स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बनाए रखते हुए भाला फेंक को लोकप्रिय बनाना चाहते हैं चोपड़ा और नदीम
पेरिस. भाला फेंक सुपरस्टार नीरज चोपड़ा और अरशद नदीम मैदान पर अपनी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और मैदान के बाहर पक्की दोस्ती से भारत और पाकिस्तान के युवाओं को प्रेरित करने और इस खेल से जोड़ने के अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए तैयार हैं। नदीम ने पेरिस ओलंपिक की पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में 92.97 मीटर के शानदार थ्रो से ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता जबकि अपने खिताब का बचाव कर रहे चोपड़ा ने 89.45 मीटर के सत्र के सर्वश्रेष्ठ प्रयास से रजत पदक जीता। चोपड़ा से जब पूछा गया कि क्या दोनों की सफलता से भारत और पाकिस्तान दोनों में एथलेटिक्स लोकप्रिय होगी तो उन्होंने कहा, ‘‘यह पहले से ही बहुत बढ़ चुकी है। हम पहले से ही भारत में अधिक प्रतिभाशाली भाला फेंक एथलीट देख रहे हैं। पाकिस्तान में भी यही हो रहा है। '' चोपड़ा ने ‘जियो सिनेमा' से कहा, ‘‘जब हम एशियाई खेलों में गये। अरशद घुटने की चोट के कारण प्रतिस्पर्धा नहीं कर सके तो उनकी जगह खेलने आए यासिर सुल्तान ने बहुत अच्छे थ्रो फेंके। अरशद का पदक और अधिक बच्चों को प्रेरित करेगा जो बहुत बढ़िया है। '' चोपड़ा पिछले साल चीन के हांग्झोउ में हुए एशियाड का जिक्र कर रहे थे जिसमें उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था। यह पूछने पर कि क्या भारत-पाकिस्तान प्रतिद्वंद्विता क्रिकेट से हटकर भाला फेंक में बदल जायेगी तो इस पर चोपड़ा ने कहा, ‘‘यह तभी संभव होगा जब हमारे पास क्रिकेट की तरह काफी प्रतियोगितायें हों। हमारे पास दो बड़ी प्रतियोगितायें हैं। चार साल में ओलंपिक और दो साल में विश्व चैंपियनशिप। '' पानीपत के पास खंडरा गांव के 26 वर्षीय चोपड़ा ने कहा, ‘‘अगर अधिक प्रतियोगितायें होती तो ज्यादा से ज्यादा लोग इसे देखेंगे जैसे डायमंड लीग और कुछ अन्य प्रतियोगिताओं को देखते हैं। '' 27 वर्षीय नदीम ने कहा, ‘‘मैं बहुत खुश हूं। भाग लेने वाले सैकड़ों देशों में से पाकिस्तान और भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया। नीरज ने बुडापेस्ट में (2023) विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता और यह मेरे लिए एक सुनहरा पल है। '' नदीम ने कहा, ‘‘हमारी दोस्ती बहुत मजबूत है और मैं चाहता हूं कि यह लंबे समय तक जारी रहे। ''
यह पूछे जाने पर कि उन्होंने स्वर्ण पदक वाले ओलंपिक रिकॉर्ड थ्रो की क्लिप कितनी बार देखी है तो उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इसे कई बार देखा और मुझे लगता है कि मैं इससे भी बेहतर कर सकता हूं। मुझे उम्मीद है कि एक दिन मैं अपनी इस क्षमता का प्रदर्शन कर पाऊंगा। ''
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