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- नयी दिल्ली।परिचालन शुरू करने के एक साल बाद ही अकासा एयर को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के संचालन की मंजूरी नागर विमानन मंत्रालय से मिल गई है। कंपनी अब दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया एवं पश्चिम एशिया के गंतव्यों के लिए उड़ानें संचालित करने की योजना बना रही है। फिलहाल पायलटों की भारी किल्लत का सामना कर रही अकासा एयर के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विनय दुबे ने बुधवार को कहा कि नागर विमानन मंत्रालय ने इस एयरलाइन को अंतरराष्ट्रीय अधिसूचित परिचालक का दर्जा दे दिया है। दुबे ने एक बयान में कहा, "यह नया दर्जा हमें अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भरने की मंजूरी देगा। इससे हम इस साल के अंत तक अपना अंतरराष्ट्रीय परिचालन शुरू करने का सपना पूरा करने के एक कदम समीप पहुंच गए हैं।" इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अब एयरलाइन विदेशी गंतव्यों के लिए उड़ान भरने के अधिकार दिए जाने संबंधी अनुरोध पर संबंधित अधिकारियों के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा, "हम जल्द ही अपनी उड़ानों वाले अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों की जानकारी देंगे।'' अकासा एयर के सीईओ ने कहा कि एयरलाइन भारत से दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया और पश्चिम एशिया के गंतव्यों के लिए उड़ान भरने का लक्ष्य लेकर चल रही है। दरअसल एयरलाइन के बेड़े में बोइंग 737 मैक्स विमान ही हैं जो इसी दायरे में उड़ानें भर सकते हैं। हालांकि दुबे ने कहा कि अकासा एयर बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए वर्ष 2023 के अंत तक सौ से अधिक विमानों के ऑर्डर देने की प्रक्रिया में जुटी हुई है। वर्ष 2022 में परिचालन शुरू करने वाली अकासा एयर अचानक ही बड़ी संख्या में पायलटों के इस्तीफे की वजह से मुश्किलों में घिर गई है। इस संबंध में एयरलाइन ने पायलटों के नोटिस अवधि पूरा किए बगैर काम छोड़कर जाने के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। कंपनी ने उच्च न्यायालय में कहा कि कई पायलट के इस्तीफा देने से सितंबर में उसे बड़ी संख्या में अपनी उड़ानों को रद्द करना पड़ा है।
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मुंबई. व्हाट्सऐप ने बुधवार को भारत में अपनी भुगतान सेवा के विस्तार की घोषणा की। इससे कारोबारियों के साथ लेनदेन करने वाले लोगों के लिए भुगतान करना आसान हो जाएगा। वे विभिन्न डिजिटल भुगतान विकल्पों सहित यूपीआई ऐप के विकल्प के साथ क्रेडिट और डेबिट कार्ड से भी सीधे चैट में खरीदारी कर सकेंगे। मेटा के संस्थापक और सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि भारत लोगों और व्यवसायों के 'मैसेजिंग' अपनाने के मामले में दुनिया में अग्रणी है। व्हाट्सऐप ने कहा कि वह भुगतान को आसान बनाने के लिए रेजरपे और पेयू जैसे साझेदार के साथ काम कर रही है। जुकरबर्ग ने कहा है कि लोगों और व्यवसायों के बीच काम करने के बेहतर तरीके के रूप में ‘मैसेजिंग' की स्वीकार्यता बढ़ रही है और भारत दुनिया में इस मामले में अगुवा है। सोशल मीडिया क्षेत्र की दिग्गज कंपनी ने बुधवार को यहां कई नए ‘टूल' का अनावरण किया है। इनके जरिये व्हॉट्सएप का इस्तेमाल कर कारोबार को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। जुकरबर्ग ने कहा कि कंपनी ने अपने मैसेजिंग प्रारूप, समूह चैट और प्रसारण चैनलों के साथ नवोन्मेष जारी रखा है। मुंबई में एक कार्यक्रम को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए जुकरबर्ग ने कहा, ‘‘आज हम जिन चीजों की बात करते हैं, भारत उनमें से कइयों में अगुवा है। भारत इस मामले में दुनिया की अगुवाई कर रहा है कि कैसे लोगों और व्यवसायों ने ‘मैसेजिंग' को चीजों को बेहतर करने के तरीके के रूप में अपनाया है।'' इस मौके पर मेटा सत्यापित बैज और भुगतान सेवा का विस्तार जैसी घोषणाएं भी की गईं। इसके जरिये सीधे चैट में खरीदारी पूरी करने की सुविधा मिलेगी। जुकरबर्ग ने ‘व्हॉट्सएप फ्लो का भी जिक्र किया, जिससे कारोबार क्षेत्र को चैट थ्रेड्स के साथ अपने अनुभव को बेहतर करने में मदद मिलेगी। -
नयी दिल्ली. एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्धि दर के अनुमान को 6.4 प्रतिशत से घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया। एडीबी ने कृषि उपज पर प्रतिकूल मानसून के संभावित असर और निर्यात में सुस्ती की वजह से यह अनुमान घटाया है। एडीबी ने 'एशियाई विकास परिदृश्य सितंबर, 2023' शीर्षक से जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि घरेलू खपत में मजबूती और उपभोक्ता धारणा बेहतर होने से वित्त वर्ष 2023-24 के बचे हुए समय और अगले वित्त वर्ष में भी भारत की वृद्धि दर को मजबूती मिलती रहेगी। सार्वजनिक पूंजीगत व्यय में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी से भी इसे मदद मिलेगी। एडीबी ने कहा, "निर्यात में आ रही सुस्ती अर्थव्यवस्था के लिए प्रतिकूल हालात पैदा कर सकती है। और बारिश में अनियमितता से कृषि उपज कम होने की आशंका है। इस स्थिति में चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर को आंशिक रूप से संशोधित करते हुए 6.3 प्रतिशत कर दिया गया है।" अप्रैल के अपने पूर्वानुमान में एडीबी ने भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने की बात कही थी। हालांकि एडीबी ने अगले वित्त वर्ष के लिए अपने वृद्धि दर अनुमान को 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। उसका कहना है कि निजी निवेश और औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि होने से जीडीपी वृद्धि को रफ्तार मिलेगी। भारत की जीडीपी चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी जिसमें सेवा क्षेत्र और बढ़े हुए निवेश की अहम भूमिका रही।
