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लिवर शरीर के सबसे जरूरी अंगों में से एक है, जो विषाक्त पदार्थों यानी टॉक्सिंस को बाहर निकालने, पाचन में मदद करने और एनर्जी को बनाए रखने में मदद करता है। लेकिन जब लिवर से जुड़ी समस्याएं शुरू होती हैं तो व्यक्ति को पाचन की दिक्कतें, थकान और पेट में सूजन जैसी दिक्कतें होने लगती हैं। आयुर्वेद में लिवर की समस्याओं के लिए शरपुंखा का उपयोग लाभकारी बताया गया है। शरपुंखा के आयुर्वेदिक गुण लिवर की कार्यक्षमता को बढ़ाने और लिवर को डिटॉक्स करने में मददगार होते हैं।
शरपुंखा क्या है?
शरपुंखा एक जड़ी-बूटी है, जिसका वैज्ञानिक नाम Tephrosia purpurea है। शरपुंखा को आयुर्वेद में विशेष रूप से लिवर संबंधी समस्याओं के इलाज में उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, शरपुंखा का उपयोग अन्य बीमारियों में भी किया जाता है। डॉक्टर श्रेय ने बताया कि शरपुंखा का सबसे ज्यादा इस्तेमाल लिवर की डिजीज में होता है और इसकी तासीर ठंडी होती है। लिवर कमजोर होने के कारण जिन लोगों को भूख कम लगती है, कमजोरी रहती है, शरीर में गर्मी रहती है, फैटी लिवर की समस्या, लिवर सिरोसिस की समस्या आदि में शरपुंखा का उपयोग कारगर हो सकता है।लिवर के लिए शरपुंखा के फायदे1. लिवर डिटॉक्सिफिकेशनशरपुंखा का सबसे बड़ा फायदा लिवर की सफाई में है। यह लिवर को डिटॉक्स करके विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, जिससे लिवर की कार्यक्षमता बेहतर होती है। आयुर्वेद के अनुसार, शरपुंखा लिवर की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने में मदद करता है और इसे फैटी लिवर जैसी समस्याओं से बचाता है।2. लिवर सिरोसिस में राहतशरपुंखा में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो लिवर की कमजोर हुई कोशिकाओं की मरम्मत में मदद करते हैं और लिवर सिरोसिस के लक्षणों को कम करते हैं। नियमित सेवन से यह लिवर को मजबूत बनाता है और लिवर सिरोसिस की समस्या को कम करता है।3. पित्त समस्याओं में लाभकारीशरपुंखा पित्त के बढ़ने को कंट्रोल करता है, जिससे पाचन प्रक्रिया में सुधार होता है। जब लिवर बेहतर तरीके से काम करता है और पाचन तंत्र सुचारू रूप से चलता है।4. फैटी लिवर की समस्या में कारगरअनहेल्दी लाइफस्टाइल और खराब खानपान के कारण फैटी लिवर की समस्या आजकल काफी सामान्य हो गई है। शरपुंखा के एंटीऑक्सीडेंट गुण लिवर में जमे फैट को घटाने में मदद करते हैं। यह लिवर की सूजन को कम करके इसे हेल्दी रखता है।5. लिवर की सूजन को कम करेशरपुंखा में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो लिवर की सूजन को कम कर सकते हैं। इससे लिवर की कोशिकाओं को ठीक होने में मदद मिलती है और लिवर के काम करने की क्षमता में सुधार होता है।आयुर्वेद के अनुसार शरपुंखा का उपयोग कैसे करेंशरपुंखा का काढ़ाशरपुंखा का काढ़ा लिवर की समस्याओं में फायदेमंद है। इसे बनाने के लिए 3 ग्राम शरपुंखा के पाउडर को रात में पानी में भिगो दें और अगली सुबह इसे हल्का गुनगुना कर के पिएं। इस काढ़े को सुबह और शाम में लिया जा सकता है। यह काढ़ा लिवर की सूजन को कम करता है और पाचन तंत्र को सुधारने में भी मदद करता है। शरपुंखा पाउडर का नियमित सेवन लिवर को डिटॉक्स करता है और उसकी कार्यक्षमता को बढ़ाता है। - इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से होने वाली है। नवरात्रि में कलश स्थापना करके 9 देवियों की पूजा की जाती है। नवरात्रि में 9 दिनों के व्रत रखने की भी परंपरा सदियों से चली आ रही है। नवरात्रि के व्रत में सात्विक आहार खाया जाता है। लेकिन कई बार देखा जाता है कि व्रत के कारण लोग भोजन के साथ-साथ पानी पीना भी कम कर देते हैं। अचानक से कम पानी पीने से डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। पानी कम पीने की वजह से सुस्ती, ड्राई लिप्स, पेशाब कम आना, भ्रम की स्थिति और सिर चकराना की समस्या होती है। गंभीर मामलों में शरीर में पानी की कमी से उल्टी और दस्त भी हो सकते हैं। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताने जा रहे हैं, 5 ऐसे फलों के बारे में, जिसका सेवन करने से शरीर में पानी की कमी नहीं होती हैशारदीय नवरात्रि के व्रत में खाएं ये 5 मौसमी फल- Seasonal Fruits to Include in Shardiya Navratri Fast1. कीवीकीवी स्वाद और सेहत का खजाना है। इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। व्रत के दौरान कीवी का सेवन करने डिहाइड्रेशन की समस्या नहीं होती है। कीवी न केवल आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देता है बल्कि उपवास के दौरान त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखने में भी मदद करता है। कीवी का हल्का खट्टा स्वाद इसे ताजगी देता है और इसमें मौजूद हाई फाइबर पाचन क्रिया को दुरुस्त बनाता है।2. मस्क मेलन (खरबूजा)मस्क मेलन या खरबूजे में 90 प्रतिशत से ज्यादा पानी पाया जाता है। नवरात्रि व्रत के दौरान मस्क मेलन का सेवन किया जाए, तो यह शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करता है। मस्क मेलन में मौजूद विटामिन ए और सी न केवल शरीर को हाइड्रेट करते हैं बल्कि इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है। व्रत में मस्क मेलन का सेवन करने से पेट भी लंबे समय तक भरा हुआ महसूस करता है।3. पपीतापपीते में विटामिन ए, सी और ई भरपूर मात्रा पाया जाता है। व्रत के दौरान पपीते का सेवन करने से डिहाइड्रेशन की समस्या के साथ-साथ पाचन संबंधी परेशानियों से राहत मिलती है। व्रत के दौरान लंबे समय तक भूखे रहने के कारण लोगों को गैस, पेट में दर्द और ब्लोटिंग की समस्या हो जाती है। ऐसे में अगर पपीते का सेवन किया जाए, तो यह प्राकृतिक एंजाइम प्रोटीन को तोड़ने में भी सहायता करते हैं, जिससे पाचन संबंधी समस्याओं से राहत मिलती है।4. अनारअनारएंटीऑक्सीडेंट और आवश्यक विटामिन से भरपूर एक हाइड्रेटिंग फल है। व्रत के दौरान अनार का सेवन करने से शरीर को एनर्जी मिलती है। यह थकान और कमजोरी को भी दूर करने में मदद करता है। व्रत में अनार खाने से स्किन और बालों से संबंधी परेशानियों से भी छुटकारा मिलता है।5. संतरासंतरे में 80 से 85 प्रतिशत तक पानी पाया जाता है। संतरा विटामिन सी एक अच्छा सोर्स है। इसका सेवन करने से डिहाइड्रेशन की समस्या नहीं होती है। विटामिन सी की वजह से आपकी इम्यूनिटी को मजबूत करने में मदद मिलती है।
- पान का पत्ता, जिसे आयुर्वेद में तांबूल कहा जाता है, भारतीय संस्कृति में एक खास महत्व रखता है। इसे पारंपरिक रूप से कई स्वास्थ्य लाभों से जोड़ा गया है। लेकिन क्या रात में पान का पत्ता खाने से अच्छी नींद आती है? इस लेख में हम पान के पत्ते के गुण, उसके लाभ और नींद पर इसके प्रभाव के बारे में विस्तार से बात करेंगे।पान का पत्ता और इसके गुण-पान का पत्ता एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है। यह पाचन को सुधारने, मुंह की दुर्गंध को दूर करने में मदद करता है। इसके साथ ही इसमें कैल्शियम, थायमिन और नियासिन जैसे जरूरी पोषक तत्व भी पाए जाते हैं, जो शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं।क्या रात में पान का पत्ता खाने से अच्छी नींद आती है?-पान के पत्ते में कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जिससे वह नींद में मददगार साबित हो सकता है।1. पाचन में मदद करता है पान का पत्तारात में सोने से पहले पाचन तंत्र का सही ढंग से काम करना नींद की गुणवत्ता को प्रभावित करता है। पान का पत्ता पाचन में सुधार कर सकता है, जिससे भारीपन, गैस या अपच जैसी समस्याएं दूर हो सकती हैं। जब पाचन अच्छा होता है, तो शरीर बेहतर तरीके से आराम कर पाता है, जो अच्छी नींद के लिए जरूरी है।2. तनाव और चिंता कम करता है पान का पत्ताकुछ आयुर्वेदिक मान्यताओं के अनुसार, पान का पत्ता दिमाग को शांत रखने और तनाव को कम करने में मदद करता है। तनाव और चिंता की स्थिति में अक्सर नींद नहीं आती, इसलिए अगर पान का पत्ता हो, तो आप रात को सोने से पहले खा सकते हैं।3. सर्दी-जुकाम में राहतअगर किसी व्यक्ति को रात में सर्दी, खांसी या सांस की समस्या होती है, तो पान का पत्ता राहत दे सकता है। इसकी एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण यह गले की सूजन को कम कर सकता है और सांस की समस्याओं में आराम पहुंचा सकता है। जब व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी नहीं होती, तो उसे बेहतर और गहरी नींद आती है।