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नई दिल्ली। इजरायल-ईरान संघर्ष के बीच केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को कहा कि देश में पर्याप्त मात्रा में पेट्रोल और डीजल उपलब्ध है। इस समय चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। बातचीत करते हुए हरदीप सिंह पुरी ने कहा, “इजरायल और ईरान संघर्ष के बीच मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि देश में पेट्रोल-डीजल की कोई कमी नहीं है और इस समय चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है।”
वर्तमान में दुनिया में कच्चे तेल की कोई कमी नहीं है और हमारे कच्चे तेल आपूर्तिकर्ताओं की संख्या अब बढ़कर 40 हो गई है, जो कि पहले 27 थीपुरी ने आगे कहा कि वर्तमान में दुनिया में कच्चे तेल की कोई कमी नहीं है और हमारे कच्चे तेल आपूर्तिकर्ताओं की संख्या अब बढ़कर 40 हो गई है, जो कि पहले 27 थी। इसके अलावा हम खुद भी कच्चे तेल का उत्पादन कर रहे हैं। हमारा आउटपुट भी बढ़ रहा है और हमारे पास काफी स्टॉक है।ईरान होर्मुज स्ट्रेट के उत्तरी किनारे पर भी है, जिसके माध्यम से दुनिया में 20 एमबीपीडी से अधिक कच्चे तेल का व्यापार होता हैएमके ग्लोबल की एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरान प्रतिदिन लगभग 3.3 मिलियन बैरल (एमबीपीडी) कच्चे तेल का उत्पादन करता है और लगभग 1.5 एमबीपीडी का निर्यात करता है। ईरान होर्मुज स्ट्रेट के उत्तरी किनारे पर भी है, जिसके माध्यम से दुनिया में 20 एमबीपीडी से अधिक कच्चे तेल का व्यापार होता है।ईरान-इजरायल संघर्ष शुरू होने के बाद ऐसी आशंका जताई जा रही थी कि देश को कच्चे तेल के आयात में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता हैइस कारण मध्य पूर्व में ईरान-इजरायल संघर्ष शुरू होने के बाद ऐसी आशंका जताई जा रही थी कि देश को कच्चे तेल के आयात में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि मोदी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का फायदा देश के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रहा है।आज उज्ज्वला योजना का लाभ 10.33 करोड़ गरीब परिवारों को मिल रहा हैपुरी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2016 में उज्ज्वला योजना की शुरुआत की गई है। अब इस योजना का लाभ 10.33 करोड़ गरीब परिवारों को मिल रहा है।” उन्होंने आगे कहा, “पहले केवल शहरी इलाकों तक ही गैस सिलेंडर की सुविधा सीमित थी, लेकिन मोदी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि देश के ग्रामीण इलाकों में भी एलपीजी सिलेंडर आसानी से पहुंचे।” इसके अतिरिक्त, केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 2014 में हमने बायोफ्यूल ब्लेंडिंग 1.4 प्रतिशत से शुरू की थी, जो आज 20 प्रतिशत पर पहुंच गई है।( -
नई दिल्ली। क्रिसिल की बुधवार को आई एक रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि जिस तरह मुख्य मुद्रास्फीति सूचकांक से फूड और फ्यूल कैटेगरी को बाहर रखा जाता है, उसी तरह कीमतों पर घरेलू मांग के दबाव के वास्तविक प्रभाव का आकलन करते समय सोने को भी बाहर रखा जा सकता है। खासकर तब जब उच्च वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता की अवधि के दौरान सोने की कीमतें बढ़ने लगती हैं। रिपोर्ट में पाया गया है कि मुख्य मुद्रास्फीति सूचकांक में अन्य वस्तुओं की तुलना में 2.3 प्रतिशत हिस्सेदारी के बावजूद सोने की मुद्रास्फीति ने मई 2025 को समाप्त होने वाले 12 महीनों में मुख्य मुद्रास्फीति में 17 प्रतिशत की वृद्धि का योगदान दिया।
वित्त वर्ष 2025 के दौरान, सोने की मुद्रास्फीति वित्त वर्ष 2024 में 15.1 प्रतिशत के मुकाबले औसतन 24.7 प्रतिशत तक बढ़ गईरिपोर्ट में तर्क किया गया है, “वित्त वर्ष 2025 के दौरान, सोने की मुद्रास्फीति वित्त वर्ष 2024 में 15.1 प्रतिशत के मुकाबले औसतन 24.7 प्रतिशत तक बढ़ गई, जबकि अन्य श्रेणियों ने प्रवृत्ति को तोड़ते हुए केवल 2.4 प्रतिशत की संयुक्त मुद्रास्फीति दर दर्ज की।”मई 2024 और मई 2025 के बीच, कोर सीपीआई मुद्रास्फीति 111 बीपीएस से बढ़कर 4.2 प्रतिशत हो गईमई 2024 और मई 2025 के बीच, कोर सीपीआई मुद्रास्फीति 111 बीपीएस बढ़कर 4.2 प्रतिशत हो गई। जबकि कोर मुद्रास्फीति के भीतर अधिकांश सब-कैटेगरी में कीमतों में गिरावट आई, लेकिन पांच सब-कैटेगरी ने इस प्रवृत्ति को उलट दिया और मुद्रास्फीति में वृद्धि दर्ज की, जिनमें मोबाइल टैरिफ, ट्रैवल एंड ट्रांसपोर्ट, प्रसाधन सामग्री, चांदी और सोना शामिल थे। इनमें से, सोने की मुद्रास्फीति में सबसे तेज वृद्धि देखी गई। वैश्विक कीमतों में उछाल आया क्योंकि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता ने दुनिया भर में धातु के लिए सुरक्षित निवेश की मांग को बढ़ावा दिया।क्रिसिल की रिपोर्ट में बताया गया है, “हालांकि सोने का हेडलाइन सीपीआई (कुल सूचकांक का 1.1 प्रतिशत) में कम वजन होता है, लेकिन कोर सीपीआई गणना में इसे शामिल करने से खासकर वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के समय घरेलू मूल्य संकेत विकृत होते हैं।” कोर मुद्रास्फीति में वृद्धि को आम तौर पर कीमतों पर घरेलू मांग के दबाव का संकेत माना जाता है। हालांकि, सोने की कीमतें वैश्विक कारकों से काफी हद तक प्रभावित होती हैं, इसलिए जरूरी नहीं कि ये घरेलू खपत के रुझान को दर्शाती हों।अनिश्चित वैश्विक समय में, सोने की कीमतें मुख्य मुद्रास्फीति के आउटलुक को प्रभावित कर सकती हैं और इसे विश्लेषण से बाहर रखा जाना चाहिएवर्तमान जैसे अनिश्चित वैश्विक समय में, सोने की कीमतें मुख्य मुद्रास्फीति के आउटलुक को प्रभावित कर सकती हैं और इसे विश्लेषण से बाहर रखा जाना चाहिए।रिपोर्ट के अनुसार, उदाहरण के लिए अगर सोने की कीमतें अपने सामान्य रुझान का पालन करतीं तो मई में मुख्य मुद्रास्फीति 4.2 प्रतिशत की रिपोर्ट के बजाय 3.4 प्रतिशत होती। सोने को बाहर रखने से पता चलता है कि मई 2025 को समाप्त होने वाले 12 महीनों में मुख्य सीपीआई में केवल 65 आधार अंक (बीपीएस) की वृद्धि हुई, जबकि आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले मुख्य उपाय में 111 बीपीएस की वृद्धि हुई। प्रमुख केंद्रीय बैंक भी अपने मुख्य मुद्रास्फीति सूचकांक में सोने को शामिल करते हैं, लेकिन इसका भार भारत की तुलना में काफी कम है, जिससे उनके मुख्य मुद्रास्फीति माप पर इसका प्रभाव सीमित हो जाता है। - नयी दिल्ली.। जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (जेएफएसएल) ने 104.54 करोड़ रुपये में जियो पेमेंट्स बैंक लिमिटेड में भारतीय स्टेट बैंक की पूरी 17.8 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर ली है। हिस्सेदारी खरीद के साथ, जियो पेमेंट्स बैंक जेएफएसएल की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी बन गई है। जेएफएसएल ने बुधवार को एक नियामकीय सूचना में कहा कि कंपनी ने चार जून को भारतीय रिजर्व बैंक से प्राप्त अनुमोदन के अनुसार एसबीआई से जियो पेमेंट्स बैंक के 7,90,80,000 इक्विटी शेयरों का कुल 104.54 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया। इस अधिग्रहण के परिणामस्वरूप, जियो पेमेंट्स बैंक कंपनी की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी बन गई है। हिस्सेदारी खरीदने से पहले, जियो फाइनेंशियल के पास जियो पेमेंट्स बैंक में 82.17 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