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नयी दिल्ली. भारत की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो ने मंगलवार को आठ महानगरों में अपनी बहुप्रतीक्षित 5जी होम ब्रॉडबैंड सेवा जियो एयरफाइबर पेश करने की घोषणा की। ये शहर अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई और पुणे हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने पिछले महीने कंपनी की 46वीं सालाना आमसभा में यह घोषणा की थी। कंपनी ने कहा कि जियो एयरफाइबर शिक्षा, स्वास्थ्य, निगरानी और अपने अन्य समाधान के जरिये लाखों घरों को विश्व स्तरीय डिजिटल मनोरंजन, स्मार्ट होम सेवाओं और ब्रॉडबैंड की पेशकश करेगी। कंपनी ने बयान में कहा, ‘‘दुनिया के सबसे बड़े निजी मोबाइल डेटा नेटवर्क जियो ने आज आठ महानगरों में घरेलू मनोरंजन, स्मार्ट होम सेवाओं और उच्च-गति ब्रॉडबैंड के लिए अपने एकीकृत समाधान जियो एयरफाइबर सेवाओं की शुरुआत की घोषणा की।'' जियो का ऑप्टिकल फाइबर बुनियादी ढांचा पूरे भारत में 15 लाख किलोमीटर से अधिक तक फैला हुआ है। इसकी व्यापक ऑप्टिकल-फाइबर उपस्थिति जियो को 20 लाख से अधिक परिसरों के करीब लाती है। इसके बावजूद देश के ज्यादातर हिस्सों में दूरदराज तक ‘कनेक्टिविटी' देना काफी कठिन है। ऐसे में लाखों संभावित ग्राहक होम ब्रॉडबैंड से वंचित रह जाते हैं। बयान के अनुसार, जियो एयरफाइबर इस परेशानी को दूर करेगी और कनेक्टिविटी में तेजी लाने में मदद करेगी।
रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड के चेयरमैन आकाश अंबानी ने कहा, ‘‘हमारी व्यापक ‘फाइबर-टू-द-होम' सेवा जियोफाइबर पहले ही एक करोड़ से अधिक ग्राहकों को सेवा दे रही है और हर महीने बड़ी संख्या में लोग इससे जुड़ रहे हैं। इसके बावजूद अब भी लाखों घर और छोटे व्यवसायों को इससे जोड़ना बाकी है।'' उन्होंने कहा कि जियो एयरफाइबर के साथ कंपनी देश के हर घर को समान गुणवत्ता वाली सेवा देने के लिए विस्तार कर रही है। -
नयी दिल्ली. सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग उद्योग में इस्तेमाल होने वाले सोल्डर वायर के लिए अनिवार्य गुणवत्ता मानदंड जारी किए हैं। घटिया उत्पादों के आयात पर अंकुश लगाने और इसके घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए ऐसा किया गया है। इस संबंध में उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने 18 सितंबर को एक अधिसूचना जारी की। फ्लक्स कोर्ड सोल्डर वायर (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश, 2023 के तहत इन वस्तुओं का उत्पादन, बिक्री, व्यापार, आयात और भंडारण तब तक नहीं किया जा सकता, जब तक कि उन पर भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) का निशान नहीं हो। डीपीआईआईटी ने मंगलवार को कहा कि ये आदेश इस अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से छह महीने बाद प्रभावी होंगे। अभी तक इन उत्पादों पर बीआईएस प्रमाणन नियम लागू नहीं होते थे।
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नयी दिल्ली. सरकार 28 नई थोक मंडियों (मार्केट यार्ड) को ऑनलाइन ट्रेडिंग मंच ई-नाम के साथ जोड़ेगी, जिससे देश में ऐसी मंडियों की कुल संख्या 1,389 हो जाएगी। कृषि सचिव मनोज आहूजा ने मंगलवार को यह जानकारी दी। फिलहाल 23 राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों की 1,361 विनियमित मंडियां 26 अप्रैल को शुरू किए गए इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) से जुड़ी हुई हैं। आहूजा ने यहां ‘ई-नाम 2.0' पर एक कार्यशाला में कहा, ‘‘ई-नाम को और मजबूत करने के मकसद से हाल ही में एकीकरण के लिए 28 नई मंडियों को मंजूरी दी गई, जिससे ऐसी मंडियों की कुल संख्या 1,389 हो जाएगी।'' उन्होंने ई-नाम के अंशधारकों को सही समय पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘सूचना विषमता को दूर करना महत्वपूर्ण है। आहूजा ने आगे कहा कि उपज की गुणवत्ता से संबंधित जानकारी खरीदार के लिए उतनी ही महत्वपूर्ण है, जितनी वस्तुओं की कीमतें विक्रेताओं के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आर्थिक दृष्टिकोण से, पूरी मूल्य श्रृंखला को कुशल बनाया जाना चाहिए और फसल की बर्बादी को कम किया जाना चाहिए।'' कृषि मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव फैज़ अहमद किदवई ने कहा कि ‘ई-नाम 2.0', मौजूदा ई-नाम का एक उन्नत संस्करण होगा, जिसमें राज्य अधिनियमों में सुधार ई-नाम 2.0 की सफलता में बहुत महत्वपूर्ण होंगे। तीन किसान उत्पादक संगठनों, चुरचू नारी ऊर्जा एफपीसीएल (झारखंड), मंगानी सिटी कंसोर्टियम (तमिलनाडु) और जैविक श्री एफपीसीएल, कोरापुट (ओडिशा) ने ई-नाम मंच का उपयोग करने के अपने अनुभव साझा किए।
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नयी दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के कंप्यूटरीकरण में धीमी प्रगति को लेकर चिंता जतायी और गांवों-कस्बों में बेहतर वित्तीय सेवाएं देने के लिये इसमें तेजी लाने को कहा। सीतारमण ने किसान ऋण पोर्टल और मौसम सूचना नेटवर्क डाटा प्रणाली (विंड्स) नियमावली पेश करने के बाद कहा कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों के डिजिटलीकरण के लिये काफी काम किया जाना बाकी है। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंक समान रूप से संपन्न नहीं हैं और उनकी वित्तीय सेहत अलग-अलग है। गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई वाले सहकारिता मंत्रालय के तहत इस क्षेत्र में क्षमता बढ़ाने का काम हो रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि सहकारी बैंकों का डिजिटलीकरण आवश्यक गति से होगा।