पान का पत्ता खाने के तरीके-रात में पान का पत्ता खाने के लिए इसे चूना, कत्था और सुपारी के बिना सेवन करना चाहिए। चूना और कत्था का ज्यादा सेवन शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है, खासकर जब इसे नियमित रूप से खाया जाए।पान का पत्ता खाली चबाने से इसके ज्यादा स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।अगर आपको पाचन संबंधी समस्याएं हैं, तो इसमें सौंफ, इलायची और लौंग का सेवन किया जा सकता है।पान का पत्ता खाने के तुरंत बाद पानी पीने से बचें, ताकि इसके सक्रिय तत्व सही से एब्सॉर्ब हो सकें।हालांकि पान का पत्ता स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इसे सही मात्रा और सही तरीके से खाना जरूरी है। ज्यादा मात्रा में पान का सेवन दांतों के लिए नुकसानदायक हो सकता है और इससे मुंह में जलन या अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। साथ ही, अगर आप इसे चूना या तंबाकू के साथ खाते हैं, तो इसके हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं, जैसे कि मुंह के कैंसर का खतरा बढ़ जाना।पान का पत्ता आयुर्वेद में एक खास जड़ी-बूटी मानी जाती है, जो पाचन, तनाव और सांस की समस्याओं में राहत दे सकती है। हालांकि इसे नींद लाने का पारंपरिक उपाय नहीं माना गया है, लेकिन इसके गुण जैसे पाचन सुधारना, तनाव कम करना, और ब्लड शुगर को नियंत्रित करना अप्रत्यक्ष रूप से अच्छी नींद में मददगार साबित हो सकते हैं। इसे रात में बिना चूना और तंबाकू के सेवन करें।उम्मीद करते हैं कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें।
- बेवजह वजन बढ़ना और हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव होना थायराइड बढ़ने के लक्षण है। थायराइड हमारे गले में मौजूद तितली के आकार की एक ग्रंथि है, जिसमें गड़बड़ी होने के कारण आपको कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिससे बचाव के लिए जरूरी है कि आप अपने खान-पान का खास ध्यान रखें। थायराइड कंट्रोल करने के लिए घर में मौजूद 6 जड़ी बूटियों से तैयार हर्बल ड्रिंक की रेसिपी शेयर की है, जिसे पीने से आपको थायराइड कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है और वजन कंट्रोल करने में भी ये ड्रिंक फायदेंमंद साबित हो सकता है।थायराइड कंट्रोल करने के लिए हर्बल ड्रिंक कैसे बनाएं? -सामग्री-दालचीनी- 1 इंचकसा हुआ अदरक- 1/2 छोटा चम्मचजीरा- 1/2 छोटा चम्मचजायफल पाउडर- एक चुटकीमुलेठी- 1 इंचनींबू का रस- ½ चम्मचपानी- 150 मि.ली.हल्दी- एक चुटकीड्रिंक बनाने की विधि-एक सॉस पैन में पानी डालें और पानी को अच्छी तरह उबाल लें। अब उबलते पानी में सभी सामग्रियों को एक साथ डाल दें। इसके बाद गैस की आंच कम कर दें और मिश्रण को 10 मिनट तक अच्छे से उबलने दें।तैयार हर्बल ड्रिंक को एक कप में छान लें। आप इसमें स्वाद के लिए शहद भी मिला सकते हैं।थायराइड कंट्रोल करने के लिए हर्बल ड्रिंकपीने के फायदे-दालचीनी में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो सूजन को कम करने और थायराइड फंक्शन को बेहतर तरीके से काम करने में मदद कर सकते हैं।-अदरक एंटी-ऑक्सिडेंट और सूजन-रोधी गुणों से भरपूर होते हैं, जो थायराइड को कंट्रोल रखने और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।-जीरा में ऐसे कंपाउंड्स होते हैं, जो थायराइड फंक्शन और चयापचय को मैंटेन करने में मदद कर सकते हैं।-जायफल में मैग्नीशियम और मैंगनीज जैसे मिनरल्स होते हैं, जो थायराइड फंक्शन के बेहतर तरीके से काम करने के लिए जरूरी हैं।-मुलेठी में ऐसे यौगिक होते हैं, जो हार्मोन के स्तर को संतुलित करने और थायराइड को बेहतर ढंग से काम करने में मदद कर सकते हैं।-हल्दी सूजन-रोधी गुणों से भरपूर होते हैं, जो थायरायड ग्लेंड में सूजन को कम करने और इसे कंट्रोल करने में मदद करता है।- थायराइड कंट्रोल करने के लिए इस ड्रिंक को पीने के साथ संतुलित आहार को अपनी डाइट का हिस्सा बनाए और किसी एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
- आजकल दूषित खान-पान एक्सरसाइज की कमी और खराब जीवनशैली फॉलो करने के चलते लोगों में हार्ट से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ने लगी हैं। इसके सबसे ज्यादा शिकार आज के समय में युवा हो रहे हैं। आजकल हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हार्ट फेलियर के चलते लाखों लोगों की जान जा रही है। हर साल 29 सितंबर को देश-विदेश में विश्व हार्ट दिवस मनाया जाता है। इसे मनाने के पीछे का मकसद लोगों को हार्ट के प्रति जागरूक करके हार्ट से जुड़ी बीमारियों को रोकना है। आइये जानते हैं वर्ल्ड हार्ट डे का इतिहास, महत्व और थीम के बारे में।विश्व हार्ट दिवस का इतिहासविश्व हार्ट दिवस मनाने की पहल वर्ल्ड हार्ट फेरडरेशन (WHF) की अध्यक्ष रहीं एंटनी बेयस डी ने की थी। लूना ने हार्ट डे मनाने का विचार रखा जिसपर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी सहमति जताई। दोनों संस्थाओं द्वारा मिलकर साल 2000 में इसकी शुरूआत की गई। पहली बार 24 सितंबर को विश्व हार्ट दिवस मनाया गया था, जिसके बाद इस दिन को बदलकर 29 सितंबर कर दिया गया था। यहीं से विश्व हार्ट दिवस की शुरूआत हुई थी, जो अब जोर-शोर से दुनियाभर में मनाया जाता है।विश्व हार्ट दिवस का महत्वविश्व हार्ट दिवस मनाने का महत्व या उद्देश्य लोगों में बढ़ती हुई हार्ट से जुड़ी बीमारियों पर रोक लगाना है। इस दिन को मनाकर लोगों को हार्ट हेल्थ के प्रति जागरूक किया जाता है। इस दिन स्वास्थ्य व्यवस्था से जुड़े लोग न केवल हार्ट के मरीजों का हौंसला बढ़ाते हैं, बल्कि अन्य लोगों को भी इसकी गिरफ्त में आने से बचाने की कोशिश करते हैं। इस दिवस को मनाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों के हार्ट को स्वस्थ रखने की पहल की जाती है।विश्व हार्ट दिवस 2024 की थीमविश्व हार्ट दिवस 2024 की थीम है "Use Heart for Action"। इस थीम से यह सीख मिलती है कि हमें अपने हार्ट का सही इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही साथ हार्ट का ख्याल भी रखना चाहिए, जिससे हम एक्शन लेने में समर्थ बने रह सकें। यह थीम हार्ट हेल्थ को गंभीरता से लने की बात कह रही है।
- आजकल लोगों में हड्डियों से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। कुछ लोग अर्थराइटिस, ओस्टियोपोरोसिस तो कुछ लोग अक्सर जोड़ों के दर्द से परेशान रहते हैं। इसके पीछे शरीर में कैल्शियम की कमी भी काफी हद तक जिम्मेदार मानी जाती है। कैल्शियम की कमी होने पर अक्सर यह समस्याएं शरीर में घर कर लेती हैं। कैल्शियम की कमी पूरी करने के लिए आप रागी और दूध पी सकते हैं। लेकिन कई बार इन दोनों को लेकर भी कंफ्यूजन रहती है कि इनमें से ज्यादा कैल्शियम किसमें पाया जाता है।रागी और दूध में से ज्यादा कैल्शियम किसमें होता है?डाइटिशियन दीपशिखा के मुताबिक वैसे तो रागी और दूध दोनों ही कैल्शियम के अच्छे सोर्स होते हैं। दोनों ही हड्डियों से जुड़ी समस्या में काफी कारगर साबित होते हैं। लेकिन बात जब आती है कि दोनों में से कैल्शियम किसमें ज्यादा होता है तो ऐसे में रागी का नाम उपर आता है। दूध की तुलना में रागी ज्यादा कैल्शियम से भरपूर होती है।किसमें कितना कैल्शियम होता है?आसान भाषा में समझें तो अगर आप 100 ग्राम दूध पीते हैं तो इससे आपको 110 mg कैल्शियम मिलता है। वहीं, अगर आप 100 ग्राम रागी खाते हैं तो इससे आपको करीब 350 ग्राम कैल्शियम मिलता है। एक्सपर्ट की मानें तो 100 ग्राम रागी जितना कैल्शियम पाने के लिए आपको 3 गिलास दूध पीना होगा। तब जाकर यह फांसला पूरा होगा। इसलिए अगर आप कैल्शियम का अच्छा सोर्स देख रहे हैं तो रागी का विकल्प चुन सकते हैं।दूध से ज्यादा फायदेमंद होती है रागीकेवल कैल्शियम ही नहीं, बल्कि रागी अन्य मामलों में भी दूध से आगे है। दूध पीने से कई बार आपको पेट फूलने या अपच की भी समस्या हो सकती है, लेकिन रागी में फाइबर पाया जाता है, जो पाचन तंत्र को हेल्दी रखकर पेट से जुड़ी समस्याएओं को कम करने में मददगार होती है।
