हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है तथा 287 और लोगों को बचाया गया है। इस आपदा ने भारी तबाही मचाई और इसमें कई लोगों की जान चली गई। उत्तराखंड पुलिस ने बताया कि शनिवार को बचाव अभियान के पांचवें दिन 170 लोगों को भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के मातली हेलीपैड और 107 लोगों को चिन्यालीसौंड़ स्थित हवाई पट्टी पर पहुंचाया गया। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, आपदाग्रस्त धराली क्षेत्र के कुछ हिस्सों से अब तक 1,000 से अधिक लोगों को निकाला जा चुका है। धराली क्षेत्र मंगलवार को भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ के बाद अब भी संपर्क से कटे हुए हैं। जिला प्रशासन ने चार मौतों की पुष्टि की है और 49 लोग अब तक लापता हैं।उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के चार हेलीकॉप्टर जिले के विभिन्न स्थानों पर शरण लिए हुए लोगों को बचाने के लिए उड़ान भर रहे हैं। शनिवार सुबह एक चिनूक हेलीकॉप्टर ने राहत शिविर में जनरेटर सेट ले जाने के लिए जोलीग्रांट हवाई अड्डे से उड़ान भरी। अचानक बाढ़ के कारण धराली और आसपास के इलाकों में बिजली आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। अधिकारियों के अनुसार, प्रभावित इलाकों में सड़क संपर्क सुधारने के लिए गंगनानी के पास लिम्चागाड़ में युद्धस्तर पर एक बेली ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। इसका निर्माण कार्य रातभर किया गया ताकि यह अगले 24 घंटे में बनकर तैयार हो जाए। गंगोत्री राजमार्ग कई जगहों पर बंद है या टूट गया है, जिससे धराली में अचानक बाढ़ से तबाह हुए स्थान पर मलबे के ढेर में लापता लोगों की तलाश के लिए आवश्यक उन्नत उपकरणों को पहुंचाने में कठिनाई हो रही है।
- नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि वकीलों के रूप में नामांकन कराने वाले विधि स्नातकों से राज्य बार काउंसिल या ‘बार काउंसिल ऑफ इंडिया' द्वारा वैधानिक शुल्क के अलावा कोई अन्य ‘वैकल्पिक' शुल्क नहीं वसूला जा सकता। शीर्ष अदालत ने इसी के साथ कर्नाटक राज्य बार काउंसिल से ऐसी कोई भी राशि वसूलना बंद करने को कहा है।न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने के. एल. जे. ए. किरण बाबू की एक अवमानना याचिका पर यह निर्देश दिया। याचिका में आरोप लगाया गया था कि राज्य बार काउंसिल, विशेषकर कर्नाटक राज्य बार काउंसिल द्वारा विधि स्नातकों से नामांकन के लिए अत्यधिक शुल्क नहीं लेने के इस न्यायालय के पिछले साल जुलाई के निर्देशों का अक्षरशः पालन नहीं किया जा रहा है। ‘बार काउंसिल ऑफ इंडिया' ने अपने हलफनामे में कहा कि सभी राज्य बार काउंसिल उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन कर रही हैं और कर्नाटक राज्य बार काउंसिल द्वारा पहचान पत्र, प्रमाण पत्र, कल्याण निधि और प्रशिक्षण आदि के लिए 6,800 रुपये की फीस ली जाती है तथा वैधानिक शुल्क के अतिरिक्त 25,000 रुपये वैकल्पिक हैं, अनिवार्य नहीं। पीठ ने चार अगस्त के अपने आदेश में कहा, ‘‘हम यह स्पष्ट करते हैं कि वैकल्पिक जैसा कुछ नहीं है। कोई भी राज्य बार काउंसिल या बार काउंसिल ऑफ इंडिया कोई भी राशि ‘वैकल्पिक' के तौर पर नहीं वसूलेंगे। उन्हें मुख्य फैसले में इस अदालत द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार ही फीस वसूलनी होगी।'' शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि कर्नाटक राज्य बार काउंसिल वैकल्पिक रूप से कोई राशि वसूल रही है, हालांकि यह अनिवार्य नहीं है, तो भी इसे रोका जाना चाहिए। पिछले साल 30 जुलाई को शीर्ष अदालत ने फैसला सुनाया था कि राज्य बार काउंसिल विधि स्नातकों को वकील के रूप में नामांकित करने के लिए अत्यधिक शुल्क नहीं ले सकतीं, क्योंकि यह हाशिए पर पड़े और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के खिलाफ प्रणालीगत भेदभाव को बढ़ावा देता है एवं कानूनी पेशे में उनकी भागीदारी को कमजोर भी करता है। शीर्ष अदालत ने कहा था कि कुछ राज्य बार काउंसिल (एसबीसी) द्वारा 15,000 रुपये से लेकर 40,000 रुपये तक की अत्यधिक फीस वसूलना ‘‘मूल समानता के सिद्धांत के विपरीत'' है। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि एसबीसी और बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) संसद द्वारा निर्धारित राजकोषीय नीति में ‘‘परिवर्तन या संशोधन'' नहीं कर सकते।
