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नई दिल्ली। केंद्र ने राज्यों से कहा है कि अनलॉक-3 दिशा-निर्देशों से जुड़ी मौजूदा अवधि के दौरान लोगों और वस्तुओं एवं सेवाओं की अंतर-राज्य आवाजाही के साथ-साथ राज्य के अंदर आवागमन पर भी कोई पाबंदी नहीं होनी चाहिए।
सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को आज भेजे गए एक पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने कहा है कि इस आशय की जानकारी मिली है कि विभिन्न जिलों/राज्यों द्वारा आवाजाही पर स्थानीय स्तर पर पाबंदियां लगाई जा रही हैं। इस तरह की पाबंदियां वस्तुओं एवं सेवाओं की अंतर-राज्य आवाजाही में समस्याएं पैदा कर रही हैं और इसके साथ ही आपूर्ति श्रृंखला (सप्?लाई चेन) को भी प्रभावित कर रही हैं। इसके परिणामस्वरूप आर्थिक गतिविधियों और रोजगार में व्यवधान उत्पन्न हो रहे हैं। इसके अलावा, वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है।गृह मंत्रालय ने कहा है कि जिला प्रशासन या राज्यों द्वारा स्थानीय स्तर पर लगाई गई इस तरह की पाबंदियां दरअसल आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के तहत एमएचए द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है।गृह मंत्रालय द्वारा 29 जुलाई, 2020 को जारी ऑर्डर, जिसमें अनलॉक-3 के लिए दिशा-निर्देशों को निर्दिष्ट किया गया है, की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए इस पत्र में यह बात दोहराई गई है कि लोगों और वस्तुओं की अंतर-राज्य आवाजाही के साथ-साथ राज्य के अंदर आवागमन पर भी कोई पाबंदी नहीं होगी। इस तरह की आवाजाही के लिए अलग से अनुमति/अनुमोदन/ई-परमिट लेने की कोई आवश्यकता नहीं होगी। इसमें पड़ोसी देशों के साथ की गई संधियों के तहत सीमा पार व्यापार के लिए वस्तुओं और लोगों की आवाजाही शामिल है।--- - - सुरक्षित कारोबार और आर्थिक गतिविधियों के लिए आरोग्य सेतु ऐप में नया फीचर जोड़ा गयाइस सेवा का फायदा 50 से अधिक कर्मचारियों के साथ पंजीकृत संगठन और व्यावसायिक संस्थाएं उठा सकती हैंनई दिल्ली। हमें कोविड-19 के साथ रहने के लिए कदम आगे बढ़ाते देख आरोग्य सेतु टीम ने एक नई अभिनव सुविधा पर काम किया है जिसे ओपन एपीआई सर्विस कहा जाता है।सुरक्षा का ध्यान रखते हुए व्यवसायों और अर्थव्यवस्था को कामकाज शुरू करने में मदद करने के लिए ओपन एपीआई सेवा संगठनों को आरोग्य सेतु की स्थिति की जांच करने और इसके होम फीचर्स के जरिए इसे अपने विभिन्न कार्यों से जोडऩे में सक्षम बनाती है। आरोग्य सेतु की ओपन एपीआई सेवा कोविड-19 संक्रमण के डर / जोखिम से निपटने और लोगों, व्यवसायों तथा अर्थव्यवस्था को सामान्य स्थिति में लौटने में मदद करती है।आरोग्य सेतु 2 अप्रैल, 2020 को शुरू होने के बाद से ही कोविड-19 से निपटने की भारत की लड़ाई को मजबूत कर रहा है। अरोग्य सेतु अब 15 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ताओं के साथ दुनिया में सबसे अधिक डाउनलोड किए जाने वाले संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वालों का पता लगाने वाले ऐप के रूप में उभरा है। लोगों के उत्साह से भरे भारी समर्थन की वजह से आरोग्य सेतु कोविड-19 के शमन और प्रबंधन में लगे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और सरकार के प्रयासों में सहायता करने में सक्षम हो सका है। 66 लाख से अधिक ब्लूटूथ संपर्कों का पता लगाया गया है और परीक्षण कराए लोगों में कोविड पॉजिटिविटी की प्रतिशतता लगभग 27 प्रतिशत है। इस प्रकार आरोग्य सेतु आधारित ब्लूटूथ कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और परीक्षण बहुत ही कुशल और प्रभावी है। इसी तरह,कई अन्य लोगों को सावधानी बरतने और घर में ही आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है। इससे कोरोना संक्रमण के प्रसार की श्रृंखला को तोडऩे में मदद मिली और यह संक्रमण की प्रारंभिक पहचान करने में प्रभावी रहा है। इससे यह सुनिश्चित हो सका है कि भारत में मृत्यु दर सबसे कम है। उप-पिनकोड स्तरों पर उभरते हॉटस्पॉट की भविष्यवाणी करने के लिए स्थिति डेटा और अरोग्या सेतु विश्लेषिकी का उपयोग करने वाला आरोग्य सेतु इतिहास (आईटीआईएचएएस) इंटरफ़ेस स्वास्थ्य अधिकारियों और प्रशासन को आवश्यक एहतियाती कदम उठाने में मदद करने में बहुत प्रभावी रहा है। 300 मीटर गुना 300 मीटर के बहुत ही छोटे स्तर पर 30 हजार से अधिक हॉटस्पॉट की पहचान की गई है और इससे राज्य सरकारों और जिला प्रशासनों को अवगत कराया गया है।अपनी शुरुआत के बाद से ही आरोग्य सेतु ने लगातार नवाचार किए और ई-पास एकीकरण, क्यूआर कोड स्कैनिंग,परिवार / जानकार लोगों के साथ स्वास्थ्य की स्थिति को साझा करने जैसी कई अभिनव सुविधाओं की शुरुआत की जो आरोग्य सेतु के आदर्श वाक्य - मैं सुरक्षित,हम सुरक्षित,भारत सुरक्षित के अनुरूप भारत और भारतीयों को सुरक्षित रखने में बहुत प्रभावी रहे हैं।ओपन एपीआई सेवाआरोग्य सेतु की ओपन एपीआई सेवा का लाभ उन संगठनों और व्यावसायिक संस्थाओं द्वारा उठाया जा सकता है जो 50 से अधिक कर्मचारियों के साथ भारत में पंजीकृत हैं। वे वास्तविक समय में आरोग्य सेतु आवेदन के बारे में पता लगाने और अपने कर्मचारियों या आरोग्य सेतु के अन्य उपयोगकर्ताओं, जिन्होंने संगठन के साथ अपनी स्वास्थ्य स्थिति साझा करने के लिए अपनी सहमति प्रदान की है, की सेहत की स्थिति प्राप्त करने के लिए ओपन एपीआई सेवा का उपयोग कर सकते हैं। ओपन एपीआई केवल आरोग्य सेतु की स्थिति और आरोग्य सेतु उपयोगकर्ता का नाम ( उपयोगकर्ता की सहमति से) प्रदान करेगा। एपीआई के माध्यम से कोई अन्य व्यक्तिगत डेटा प्रदान नहीं किया जाएगा।
