भारत और चीन के बीच स्थिर, रचनात्मक संबंध वैश्विक शांति व समृद्धि में योगदान देंगे: प्रधानमंत्री मोदी
नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात के दौरान चीन के साथ सीमा पर शांति और सौहार्द बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया तथा सीमा संबंधी मुद्दों के निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। मोदी ने कहा कि भारत और चीन के बीच स्थिर, पूर्वानुमानित और रचनात्मक संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक शांति में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह चीन के शहर तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के आगामी शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मिलने के लिए उत्सुक हैं। सोमवार को दो दिवसीय यात्रा पर दिल्ली पहुंचे वांग ने मोदी को शी की ओर से एक संदेश और एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए निमंत्रण सौंपा।
भारत और चीन द्वारा पूर्वी लद्दाख में गतिरोध समाप्त करने पर सहमति जताए जाने के दो दिन बाद, मोदी और शी ने पिछले साल अक्टूबर में रूसी शहर कज़ान में मुलाकात की थी। उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने तथा सीमा विवाद को सुलझाने के लिए कई तंत्रों को बहाल करने पर सहमति व्यक्त की थी। वांग की यात्रा को दोनों पड़ोसियों द्वारा अपने संबंधों को फिर से सुधारने के प्रयासों के रूप में देखा जा रहा है। वर्ष 2020 में गलवान घाटी में संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच गंभीर तनाव पैदा हो गया था। प्रधानमंत्री ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘विदेश मंत्री वांग यी से मिलकर खुशी हुई। पिछले वर्ष कज़ान में राष्ट्रपति शी के साथ मेरी मुलाकात के बाद से भारत-चीन संबंधों में एक-दूसरे के हितों और संवेदनशीलता के सम्मान के साथ निरंतर प्रगति हुई है।''
मोदी ने कहा, ‘‘मैं एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान तियानजिन में होने वाली हमारी अगली बैठक को लेकर आशान्वित हूं। भारत और चीन के बीच स्थिर, पूर्वानुमानित, रचनात्मक संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक शांति एवं समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।'' प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा कि मोदी ने सीमा पर शांति और सौहार्द बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया और सीमा मुद्दों के "निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य" समाधान के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। पीएमओ ने एक बयान में कहा, "प्रधानमंत्री ने पिछले वर्ष कज़ान में राष्ट्रपति शी के साथ अपनी बैठक के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में हुई स्थिर और सकारात्मक प्रगति का स्वागत किया, जो आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता पर आधारित है, जिसमें कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली भी शामिल है।" मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन के निमंत्रण के लिए शी चिनफिंग को धन्यवाद दिया और अपनी स्वीकृति व्यक्त की।
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