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नयी दिल्ली. रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में बृहस्पतिवार को करीब दो प्रतिशत की तेजी आई और कंपनी का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) एक बार फिर 20 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया। बीएसई पर कंपनी का शेयर 1.90 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,495.20 रुपये पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 2.14 प्रतिशत चढ़कर 1,498.70 रुपये पर पहुंच गया था। एनएसई पर रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 1.90 प्रतिशत चढ़कर 1,495.30 रुपये पर पहुंच गया।
इससे कंपनी का बाजार मूल्यांकन 37,837.9 करोड़ रुपये बढ़कर 20,23,375.31 करोड़ रुपये हो गया।बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स बृहस्पतिवार को 1,000.36 अंक बढ़कर 83,755.87 अंक पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी 304.25 अंक मजबूत होकर 25,549 अंक पर बंद हुआ। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) पिछले साल 13 फरवरी को 20 लाख करोड़ रुपये का बाजार पूंजीकरण हासिल करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई थी। बाजार मूल्यांकन के मामले में कंपनी सबसे मूल्यवान घरेलू कंपनी है। इसके बाद शीर्ष पांच कंपनियों में एचडीएफसी बैंक का बाजार पूंजीकरण 15,51,218.93 करोड़ रुपये, आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का 12,45,219.09 करोड़ रुपये, भारती एयरटेल का 11,48,518.05 करोड़ रुपये और आईसीआईसीआई बैंक का बाजार पूंजीकरण 10,27,838.79 करोड़ है। -
नयी दिल्ली. वॉलमार्ट इंक के चेयरमैन और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) डग मैकमिलन के नेतृत्व में कंपनी के प्रतिनिधिमंडल ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और भारत के साथ अमेरिका की दिग्गज खुदरा कंपनी की बढ़ती साझेदारी पर चर्चा की। मैकमिलन 18 महीने से भी कम समय में दूसरी बार भारत यात्रा पर आए हैं।
वॉलमार्ट ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर बताया कि मैकमिलन ने मोदी से भारत के साथ वॉलमार्ट की बढ़ती साझेदारी पर चर्चा की। वॉलमार्ट की टीम देश की दो दिन की यात्रा पर है।
सीईओ ने मंगलवार को मोदी के साथ हुई अपनी बैठक में भारत के साथ वॉलमार्ट की बढ़ती साझेदारी पर चर्चा की। बातचीत के प्रमुख मुद्दों में फ्लिपकार्ट, फोनपे, वॉलमार्ट ग्लोबल टेक और वॉलमार्ट सोर्सिंग शामिल हैं। पिछले कुछ वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी और मैकमिलन के बीच यह चौथी बैठक है।
साल 2014 में बेंटनविले मुख्यालय वाली खुदरा दिग्गज कंपनी का सीईओ बनने के बाद से मैकमिलन कई बार भारत आ चुके हैं। मैकमिलन ने बृहस्पतिवार को वॉलमार्ट इंक के ‘एक्स' खाते पर कहा, “एक मूल्यवान बैठक के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद। हम आपके दृष्टिकोण से उत्साहित हैं और हमारे 10 अरब डॉलर वार्षिक निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने और फ्लिपकार्ट तथा फोनपे के माध्यम से नवाचार में निवेश करने को साझेदारी करके समर्थन करने पर गर्व करते हैं। भारत हमारी रणनीति का केंद्र बना हुआ है।” मैकमिलन के अलावा, वॉलमार्ट बोर्ड के सदस्य स्टुअर्ट वाल्टन और वॉलमार्ट इंटरनेशनल के अध्यक्ष और सीईओ कैथ मैकले भी वहां मौजूद थे। स्टुअर्ट वाल्टन परिवार से हैं, जिन्होंने वॉलमार्ट की स्थापना की थी। वह वॉलमार्ट के संस्थापक सैम वाल्टन के पोते हैं। यह पहली बार है जब वॉलमार्ट मालिक परिवार वाल्टन से कोई प्रधानमंत्री से मिल रहा है। मैकले वॉलमार्ट इंटरनेशनल के अध्यक्ष और सीईओ हैं। वॉलमार्ट ने देश से 10 अरब डॉलर मूल्य का सामान खरीदने की प्रतिबद्धता जताई है। -
नयी दिल्ली. विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने बृहस्पतिवार को कहा कि साल 2025 की शुरुआत में वैश्विक वस्तु व्यापार में अच्छी तेजी देखने को मिली थी लेकिन आने वाले समय में यह रफ्तार शायद कायम न रह पाए। डब्ल्यूटीओ के ‘वस्तु व्यापार संकेतक' के मुताबिक, साल की शुरुआत में वस्तुओं के व्यापार में तेजी आने की मुख्य वजह यह रही कि आयातकों ने अमेरिका में उच्च शुल्क लगाए जाने की आशंका को देखते हुए पहले ही अपनी खरीदारी बढ़ा दी थी। इस संकेतक का आंकड़ा बढ़कर 103.5 पर पहुंच गया जबकि मार्च में यह 102.8 पर था। यह व्यापार में वृद्धि को दर्शाता है। हालांकि, भविष्य का संकेत देने वाला नए निर्यात ऑर्डर का संकेतक गिरकर 97.9 पर आ गया है। यह साल के अंत तक व्यापार वृद्धि में कमजोरी आने की तरफ इशारा कर रहा है। डब्ल्यूटीओ का वस्तु व्यापार संकेतक वैश्विक व्यापार के रुझानों को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण सूचकांक है जो वास्तविक समय में व्यापार की दिशा के बारे में जानकारी देता है।
- नयी दिल्ली. उद्योगपति मुकेश अंबानी ने 2016 में रिलायंस जियो के साथ दूरसंचार उद्योग में कदम रखने के फैसले को अपने जीवन का ‘‘सबसे बड़ा जोखिम'' बताया है। उन्होंने कहा कि यदि विश्लेषकों की वित्तीय विफलता की भविष्यवाणी सच भी हो जाती तो भी भारत को डिजिटल रूप से बदलने में इसकी भूमिका को देखते हुए यह जोखिम उठाना उचित होता। वैश्विक प्रबंधन परामर्श कंपनी ‘मैकिन्से एंड कंपनी' के साथ साक्षात्कार में एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति ने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 4जी मोबाइल नेटवर्क शुरू करने में अपने स्वयं के अरबों डॉलर का निवेश किया था। इसको लेकर कुछ विश्लेषकों का कहना था कि यह वित्तीय रूप से सफल नहीं हो सकता है क्योंकि भारत सबसे उन्नत डिजिटल प्रौद्योगिकी के लिए तैयार नहीं है।उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन मैंने अपने निदेशक मंडल से कहा कि सबसे खराब स्थिति यह होगी कि हमें ज्यादा ‘रिटर्न' नहीं मिलेगा। तो यह ठीक है, क्योंकि यह हमारा अपना पैसा है लेकिन रिलायंस के रूप में, यह भारत में हमारा अब तक का सबसे बड़ा परोपकारी काम होगा क्योंकि हम भारत का डिजिटलीकरण कर देश को पूरी तरह बदल चुके होंगे। '' जियो को 2016 में पेश किए जाने के बाद से, जियो ने मुफ्त ‘वॉयस कॉल' और बेहद कम लागत वाला डेटा प्रदान करके भारतीय दूरसंचार बाजार में क्रांति ला दी है, जिससे प्रतिस्पर्धियों को कीमतें कम करने के लिए मजबूर होना पड़ा है और देश भर में तेजी से डिजिटल अपनाने को बढ़ावा मिला है। जियो के आने से पहले भारत में मोबाइल इंटरनेट अपेक्षाकृत महंगा था और आबादी के बड़े हिस्से की इस तक पहुंच नहीं थी। इसके आने से कीमतों में उतार-चढ़ाव शुरू हुआ जिससे डेटा की लागत में उल्लेखनीय कमी आई और ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों सहित लाखों भारतीयों के लिए इंटरनेट तक पहुंच सस्ती हो गई। इसका नतीजा यह हुआ कि इंटरनेट की पहुंच बढ़ी।भारत में अब 80 करोड़ से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं, और यह आंकड़ा इसे वैश्विक स्तर पर सबसे बड़े ऑनलाइन बाजारों में से एक बनाता है। इसने डिजिटल समावेशन को तेज किया क्योंकि किफायती डेटा ने डिजिटल विभाजन को पाटने में मदद की है। ई-कॉमर्स, वित्तीय प्रौद्योगिकी, शिक्षा प्रौद्योगिकी और मनोरंजन जैसी डिजिटल सेवाओं के विकास को बढ़ावा दिया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अंबानी ने कहा, ‘‘ हमने हमेशा बड़े जोखिम उठाए हैं, क्योंकि हमारे लिए व्यापकता मायने रखती है।अब तक हमने जो सबसे बड़ा जोखिम उठाया है, वह जियो है। उस समय हम अपना पैसा लगा रहे थे और मैं सबसे बड़ा शेयरधारक था। हमारी सबसे खराब स्थिति तब होती जब यह वित्तीय रूप से सफल नहीं होता क्योंकि कुछ विश्लेषकों का मानना था कि भारत सबसे उन्नत डिजिटल प्रौद्योगिकी के लिए तैयार नहीं है।'' जियो आज देश का सबसे बड़ा दूरसंचार संचालक है, जिसके 47 करोड़ से अधिक ग्राहक है। 5जी, क्लाउड और कृत्रिम मेधा (एआई) सेवाओं में इसकी मौजूदगी लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा मानना है कि आखिरकार आप इस दुनिया में बिना कुछ लिए आते हैं और बिना कुछ लिए चले जाते हैं। आप जो पीछे छोड़कर जाते हैं, वह एक संस्था है।''
- नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार बुधवार को तेजी के साथ बंद हुआ। बाजार में चौतरफा तेजी देखी गई। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 700.40 अंक या 0.85 प्रतिशत की बढ़त के साथ 82,755.51 और निफ्टी 200.40 अंक या 0.80 प्रतिशत की तेजी के साथ 25,244.75 पर था।निफ्टी आईटी इंडेक्स 1.64 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुआबाजार में तेजी का नेतृत्व आईटी शेयरों ने किया। निफ्टी आईटी इंडेक्स 1.64 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुआ। इसके अलावा ऑटो, एफएमसीजी, मीडिया, रियल्टी, इन्फ्रा, फार्मा और सर्विसेज इंडेक्स हरे निशान में थे। निफ्टी के प्राइवेट बैंक और पीएसई इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए।लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी खरीदारी हुईलार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी खरीदारी हुई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 259.30 अंक या 0.44 प्रतिशत की तेजी के साथ 58,881.70 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 275.10 अंक या 1.49 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,277.85 पर था।बीईएल, कोटक महिंद्रा बैंक और एक्सिस बैंक लूजर्स थेसेंसेक्स पैक में टाइटन, एमएंडएम, इन्फोसिस, पावर ग्रिड, भारती एयरटेल, टीसीएस, टेक महिंद्रा, अल्ट्राटेक सीमेंट, एचसीएल टेक, इटरनल, बजाज फाइनेंस, मारुति सुजुकी, ट्रेंट, टाटा स्टील, एचडीएफसी बैंक और अदाणी पोर्ट्स गेनर्स थे। बीईएल, कोटक महिंद्रा बैंक और एक्सिस बैंक लूजर्स थे।मजबूत डॉलर से आईटी और ऑटो में लार्ज-कैप स्टॉक बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैंजियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिसर्च प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “भारतीय इक्विटी बाजारों में रिकवरी को मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव कम होने और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी से समर्थन मिला है। वहीं, एफआईआई पूंजी निकालना जारी रखे हुए हैं लेकिन सकारात्मक वैश्विक संकेत घरेलू बाजार की गति को बनाए रखने में मदद कर रहे हैं। मजबूत डॉलर से आईटी और ऑटो में लार्ज-कैप स्टॉक बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। घरेलू स्तर पर, अनुकूल मानसून पूर्वानुमान और नरम मुद्रास्फीति आशावाद को और मजबूत कर रहे हैं।”सकारात्मक संकेतों के कारण भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत तेजी के साथ हुई थीसकारात्मक संकेतों के कारण भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत तेजी के साथ हुई थी। सुबह करीब 9.25 बजे, सेंसेक्स 445.6 अंक या 0.54 प्रतिशत बढ़कर 82,500.73 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 130.15 अंक या 0.52 प्रतिशत बढ़कर 25,174.50 पर था।
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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों के बीच लेन-देन वाले कॉल मनी मार्केट और रीपो व ट्राय-पार्टी रेपो (TREP) मार्केट की ट्रेडिंग टाइमिंग बढ़ाने का फैसला किया है। यह फैसला केंद्रीय बैंक द्वारा गठित ‘ट्रेडिंग और सेटलमेंट टाइमिंग की समग्र समीक्षा पर कार्य समूह’ की सिफारिशों के आधार पर लिया गया है।
अब 1 जुलाई 2025 से इंटरबैंक कॉल मनी मार्केट का समय बढ़ाकर शाम 7:00 बजे तक कर दिया जाएगा, जो अभी शाम 5:00 बजे तक होता है। इस बदलाव के बाद अब यह बाजार सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम 7:00 बजे तक खुला रहेगा।इसके अलावा, रीपो और ट्राय-पार्टी रीपो बाजारों के ट्रेडिंग समय को 1 अगस्त 2025 से बढ़ाकर शाम 4:00 बजे तक कर दिया जाएगा। ये बाजार अब सुबह 9:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक खुले रहेंगे।सरकार द्वारा जारी सर्कुलर के मुताबिक, सरकारी बॉन्ड बाजार, विदेशी मुद्रा बाजार (फॉरेक्स मार्केट) और ब्याज दर आधारित डेरिवेटिव बाजार के ट्रेडिंग समय में कोई बदलाव नहीं किया गया है।सर्कुलर में बताया गया कि एक वर्किंग ग्रुप ने बाजार को और बेहतर बनाने, सही भाव तय करने (प्राइस डिस्कवरी) और लिक्विडिटी जरूरतों को बेहतर तरीके से मैनेज करने के लिए कुछ सिफारिशें दी हैं।सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि वर्किंग ग्रुप की बाकी सिफारिशों पर अभी विचार किया जा रहा है और उन पर निर्णय बाद में लिया जाएगा।फरवरी में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक 9 सदस्यीय कार्य समूह (Working Group) का गठन किया था, जिसका उद्देश्य वित्तीय बाजारों में ट्रेडिंग और सेटलमेंट के समय की व्यापक समीक्षा करना है। यह समूह बीते कुछ वर्षों में वित्तीय क्षेत्र में हुए कई अहम बदलावों को ध्यान में रखते हुए मौजूदा समय-सीमा का मूल्यांकन करेगा।इस समीक्षा में जिन मुख्य बातों पर ध्यान दिया जाएगा, उनमें ट्रेडिंग का इलेक्ट्रॉनिक होना, विदेशी मुद्रा (फॉरेक्स) और कुछ ब्याज दर डेरिवेटिव बाजारों का 24×5 आधार पर खुला रहना, घरेलू बाजारों में गैर-निवासियों की बढ़ती भागीदारी, और भुगतान प्रणालियों की 24 घंटे उपलब्धता जैसी बातें शामिल हैं।कार्य समूह का मुख्य काम रिज़र्व बैंक द्वारा रेगुलेट किए जाने वाले विभिन्न वित्तीय बाजारों के मौजूदा ट्रेडिंग और सेटलमेंट टाइमिंग की समीक्षा करना है। इसमें ट्रेडिंग, क्लियरिंग, सेटलमेंट और ट्रांजैक्शन रिपोर्टिंग से जुड़ी मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर के कामकाज के समय की भी जांच की जाएगी।इसके साथ ही, यह समूह मौजूदा समय-सीमा से पैदा होने वाली किसी भी चुनौती या समस्या जैसे बाजारों के बीच मूल्य/रेट ट्रांसमिशन पर असर, बाजार में उतार-चढ़ाव, ट्रेड का बंटवारा, तरलता की ज़रूरतें और नेटिंग क्षमता जैसे पहलुओं की भी समीक्षा करेगा। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनाए जा रहे समय-निर्धारण के तरीकों का भी अध्ययन किया जाएगा, ताकि यह समझा जा सके कि वे भागीदारी, तरलता और ट्रेडिंग वॉल्यूम जैसे पहलुओं पर क्या असर डालते हैं।इस कार्य समूह की अध्यक्षता भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यकारी निदेशक राधा श्याम राठो कर रहे हैं। इसके अलावा इसमें वित्तीय क्षेत्र से जुड़े आठ अन्य विशेषज्ञ सदस्य शामिल हैं। -
नई दिल्ली। मध्य पूर्व में जारी तनाव और वैश्विक अस्थिरता के बावजूद भारत के बासमती चावल का निर्यात वित्त वर्ष 2024-25 में तेजी से बढ़ा है। वाणिज्यिक जानकारी एवं सांख्यिकी महानिदेशालय (DGCI&S) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष बासमती चावल के निर्यात से भारत को 50,312 करोड़ रुपये (5.87 अरब डॉलर) की आमदनी हुई, जो पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के 48,389 करोड़ रुपये (5.74 अरब डॉलर) के मुकाबले 1,923 करोड़ रुपये अधिक है। बढ़ते तनाव के बावजूद यह व्यापारिक सफलता इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत का बासमती चावल निर्यात काफी हद तक मध्य पूर्व के देशों पर निर्भर करता है।
आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि भारत ने 2024-25 में 60.65 लाख मीट्रिक टन (LMT) बासमती चावल का निर्यात किया, जो 2023-24 के मुकाबले 8.23 LMT या 15.7% अधिक है। वहीं पिछले वर्ष भारत ने 154 देशों को बासमती चावल भेजा, जबकि 2023-24 में यह संख्या 150 देश थी। सऊदी अरब भारत का सबसे बड़ा खरीदार रहा, जिसने 11.73 LMT बासमती चावल खरीदा। इसके बाद इराक (9.05 LMT) और ईरान (8.55 LMT) का स्थान रहा। ये तीनों देश पिछले वर्ष भी शीर्ष आयातक थे, जिनकी खरीद क्रमशः 10.98 LMT, 8.24 LMT, और 6.7 LMT थी।अन्य प्रमुख आयातकों में यमन (3.92 LMT), यूएई (3.89 LMT), अमेरिका (2.74 LMT), ब्रिटेन (1.80 LMT), कुवैत (1.75 LMT), ओमान (1.49 LMT) और कतर (1.24 LMT) शामिल हैं। मूल्य के लिहाज से देखें तो सऊदी अरब ने सबसे अधिक 10,190.73 करोड़ रुपये का बासमती चावल खरीदा। इसके बाद इराक ने 7,201 करोड़ रुपये, ईरान ने 6,374 करोड़ रुपये, यूएई ने 3,089 करोड़ रुपये, यमन ने 3,038.56 करोड़ रुपये, और अमेरिका ने 2,849 करोड़ रुपये का भुगतान किया।इसके अलावा ब्रिटेन ने 1,613.36 करोड़ रुपये, कुवैत ने 1,518.8 करोड़ रुपये, ओमान ने 1,223 करोड़ रुपये और कतर ने 1,040 करोड़ रुपये का बासमती चावल भारत से खरीदा। भारत की यह उपलब्धि इस बात का संकेत है कि भले ही दुनिया में राजनीतिक अस्थिरता हो, भारतीय कृषि उत्पादों खासकर बासमती चावल की वैश्विक मांग में लगातार वृद्धि हो रही है।-( -
नई दिल्ली। भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2025-26 में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। इसकी वजह सामान्य से अधिक मानसून और मौद्रिक नीति में नरमी आना है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स की रिपोर्ट में बताया गया कि घरेलू मांग में मजबूती, भारत जैसी अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक मंदी को सीमित करने में बड़ा योगदान देगी। साथ ही निर्यात पर देश की कम निर्भरता से भी अर्थव्यवस्था के विकास को बढ़ावा मिलेगा।
वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत पर रहने की उम्मीदएशिया-प्रशांत क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाओं पर जारी रिपोर्ट में कहा गया, “हम वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत पर रहने की उम्मीद करते हैं। इस पूर्वानुमान में सामान्य मानसून, कच्चे तेल की कम कीमतें, आयकर में छूट और मौद्रिक नीति में नरमी को शामिल किया गया है।”भारत में कम होती खाद्य महंगाई से मुख्य महंगाई को कम रखने में मदद मिलेगीरिपोर्ट में बताया गया कि भारत में कम होती खाद्य महंगाई से मुख्य महंगाई को कम रखने में मदद मिलेगी। भारत में थोक महंगाई दर मई में 14 महीनों के निचले स्तर 0.39 प्रतिशत पर आ गई है, जो कि अप्रैल में 0.85 प्रतिशत थी और मार्च में यह 2.05 प्रतिशत थी।भारत की खुदरा महंगाई दर मई में कम होकर 2.82 प्रतिशत हो गई है, जो कि पिछले साल मई में 4.8 प्रतिशत थीवहीं, भारत की खुदरा महंगाई दर मई में कम होकर 2.82 प्रतिशत हो गई है, जो कि पिछले साल मई में 4.8 प्रतिशत थी। खुदरा महंगाई दर का यह फरवरी 2019 के बाद सबसे निचला स्तर था। इस साल अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 3.16 प्रतिशत थी।महंगाई में कमी का कारण खाद्य महंगाई का कम होकर 0.99 प्रतिशत होना, जो कि अक्टूबर 2021 के बाद सबसे निचला स्तर हैमहंगाई में कमी का कारण खाद्य महंगाई का कम होकर 0.99 प्रतिशत होना, जो कि अक्टूबर 2021 के बाद सबसे निचला स्तर है। खाद्य महंगाई दर बीते सात महीने से लगातार कम हो रही है। इसकी वजह कृषि उत्पादन का बढ़ना है।आरबीआई ने 2025-26 के लिए महंगाई के अपने पूर्वानुमान को भी 4 प्रतिशत से घटाकर 3.7 प्रतिशत कर दिया हैरिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बीते शुक्रवार को आरबीआई ने 2025-26 के लिए महंगाई के अपने पूर्वानुमान को भी 4 प्रतिशत से घटाकर 3.7 प्रतिशत कर दिया है। उन्होंने कहा, “सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए और सामान्य मानसून को देखते हुए वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति अब 3.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।”कई अर्थव्यवस्थाओं को टैरिफ से पहले अमेरिका को निर्यात के एडवांस लोडिंग से अस्थायी रूप से बढ़ावा मिला हैएसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के अनुसार, कई क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं ने मजबूत घरेलू मांग के कारण 2025 में अच्छी शुरुआत की है। कई अर्थव्यवस्थाओं को टैरिफ से पहले अमेरिका को निर्यात के एडवांस लोडिंग से अस्थायी रूप से बढ़ावा मिला है।2025 में चीनी अर्थव्यवस्था के 4.3 प्रतिशत और 2026 में 4 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि की उम्मीदरिपोर्ट में बताया गया कि 2025 में चीनी अर्थव्यवस्था के 4.3 प्रतिशत और 2026 में 4 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि की उम्मीद है। रिपोर्ट के अनुसार, एशिया-प्रशांत अर्थव्यवस्थाओं को काफी बाहरी दबाव का सामना करना पड़ रहा है। हमें उम्मीद है कि भारत की घरेलू मांग मोटे तौर पर स्वस्थ रहेगी। -
नयी दिल्ली. ड्रोन प्रौद्योगिकी कंपनी आइडियाफोर्ज टेक्नोलॉजी ने आपातकालीन खरीद मार्ग के जरिये भारतीय सेना से हाइब्रिड लघु मानव रहित हवाई वाहन प्रणालियों (ड्रोन) के लिए लगभग 137 करोड़ रुपये का ऑर्डर हासिल किया है। कंपनी ने सोमवार को यह जानकारी दी। आइडियाफोर्ज ने कहा कि मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) के चयन के लिए मूल्यांकन के दौरान एक प्रमुख आवश्यकता यह थी कि सभी महत्वपूर्ण उप-कलपुर्जों को सीमा साझा नहीं करने वाले देशों से हासिल किया जाना चाहिए। इसके साथ ही यह मंच क्षमता और डिजाइन में काफी हद तक स्वदेशी होना चाहिए। कंपनी ने बयान में कहा, ''आइडियाफोर्ज टेक्नोलॉजी ने आपातकालीन खरीद मार्ग के जरिये एक महत्वपूर्ण ऑर्डर हासिल किया है। लगभग 137 करोड़ रुपये का ऑर्डर भारतीय सेना ने उच्च प्रदर्शन वाले हाइब्रिड लघु यूएवी प्रणाली के लिए दिया गया है। इनका पहले ही युद्ध-परीक्षण किया गया है।'' कंपनी की अनुसंधान एवं विकास तथा विनिर्माण इकाइयां नवी मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली और अमेरिका में हैं।
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बेंगलुरु. भारतीय कॉफी बोर्ड द्वारा उठाए गए कई कदमों के कारण पिछले 11 वर्षों में देश का कॉफी निर्यात लगभग 125 प्रतिशत बढ़कर 1.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। केंद्र सरकार की ओर से जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2014-15 में निर्यात 80 करोड़ डॉलर से अधिक था। यह 2023-24 में 1.28 अरब डॉलर और 2022-23 में 1.14 अरब डॉलर था। देश के कॉफ़ी निर्यात के लिए यूरोप शीर्ष गंतव्य बना हुआ है। भारत से कॉफ़ी आयात करने वाले प्रमुख देशों में इटली, जर्मनी, बेल्जियम, पश्चिम एशिया के देश, दक्षिण कोरिया और जापान शामिल हैं। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भारतीय कॉफी बोर्ड द्वारा की गई प्रमुख पहल में पंजीकरण-सह-सदस्यता प्रमाणपत्र (आरसीएमसी), निर्यात परमिट, उत्पत्ति प्रमाणपत्र को डिजिटल हस्ताक्षर के साथ ऑनलाइन जारी करना, बाधाओं पर चर्चा करने और उन मुद्दों को हल करने के लिए निर्यातकों के साथ नियमित बातचीत, तथा नियमित रूप से वैश्विक बाजार की जानकारी और बाजार आसूचना प्रदान करना शामिल है। अन्य निर्यात संवर्धन कदमों में मूल्यवर्धित कॉफी के बाजार हिस्से को बढ़ाकर निर्यात आय को अधिकतम करने के लिए पारगमन/माल ढुलाई सहायता शामिल थी। सरकार मूल्यवर्धित उत्पादों के निर्यात के लिए तीन रुपये प्रति किलोग्राम प्रदान करती है, वहीं अमेरिका, कनाडा, जापान, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया और फिनलैंड, नॉर्वे और डेनमार्क जैसे दूर-दराज के उच्च मूल्य वाले बाजारों में उच्च मूल्य वाली हरी कॉफी के निर्यात के लिए दो रुपये प्रदान करती है। मूल्य संवर्धन के लिए कारोबारी समुदाय को सहायता देने के लिए बोर्ड व्यक्तियों, स्वयं सहायता समूहों और उत्पादकों को सहायता प्रदान करता है। यह पिसाई और पैकेजिंग आदि मशीनरी की स्थापना के लिए मशीनरी की लागत का 40 प्रतिशत प्रदान करता है, जिसकी अधिकतम सीमा 15 लाख रुपये है। -
