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किंग की घरवापसी : कोहली की एक झलक पाने दिल्ली के रणजी मैच में उमड़ी भीड़

नयी दिल्ली. विराट कोहली का खुमार भारतीय क्रिकेटप्रेमियों के सिर चढकर बोलता है और इसकी झलक यहां बृहस्पतिवार को दिल्ली और रेलवे के बीच रणजी ट्रॉफी मैच में देखने को मिली जब उनका नाम सुनते ही दर्शकों रोमांच के मारे चिल्लाने लगे और अभूतपूर्व भीड़ के कारण डीडीसीए को ऐन मौके पर अतिरिक्त इंतजाम करने पड़े । कोहली 13 साल बार रणजी ट्रॉफी मैच खेल रहे हैं । डीडीसीए (दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ) ने कोहली की ‘घर वापसी' वाले मैच में करीब दस हजार दर्शकों के आने का कयास लगाया था जो रणजी ट्रॉफी मैच में एक रिकॉर्ड है । कोहली का जादू ऐसा है कि सारे कयास धरे रह गए और इससे कहीं अधिक संख्या में लोग आये । खेल 9 . 30 पर शुरू होना था और इससे काफी पहले से दर्शकों की कतारें लगनी शुरू हो गई थी । डीडीसीए ने पहले 6000 की क्षमता वाला ‘ गौतम गंभीर स्टैंड' खोला लेकिन भीड़ को देखते हुए 11000 की क्षमता वाला ‘बिशन सिंह बेदी स्टैंड' खोलना पड़ा । मैदान पर मौजूद भारत के एक पूर्व क्रिकेटर ने कहा ,‘‘ मैने रणजी ट्रॉफी में ऐसा कुछ कभी नहीं देखा है । अपने खेलने के दिनों में भी घरेलू क्रिकेट देखने दर्शकों को कम ही आते देखा है । यह सब एक खिलाड़ी के लिये हुआ है ।'' इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला भी उसी जगह से गुजर रहा था जो महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने राजघाट गए थे । डीडीसीए सचिव अशोक शर्मा ने कहा ,‘‘ मैं 30 साल से अधिक समय से दिल्ली क्रिकेट से जुड़ा हूं लेकिन रणजी ट्रॉफी मैच में ऐसा नजारा नहीं देखा । इससे साबित होता है कि कोहली की लोकप्रियता का कोई सानी नहीं ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ यह इसलिये भी और चुनौतीपूर्ण हो गया क्योंकि दर्शक उसी समय स्टेडियम में आ रहे थे जब बाहर प्रधानमंत्री मोदी की वीआईपी मूवमेंट थी । कड़े प्रोटोकॉल और पुलिस के निर्देशों के बाद हमें जनता के लिये दूसरा स्टैंड खोलना पड़ा ।'' दिल्ली पुलिस ने भी स्टेडियम के भीतर कुछ अफरातफरी के बाद बयान जारी करके बताया कि कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है । पुलिस ने बयान में कहा ,‘‘ अतिरिक्त दरवाजे तुरंत खेल दिये गए । किसी को कोई चोट नहीं लगी है और स्थिति नियंत्रण में है ।'' आखिरी बार किसी घरेलू मैच में इस तरह की भीड़ तब देखी गई थी जब सचिन तेंदुलकर ने 2013 में हरियाणा के लाहली में मुंबई के लिये आखिरी प्रथम श्रेणी मैच खेला था । उस स्टेडियम में दर्शकों के लिये दीर्घा भी नहीं थी और 8000 दर्शक मैदान पर आये थे । अरूण जेटली स्टेडियम में गौतम गंभीर स्टैंड खचाखच भरने के बाद बिशन सिंह बेदी स्टेडियम का भी निचला हिस्सा पूरा भर गया । टॉस के समय 12000 से ज्यादा दर्शक मैदान पर थे । ‘कोहली कोहली' का शोर दूर से ही सुनाई दे रहा था जब भारत के पूर्व कप्तान दिल्ली टीम के अपने साथियों के साथ मैदान पर उतरे । कोहली को बल्लेबाजी करते देखने की दर्शकों की उम्मीद तुरंत पूरी नहीं हुई क्योंकि दिल्ली ने टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनी । लेकिन कोहली का मैदान पर होना ही दर्शकों के लिये काफी था । कोहली दूसरी स्लिप में फील्डिंग कर रहे थे और उनकी हर मूवमेंट पर तालियां बज रही थी । वहीं बारहवें ओवर में एक अति उत्साहित दर्शक सुरक्षा घेरा तोड़कर उनकी तरफ भागा और उनके पैर छुए । बाद में सुरक्षाकर्मी उसे बाहर ले गए । कोहली के प्रशंसकों के समूह में आये स्कूली बच्चों ने कहा ,‘‘ हमने कोहली को देखने के लिये स्कूल से छुट्टी ली है ।'' वहीं एक गृहिणी ने कहा ,‘‘ मैं अपने बेटे के साथ सुबह छह बजे ही यहां आ गई थी । मुझे पता नहीं था कि किस गेट से अंदर जाना है । मैं कोहली को खेलते देखने ही आई हूं ।

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