हालांकि, उन्होंने कहा, मैं आरआरबी, उनके डिजिटलीकरण और कम्प्यूटरीकरण के बारे में अधिक चिंतित हूं। इसलिए, अगर उनके पास यह नहीं है, तो फोन बैंक सुविधा... या इंटरनेट बैंकिंग सुविधा का विस्तार...काम नहीं करेगा।'' वित्त मंत्री ने कहा कि बहुत सारा काम अभी भी लंबित है और वित्तीय सेवा विभाग तेज गति से कंप्यूटरीकरण को लेकर उन्हें जागरूक कर रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी और उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये लॉकडाउन' के दौरान गांवों ने अर्थव्यवस्था को थामे रखा, इसको देखते हुए किसान और कृषि क्षेत्र को सरकार काफी महत्व दे रही है। इस अवसर पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार के विभिन्न उपायों से किसानों की आमदनी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय के लिये बजट आवंटन 2013-14 से कई गुना बढ़ गया है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इस क्षेत्र को बहुत महत्व देती है। तोमर ने अल्पकालिक फसल कर्ज के बारे में कहा कि क्षेत्र के लिये कोष की कोई कमी नहीं है। पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर जोर देने के साथ चालू वित्त वर्ष में कृषि ऋण लक्ष्य 20 लाख करोड़ रुपये आंका गया है। आमतौर पर कृषि कर्ज पर नौ प्रतिशत ब्याज लगता है। हालांकि, सरकार किफायती दर पर अल्पकालिक फसल ऋण उपलब्ध कराने और कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद को ब्याज छूट प्रदान कर रही है। किसानों को प्रति वर्ष सात प्रतिशत की प्रभावी दर पर तीन लाख रुपये तक का अल्पकालिक कृषि ऋण सुनिश्चित करने को लेकर सरकार दो प्रतिशत ब्याज सब्सिडी दे रही है। सीतारमण ने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के बारे में कहा कि बैंकों को केसीसी योजना के तहत किसानों को सब्सिडी वाला कर्ज प्राप्त करने में मदद करने को ‘किसान ऋण पोर्टल' के लिये सभी जरूरी आंकड़े 31 दिसंबर, 2023 तक देने चाहिए। उन्होंने वित्तीय सेवा विभाग के सचिव विवेक जोशी से यह सुनिश्चित करने को भी कहा कि सभी आंकड़े बैंक निर्धारित समय में उपलब्ध कराएं। वित्त मंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना को घर-घर तक पहुंचाने के लिये केसीसी अभियान शुरू किये जाने की घोषणा की। यह अभियान एक अक्टूबर, 2023 को शुरू किया जाएगा। - नयी दिल्ली।चालू वित्त वर्ष में सितंबर मध्य तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 23.51 प्रतिशत बढ़कर 8.65 लाख करोड़ रुपये रहा है। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि कंपनियों की ओर से अधिक अग्रिम कर भुगतान की वजह से प्रत्यक्ष कर संग्रह में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान अग्रिम कर भुगतान 21 प्रतिशत बढ़ा है। आंकड़ों के अनुसार, शुद्ध कर संग्रह चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान 18.23 लाख करोड़ रुपये का 47.45 प्रतिशत रहा है। पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में प्रत्यक्ष कर संग्रह 16.61 लाख करोड़ रुपये रहा था। अग्रिम कर की दूसरी किस्त के भुगतान की अंतिम तिथि 15 सितंबर थी।मंत्रालय ने बयान में कहा कि 16 सितंबर तक 8,65,117 करोड़ रुपये के शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में 4,16,217 करोड़ रुपये का कॉरपोरेट आयकर (सीआईटी) और प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) सहित 4,47,291 करोड़ रुपये का व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) शामिल है। बयान के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के लिए 16 सितंबर तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 23.51 प्रतिशत अधिक रहा है। चालू वित्त वर्ष में सितंबर मध्य तक अग्रिम कर भुगतान 21 प्रतिशत बढ़कर 3.55 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 2.94 लाख करोड़ रुपये था। अग्रिम कर भुगतान 16 सितंबर तक 3.55 लाख करोड़ रुपये रहा, जिसमें सीआईटी 2.80 लाख करोड़ रुपये और पीआईटी 74,858 करोड़ रुपये है। समीक्षाधीन अवधि में आयकर विभाग ने करीब 1.22 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया है। मंत्रालय ने कहा कि कुल मिलाकर वित्त वर्ष 2023-24 के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रह 18.29 प्रतिशत बढ़कर 9.87 लाख करोड़ रुपये है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 8.34 लाख करोड़ रुपये था।
- नयी दिल्ली। वैश्विक बाजारों में सोने की कीमतों में उछाल के बीच राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोमवार को सोना 180 रुपये की तेजी के साथ 60,200 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। इससे पिछले कारोबारी सत्र में सोना 60,020 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।चांदी की कीमत भी 400 रुपये बढ़कर 74,400 रुपये प्रति किलोग्राम पहुंच गयी।एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ विश्लेषक-जिंस सौमिल गांधी ने कहा, ‘‘सोमवार को सोने में तेजी आई, जहां विदेशी बाजारों में सकारात्मक कारोबार के बाद दिल्ली में सोने की हाजिर कीमतें (24 कैरेट) 180 रुपये बढ़कर 60,200 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गईं।" अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना तेजी के साथ 1,927 डॉलर प्रति औंस हो गया। चांदी की कीमत चढ़कर 23.10 डॉलर प्रति औंस हो गई।
- मुंबई। वैश्विक बाजारों में कमजोरी के रुख के बीच निवेशकों के सतर्क रहने से स्थानीय शेयर बाजार में जारी रिकॉर्ड तेजी का सिलसिला सोमवार को थम गया और दोनों प्रमुख सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए। बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स 241.79 अंक यानी 0.36 प्रतिशत कमजोर होकर 67,596.84 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 305.8 अंक तक गिरकर 67,532.83 अंक पर आ गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 59.05 अंक यानी 0.29 प्रतिशत घटकर 20,133.30 अंक पर बंद हुआ।इसके साथ ही बीएसई में पिछले 11 कारोबारी सत्रों से जारी तेजी का सिलसिला थम गया। यह अक्टूबर, 2007 के बाद इसमें तेजी का सबसे लंबा दौर है। इस दौरान सेंसेक्स बीते शुकवार को अपने उच्चतम स्तर 67,838.63 अंक पर बंद हुआ था। निफ्टी ने भी पिछले कारोबारी सत्र में 20,192.35 का अपना नया शिखर हासिल किया था।सेंसेक्स की कंपनियों में एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल, इन्फोसिस, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाटा स्टील, विप्रो, कोटक महिंद्रा बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टेक महिंद्रा और जेएसडब्ल्यू स्टील में प्रमुख रूप से गिरावट रहीं। दूसरी तरफ पावर ग्रिड, टाइटन, महिंद्रा एंड महिंद्रा और एनटीपीसी के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए।कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘‘बैंकिंग, रियल्टी, आईटी एवं दूरसंचार शेयरों में मुनाफावसूली का दौर शुरू होने से 11 सत्रों से जारी तेजी का सिलसिला आखिरकार थम गया। वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और डॉलर सूचकांक में बढ़ोतरी से उत्पन्न चिंताओं के बीच निवेशकों ने अमेरिकी मौद्रिक समिति की बैठक के पहले अपने निवेश में कटौती की।'' व्यापक बाजार में बीएसई स्मालकैप सूचकांक में 0.60 प्रतिशत की गिरावट रही जबकि मिडकैप सूचकांक 0.27 प्रतिशत गिर गया। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘घरेलू बाजारों ने अपनी रफ्तार गंवा दी क्योंकि इस सप्ताह कई देशों के केंद्रीय बैंक नीतिगत दरों पर फैसला करेंगे। निवेशकों का भरोसा कच्चे तेल की आपूर्ति में कटौती के साथ चीन में मांग फिर से बढ़ने की उम्मीदों से भी प्रभावित हुआ।'' एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और हांगकांग का हैंगसेंग गिरावट के साथ बंद हुए जबकि चीन के शंघाई कम्पोजिट में तेजी रही। यूरोपीय बाजार गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। शुक्रवार को अमेरिकी बाजार नकारात्मक दायरे में बंद हुए थे। इस बीच अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.39 प्रतिशत चढ़कर 94.30 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) शुक्रवार को शुद्ध लिवाल रहे थे और उन्होंने 164.42 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की खरीद की थी।
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नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों को दिए जाने वाले ऋण पर 8 प्रतिशत तक की सब्सिडी देगी। वित्त मंत्री ने योजना के लॉन्च कार्यक्रम के दौरान कहा कि सरकार ने पहले ही बजट 2023-24 में 13 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। विश्वकर्मा योजना का विवरण साझा करते हुए, वित्त मंत्री ने कहा कि कारीगरों को 5 प्रतिशत की बहुत सस्ती ब्याज दर पर जमानत मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा। इस योजना में बढ़ई, सुनार, लोहार, राजमिस्त्री, पत्थर की मूर्ति तराशने वाले मूर्तिकार, नाई और नाविक सहित 18 क्षेत्र के पारंपरिक कारीगर शामिल हैं। सरकार 3 लाख रुपये तक का लोन उपलब्ध कराएगी वित्त मंत्री ने कहा, शुरूआत में एक लाख रुपये का ऋण दिया जाएगा और 18 महीने तक भुगतान करने के बाद लाभार्थी अतिरिक्त दो लाख रुपये का पात्र होगा।
कल, प्रधानमंत्री मोदी ने विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और एक्सपो सेंटर, यशोभूमि में इस योजना का शुभारंभ किया। इस अवसर पर श्री मोदी ने कहा, यह योजना उन लाखों कारीगरों और शिल्पकारों के लिए आशा की किरण है जो हाथों और औजारों से काम करते हैं।पीएम विश्वकर्मा का मुख्य फोकस कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की पहुंच के साथ-साथ गुणवत्ता में सुधार करना और यह सुनिश्चित करना है कि वे घरेलू और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ एकीकृत हों। योजना का उद्देश्य न केवल देश भर के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से सहयोग देना है, बल्कि स्थानीय उत्पादों, कला और शिल्प के माध्यम से सदियों पुरानी परंपरा, संस्कृति और विविध विरासत को जीवित और समृद्ध रखना भी है। -
नई दिल्ली। केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि भारत को 2030 तक मसालों के निर्यात का लक्ष्य प्रतिवर्ष 10 अरब डॉलर तक पहुंचाना चाहिए, जो अभी 4 अरब डॉलर प्रतिवर्ष है। केन्द्रीय मंत्री ने प्रस्ताव किया कि अगले वर्ष नई दिल्ली में दुनिया की सबसे बडी मसाला प्रदर्शनी, सम्मेलन और संगोष्ठी का आयोजन किया जाना चाहिए और विश्व की बडी कम्पनियों को इसमें आमंत्रित किया जाना चाहिए। श्री गोयल आज नवी मुम्बई में मसाला निर्यात उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मसाला उद्योग के बडे उद्योगपतियों की सराहना करते हुए उन्होनें कहा कि भारत इस क्षेत्र में किसी से पीछे नही है और देश में इस क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। श्री गोयल ने कहा कि विभिन्न देशों में साढे तीन करोड भारतीय रहते हैं, जो भारतीय मसालों के खरीददार के साथ-साथ उनके ब्रांड एम्बेस्डर भी हैं। श्री गोयल ने इस मौके पर मसाला निर्यात उत्कृष्टता पुरस्कार भी प्रदान किए।14वीं विश्व मसाला कांग्रेस नवी मुम्बई में शुक्रवार को शुरू हुई थी। इसके पहले दिन मसाला बोर्ड के सचिव श्री डी साथिया ने मसाला प्रदर्शनी का उद्घाघन किया। मसाला कांग्रेस का थीम ''विजन 2030: सतता, उत्पादकता, नवाचार, सहयोग, उत्कृष्टता और सुरक्षा'' है। -
नई दिल्ली। दिल्ली मेट्रो की एयरपोर्ट लाइन पर रविवार से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ेगी। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।अधिकारियों ने बताया कि भारत के सबसे तेज मेट्रो कॉरिडोर पर ट्रेन की गति को धीरे-धीरे 90 किमी प्रति घंटे से बढ़ाकर 120 किमी प्रति घंटे करना, विभिन्न सरकारी एजेंसियों और विशेषज्ञों के परामर्श के साथ-साथ DMRC के अभियंताओं द्वारा सावधानीपूर्वक योजना बनाने और उसके समयबद्ध कार्यान्वयन से संभव हुआ है।
DMRC ने एक बयान में कहा, ‘17 सितंबर से, दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन का परिचालन करने जा रहा है।’प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को द्वारका में यशोभूमि नामक इंडिया इंटरनैशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर (IICC) के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे। वह साथ ही दिल्ली मेट्रो की एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के विस्तारित खंड का लोकार्पण करेंगे जो द्वारका सेक्टर-21 को द्वारका सेक्टर 25 से जोड़ने के लिए बनाई गई है।अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया था कि एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के विस्तारित खंड द्वारका सेक्टर 21 से यशोभूमि द्वारका सेक्टर 25 तक मेट्रो ट्रेन का परिचालन 17 सितंबर को अपराह्न तीन बजे से शुरू हो जाएगा।सूत्रों ने शनिवार को बताया कि एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के विस्तारित खंड के लोकार्पण के बाद इस लाइन पर बढ़ी हुई गति से ट्रेन का परिचालन करने की संभावना है।वर्तमान में एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर ट्रेन का परिचालन नई दिल्ली मेट्रो स्टेशन से द्वारका सेक्टर 21 स्टेशन तक होता है ।नई दिल्ली से यशोभूमि द्वारका सेक्टर-25 तक की कुल यात्रा में लगभग 21 मिनट लगेंगे। पहले, नयी दिल्ली और द्वारका सेक्टर 21 के बीच यात्रा का समय लगभग 22 मिनट था, और अब इन दोनों स्टेशनों के बीच की दूरी तय करने में लगने वाला समय घटकर लगभग 19 मिनट रह जाएगा जिससे तीन मिनट की बचत होगी।DMRC ने बताया कि नई दिल्ली और दिल्ली हवाई अड्डे के टर्मिनल तीन के बीच यात्रा का अनुमानित समय लगभग 15 मिनट और 30 सेकंड होगा। DMRC ने कहा कि पहले यह समय 18 मिनट से थोड़ा अधिक था। -
नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार को भी तेजी बरकरार रखी और इसी के साथ यह अपने इतिहास के नए मुकाम पर पहुंच गया। सेंसेक्स ने 16 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए लगातार 11वें कारोबार सेशन में तेजी बरक़रार रखी है। बेंचमार्क बीएसई सेंसेक्स लगातार चढ़ते हुए अपने ऑल टाइम हाई लेवल 67,838 अंक पर पहुंच गया। साथ ही निफ्टी भी अपने रिकॉर्ड लेवल 20,180 अंक पर बंद हुआ।
बाजार में इसलिए आई तेजीवैश्विक बाजारों में तेजी और विदेशी निवेशकों की ताजा खरीदारी से बाजार में तेजी आई। इसके अलावा दूरसंचार, ऑटो और तकनीकी शेयरों में खरीदारी से भी बाजार को बढ़त के साथ स्थिर होने में मदद मिली।तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 319.63 अंक 0.47 प्रतिशत की तेजी के साथ 67,838.63 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 67,927.23 अंक तक चला गया था। इससे पहले गुरुवार को सेंसेक्स 67,519.00 अंक पर बंद हुआ था।इसी तरह निफ़्टी का भी रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन जारी है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ़्टी 50 आज के कारोबार में 89.25 अंक या 0.44 प्रतिशत के तेजी लेकर अपने नए रिकॉर्ड लेवल 20,192.35 पर बंद हुआ।सेंसेक्स की कंपनियों में भारतीय एयरटेल का शेयर सबसे ज्यादा 2.37 प्रतिशत चढ़ा। साथ ही महिंद्रा एंड महिंद्रा, एचसीएएल टेक, टाटा मोटर्स, टेक महिंद्रा, एचडीएफ़सी बैंक, टीसीएस, विप्रो, ICICI बैंक के शेयर प्रमुख रूप से प्रॉफिट में रहे।दूसरी तरफ, एशियन पेंट्स के शेयर में 1.32 प्रतिशत की सबसे बड़ी गिरावट आई। इसके अलावा हिंदुस्तान लिवर, बजाज फिनसर्व, एनटीपीसी, आईटीसी और एलएंडटी के शेयर लाल निशान में बंद हुए।इस बीच कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के साथ डॉलर की मांग के कारण अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 0.18 प्रतिशत कमजोर हो गया और 83.18 प्रति डॉलर पर आ गया।एशियाई बाजारों में सियोल, टोक्यो और हांगकांग लाभ के साथ बंद हुए जबकि शंघाई गिरावट में बंद हुआ। इसके अलावा यूरोपीय शेयर हरे निशान में कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी बाजार गुरुवार को तेजी के साथ बंद हुए।शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने गुरुवार को 294.69 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर ख़रीदे। -
नई दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit 2023) के पहले दिन अभूतपूर्व और ऐतिहासिक आम सहमति बनाकर भारत ने विश्व को एक मजबूत संदेश दिया। जी20 के सदस्य देशों ने नौ सितंबर को नयी दिल्ली घोषणापत्र अपनाया, जिसे रूस-यूक्रेन युद्ध जारी रहने के मुद्दे पर अलग-अलग वैश्विक विचारों के बीच एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।
गोयल ने स्वच्छ ऊर्जा पर उद्योग मंडल सीआईआई के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा,‘‘बहुत ही विखंडित विश्व के प्रत्येक वैश्विक नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जी20 की भारत की अध्यक्षता की सफलता चाहते थे, और हमने शिखर सम्मेलन के पहले ही दिन अभूतपूर्व एवं ऐतिहासिक आम सहमति बना कर विश्व को यह मजबूत संदेश दिया कि भारत ने इसे कर लिया है।’’उन्होंने कहा कि विश्व ने भारत के सामर्थ्य को भी देखा है, चाहे वह कोविड महामारी हो या यूक्रेन संघर्ष से उभरी चुनौतियां हों। मंत्री ने कहा, ‘‘…विश्व ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत को देखा, विश्व को एक बेहतर समझौता मुहैया करने में सक्षम 140 करोड़ भारतीयों के सामर्थ्य को देखा।’’उन्होंने कहा कि राष्ट्र ने भारत को एक वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करने की कोशिश का समर्थन किया, और दुर्भाग्य से इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश की गई।मंत्री ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ी कंपनियों को सहयोग और साझेदारी के जरिये वैश्विक कंपनियों के साथ जुड़ने पर विचार करना चाहिए। गोयल ने कृषि उत्पाद निर्यातों के बारे में कहा कि कृषि से संबद्ध निर्यात पिछले साल 50 अरब अमेरिकी डॉलर के आंकड़े को पार कर गया और आने वाले वर्षों में इसके और बढ़ने की उम्मीद है। -
नयी दिल्ली. प्रौद्योगिकी कंपनी एप्पल ने अपने नए आईफोन 15 मॉडल को इंडियाज नेविगेशन विद इंडियन कॉन्स्टेलेशन (नेवआईसी) जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) से लैस किया है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के उपग्रहों से संचालित नेवआईसी आईफोन 15 अन्य गैलीलियो और ग्लॉसनास जीपीएस प्रणालियों के साथ उपलब्ध होगा। एप्पल ने 12 सितंबर को आईफोन 15प्रो और आईफोन 15प्रो मैक्स मॉडलों का अनावरण किया। ये मॉडल बिक्री के लिए इसी महीने पेश किए जाएंगे। चंद्रशेखर ने कहा, “एप्पल द्वारा अपने नवीनतम आईफोन 15 की घोषणा से देश दो बड़ी उपलब्धियां मिली हैं। पहली तो यह है कि भारतीय ग्राहकों के लिए भी आईफोन उसी दिन से मिलेगा, जिस दिन से न्यूय़ॉर्क, तोक्यो और लंदन के ग्राहकों को मिलेगा।” केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इतिहास में पहली बार आईफोन 15 ने अपने फोन में गैलीलियो और ग्लॉसनास की जीपीएस प्रणाली के साथ-साथ नेवआईसी जीपीएस प्रणाली भी लैस की गई है। उन्होंने कहा, “तो पहली बार, आईफोन जैसे वैश्विक उत्पाद में ऐसी तकनीक शामिल होगी जिसे नेवआईसी द्वारा डिज़ाइन, वितरित और संचालित किया गया है।''