- नई दिल्ली। कोविड-19 संक्रमण के लिए दैनिक परीक्षणों को 10 लाख तक बढ़ाने के अपने संकल्प को पूरा करते हुए भारत ने आज कोविड-19 से निपटने के अपने संघर्ष में एक महत्वपूर्ण पड़ाव को पार कर लिया है।केंद्र और राज्य / केंद्रशासित प्रदेश सरकारों के दृढ़ संकल्पित, केंद्रित, अनवरत और समन्वित प्रयासों के कारण भारत में पिछले 24 घंटों में 1 मिलियन यानी दस लाख परीक्षण कराए गए हैं। कल 10 लाख 23 हजार 836 नमूनों के परीक्षण कराने के साथ ही भारत ने प्रतिदिन 10 लाख नमूनों का परीक्षण करने का अपना संकल्प पूरा कर लिया है।इस उपलब्धि के साथ ही अब तक देश में कुल 3.4 करोड़ से अधिक परीक्षण (3 करोड़ 44 लाख 91 हजार 73) कराए जा चुके हैं।देश में कोविड-19 संक्रमण के दैनिक परीक्षणों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। पिछले तीन हफ्तों के दौरान औसत दैनिक परीक्षण भी देश भर में कोविड-19 परीक्षणों की वृद्धि में लगातार हो रही प्रगति को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं।राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों की ओर से बताया गया है कि उनके यहां आक्रामक और तेजी से परीक्षण कराए जा रहे हैं, और इसी वजह से कोविड-19 की पॉजिटिविटी दर में गिरावट आई है। हालांकि, अधिक संख्या में परीक्षण कराने से शुरू में पॉजिटिविटी दर में वृद्धि होगी लेकिन जब संक्रमण का पता लगते ही आइसोलेशन, संक्रमण का कुशलता से पता लगाने और समय पर प्रभावी और नैदानिक प्रबंधन जैसे उपाय साथ-साथ शुरू कर दिए जाएंगे तो यह अंतत: कम हो जाएगा। परीक्षणों की बढ़ती संख्या के साथ केंद्र और राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के नीतिगत फैसले से देश भर में आसान परीक्षण की सुविधा बढ़ी है। इसने दैनिक परीक्षण क्षमता को बढ़ाया है।इस उपलब्धि में बढ़ी हुई नैदानिक प्रयोगशाला नेटवर्क की भी अहम भूमिका है। आज की तारीख में देश में सरकारी क्षेत्र में 983 प्रयोगशालाओं और 528 निजी प्रयोगशालाओं सहित 1511 प्रयोगशालाओं का एक मजबूत नेटवर्क है।
- चंडीगढ़। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने पंजाब में शनिवार की सुबह भारत पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पांच घुसपैठियों को मार गिराया, एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।अधिकारी ने बताया कि बल के जवानों ने पंजाब के तरन तारन जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर संदिग्ध गतिविधियां देखी। उन्होंने बताया कि संदिग्धों से रुकने के लिए कहा गया लेकिन उन्होंने बीएसएफ के जवानों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी जिसके बाद जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की और इसमें पांच घुसपैठिए मारे गए। बीएसएफ के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि घटना सुबह करीब 4:45 बजे हुई। क्षेत्र में तलाश अभियान चल रहा है।--
- नई दिल्ली। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री राम विलास पासवान ने कहा कि सभी उत्पादों के पैकेजों पर निर्माता के विवरण, अंतिम तिथि, मूल्य और उत्पाद के अन्य विवरण स्पष्ट रूप से दिए जाने चाहिए। उन्होंने उपभोक्ताओं से किसी भी उत्पाद के पैकेज पर कोई जानकारी नहीं मिलने पर शिकायत दर्ज करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि इससे उन निर्माताओं के मन में डर पैदा होगा जो अनुचित कार्य-निष्पादन करने या उत्पादों के न्यून-मानक के वितरण को बाजार में बढ़ावा देने में शामिल हैं।एक वीडियो प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शुक्रवार को मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए, श्री पासवान ने कहा कि आन्ध्र प्रदेश के गुंटूर में कानूनी मेट्रोलॉजी विभाग ने दवाइयों के फार्मास्युटिकल वितरक सेडर ओम के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। श्री पासवान ने बताया कि प्राप्त शिकायत के अनुसार, इसके उत्पाद पर निर्माता का नाम, हेल्पलाइन नंबर और समाप्ति की तिथि स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं दे रहे हैं। इसके अलावा यह भी आरोप लगाया गया है कि घोषणा के अंकों और अक्षरों का आकार 1 मिमी से कम है और आसानी से उपरोक्त दवा पैकेजों पर पढऩे योग्य नहीं है। उन्होंने कहा कि कानूनी मेट्रोलॉजी अधिनियम, 2009 की धारा 15 के तहत वितरक और विक्रेता के परिसरों पर छापेमारी की गई और उपरोक्त दवा के पैकेट जब्त किए गए हैं।---