नयी दिल्ली. उद्योग मंडल एल्सीना ने सरकार के साथ एक अनुमान साझा किया है कि चीन द्वारा दुर्लभ मृदा धातुओं के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण देश के ऑडियो इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में 21,000 से अधिक नौकरियां खतरे में हैं। अप्रैल में, चीन ने टेरबियम और डिस्प्रोसियम जैसे दुर्लभ मृदा तत्वों पर सख्त निर्यात लाइसेंसिंग लागू की, जो उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स में उपयोग किए जाने वाले उच्च-प्रदर्शन वाले एनडीएफईबी (नियोडिमियम-आयरन-बोरॉन) चुम्बक के लिए महत्वपूर्ण कच्चा माल हैं। देश के सबसे पुराने इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग निकाय ने कहा कि इस कदम से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई है, जिससे भारत के तेजी से बढ़ते श्रव्य और पहनने योग्य उपकरणों के क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंचा है और उपकरण विनिर्माता चीन से पूरी तरह से तैयार स्पीकर मॉड्यूल आयात करने पर विचार कर रहे हैं। एल्सीना ने रिपोर्ट में कहा, “इससे प्रतिगामी प्रवृत्ति पैदा होती है, जो कलपुर्जा विनिर्माण से वापस तैयार माल के आयात पर निर्भरता की ओर जाती है। स्पीकर और ऑडियो के कलपुर्जा विनिर्माण में, खासकर नोएडा और दक्षिण भारत में 5,000-6,000 से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियां और 15,000 अप्रत्यक्ष नौकरियां खतरे में हैं।” एल्सीना का अनुमान है कि दुर्लभ मृदा धातु आधारित चुम्बकों का हिस्सा कुल सामग्री का लगभग पांच-सात प्रतिशत है, तथा भारत अपनी एनडीएफईबी चुम्बक आवश्यकता का लगभग 100 प्रतिशत आयात करता है, जबकि चीन का हिस्सा कुल आयात का 90 प्रतिशत है। उद्योग निकाय ने कहा कि आपूर्ति में कमी और प्रशासनिक अनियमितताओं के कारण चीन निर्मित चुम्बकों की कीमतें बढ़ गई हैं, तथा जापान, यूरोपीय संघ और अमेरिका जैसे अन्य स्रोत दो-तीन गुना महंगे हैं और भारत की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उनके पास पर्याप्त क्षमता भी नहीं है। टेलीविजन बनाने वाली इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण सेवा फर्म वीडियोटेक्स ने कहा कि दुर्लभ मृदा आधारित चुम्बक टेलीविजन विनिर्माण में महत्वपूर्ण हैं, विशेष रूप से स्पीकरों के लिए, क्योंकि उनका प्रदर्शन बेहतर होता है और आकार छोटा होता है।
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नयी दिल्ली. सेंसेक्स की शीर्ष 10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में से छह का बाजार मूल्यांकन (मार्केट कैप) पिछले सप्ताह सामूहिक रूप से 1,62,288.06 करोड़ रुपये बढ़ गया। सबसे अधिक लाभ में भारती एयरटेल और रिलायंस इंडस्ट्रीज रहीं। पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,289.57 अंक या 1.58 प्रतिशत चढ़ गया।
समीक्षाधीन सप्ताह में रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और इन्फोसिस का बाजार पूंजीकरण बढ़ गया। वहीं टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), एलआईसी, बजाज फाइनेंस और हिंदुस्तान यूनिलीवर की बाजार हैसियत घट गई। समीक्षाधीन सप्ताह में भारती एयरटेल का बाजार मूल्यांकन 54,055.96 करोड़ रुपये बढ़कर 11,04,469.29 करोड़ रुपये रहा। रिलायंस इंडस्ट्रीज की बाजार हैसियत 50,070.14 करोड़ रुपये बढ़कर 19,82,033.60 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। एचडीएफसी बैंक का मूल्यांकन 38,503.91 करोड़ रुपये बढ़कर 15,07,281.79 करोड़ रुपये हो गया। वहीं इन्फोसिस ने सप्ताह के दौरान 8,433.06 करोड़ रुपये जोड़े और कंपनी का बाजार मूल्यांकन 6,73,751.09 करोड़ रुपये हो गया। आईसीआईसीआई बैंक की बाजार हैसियत 8,012.13 करोड़ रुपये बढ़कर 10,18,387.76 करोड़ रुपये और भारतीय स्टेट बैंक की 3,212.86 करोड़ रुपये के उछाल के साथ 7,10,399.75 करोड़ रुपये हो गई। इस रुख के उलट बजाज फाइनेंस का बाजार पूंजीकरण 17,876.42 करोड़ रुपये घटकर 5,62,175.67 करोड़ रुपये रह गया। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के मूल्यांकन में 4,613.06 करोड़ रुपये की गिरावट आई और यह 12,42,577.89 करोड़ रुपये पर आ गया। हिंदुस्तान यूनिलीवर का मूल्यांकन 3,336.42 करोड़ रुपये घटकर 5,41,557.29 करोड़ रुपये रह गया। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की बाजार हैसियत 1,106.88 करोड़ रुपये घटकर 5,92,272.78 करोड़ रुपये पर आ गई। शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही। उसके बाद क्रमश: एचडीएफसी बैंक, टीसीएस, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, इन्फोसिस, एलआईसी, बजाज फाइनेंस और हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड का स्थान रहा। -
नयी दिल्ली. इजरायल द्वारा ईरान पर हमले के बाद बाजार में आए उतार-चढ़ाव के बीच भारत ने जून में रूस से कच्चे तेल की खरीद बढ़ा दी है। भारत की जून में रूस से तेल खरीद पश्चिम एशिया के आपूर्तिकर्ताओं...सऊदी अरब और इराक से आयातित मात्रा से अधिक रही है। अमेरिकी सेना ने रविवार सुबह ईरान में तीन स्थलों पर हमला किया। वह इस युद्ध में सीधे इजरायल के साथ शामिल हो गया है। इजरायल ने 13 जून को सबसे पहले ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमला किया था। वैश्विक व्यापार विश्लेषक कंपनी केपलर के शुरुआती आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय रिफाइनरी कंपनियां जून में रूस से प्रतिदिन 20 से 22 लाख बैरल कच्चा तेल खरीद रही हैं। यह दो साल का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। इसके साथ ही यह इराक, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और कुवैत से खरीदी गई कुल मात्रा से अधिक है। मई में रूस से भारत का तेल आयात 19.6 लाख बैरल प्रति दिन (बीपीडी) था।
जून में अमेरिका से भी आयात बढ़कर 4,39,000 बीपीडी हो गया। पिछले महीने यह आंकड़ा 2,80,000 बीपीडी था। केपलर के अनुसार, पश्चिम एशिया से आयात के लिए पूरे महीने का अनुमान लगभग 20 लाख बैरल प्रतिदिन है, जो पिछले महीने की खरीद से कम है। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक और उपभोक्ता देश भारत विदेशों से लगभग 51 लाख बैरल कच्चा तेल खरीदता है, जिसे रिफाइनरी में पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधन में बदला जाता है। भारत पारंपरिक रूप से पश्चिम एशिया से कच्चा तेल खरीदता रहा है। फरवरी, 2022 में यूक्रेन पर रूसी हमले के तुरंत बाद भारत ने रूस से बड़ी मात्रा में कच्चे तेल का आयात करना शुरू कर दिया था। इसका मुख्य कारण यह था कि पश्चिमी प्रतिबंधों और कुछ यूरोपीय देशों द्वारा खरीद से परहेज करने के कारण रूसी तेल अन्य अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क की तुलना में काफी सस्ते दाम पर उपलब्ध था। इसके कारण भारत के रूसी तेल आयात में नाटकीय वृद्धि देखी गई। कभी भारत का रूस से कच्चे तेल का आयात एक प्रतिशत से भी कम था। लेकिन यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद यह थोड़े से समय में ही बढ़कर 40-44 प्रतिशत तक पहुंच गया था। -