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कोलकाता. अग्रणी रेटिंग एजेंसी इक्रा ने अनुमान जताया है कि चालू वित्त वर्ष (2025-26) के लिए भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत से अधिक रहेगी। एजेंसी ने अपने ताजा परिदृश्य में कहा कि इसी अवधि के दौरान देश की वास्तविक सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) वृद्धि 6.3 प्रतिशत से अधिक होगी। जहां जीडीपी देश के भीतर उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य को निर्धारित करता है, वहीं जीवीए उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य में से मध्यवर्ती वस्तुओं और सेवाओं की लागत को घटाने पर प्राप्त होता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मुद्रास्फीति के संबंध में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर के 4.2 प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान है, जबकि थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) चालू वित्त वर्ष के लिए 2.7 प्रतिशत से अधिक रहेगा। इक्रा ने राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
इक्रा के अनुसार, रबी के नकदी प्रवाह और सामान्य से अधिक जलाशय स्तर की सहायता से ग्रामीण मांग में तेजी बनी रहने की संभावना है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट में आयकर में बड़ी राहत, दरों में कटौती से ईएमआई (मासिक किस्त) में कमी और खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी से घरेलू खर्च योग्य आय में वृद्धि होने की उम्मीद है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत के वस्तु निर्यात में सुस्ती निकट भविष्य में भी जारी रह सकती है। इक्रा के अनुमान के अनुसार, सेवा निर्यात वस्तु निर्यात वृद्धि से आगे निकलने की संभावना है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र का पूंजीगत व्यय 2025-26 में 10.1 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है, जिससे निवेश गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। - नयी दिल्ली। कोयला मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि उसने अब तक कुल 200 कोयला ब्लॉक आवंटित किए हैं। आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘ कोयला मंत्रालय ने अपनी 200वीं कोयला खदान के आवंटन के साथ एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है, जो भारत के कोयला क्षेत्र को बदलने के उसके अथक प्रयास को रेखांकित करती है।'' इसमें कहा गया, मध्य प्रदेश में सिंघल बिजनेस प्राइवेट लिमिटेड को मरवाटोला-II कोयला ब्लॉक का आवंटन क्षेत्रीय सुधारों, निजी भागीदारी को बढ़ावा देने और कोयला उत्पादन में राष्ट्रीय आत्मनिर्भरता को मजबूत करने की सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। नामित प्राधिकरण ने निवेश के लिए अनुकूल माहौल तैयार करने, प्रक्रियागत बाधाओं को कम करने तथा देश भर में कोयला ब्लॉक के शीघ्र परिचालन को सक्षम बनाने के लिए मंत्रालय की दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि की। बयान के अनुसार, पिछले कई वर्ष में कोयला मंत्रालय ने कई परिवर्तनकारी सुधार किए हैं, जिनमें वाणिज्यिक कोयला खनन की शुरुआत और एकल खिड़की मंजूरी प्रणाली की शुरुआत से लेकर डिजिटल निगरानी एवं कामकाज से जुड़े माध्यमों को अपनाना शामिल है। इसमें कहा गया है कि इन उपायों ने सामूहिक रूप से कोयला क्षेत्र के परिचालन परिदृश्य को पुनर्परिभाषित किया है, निजी उद्यम के लिए नए अवसर खोले हैं और संसाधन विकास के लिए अधिक पारदर्शी, जवाबदेह एवं भविष्य के लिए तैयार ढांचा सुनिश्चित किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2020 में वाणिज्यिक खनन के लिए 41 कोयला ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया शुरू की जिसने भारत के कोयला क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोल दिया।
- भुवनेश्वर.। टाटा पावर की पूर्ण अनुषंगी कंपनी टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (टीपीआरईएल) ने ‘घर घर सोलर' अभियान के तहत ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में किफायती ‘रूफटॉप सोलर' समाधान पेश करने की मंगलवार को घोषणा की। इस अभियान के तहत कंपनी अगले तीन से पांच साल में छतों पर ओडिशा में तीन लाख और देश भर में 10 लाख सौर ऊर्जा प्रणाली लगाने का लक्ष्य रखा है। टीपीआरईएल के बयान के अनुसार, उसका सुलभ, उपभोक्ता-केंद्रित वित्तपोषण मॉडल ओडिशा की आबादी के व्यापक वर्ग के लिए छतों पर लगने वाली सौर प्रणाली (रूफटॉप सोलर) को सस्ता बनाता है। लोग एक किलोवाट के लिए 2,499 रुपये, दो किलोवाट के लिए 4,999 रुपये और तीन किलोवाट के लिए 7,999 रुपये से शुरू होने वाले न्यूनतम शुरुआती निवेश के साथ इस प्रणाली को लगा सकते हैं। कंपनी ने कहा कि उसने राज्य में छतों पर सौर ऊर्जा प्रणाली लगाने को लेकर ओडिशा नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (ओआरईडीए) के साथ गठजोड़ किया। बयान के अनुसार, यह पहल घरों के लिए सौर ऊर्जा को आकांक्षा से एक आर्थिक रूप से व्यवहारिक विकल्प में बदल रही है। कंपनी ने कहा कि यह कदम राज्य में छतों पर सौर ऊर्जा को अपनाने में तेजी लाने में मददगार होगा। इसके तहत ग्राहक कुल राशि का केवल एक तिहाई भुगतान कर सौर प्रणाली लगा सकेंगे। इससे सौर ऊर्जा अधिक सुलभ और सस्ता होगा तथा लोग घरों में इस लगाने के लिए प्रोत्साहित होंगे। इसमें कहा गया, ओडिशा के उपभोक्ताओं को पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना के तहत तीन किलोवाट तक के सौर ऊर्जा प्रणाली के लिए 78,000 रुपये तक की सब्सिडी दी जाती है, जो इसे स्थापित करने की लागत का करीब 40 प्रतिशत है। वहीं राज्य सरकार द्वारा एक किलोवाट की प्रणाली के लिए 25,000, दो किलोवाट के लिए 50,000 और तीन किलोवाट के लिए 60,000 रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी से इस पहल को और बल मिलेगा।
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नयी दिल्ली. ऑनलाइन कैब सेवा प्रदाता ओला ने मंगलवार को कहा कि वह वाहन चालकों से कोई कमीशन नहीं लेगा। इससे उससे जुड़े 10 लाख से अधिक ड्राइवर सवारी या आय संबंधी किसी सीमा के बगैर किराये से हुई पूरी कमाई रख सकेंगे। कंपनी ने एक बयान में कहा कि इस पहल के तहत कैब ड्राइवर अपनी योजना खुद चुन सकते हैं और बिना किसी कटौती या सीमा के पूरा किराया भी रख सकते हैं। यह कमीशन मॉडल पूरे देश में लागू हो चुका है। इसके दायरे में ऑटो-रिक्शा, बाइक और कैब सेवाएं आती हैं।
