महाराष्ट्र मंडल में जारी भागवत कथा में झांकियों की भी जमकर चर्चा
0 मुंबई से पधारे आचार्य धनंजय शास्त्री के प्रवचन की जितनी प्रशंसा हो रही है, श्रद्धालुओं को उतनी ही पसंद आ रही है बच्चों- महिलाओं की झांकियां
रायपुर। महाराष्ट्र मंडल के संत ज्ञानेश्वर सभागृह में मुंबई से पधारे आचार्य धनंजय वैद्य शास्त्री के रविवार से हिंदी में जारी श्रीमद् भागवत कथा प्रवचन मराठियों के साथ हिंदी भाषियों को भी खासे पसंद आ रहे हैं। बिना गीत- संगीत, लेकिन हमारे सांस्कारिक जीवन के स्पर्श करते हुए बेहतरीन उदाहरणों वाले उनके प्रवचन सीधे मानस पटल में पैठ बना रहे हैं। इसी तरह प्रवचन के बाद उत्साही व प्रतिभाशाली बच्चों और महिलाओं की झांकियां श्रद्धालुओं को बांधने में सफल हो रहीं हैं।
प्रवचन के चौथे दिन भगवान श्रीराम के बाल्यकाल से लेकर स्वयंवर तक की झांकी ने भक्तों को प्रभावित किया। प्रभु श्रीराम बने नन्हें मासूम से केशरी सहित उनकी माताएं आकांक्षा गद्रे, विशाखा दुबे और अनुजा महाडिक ने भी ध्यान खींचा। इस झांकी में चौंकाने वाला पात्र ऋषि परशुराम और उनका आवेग के साथ आक्रोश था। इस भूमिका को आर्टिसन अजय पोतदार ने पूरी जीवंतता के साथ निभाया।
इससे एक दिन पहले वाले प्रवचन के बाद वामन अवतार की झांकी में बच्चों ने कमाल का परफार्मेंस दिया। इस झांकी में विशेष सहयोग करने वाली अक्षता पंडित के अनुसार वामन अवतार के रोल में अक्षत पंडित, राजा बलि विहान कालेले, शुक्राचार्य तनिष डोनगांवकर ने दमदार पार्श्व संगीत के साथ अच्छा अभिनय किया। चारुशीला देव कथा वाचक की भूमिका में रहीं।
वहीं प्रवचन के पहले दिन भक्त प्रह्लाट की कहानी पर प्रस्तुत झांकी में पूरे हॉल में नारायण... नारायण ही गूंजता रहा। दर्दभरी कराहती आवाज में नारायण… नारायण... कहने वाले भक्त प्रह्लाद प्रथमेश ओगले ने सभागृह में बैठे श्रद्धालुओं की सहानुभूति बटोरी। होलिका की भूमिका में प्रन्हवी ओगले, नरसिंहा बने अक्षत पंडित और हिरण्य कश्यप के जटिल अभिनय में अनय पंडित भी प्रभावित करने में सफल रहे। चारुशीला देव ने कथा वाचक का दायित्व निभाया।
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