- दही में लैक्टिक एसिड होता है, जो स्किन के लिए बेहद फायदेमंद होता है और दाग-धब्बों को हल्का करने में मदद करता है। दही का इस्तेमाल ड्राई स्किन से लेकर ऑयली स्किन हर त्वचा प्रकार पर किया जाता है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या त्वचा पर दही लगाना स्किन के लिए सही है। दही में लैक्टिक एसिड होता है, जो एक अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड (AHA) है और अपने एक्सफोलीएटिंग गुणों के लिए जाना जाता है।" तो आइए जानते हैं स्किन पर दही लगाने के क्या फायदे हैं?1. एक्सफोलीएशनदही में मौजूद लैक्टिक एसिड आपकी स्किन से धीरे-धीरे डेड स्किन सेल्स को हटाने में मदद करता है, जो स्किन को चिकना बनाने और इसकी बनावट को बेहतर करने में मदद कर सकता है।2. स्किन को रखे हाइड्रेटेडदही में मॉइस्चराइजिंग गुण होते हैं, जो त्वचा को मुलायम और हाइड्रेट रखने में मदद करते हैं, जिससे ड्राई स्किन की समस्या को दूर किया जा सकता है।3. सूजन कम करेंदही में सूजन-रोधी गुण होते हैं, जो चिड़चिड़ी या सेंसिटिव स्किन को शांत करने में मदद करते हैं और स्किन की रेडनेस कम कर सकते हैं।4. दाग-धब्बों को कम करेंदही में मौजूद लैक्टिक एसिड के एक्सफोलीएटिंग और मॉइस्चराइजिंग गुण पोर्स की बनावट को बेहतर बनाने, काले धब्बों को कम करने और फाइन लाइन्स को कम करने में मदद कर सकते हैं।5. पिग्मेंटेशन से राहतदही के नियमित उपयोग से, स्किन पर मौजूद पिग्मेंटेशन को हल्का किया जा सकता है। साथ ही यह सूरज की हानिकारक यूवी किरणों से स्किन को होने वाले नुकसान के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है।अगर दही लगाने के बाद आपको स्किन पर खुजली या कोई अन्य समस्या महसूस हो तो इसका इस्तेमाल करना बंद कर दें और अगर आप पहली बार स्किन पर दही लगाने जा रहे हैं तो पैच टेस्ट जरूर करें।
- चावल सेहत के साथ ही, त्वचा और बालों के लिए भी बेहद फायदेमंद होते हैं। अक्सर लोग चावल के पानी का इस्तेमाल त्वचा और बालों की खूबसूरती बढ़ाने के लिए करते हैं। आप चाहें तो बालों पर चावल का पेस्ट भी लगा सकते हैं। बालों पर उबले हुए चावल का पेस्ट लगाना बेहद फायदेमंद होता है। उबले हुए चावल का पेस्ट लगाने से बाल मजबूत बनेंगे। चावल का पेस्ट स्कैल्प हेल्थ के लिए भी फायदेमंद होता है।बालों पर उबले हुए चावल का पेस्ट लगाने के फायदे1. बालों को स्मूथ बनाएबालों पर उबले हुए चावल का पेस्ट लगाने से बाल स्मूथ और शाइनी बनते हैं। आप बालों को स्मूथ और चमकदार बनाने के लिए चावल का पेस्ट लगा सकते हैं।2. ड्राई बालों से छुटकाराअगर आपके ड्राई या फ्रिजी बाल हैं, तो भी आप उबले हुए चावल का पेस्ट बालों पर लगा सकते हैं। चावल का पेस्ट लगाने से ड्राई और फ्रिजी बालों से छुटकारा मिलता है। अगर आप बालों पर इस पेस्ट को लगाएंगे, तो इससे ड्राई बालों से पूरी तरह से छुटकारा मिलेगा।3. बालों को चमकदार बनाएबालों को चमकदार बनाने के लिए भी आप उबले हुए चावल के पेस्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आपके बाल रूखे और बेजान हैं, तो उबले हुए चावल का पेस्ट लगाना बेहद फायदेमंद हो सकता है। चावल का पेस्ट लगाने से रूखे बालों से छुटकारा मिलता है। इससे बालों की चमक बढ़ती है और बाल मुलायम बनते हैं।4. स्कैल्प हेल्थ को बेहतर बनाएबालों को हेल्दी बनाने के लिए, स्कैल्प हेल्थ का बेहतर होना भी बहुत जरूरी होता है। अगर आप स्कैल्प और बालों पर चावल का पेस्ट लगाएंगे, तो इससे स्कैल्प की सारी गंदगी आसानी से निकल जाएगी। आप उबले हुए चावल का पेस्ट बालों और स्कैल्प पर लगा सकते हैं। इससे स्कैल्प इंफेक्शन और फंगस से भी छुटकारा मिलेगा। साथ ही, डैंड्रफ की समस्या दूर होगी।बालों पर उबले हुए चावल का पेस्ट कैसे लगाएं?-इसके लिए आप चावल को अच्छी तरह से उबाल लें। फिर इन चावल को पीसकर बारीक बना लें।इसमें पानी और एलोवेरा जेल मिलाएं। फिर इस पेस्ट को बालों और स्कैल्प पर अच्छी तरह से लगाएं। आप सप्ताह में 1-2 बार बालों पर उबले हुए चावल का पेस्ट लगा सकते हैं। बालों से जुड़ी समस्याएं दूर करने के लिए आप भी उबले हुए चावल का पेस्ट लगा सकते हैं। चावल का पेस्ट बालों को मजबूत बनाता है। साथ ही, स्कैल्प हेल्थ को भी बेहतर बनाए रखता है।
- रात को सोते समय सिर के नीचे तकिए का इस्तेमाल बड़े से लेकर बच्चे सभी उम्र के लोग करते हैं। सिर के नीचे तकिया लगाने से गर्दन और सिर को आराम मिलता है। साथ ही नींद भी अच्छी आती है। वहीं नवजात शिशुओं के सिर के नीचे भी लोग सरसों का ये बेबी पीलो का उपोयोग करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि बच्चे के सिर के नीचे तकिया लगाने से उनके स्कैल्प का आकार गोल रहता है, सिर को सही शेर देने में मदद मिलती है। लेकिन क्या सच में शिशुओं के सिर के नीचे तकिया लगाना सेफ और फायदेमंद होता है।शिशुओं के लिए तकिया इस्तेमाल करने से जुड़े फैक्ट्स1. अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (AAP) शिशुओं के लिए तकिए का उपयोग न करने की सलाह देता है, क्योंकि इससे दम घुटने का जोखिम बढ़ सकता है। बता दें कि अगर तकिए लगाने के कारण शिशुओं को सांस लेने में समस्या होती है तो इस कारण उन्हें सिर हिलाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।2. कुछ माता-पिता पोजिशनल प्लेगियोसेफली (फ्लैट हेड सिंड्रोम) को रोकने के लिए बेबी तकिए का उपयोग करते हैं। हालांकि, इस स्थिति को रोकने या उसका इलाज करने के लिए रीपोजिशनिंग तकनीक और टमी टाइम सुरक्षित और अधिक प्रभावी तरीके हैं।3. तकिए का उपयोग करने से शिशु की लुढ़कने, बैठने या सही मोटर कौशल विकसित करने की क्षमता में बाधा आ सकती है, क्योंकि उन्हें इन हरकतों का अभ्यास करने के लिए एक सपाट, और सही सतह की जरूरत होती है।4. चाइल्ड स्पेशलिस्ट आमतौर पर शिशुओं को तकिया देने से पहले बच्चे के कम से कम 18 महीने से 2 साल की उम्र होने का इंतजार करने की सलाह देते हैं, क्योंकि बड़े बच्चे बेहतर तरीके से हिलने-डुलने में सक्षम होते हैं और दम घुटने के जोखिम से बचते हैं।5. शिशुओं के सिर के नीचे तकिया लगाने से गर्दन में खिंचाव या असुविधा हो सकती है, क्योंकि बच्चों की रीढ़ और गर्दन तकिए के इस्तेमाल के लिए सही तरह से विकसित नहीं होती है।तकिए का इस्तेमाल शिशुओं के लिए सही नहीं माना जाता है, फिर चाहे शिशु का सिर बड़ा हो या चपटा हो। शिशु के सिर का आकार समय के साथ अपने आप धीरे-धीरे सही होने लगता है। इसलिए, जब तक आपका बच्चा 18 महीने का न हो जाए आप उसके सिर के नीचे तकिया न लगाएं और उसे एक सपाट और खुला स्थान दें। इसके साथ ही, किसी भी तरह की कंफ्जून होने पर अपने बच्चे के डॉक्टर से कंसल्ट करें।
- आंखों के नीचे काले घेरे पड़ते हैं तो पूरे चेहरे की खूबसूरती कम हो जाती है। आंखों के नीचे होने वाले काले घेरों यानी डार्क सर्कल को छिपाने के लिए लोग कंसीलर जैसे मेकअप प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं, जो कि स्किन के लिए नुकसानदायक भी साबित हो सकता है। मेकअप प्रोडक्ट्स को बनाने में कई तरह के केमिकल्स का उपयोग किया जाता है, ऐसे में इनके इस्तेमाल से स्किन को नुकसान पहुंच सकता है। आंखों के नीचे होने वाले काले घेरों को छिपाने के बजाय इन्हें कम करने के लिए घरेलू नुस्खे आजमा सकते हैं।1. दहीदही न सिर्फ पेट से जुड़ी समस्याओं को कम करने में सहायक होता है बल्कि इसके इस्तेमाल से स्किन भी बेहतर हो सकती है। दही में मौजूद लैक्टिक एसिड और प्रोबायोटिक्स आपकी त्वचा को रिपेयर करने में मदद करते हैं। डार्क सर्कलकम करने के लिए दही को एक मलमल के कपड़े में बांधकर 1 घंटे के लिए टांग कर रखें। समय पूरा होने पर आप देखेंगे कि दही से पानी निकल चुका है। इस दही को आंखों के नीचे काले घेरों पर लगाएं। 15-20 मिनट के बाद ताजे पानी से धो लें, बेहतर रिजल्ट के लिए इसे हफ्ते में कम से कम तीन बार लगाएं।2. कॉफी और हल्दीआंखों के नीचे होने वाले काले घेरों को कम करने के लिए कॉफी और हल्दी का प्रयोग भी कारगर साबित हो सकता है। कॉफी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और हल्दी के एंटीबैक्टीरियल गुण आपकी त्वचा को हेल्दी और ग्लोइंग बनाने में मदद करते हैं। एक छोटी कटोरी में एक चौथाई चम्मच कॉफी पाउडर में 2 चुटकी हल्दी डालें और फिर गुलाबजल की मदद से पेस्ट तैयार करें। इस पेस्ट को आंखों के नीचे काले घेरों पर लगाएं और 10-15 मिनट के लिए रखें। समय पूरा होने पर ताजे पानी से साफ करें।3. शहद और नींबूशहद में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और नींबू का विटामिन C आपकी त्वचा को निखारते हैं और काले घेरों को कम करने में मदद करते हैं। एक छोटी कटोरी में एक चम्मच शहद के साथ आधा चम्मच नींबू का रस मिलाएं। इस मिश्रण को आंखों के नीचे काले घेरों पर लगाएं और 15-20 मिनट के बाद धो लें। हफ्ते में दो-तीन बार इसका उपयोग करें, आपको फायदा दिखने लगेगा। ये सभी घरेलू उपाय आंखों के नीचे के काले घेरों को कम करने में सहायक हो सकते हैं। ध्यान दें कि इनका प्रयोग करते समय त्वचा को किसी भी तरह की जलन या एलर्जी महसूस हो, तो तुरंत इसे साफ कर दें और डॉक्टर से परामर्श करें।