नयी दिल्ली. स्थानीय शेयर बाजार की दिशा इस सप्ताह इजरायल-ईरान संघर्ष और इसके वैश्विक आपूर्ति पर पड़ने वाले प्रभाव से तय होगी। इसके अलावा कच्चे तेल की कीमतों पर भी सभी की निगाह रहेगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। विश्लेषकों का कहना है कि वैश्विक रुख और विदेशी निवेशकों की कारोबारी गतिविधियों से भी बाजार की धारणा प्रभावित होगी। एक विशेषज्ञ ने कहा कि बीते सप्ताह पश्चिम एशिया के संघर्ष और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल को नजरअंदाज करते हुए स्थानीय शेयर बाजार बढ़त के साथ बंद हुआ। रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘इस सप्ताह वैश्विक संकेतक बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे। इसमें ईरान और इजरायल के बीच भू-राजनीतिक तनाव, अमेरिकी आर्थिक आंकड़े और फेडरल रिजर्व के अधिकारियों की टिप्पणियों पर सभी की निगाह रहेगी।'' उन्होंने कहा कि घरेलू स्तर पर निवेशक मानसून की प्रगति, मासिक अनुबंधों के निपटान से संबंधित अस्थिरता, कच्चे तेल की कीमतों और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की गतिविधियों पर नजर रखेंगे। शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 1,046.30 अंक या 1.29 प्रतिशत बढ़कर 82,408.17 अंक पर बंद हुआ। 50 शेयरों वाला एनएसई निफ्टी 319.15 अंक या 1.29 प्रतिशत चढ़कर 25,112.40 अंक पर पहुंच गया। जियोजीत इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘भू-राजनीतिक अभी अनिश्चितता बनी हुई है।'' उन्होंने कहा कि निवेशक अमेरिका के आगामी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर और पीसीई (व्यक्तिगत उपभोग खर्च) के आंकड़ों पर भी कड़ी नज़र रखेंगे। इसके अलावा उनकी निगाह भारत के खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) के आंकड़ों पर भी रहेगी। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,289.57 अंक या 1.58 प्रतिशत चढ़ गया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 393.8 अंक या 1.59 प्रतिशत के लाभ में रहा। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख-शोध, संपदा प्रबंधन सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘आगे की ओर देखें तो वैश्विक संकेतकों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। निवेशक अमेरिका के विनिर्माण और सेवा पीएमआई आंकड़ों के अलावा भू-राजनीतिक मोर्चे पर आगे के घटनाक्रमों पर नजर रखेंगे। एफपीआई की गतिविधियों पर वॉटरफील्ड एडवाइजर्स के वरिष्ठ निदेशक (सूचीबद्ध निवेश) विपुल भोवार ने कहा, ‘‘अप्रैल में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश की प्रवृत्ति में उलटफेर हुआ तथा मई में इसमें काफी मजबूती आई। मई में दर्ज किया गया निवेश पिछले आठ महीनों में सबसे अधिक रहा, जो भारतीय बाजारों में विदेशी निवेशकों की बढ़ती रुचि को दर्शाता है।'' उन्होंने कहा कि इसके बावजूद इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष सहित अन्य भू-राजनीतिक घटनाक्रमों की वजह से जून में बाजार में सतर्कता के साथ आशावादी रुख देखने को मिल रहा है।
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नयी दिल्ली. चालू वित्त वर्ष (2025-26) में अब तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह सालाना आधार पर 1.39 प्रतिशत घटकर 4.59 लाख करोड़ रुपये रहा। सरकार द्वारा शनिवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। कर संग्रह में गिरावट और ज्यादा रिफंड के कारण अग्रिम कर संग्रह नरम रहा। आंकड़ों के अनुसार, एक अप्रैल से 19 जून, 2025 के दौरान अग्रिम कर संग्रह मात्र 3.87 प्रतिशत बढ़कर 1.56 लाख करोड़ रुपये रहा। पिछले साल में तुलनात्मक अवधि में, अग्रिम कर संग्रह में 27 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई थी। कॉरपोरेट्स द्वारा चुकाया गया अग्रिम कर 5.86 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1.22 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि व्यक्तियों, एचयूएफ और फर्मों सहित गैर-कॉरपोरेट द्वारा चुकाया गया कर 2.68 प्रतिशत की गिरावट के साथ 33,928 करोड़ रुपये रह गया। अग्रिम कर का भुगतान चार किस्तों - जून, सितंबर, दिसंबर और मार्च में में किया जाता है।
चालू वित्त वर्ष में 19 जून तक रिफंड जारी करने की राशि 58 प्रतिशत बढ़कर 86,385 करोड़ रुपये हो गई।
चालू वित्त वर्ष में अब तक सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 5.45 लाख करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले की समान अवधि से 4.86 प्रतिशत अधिक है। कुल मिलाकर, शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह एक अप्रैल से 19 जून, 2025 के दौरान लगभग 4.59 लाख करोड़ रुपये रहा, जो 2024 में इसी अवधि में एकत्र किए गए 4.65 लाख करोड़ रुपये से 1.39 प्रतिशत कम है। एक अप्रैल से 19 जून, 2025 के दौरान शुद्ध कॉरपोरेट कर संग्रह में लगभग 1.73 लाख करोड़ रुपये की मंदी देखी गई, जो पिछले साल की तुलना में पांच प्रतिशत से अधिक की गिरावट है। गैर-कॉरपोरेट कर संग्रह, जिसमें मुख्य रूप से व्यक्तिगत आयकर शामिल है, 0.7 प्रतिशत की मामूली वृद्धि के साथ 2.73 लाख करोड़ रुपये हो गया। इस अवधि के दौरान प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) 12 प्रतिशत बढ़कर 13,013 करोड़ रुपये हो गया।
चालू वित्त वर्ष (2025-26) में सरकार ने प्रत्यक्ष कर संग्रह 25.20 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है, जो पिछले साल की तुलना में 12.7 प्रतिशत अधिक है। सरकार ने 19 जून तक अपने प्रत्यक्ष कर लक्ष्य का 18.21 प्रतिशत संग्रह किया है। सरकार का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष में एसटीटी से 78,000 करोड़ रुपये एकत्र करना है। -
नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी एनटीपीसी के निदेशक मंडल ने शनिवार को घरेलू बाजार में निजी नियोजन के तहत एनसीडी या बॉन्ड जारी कर 18,000 करोड़ रुपये तक जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। एनटीपीसी ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि उसके निदेशक मंडल ने शनिवार को अपनी बैठक में इन गैर-परिवर्तनीय ऋणपत्र (एनसीडी) जारी करने के लिए कंपनी के शेयरधारकों की मंजूरी लेने के संबंध में डाक मतपत्र के मसौदे पर भी विचार किया और उसे मंजूरी दे दी। कंपनी ने कहा कि उसने डाक मतपत्र नोटिस और मतदान अधिकार प्राप्त करने के हकदार सदस्यों के नामों की गणना के लिए शुक्रवार की तिथि भी तय की है। सूचना के अनुसार, बोर्ड ने विशेष प्रस्ताव पारित होने की तिथि से एक वर्ष पूरा होने तक की अवधि के दौरान घरेलू बाजार में निजी नियोजन के माध्यम से एक या एक से अधिक किस्तों में 18,000 करोड़ रुपये तक के गैर-परिवर्तनीय ऋणपत्र जारी करने को मंजूरी दी है।
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नयी दिल्ली. केंद्रीय मंत्रियों, नौकरशाहों और भारतीय उद्योग जगत के दिग्गजों ने शनिवार को योग को जीवनशैली का हिस्सा बनाने का आह्वान किया और कहा कि ‘भारत का यह अनमोल उपहार' शुद्ध अनुशासन, मजबूती और अंतहीन आत्म-खोज का मार्ग प्रदान करता है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजित योग सत्रों में उद्योग जगत ने हिस्सा लिया। तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती की प्राचीन भारतीय पद्धति, योग सदियों से भारत के सभ्यतागत मूल्यों और परंपराओं का हिस्सा रही है। उन्होंने कहा, “पिछले कई वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अथक प्रयासों के कारण, योग ने संस्कृतियों और सीमाओं को पार करते हुए व्यापक वैश्विक स्वीकृति प्राप्त की है और दुनिया को एक साथ लाना जारी रखा है।” खनन समूह वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, “कोई भी व्यक्ति शांति पा सकता है, यहां तक कि ऐसी दुनिया में भी जहां ध्यान भटकाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। आपको बस अपने फोन से 10 मिनट दूर रहने की ज़रूरत है।' उन्होंने कहा, “आज, मैं लोगों को सोशल मीडिया पर घंटों बिताते हुए देखता हूं, विचलित और थका हुआ, जो योग के बिल्कुल विपरीत है, जो आपको वर्तमान में रहने के लिए मजबूर करता है।” सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप की संयुक्त प्रबंध निदेशक संगीता रेड्डी ने कहा कि वह दशकों से योग का अभ्यास कर रही हैं और ‘मैं अभी भी नए सत्यों को उजागर कर रही हूं!” उन्होंने लिखा, “सबसे गहरा? हमारी सांस हमारी भावनाओं से कितनी गहराई से जुड़ी हुई है। यह एक क्रांतिकारी है: अपनी सांस को नियंत्रित करना सीखें, और आप पाएंगे कि आप अपनी भावनात्मक दुनिया को पता कर सकते हैं। यह मार्ग शुद्ध अनुशासन, मजबूती और अंतहीन आत्म-खोज है। योग दिवस की शुभकामनाएं!” इसी प्रकार, जिंदल स्टील एंड पावर के चेयरमैन नवीन जिंदल ने कहा, “योग भारत का एक अनमोल उपहार है - यह एक अनुशासन है, एक अभ्यास है और एक जीवन पद्धति है। आइए योग को अपनी जीवनशैली बनाएं।” सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय के शीर्ष नौकरशाह, अधिकारी, कर्मचारी और