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नई दिल्ली। राजीव कुमार शुक्रवार को नए चुनाव आयुक्त नियुक्त किए गए। वह अशोक लवासा का स्थान लेंगे, जो इस्तीफा दे चुके हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके पदभार ग्रहण करने की तिथि से उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी। कुमार की नियुक्ति लवासा के स्थान पर हुई है जिनका इस्तीफा 31 अगस्त से प्रभावी होगा। कानून एवं न्याय मंत्रालय की एक अधिसूचना के मुताबिक, संविधान के अनुच्छेद 324 के खंड (2) के अनुसार राष्ट्रपति ने राजीव कुमार (सेवानिवृत्त आईएएस) को चुनाव आयुक्त के पद पर नियुक्त किया है। उनके पदभार ग्रहण करने की तिथि से उनकी नियुक्ति प्रभावी होगी। राजीव कुमार झारखंड कैडर के 1984 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी हैं। -
नई दिल्ली। अश्विनी भाटिया को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया है। कार्मिक मंत्रालय के आदेश में यह जानकारी दी गई है। भाटिया वर्तमान में एसबीआई के उप प्रबंध निदेशक हैं। भाटिया की प्रबंध निदेशक के पद पर नियुक्ति उनकी सेवानिवृति तक के लिये की गई है। वह 31 मई 2022 को सेवानिवृत होंगे।
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आगरा। जिले के थाना फतेहपुर सीकरी अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग-11 पर शुक्रवार को एक बेकाबू कार ने तीन लोगों को रौंद दिया जिससे दो लोगों की मौत हो गई और एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। पुलिस सूत्रों ने बताया कि मृतकों में एक किसान और एक बच्ची शामिल है। गंभीर रूप से घायल महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे के दौरान काफी संख्या में ग्रामीण एकत्रित हो गए और उन्होंने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने कार को कब्जे में लेकर चालक को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने किसान और बच्ची के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। फतेहपुर सीकरी थाने के निरीक्षक आर के सिंह ने बताया कि घायल महिला का अस्पताल में उपचार चल रहा है। गिरफ्तार आरोपी कार चालक राजकुमार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
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पिथौरागढ़। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में बारिश के बाद तड़के एक मकान ढह जाने से एक व्यक्ति और उसके दो बच्चों की मृत्यु हो गयी जबकि उसकी पत्नी घायल हो गयी ।
पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी वीके जोगदंडे ने बताया कि घटना करीब तीन बजे चैसार गांव में हुई जहां मकान ढहने से कुशलनाथ (27)और उसके दो बच्चों की मृत्यु हो गयी । घटना में उसकी पत्नी निधि (25)घायल हो गई। उन्होंने बताया कि मकान पुराना होने की वजह से ढह गया । जिलाधिकारी ने बताया कि राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और पुलिस ने मौके पर पहुंच कर मलबे से शवों को बाहर निकाला, जबकि कुशलनाथ की पत्नी को घायल अवस्था में बाहर निकाला गया ।
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पणजी। उत्तर गोवा के अरमबोल बीच में प्रकृति प्रेमियों और स्थानीय संगठनों ने चंदा एकत्र करके सौ साल पुराने बरगद के एक पेड़ को दोबारा लगा दिया । यह पेड़ भारी बारिश के कारण इस महीने उखड़ गया था।
तटीय राज्य में भारी बारिश के कारण पांच अगस्त को बरगद का पेड़ उखड़ गया था। जिसके बाद लोगों ने इसे फिर से लगाने के लिए चंदा इका करने के लिए एक ऑनलाइन कार्यक्रम शुरू किया। गोवा ग्रीन ब्रिगेड के समन्वयक एवरटिनो मिरांडा ने कहा कि पेड़ को वापस खड़ा करने के लिए धन इका करने के वास्ते अभियान शुरू किया गया था। उन्होंने बताया कि इस अभियान से लगभग दो लाख रुपये एकत्र हुए और हैदराबाद से विशेषज्ञों को इसे दोबारा लगाने के लिए बुलाया गया। उन्होंने बताया कि वट फाउंडेशन के उदय कृष्ण ने पेड़ लगाने में मदद की और जेसीबी मशीन से चार फुट गहरी जगह बना कर इसे दोबारा लगाया गया। (प्रतिकात्मक फोटो)
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कटिहार। बिहार में कटिहार जिले के बरारी प्रखंड अंतर्गत बाईसा गोविंदपुर शंकर बांध के पास एक नौका के डूबने से इसमें सवार तीन बच्चों की मौत हो गई।
अनुमंडल पुलिस अधिकारी अमरकांत झा ने बताया कि कल देर शाम हुए इस हादसे में डूबे बच्चों- राजकुमार महतो (13), गौतम कुमार (12) और करिश्मा कुमारी (13) के शव स्थानीय गोताखोरों की मदद से शुक्रवार को बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए कटिहार सदर अस्पताल भेज दिए गए। उन्होंने बताया कि नौका में कुल नौ लोग सवार थे जिनमें से ये तीन बच्चे लापता बताए जा रहे थे। (प्रतिकात्मक फोटो)
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नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पूरे देश में सड़क निर्माण में आधुनिक और हरित प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने पर जोर दिया। नई हरित राजमार्ग नीति (वृक्षारोपण) की समीक्षा करने और सड़क निर्माण में नई प्रौद्योगिकियों के उपयोग के बारे में वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से विचार-विमर्श करने के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण की लागत 25 प्रतिशत तक कम करना हमारा मिशन होना चाहिए और इसके लिए हमें नई प्रौद्योगिकियों की जरूरत है।
