ऑटो निर्माताओं को छह महीने में जैव ईंधन वाहनों की पेशकश अनिवार्य रूप से करनी होगी: गडकरी
मुंबई। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि भारत अगले छह महीनों में ऑटो निर्माताओं के लिए 100 प्रतिशत जैव ईंधन पर चलने वाले वाहनों की पेशकश को अनिवार्य कर देगा। उन्होंने कहा कि इस तरह का कदम उन उपभोक्ताओं के लिए किफायती होगा, जो पेट्रोल की ऊंची कीमतों से परेशान हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि एक लीटर बायोएथेनॉल की कीमत 65 रुपये है, जबकि पेट्रोल के लिए 110 रुपये का भुगतान किया जाता है। इसके अलावा वैकल्पिक ईंधन कम प्रदूषण करता है और विदेशी मुद्रा भी बचाता है। गडकरी ने घरेलू ब्रोकरेज एलारा कैपिटल द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘हम लोचदार इंजन मानदंडों के साथ वाहन तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमने एक निर्णय लिया है, हम इसे अनिवार्य बना देंगे, जिसके तहत एक लोचदार-इंजन होगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘छह महीने के भीतर, हम लोचदार इंजन (अनिवार्य) बनाने के लिए आदेश देंगे।'' केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों को पहले ही पेट्रोल और डीजल विक्रय केंद्र पर जैव-ईंधन की बिक्री का आदेश दिया जा चुका है। मंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं के पास पेट्रोल और जैवएथेनॉल के बीच चुनाव विकल्प होगा। चावल, मक्का और चीनी जैसी फसलों के अधिशेष उत्पादन से जैवएथेनॉल बनाया जाता है। उन्होंने कहा कि कई फसलों में किसानों को दिया जाने वाला न्यूनतम समर्थन मूल्य फसल के वाणिज्यिक मूल्य या अंतरराष्ट्रीय कीमतों से अधिक है। इसलिए फसल का दूसरा उपयोग जरूरी हो जाता है। गडकरी ने कहा कि देश में इलेक्ट्रॉनिक वाहनों का विनिर्माण भी तेजी से चल रहा है और अनुमान है कि एक साल में सड़कों पर ऐसे वाहनों की बाढ़ आ जाएगी।
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