- नयी दिल्ली।'' रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि भारत का वार्षिक रक्षा उत्पादन 2024-25 में 1,50,590 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। यह उपलब्धि पिछले वित्त वर्ष के 1.27 लाख करोड़ रुपये के रक्षा उत्पादन की तुलना में 18 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि को दर्शाती है। सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत का रक्षा उत्पादन रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, ‘‘वित्त वर्ष 2024-25 में देश का वार्षिक रक्षा उत्पादन बढ़कर 1,50,590 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह उपलब्धि पिछले वित्त वर्ष के 1.27 लाख करोड़ रुपये के रक्षा उत्पादन की तुलना में 18 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि को दर्शाती है। साथ ही यह वित्त वर्ष 2019-20 के बाद से अब तक 90 प्रतिशत की आश्चर्यजनक बढ़ोतरी को भी प्रदर्शित करती है, उस समय यह आंकड़ा 79,071 करोड़ रुपये था।'' रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि को हासिल करने में रक्षा उत्पादन विभाग और रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों और निजी उद्योग सहित सभी हितधारकों के सामूहिक प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि ‘‘यह भारत के सशक्त होते रक्षा औद्योगिक आधार का स्पष्ट संकेत है।''
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नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को विश्व संस्कृत दिवस पर अपने संदेश में कहा कि उनकी सरकार ने पिछले एक दशक में इस प्राचीन भाषा को लोकप्रिय बनाने के लिए अनेक प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृत ज्ञान और अभिव्यक्ति का एक शाश्वत स्रोत है तथा इसका प्रभाव हर क्षेत्र में देखा जा सकता है। मोदी ने कहा कि यह इस भाषा को सीखने और इसे लोकप्रिय बनाने के लिए प्रयासरत सभी लोगों के प्रयासों की सराहना करने का अवसर है। यह दिवस प्रतिवर्ष ‘श्रावण पूर्णिमा' के अवसर पर मनाया जाता है। प्रधानमंत्री ने इस संबंध में अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को सामने रखते हुए केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना, संस्कृत शिक्षण केंद्रों की स्थापना, इस भाषा के विद्वानों को अनुदान देने और प्राचीन संस्कृत पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण के लिए एक मिशन की शुरुआत जैसे विभिन्न उपायों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि इससे अनगिनत विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं को लाभ हुआ है।
हिंदू महाकाव्यों समेत कई प्रभावशाली प्राचीन पुस्तकें संस्कृत में लिखी गई हैं। लेकिन संस्कृत अब ऐसी भाषा बनकर रह गई है जो बड़े पैमाने पर धार्मिक कार्यों में ही सीमित हो गई है। - भोपाल, । केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि शिक्षा का अर्थ केवल जीवन निर्माण नहीं है, बल्कि उस जीवन में अर्थ का निर्माण करने और सवाल पूछने की क्षमता विकसित करने में सक्षम होना है। केंद्रीय संचार मंत्री ने शुक्रवार को कहा , ‘‘शिक्षा का उद्देश्य केवल यह प्रश्न पूछना नहीं होना चाहिए कि ‘मैं कैसे सफल होऊं', बल्कि यह भी पूछना होना चाहिए कि ‘मैं कैसे सेवा करूं'।'' सिंधिया भोपाल में ब्रिटेन से जुड़े ‘श्रूसबरी इंटरनेशनल स्कूल' के 150 एकड़ के परिसर के उद्घाटन के अवसर पर एक सभा को संबोधित कर रहे थे। दक्षिण एशिया के व्यापार आयुक्त और पश्चिमी