उन्होंने भू-टैगिंग और वेब आधारित जीआईएस सक्षम निगरानी उपकरणों के माध्यम से वृक्षारोपण की निगरानी करने के लिए एक मोबाइल ऐप हरित पथ लॉन्च किया। यह ऐप सभी वृक्षारोपण परियोजनाओं के तहत प्रत्येक वृक्ष के लिए सभी क्षेत्रीय इकाइयों में से प्रत्येक के स्थान, विकास, प्रजातियों के विवरण, रखरखाव गतिविधियों, लक्ष्यों और उपलब्धियों की निगरानी करने के लिए एनएचएआई द्वारा विकसित किया गया है। इस मोबाइल ऐप का उद्घाटन करते हुए श्री गडकरी ने वृक्षारोपण की सतत निगरानी और पेड़ों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर प्रतिरोपण पर जोर दिया।
श्री गडकरी ने राज मार्गों के किनारे वृक्षारोपण के लिए विशेष व्यक्तियों/एजेंसियों को हायर करने का सुझाव दिया। उन्होंने इस कार्य में गैर-सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों और बागवानी तथा वन विभाग को शामिल करने का सुझाव दिया। अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे मार्च 2022 तक राजमार्गों पर शत प्रतिशत वृक्षारोपण के लक्ष्य को अर्जित करने में समर्थ होंगे।
वृक्षारोपण के मुद्दे पर विचार-विमर्श करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि सभी पेड़ों को कटने से बचाना ही हमारा मिशन होना चाहिए और इस उद्देश्य के लिए नई प्रौद्योगिकियों से युक्त विशिष्ट एजेंसियों को इस काम पर रखा जाना चाहिए। उन्होंने इन उद्देश्यों की मजबूती के लिए स्थानीय स्वदेशी सामग्रियों जैसे जूट, कॉयर के इस्तेमाल पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल ही वृक्षों की प्रजातियों का सही चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है।
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गुवाहाटी। असम में सरकार ने सभी विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के शिक्षकों से कहा है कि वे इस महीने के अंत तक अपना कोविड परीक्षण करवा लें।
शिक्षकों से यह भी कहा गया है कि वे पहली सितंबर से अपनी शिक्षा संस्थाओं में डयूटी के लिए पहुंचे। शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार केन्द्र सरकार की अनुमति के बाद अगले महीने की पहली तारीख से सभी शिक्षण संस्थान खोल देगी। यदि केन्द्र सरकार की अनुमति नहीं मिली, तो इन शिक्षण संस्थानों से ही शिक्षकों को ऑनलाइन कक्षाएं लेनी होंगी। -
-मुख्यमंत्रियों व राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ बैठक ली
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तेजी से हो रहे कृषि सुधारों पर मुख्यमंत्रियों व राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज एक बैठक में विस्तृत चर्चा की।
इस दौरान श्री तोमर ने कहा कि एक लाख करोड़ रुपये के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से देश के 85 प्रतिशत से ज्यादा छोटे व मझौले किसानों तक पूरा फायदा पहुंचना जरूरी है। प्रधानमंत्री जी ने किसानों के लिए एक साथ इतनी बड़ी राशि दी है, इतना फंड पहले कभी उपलब्ध नहीं हुआ। श्री तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए अध्यादेश पूरी तरह से किसान हितैषी है, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर भी गुमराह नहीं होना चाहिए, किसानों से एमएसपी पर उपज की खरीद पूर्व की तरह जारी रहेगी। राज्यों के मुख्यमंत्रियों व मंत्रियों ने इस दौरान कहा कि किसानों की भलाई के लिए एक लाख करोड़ रुपये के फंड का उपयोग करने में वे कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, गांव-गांव में इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करेंगे।
श्री तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार के अध्यादेशों से किसानों को बड़ा फायदा होने वाला है। कांट्रेक्ट फार्मिंग व क्लस्टर खेती होने से किसानों की आय में वृद्धि होगी। 10 हजार एफपीओ की स्कीम के लिए 6,865 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जिससे 85 प्रतिशत छोटे किसानों को लाभ मिलेगा। छोटे किसानों का रकबा, उत्पादन-उत्पादकता बढ़ाने की दृष्टि से इन एफपीओ की बड़ी भूमिका होगी। सामूहिक रूप से सिंचाई, खाद-बीज आदि सुविधाएं मिलने से खेती की लागत कम होगी। राज्यों से अगले दौर की बैठकों में भी चर्चा होगी।
योजना के तहत लाभ- एग्री इंफ्रा फंड की योजना अवधि वित्तीय वर्ष 2020 से वित्तीय वर्ष 2029 (10 वर्ष) तक होगी। यह स्कीम किसानों, प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों, किसान उत्पाद संगठन, कृषि उद्यमियों आदि को सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों और फसलोपरांत कृषि मूलभूत संरचना के निर्माण में सहायता प्रदान करेगी। इसके तहत 2 करोड़ रू. तक के ऋण के लिए सीजीटीएमएसई योजना के तहत क्रेडिट गारंटी कवरेज और 3 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से की ब्याज छूट के साथ ऋण के रूप में बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों द्वारा 1 लाख करोड़ रू. दिए जाएंगे। योजना के दिशा-निर्देश जारी हो चुके हैं। एक पोर्टल भी खोला गया है।
