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 रणसंवाद-2025 में शामिल होंगे रक्षामंत्री और सीडीएस, ‘ऑपरेशन सिंदूर' पर भी होगी चर्चा

 नयी दिल्ली.। मध्य प्रदेश के महू में 26-27 अगस्त को आयोजित होने वाले सशस्त्र बलों की संगोष्ठी के दौरान ‘ऑपरेशन सिंदूर' में मिली सफलता के साथ-साथ अग्रिम मोर्चों पर हासिल ‘कड़े सबक' पर चर्चा की जाएगी। इस संगोष्ठी का विषय युद्ध में प्रौद्योगिकी का प्रभाव है।
अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी महू स्थित आर्मी वॉर कॉलेज में आयोजित होने वाले ‘रणसंवाद 2025' में शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के दौरान ‘हेलीबोर्न ऑपरेशन'(सैन्य अभियान जहां सैनिकों, उपकरणों या आपूर्ति को हेलीकॉप्टरों द्वारा ले जाया जाता है) सहित तीन संयुक्त सिद्धांत भी जारी किए जाएंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘ भारत को भविष्य की युद्ध पर रणनीति पर चर्चा का नेतृत्व करने की आवश्यकता है - हम एक समय विश्व गुरु थे, और हमें उस स्थान को पुनः प्राप्त करने की जरूरत है। भविष्य के युद्ध लड़ने में अधिक कुशल होने की आवश्यकता है।'' दिल्ली छावनी स्थित मानेकशॉ सेंटर में मुख्यालय ‘इंटीग्रेटिड डिफेंस स्टाफ' ने बुधवार को इस संगोष्ठी के बारे में जानकारी दी। यह कार्यक्रम मुख्यालय आईडीएस के तत्वावधान में मुख्यालय एआरटीआरएसी (सैन्य प्रशिक्षण कमान) द्वारा आयोजित होगा। ‘इंटीग्रेटिड डिफेंस स्टाफ' के उप प्रमुख (सिद्धांत, संगठन और प्रशिक्षण) लेफ्टिनेंट जनरल विपुल सिंघल ने दो दिवसीय संगोष्ठी के व्यापक विवरण साझा किए। इसका विषय ‘युद्ध पर प्रौद्योगिकी का प्रभाव' है। इसमें रणनीति, नवाचार और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी अलग-अलग सोच और विचारों के बीच समन्वय पर गौर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संगोष्ठी के दो उप-विषय हैं - उभरती हुई प्रौद्योगिकियां और भविष्य के युद्ध पर प्रभाव, तथा प्रौद्योगिकी सक्षमता को उत्प्रेरित करने के लिए संस्थागत प्रशिक्षण में सुधार। लेफ्टिनेंट जनरल सिंघल ने बताया कि रक्षा मंत्री सिंह 27 अगस्त को इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।
युद्ध व युद्धनीति पर यह प्रमुख संगोष्ठी भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर' के साढ़े तीन महीने बाद हो रही है।
यह पूछे जाने पर कि क्या इस आयोजन की योजना मई में सैन्य कार्रवाई से पहले बनाई गई थी या बाद में, एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ‘रणसंवाद 2025' की योजना ‘ऑपरेशन सिंदूर' से पहले की है। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर' का अनुभव चर्चा में शामिल होगा।
‘इंटीग्रेटिड डिफेंस स्टाफ' (सीआईएससी) के प्रमुख एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने कहा, ‘‘रणसंवाद सिर्फ एक संगोष्ठी नहीं है, यह एक रणनीतिक संवाद है जहां हमारे अधिकारी भारत की अग्रिम मोर्चों पर कठिन परिश्रम से अर्जित सबक साझा करते हैं। विवादित सीमाओं से लेकर साइबर युद्धक्षेत्रों तक, भारत का सुरक्षा परिवेश बहुआयामी और गतिशील है। इससे एकजुटता अब वैकल्पिक नहीं रह गई है, यह मिशन के लिए महत्वपूर्ण है। सफल ‘ऑपरेशन सिंदूर' इसका प्रमाण है।''

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