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नयी दिल्ली. खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में गेहूं, चावल, चीनी, खाद्य तेल जैसी जरूरी खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति पर्याप्त है और सरकार काला बाजारी करने वालों पर कड़ी नजर रख रही है। इससे आगामी त्योहारों के दौरान इन खाद्य वस्तुओं की खुदरा कीमतें काबू में रहेंगी। चोपड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इसीलिए मेरा आकलन यह है कि चाहे चावल हो या फिर गेहूं या चीनी अथवा खाद्य तेल, आगामी त्योहारों के दौरान इनके दाम बढ़ने की आशंका नहीं है।'' उन्होंने कहा कि जब भी जरूरत पड़ती है, सरकार जरूरी कदम उठाती है। उदाहरण के लिये, कीमतों में तेजी के बीच तत्काल प्रभाव से व्यापारियों, थोक और बड़े खुदरा विक्रेताओं के लिये भंडार सीमा को घटाकर 2,000 टन किया गया है। सचिव ने कहा कि देश में गेहूं, चावल, चीनी और खाद्य तेलों की आपूर्ति पर्याप्त है।
चीनी के बारे में उन्होंने कहा कि हालांकि इसकी कीमतें स्थिर बनी हुई हैं, लेकिन अगस्त में कम मानसूनी बारिश के कारण कमी की आशंका को लेकर अफवाह के कारण हाल में कुछ जगह कीमतों में तेजी आई है। चोपड़ा ने कहा, ‘‘... देश में 85 लाख टन का पर्याप्त चीनी भंडार है। यह साढ़े तीन महीने की जरूरतों को पूरा करने के लिये पर्याप्त है।'' खाद्य सचिव ने कहा कि सरकार त्योहारों को लेकर पर्याप्त रूप से तैयार है। सरकार ने 25 लाख टन चीनी जारी की है। अगस्त में दो लाख टन अतिरिक्त चीनी जारी की गई है। उन्होंने कहा कि मोटे तौर पर चीनी की उपलब्धता अच्छी है। सरकार इस साल गन्ना उत्पादन में गिरावट को लेकर उद्योग संगठन भारतीय चीनी मिल संघ (इसमा) की आशंका से सहमत नहीं है। चोपड़ा के अनुसार, इसका कारण यह है कि इस महीने की शुरुआत में कर्नाटक और महाराष्ट्र में अच्छी बारिश हुई है और हमें उम्मीद है कि इससे गन्ने का उत्पादन बेहतर रहेगा। गेहूं के बारे में सचिव ने कहा कि देश में इसका पर्याप्त भंडार है और खुदरा कीमतें वर्तमान में औसतन 30 रुपये प्रति किलो पर स्थिर है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जमाखोरी पर अंकुश लगाने और कीमतों को काबू में रखने के लिये व्यापारियों, थोक और बड़े खुदरा विक्रेताओं पर भंडार सीमा को और कम कर दिया है। चोपड़ा ने कहा कि 31 अगस्त की स्थिति के अनुसार, सरकार के पास 255 लाख टन गेहूं का भंडार था, जबकि जरूरत 202 लाख टन की है। परिस्थिति के अनुसार सरकार खुले बाजार में गेहूं की आक्रामक तरीके से बिक्री की जा सकती है। चावल के बारे में उन्होंने कहा कि इसके दाम में 10 प्रतिशत वृद्धि को लेकर हम चिंतित हैं। कीमत वृद्धि का कारण नकारात्मक धारणा है, जो कुछ लोग बना रहे हैं। यह कहा जा रहा है कि इस साल मानसून इतना अच्छा नहीं रहा है और चावल का उत्पादन प्रभावित होने वाला है। सचिव ने कहा, ‘‘यह सिर्फ कुछ लोगों की तरफ से नकारात्मक रूप से पैदा की जा रही धारणा है।'' मैं आपके माध्यम से यह बताना चाहूंगा कि फसल की स्थिति अच्छी है। ... कमी जैसी कोई बात नहीं है।'' चोपड़ा ने खाद्य तेल के बारे में कहा कि देश में वर्तमान में 37 लाख टन खाद्य तेलों का आयात किया गया है, जो पिछले साल के 27 लाख टन से अधिक है। कम वैश्विक कीमतों का फायदा उठाते हुए उद्योग ने इस साल रिकॉर्ड खाद्य तेल का आयात किया है। उन्होंने कहा, कुल मिलाकर हमारे पास अतिरिक्त भंडार है और परिणामस्वरूप, आने वाले दिनों में किसी प्रकार कमी या कीमतों में वृद्धि की आशंका नहीं है।' -
नयी दिल्ली, सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने बृहस्पतिवार को 1,831.09 करोड़ रुपये का लाभांश चेक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंपा। बीमा कंपनी ने बयान में कहा कि एलआईसी के चेयरमैन सिद्धार्थ मोहंती ने वित्तीय सेवा विभाग के अतिरिक्त सचिव एमपी तंगिरला की मौजूदगी में सरकार की कंपनी में हिस्सेदारी के एवज में लाभांश चेक दिया। शेयरधारकों की 22 अगस्त को सालाना बैठक में लाभांश को मंजूरी दी गयी थी। एलआईसी ने अपने गठन के 67 साल पूरे कर लिये हैं। कंपनी ने 1956 में पांच करोड़ रुपये की शुरुआती पूंजी के साथ शुरुआत की थी। 31 मार्च, 2023 की स्थिति के अनुसार एलआईसी के पास 40.81 लाख करोड़ रुपये की जीवन निधि के साथ 45.50 लाख करोड़ रुपये का परिसंपत्ति आधार है।
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नयी दिल्ली. केंद्र ने बृहस्पतिवार को तीसरा सफाई अभियान शुरू किया जिसमें ऐसे दूर दराज के कार्यालयों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जहां बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही होती है। नयी दिल्ली में इस अभियान की शुरुआत करते हुए केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘स्वच्छता' अभियान को जन आंदोलन बना दिया है। सिंह ने कहा, ‘‘वही प्रशासन है, वही अधिकारी हैं लेकिन नेतृत्व की कमी थी। प्रधानमंत्री ने स्वच्छता और सफाई के मिशन को जन आंदोलन बना दिया और अब इसे लोगों ने समाज सुधार आंदोलन की तरह आत्मसात कर लिया है। इसने सरकार की मंशा को प्रदर्शित किया है कि वह लोगों की मूलभूत समस्याओं का मिशन के आधार पर समाधान करेगी।'' उन्होंने कहा कि इस विशेष अभियान की शुरुआत तब की गई है जब देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सफल जी20 शिखर सम्मेलन के आयोजन और भारत के अंतरिक्ष मिशन चंद्रयान-3 और आदित्य एल1 की वजह से जोश का महौल है। सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पहले जागरूकता अभियान के तहत 15 अगस्त 2014 को स्वच्छता अभियान की शुरुआत की थी जिसने कार्यसंस्कृति को बदल दिया और इसका सबूत जी20 की सफल मेजबानी है। उन्होंने कहा कि ई-ऑफिस पोर्टल के माध्यम से 90 प्रतिशत फाइल का काम ऑनलाइन किया गया है और (स्वच्छता)अभियान से सुनिश्चित किया गया कि डाक विभाग जैसे कुछ विभागों में खाली स्थान का इस्तेमाल उत्पादक कार्य के लिए किया जाए जो पहले ‘कबाड़खाने में' तब्दील हो गए थे। विशेष सफाई अभियान 3.0 के तहत 15 से 30 सितंबर 2023 के बीच तैयारी का चरण होगा। इस अवधि में मंत्रालय/ विभाग चुनिंदा श्रेणियों में लंबित कार्य की पहचान करेंगे और अभियान स्थल को अंतिम रूप देंगे। भारत सरकार ने दो अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2023 के बीच विशेष अभियान 3.0 चलाने की घोषणा की है जिसमें सरकारी कार्यालयों में सफाई पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