ओला कंज्यूमर के प्रवक्ता ने कहा, "पूरे भारत में शून्य प्रतिशत कमीशन मॉडल की शुरुआत सवारी सेवा व्यवसायों में एक मौलिक बदलाव को दर्शाती है। कमीशन हटाने से साझेदार ड्राइवर को बहुत अधिक स्वामित्व और अवसर मिलता है।" प्रवक्ता ने साझेदार ड्राइवर को परिवहन परिवेश की रीढ़ बताते हुए कहा, "उन्हें अपनी कमाई पर पूरा नियंत्रण देने से देश भर में एक अधिक लचीला और टिकाऊ सवारी कारोबार नेटवर्क बनाने में मदद मिलेगी।" ओला ने कहा कि नए कमीशन मॉडल को चरणों में लागू किया गया, जिसकी शुरुआत ओला ऑटो से हुई और फिर ओला बाइक्स और ओला कैब्स में यह लागू हुआ। इसके साथ ही ओला ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि ड्राइवर की पृष्ठभूमि की जांच, वाहन की गुणवत्ता के मानक और ऐप पर आपातकालीन सुविधाओं सहित अन्य कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है। - रायपुर। जाने-माने उद्योगपति और कुरुक्षेत्र से सांसद श्री नवीन जिन्दल के नेतृत्व वाली कंपनी जिन्दल स्टील एंड पावर को " कृषि प्रोत्साहन" और" " वरिष्ठ नागरिक कल्याण" के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए ग्रीनटेक अवार्ड-2025 से सम्मानित किया गया है। राष्ट्रीय स्तर पर हुए सामाजिक कार्यों के मूल्यांकन के बाद 14 जून को नई दिल्ली में आयोजित एक सम्मान समारोह में कंपनी को उपरोक्त दोनों ही क्षेत्रों में सराहनीय योगदान के लिए ये दोनों सम्मान प्रदान किये गए, जो श्रीमती शालू जिन्दल के नेतृत्व वाले जिन्दल फाउंडेशन के माध्यम से समाज में व्यापक और सकारात्मक बदलाव लाने के जेएसपी के व्यापक दृष्टिकोण का परिचायक है।जिन्दल फाउंडेशन की चेयरपर्सन श्रीमती शालू जिन्दल ने इस अवसर पर कहा," ;इन दोनों ग्रीनटेक पुरस्कारोंको पाकर हम गौरवान्वित हैं। यह सम्मान हमें पंक्ति के आखिरी व्यक्ति तक विकास की लौ पहुंचाने की हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है। चाहे किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक उपलब्ध कराना हो या बुजुर्गों के लिए गौरव और सम्मान का वातावरण तैयार करना, हमारे सभी प्रयास सेवा भावना से प्रेरित हैं। यह पुरस्कार मैं अपनी टीम और उन जुझारू समुदायों को समर्पित करती हूं, जिनके साथ हम निरंतर काम कर रहे हैं।" दोनों क्षेत्रों में मिले सम्मान के लिए उन्होंने निर्णायक मंडल का भी आभार व्यक्त किया।" कृषि प्रोत्साहन " के लिए मिला पुरस्कार इस बात की पहचान है कि जिन्दल फाउंडेशन ने गांवों और आदिवासी क्षेत्रों में किसानों को आगे बढ़ाने के लिए अच्छा काम किया है। फाउंडेशन ने अब तक 25,000 से अधिक किसानों को जैविक खेती, पानी की बचत वाली सिंचाई, खेती के नए उपकरणों के प्रयोग और मिट्टी की अच्छी सेहत बनाए रखने की ट्रेनिंग दी है। इससे किसानों की फसल का उत्पादन बढ़ा, आमदनी बढ़ी और साथ ही साथ पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिला।हाल ही में, अंगुल जिले में किसानों के लिए मोबाइल सॉइल टेस्टिंग लैब की शुरुआत श्रीमती शालू जिन्दल ने की, जो श्री नवीन जिन्दल के दृष्टिकोण पर आधारित प्राकृतिक खेती के मिशन का अगला चरण है।जिन्दल फाउंडेशन की वाटरशेड विकास परियोजना और बाड़ी कार्यक्रम की तो अनेक राष्ट्रीय मंचों पर सराहना की गई है।" वरिष्ठ नागरिक कल्याण" के लिए मिला ये पुरस्कार इस बात का सबूत है कि जिन्दल स्टील एंड पावर बुजुर्गों के मान-सम्मान और उनकी देखभाल को अपना दायित्व मानती है। जिन्दल फाउंडेशन की मोबाइल हेल्थ क्लिनिक, डे-केयर सेंटर, घर-घर जाकर दी जा रही स्वास्थ्य सेवाएं और मानसिक सेहत के लिए परामर्श जैसे कार्यक्रम विशेष रूप से गांवों में रहने वाले हजारों बुजुर्गों के लिए लाभकारी साबित हुए हैं। इन पहलों से बुजुर्गों के स्वास्थ्य, मानसिक संतुलन और सामाजिक जुड़ाव में सुधार हुआ है।फाउंडेशन जरूरतमंद बुजुर्गों के पोषण और देखभाल के लिए विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों के साथ साझेदारी कर रहा है और शीघ्र ही " ;जिन्दल अपना घर " के नाम से एक आधुनिक सुविधा-संपन्न वृद्धाश्रम की स्थापना करने जा रहा है, जहां वरिष्ठ नागरिक गरिमापूर्ण और स्वस्थ जीवन जी सकेंगे। इन दो ग्रीनटेक पुरस्कारों के माध्यम से जेएसपी और जिन्दल फाउंडेशन ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि इनोवेशन और समावेशन को साथ लेकर चलने वाली उनकी सोच, भारत में सामाजिक परिवर्तन की एक प्रेरक शक्ति है।
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नयी दिल्ली. प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी मेटा ने अरुण श्रीनिवास को भारत में परिचालन के लिए नया प्रबंध निदेशक और प्रमुख नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति एक जुलाई, 2025 से प्रभावी होगी। यह नियुक्ति, पहले भारत का नेतृत्व कर रही संध्या देवनाथन के बाद हुई है, जिन्हें भारत और दक्षिण पूर्व एशिया दोनों की जिम्मेदारी दी गई थी। मेटा ने एक ब्लॉग में कहा कि अपनी नई स्थिति में, श्रीनिवास कंपनी की वृद्धि को गति देने के लिए भारत में मेटा के लिए व्यापार, नवोन्मेष और राजस्व प्राथमिकताओं को देखेंगे। श्रीनिवास सीधे संध्या देवनाथन को रिपोर्ट करेंगे।
मेटा में उपाध्यक्ष (भारत और दक्षिण पूर्व एशिया) देवनाथन ने कहा, ‘‘भारत में मेटा कृत्रिम मेधा (एआई) अपनाने, व्हाट्सएप और रील्स में अग्रणी है, और उच्च प्रदर्शन करने वाली टीम को तैयार करने, नवोन्मेषी उत्पादों को आगे बढ़ाने और मजबूत साझेदारी को बढ़ावा देने के अरुण का रिकॉर्ड प्रभावशाली है....। भारत में कारोबार को आगे बढ़ाने के साथ ही वह मेरे साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे।'' आईआईएम कोलकाता के पूर्व छात्र श्रीनिवास को हिंदुस्तान यूनिलीवर, रीबॉक, ओला और निवेश फर्म वेस्टब्रिज कैपिटल में काम करने का लगभग 30 साल का अनुभव है। वह वर्ष 2020 से मेटा के साथ हैं। -
मुंबई. मजबूत वैश्विक संकेतों के बीच सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) एवं पेट्रोलियम शेयरों में खरीदारी और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी आने से सोमवार को स्थानीय शेयर बाजारों में तेजी लौट आई। मानक सूचकांक सेंसेक्स में करीब 678 अंक और निफ्टी में 228 अंक की बढ़त दर्ज की गई। विश्लेषकों ने कहा कि ईरान और इजराइल के बीच सैन्य संघर्ष तेज होने के बावजूद स्थानीय बाजार में तेल एवं गैस और आईटी शेयरों को कम मूल्य पर खरीदने का रुझान देखा गया। बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स 677.55 अंक यानी 0.84 प्रतिशत उछलकर 81,796.15 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 747.22 अंक बढ़कर 81,865.82 अंक पर पहुंच गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला सूचकांक निफ्टी 227.90 अंक यानी 0.92 प्रतिशत चढ़कर 24,946.50 अंक पर बंद हुआ। इसके साथ ही शेयर बाजारों में दो दिन के अंतराल के बाद तेजी लौट आई। ईरान-इजराइल संघर्ष छिड़ने से पिछले दो सत्रों में सेंसेक्स 1,396.54 अंक और निफ्टी 422.8 अंक गिर गया था। सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से अल्ट्राटेक सीमेंट, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इटर्नल (पूर्व में जोमैटो), एशियन पेंट्स, टाटा स्टील और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए। दूसरी तरफ, टाटा मोटर्स, अदाणी पोर्ट्स और सन फार्मा के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई।