कर्मचारी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग सत्र में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए मंत्रालय के मुख्यालय में एकत्र हुए। आईटी मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव और इंडियाएआई मिशन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अभिषेक सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा, “योग केवल व्यायाम का एक रूप नहीं है, यह आंतरिक संतुलन, विचारों की स्पष्टता और समग्र कल्याण के लिए एक शक्तिशाली उपकरण है। जैसा कि हम अपने जीवन के हर पहलू में प्रौद्योगिकी को अपनाते हैं, योग द्वारा प्रदान किए जाने वाले अनुशासन और ध्यान के माध्यम से खुद को स्थापित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।” केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी योग को नागरिकों के जीवन में दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाने के लिए इस मुहिम में शामिल हो गए। साल 1998 के एक जीवन-परिवर्तनकारी अनुभव को याद करते हुए, जब एक भीषण दुर्घटना में उनके शरीर के आठ अंग बुरी तरह से घायल हो गए थे, चौहान ने कहा, “उस समय, मैं फिर से चलने की कल्पना भी नहीं कर सकता था, लेकिन योग ने ही मेरे ठीक होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज, मैं योग की परिवर्तनकारी शक्ति की बदौलत उन चोटों के स्थायी प्रभावों से मुक्त एक स्वस्थ, सामान्य जीवन जीने में सक्षम हूं।” कोयला मंत्रालय ने एक बयान में स्वास्थ्य-केंद्रित कार्यस्थलों को बढ़ावा देने और एक स्वस्थ, खुशहाल समाज के बड़े दृष्टिकोण का समर्थन करने की अपनी प्रतिज्ञा दोहराई है, क्योंकि योग स्वस्थ जीवन शैली का एक अनिवार्य घटक है, क्योंकि दुनिया स्वास्थ्य और सद्भाव के लिए एक सार्वभौमिक अभ्यास के रूप में योग को अपना रही है। केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा कि योग मानवता के लिए भारत का अनमोल उपहार है, जो व्यक्तिगत कल्याण के साथ-साथ मानवता के बीच एकता, पर्यावरण सद्भाव और वैश्विक कल्याण पर जोर देता है। भाजपा सांसद जिंदल ने कहा कि उन्होंने योग गुरु रामदेव, हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री नायब सैनी, स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव और पूर्व मंत्री सुभाष सुधा के साथ पवित्र शहर कुरुक्षेत्र में ब्रह्मसरोवर की पवित्र भूमि पर हजारों लोगों के साथ एक कार्यक्रम में योग किया और आध्यात्मिक शांति और स्वास्थ्य का संदेश दिया। भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (इरेडा) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) प्रदीप कुमार दास और इरेडा के निदेशक (वित्त) बिजय कुमार मोहंती ने राजधानी स्थित सुंदर नर्सरी में 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के समारोह में भाग लिया। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव संतोष कुमार सारंगी, उपभोक्ता मामले विभाग की सचिव निधि खरे और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव संजीव चोपड़ा सहित वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। कोल इंडिया की इकाई सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) ने कहा कि उसने इस वर्ष के वैश्विक विषय ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग' और राष्ट्रीय आदर्श वाक्य ‘योग से योग्य' के अनुरूप अपने परिचालन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर समारोह आयोजित किए। झारखंड के पिपरवार क्षेत्र में सामूहिक योग सत्र के लिए कर्मचारियों, ग्रामीणों और हितधारकों सहित 1,500 से अधिक प्रतिभागी एकत्र हुए। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री और बिजली मंत्री मनोहर लाल ने जंतर-मंतर पर एक विशेष योग सत्र का नेतृत्व किया, जिसमें मंत्रालय के अधिकारियों ने भी भाग लिया।
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नई दिल्ली। इजरायल-ईरान युद्ध के बीच भारतीय नागरिकों की निकासी के लिए शुरू हुए ‘ऑपरेशन सिंधु’ में अपनी भागीदारी के लिए इंडिगो ने शुक्रवार को भारत सरकार का आभार व्यक्त किया। इस संबंध में कंपनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि ऑपरेशन सिंधु के तहत निकासी प्रयासों में योगदान देकर हम बहुत सम्मानित महसूस कर रहे हैं।
एयरलाइन ने भारत सरकार को इस अवसर के लिए धन्यवाद किया व्यक्तइस संबंध में इंडिगो ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “हमें इजरायल-ईरान युद्ध के कारण फंसे अपने नागरिकों को भारत वापस लाने में ऑपरेशन सिंधु का हिस्सा बनकर निकासी प्रयासों में योगदान देने पर गर्व है।”एयरलाइन ने भारत सरकार और नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू को इस अवसर के लिए धन्यवाद व्यक्त किया। इंडिगो ने सेवा की भावना दर्शाते हुए कहा कि नागरिकों की मदद करने के लिए हम फ्लाइट के जरिए अधिक से अधिक भारतीयों को घर ला रहे हैं।भारत सरकार ने इजरायल से भी नागरिकों को निकालने के लिए ‘ऑपरेशन सिंधु’ को लेकर एक एडवाइजरी जारी कीभारत सरकार ने इजरायल-ईरान युद्ध के बीच ईरान से भारतीय नागरिकों की निकासी के बाद, इजरायल से भी नागरिकों को निकालने के लिए ‘ऑपरेशन सिंधु’ को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है। ऑपरेशन सिंधु पर विदेश मंत्रालय द्वारा दी गई आधिकारिक जानकारी के अनुसार, इजरायल और ईरान के बीच मौजूदा हालात को देखते हुए भारत सरकार ने उन भारतीय नागरिकों को इजरायल से निकालने का फैसला किया है, जो इजरायल से निकलना चाहते हैं। इजरायल से भारत तक उनकी यात्रा पहले लैंड बॉर्डर के जरिए होगी और इसके बाद हवाई मार्ग से भारत पहुंचने की व्यवस्था होगी।तेल अवीव में भारतीय दूतावास भारतीयों को निकालने की करेगा व्यवस्थामंत्रालय की ओर से एक बयान में कहा गया है कि ‘ऑपरेशन सिंधु’ के मद्देनजर, तेल अवीव में भारतीय दूतावास भारतीयों को निकालने की व्यवस्था करेगा। मंत्रालय ने सभी भारतीय नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे तेल अवीव में भारतीय दूतावास में अपना रजिस्ट्रेशन करवा लें। साथ ही, किसी भी प्रश्न के मामले में मंत्रालय ने भारतीय दूतावास, तेल अवीव में स्थापित 24/7 नियंत्रण कक्ष से संपर्क करने की सलाह दी है।विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत सरकार विदेश में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रखेगी। दूतावास सभी संभव सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से समुदाय के साथ लगातार संपर्क में है। -
नई दिल्ली। बाजार के विश्लेषकों ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखने और दरों में कटौती के लिए अधिक क्रमिक मार्ग का संकेत दिए जाने के बाद सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई।
केंद्रीय बैंक को टैरिफ और अन्य कारकों के बीच आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति में वृद्धि की उम्मीदअमेरिकी फेड के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने कहा कि केंद्रीय बैंक को टैरिफ और अन्य कारकों के बीच आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति में वृद्धि की उम्मीद है, जो एक सतर्क नीति रुख को मजबूत करता है। जबकि बाजारों ने शुरुआत में आशावादी प्रतिक्रिया दी, पॉवेल ने उम्मीदों को कम करते हुए दोहराया कि कम और स्थिर बेरोजगारी के साथ, फेड कोई भी कदम उठाने से पहले डेटा की प्रतीक्षा करने के लिए अच्छी स्थिति में है। हालांकि उन्होंने संकेत दिया कि सितंबर में एक लाइव बैठक हो सकती है। फेड को अभी भी 2025 में कुल 50 आधार अंकों की दर कटौती का अनुमान है, लेकिन अब 2026 और 2027 में केवल 25 आधार अंकों की कटौती की उम्मीद है।