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 अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस पर कलेक्टर ने बाल श्रम रोकने दिए निर्देश

-व्यापक प्रचार-प्रसार एवं जन जागरूकता से बाल श्रम रोकने किए जाएंगे उपाय
-14 वर्ष से कम बच्चे पूर्णतः बाल श्रमिक की श्रेणी में
-बाल श्रम पाए जाने पर 1098 पर कर सकते है शिकायत दर्ज
 महासमुंद / अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर आज कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में बाल श्रम उन्मूलन को लेकर संबंधित विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। बैठक में श्रम विभाग, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा विभाग, पुलिस प्रशासन सहित बाल श्रम न्यायालय, जिला बाल संरक्षण इकाई, चेम्बर ऑफ कॉमर्स, व्यवसायी संघ के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
कलेक्टर श्री लंगेह ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिले में किसी भी प्रकार से बाल श्रम की गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बच्चों का बचपन शिक्षा, सुरक्षा और संरक्षण में बीते, यह हम सभी की प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने संयुक्त जांच दल द्वारा होटल, ढाबा, निर्माण स्थलों, दुकानों एवं अन्य संभावित स्थलों पर निरीक्षण करने के निर्देश दिए। साथ ही सभी विकासखंडों में बाल श्रम विरोधी रैली, पोस्टर प्रदर्शन, रैली एवं स्कूलों में विशेष सत्र आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बाल संरक्षण समिति की बैठक हर माह आयोजित कर समीक्षा करने कहा है।
कलेक्टर ने कहा कि लंबे समय से स्कूलों में अनुपस्थित बच्चों को स्कूलों में पुनः प्रवेश सुनिश्चित किया जाएगा। इसके साथ ही उनके परिवारों को शासन की योजनाओं से जोड़ा जाएगा। जिले में 15 जून से 30 जून तक जिला स्तरीय बाल श्रम विरोधी अभियान चलाया जाएगा। कलेक्टर ने बाल श्रम की रोकथाम के लिए बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम 2005 की धारा 13, 14 तथा सहपठित धारा 15 के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
श्रम पदाधिकारी श्री डी.एन. पात्र ने बताया कि जिले में टास्क फोर्स के माध्यम से वर्ष 2024 में कुल 92 संस्थानों का निरीक्षण किया गया। जिसमें श्रम विभाग द्वारा कुल 14 संस्थानों के विरूद्ध माननीय श्रम न्यायालय में अभियोजन दायर किया गया। माननीय श्रम न्यायालय द्वारा कुल 09 संस्थानों के विरूद्ध राशि 5000 रुपए की दर से कुल राशि 45 हजार रुपए अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। शेष 05 संस्थानों का प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। इसी तरह वर्ष 2025 (09 जून 2025 की स्थिति में) में कुल 52 संस्थानों का निरीक्षण किया गया। जिसमें श्रम विभाग द्वारा कुल 20 संस्थानों के विरूद्ध सूचना प्रदर्शन बोर्ड चस्पा नहीं होने के कारण धारा-12 अंतर्गत नोटिस जारी किया गया है। जिसमें से कुल 12 संस्थानों के विरूद्ध माननीय श्रम न्यायालय में अभियोजन दायर किया गया। उक्त कुल 12 संस्थानों का प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है।
उन्होंने बताया कि 14 वर्ष से कम आयु के बालकों का नियोजन पूर्णतः प्रतिबंधित है। 14 वर्ष से कम आयु के बालकों से खतरनाक नियोजन को छोड़कर शिक्षा अवधि उपरांत पारिवारिक व्यवसाय में सुरक्षा प्रबंध के साथ कार्य लिया जा सकता है। इसी तरह 14 से 18 वर्ष आयु के किशोरी का खतरनाक व्यवसाय/प्रक्रियाओं (अधिसूचित-107 नियोजनों में) नियोजन पूर्णतः प्रतिबंधित है। मुख्य प्रतिबंधित क्षेत्र कारखाना, होटल एवं ढाबा, घरेलू कामगार, ईंट-भट्टा एवं खपरेल निर्माण कार्य, पत्थर खदान, ऑटो मोचाईल वर्कशॉप एवं गैरेज, बीड़ी उद्योग इत्यादि है।
बालक एवं किशोर श्रम नियोजन में दण्ड बाल श्रम का नियोजन करने वाले नियोजक को अधिनियम की धारा 14 के अंतर्गत 06 माह से 02 वर्ष तक का कारावास या राशि रूपये 20 हजार से 50 हजार तक जुर्माना अथवा दोनों से दण्डनीय होगा। बालक एवं किशोर श्रम की शिकायत के संबंध में टोल फ्री हेल्पलाईन 1800-2332-197 एवं 1098 में शिकायत दर्ज कर सकते हैं। 

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