जियोजीत इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "ईरान-इजराइल संघर्ष से भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने के बावजूद भारतीय बाजार दिग्गज शेयरों के दम पर बढ़त लेने में सफल रहे। निवेशकों ने उतार-चढ़ाव भरे समय में दीर्घकालिक बुनियादी पहलुओं पर अपनी स्थिति बरकरार रखी। हालांकि निकट अवधि में इस तनाव का बाजार की धारणा पर असर पड़ने की आशंका है।" मझोली कंपनियों से संबंधित बीएसई मिडकैप सूचकांक में 0.93 प्रतिशत की तेजी रही जबकि छोटी कंपनियों से जुड़ा स्मालकैप सूचकांक 0.38 प्रतिशत चढ़ गया। तेजी के बीच सभी क्षेत्रवार सूचकांकों में तेजी देखी गई। सर्वाधिक 1.50 प्रतिशत की बढ़त आईटी खंड में दर्ज की गई जबकि प्रौद्योगिकी खंड में 1.35 प्रतिशत और तेल एवं गैस खंड में 1.22 प्रतिशत की तेजी रही। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग सकारात्मक दायरे में बंद हुए। यूरोपीय बाजार बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। शुक्रवार को अमेरिकी बाजार गिरावट के साथ बंद हुए थे। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.81 प्रतिशत गिरकर 73.63 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
इस बीच, मई में थोक मुद्रास्फीति घटकर 0.39 प्रतिशत पर आ गई जो 14 महीने का सबसे निचला स्तर है। खाद्य पदार्थों और ईंधन की कीमतों में नरमी के कारण मई में थोक मुद्रास्फीति घटी है। आशिका स्टॉक ब्रोकिंग में तकनीकी एवं डेरिवेटिव विश्लेषक सुंदर केवट ने कहा, "पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच वैश्विक अनिश्चितता बढ़ने के बावजूद भारतीय बाजारों ने जुझारूपन दिखाया।" शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 1,263.52 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की थी। शुक्रवार को सेंसेक्स 573.38 अंक गिरकर 81,118.60 अंक और निफ्टी 169.60 अंक गिरकर 24,718.60 अंक पर बंद हुआ था। -
नयी दिल्ली. यूपीआई के जरिए लेनदेन सोमवार से और तेज होने जा रहे हैं। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने भुगतान के लिए प्रतिक्रिया समय को घटाकर 10 सेकंड कर दिया है। यूपीआई या यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस एक तत्काल भुगतान प्रणाली है, जिसे एनपीसीआई ने मोबाइल फोन के जरिए बैंकों के बीच लेनदेन की सुविधा के लिए विकसित किया है। एनपीसीआई के हाल के परिपत्र के अनुसार धन हस्तांतरण, स्थिति जांच और वापसी सहित लेनदेन अब 30 सेकंड के बजाय 10 से 15 सेकंड में पूरे हो जाएंगे। इस तरह 16 जून से, यूपीआई भुगतान में पता सत्यापित करने में लगने वाला समय अब पहले के 15 सेकंड की तुलना में केवल 10 सेकंड लगेगा। एनपीसीआई ने कहा कि प्रतिक्रिया समय में संशोधन का मकसद ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाना है।
एनपीसीआई के एक अन्य परिपत्र के अनुसार, ग्राहक जल्द ही अपने यूपीआई ऐप के जरिए दिन में 50 बार अपने खाते का बैलेंस चेक कर सकेंगे। एक विशेषज्ञ के अनुसार अभी तक एक दिन में खाते की शेष राशि की जांच करने की कोई सीमा नहीं है और प्रणालीगत दक्षता को ध्यान में रखते हुए 50 की सीमा शुरू की गई है। -
नई दिल्ली। भारत के जी20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने सोमवार को सार्वजनिक सेवा से इस्तीफा देने की घोषणा की, जिससे उनका 45 वर्षों का सरकारी करियर समाप्त हो गया।उन्होंने कहा, “सरकारी सेवा में 45 वर्षों की समर्पित भूमिका के बाद मैंने जीवन में नए अवसरों को अपनाने और आगे बढ़ने का निर्णय लिया है। मैं भारत के प्रधानमंत्री का अत्यंत आभारी हूं, जिन्होंने मुझे कई विकासात्मक पहलों को आगे बढ़ाने का अवसर दिया।”
अमिताभ कांत को 2022 में G20 Sherpa नियुक्त किया गया था। यह भूमिका 2023 में भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान काफी अहम बन गई थी। अपने कार्यकाल में उन्होंने नई दिल्ली लीडर्स डिक्लेरेशन पर भूराजनीतिक मतभेदों के बीच सहमति बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई।उन्होंने भारत की G20 अध्यक्षता को समावेशी और डिसेंट्रलाइज्ड बताया, जिसके तहत देशभर के राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में बैठकें आयोजित की गईं। इस दौरान भारत ने अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य बनाने की भी जोरदार वकालत की, जो नई दिल्ली शिखर सम्मेलन में साकार हुई। कांत ने अपने सार्वजनिक सेवा करियर के खास पलों को कैद करने वाली तस्वीरों का एक कोलाज भी साझा किया, जिसमें वैश्विक और राष्ट्रीय नेताओं के साथ बातचीत और जी-20 कार्यकाल की घटनाएं शामिल हैं। -
नई दिल्ली। भारत में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर मई में 14 महीनों के निचले स्तर 0.39 प्रतिशत पर पहुंच गई है। इससे पहले अप्रैल में यह 0.85 प्रतिशत थी। सरकार की ओर से सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।
यह लगातार तीसरा महीना है जब थोक महंगाई दर में कमी देखने को मिलीयह लगातार तीसरा महीना है जब थोक महंगाई दर में कमी देखने को मिली है। इससे पहले मई 2024 में थोक महंगाई दर 2.74 प्रतिशत थी।खाद्य, ईंधन और प्राथमिक वस्तुओं सहित ज्यादातर श्रेणियों में महंगाई हुई कम केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, मई 2025 में खाद्य, ईंधन और प्राथमिक वस्तुओं सहित ज्यादातर श्रेणियों में महंगाई कम हुई है।बीते महीने खाद्य वस्तुओं में थोक महंगाई दर कम होकर 1.72% हो गईmबीते महीने खाद्य वस्तुओं में थोक महंगाई दर कम होकर 1.72 प्रतिशत हो गई है, जो कि अप्रैल में 2.55 प्रतिशत थी। यह ट्रेंड दिखाता है कि देश में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी आ रही है।सब्जियों की महंगाई दर मई में घटकर -21.62 प्रतिशत रह गईखाद्य वस्तुओं की श्रेणी में सब्जियों की महंगाई दर मई में घटकर -21.62 प्रतिशत रह गई, जो अप्रैल में -18.26 प्रतिशत थी। मई महीने में दालों में महंगाई दर -10.41 प्रतिशत रही, जबकि गेहूं की महंगाई दर 5.75 प्रतिशत रही। अंडे, मांस और मछली की महंगाई दर अप्रैल में -0.29 प्रतिशत से घटकर मई में -1.01 प्रतिशत रह गई। आलू और प्याज की महंगाई दर क्रमशः -29.42 प्रतिशत और -14.41 प्रतिशत रही।मई में ईंधन और ऊर्जा पर महंगाई दर (-)2.27 प्रतिशत रहीमई में ईंधन और ऊर्जा पर महंगाई दर (-)2.27 प्रतिशत रही है, जो कि अप्रैल में (-) 2.18 प्रतिशत थी।प्राथमिक वस्तुओं के लिए महंगाई दर मई में कम होकर (-) 2.02 प्रतिशत रह गई है, जो कि अप्रैल में (-) 1.44 प्रतिशत थी। डब्ल्यूपीआई मुख्य महंगाई दर, जिसमें फूड और फ्यूल नहीं शामिल होता है, घटकर 0.9 प्रतिशत हो गई है, जो कि अप्रैल में 1.5 प्रतिशत थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स पर महंगाई दर मई में 2.04 प्रतिशत रही है, जो कि अप्रैल में 2.62 प्रतिशत थी। -
नयी दिल्ली. उत्तर और पूर्वी क्षेत्रों में लगातार पड़ रही गर्मी ने जून में कमरे वाले एयर-कंडीशनर (आरएसी) की बिक्री में उछाल ला दिया है। हालांकि, देश के कई हिस्सों में सबसे ज्यादा मांग वाले सीजन के दौरान रुक-रुक कर हो रही बारिश ने कंपनियों को इस साल बिक्री अनुमान को घटाकर 10-15 प्रतिशत करने पर मजबूर कर दिया है। कमरे वाले एसी के लिए सर्वाधिक मांग वाले सीजन गर्मियों में इस बार एसी विनिर्माताओं को निराशा हाथ लगी है। हालांकि, जून में गर्मी के कारण तेज खरीदारी के कारण कुछ उम्मीद की किरणें भी दिख रही हैं।