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नयी दिल्ली. साख निर्धारित करने वाली एजेंसी फिच रेटिंग्स ने बृहस्पतिवार को चालू वित्त वर्ष (2023-24) के लिये भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.3 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। उसने कहा कि कड़ी मौद्रिक नीति और निर्यात में कमी के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। हालांकि, रेटिंग एजेंसी ने अल नीनो की आशंका के कारण मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ाया है।
उल्लेखनीय है कि सेवा क्षेत्र के मजबूत प्रदर्शन से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रही है। फिच ने कहा, ‘‘कड़ी मौद्रिक नीति और निर्यात में कमी के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। देश की आर्थिक वृद्धि दर क्षेत्र के अन्य देशों के मुकाबले कहीं बेहतर है।'' रेटिंग एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिये आर्थिक वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष के लिये 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। फिच ने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य की अद्यतन रिपोर्ट में हालांकि कहा कि निर्यात, बिजली खपत, माल ढुलाई जैसे आंकड़े संकेत दे रहे हैं कि जुलाई-सितंबर तिमाही में वृद्धि दर नरम रह सकती है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि जुलाई-सितंबर तिमाही में वृद्धि दर धीमी पड़ने की आशंका है। इसका कारण यह है कि निर्यात लगातार कमजोर हो रहा है, ऋण वृद्धि स्थिर है और भारतीय रिजर्व बैंक के नवीनतम द्विमासिक उपभोक्ता भरोसा सर्वेक्षण से पता चलता है कि उपभोक्ताओं में आय तथा रोजगार की संभावनाओं को लेकर कुछ निराशाजनक धारणा बन रही है। मुद्रास्फीति के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई खासकर खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति में अस्थायी तौर पर जो वृद्धि हुई है, उससे आने वाले महीनों में सोच-विचाकर कर किए जाने वाले उपभोक्ता खर्च पर अंकुश लग सकता है। इसमें कहा गया है, ‘‘उपभोक्ताओं पर मुद्रास्फीति का प्रभाव अस्थायी हो सकता है लकिन अन्य बुनियादी चीजें अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकती हैं।'' फिच ने कहा, ‘‘भारत वैश्विक आर्थिक नरमी से अछूता नहीं रहेगा और घरेलू अर्थव्यवस्था पिछले वर्ष आरबीआई के नीतिगत दर में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि के प्रभाव से प्रभावित होगी। वहीं कमजोर मानसून आरबीआई के मुद्रास्फीति नियंत्रण को जटिल बना सकता है।'' रेटिंग एजेंसी ने अल नीनो प्रभाव का हवाला देते हुए 2023 के अंत तक खुदरा मुद्रास्फीति 5.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जो पूर्व में जताये गये पांच प्रतिशत के अनुमान से ज्यादा है। -
कोलकाता. पिछले साल अच्छी फसल रहने के साथ भारतीय जूट निगम (जेसीआई) को चालू जूट वर्ष (2023-24) में बीते साल की तुलना में कम से कम 50 प्रतिशत अधिक कच्चे रेशे (फाइबर) की खरीद होने की उम्मीद है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह कहा। जेसीआई को सरकार द्वारा किसानों से कच्चे जूट की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद के लिए आदेश दिया गया है। इस साल औसत एमएसपी मूल्य 5,050 रुपये प्रति क्विंटल है। जेसीआई के महाप्रबंधक के. मजूमदार ने कहा कि चालू जूट फसल वर्ष 2023-24 में (जुलाई-जून) कच्चे जूट की खरीद बहुत अधिक है। सितंबर के मध्य तक, हम पहले ही 2.30 लाख क्विंटल जूट खरीद चुके हैं। हमें उम्मीद है कि यह अभियान पूरे साल चलेगा और कुल खरीद पिछले वर्ष की तुलना में 50 प्रतिशत या 6-7 लाख क्विंटल से अधिक की होगी। पिछले वित्त वर्ष के जूट मौसम में जेसीआई ने रिकॉर्ड 4.34 लाख क्विंटल जूट की खरीद की थी। मजूमदार ने कहा, ‘‘इस साल जूट की बंपर फसल हुई है और उत्पादन 91 लाख गांठ होने की उम्मीद है। किसानों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार ने बांग्लादेश से आने वाले जूट और बोरी पर डंपिंग रोधी शुल्क लगा दी है।
- मुंबई। खुदरा मुद्रास्फीति के अगस्त में घटकर 6.8 प्रतिशत पर आने के बावजूद विशेषज्ञों को यह आशंका सता रही है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में यह रिजर्व बैंक के अनुमान से 0.60 प्रतिशत अधिक रह सकती है। जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति 15 महीनों के उच्च स्तर 7.4 प्रतिशत पर रही लेकिन अगस्त में सब्जियों के दाम घटने से यह गिरकर 6.8 प्रतिशत पर आ गई। ब्रोकरेज फर्म यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया ने बुधवार को एक रिपोर्ट में कहा कि सितंबर में भी खुदरा मुद्रास्फीति छह प्रतिशत के ऊपर ही रहने का अनुमान है। ऐसी स्थिति में जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए खुदरा मुद्रास्फीति का आंकड़ा रिजर्व बैंक के अनुमान से अधिक रहने के आसार दिख रहे हैं। यूबीएस की मुख्य अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता-जैन ने कहा, "वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए खुदरा मुद्रास्फीति रिजर्व बैंक के अनुमान 6.2 प्रतिशत से 0.6 प्रतिशत बढ़कर 6.8 प्रतिशत तक जा सकती है।" उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कीमतों पर दबाव बने रहने से मुद्रास्फीति में तेजी कायम है। ग्रामीण क्षेत्रों में मुद्रास्फीति सात प्रतिशत बढ़ी जबकि शहरी इलाकों में यह 6.6 प्रतिशत है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में औसत खुदरा मुद्रास्फीति 5.6 प्रतिशत रह सकती है।
