फिच ने भारत की रेटिंग नकारात्मक परिदृश्य के साथ अपरिवर्तित रखी
नयी दिल्ली। फिच रेटिंग्स ने भारत की सॉवरेन रेटिंग में कोई बदलाव न करते हुए इसे नकारात्मक परिदृश्य के साथ 'बीबीबी-' पर कायम रखा है। फिच ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की यह रेटिंग मध्यम अवधि के वृद्धि परिदृश्य और बाह्य लचीलापन के बीच एक संतुलन को दर्शाती है। इसके अलावा कमजोर वित्तीय क्षेत्र और कुछ ढांचागत मुद्दों का भी असर है। फिच के मुताबिक, कोविड महामारी से उबरते हुए देश तेजी से आर्थिक पुनरुद्धार की राह पर है। साथ ही वित्तीय क्षेत्र से दबाव कम हो रहा है, जिससे मध्यम अवधि में वृद्धि परिदृश्य से जुड़े जोखिम कम हो रहे हैं। हालांकि, भारत की रेटिंग का नकारात्मक परिदृश्य सीमित राजकोषीय गुंजाइश को देखते हुए मध्यम अवधि के ऋण पथ को लेकर बनी अनिश्चितता को प्रदर्शित करता है। फिच ने कहा, ‘‘हमारा पूर्वानुमान है कि इस वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत के मजबूत स्तर पर रहेगी। जबकि वर्ष 2022-23 में यह 10 प्रतिशत रह सकती है। कोविड महामारी से तेजी से पुनरुद्धार में भारत की अर्थव्यवस्था की जुझारू क्षमता इसे समर्थन देती है।'' फिच का कहना है कि आवाजाही संकेतक कोविड-पूर्व स्तर पर लौट आए हैं और उच्च-आवृत्ति के संकेतक विनिर्माण क्षेत्र में मजबूती की ओर इशारा कर रहे हैं। पिछले महीने एक अन्य रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को कायम रखते हुए उसके परिदृश्य को 'नकारात्मक' से 'स्थिर' कर दिया था।
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