भू-राजनीतिक घटनाक्रमों ने बाजार की अनिश्चितता को बढ़ा दिया हैमोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड में कमोडिटी रिसर्च के वरिष्ठ विश्लेषक मानव मोदी ने कहा, “पॉवेल ने जोर देकर कहा कि ये पूर्वानुमान खासकर मुद्रास्फीति के रुझानों पर अत्यधिक निर्भर हैं। इस बीच, भू-राजनीतिक घटनाक्रमों ने बाजार की अनिश्चितता को बढ़ा दिया है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान-इजरायल संघर्ष पर ईरान के साथ बैठक करने का विचार पेश किया है और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के साथ ठोस शांति वार्ता के लिए तत्परता व्यक्त की है।”इजरायल और ईरान पर अभी भी कोई समाधान नहीं निकला है और युद्ध जैसी स्थिति बनी हुई हैइजरायल और ईरान पर अभी भी कोई समाधान नहीं निकला है और युद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है, हालांकि कीमतों में ढील की उम्मीदें कीमतों पर भारी पड़ रही हैं। उन्होंने आगे कहा, “अमेरिका में साप्ताहिक बेरोजगारी के दावे भी उम्मीदों से कम बताए गए, जिससे कीमतों को झटका लगा। अस्थिरता कम हो सकती है क्योंकि सार्वजनिक अवकाश के कारण अमेरिकी बाजार बंद हैं।”कलंत्री ने कहा, “इस सप्ताह की शुरुआत में तेज उछाल के बाद चांदी की कीमतें 35.70 डॉलर प्रति औंस से नीचे गिर गईंमेहता इक्विटीज लिमिटेड के कमोडिटीज वाइस प्रेसिडेंट राहुल कलंत्री के अनुसार, सोने और चांदी की कीमतें हाल के उच्च स्तर से गिरकर एक सप्ताह के निचले स्तर के करीब पहुंच गई हैं और तीन सप्ताह में पहली बार साप्ताहिक गिरावट की ओर बढ़ रही हैं। कलंत्री ने कहा, “इस सप्ताह की शुरुआत में तेज उछाल के बाद चांदी की कीमतें 35.70 डॉलर प्रति औंस से नीचे गिर गईं। यह गिरावट तब आई जब निवेशकों ने इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच अन्य जगहों पर घाटे को कवर करने के लिए बुलियन में अपनी पोजीशन खत्म कर दी।”गुरुवार को बैंक ऑफ इंग्लैंड ने भी अपनी मौद्रिक नीति बैठक में ब्याज दरों को स्थिर रखा, जिससे कीमती धातुओं की तेजी सीमित रहीउन्होंने आगे कहा, “गुरुवार को बैंक ऑफ इंग्लैंड ने भी अपनी मौद्रिक नीति बैठकों में दरों को स्थिर रखा, जिससे कीमती धातुओं की बढ़त सीमित हो गई। हालांकि, इजरायल-ईरान युद्ध के बढ़ने और कमजोर डॉलर इंडेक्स से कीमती धातुओं की सुरक्षित खरीदारी को बढ़ावा मिल रहा है। रुपए में कमजोरी से भी घरेलू बाजारों में सोने और चांदी की कीमतों को समर्थन मिल रहा है।”सोने को 3340-3315 डॉलर पर सपोर्ट मिल रहा है, जबकि प्रतिरोध 3380-3400 डॉलर पर हैसोने को 3340-3315 डॉलर पर सपोर्ट मिल रहा है, जबकि प्रतिरोध 3380-3400 डॉलर पर है। चांदी को 35.75-35.50 डॉलर पर सपोर्ट मिल रहा है, जबकि प्रतिरोध 36.35-36.55 डॉलर पर है। उन्होंने कहा, “भारतीय रुपए के संदर्भ में, सोने को 98,750-98,550 रुपए पर समर्थन मिल रहा है, जबकि प्रतिरोध 99,550-99,740 रुपए पर है। चांदी को 106,380-105,500 रुपए पर समर्थन मिल रहा है, जबकि प्रतिरोध 1,08,350-1,09,000 रुपए पर है।” - मुंबई।”. एयर इंडिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि 21 जून से 15 जुलाई के बीच 16 अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर उड़ानें कम की जाएंगी और तीन विदेशी गंतव्यों पर उड़ानें निलंबित की रहेंगी। अहमदाबाद में 12 जून को हुए घातक विमान हादसे के बाद व्यवधानों से जूझ रही टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइन ने कहा कि इसका उद्देश्य कार्यक्रम स्थिरता बहाल करना और यात्रियों को अंतिम समय में होने वाली असुविधा को कम करना है। विस्तृत घोषणा उस समय की गई है जब एक दिन पहले एयरलाइन ने कहा था कि वह अस्थायी रूप से बड़े आकार वाले विमानों से संचालित उड़ानों में 15 प्रतिशत की कटौती करेगी। एयरलाइन ने बयान में कहा, “ये कटौती 21 जून, 2025 से प्रभावी होगी और कम से कम 15 जुलाई, 2025 तक जारी रहेगी।” दिल्ली-नैरोबी, अमृतसर-लंदन (गैटविक) और गोवा (मोपा)-लंदन (गैटविक) पर 15 जुलाई तक सेवाएं निलंबित रहेंगी। इसके अलावा, उत्तरी अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और सुदूर पूर्व के शहरों को जोड़ने वाले 16 अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर उड़ानों में कमी की जाएगी। बयान में कहा गया, “यह कटौती स्वैच्छिक रूप से उड़ान-पूर्व सुरक्षा जांच बढ़ाने के निर्णय के साथ-साथ पश्चिम एशिया में हवाई क्षेत्र बंद होने से उत्पन्न अतिरिक्त उड़ान अवधि को समायोजित करने के कारण हुई है।” बृहस्पतिवार को एयर इंडिया ने इन कटौती से प्रभावित यात्रियों से फिर से माफी मांगी। एयरलाइन ने कहा कि वह प्रभावित यात्रियों से संपर्क कर रही है ताकि उन्हें उनकी पसंद के अनुसार वैकल्पिक उड़ानों में पुनः स्थान, निःशुल्क पुनर्निर्धारण या पूर्ण धन वापसी की पेशकश की जा सके।
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नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी एनटीपीसी ने लद्दाख में वाणिज्यिक परिचालन के लिए केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के उपक्रम सिडको (सिंधु इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) को पांच हाइड्रोजन ईंधन सेल बसें सौंपी हैं। बुधवार को वाहनों की आपूर्ति की गई। एनटीपीसी ने बृहस्पतिवार को बयान में कहा कि इस पहल से भारत में हाइड्रोजन ईंधन बसों का वाणिज्यिक उपयोग शुरू हो गया है और यह दुनिया में सबसे अधिक ऊंचाई पर हाइड्रोजन बसों का संचालन करके हरित परिवहन के लिए एक वैश्विक बेंचमार्क स्थापित करती है। एनटीपीसी ने पिछले साल नवंबर में लेह में दुनिया का पहला हाइड्रोजन ईंधन स्टेशन और अपनी तरह का पहला हरित हाइड्रोजन परिवहन स्टेशन पेश किया था। समुद्र तल से 11,562 फुट ऊपर ईंधन स्टेशन अपनी संपूर्ण परिचालन जरूरतों को नवीकरणीय ऊर्जा प्रदान करने के लिए 1.7 मेगावाट के सौर संयंत्र के साथ स्थित है। हाइड्रोजन परिवहन परियोजना से सालाना लगभग 350 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आने तथा वायुमंडल में प्रति वर्ष 230 टन शुद्ध ऑक्सीजन उपलब्ध होने की उम्मीद है, जो 13,000 वृक्षारोपण के बराबर है।
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नई दिल्ली। हाल ही में अहमदाबाद में हुए दुखद विमान हादसे के बाद एयर इंडिया ने बड़ा फैसला लिया है। एयरलाइन ने बुधवार को घोषणा की कि वह 20 जून से अपने वाइड-बॉडी विमानों से संचालित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में 15 प्रतिशत की कटौती करेगी। यह फैसला जुलाई के मध्य तक लागू रहेगा। एयर इंडिया ने कहा कि यह कदम विमानों की रिजर्व उपलब्धता बढ़ाने के लिए उठाया गया है, ताकि भविष्य में किसी भी तकनीकी या सुरक्षा से जुड़ी समस्या का समय पर समाधान किया जा सके। एयरलाइन ने स्पष्ट किया कि इसका मकसद संचालन में स्थिरता बनाए रखना, यात्रियों को बेहतर सेवा देना और अनावश्यक असुविधा से बचाना है।
गौरतलब है कि यह फैसला उस समय लिया गया है जब एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस हादसे में 241 यात्री और क्रू मेंबर्स की दुखद मृत्यु हो गई। इस घटना के बाद सुरक्षा को लेकर बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। एयर इंडिया ने प्रभावित यात्रियों से माफी मांगी है और कहा है कि उन्हें अग्रिम सूचना दी जाएगी। उन्हें वैकल्पिक उड़ानों में समायोजित किया जाएगा। यात्री चाहें तो अपनी यात्रा को बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के दोबारा शेड्यूल कर सकते हैं या पूरा रिफंड प्राप्त कर सकते हैं।