- विशेषज्ञों की मानें, तो अगर पेट की चर्बी को कम न किया जाए, तो यह स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। मोटापा कई अन्य बीमारियों को जन्म दे सकता है। मोटापा कम करने के लिए आप सुबह के समय कुछ ड्रिंक्स को अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं। इससे मोटापा कम होगा और पेट चर्बी भी दूर हो जाएगी।पेट की चर्बी कम करने के लिए पिएं नींबू पानीदिन की शुरुआत आप गुनगुना पानी में नींबू का रस मिक्स करके पी सकते हैं। नींबू में विटामिन-सी होता है, जो मेटाबॉलिज्म में सुधार होता है। इसके अलावा, यह बॉडी को हाइड्रेटेड रखता है और पाचन क्षमता में सुधार होता है। इसकी मदद से पेट की चर्बी भी तेजी से गलने लगती है।ग्रीन-टी पीने से कम होगी पेट की चर्बीग्रीन-टी एंटीऑक्सीडेंट और कैटेचिन का बेहतरी स्रोत है। जिन लोगों का मेटाबॉलिज्म सही तरह से काम नहीं करता है, उन्हें अपनी रोजाना सुबह उठकर ग्रीन-टी जरूर पीना चाहिए। इससे फैट लूज होता है। खासकर, बेली फैट कम करने में मदद मिलती है। आप चाहें, तो इसके स्वाद को एन्हैंस करने के लिए इसमें नींबू का रस डाल सकते हैं।पेट की चर्बी कम करने के लिए पिएं एप्पल साइडर विनेगरएक गिलास पानी में 1-2 बड़े चम्मच एप्पल साइडर विनेगर मिक्स करके पिएं। यह आपके ओवर ऑल हेल्थ के लिए बहुत ही फायदेमंद है। यह ब्लड शुगर के स्तर को बैलेंस्ड रखता है और बॉडी में जमा फैट को कम करने में अहम भूमिका निभाता है। अगर आपको एप्पल साइडर विनेगर पसंद न हो, तो इसमें जरा-सा मधु या दालचीनी मिक्स करके पी सकते हैं।पेट की चर्बी दूर करने के लिए पिएं प्रोटीन शेकआपने अक्सर देखा होगा कि वेट लॉस जर्नी में प्रोटीन का बहुत अहम योगदान होता है। इसी तरह, अगर आप अपने पेट की चर्बी को दूर करना चाहते हैं, तो नियमित रूप से प्रोटीन शेक का सेवन जरूर करें। इसे आप घर में भी बना सकते हैं। जैसे प्रोटीन पाउडर को आप बादाम के दूध में मिक्स करके पी सकते हैं। इससे मांसेपशियों की रिकवरी में मदद मिलती है और बॉडी एनर्जेटिक रहती है। यह पेट की चर्बी कम करने में भी योगदान देते हैं।पेट की चर्बी कम करने के लिए पिएं हर्बल डिटॉक्स चाय पिएंहर्बल चाय, जैसे डंडेलियन या अदरक की चाय पीना भी बहुत पेट की चर्बी कम करने में फायेदमं साबित हो सकता है। अदरक की चाय पीने से पाचन संबंधी समस्याएं भी दूर होती हैं। इसे आप नाश्ते में अपने बैलेंस्ड डाइट का हिस्सा बना सकते हैं।याद रखें, पेट की चर्बी कम करने के उक्त ड्रिंक्स काफी फायदेमंद हो सकते हैं। लेकिन, इसके साथ-साथ आपको फिजिकल एक्टिविटी भी करनी चाहिए। सिर्फ डाइट में बदलाव करने पेट की चर्बी कम करना काफी नहीं होता है। इसके लिए, बेहतर होगा कि आप एक बार एक्सपर्ट से बात करें।
- स्वस्थ रहने के लिए हेल्थ एक्सपर्ट्स ड्राई फ्रूट्स खाने की सलाह देते हैं। किशमिश भी एक ड्राई फ्रूट है, जो विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर होता है। आयुर्वेद में किशमिश को बल्य बताया गया है। यानी किशमिश खाने से शरीर को ताकत मिलती है। इसलिए बच्चों और महिलाओं के लिए किशमिश का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है। किशमिश में फाइबर होता है, जो पाचन को मजबूत बनाता है। अगर नियमित रूप से किशमिश का सेवन किया जाए, तो वेट गेन में भी मदद मिलती है। इसलिए स्वस्थ रहने के लिए आपको भी अपनी डाइट में किशमिश जरूर शामिल करना चाहिए। किशमिश का सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनती है, जिससे बीमारियों से बचाव किया जा सकता है।1. किशमिश खाने का सही समय क्या है?“किशमिश खाने का सबसे सही समय सुबह का होता है। सुबह खाली पेट किशमिश का सेवन करना सबसे अधिक फायदेमंद होता है। खासकर, अगर आप सिर्फ किशमिश का सेवन कर रहे हैं, तो इसे सुबह खाली पेट खा सकते हैं।”2. किशमिश की तासीर क्या होती है?“किशमिश की तासीर गर्म होती है। लेकिन अगर इसे पानी में भिगोकर लिया जाए, तो किशमिश की तासीर सामान्य हो जाती है। इसलिए सभी लोगों को किशमिश का सेवन भिगोकर ही करना चाहिए। खासकर, पित्त वाले लोगों को भिगोए हुए किशमिश ही खाने चाहिए। हालांकि, वात और कफ प्रकृति के लोग किशमिश का सेवन सीधे तौर पर भी कर सकते हैं। लेकिन, भिगोए हुए किशमिश सेहत के लिए अधिक फायदेमंद होते हैं।”3. किशमिश खाने का सही तरीका क्या होना चाहिए?किशमिश का सेवन भिगोकर करना चाहिए। आप रात को पानी में 4-5 किशमिश भिगोकर रख दें। सुबह खाली पेट भीगे हुए किशमिशका सेवन कर लें। आप चाहें तो किशमिश को हलवा, खीर, स्मूदी, शेक आदि में भी मिला सकते हैं। सर्दियों में आप किशमिश के लड्डू बनाकर भी खा सकते हैं। किशमिश का सेवन बादाम, काजू, अखरोट आदि के साथ भी किया जा सकता है।4. किशमिश में कौन-से पोषक तत्व पाए जाते हैं?सोडियमपोटैशियमडाइटरी फाइबरप्रोटीनविटामिन सीआयरनकैल्शियमविटामिन बी6मैग्नीशियम5. एक दिन में कितने किशमिश खाने चाहिए?“आप रोजाना 4-7 किशमिश का सेवन कर सकते हैं। आपको अधिक मात्रा में किशमिश का सेवन करने से बचना चाहिए। लेकिन यह बात पाचन शक्ति पर भी निर्भर करता है।” किशमिश सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसकी तासीर बेहद गर्म होती है। इसलिए किशमिश का सेवन भिगोकर ही करना चाहिए। स्वस्थ रहने के लिए आप रोजाना 6-7 किशमिश का सेवन कर सकते हैं। लेकिन, अगर आपकी पित्त प्रकृति है, तो किशमिश का सेवन सीधे तौर पर करने से बचें। पित्त वाले लोगों को किशमिश का सेवन सिर्फ भिगोकर ही करना चाहिए।
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बालों की समस्या आज के समय में एक बड़ी परेशानी बनती जा रही है। आप कुछ घरेलू उपायों को अपनाकर भी बालों की ग्रोथ को बेहतर कर सकते हैं। दरअसल, सदियों से भारतीय मसालोंं में दालचीनी का उपयोग किया जा रहा है। यह खाने के स्वाद को बढ़ाने के साथ ही सेहत के लिए भी फायदेमंद होती है। इसका उपयोग कई बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। ऐसे में लोगों के मन में प्रश्न उठता है कि क्या दालचीनी बालों की ग्रोथ के लिए फायदेमंद होती है।
एक्सपर्ट के अनुसार दालचीनी में कई आवश्यक पोषक तत्व होते हैं, जो बालों के स्वास्थ्य में सुधार करते हैं। इनमें एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन्स और आवश्यक मिनरल्स पाए जाते हैं, जो बालों की जड़ों को मजबूत बनाते हैं और बालों के झड़ने की समस्या को कम करते हैं। इसके अलावा, इसमें एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो स्कैल्प की समस्याओं जैसे डैंड्रफ और खुजली से राहत दिलाने में सहायक होते हैं। इन समस्याओं को दूर करने से आपके बालों की ग्रोथ में सुधार होता है।दालचीनी से बालों को होने वाले फायदेब्लड सर्कुलेशन में सुधार करें- दालचीनी आपके सिर की त्वचा में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ा सकती है। बढ़ा हुआ ब्लड सर्कुलेशन हेयर फॉलिक्स को आवश्यक पोषक तत्व और ऑक्सीजन प्रदान करता है, जिससे बालों की ग्रोथ होती है।एंटीऑक्सिडेंट गुण- दालचीनी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट हेयर फॉलिक्स को ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाते हैं। यह समय से पहले बालों के झड़ने और पतले होने को रोकने में मदद कर सकता है।एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण- दालचीनी में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, यह सिर की त्वचा में सूजन को कम करने में मदद करते हैं। सूजन बालों के ग्रोथ को बाधित कर सकती है, इसलिए इसे कम करना आवश्यक होता है।बैक्टीरिया को दूर करे- दालचीनी में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो सिर की त्वचा में बैक्टीरिया की ग्रोथ को रोकते हैं। बैक्टीरिया की अधिकता बालों के जड़ों को कमजोर करती है और बालों के झड़ने का कारण बन सकती है।बालों की ग्रोथ के लिए दालचीनी का उपयोग कैसे करें?एक चम्मच दालचीनी पाउडर को नारियल तेल या जैतून के तेल के साथ मिलाएं। इस मिश्रण को अपने सिर की त्वचा पर लगाएं और कुछ समय के लिए छोड़ दें, फिर बालों को शैम्पू से धो लें।आप अपने नियमित शैम्पू में एक चम्मच दालचीनी पाउडर मिला सकते हैं और अपने बालों को धोने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।