आरएसी विनिर्माताओं ने कहा कि फरवरी और मार्च में उत्साहजनक संख्या के बाद, गर्मियों के जल्दी आने से उन्हें मदद मिली, वे पिछले साल की तुलना में लगभग 25 प्रतिशत की उच्च दोहरे अंकों की मात्रा वृद्धि की उम्मीद कर रहे थे, और उन्होंने भंडारण भी बना लिया था। ब्लू स्टार के प्रबंध निदेशक बी त्यागराजन ने कहा, “हम सभी ने 25 से 30 प्रतिशत की वृद्धि की योजना बनाई थी, जो नहीं होने जा रही है। यह एक निराशाजनक गर्मी है; यह सच है। यह खेल का एक अभिन्न अंग है।” उन्होंने कहा, “हमें स्थिति को संभालना होगा और आगे बढ़ना होगा। फरवरी और मार्च में अच्छी शुरुआत के बावजूद, इस वर्ष आरएसी उद्योग 10 से 15 प्रतिशत की वृद्धि के साथ समाप्त होगा।” भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने पिछले सप्ताह कहा था कि जून के मध्य से तापमान में धीरे-धीरे गिरावट आ सकती है, क्योंकि पश्चिमी विक्षोभ के आने से ठंडी हवाएं, बारिश और आंधी आने की संभावना है।
वोल्टास के एमडी और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) प्रदीप बख्शी ने कहा कि पिछले दो महीनों में 2024 की बिक्री की तुलना में उद्योग के लिए शायद ही कोई वृद्धि हुई है। बख्शी ने कहा, “बल्कि, वास्तव में, उद्योग के लिए वृद्धि में गिरावट आई है। इसलिए, मुझे नहीं लगता कि लोग अब पहली तिमाही (जून तिमाही) में बड़ी वृद्धि संख्या की उम्मीद कर रहे हैं। पिछले साल की संख्या को छूना अपने आप में एक चुनौती होगी।” उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा गर्मी वाले महीनों पर मौसम का असर पड़ा है। इसने खेल बिगाड़ दिया। अप्रैल और मई के नुकसान के बाद, बाकी 10 महीनों में उबरना मुश्किल है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि पिछले कुछ दिनों से अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं, क्योंकि गर्मियां अपने चरम पर हैं, तापमान बढ़ रहा है, खासकर देश के उत्तरी क्षेत्र में, जिससे आने वाले महीनों में बेहतर परिणाम मिलने का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। टाटा समूह की कंपनी वोल्टास की हालिया सालाना रिपोर्ट के अनुसार, इसने 25 लाख से अधिक एसी की बिक्री और पांच लाख से अधिक एयर कूलर की बिक्री के साथ रिकॉर्ड-तोड़ मील के पत्थर हासिल किए हैं। हायर अप्लायंसेज इंडिया के अध्यक्ष एन एस सतीश ने कहा कि आरएसी के लिए सालाना वृद्धि 30 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा, “लेकिन अप्रैल और मई के महीने अच्छे नहीं रहे। वास्तव में इसमें 10 से 15 प्रतिशत की गिरावट आई। जबकि जून में बिक्री में फिर से तेजी आई है।” भारतीय आरएसी बाज़ार दुनिया भर में सबसे तेज़ी से बढ़ते बाज़ारों में से एक है, जिसमें 12 से 15 कंपनियां प्रतिस्पर्धा करती हैं। अनुमान है कि यह बाज़ार लगभग 1.5 करोड़ इकाई का है। -
नई दिल्ली। सोने और चांदी दोनों की कीमत में इस हफ्ते बढ़त देखी गई है। सोने के दाम में 1,900 रुपए से अधिक का इजाफा हुआ। वहीं, चांदी का भाव 800 रुपए से अधिक बढ़ गया है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के मुताबिक, 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने की कीमत 99,058 रुपए है, जबकि एक हफ्ते पहले इसी दिन यह 97,145 रुपए थी, जो कि सोने की कीमत में 1,913 रुपए की बढ़त को दर्शाता है।
22 कैरेट सोने का दाम बढ़कर 90,737 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है, जो कि पहले 88,985 रुपए था22 कैरेट सोने का दाम बढ़कर 90,737 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है, जो कि पहले 88,985 रुपए था। वहीं, 18 कैरेट सोने की कीमत 72,859 रुपए प्रति 10 ग्राम से बढ़कर 74,294 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई है। वहीं, समीक्षा अवधि में चांदी की कीमत 882 रुपए बढ़कर 1,06,167 रुपए प्रति किलो हो गई है, जो कि पहले 1,05,285 रुपए प्रति किलो थी। चांदी अपने उच्चतम स्तर के करीब बनी हुई है। 10 जून को चांदी ने 1,07,000 रुपए प्रति किलो का ऑल-टाइम हाई बनाया था।हाल के दिनों में ऐसे कई वैश्विक घटनाक्रम हुए हैं, जिन्होंने सोने और चांदी की कीमतों को बढ़ाने में मदद की हैहाल के दिनों में ऐसे कई वैश्विक घटनाक्रम हुए हैं, जिन्होंने सोने और चांदी की कीमतों को बढ़ाने में मदद की है। इनमें ईरान-इजरायल के बीच बढ़ता संघर्ष और रूस और यूक्रेन के बीच लगातार तनाव शामिल हैं। वैश्विक अनिश्चितता के समय सुरक्षित माने जाने के कारण दुनिया भर में सोने और चांदी की मांग बढ़ जाती है और मांग के मुकाबले सीमित आपूर्ति के कारण इनकी कीमतों में इजाफा होता है।1 जनवरी से अब तक 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने का दाम 76,162 रुपए से 22,896 रुपए या 30.06 प्रतिशत बढ़कर 99,058 रुपए पर पहुंच गया है1 जनवरी से अब तक 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने का दाम 76,162 रुपए से 22,896 रुपए या 30.06 प्रतिशत बढ़कर 99,058 रुपए पर पहुंच गया है। वहीं, चांदी का भाव भी 86,017 रुपए प्रति किलो से 20,150 रुपए या 23.42 प्रतिशत बढ़कर 1,06,167 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया है।( -
नई दिल्ली। मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच, भारत की दो प्रमुख एयरलाइनों, एयर इंडिया और इंडिगो, ने ईरान के एयरस्पेस के बंद होने के कारण उड़ानों में देरी और रूट बदले जाने को लेकर पब्लिक एडवाइजरी जारी की है।
एयर इंडिया ने शनिवार को कहा कि कंपनी ने ईरान का एयरस्पेस बंद होने के कारण कई उड़ानों के मार्ग में परिवर्तन किया है। एयरलाइन ने घोषणा की कि यात्रियों और क्रू मेंबर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उसकी कुछ उड़ानें अब लंबे, वैकल्पिक मार्गों पर संचालित हो रही हैं।एयर इंडिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक आधिकारिक अपडेट साझा किया, जिसमें कहा गया, “ईरान और मध्य पूर्व के कुछ हिस्सों में उभरती स्थिति के कारण हवाई क्षेत्र के बंद होने और हमारे यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए हमारी कुछ उड़ानें वैकल्पिक विस्तारित मार्गों पर चल रही हैं। हम हवाई क्षेत्र के बंद होने के कारण अपने यात्रियों को होने वाली किसी भी असुविधा को कम करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। हम दोहराना चाहेंगे कि एयर इंडिया में, हमारे यात्रियों और क्रू मेंबर्स की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।”यह एडवाइजरी ऐसे समय में आई है जब क्षेत्रीय तनाव की एक सीरीज के बाद ईरान और आस-पास के क्षेत्रों में हवाई क्षेत्र बंद है।इस स्थिति ने कई अंतरराष्ट्रीय हवाई मार्गों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है जो आमतौर पर ईरान से गुजरते हैं। भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने भी एक्स के माध्यम से एक बयान जारी कर यात्रियों को संभावित व्यवधानों के बारे में चेतावनी दी है।एयरलाइन ने अपनी एडवाइजरी में कहा, “ईरान और उसके आस-पास के इलाकों में हवाई क्षेत्र अभी भी उपलब्ध नहीं है। कुछ उड़ान मार्गों को एडजस्ट करने की आवश्यकता हो सकती है, जिससे यात्रा की अवधि बढ़ सकती है या देरी हो सकती है।”