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बेंगलुरु। अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने कहा कि भारत के दूसरे चंद्र अभियान चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की कक्षा में चारों ओर परिक्रमा करते हुए एक वर्ष पूरा कर लिया है और इसके सभी उपकरण वर्तमान में अच्छी तरह काम कर रहे हैं। साथ ही कहा कि सात और वर्षों के संचालन के लिए चंद्रयान-2 में पर्याप्त ईंधन मौजूद है।
चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण 22 जुलाई 2019 को किया गया था और ठीक एक साल पहले 20 अगस्त को इसने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा, हालांकि, उतरने का प्रयास (रोवर ले जाने वाले लैंडर का) सफल नहीं हुआ था। वहीं, आठ वैज्ञानिक उपकरणों से सुसज्जित अंतरिक्षयान ने सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था। अंतरिक्षयान ने चंद्रमा की कक्षा में करीब 4,400 परिक्रमा पूरी की हैं और इसके सभी उपकरण अच्छी तरह काम कर रहे हैं। इसरो ने एक बयान में कहा कि अंतरिक्षयान बिल्कुल ठीक था और इसकी उप प्रणालियों का प्रदर्शन सामान्य है।
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नई दिल्ली। भारत और मालदीव के बीच एक सीधी जलपोत सेवा अगले महीने शुरू होगी। पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मालदीव यात्रा के दौरान इस सेवा पर सहमति हुई थी। यह सेवा केरल के कोच्ची और तमिलनाडु के तूतुकुड़ी को मालदीव की राजधानी माले से जोड़ेगी।
दोनों देशों के बीच यात्रियों और माल परिवहन की कम खर्चीली इस सेवा के लिए पिछले वर्ष एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। जलपोत दोनों तरफ की यात्रा दस दिन में पूरा करेंगे। शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा इस सेवा का संचालन किया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि इस सेवा से द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक संबंधों को गति मिलेगी। इन जलपोतों में फल और सब्जियां, अंडे, खाद्यान्न जैसे सामान के अलावा इलेक्ट्रिकल मशीनरी और उपकरण, दवाइयां, निर्माण सामग्री, रेत, कपड़े और वस्त्र जैसी वस्तुओं को भी ले जाया जाएगा।
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नई दिल्ली। कर्मचारी राज्य बीमा निगम-ई.एस.आई.सी. ने कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए कामगारों को इस साल 24 मार्च और 31 दिसंबर के बीच बेरोजग़ारी लाभ के रूप में तीन महीनों के औसत वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर राशि का भुगतान करने के लिए नियमों में ढील दी है।
कल नई दिल्ली में केद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार की अध्यक्षता में हुई ई.एस.आई.सी की 182वीं बैठक में इसका निर्णय किया गया। ई.एस.आई.सी. अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना पर अमल कर रहा है जिसके अंतर्गत कर्मचारी राज्य बीमा योजना के तहत आने वाले कामगारों को बेरोजगारी लाभ दिया जाता है। इस योजना का अगले साल 30 जून तक विस्तार करने का भी फैसला किया गया है। मौजूदा शर्तों में ढील देने और कोविड महामारी के दौरान रोजगार खोने वाले कामगारों को दी जाने वाली राहत राशि में वृद्धि करने का भी निर्णय किया गया है। बढ़ी हुई राशि का भुगतान इस साल 24 मार्च से 31 दिसंबर तक की अवधि के दौरान किया जाएगा। इसके बाद अगले साल पहली जनवरी से 30 जून तक पात्रता शर्तों को ध्यान में रखकर भुगतान किया जाएगा। इन शर्तों की समीक्षा मांग और जरूरत को ध्यान में रखते हुए इस साल 31 दिसंबर के बाद की जाएगी।
- नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उद्योगों और शैक्षणिक संस्थाओं को साथ जोड़ते हुए पाठ्यक्रम तैयार करने की संकल्पना की गई है ताकि छात्रों की प्रतिभा का उद्योगों की जरूरतों के लिये उपयोग हो सके।ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (एआईएमए) के 25वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए निशंक ने कहा कि पहले उद्योगों का इंजीनियरिंग कॉलेजों आदि से उतना संबंध नहीं देखा जाता था । उद्योगों को क्या चाहिए, यह संस्थान को पता नहीं होता था और संस्थानों से जुड़े विषयों की उद्योगों को जानकारी नहीं होती थी ।केंद्रीय मंत्री ने कहा, हमने इस खाई को पाटने का काम किया है । हम उद्योगों एवं इन प्रौद्योगिकी से जुड़ी शैक्षणिक संस्थानों को साथ जोड़ते हुए इसके आधार पर पाठ्यक्रम तैयार करेंगे । उन्होंने साथ ही कहा कि नयी नीति के तहत छठी कक्षा से ही व्यवसायिक शिक्षा के साथ इंटर्नशिप को जोड़ रहे हैं ताकि स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद छात्र कौशल सम्पन्न बन सकें । निशंक ने डिजिटल माध्यम से अपने संबोधन में कहा, हमारा प्रयास अकादमिक कार्यो को शिक्षणेत्तर गतिविधियों एवं व्यवसायिक शिक्षा के साथ जोडऩे पर है। नयी शिक्षा नीति के तहत हम छठी कक्षा से ही व्यवसायिक शिक्षा को इंटर्नशिप से जोड़ रहे हैं । उन्होंने कहा कि भारत एक युवा देश है और नये भारत के निर्माण में युवाओं खासकर प्रबंधन से जुड़े युवाओं का महत्वपूर्ण योगदान होगा ।---
- नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक सितंबर से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय विमान यात्रियों से अधिक विमानन सुरक्षा शुल्क (एएसएफ) वूसलने का फैसला किया है। यह जानकारी वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने दी। इससे हवाई यात्रा और महंगी हो जाएगी।अधिकारी ने बताया कि अगले महीने से घरेलू हवाई यात्रियों को एएसएफ के तौर पर 150 रुपये के बजाय 160 रुपये का भुगतान करना होगा। वहीं, अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को एक सितंबर से 4.85 डॉलर के बजाय 5.2 डॉलर बतौर एएसएफ चुकाना होगा। उल्लेखनीय है कि विमान कंपनियां टिकट की बुकिंग के वक्त एएसएफ वसूल कर सरकार को जमा कराती हैं। इस राशि का इस्तेमाल पूरे देश के हवाई अड्डों की सुरक्षा व्यवस्था पर खर्च किया जाता है। मंत्रालय ने पिछले साल भी एएसएफ में वृद्धि की थी।मंत्रालय ने पिछले साल सात जून को घोषणा की थी कि घरेलू यात्रियों के लिए एएसएफ 130 रुपये से बढ़ाकर 150 रुपये किया जाएगा जबकि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए यह राशि 3.25 डॉलर के बजाय 4.85 डॉलर होगी। नयी दरें एक जुलाई 2019 से लागू हुई थीं। गौरतलब है कि कोविड-19 की वजह से लागू यात्रा प्रतिबंध का सबसे अधिक असर विमानन क्षेत्र पर पड़ा है और कई विमानन कंपनियां खर्चों में कटौती के उपायों के तहत कर्मचारियों के वेतन में कटौती, बिना वेतन छुट्टी पर भेजने एवं नौकरी से निकालने जैसे कदम उठा रही हैं।
- बांदा (उप्र)। जिले की बबेरू कोतवाली क्षेत्र के दतौरा गांव के मोड़ के पास कल यात्रियों से भरा एक तिपहिया वाहन (ऑटो) सड़क किनारे खाईं में पलट गया जिससे उसमें सवार छह व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए।बबेरू कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) जयश्याम शुक्ला ने बताया कि - यात्रियों से भरा एक तिपहिया वाहन (ऑटो) कमासिन रोड़ में दतौरा गांव के मोड़ के पास अचानक सड़क किनारे गहरी खाईं में पलट गया, जिससे उसमें सवार छह यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्होंने बताया कि सूचना पर पहुंची पुलिस ने सभी घायलों को इलाज के लिए बबेरू के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में भर्ती करवाया। घायलों में तीन की हालत चिंताजनक है। एसएचओ ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त वाहन को कब्जे में लेकर जांच आरंभ कर दी गयी है।
- बनिहाल/जम्मू। रामबन जिले में भारी बारिश के बाद कई जगह हुए भूस्खलन से जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बाधित हो गया। इससे राजमार्ग पर 200 से अधिक वाहन फंस गए। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।अधिकारियों ने कहा कि 270 किलोमीटर लंबा यह राजमार्ग कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है। त्रिशूल मोड़, बैटरी चश्मा और पंटियाल इलाकों में भूस्खलन के कारण राजमार्ग अवरुद्ध हो गया है। उन्होंने बताया कि इससे राजमार्ग पर अलग-अलग जगहों पर 200 से अधिक वाहन फंस गए हैं। रास्ते को फिर से खोलने के लिए श्रमिकों और मशीनों को तैनात किया गया है। रामबन जिले में भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन के कारण राजमार्ग पिछले सप्ताह दो दिनों के लिए बंद रहा।-
- नई दिल्ली। देश की एकता और अखंडता में योगदान के क्षेत्र में दिए जाने वाले सर्वोच्च नागरिक सम्मान सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता पुरस्कार के लिए आनलाइन नामांकन की प्रक्रिया की अवधि 31 अक्तूबर तक बढ़ा दी गई है।इसके लिए नामांकन गृह मंत्रालय की वेबसाइट www.nationalunityawards.mha.gov.in पर भेजे जा सकते हैं। इस पुरस्कार की स्थापना केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय एकता और अखंडता को बढ़ावा और योगदान देने वालों को सम्मानित करने के लिए की है।----
- नई दिल्ली। विदेशों में फंसे कुल 11 लाख 20 हजार भारतीयों को वंदे भारत मिशन के तहत अब तक वापस लाया जा चुका है।नई दिल्ली में गुरुवार को मीडिया को यह जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि इस मिशन के पांच चरण में चल रहे बाईस विभिन्न देशों से अब तक लगभग पांच सौ अंतरराष्ट्रीय उड़ानें और एक सौ तीस घरेलू उड़ानें संचालित की गई है। ये उड़ानें भारत के 23 हवाई अड्डों पर पहुंची हैं। इस महीने के अंत तक लगभग तीन सौ 75 और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें संचालित होने वाली हैं।प्रवक्ता ने कहा कि कुवैत, मालदीव, मलेशिया, सिंगापुर, फिलीपींस, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और कनाडा से प्रवासी भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए उड़ानें जोड़ी गई हैं। अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, यूएई, कतर, और मालदीव के साथ द्विपक्षीय एयर बबल व्यवस्था अच्छी तरह से काम कर रही है।----
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-केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने किया ऑनलाइन किया उद्घाटन