दालचीनी पाउडर को पानी में उबालें और ठंडा होने दें। इस टॉनिक को अपने बालों और सिर की त्वचा पर लगाएं और कुछ समय के लिए छोड़ दें, फिर धो लें।दालचीनी आपके बालों के स्वास्थ्य और ग्रोथ के लिए एक प्राकृतिक और प्रभावी उपाय हो सकती है। अपने बालों में दालचीनी का उपयोग करने से पहले आप डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। बालों की समस्या होने पर आप पहले उस समस्या का इलाज कराएं। - स्वस्थ रहने के लिए ड्राई फ्रूट्स खाने की सलाह देते हैं। अधिकतर लोग अपनी डाइट में बादाम, किशमिश, काजू, खजूर, अखरोट या अंजीर शामिल करते हैं। वैसे तो इनका सेवन अलग-अलग किया जा सकता है। आप चाहें तो काजू और अंजीर को एक साथ खा सकते हैं। काजू और अंजीर एक साथ खाने से, इनके सभी पोषक तत्व भी शरीर को एक साथ ही मिल जाएंगे। आप काजू और अंजीर को सीधे तौर पर खा सकते हैं। लेकिन, इनके पोषक तत्वों के सही अवशोषण के लिए, इन्हें सही तरीके से खाना भी बेहद जरूरी है।काजू और अंजीर को एक साथ कैसे खाएं?-1. भिगोकर करें काजू और अंजीर का सेवनकाजू और अंजीर खाने का सबसे आसान तरीका भिगोकर खाना है। इसके लिए आप 5-6 काजू और 1-2 अंजीर लें। अब काजू और अंजीर को रातभर के लिए एक गिलास पानी में भिगोकर रख दें। सुबह भिगोए हुए काजू और अंजीर का सेवन करें। आप सुबह खाली पेट काजू और अंजीर खा सकते हैं। रोज सुबह भिगोए हुए काजू और अंजीर खाने से, शरीर इनमें मौजूद पोषक तत्वों को आसानी से अवशोषित कर लेता है।2. काजू और अंजीर का शेक पिएंआप काजू और अंजीर का एक साथ सेवन, शेक या स्मूदी के रूप में कर सकते हैं। इसके लिए आप एक गिलास दूध लें। इसमें काजू और अंजीर डालें। अब इसे अच्छी तरह से ग्राइंड कर लें। आप इसमें बादाम, केला और शहद भी मिला सकते हैं। काजू और अंजीर का शेक पीने से वेट गेन में मदद मिल सकती है। अगर आप वजन बढ़ाना चाहते हैं, तो रोज सुबह वर्कआउट करने से पहले या बाद में काजू और अंजीर का शेक पी सकते हैं। काजू और अंजीर का शेक पीने से मसल्स गेन में भी मदद मिलती है।3. दूध में उबालकर खाएं काजू और अंजीरआप चाहें तो काजू और अंजीर का सेवन दूध में एक साथ उबालकर भी कर सकते हैं। इसके लिए आप पैन में दूध गर्म करें। इसमें अंजीर और काजू डालें। फिर इसे अच्छी तरह से उबाल लें। इसके बाद आप छानकर इस दूध को पी सकते हैं। साथ ही, अंजीर और काजू को चबाकर खा सकते हैं। आप रोज रात को काजू और अंजीर वाला दूध पी सकते हैं। रात को अंजीर और काजू का दूध पीने से कब्ज और पाचन से संबंधित कई अन्य समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।4. काजू और अंजीर का हलवाआप काजू और अंजीर का हलवा बनाकर भी सकते हैं। इसके लिए आप काजू और अंजीर को ग्राइंड कर लें। इसके बाद, एक पैन में घी गर्म करें। इसमें काजू और अंजीर का पेस्ट डालें। इसे अच्छी तरह से भूनें। फिर इसमें दूध डालकर अच्छी तरह पकाएं। आप इसमें बादाम और किशमिश भी मिला सकते हैं। काजू और अंजीर का हलवा खाने से मांसपेशियों का विकास तेजी से होगा। साथ ही, शरीर की कमजोरी और थकान भी दूर होगी।आप भी काजू और अंजीर का सेवन इन 4 तरीकों से कर सकते हैं। आपको बता दें कि काजू और अंजीर की तासीर बेहद गर्म होती है। इसलिए अगर आपकी पित्त प्रकृति है, तो काजू और अंजीर का सेवन करने से बचें। आप चाहें तो अंजीर का सेवन भिगोकर कर सकते हैं।
- महुआ भी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। महुआ का फल और छाल सेहत के लिए लाभदायक होते हैं। इसके अलावा, महुआ को सूखाकर भी खाया जाता है। सूखा महुआ पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें प्रोटीन, कैल्शिम और आयरन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए बहुत जरूरी होते हैं। आप भी स्वस्थ रहने के लिए सूखा महुआ को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।सूखा महुआ खाने से क्या होता है?1. हड्डियों के लिए फायदेमंदअगर आपको हड्डियों या जोड़ों में दर्द रहता है, तो अपनी डाइट में सूखा महुआ जरूर शामिल करें। सूखे महुआ में कैल्शियम अधिक मात्रा में पाया जाता है। कैल्शियम, हड्डियों को मजबूत बनाता है। सूखा महुआ खाने से हड्डियों और जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है। अक्सर बढ़ती उम्र में हड्डियों से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं। ऐसे में महुआ खाने से फायदा मिल सकता है। अगर आप रोज 1-2 महुआ का सेवन करेंगे, तो इससे हड्डियों की समस्याओं से भी बचाव होगा।2. खून की कमी दूर करेशरीर में खून की कमी होने पर भी महुआ का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है। महुआ में आयरन होता है, जो खून की कमी को दूर करता है। अगर आपके शरीर में खून या हीमोग्लोबिन का स्तर कम है, तो अपनी डाइट में सूखा महुआ जरूर शामिल करें। सूखा महुआ खाने से एनीमिया रोग से भी बचा जा सकता है। वहीं, जिन लोगों को एनीमिया रोग है, वे भी सूखा महुआ का सेवन कर सकते हैं। इससे खून की पूर्ति होगी और एनीमिया के लक्षणों से भी राहत मिलेगी।3. मांसपेशियों के लिए फायदेमंदमांसपेशियों के लिए भी सूखा महुआ लाभदायक होता है। अगर आप मसल्स गेन करना चाहते हैं, तो सूखे महुआ को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। सूखे महुआ में प्रोटीन अधिक पाया जाता है। प्रोटीन, मांसपेशियों के विकास में मदद करता है। अगर आप दुबले-पतले हैं और मसल्स गेन करना चाहते हैं, तो अपनी डाइट में महुआ जरूर शामिल करें। महुआ खाने से मांसपेशियों का तेजी से विकास होगा। साथ ही, आपको वेट गेन में भी मदद मिलेगी।4. बीमारियों से बचाएमहुआ खाने से बीमारियों से बचाव हो सकता है। दरअसल, महुआ विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर होता है। ऐसे में अगर आप नियमित रूप से महुआ का सेवन करेंगे, तो इससे बीमारियों से बचाव होगा। महुआ, शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने में भी मदद करता है। जब शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, तो बीमारियों से बचाव होता है। शरीर में बीमारियों से लड़ने की शक्ति आ जाती है।स्वस्थ रहने के लिए आप भी अपनी डाइट में सूखा महुआ शामिल कर सकते हैं। हालांकि, इसका सेवन आपको एक्सपर्ट की सलाह पर ही करना चाहिए। खासकर, अगर आप किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, तो सूखे महुआ को डॉक्टर की सलाह पर ही खाएं।
- ड्रैगन फ्रूट जो काफी महंगा आता है और कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स और पोषक तत्वों से भरपूर होता है। ड्रैगन फ्रूट के छिलकों का इस्तेमाल स्किन और बालों को हेल्दी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।चेहरा साफ करने के लिए ड्रैगन फ्रूट के छिलकों का इस्तेमाल कैसे करें? |1. एक्सफोलिएशन - Exfoliationड्रैगन फ्रूट के छिलकों का इस्तेमाल स्किन को एक्सफोलिएट करने के लिए किया जा सकता है। इसके लिए आप ड्रैगन फल की छिलकों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटें और फिर इन्हें दरदरा पीसें। इस दरदरे पेस्ट से चेहरे की अच्छे से मसाज करें और फिर सूखने पर चेहरा ताजे पानी से साफ करें। ड्रैगन फ्रूट के छिलकों का इस तरीके से इस्तेमाल करने से त्वचा की डेड स्किन हटेगी और आपकी त्वचा ग्लोइंग और हेल्दी होगी।2. टोनर - Tonerड्रैगन फ्रूट के छिलकों से टोनर तैयार किया जा सकता है। इसके लिए ड्रैगन फ्रूट के छिलकों को पानी में डालकर उबालें और फिर इस पानी को ठंडा करने के बाद स्प्रे बोतल में भरें। इसमें बराबर मात्रा में गुलाब जल भी मिला सकते हैं। इस टोनर के इस्तेमाल से स्किन हेल्दी होगी और स्किन से जुड़ी कई तरह की समस्याएं भी कम हो सकती हैं।3. फेस पैक - Face Packड्रैगन फ्रूट के छिलकों को पीसकर इसमें मुल्तानी मिट्टी और एलोवेरा जेल मिलाकर फेस पैक का पेस्ट तैयार करें। इस फेस पैक को अपने पूरे चेहरे और गर्दन पर लगाएं और सूखने के बाद मसाज करते हुए साफ करें। इस फेस पैक के इस्तेमाल से चेहरे की झुर्रियां और दाग-धब्बे कम हो सकते हैं।ड्रैगन फ्रूट के छिलके चेहरे पर लगाने के फायदे -1. ड्रैगन फ्रूट के छिलकों में कई तरह के पोषक तत्वों के साथ विटामिन C भी होता है, जो त्वचा की झुर्रियों को कम करता है और आपकी त्वचा को जवां बनाए रखता है।2. अगर आपकी त्वचा ऑयली है, तो ड्रैगन फ्रूट के छिलके का उपयोग करके आप इसे कंट्रोल कर सकते हैं।3. ड्रैगन फ्रूट के छिलकों के इस्तेमाल से स्किन हाइड्रेट और मुलायम हो सकती है।इस तरह, ड्रैगन फ्रूट के छिलकों का उपयोग करके आप अपनी त्वचा को हेल्दी और ग्लोइंग बना सकते हैं। यह एक नेचुरल उपाय है जो आपके स्किन केयर रुटीन को और भी बेहतर बना सकता है। ध्यान रखें कि अगर इन उपायों को आजमाने से आपको किसी तरह की स्किन से जुड़ी समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