वहीं, इंडिगो ने सभी यात्रियों को सलाह दी है कि वे हवाई अड्डे पर जाने से पहले कंपनी की वेबसाइट या मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से अपने फ्लाइट स्टेटस की जांच करें।एयरलाइन ने आश्वासन दिया कि उसकी कस्टमर सर्विस टीम इन देरी से प्रभावित यात्रियों की सक्रिय रूप से सहायता कर रही है।दोनों एयरलाइनें वैकल्पिक हवाई गलियारों के माध्यम से प्रभावित उड़ानों को फिर से रूट करने के लिए काम कर रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप उड़ान का समय लंबा हो सकता है। परिणामस्वरूप, यूरोप, खाड़ी और मध्य एशिया से आने-जाने वाली कई सेवाएं 30 मिनट से लेकर कई घंटों तक की देरी का सामना कर रही हैं। - नयी दिल्ली. सरकार ने हरियाणा, गुजरात और उत्तर प्रदेश से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 54,166 टन मूंग और उत्तर प्रदेश से 50,750 टन मूंगफली की खरीद को मंजूरी दी है। वर्ष 2025-26 की ग्रीष्मकालीन फसलों की खरीद केंद्रीय मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत की जाएगी, जो बाजार दरें एमएसपी से नीचे आने पर सक्रिय होती है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए पीएसएस के तहत फसलों की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दी। मंत्री ने आंध्र प्रदेश में खरीद अवधि को 26 जून तक 15 दिन के लिए बढ़ाने को भी मंजूरी दी। सरकार ने किसानों को प्रोत्साहित करने, घरेलू दलहन उत्पादन को बढ़ाने और आयात निर्भरता को कम करने के लिए पीएसएस के तहत वर्ष 2024-25 में तुअर, उड़द और मसूर के 100 प्रतिशत उत्पादन की खरीद की अनुमति दी है। इस पहल को 2028-29 तक चार साल के लिए बढ़ा दिया गया है। पीएसएस के तहत खरीद केंद्रीय नोडल एजेंसियों भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) द्वारा की जाती है।
- नयी दिल्ली. भारत का वनस्पति तेल आयात मई में लगातार छठे महीने भी घटकर 11.87 लाख टन रह गया है। यह पिछले साल मई में हुए आयात से 22.36 प्रतिशत कम है। उद्योग निकाय सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने बृहस्पतिवार यह जानकारी दी। इसके साथ ही, एसईए ने कहा कि हालिया आयात शुल्क में कटौती से आयात की कुल मात्रा पर कोई असर नहीं पड़ेगा। खाद्य और अखाद्य दोनों तरह के तेलों सहित कुल वनस्पति तेल आयात एक साल पहले की समान अवधि में 15.29 लाख टन का हुआ था। तेल वर्ष 2024-25 (नवंबर-अक्टूबर) के पहले सात महीनों के दौरान कुल वनस्पति तेल आयात एक साल पहले की इसी अवधि के 86.78 लाख टन से घटकर 78.84 लाख टन रह गया। 30 मई को सरकार ने पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी के अपरिष्कृत (कच्चे) तेलों पर मूल आयात शुल्क को 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया था, जिससे कुल आयात शुल्क 27.5 प्रतिशत से घटकर 16.5 प्रतिशत रह गया है। एसईए ने कहा, ‘‘इस कदम से खाद्य तेल आयात की कुल मात्रा पर कोई असर नहीं पड़ेगा और इससे खाद्य तेल की कीमतों पर कोई दबाव पड़ने की संभावना नहीं है।'' इसने कहा कि कच्चे तेल पर आयात शुल्क कम करने के सरकार के इस कदम से रिफाइंड पाम तेल (पामोलीन) के आयात में कमी आएगी और मांग वापस कच्चे पाम तेल की ओर बढ़ेगी, जिससे घरेलू रिफाइनिंग क्षेत्र में नई जान आएगी। इसके विपरीत, कच्चे तेल पर शुल्क में कमी से घरेलू कीमतों को कम करने में मदद मिलेगी, जिससे उपभोक्ताओं को लाभ होगा। एसोसिएशन ने सदस्यों से शुल्क कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाने की अपील की है। एसईए के आंकड़ों के अनुसार, मई में पाम तेल का आयात 22.32 प्रतिशत घटकर 5.92 लाख टन रह गया, जो एक साल पहले 7.63 लाख टन था, जबकि कच्चे पाम तेल की खेप 5.03 प्रतिशत घटकर 5.05 लाख टन रह गई। नरम तेलों (सॉफ्ट आयल) में सोयाबीन तेल का आयात 23 प्रतिशत घटकर 3.98 लाख टन रह गया, जबकि सूरजमुखी तेल का आयात 55.30 प्रतिशत घटकर 1.83 लाख टन रहा। पिछले सात माह में पाम तेल की हिस्सेदारी 58 प्रतिशत से घटकर 42 प्रतिशत रह गई, जबकि नरम तेलों की हिस्सेदारी 42 प्रतिशत से बढ़कर 57 प्रतिशत हो गई। दुनिया के सबसे बड़े खाद्य तेल उपभोक्ता और आयातक देश, भारत के पास एक जून तक 13.33 लाख टन खाद्य तेल का स्टॉक था। एसईए ने कहा, ‘‘नेपाल से हर महीने लगभग 60,000 से 70,000 टन परिष्कृत (रिफाइंड) खाद्य तेलों का आयात भारत के समग्र आयात और इस तरह स्टॉक की स्थिति को प्रभावित करता है।'' इंडोनेशिया और मलेशिया भारत के प्रमुख पाम तेल आपूर्तिकर्ता हैं, जबकि अर्जेंटीना, ब्राजील और रूस सोयाबीन तेल की आपूर्ति करते हैं। रूस और यूक्रेन सूरजमुखी तेल के मुख्य आपूर्तिकर्ता हैं।
- मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक ने केवाईसी अद्यतन के मामले में ग्राहकों को राहत देते हुए कदम उठाया है। इसके तहत बैंकों और आरबीआई के दायरे में आने अन्य वित्तीय संस्थानों से अपने ग्राहकों को केवाईसी के समय-समय पर अद्यतन करने के लिए उपयुक्त तरीके से नोटिस देने को कहा गया है। आरबीआई ने बृहस्पतिवार एक परिपत्र में कहा कि उसने अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) के समय-समय पर अद्यतन में बड़ी संख्या में लंबित मामलों को देखा है। इसमें प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी)/इलेक्ट्रॉनिक लाभ अंतरण (ईबीटी) के तहत राशि प्राप्त के लिए खोले गए खाते और प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) के तहत खोले गए खाते शामिल हैं। यह कदम ग्राहकों की सुविधा के लिए प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए उठाया गया है। इसके तहत केवाईसी के समय-समय पर अद्यतन के संबंध में निर्देशों को संशोधित किया गया है। इसके जरिये बैंक प्रतिनिधियों को केवाईसी अद्यतन करने की प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति दी गयी है। इस संदर्भ में, केंद्रीय बैंक ने बृहस्पतिवार को अपने ग्राहक को जानो (संशोधन) निर्देश, 2025 जारी किये। नये निर्देशों के अनुसार, आरबीआई के दायरे में आने वाली इकाइयां (आरई) अपने ग्राहकों को उनके केवाईसी को अद्यतन करने के लिए पहले से सूचित करेंगी। इसमें कहा गया, ‘‘केवाईसी को निश्चित अंतराल पर अद्यतन की नियत तारीख से पहले, बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान अपने ग्राहकों को केवाईसी को अद्यतन करने की आवश्यकता का अनुपालन करने के लिए उपलब्ध संचार विकल्पों/चैनलों के माध्यम से उचित अंतराल पर कम से कम तीन अग्रिम सूचनाएं देंगे। इसमें कम से कम एक सूचना पत्र के जरिये दी जाएगी।'' नियत तिथि के बाद, बैंक ऐसे ग्राहकों को उचित अंतराल पर कम से कम तीन अनुस्मरण पत्र देंगे। इसमें कम से कम एक पत्र के जरिये देना होगा। यह उन ग्राहकों के लिए होगा जिन्होंने अग्रिम सूचना के बावजूद अभी भी केवाईसी से जुड़ी आवश्यकताओं का अनुपालन नहीं किया है। आरबीआई ने कहा कि सूचना/अनुस्मरण पत्र में, अन्य बातों के साथ-साथ, केवाईसी को अद्यतन करने के लिए आसानी से समझ में आने वाले निर्देश देने होंगे। इसमें मदद के बारे में जानकारी के साथ समय पर केवाईसी अद्यतन