भारत में ब्रिटिश उप उच्चायुक्त हरजिंदर कांग ने भी इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं भारत में श्रूसबरी इंटरनेशनल स्कूल की शुरुआत के मौके पर शामिल होकर प्रसन्न हूं। यह पारस्परिक विकास पर आधारित भारत-ब्रिटेन की दोस्ती का एक नया अध्याय है।'' उन्होंने कहा, ‘‘पिछले महीने हमारे प्रधानमंत्रियों ने ‘भारत-ब्रिटेन विजन 2035' को मंजूरी दी है। इस नयी साझेदारी से दोनों देशों के रिश्ते और मजबूत होंगे। इस दृष्टिकोण में शिक्षा और कौशल विकास पर खास ध्यान दिया गया है, जिससे आने वाली पीढ़ी को बेहतर मौके मिलेंगे।'' कांग ने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में भारत और ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों के बीच सहयोग भी बढ़ेगा।उन्होंने कहा, ‘‘ब्रिटेन की सदियों पुरानी शिक्षा परंपरा और भारत के नए विचारों को मिलाकर हम युवाओं के लिए विश्वस्तरीय अवसर बना रहे हैं। इससे हमारे युवा आगे बढ़ेंगे और भविष्य को नई दिशा दे सकेंगे।''
- नयी दिल्ली। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के शोधकर्ताओं ने भारत में ई-सिगरेट पर लगे प्रतिबंध की पुनः समीक्षा करने का सुझाव दिया है। ई-सिगरेट बैटरी से चलते हैं और इन्हें ‘इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलीवरी सिस्टम' (ईएनडीएस) भी कहा जाता है। भारत ने 2019 में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अधिनियम (पीईसीए) के जरिए ऐसे उपकरणों की बिक्री, भंडारण और निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया।वर्तमान साक्ष्यों के आलोक में इस प्रतिबंध के प्रभावों की पड़ताल करते हुए, एम्स-दिल्ली के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक शंकर और डॉ. वैभव साहनी ने इस महीने ‘जेसीओ ग्लोबल ऑन्कोलॉजी' में प्रकाशित एक लेख में कहा कि ऐसे उत्पादों पर पूर्ण प्रतिबंध "मांग को अवैध विपणन की ओर ले जा सकता है (और ले भी चुका है)। शोधकर्ताओं ने कहा कि भारत में कुछ राज्यों में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध के कारण कुछ भयावह परिणाम देखने को मिले हैं, जिसके कारण अवैध व्यापार बढ़ा है और नकली उत्पादों के सेवन से मौतें हुई हैं। डॉक्टरों ने कहा कि उत्पादों पर पूर्ण प्रतिबंध से प्रशासन को राजस्व की हानि भी हो सकती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रतिबंध के बावजूद, ईएनडीएस स्थानीय दुकानों और ऑनलाइन मंचों पर बिक्री के लिए उपलब्ध हैं, जो बिक्री से पहले खरीदार की उम्र की पुष्टि भी नहीं करते हैं और यहां तक कि इसे घर पर पहुंचाने की पेशकश करते हैं। एम्स-दिल्ली के डॉक्टरों ने बताया कि ई-सिगरेट लोगों को धूम्रपान छोड़ने में मदद करती है, जैसा कि धूम्रपान छोड़ने की बढ़ी हुई दरों के आंकड़ों से पता चलता है। इस बात के भी पर्याप्त प्रमाण हैं कि निकोटीन वाली ई-सिगरेट से धूम्रपान छोड़ने की संभावना, बिना निकोटीन वाली ई-सिगरेट से ज्यादा होती है। डॉक्टरों ने यह भी कहा कि जिन ई-सिगरेट में निकोटीन होता है, वे बिना किसी इलाज के या सामान्य देखभाल की तुलना में ज्यादा फायदेमंद साबित हुई हैं, लेकिन, इसमें कुछ गलत जानकारी होने का खतरा हो सकता है। डॉक्टरों ने सिफारिश की कि निश्चित रूप से, कम से कम ईएनडीएस से संबंधित संपूर्ण प्रतिबंध नीति पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता प्रतीत होती है।” उन्होंने कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि जनस्वास्थ्य से जुड़ी नीतियां आधुनिक और जानकारी पर आधारित बनी रहें, और जो लोग धूम्रपान छोड़ने के लिए सही मदद चाहते हैं, उन्हें उचित कानूनों के दायरे में वह मदद मिल सके। एम्स-दिल्ली के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. शंकर ने ‘ कहा कि उपलब्ध साक्ष्यों से पता चलता है कि भारत में ईएनडीएस पर पूर्ण प्रतिबंध नीति पर पुनर्विचार की आवश्यकता है।

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