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भारतीय रसोई में कई तरह के मसालों का इस्तेमाल होता है। उन्हीं में से एक है, जायफल। भारत के साथ-साथ पश्चिमी खानपान में भी इसका इस्तेमाल खाने में खुशबू और एक अलग तरह के स्वाद को शामिल करने के लिए किया जाता है। अंग्रेजी भाषा में जायफल को नटमेग के नाम से जाना जाता है। आमतौर पर हम इस मसाले का इस्तेमाल कम करते हैं, लेकिन इसके फायदे अनेक हैं।यह एक ऐसा मसाला है, जिसका स्वाद गर्म, मीठा और थोड़ा अखरोट जैसा होता है। यह एक प्रकार के वृक्ष से पाया जाता है। वृक्ष पर सफेद रंग के छोटे-छोटे घंटी जैसे आकार के फूल खिलते हैं, जिसके भीतर एक बीज पाया जाता है, जिसे जायफल कहा जाता है। इस बीज की गिरी पर मांसल त्वचा जैसा एक आवरण होता है, जिसे जावित्री के नाम से जाना जाता है। यानी एक ही पेड़ से जायफल और जावित्री दोनों मिलते हैं। यह आकार में एक साबुत सुपाड़ी की तरह दिखता है। दोनों के गुण करीब- करीब समान हैं, पर हम आज यहां जायफल की बात कर रहे हैं। खाना बनाने में जायफल का इस्तेमाल ही काफी नहीं है, बल्कि अच्छे जायफल की पहचान होना भी जरूरी है।बाजार में जायफल कई प्रकार के मिलते हैं। जायफल खरीदते वक्त उन्हें हाथ में लेकर देखें कि वे हल्के और खोखले न हों। वही जायफल खरीदना चाहिए जो बड़े, चिकने व भारी हों। जायफल का इस्तेमाल आमतौर पर मीठे और नमकीन दोनों तरह के व्यंजनों में किया जाता है। बाजार में जायफल का तेल भी मिलता है, जिसका इस्तेमाल जोड़ों के दर्द आदि में अच्छा रहता है। यह एक सुगंधित और स्वादिष्ट मसाला है, जिसका इस्तेमाल सिर्फ भोजन में ही नहीं बल्कि कई कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स में भी किया जाता है।
यों करें इस्तेमाल1 जायफल का इस्तेमाल तीन तरीके से करती हूं, पहला इसको मिक्सी में पीसकर पाउडर बनाकर, दूसरा कद्दूकस करके तुरंत किसी डिश में डालने के लिए और तीसरा घिसकर।2 जब भी सूप बनाती हूं, विशेषकर कद्दू का सूप तो उसमें जायफल को कद्दूकस करके जरूर डालती हूं। यह सूप को हल्की मिठास देता है।3 चाय मसाला तैयार करते वक्त मैं लौंग, इलायची और काली मिर्च आदि के साथ जायफल को भी पीसती हूं। इसके अलावा गरम मसाले का पाउडर बनाते समय भी अन्य मसाले के साथ इसको भी पीस लेती हूं।4 जायफल का अतिरिक्त स्वाद पाने के लिए सेब आदि फलों पर, चाट मसाले के साथ चुटकीभर जायफल पाउडर भी बुरक देती हूं। स्वाद और सेहत दोनों ही बरकरार रहते हैं।5 सर्दियों में फूलगोभी और शकरकंदी की सब्जी बनाते समय जब सब्जी पक जाए, तब चुटकीभर जायफल का पाउडर बुरक कर एक मिनट बाद गैस बंद कर देती हूं ताकि जायफल की खुशबू सब्जी में समा जाए।6 खीर, र्पुंडग, स्मूदी आदि बनाते समय चुटकीभर जायफल पाउडर डालने से स्वाद बढ़ जाता है। पास्ता, नूडल्स आदि सभी को पसंद आते हैं, यदि उस पर जायफल बुरक दें तो स्वाद और निखर कर आता है।7 खिचड़ी के ऊपर, दलिया के ऊपर चुटकीभर जायफल डाल देती हूं। पौष्टिकता तो बढ़ती ही है, साथ ही स्वाद भी बढ़ जाता है।8 दालचीनी पाउडर को कॉफी, चाय, गरम दूध अथवा गरम चॉकलेट पर बुरक कर सर्व करती हूं।सेहत से संबंध1 यह दिमाग के लिए उद्दीपक के रूप में कार्य करता है और तनाव को कम करने में मदद करता है। यह दिमाग में खून के बहाव को बढ़ा देता है।2 जायफल में एंटी-इन्फ्लामेट्री और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करते हैं। यह गैस, कब्ज और अपच जैसी समस्याओं को दूर करने में सहा3 यह नींद में भी सुधार लाता है। जायफल का तेल दर्द और सूजन को कम करने में प्रयोग किया जाता है। इसके तेल को लगाने से मांसपेशियों के दर्द में भी राहत मिलती है।4 जायफल को चावल के मांड में मिलाकर पीने से हिचकी और उल्टी मिटती है। बच्चों को जब जुकाम हो तो थोड़ा-सा जायफल घिसकर दूध के साथ चटाने से जुकाम में राहत मिलती है। दस्त आ रहे हों तो भी जायफल फायदेमंद रहता है। दूध में चुटकीभर जायफल डालकर पीने से थकावट ,नींद न आने की समस्या में भी आराम मिलता है। - बॉलीवुड की धक-धक गर्ल के रूप में मशहूर एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित 57 साल की उम्र में भी काफी खूबसूरत और यंग नजर आती हैं। एक्ट्रेस की न सिर्फ खूबसूरती बल्कि उनके बाल भी काफी सुंदर नजर आते हैं। हर कोई उनकी खूबसूरती के साथ घने और सुंदर बालों का राज जानना चाहता है। माधुरी दीक्षित के बाल काफी सुदंर, घने और चमकदार है। लेकिन उनके बालों का राज क्या हैं? अगर आप भी यहीं सोच रहे हैं तो परेशान न हो आज हम अपने इस आर्टिकल में आपको माधुरी दीक्षित के बताए एक हर्बल तेल की रेसिपी बताने जा रहे हैं,,,,,,माधुरी दीक्षित के हर्बल हेयर ऑयल की रेसिपीसामग्री-ऑर्गेनिक नारियल तेलकरी पत्ते- 15-20मेथी के बीज- 1 चम्मचछोटा प्याज- 1 कटा हुआविधि--सबसे पहले एक पैन में सभी सामग्रियां डालकर अच्छी तरह मिला लें।-इस मिश्रण को लगभग 10 मिनट तक अच्छी तरह उबालें।-अब इसे पूरी तरह से ठंडा होने के लिए रख दें।-मिश्रण के ठंडा होने के बाद तेल को एक अलग बाउल में छान लें।-उपयोग करने से पहले आप इस तेल को 2 दिनों के लिए स्टोर करके रख दें।माधुरी दीक्षित के हर्बल हेयर ऑयल के फायदेबालों का झड़ना कम करता हैकरी पत्ते और मेथी के बीज जरूरी पोषक तत्वों और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो बालों के रोम को मजबूत करते हैं, जिससे बालों का झड़ना कम होता है।बालों की चमक बढ़ाएनारियल का तेल बालों को गहराई से पोषण देता है, नमी और चमक बनाए रखने में मदद करता है, जबकि मेथी के बीज बालों के घनापन और घनत्व को बढ़ाते हैं।रूसी कम करेंप्याज के एंटी-बैक्टीरियल गुण रूसी को खत्म करने में मदद करते हैं, जबकि नारियल का तेल सूखापन रोकने के लिए स्कैल्प को नमी देता है।स्कैल्प बैक्टीरिया को मारेप्याज और करी पत्ते के जीवाणुरोधी और एंटीफंगल गुण स्कैल्पको साफ करते हैं, जिससे बालों के विकास में मदद मिलता है।बालों का पतला होना कम करेंइस तेल के नियमित उपयोग से बालों की जड़ें और शाफ्ट मजबूत होते हैं, जिससे बालों का पतला होना कम होता है।माधुरी दीक्षित की तरह हेल्दी बाल पाने के लिए आप भी इस हर्बल तेल का नियमित उपयोग कर सकती हैं, लेकिन अगर पहली बार इस तेल का इस्तेमाल कर रही हैं तो पैच टेस्ट जरूर करें।
- प्रकृति से हमें फलों और सब्जियों के रूप में सेहत का खजाना मिलता है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सभी पोषक तत्व सब्जियों और फलों में ही पाए जाते हैं। कई फल ऐसे भी हैं जिनके सेवन से स्वास्थ्य समस्याएं ठीक होती हैं। लेकिन हर जगह न मिल पाने के कारण इनके बारे में सभी को जानकारी नहीं होती है। इसी तरह के फायदेमंद फल हैं कच्चे खजूर। इनका रंग पीला होने के कारण इन्हें पीले खजूर भी कहा जाता है। कच्चे खजूर में कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, लाभदायक फैट्स, फाइबर, पोटैशियम, डायटरी फाइबर, प्रोटीन, फास्फोरस, जिंक, विटामिन-बी6, ए और के और आयरन जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। ये सभी पोषक तत्व हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए जरूरी होते हैं। आयुर्वेद में इसे सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। इससे कई बीमारियों को खत्म करने में मदद मिलती है।वात-पित्त बैलेंस होता हैअगर आपके शरीर में वात-पित्त संतुलित नहीं, तो इससे कई स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा एक साथ हो सकता है। कच्चे खजूर का सेवन करने से शरीर में वात-पित्त का संतुलन बना रहता है। इसलिए इनका सेवन आपको जरूर करना चाहिए।शुगर कंट्रोल रहती हैकच्चे खजूर में पके खजूर के मुकाबले शुगर की मात्रा बहुत कम होती है। डायबिटीज के पेशेंट के लिए इसका सेवन करना फायदेमंद है। इसके सेवन से शरीर में ग्लूकोज, फ्रुक्टोज और सुक्रोज जैसे नेचुरल शुगर पाई जाती है। ये शरीर में ब्लड शुगर कंट्रोल रखने में मदद करते हैं।कच्चे खजूर में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। इनमें विटामिन ए, विटामिन बी6 और विटामिन के जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा, इनमें कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, लाभदायक फैट्स, फाइबर, पोटैशियम, डायटरी फाइबर, प्रोटीन, फास्फोरस, जिंक, विटामिन-बी6, ए और के और आयरन जैसे तत्व भी होते हैं, जो सेहत के लिए जरूरी हैं।पोटेशियम का बेहतरीन सोर्स-कच्चे खजूर में भरपूर मात्रा में पोटेशियम पाया जाता है। यह शरीर में गंभीर बीमारियों का खतरा कम करने में मदद करता है। पोटेशियम होने से हार्ट को हेल्दी रखने में मदद करता है। इसके अलावा हड्डियों और नसों से जुड़ी समस्याओं में भी शरीर में पोटेशियम होना जरूरी है।शरीर में एनर्जी बनाए रखता है-जिन लोगों को थकावट और कमजोरी ज्यादा रहती है, उन्हें कच्चे खजूर का सेवन करना चाहिए। इनमें आयरन की मात्रा अधिक पाई जाती है, जिससे शरीर में एनर्जी लेवल बूस्ट होता है। इसके सेवन से शरीर में थकावट और कमजोरी दूर होती है। ध्यान रखें कि आप इसका सेवन करते दौरान मात्रा का विशेष ध्यान रखें। क्योंकि अधिक मात्रा में सेवन करने से भी आपको परेशानी हो सकती है। अगर आप किसी स्वास्थ्य के लिए दवा लेते हैं, तो आपको डॉक्टर की सलाह पर ही इसे डाइट में शामिल करना चाहिए।