करने में विफल रहने पर उसके परिणाम की भी जानकारी देनी होगी। ग्राहकों से इस तरह से जारी किये गये अग्रिम सूचना/अनुस्मरण पत्र के बारे में पूरी जानकारी बैंक ऑडिट मकसद से अपने पास रखेगा। आरबीआई ने इस व्यवस्था को एक जनवरी, 2026 तक लागू करने को कहा है। केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि केवाईसी जानकारी में कोई बदलाव नहीं होने या केवल पते के विवरण में परिवर्तन होने की स्थिति में ग्राहक से स्व-घोषणा अधिकृत बैंक प्रतिनिधि (बीसी) के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है। आरबीआई ने कहा कि किसी व्यक्तिगत ग्राहक के संबंध में जिसे कम जोखिम के रूप में वर्गीकृत किया गया है, बैंक और एनबीएफसी सभी लेनदेन की अनुमति देंगे और केवाईसी अद्यतन एक वर्ष के भीतर या 30 जून, 2026 तक, जो भी बाद में हो, सुनिश्चित करेंगे। इसके अलावा, आरबीआई ने केवाईसी अद्यतन करने को लेकर बैंकों को शिविर आयोजित करने और गहन अभियान शुरू करने की भी सलाह दी है। इसके साथ केंद्रीय बैंक ने निष्क्रिय खातों और दावा न की गई जमाओं से संबंधित संशोधन भी किए हैं।
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नई दिल्ली। पश्चिम एशियाई बाजारों विशेष रूप से ईरान और इराक से मजबूत मांग के कारण भारतीय परंपरागत चाय की कीमतों में वृद्धि हुई है। लेकिन अब इजरायल-ईरान के बीच छिड़े संघर्ष से तनाव बढ़ने का खतरा मंडरा रहा है, जिससे इस क्षेत्र में चाय की आपूर्ति में व्यवधान पैदा होने की आशंका है।इंडियन टी एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (आईटीईए) के अध्यक्ष अंशुमान कनोडिया ने कहा कि चाय लेकर कार्गो पहले ही रवाना हो चुके हैं, कुछ अभी लदान के इंतजार में हैं। इसलिए मौजूदा और भविष्य में मिलने वाले ऑर्डर को लेकर चिंता छायी है। उन्होंने कहा, ‘संघर्ष की स्थिति के साथ-साथ अपने निर्यात के बारे में चिंतित हैं। एसोसिएशन के सदस्य अपने-अपने खरीदारों के संपर्क में हैं। इस समय हम हालात को भांपने की कोशिश कर रहे हैं।’
उत्पादक और निर्यातक दोनों ही चाय कारोबार में अस्थायी झटके की आशंका जता रहे हैं। इंडियन टी एसोसिएशन (आईटीए) के अध्यक्ष हेमंत बांगड़ ने कहा कि ईरान भारतीय चाय के सबसे बड़े बाजारों में से एक है। ‘अभी संघर्ष की शुरुआत है, लेकिन व्यापार में अस्थायी व्यवधान उत्पन्न हो सकता है।’टी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (टीएआई) के अध्यक्ष संदीप सिंघानिया ने कहा कि जब तक तनाव कम नहीं होता, हालात ऐसे ही बने रहेंगे। ‘परंपरागत चाय का निर्यात ईरान से आने वाली मांग पर निर्भर है। यदि वहां मांग कम होती है तो विशेष रूप से परंपरागत चाय के निर्यात को झटका लगेगा। हम स्थिति के शांत होने का इंतजार कर रहे हैं।’ईरान का महत्त्वपरंपरागत रूप से ईरान भारतीय चाय के शीर्ष बाजारों में से एक रहा है। कनोडिया कहते हैं कि आमतौर पर ईरान को लगभग 3 करोड़ किलोग्राम चाय का निर्यात किया जाता है। वर्ष 2022 में ईरान को चाय का निर्यात 2.22 करोड़ किलोग्राम था। लेकिन 2023 में इसमें गिरावट आई और यह केवल 59.2 लाख किलोग्राम तक गिर गया, क्योंकि ईरान ने भारतीय चाय के लिए अनुबंधों का पंजीकरण बंद कर दिया था। इसके बाद वर्ष 2024 में निर्यात फिर बढ़कर 92.4 लाख किलोग्राम पहुंच गया। हालांकि, कनोडिया ने बताया कि ईरान को प्रत्यक्ष निर्यात के आंकड़े बाजार के आकार का सही अंदाजा नहीं देते हैं। क्योंकि वहां संयुक्त अरब अमीरात के माध्यम से भी भारतीय चाय भेजी जाती है। इस समय भारतीय चाय की मांग बहुत ज्यादा है। दुनिया का सबसे बड़ा चाय आपूर्तिकर्ता श्रीलंका अभी भी अपनी क्षमता से कम उत्पादन कर रहा है। वर्ष 2024 में भारत ने 128.47 करोड़ किलोग्राम चाय के कुल उत्पादन में से 11.86 करोड़ किलोग्राम परंपरागत चाय थी।कीमतों में उछालमजबूत मांग के कारण परंपरागत चाय की कीमतों में उछाल आई है। कोलकाता नीलामी में सेल 17 से सेल 24 के लिए परंपरागत पत्ती की औसत कीमत 317.32 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जबकि पिछले वर्ष यह 293.69 रुपये रही। इसी तरह कोलकाता नीलामी में सभी किस्मों की चाय के लिए औसत कीमत 275.34 रुपये प्रति किलोग्राम रही, जबकि पिछले वर्ष यह 265.08 रुपये थी। एम के शाह एक्सपोर्ट्स के अध्यक्ष हिमांशु शाह ने कहा कि श्रीलंका अभी भी लगभग 35 करोड़ किलोग्राम की अपनी अब तक की सबसे ऊंचे फसल उत्पादन से बहुत दूर है। उसके फिलहाल इस स्तर तक पहुंचने की कोई संभावना नहीं है।शाह ने कहा, ‘भारतीय उत्पादक इस अवसर का लाभ उठाने को आगे बढ़े हैं। असम सरकार के प्रोत्साहन देने के साथ परंपरागत चाय का उत्पादन बढ़ रहा है। इराक, तुर्किये, सीरिया जैसे मुख्य खरीदार पहले जहां श्रीलंकाई चाय खरीदते थे, वे अब भारतीय चाय की ओर लौट रहे हैं।’ एमके शाह देश में परंपरागत चाय के सबसे बड़े उत्पादकों और निर्यातकों में से एक है। इक्रा के उपाध्यक्ष सुमित झुनझुनवाला ने कहा, ‘श्रीलंका में उत्पादन कमोबेश स्थिर रहा है और यह अपने सामान्य स्तर पर वापस नहीं गया है। यह भारतीय कंपनियों के लिए बड़ा अवसर है।’ -
नई दिल्ली। सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण ने शुक्रवार को कुछ परिसंपत्तियों के मूल्यांकन के तरीकों पर चिंता जताई और मुख्य वित्त अधिकारियों से ज्यादा जवाबदेह वनने को कहा। ईटीसीएफओ नेक्स्टजेन समिट में नारायण ने भाव देखकर खरीदने, हितों के टकराव और लेखा परिपाटियों के चलन जैसे उन मसलों का जिक्र किया जो निवेशकों को गुमराह कर सकते हैं।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों की अतीत की चुनौतियों के साथ तुलना करते हुए नारायण ने सुझाव दिया कि मूल्यांकन करने वालों को प्रमुख धारणाओं, संवेदनशीलता दायरों और ट्रैक रिकॉर्ड का खुलासा करना चाहिए और अगर इनमें ज्यादा परिवर्तन हो तो जवाबदेही का सामना करना चाहिए। उन्होंने हितों के संभावित टकराव की ओर इशारा किया क्योंकि मूल्यांकनकर्ताओं को अक्सर उन संस्थाओं द्वारा नियुक्त और भुगतान किया जाता है, जिनका वे मूल्यांकन करते हैं, लिहाजा पक्षपातपूर्ण मूल्यांकन हो सकता है।मूल्यांकनकर्ताओं के बीच अलग-अलग अवधारणाओं के कारण परिसंपत्तियों के मूल्यांकन में व्यापक भिन्नताएं पैदा हुई हैं और समय के साथ मूल्यांकन में नाटकीय परिवर्तन होने पर जवाबदेही बहुत कम रह गई है।नारायण ने वित्तीय आंकड़ों में भरोसा मजबूत करने के लिए ऑडिट समितियों और लेखा परीक्षकों के साथ घनिष्ठ सहयोग की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने पारदर्शिता बढ़ाने के लिए वित्तीय परिणामों और सालाना रिपोर्टों के बीच मौजूदा 70-140 दिन के अंतराल को कम करने का सुझाव दिया।नारायण ने कहा, भरोसा आधार है, पूंजी निर्माण इंजन है और नियमन सुरक्षा कवच है। मुख्य वित्त अधिकारी इसके संचालक हैं। उन्होंने उनसे अनुपालन से आगे बढ़ने और लेखांकन मानकों की भावना को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने भेदिया कारोबार और रकम की हेराफेरी जैसी परिपाटियों के खिलाफ चेतावनी दी। -