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नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी एनटीपीसी की अनुषंगी एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एनजीईएल) ने हरित हाइड्रोजन क्षेत्र में अवसर तलाशने के लिए नायरा एनर्जी के साथ समझौता किया है। सार्वजनिक क्षेत्र की एनटीपीसी ने एक बयान में कहा कि एनजीईएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मोहित भार्गव और नायरा एनर्जी के प्रमुख (प्रौद्योगिकी) अमर कुमार ने दोनों पक्षों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में सोमवार को समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। बयान में कहा गया, ‘‘हरित हाइड्रोजन तथा हरित ऊर्जा क्षेत्र में अवसर तलाशने के लिए एनजीईएल और नायरा एनर्जी ने आज एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।'' एनजीईएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मोहित भार्गव ने कहा कि हरित हाइड्रोजन भारत के स्वच्छ ऊर्जा भविष्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा और इस साझेदारी के साथ कंपनी हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का पता लगाएगी तथा उनका इस्तेमाल करेगी। - नयी दिल्ली। भारत का विदेशी ऋण मार्च, 2023 के अंत तक 624.7 अरब अमेरिकी डॉलर था, और इसका ऋण-सेवा अनुपात 5.3 प्रतिशत है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह जानकारी देते हुए कहा कि यह संतोषजनक स्तर पर है और देश के लिहाज से यह मामूली है। इस महीने की शुरुआत में जारी ‘भारत का विदेशी ऋण: एक स्थिति रिपोर्ट 2022-23' की प्रस्तावना में सीतारमण ने कहा कि मार्च, 2023 के अंत में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में विदेशी ऋण का अनुपात एक साल पहले के 20 प्रतिशत से घटकर 18.9 प्रतिशत रह गया है। उन्होंने कहा कि दीर्घकालिक ऋण कुल विदेशी ऋण का 79.4 प्रतिशत है, जबकि अल्पकालिक ऋण कुल विदेशी ऋण का 20.6 प्रतिशत है। अल्पकालिक ऋण का इस्तेमाल मुख्य रूप से आयात के वित्तपोषण के लिए किया जाता है।वित्त मंत्री ने कहा कि पूरे देश के लिहाज से भारत की विदेशी ऋण स्थिति अधिकांश निम्न और मध्यम-आय वाले देशों (एलएमआईसी) की तुलना में बेहतर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022-23 के दौरान ऋण सेवा अनुपात इससे पिछले वर्ष के 5.2 प्रतिशत से मामूली रूप से बढ़कर 5.3 प्रतिशत हो गया है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि ऋण सेवा भुगतान 2021-22 में 41.6 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2022-23 में 49.2 अरब डॉलर हो गया है।
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नयी दिल्ली. जी20 देशों ने शनिवार को कहा कि वे राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुरूप कोयले से बनने वाली बिजली को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के प्रयासों में तेजी लाएंगे, लेकिन उन्होंने तेल और गैस सहित सभी प्रदूषण फैलाने वाले जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीके से बंद करने की प्रतिबद्धता नहीं जताई। दुनिया के 85 प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का योगदान देने वाले और 80 प्रतिशत उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार जी20 ने कहा कि यह 2030 तक वैश्विक स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना करने के प्रयासों को आगे बढ़ाएगा और प्रोत्साहित करेगा तथा अनुपयोगी जीवाश्म ईंधन सब्सिडी को खत्म करने तथा तर्कसंगत बनाने के लिए 2009 में पिट्सबर्ग में किए गए अपने वादे को कायम रखेगा। शुक्रवार को प्रकाशित पहली ‘ग्लोबल स्टॉकटेक' की एक प्रमुख तकनीकी रिपोर्ट के अनुसार, नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ाना और निर्बाध जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करना शुद्ध-शून्य उत्सर्जन के लिए ऊर्जा संक्रमण के अपरिहार्य तत्व हैं। यहां जी20 शिखर सम्मेलन में जारी नेताओं की घोषणा में, समूह ने जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (आईपीसीसी) की छठी मूल्यांकन रिपोर्ट (एआर 6) के निष्कर्षों का उल्लेख किया कि पेरिस समझौते के तापमान लक्ष्यों को पूरा करने के लिए वैश्विक हरित गैस उत्सर्जन को 2020 से 2025 के बीच अपने उच्चतम बिंदु, या “चरम” तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने हालांकि कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि प्रत्येक देश को इस समय सीमा के भीतर अपने उत्सर्जन शिखर पर पहुंचना होगा। घोषणापत्र में कहा गया है, “चरमोत्कर्ष की समय-सीमा सतत विकास, गरीबी उन्मूलन की जरूरतों, समानता और विभिन्न राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुरूप तय की जा सकती है।” दुनिया की कुछ सबसे धनी अर्थव्यवस्थाओं के समूह ने ‘2030 तक ऊर्जा दक्षता सुधार की दर को दोगुना करने पर स्वैच्छिक कार्य योजना' पर भी ध्यान दिया। उन्होंने माना कि ‘ग्लोबल वार्मिंग' को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए 2019 के स्तर के सापेक्ष 2030 तक वैश्विक हरित गैस उत्सर्जन में 43 प्रतिशत की तीव्र, गहरी और निरंतर कटौती की आवश्यकता है। उन्होंने हालांकि “चिंता के साथ संज्ञान लिया” कि जलवायु परिवर्तन से निपटने और पेरिस समझौते में उल्लिखित तापमान उद्देश्यों को प्राप्त करने की वैश्विक महत्वाकांक्षा अपर्याप्त है। जी20 ने कहा कि विकासशील देशों को अपनी राष्ट्रीय जलवायु योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए 2030 से पहले की अवधि में 5.9 हजार अरब अमेरिकी डॉलर की आवश्यकता होगी, जिसका लक्ष्य ग्लोबल वार्मिंग को 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे, अधिमानतः 1.5 डिग्री सेल्सियस पर रखना है। समूह ने कहा कि 2050 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन हासिल करने के लिए, विकासशील देशों को 2030 तक स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के लिए सालाना लगभग चार हजार अरब अमेरिकी डॉलर की आवश्यकता होगी।