एयर इंडिया ने बताया कि 20 जून से लागू होने वाला नया अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का शेड्यूल जल्द जारी किया जाएगा। इस बीच नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने एयर इंडिया के बोइंग 787-8 और 787-9 विमानों पर ‘एन्हांस्ड सेफ्टी इंस्पेक्शन’ अनिवार्य कर दिया है। कुल 33 में से 26 विमानों की जांच पूरी कर ली गई है और उन्हें उड़ान भरने की अनुमति दे दी गई है। बाकी विमानों की जांच आने वाले दिनों में पूरी की जाएगी। इसके अलावा बोइंग 777 विमानों पर भी अतिरिक्त सुरक्षा जांच की जाएगी। एयर इंडिया ने कहा कि वह गुजरात सरकार और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के साथ मिलकर मृतकों के परिवारों और घायल यात्रियों की हर संभव मदद कर रही है। एयरलाइन ने कहा, “यह फैसला परिचालन स्थिरता के लिए जरूरी है और हम यात्रियों को अंतिम समय में असुविधा से बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें विश्वास है कि देश के लोगों और सभी हितधारकों के सहयोग से हम इस कठिन समय से उबरेंगे।” - हैदराबाद। जीएमआर हैदराबाद इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (जीएचआईएएल) ने तेलंगाना की राजधानी में राजीव गांधी इंटरनैशनल एयरपोर्ट (आरजीआईए) के बड़े विस्तार के लिए करीब 14,000 करोड़ रुपये की पूंजीगत व्यय योजना तैयार की है। इस योजना को वित्त वर्ष 2031 तक लागू किया जाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार, इसमें मौजूदा टर्मिनल की क्षमता बढ़ाना, एक नया टर्मिनल एवं दूसरा रनवे बनाना, सड़क एवं मेट्रो कनेक्टिविटी में सुधार करना और पार्किंग एवं कार्गो इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करना शामिल है ।हैदराबाद एयरपोर्ट देश का चौथा सबसे बड़ा हवाई अड्डा है। हाल में वर्षों में वहां यात्रियों की आवाजाही काफी बढ़ी है। यात्री यातायात वित्त वर्ष 2018 में 1.83 करोड़ से 7.1 फीसदी वार्षिक चक्रवृद्धि दर (सीएजीआर) के साथ बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 2.95 करोड़ हो चुका है। जीएचआईएएल ने कहा कि इस वृद्धि के कारण हवाई अड्डा को सालाना 3.4 करोड़ यात्री की मौजूदा डिजाइन क्षमता के करीब ला दिया है।जीएचआईएएल ने एक आंतरिक दस्तावेज में मौजूदा टर्मिनल को 47 एमपीपीए (मौजूदा 34 एमपीपीए से) तक विस्तारित करने और उत्तरी परिसर में अतिरिक्त 20 एमपीपीए क्षमता वाले एक नए टर्मिनल का निर्माण शुरू करने का प्रस्ताव दिया है। इसे दूसरे रनवे और दो टर्मिनलों को जोड़ने वाले एक एलिवेटेड क्रॉस-टैक्सीवे से जोड़ा जाएगा।नए टर्मिनल और रनवे के निर्माण की समय-सीमा करीब 3 साल रखी गई है। उत्तरी हिस्से पर काम वित्त वर्ष 2027 में शुरू और सितंबर 2029 तक उसे तैयार करने का प्रस्ताव है। नए टर्मिनल का विस्तार यातायात को ध्यान में रखते हुए विभिन्न चरणों में किया जाएगा। नया रनवे 3,800 मीटर लंबा और पहली श्रेणी के इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम से लैस होगा। इससे विमानों को कम दृश्यता की स्थिति में भी सुरक्षित लैंडिंग करने में मदद मिलेगी। रनवे पर करीबी नजर रखने के लिए पीएपीआई और एसएमआर जैसे उन्नत नेविगेशन उपकरणों को भी लगाया जाएगा।
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नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शेयर बाजार ढांचे पर अनुपालन बोझ कम करने के लिए कई कदम उठाने की घोषणा की। सेबी ने बुधवार को जिन अहम उपायों की घोषणा की उनमें स्टार्टअप संस्थापकों को ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) सौंपते समय ईसॉप और तथाकथित अनिवार्य रूप से परिवर्तनीय प्रतिभूतियां रखने की अनुमति देना शामिल हैं। सेबी ने यह भी कहा कि इस कदम से उन कंपनियों को मदद मिलेगी जो ‘रिवर्स फ्लिपिंग’ की योजना बना रही हैं। रिवर्स फ्लिपिंग वह प्रक्रिया है जिसमें कोई कंपनी विदेश से अपने मूल देश में वापस आ जाती है।सेबी ने प्रवर्तकों को डीआरएचपी से एक साल पहले जारी ईसॉप उनके पास रखने की अनुमति दी है। मगर डीआरएचपी सौंपने की प्रक्रिया के दौरान नए ईसॉप जारी नहीं किए जाएंगे।
सेबी ने विदेशी वेंचर अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड (एआईएफ) और सार्वजनिक वित्तीय संस्थानों के नियंत्रण वाले शेयरों को न्यूनतम प्रवर्तक आवश्यकताओं के रूप में मान्यता दे दी।सेबी बोर्ड की बैठक में क्लीयरिंग कॉर्पोरेशन पर तो चर्चा नहीं हुई मगर सेबी चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने कहा कि बाजार नियामक ने शुल्कों को अलग करने पर विचार करने के लिए एक कार्यशील समूह का गठन किया है।सेबी ने नैशनल स्पॉट एक्सचेंज (एनएसईएल) प्रकरण से जुड़े ब्रोकरों के लिए एक निपटान योजना को भी मंजूरी दे दी है। वेंचर कैपिटल फंडों के लिए भी एक निपटान योजना शुरू की गई है।सेबी ने ऐसे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के लिए एक अलग स्वैच्छिक गैर-सूचीबद्धता (शेयर बाजार से हटने) ढांचा पेश करने का फैसला किया जिनमें सरकार के पास 90 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है। इसके साथ ही बोर्ड ने उन विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिए अनुपालन नियमों को आसान बनाने का फैसला किया, जो केवल भारत सरकार के बॉन्ड (आईजीबी) में निवेश करते हैं। सेबी ने निदेशकों और प्रमुख प्रबंध कर्मचारियों सहित चुनिंदा शेयरधारकों के लिए आईपीओ दस्तावेज दाखिल करने से पहले डीमैट रूप में शेयर रखना भी अनिवार्य कर दिया है।भारत सरकार के बॉन्ड में निवेश करने वाले एफपीआई के लिए नियम सरल एवं नियामकीय अनुपालन सुगम बनाने का फैसला किया गया। सेबी के इस कदम का उद्देश्य भारत में अधिक दीर्घकालिक बॉन्ड निवेशकों को आकर्षित करना है। फिलहाल विदेशी निवेशक तीन रास्तों – सामान्य, स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग (वीआरआर) और पूर्ण सुलभ मार्ग (एफएआर) के जरिये भारतीय ऋण प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं। इनमें से वीआरआर और एफएआर अधिक बंदिशों के बगैर निवेश की अनुमति देते हैं। जी-सेक में निवेश करने वाले एफपीआई के लिए स्वीकृत छूट के तहत ऐसे एफपीआई के लिए अनिवार्य केवाईसी समीक्षा की अवधि को आरबीआई के प्रावधानों के अनुरूप बनाया जाएगा। -
नई दिल्ली। मिनीरत्न कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) मध्य प्रदेश के सिंगरौली में स्थानीय समुदाय में योग और इसके स्वास्थ्य लाभों को बढ़ावा देने के लिए 15 जून से 20 जून, 2025 तक व्यापक जागरूकता अभियान चला रही है। एनसीएल का उद्देश्य लोगों को शारीरिक कल्याण, मानसिक शांति तथा प्रकृति और अपने समुदाय के साथ मजबूत संबंध बनाने के लिए प्रेरित करना है।
कोयला मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि अभियान अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 के मद्देनजर है,जो हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष योग दिवस की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” है, जो इस बढ़ती समझ को दर्शाता है कि मानव स्वास्थ्य हमारे ग्रह के स्वास्थ्य से निकटता से जुड़ा हुआ है। एनसीएल अपनी पहल के माध्यम से लगभग 25,000 लोगों को जोड़ने की योजना बना रहा है। यह अभियान योग के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक महत्व का संदेश फैलाएगा।एनसीएल का उद्देश्य लोगों को शारीरिक कल्याण, मानसिक शांति तथा प्रकृति और अपने समुदाय के साथ मजबूत संबंध बनाने के लिए प्रेरित करना है।इन पहलों के माध्यम से, कंपनी अपने कार्यस्थल में योग को एक स्थायी अभ्यास बनाने तथा अपने कर्मचारियों, उनके परिवारों और आसपास के हितधारकों के लिए सतत स्वास्थ्य पहलों को बढ़ावा देने की योजना बना रही है। एनसीएल के व्यापक जागरूकता अभियान में समुदाय-उन्मुख कार्यक्रमों की एक श्रृंखला शामिल है-योग जागरूकता रैलियां – सभी कर्मचारियों, संविदा श्रमिकों, छात्रों और आसपास के हितधारकों सहित समुदाय के हर कोने तक योग के लाभ पहुंचाने के लिए।निबंध लेखन और पोस्टर निर्माण प्रतियोगिताएं – सिंगरौली क्षेत्र के स्थानीय बच्चों और युवाओं को स्वास्थ्य और कल्याण में योग की भूमिका पर रचनात्मक रूप से विचार करने में सक्षम बनाना।सार्वजनिक योग सत्र – बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों सहित सभी के लिए सामान्य योग प्रोटोकॉल (सीवाईपी) का पालन करना।स्कूलों और कॉलेजों में कार्यशालाएं – छोटी उम्र से ही योग की आदत को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन की गई हैं।उल्लेखनीय है, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस यानी 21 जून, 2025 को कंपनी के सभी क्षेत्रों और इकाइयों में 10,000 से अधिक लोग योग सत्र में भाग लेंगे।