नई दिल्ली। केन्द्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी ने कहा है कि देश में अगले महीनों के लिए पर्याप्त मात्रा में ईंधन उपलब्ध है। उन्होंने पेट्रोलियम सचिव और ऊर्जा क्षेत्र में सार्वजनिक उपक्रमों के प्रमुखों के साथ समीक्षा बैठक के बाद सोशल मीडिया पोस्ट में यह जानकारी दी। ईंधन आपूर्ति के बारे में दी गई यह जानकारी इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि ईरान पर इस्राइल पर हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों में कल काफी तेजी आई। श्री पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की ऊर्जा नीति उपलब्धता, वहनीयता और स्थिरता की सफलता पर आधारित है। भारत सालाना 150 अरब अमरीकी डॉलर का तेल आयात करता है और इस आयात से भारत के कच्चे तेल की लगभग अस्सी प्रतिशत जरूरत पूरी होती है।
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नयी दिल्ली. फलों एवं सब्जियों की कीमतों में नरमी से मई में खुदरा मुद्रास्फीति छह साल के निचले स्तर 2.82 प्रतिशत पर आ गई। यह लगातार चौथा महीना है जब खुदरा मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक के चार प्रतिशत के औसत लक्ष्य से कम रही है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में 3.16 प्रतिशत और मई, 2024 में 4.8 प्रतिशत थी। खुदरा मुद्रास्फीति का पिछला निचला स्तर फरवरी, 2019 में रहा था जब यह 2.57 प्रतिशत थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, मई में खाद्य मुद्रास्फीति 0.99 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी महीने में 8.69 प्रतिशत थी। मई, 2025 की खाद्य मुद्रास्फीति का यह आंकड़ा अक्टूबर, 2021 के बाद सबसे कम है।
एनएसओ ने एक बयान में कहा, ‘‘मई, 2025 के महीने में मुख्य मुद्रास्फीति और खाद्य मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट मुख्य रूप से दालों एवं उत्पादों, सब्जियों, फलों, अनाज एवं उत्पादों, घरेलू सामान एवं सेवाओं, चीनी एवं मिठाई और अंडे की कीमतों में नरमी और अनुकूल आधार प्रभाव के कारण है।'' आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, मई के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में मुद्रास्फीति 2.59 प्रतिशत थी, जबकि शहरी भारत में यह 3.07 प्रतिशत रही। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सबसे अधिक मुद्रास्फीति केरल में 6.46 प्रतिशत दर्ज की गई। इसके बाद पंजाब (5.21 प्रतिशत), जम्मू-कश्मीर (4.55 प्रतिशत), हरियाणा (3.67 प्रतिशत) और उत्तराखंड (3.47 प्रतिशत) का स्थान रहा। वहीं देशभर में सबसे कम खुदरा महंगाई दर तेलंगाना में 0.55 प्रतिशत रही।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति 3.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। इसने पहली तिमाही में 2.9 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 3.4 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 3.9 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.4 प्रतिशत खुदरा मुद्रास्फीति रहने का अनुमान जताया है। सरकार ने आरबीआई को यह दायित्व दिया हुआ है कि खुदरा मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर सीमित रखा जाए। रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने इन आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पिछले महीने खुदरा मुद्रास्फीति और भी कम होकर 75 महीने के निचले स्तर 2.8 प्रतिशत पर आ गई जिसमें खाद्य एवं पेय उत्पादों की अहम भूमिका रही। नायर ने कहा कि यह आंकड़ा रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के नीतिगत दरों में कटौती के निर्णय को मान्यता देता है। एमपीसी ने फरवरी से लेकर जून की समीक्षा तक रेपो दर में कुल एक प्रतिशत की कटौती की है। नायर ने कहा, ‘‘फिलहाल हमें उम्मीद है कि अगस्त, 2025 की नीतिगत समीक्षा में ब्याज दरें अपरिवर्तित रहेंगी। फिर भी हम अक्टूबर, 2025 में 0.25 प्रतिशत की एक और कटौती की संभावना से इनकार नहीं कर रहे हैं।'' एनएसओ सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को समाहित करने वाले 1,114 शहरी बाजारों और 1,181 गांवों से आंकड़े जुटाता है। - मुंबई। एअर इंडिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह यात्रियों और चालक दल के सदस्यों के परिजनों के लिए दिल्ली और मुंबई से अहमदाबाद तक दो राहत उड़ानें संचालित करेगी। एअर इंडिया के अनुसार, दिल्ली-अहमदाबाद राहत उड़ान आईएक्स -1555 12 जून को रवाना होगी, जबकि अहमदाबाद-दिल्ली उड़ान आईएक्स 1556 13 जून को दोपहर 01.10 बजे रवाना होगी। विमानन कंपनी ने कहा कि एआई 1402 मुंबई-अहमदाबाद उड़ान 12 जून को रात 11 बजे रवाना होगी, जबकि अहमदाबाद-मुंबई उड़ान एआई 1409 13 जून को दोपहर 01.15 बजे रवाना होगी। एयरलाइन ने कहा कि दिल्ली और मुंबई में यात्रियों और कर्मचारियों के परिजन जो इन उड़ानों पर यात्रा करना चाहते हैं, वे एयरलाइन की हॉटलाइन 1800 5691 444 पर कॉल कर सकते हैं। इसके अलावा, एअर इंडिया ने बताया कि जो लोग अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों से आ रहे हैं और यात्रा करना चाहते हैं, वे एयरलाइन की दूसरी हॉटलाइन +91 8062779200 पर कॉल कर सकते हैं।
- मुंबई,। एअर इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक (एमडी) कैंपबेल विल्सन ने विमानन कंपनी के बोइंग 787-8 विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने पर बृहस्पतिवार को “गहरा दुख” जताया। उन्होंने कहा कि यह एअर इंडिया में सभी के लिए एक “मुश्किल दिन” है। लंदन के गैटविक जा रहा एअर इंडिया का विमान बृहस्पतिवार दोपहर अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद एक आवासीय इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में दो पायलट और चालक दल के 10 सदस्य सहित 242 लोग सवार थे। विल्सन ने एक वीडियो बयान में कहा कि विमानन कंपनी सभी आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रयासों पर प्राधिकारियों के साथ सक्रिय रूप से काम कर रही है। उन्होंने कहा, “सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण रूप से मैं इस दुर्घटना पर गहरा दुख जाहिर करना चाहता हूं। यह भारत में हम सभी के लिए एक कठिन दिन है। और अब हमारा पूरा ध्यान हमारे यात्रियों, चालक दल के सदस्यों, उनके परिजनों और प्रियजनों की जरूरतों पर केंद्रित है।” विल्सन ने कहा कि इस समय लोगों के मन में कई सवाल होंगे, लेकिन वह सभी के जवाब नहीं दे पाएंगे।उन्होंने कहा, “लेकिन इस समय हमारे पास जो जानकारी है, मैं उसे जरूर साझा करना चाहता हूं। यहां, लंदन-गैटविक के लिए बोइंग 787-8 विमान से संचालित भारत की उड़ान संख्या एआई-171 उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई।” विमान सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसमें 169 भारतीय नागरिक, 53 ब्रिटिश नागरिक, सात पुर्तगाली नागरिक और एक कनाडाई नागरिक सवार था। विल्सन ने कहा, “हम जानते हैं कि बहुत से लोग अपने प्रियजनों की सलामती को लेकर चिंतित हैं। हमने एक विशेष हेल्पलाइन स्थापित की है, जिस पर परिजन और दोस्त हमसे संपर्क कर सकते हैं।” उन्होंने कहा कि फिलहाल सभी टीम यात्रियों, चालक दल के सदस्यों और उनके परिजनों के साथ-साथ जांचकर्ताओं की सहायता के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही हैं।