- भिंडी की सब्जी हम सभी के घर में बनती हैं। कई लोगों की भिंडी खाना पसंद होता है तो कुछ लोग इसे नापसंद करने के कारण खाने से परहेज करते हैं। लेकिन भिंडी अपने पोषक तत्वों के कारण जानी जाती है। भिंडी प्रोटीन, मिनरल्स, विटामिन्स, कार्बोहाइड्रेट्स, आयरन और कॉपर से भरपूर होते हैं, जो आपके ओवरऑल हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है। भिंडी खाने के साथ कई लोग इसके पानी को पीना भी पसंद करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है आप अपनी डाइट में भिंडी की सब्जी और पानी के अलावा इसके पाउडर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। जी हां, भिंडी के पाउडर का सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है।भिंडी के पाउडर के स्वास्थ्य फायदे-भिंडी का पाउडर महिलाओं में ल्यूकोरिया की समस्या को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है, जो महिलाओं में योनि से सफेद या पीले रंग का स्राव निकलने की समस्या होती है। भिंडी में मौजूद म्यूसिलेज में सुखदायक और इस समस्या का इलाज करने वाले गुण होते हैं, जो महिलाओं में सूजन और स्राव को कम करने में मदद करते हैं।-भिंडी के पाउडर में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है और इसमें घुलनशील फाइबर होते हैं, जो ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। यह पाउडर डायबिटी वाले पुरुषों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि यह ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने और इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने में मदद कर सकता है।-भिंडी के पाउडर में एंटीऑक्सीडेंट और जिंक और फोलेट जैसे आवश्यक पोषक तत्व होते हैं, जो पुरुष प्रजनन क्षमता के लिए जरूरी हैं। नियमित रूप से भिंडी के पाउडर का सेवन स्पर्म उत्पादन में मदद कर सकता है, जिससे शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।-डायबिटीज के कारण मरीजों में होने वाली थकान और कमजोरी को दूर करने भिंडी का पाउडर फायदेमंद है। इस पाउडर में विटामिन सी, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं, जो इस कमजोरी से लड़ने और आपके शरीर को एनर्जी स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं।-भिंडी में नेचुरल मूत्रवर्धक गुण होते हैं, जो शरीर से डिटॉक्स पदार्थों को बाहर निकालने और यूरिन के रास्ते को शांत करने में मदद कर सकते हैं। भिंडी के पाउडर का नियमित सेवन पेशाब के दौरान होने वाली सूजन और जलन को कम कर सकता है।भिंडी के पाउडर का सेवन कैसे करें?भिंडी का पाउडर बनाने के लिए सबसे पहले आप भिंडी को लेकर उसे अच्छी तरह धो लें और पानी साफ हो जाने दें। इसके बाद भिंडी के ऊपरी हिस्से को काट कर फेंक दें और बचे हुए हिस्से को लंबाई में पतला-पतला काट लें। फिर धूप में कटी हुई भिंडी को सुखाएं और मिक्स जार में डालकर महीन पाउडर बना लें और किसी एयर टाइट कंटेनर में स्टोर करके रख लें। अब रोजाना सुबह खाली पेट एक चम्मच भिंडी के पाउडर का सेवन नियमित रूप से करें।भिंडी का पाउडर आपके ओलरऑल हेल्थ के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इसे खाने के बाद अगर किसी तरह की समस्या महसूस हो तो इसका सेवन करना बंद कर दें।
- टीवी की नागिन के नाम से घर-घर में मशहूर होने वाली एक्ट्रेस मौनी रॉय अपनी एक्टिंग, बॉडी फिटनेस और ग्लैमर्स अंदाज के लिए जानी जाती हैं। आज मौनी रॉय के करोड़ों चाहने वाले हैं, वो जहां भी जाती हैं, लोग उन्हें खूब प्यार और अपनापन देते हैं। मौनी रॉय आज सफलता की उस सीढ़ी पर खड़ी हैं, जहां पहुंचना कई लोगों का सपना होता है। टीवी नागिन से लेकर अक्षय कुमार की हीरोइन के लिए मौनी रॉय ने बहुत कुछ झेला है। हाल ही में एक एंटरटेनमेंट वेबसाइट को दिए गए इंटरव्यू में मौनी रॉय ने बताया कि एक वक्त ऐसा आया था, जब उन्हें 3 महीने बिस्तर पर लेटे हुए काटने पड़े थे।इंटरव्यू के दौरान मौनी रॉय ने कहा कि 3 महीने तक बिस्तर पर लेटे रहने के कारण उनका वजन 30 किलो तक बढ़ गया था। एक्ट्रेस ने कहा, 7 से 8 साल पहले की बात है उस वक्त में लाइमलाइट का हिस्सा ज्यादा नहीं थी। उस वक्त मुझको L4-L5 स्लिप डिस्क, और कैल्शियम स्टोन हो गया था। एक साथ कई बीमारियों की वजह से मैं लंबे समय तक बिस्तर पर ही लेटी रहती थी। इस दौरान मेरे शरीर के कई हिस्सों में भयंकर दर्द होता है, जिसको मैनेज करने के लिए मुझको बहुत सारी दवाइयां और पेन किलर्स खानी पड़ती थी। लगातार दवाएं खाने, बीमारी और बिस्तर पर लेटे रहने की वजह से 3 महीने में मेरा वजन लगभग 30 किलो तक बढ़ गया था। मैं समझ नहीं पा रही थी कि आखिरकार मुझको क्या करना चाहिए। मौनी रॉय ने बताया कि जब उनका वजन बढ़ गया था, तब उन्हें ऐसा लग रहा था कि सब कुछ खत्म हो चुका है, लेकिन इसके बावजूद उन्होने हिम्मत नहीं हारी और फिर अपने वजन पर काम करना शुरू किया।सिर्फ जूस के सहारे काटे 2 से 4 दिनएक्ट्रेस ने कहा कि जब उनकी दवाईयां पूरी तरह से बंद हो गईं, तब उन्होंने वजन घटाने के बारे में सोचा। इसके लिए उन्होंने खाना बिल्कुल ही बंद कर दिया था। कई दिन तो ऐसे थे जब वह सिर्फ जूस पीकर ही गुजारा थीं। मौनी रॉय ने कहा, वजन घटाने के लिए मैंने खाना बिल्कुल ही बंद कर दिया था। मैंने दिन में कई बार सिर्फ पानी या जूस पीकर ही रह जाया थी। कई बार तो ऐसा भी हुआ है जब मैंने 2 से 4 दिन सिर्फ जूस ही पिया है। मुझको उस वक्त लगता था कि कम खाना खाकर वजन घटाया जा सकता है। लेकिन मैं बिल्कुल गलत थी। भूखे रहने के कारण मुझे बहुत ज्यादा गुस्सा आता था।एक्ट्रेस ने कहा, मैं खाना छोड़कर मन ही मन काफी दुखी। फिर एक दिन मुझको एहसास हुआ कि मुझे बस खाना तो चाहिए ही। इसके बाद मैं न्यूट्रिशनिस्ट के पास गई और फिर हेल्दी खाना खाते हुए कैसे वजन कम किया जा सकता है, इसको फॉलो किया। एक्ट्रेस मौनी रॉय ने कहा कि अब वह एक हेल्दी डाइट प्लान और एक्सरसाइज पैटर्न को फॉलो करती हैं। इसकी वजह से उन्हें बॉडी को टोन्ड रखने में मदद मिलती है।
- जब कभी भी आप लंच या डिनर के लिए किसी रेस्ट्रान्ट या होटल में जाते होंगे तो आपने देखा होगा कि खाने के बाद वहां पर सौंफ और मिश्री ऑफर किया जाता है। इसके अलावा कई लोग घर पर भी खाने के बाद सौंफ और मिश्री खाना पसंद करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये कॉम्बिनेशन महज एक माउथफ्रेशनर की तरह ही काम नहीं करता बल्कि इसे खाने के ढेर सारे हेल्थ बेनिफिट्स भी हैं। रोजाना खाने के बाद एक चम्मच सौंफ और मिश्री का पाउडर खाना कई मायनों में आपकी सेहत के लिए वरदान साबित हो सकता है। आज हम आपको सौंफ और मिश्री खाने के पांच हेल्थ बेनिफिट्स बताने वाले हैं।खाना पचाने में होता है फायदेमंदसौंफ और मिश्री पाचन तंत्र के लिए काफी फायदेमंद है। यदि किसी व्यक्ति को खाना पचाने में दिक्कत होती है या उसे कब्ज अथवा एसिडिटी की समस्या है, तो सौंफ और मिश्री का सेवन करना उसके लिए लाभदायक हो सकता है। खाने के बाद एक चम्मच सौंफ और एक चम्मच मिश्री खाने से भोजन आसानी से पचता है और पेट से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं।दूर भगाता है मुंह की गंदी बदबूकई बार लोगों के मुंह से अजीब सी स्मेल आने लगती है। बहुत से लोग ऐसे है जो मुंह की बदबू की समस्या से काफी परेशान रहते हैं, लाख उपाय के बाद भी उनकी मुंह से स्मेल आती ही है। इस समस्या को खत्म करने के लिए सौंफ और मिश्री का कॉम्बिनेशन ट्राई कर सकते हैं। खाने के बाद सौंफ और मिश्री खाने से मुंह की गंदी स्मेल को काफी हद तक खत्म किया जा सकता है।