राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का राष्ट्र के नाम संदेश : एकता, विकास और आत्मनिर्भरता पर जोर
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 79वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के बलिदानियों को नमन करते हुए कहा कि 15 अगस्त हमारे सामूहिक स्मृति में अंकित एक ऐतिहासिक तिथि है, जिसने हमें आजादी और लोकतंत्र का उपहार दिया। उन्होंने विभाजन की त्रासदी और 14 अगस्त को मनाए गए “विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस” का उल्लेख करते हुए पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी।राष्ट्रपति ने संविधान के चार स्तंभ-न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुता को भारतीय लोकतंत्र की आधारशिला बताया और कहा कि इनका केंद्र मानव गरिमा है। उन्होंने कहा कि 1947 में आज़ादी के समय देश अत्यंत गरीबी में था, लेकिन बीते 78 वर्षों में भारत ने हर क्षेत्र में असाधारण प्रगति की है और आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि आर्थिक मोर्चे पर कि बीते वित्तीय वर्ष में 6.5% GDP वृद्धि दर के साथ भारत प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज बढ़ता देश है। महंगाई नियंत्रित है, निर्यात बढ़ रहे हैं और घरेलू मांग मजबूत है। अच्छी नीतियों, सुधारों और मेहनतकश किसानों व मजदूरों के योगदान से करोड़ों लोग गरीबी से बाहर आए हैं, असमानता और क्षेत्रीय विषमताएं कम हो रही हैं।उन्होंने बुनियादी ढांचे में उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘भारतमाला परियोजना’ के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क का विस्तार हुआ है, रेलवे में आधुनिक ट्रेनें और कोच आए हैं, और कश्मीर घाटी में रेल लिंक का उद्घाटन एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। शहरी क्षेत्रों में मेट्रो रेल सेवाएं कई शहरों में फैली हैं, ‘अमृत’ योजना से जलापूर्ति और सीवरेज कनेक्शन बेहतर हुए हैं, और ‘जल जीवन मिशन’ से ग्रामीण घरों तक नल का पानी पहुंच रहा है। स्वास्थ्य क्षेत्र में ‘आयुष्मान भारत’ योजना से अब तक 55 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ मिला है और 70 वर्ष से ऊपर के सभी वरिष्ठ नागरिकों को, आय से परे, इसका लाभ दिया गया है। डिजिटल क्षेत्र में लगभग सभी गांव 4G नेटवर्क से जुड़ चुके हैं और डिजिटल भुगतान में भारत दुनिया में अग्रणी है, जहां विश्व के कुल डिजिटल लेनदेन का आधा से अधिक भारत में होता है। उन्होंने बताया कि ‘इंडिया-एआई मिशन’ से देश की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्षमताएं मजबूत हो रही हैं और 2047 तक भारत को ग्लोबल AI हब बनाने का लक्ष्य है।राष्ट्रपति ने ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की भावना को राष्ट्रीय विकास का आधार बताया और स्वदेशी उत्पादों के उपयोग का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि 2047 तक विकसित भारत बनने की दिशा में युवा, महिलाएं और वंचित समुदाय मुख्य भूमिका निभाएंगे। उन्होंने शैक्षिक सुधार, रोजगार और उद्यमिता के अवसरों, खेलों में उपलब्धियों और महिला सशक्तिकरण के उदाहरण दिए-जैसे कि 19 वर्षीया युवती और 38 वर्षीया महिला का FIDE महिला विश्व कप शतरंज फाइनल तक पहुंचना। उन्होंने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़े वर्ग और अन्य समुदायों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान का जिक्र किया और भ्रष्टाचार पर शून्य सहनशीलता की प्रतिबद्धता दोहराई। राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी के कथन “भ्रष्टाचार और पाखंड लोकतंत्र के अनिवार्य परिणाम नहीं होने चाहिए” का हवाला देते हुए भ्रष्टाचार उन्मूलन का संकल्प लेने की अपील की। वहीं राष्ट्रपति ने इस वर्ष हुए आतंकी हमलों और पहलगाम में निर्दोष नागरिकों की हत्या की निंदा करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को निर्णायक और ऐतिहासिक करार दिया। इसमें भारतीय सेनाओं ने सीमापार आतंकी ठिकानों को नष्ट किया और यह आत्मनिर्भर भारत मिशन की रक्षा क्षेत्र में सफलता का भी उदाहरण बना। उन्होंने कहा कि भारत कभी आक्रामक नहीं होगा, लेकिन अपने नागरिकों की रक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगा। उन्होंने जलवायु परिवर्तन से निपटने और पर्यावरण संरक्षण के लिए जीवनशैली में बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया और सैनिकों, पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, न्यायपालिका, सिविल सेवाओं, विदेश मिशनों में कार्यरत अधिकारियों और प्रवासी भारतीयों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं।
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