परियोजना के तहत दो गौण वन ऊपज तृतीयक प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की जाएंगी
नई दिल्ली। केंद्रीय जनजातीय मामले मंत्री अर्जुन मुंडा ने आज यहां राज्य मंत्री रेणुका सिंह, महाराष्ट्र के जनजातीय मामले मंत्री के. सी. पदवी, ट्राइफेड के अध्यक्ष रमेश चंद मीणा और ट्राइफेड के प्रबंध निदेशक प्रवीर कृष्णा की उपस्थिति में महाराष्ट्र के रायगढ़ और छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में ट्राइफेड की ट्राइफूड परियोजना के तृतीयक प्रसंस्करण केंद्रों को ई-लांच किया। मंत्रालयों के वरिष्ट अधिकारियों एवं दोनों राज्यों के गणमान्य व्यक्तियों ने भी इस वर्चुअल उद्घाटन में भाग लिया।
खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के सहयोग से जनजातीय मामले मंत्रालय के ट्राइफेड द्वारा कार्यान्वित किए जा रहे ट्राइफूड परियोजना का लक्ष्य जनजातीय वन संग्रहकर्ताओं द्वारा संग्रहित एमएफपी के बेहतर उपयोग एवं मूल्य वर्धन के जरिये जनजातीयों की आय को बढ़ाना है। इसे अर्जित करने के लिए, आरंभ में, दो गौण वन ऊपज (एमएफपी) तृतीयक प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की जाएंगी।
महाराष्ट्र के रायगढ़ की इकाई का उपयोग महुआ, आंवला, कस्टर्ड सेब एवं जामुन के मूल्य वर्धन के लिए किया जाएगा तथा यह महुआ पेय, आवंले का जूस और कस्टर्ड सेब पल्प का उत्पादन करेगी। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर की मल्टी कमोडिटी प्रोसेसिंग सेंटर का उपयोग महुआ, आंवला, शहद, काजू, हल्दी, अदरक, लहसुन एवं अन्य फलां तथा सब्जियों के लिए किया जाएगा। इन्हें महुआ पेय, आंवला जूस, कैंडी, शुद्ध शहद, लीउुन-अदरक पेस्ट एवं फलां तथा सब्जियों के पल्प में रूपांतरित किया जाएगा।
इस परियोजना के साथ जुड़े हुए सभी लोगों को बधाई देते हुए अर्जुन मुंडा ने जनजातीय खाद्य संग्रहकर्ताओं की निम्न स्थिति में सुधार लाने के उनके प्रयासों की सराहना की। इस समग्र विकास पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, उन्होंने जनजातीय जीवन की जैव-विविधता के तथा कैसे इन्हें संरक्षित किया जाए एवं बढ़ाया जाए, से संबंधित पहलुओं को छूआ। उन्होंने कहा कि यह परियोजना जनजातीय उद्यमशीलता को बढ़ावा देने में सहायक होगी। उन्होंने विशेष रूप से इस परियोजना के लिए ट्राइफेड के प्रयासों की सराहना की जो न केवल यह सुनिश्चित करता है कि यह जैव-विविधता बनी रहे बल्कि जनजातियों के विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ बैकवर्ड एवं फारवर्ड लिंकेज को भी आगे बढ़ाता है। जनजातियों के उत्थान के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में ट्राइफेड इस अभूतपूर्व संकट के समय उनकी परेशानियों को दूर करने के लिए कई अभिनव पहल करती रही है। उन्होंने जमीनी स्तर पर इस महत्वाकांक्षी पहल के लिए काम करने वाले अधिकारियों को प्रोत्साहित किया जिससे कि इसकी पूरे देश में पुनरावृत्ति की जा सके। उन्होंने विचार व्यक्त किया कि डीएम एवं डीएफओ जनजातीयों के विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर सकते हैं।
इस अवसर पर केन्द्रीय राज्य रेणुका सिंह सरुता ने भी संयुक्त प्रयासों एवं उस विजऩ की सराहना की जिसकी वजह से इन दो पड़ोसी राज्यों में ऐसी सार्थक पहल संभव हो सकी है। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस पहल से इन दोनों राज्यो में जनजातीय आबादी को काफी लाभ पहुंचेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि इन परियोजनाओं को अन्य राज्यों में भी विस्तारित किया जाएगा। आर. सी. मीणा ने जनजातियों के जीवन में सुधार लाने के लिए ट्राइफेड की ऐसी कई उपयोगी योजनओं एवं कार्यक्रमों पर विचार किया तथा उम्मीद जताई कि यह परियोजना इन दोनों राज्यों में इस उद्वेश्य को पूरा करेगी।
इससे पूर्व, ट्राइफेड के प्रबंध निदेशक श्री प्रवीर कृष्णा ने जनजातीय मामले मंत्रालय के ट्राइफेड एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय तथा एनएसटीएफडीसी की टीमों को इस पहल पर उनके कार्य के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने यह भी बताया कि किस प्रकार छत्तीसगढ़ एवं महाराष्ट्र में ट्राइफूड परियोजना जनजातियों के लिए रोजगार, आमदनी एवं उद्यमशीलता के संवर्धन के जरिये व्यापक विकास पैकेज पस्तुत करने का एक प्रयास है।
विशेष रूप से, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के जरिये गौण वन ऊपज (एमएफपी) के विपणन तथा एमएफपी के लिए मूल्य श्रृंखला के विकास' स्कीम पहले ही इस अभूतपूर्व संकट के समय में बदलाव के प्रकाशदीप के रूप में उभर कर आई है और इसने सकारात्मक रूप से जनजातीय परितंत्र को प्रभावित किया है जैसा पहले कभी नहीं हुआ था। देश के 21 राज्यों में राज्य सरकारी एजेन्सियों के सहयोग से ट्राइफेड द्वारा कार्यान्वित यह स्कीम अभी तक जनजातीय अर्थव्यवस्था में प्रत्यक्ष रूप से 3000 करोड़ रुपये का समावेश कर चुकी है। मई 2020 में सरकारी मदद की सहायता से जिसमें गौण वन ऊपज (एमएफपी) के मूल्यों में 90 प्रतिशत की बढोतरी की गई और एमएफपी सूची में 23 नई मदों का समावेश किया गया, जनजातीय मामले मंत्रालय की इस प्रमुख योजना, जिसे 2005 के वन अधिकार अधिनियम से शक्ति मिलती है, का लक्ष्य वन ऊपजों के जनजातीय संग्रहकर्ताओं को लाभदायक एवं उचित मूल्य उपलब्ध कराना है।
