डिजिटल भुगतान इस साल मार्च तक 10.7 प्रतिशत बढ़ा: आरबीआई आंकड़ा
मुंबई/ देश में इस साल मार्च तक डिजिटल भुगतान में सालाना आधार पर 10.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ऑनलाइन लेनदेन को मापने वाले आरबीआई के सूचकांक से यह जानकारी मिली है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) एक जनवरी, 2021 से डिजिटल भुगतान सूचकांक (आरबीआई-डीपीआई) प्रकाशित कर रहा है। इसमें देश भर में भुगतान के डिजिटलीकरण की सीमा को दर्शाने के लिए मार्च, 2018 को आधार वर्ष माना गया है।
आरबीआई ने सोमवार को बयान में कहा कि मार्च, 2025 के लिए सूचकांक 493.22 है, जबकि सितंबर, 2024 में यह 465.33 और मार्च, 2024 में 445.5 था। छमाही आंकड़ों के अनुसार, ‘‘आरबीआई-डिजिटल भुगतान सूचकांक बढ़ने का कारण देशभर में भुगतान बुनियादी ढांचा... आपूर्ति-पक्ष कारक और भुगतान प्रदर्शन जैसे मापदंडों में उल्लेखनीय वृद्धि है।'' आरबीआई-डिजिटल भुगतान मंच में पांच व्यापक मानदंड शामिल हैं जो विभिन्न समय अवधि में देश में डिजिटल भुगतान की गहनता और पहुंच को मापने को सक्षम बनाते हैं। ये मानदंड हैं...भुगतान सक्षमकर्ता (भारांश 25 प्रतिशत), भुगतान बुनियादी ढांचा... मांग से जुड़े कारक (10 प्रतिशत), भुगतान बुनियादी ढांचा... आपूर्ति-पक्ष कारक (15 प्रतिशत), भुगतान प्रदर्शन (45 प्रतिशत) और उपभोक्ता-केंद्रित (पांच प्रतिशत)।
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