हीमोग्लोबिन बढ़ाने में सहायकसौंफ और मिश्री का सेवन करने से शरीर में हीमोग्लोबिन की भी कमी नहीं होती है। यह शरीर में आयरन के लेवल को बढ़ाता है। इससे शरीर में ब्लड सरकुलेशन ठीक रहता है। शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी होने पर, नियमित रूप से मिश्री और सौंफ का सेवन करने से काफी हद तक आराम मिलता है। खासतौर से महिलाओं में आयरन और हीमोग्लोबिन की कमी बहुत ज्यादा मात्रा में पाई जाती है। ऐसे में ये कॉम्बिनेशन महिलाओं के लिए वरदान साबित हो सकता है।कमजोरी को रखता है दूरजिन लोगों के शरीर में कमजोरी है, जिसकी वजह से उन्हें हर समय थकान सी रहती है। उनके लिए भी सौंफ और मिश्री काफी लाभदायक है। सौंफ और मिश्री में पाया जाने वाला आयरन और प्रोटीन शरीर की कमजोरी को दूर करता है और थकान की समस्या को खत्म करता है। अगर आपको बार-बार चक्कर आता है और शरीर में लगातार थकान बनी रहती है, तो सौंफ और मिश्री का सेवन करने से काफी फायदा मिलेगा।आंखों के लिए है वरदानसौंफ और मिश्री का सेवन आंखों के लिए भी काफी लाभदायक है। सौंफ और मिश्री के मिश्रण को दूध में मिलाकर रोजाना पीने से आंख से जुड़ी समस्याएं खत्म होती है, और आंखों की रोशनी तेज होती है। आजकल छोटी-छोटी उम्र में ही बच्चों को चश्मा लग रहा है। ऐसे में अगर आप बच्चों की डेली डाइट में सौंफ और मिश्री के पावरफुल कॉम्बिनेशन को एड करते हैं तो उनकी आंखे हेल्दी रहेंगी।
- गणपति बप्पा को घर में लाएंगे तो हर दिन भोग में मोदक भी चढ़ाएंगे। और फिर, ये मोदक पूरे घर में बटेंगे। लेकिन अगर आप पूजा-पाठ के साथ सेहत का ध्यान रखना चाहते हैं तो घर में सेहतमंद मोदक बनाकर तैयार करें और बप्पा को भोग लगाएं। जैसे ड्राई फ्रूट्स के मोदक, खजूर और नारियल की स्टफिंग वाले मोदक। इस तरह के मोदक आपके ब्लड शुगर और वेट को बढ़ने से रोकेंगे। साथ ही न्यूट्रिशन भी देंगे। बस इन मोदक को खाने से पहले सही समय भी जान लें।कौन से वक्त मोदक खाना है हेल्दीभगवान की पूजा सुबह होती है और आप मोदक को भोग में लगाने के बाद सुबह ही खाएं। ऐसा करने से ना केवल एनर्जी बूस्ट होगी बल्कि मीठे की क्रेविंग भी खत्म होगी।मोदक को वर्कआउट के बाद खाएंहेल्दी ड्राई फ्रूट्स से बने मोदक को वर्कआउट के बाद खाएं। इससे ना केवल एनर्जी मिलेगी बल्कि वर्कआउट के बाद तेजी से बॉडी में अब्जॉर्ब भी होगी।स्नैक्स में खा सकते हैं मोदकमोदक को अगर आप शाम को खाना चाहते हैं तो भी ये अच्छा ऑप्शन है। इससे शाम वाली क्रेविंग खत्म होगी और साथ ही न्यूट्रिशन भी मिलेगा। भूख नहीं लगेगी और पेट भरा महसूस होगा।मीठे की क्रेविंग का ऑप्शनजब भी मीठा खाने का मन हो तो किसी भी डेजर्ट से अच्छा और हेल्दी मोदक है। हालांकि पोर्शन साइज का ध्यान रखना भी जरूरी है। एक मोदक से ज्यादा खाने की गलती ना करें।हेल्दी ऑप्शन रखेंसाथ ही इस बात का ध्यान रखें कि मोदक ड्राई फ्रूट्स, खजूर, नारियल, सीड्स जैसी चीजों से बने हों। साथ ही इसमे नेचुरल स्वीटनर का इस्तेमाल किया गया हो।इन चीजों के साथ मिलाकर खाएंसुबह अगर मोदक खा रहे हैं तो साथ में दही या फिर मुट्ठीभर ड्राई फ्रूट्स के साथ मिलाकर खाएं। जिससे इसके न्यूट्रिशन बैलेंस हो जाएं--
- ड्राई फ्रूट्स को अकसर भिगोकर खाने की सलाह आपने कई बार घर के बड़े-बुजुर्गों से सुनी होगी। लेकिन क्या आप जानते हैं कुछ ऐसे मेवे भी होते हैं, जिन्हें भिगोकर खाने से उनके पोषक तत्व पानी में घुलकर खत्म हो जाते हैं। ऐसे में ड्राई फ्रूट्स से जुड़े फायदे सेहत तक पहुंचाने के लिए इस बात का पता होना बेहद जरूरी है कि कौन सा ड्राई फ्रूट्स भिगोकर खाना चाहिए और कौन सा नहीं। आइए लेते हैं इसकी जानकारी।ड्राई फ्रूट्स में मौजूद पोषक तत्वड्राई फ्रूट्स को एनर्जी का खजाना माना जाता है। इनमें कई तरह माइक्रोन्यूट्रेंट्स और एंटीऑक्सीडेंट्स के साथ मिनिरल्स, विटामिंस, आयरन, फॉलेट, विटामिन बी 12, विटामिन डी, विटामिन ई जैसे कई माइक्रोन्यूट्रेंट होते हैं, जो शरीर में एनर्जी और फ्रेशनेस बनाए रखते हैं। हालांकि सेहत से जुड़े इनके फायदे लेने के लिए इन्हें खाने का सही तरीका मालूम होना चाहिए।ड्राई फ्रूट्स जिन्हें भिगोकर खाना चाहिएबादाम- बादाम विटामिन ई, एंटीऑक्सीडेंट्स और एसेंशियल ऑयल का रिच सोर्स होता है। बावजूद इसके बादाम के छिलकों में मौजूद टैनिन का सीधे तौर पर सेवन करने पर यह पाचन से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकता है। बता दें, टैनिन शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण को रोकता है। लेकिन जब बादाम को भिगोकर रखा जाता है तो उसके छिलके आसानी से उतर जाते हैं।अखरोटबादाम की ही तरह अखरोट को भी भिगोकर खाना चाहिए। इसमें मौजूद कई तरह के फैटी एसिड, प्रोटीन और मिनिरल्स वेट लॉस में फायदा पहुंचाते हैं। सेहत से जुड़े अखरोट के फायदे लेने के लिए आप इसे दूध या पानी में भिगोकर खा सकते हैं।अंजीरअंजीर की तासीर गर्म होती है। इसका सेवन भिगोकर करने से सेहत को फायदा मिलता है। अंजीर का सेवन महिलाओं से संबंधित बीमारियों और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में फायदा पहुंचाता है।ड्राई फ्रूट्स जिन्हें भिगोकर नहीं खाना चाहिएकिशमिश- किशमिश और मुनक्का जैसे ड्राई फ्रूट को भिगोकर नहीं खाना चाहिए। इनमें विटामिन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। जो पानी में भिगोकर रखने से पानी में ही घुल जाते हैं। जिसके बाद इन्हें खाने से सेहत को कोई फायदा नहीं मिलता है।अलसी के बीजअलसी के बीज ओमेग-3 फैट्स और फाइबर से भरपूर होते हैं। जो ब्रेन और गट हेल्थ का खास ख्याल रखते हैं। अलसी के बीज को भिगोकर खाने की जगह ड्राई रोस्ट करके खाना चाहिए।खजूरखजूर कैल्शियम, आयरन, मैग्निशियम, विटामिन और फाइबर से भरपूर होते हैं। इन्हें पानी में भिगोकर नहीं खाना चाहिए। खजूर को भिगोने से इनमें पाए जाने वाले गुण पानी में घुल जाते हैं।
- नारियल पानी का स्वाद भले ही किसी को पसंद हो या न हो, लेकिन हर व्यक्ति इससे मिलने वाले फायदों को पाना चाहता है। एक नारियल का पानी पीकर आपको गर्मी से राहत मिलती है। वहीं इससे कई सारी बीमारियों को दूर रखा जा सकता है। ये एक ऐसा फल है जिसके कई बेनेफिट्स है यह आपको कैंसर की बीमारी के रिस्क तक से बचा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि नारियल पानी में प्रोटीन, गुड फैट, कार्बोहाइड्रेट्स, फाइबर, आयरन, विटामिन ए, विटामिन सी और फैटी एसिड की मात्रा पाई जाती है। जो पोषक तत्व हमे खाने से नहीं मिलते हैं वह नारियल पानी पीने पर मिल जाते हैं। नारियल के इतने सारे फायदे हैं कि इसके महत्व को पहचानने और बढ़ावा देने के लिए हर साल 2 सितंबर के दिन वर्ल्ड कोकोनट डे सेलिब्रेट किया जाता है। इस खास मौके पर जानते हैं कि क्या दिल के मरीजों के लिए नारियल पानी फायदेमंद है और साथ ही जानेंगे कि पुरुषों को इसे ज्यादा पीने से क्यों बचना चाहिए।नारियल पानी को हार्ट पेशेंट के लिए सेफ माना जाता है। क्योंकि इसमें फैट, कैलोरी और बैड कोलेस्ट्रॉल बहुत कम होता है। जिससे हार्ट अटैक का खतरा कम होता है। वहीं इसके पानी में पोटेशियम होता है जो कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मददगार साबित हो सकता है। ये ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल कर सकता है। डॉक्टर भी हार्ट के मरीजों को नारियल पानी पीने की सलाह देते हैं। हालांकि, जिन लोगों को हार्ट के साथ किडनी में भी समस्या है उन्हें नारियल पानी पीने से बचना चाहिए। आप अपने डॉक्टर की सलाह लेने के बाद इसे पी सकते हैं।पुरुषों को ज्यादा नारियल पानी पीने से क्यों बचना चाहिए?पुरुषों को ज्यादा नारियल पानी पीने से बचना चाहिए क्योंकि इसके निगेटिव इफेक्ट्स हो सकते हैं। दरअसल, बहुत ज्यादा नारियल पानी पीने से हाइपरकेलेमिया हो सकता है, जो ब्लड में पोटेशियम का खतरनाक स्तर है। इससे अनियमित दिल की धड़कन या किडनी की समस्या हो सकती है। वहीं जिन पुरुषों की ब्लडप्रेशर की दवा चल रही है या जिनका ब्लडप्रेशर कम है, उन्हें सतर्क रहना चाहिए। अगर कोई पुरुष बहुत ज्यागा नारियल पानी पी रहा है तो इससे पुरुषों के प्रजनन स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। अब सवाल ये है कि कितना पीएं कि नुकसान न हो? तो रिपोर्ट्स कहती हैं कि पुरुष के लिए 1 या 2 कप नारियल पानी पीना सामान्य माना जाता है।