इसी योजना के अन्य घटक-वन धन विकास केंद्र/ जनजातीय स्टार्ट अप्स भी एमएसपी को बेहतर तरीके से आगे बढ़ता है क्योंकि यह जनजातीय संग्रहकर्ताओं और वनवासियों तथा घरों में रह रहे जनजातीय कारीगरों के लिए रोजगार सृजन के एक स्रोत के रूप में उभरा है। 22 राज्यों में 3.6 लाख जनजातीय संग्रहकर्ताओं एवं 18 हजार स्वयं सहायता समूहों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए 18 हजार 500 एसएचजी में 1205 जनजातीय उद्यम स्थापित किए गए हैं। कार्यक्रम का मूल बिन्दु यह है कि यह सुनिश्चित करता है कि इन मूल्य वद्र्धित उत्पादों की बिक्री से प्राप्त लाभ सीधे जनजातीयों तक पहुंचे।
ट्राइफूड परियोजना का लक्ष्य इसके वांछित गुणों के दोनों घटकों को अभिमुख करना है। खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के सहयोग से इन इकाइयों, जिनकी स्थापना प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के तहत बैकवर्ड एवं फारवर्ड लिंकेज के सृजन के लिए स्कीम के अंतर्गत की जाएंगी, राज्य में वन केंद्रों से कच्चे माल की खरीद करेगी। पूर्ण रूप से प्रसंस्कृत उत्पादों को देश भर में ट्राइब्स इंडिया आउटलेटों एवं फ्रेंचाइजी स्टारों के जरिये बेचा जाएगा। इसके अतिरिक्त, ट्राइफेड की योजना उन जनजातीय उद्यमियों की पहचान करने एवं उन्हें प्रशिक्षित करने की है जो उत्पादों को बेच भी सकते हैं। -
नई दिल्ली। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को बताया कि मध्य भारत के हिस्सों में अगले पांच दिन में भारी बारिश की संभावना है। राष्ट्रीय राजधानी और इसके आसपास के इलाकों समेत देश के कई हिस्सों में बुधवार को भारी बारिश हुई। दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में भारी बारिश के बाद जलजमाव से जनजीवन प्रभावित रहा। आईएमडी के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि दिल्ली में शाम पांच बजकर 30 मिनट तक मध्यम बारिश हुई और अगले 24 घंटे में और बारिश की संभावना है। बारिश की वजह से दिल्ली, गुडग़ांव और नोएडा में लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा और कई स्थानों पर यातायात जाम रहा। आईएमडी के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र एवं क्षेत्रीय मौसम केंद्र के अनुसार ओडिशा के उत्तरी तटीय इलाके में निम्न दबाव वाले क्षेत्र बने हैं। निम्न दबाव वाले क्षेत्र का निर्माण होना चक्रवात का पहला चरण होता है। अगले 24 घंटे में इसके पश्चिम की ओर बढऩे और दबाव वाला क्षेत्र बनने की काफी संभावना है।
आईएमडी ने बताया कि इन स्थितियों के प्रभाव की वजह से बुधवार को ओडिशा में भारी से बेहद भारी बारिश और अत्यंत भारी बारिश की संभावना जारी की गई है। वहीं 19-20 अगस्त को छत्तीसगढ़ में, 20 अगस्त को पूर्वी मध्य प्रदेश में, 21 अगस्त और 22 अगस्त को पश्चिमी मध्य प्रदेश में, पूर्वी राजस्थान में 22 अगस्त को और गुजरात में 22 और 23 अगस्त को भारी बारिश की संभावना है। आईएमडी के अनुसार जम्मू, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में आने वाले दिनों में भारी से भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने इन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लोगों को आगाह किया है कि वे कच्चे मार्ग और कमजोर ढाचों की क्षति, मिट्टी धंसने और फसलों की क्षति के संबंध में तैयार रहें। भारी बारिश की वजह से दृश्यता कम हो सकती है और निचले इलाकों में जलजमाव जैसी समस्या पैदा होने के साथ यातायात जाम का भी सामना करना पड़ सकता है। बुधवार को हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के हिस्सों में भारी बारिश की वजह से अधिकतम तापमान में कमी दर्ज की गई। हरियाणा के अम्बाला, हिसार, करनाल, पंचकूला, यमुनानगर तथा सोनीपत में भारी बारिश हुई। मौसम विभाग ने बताया कि उत्तर प्रदेश के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई और कहीं-कहीं गरज के साथ छींटे भी पड़े। उत्तराखंड के राज्य आपदा कार्यालय ने देहरादून में बताया कि रात में भारी बारिश की वजह से उत्तराखंड में कई सड़कें बंद हैं। इन सड़कों में केदारनाथ, बद्रीनाथ मंदिर की तरफ जानेवाले मार्ग भी शामिल हैं। वहीं मौसम विभाग ने बताया कि मध्य महाराष्ट्र और कोंकण क्षेत्र में अगले चार से पांच दिन में भारी बारिश की संभावना है। मुंबई और पड़ोसी ठाणे में शुक्रवार और शनिवार को भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने कहा निम्न दबाव वाले क्षेत्र की वजह से दक्षिणी बंगाल के जिलों में 19 से 25 अगस्त के बीच भारी बारिश की संभावना है। मछुआरों को 19 और 20 अगस्त को समुद्र में नहीं जाने की हिदायत दी गई है। कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी केंद्र ने एक बयान में बताया कि कर्नाटक के तटीय और कुछ अंदरूनी इलाकों में अगले 24 घंटे में कई स्थानों पर बारिश और गरज के साथ छीटें पडऩे की संभावना है।