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- गर्मियों के मौसम में लोग खानपान और हाइड्रेशन पर तो ध्यान देते हैं लेकिन स्किन केयर को लेकर अक्सर बहुत सारी गलतियां कर बैठते हैं. लोग गर्मियों में नारियल तेल को नजरअंदाज कर देते हैं. कई लोगों को लगता है कि नारियल तेल गर्मी में स्किन को चिपचिपा और ऑयली बना देगा लेकिन सच्चाई बिल्कुल अलग है. नारियल का तेल सिर्फ सर्दियों में ही नहीं बल्कि गर्मियों में भी आपकी स्किन के लिए बहुत सही माना जाता है. इसमें मौजूद फैटी एसिड एंटीऑक्सीडेंट और सूजन कम करने वाले गुण स्किन को अंदर से पोषण देने का काम करते हैं.गर्मियों में क्यों होता है नारियल तेल फायदेमंद ज्यादातर लोग नहीं जानते लेकिन गर्मियों में नारियल तेल हमारी स्क्रीन के लिए बहुत फायदेमंद होता है. यह स्किन को गहराई से मॉइश्चराइजर करता है, इसके अलावा यह हमारी स्किन को हाइड्रेट रखता है और शरीर से रूखापन दूर करता है.धूप से करता है सुरक्षा सूजन और जलन से भी देता है राहतलोगों को नहीं पता होता है लेकिन गर्मियों में नारियल का तेल यूवी किरणों से हमारे शरीर का बचाव करता है साथ ही सनबर्न का खतरा भी कम करता है. गर्मियों में पसीने और उमस के कारण सूजन और जलन जैसी समस्या होना आम है. लेकिन नारियल तेल आपको गर्मियों में पसीने, जलन से हुई रेडनेस इरिटेशन को कम करने में मदद करता है.कील मुंहासों को दूर और ब्लड सर्कुलेशन को करता है बेहतरगर्मियों में अक्सर लोग कील मुंहासे की समस्या से परेशान रहते हैं. लेकिन नारियल तेल में कहीं ऐसे एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो हमारी स्किन पर बैक्टीरिया को पनपने से रोकते हैं. इससे हमारी स्किन को कील मुंहासे से भी राहत मिलती है. वहीं नारियल तेल से मसाज करने से हमारे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है इससे शरीर को भी काफी आराम मिलता है.चेहरे पर ऐसे करें इस्तेमालगर्मी में आप रात के समय में चेहरे को साफ करके हल्का सा नारियल तेल लगा सकते हैं. जिससे यह स्किन को नमी देगा साथ ही उसे मुलायम और चमकदार भी बनाएगा. हालांकि जिनकी स्किन बहुत सेंसिटिव होती है उन्हें नारियल तेल लगाने से पहल पेच टेस्ट जरूर करना चाहिए.किसे रहना चाहिए नारियल तेल से सावधानअगर आप नारियल तेल का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन आपकी स्किन काफी ऑयली है. साथ ही आपकी स्किन पर एलर्जी भी होती है ऐसे में आपको नारियल तेल का सीमित मात्रा में ही इस्तेमाल करना चाहिए. कुछ स्किन टाइप्स पर यह पिंपल्स भी बढ़ सकता है इसलिए आप इसके इस्तेमाल को लेकर डॉक्टर की सलाह भी ले सकते हैं.
- गर्मियों में जिस समस्या से महिलाएं और पुरुष सबसे ज्यादा परेशान रहते हैं वह है टैनिंग। धूप से मिला कालापन सुंदरता को खराब करता है और अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो इससे निपटना बहुत मुश्किल हो जाता है। धूप के अलावा धूल-मिट्टी और गंदगी की वजह से स्किन पर कालापन दिखने लगता है और डेड स्किन जम जाती है। इससे छुटकारा पाने के लिए आप घर पर बने डी-टैन बॉडी वॉश का इस्तेमाल कर सकते हैं। यहां देखिए इसे कैसे बनाएं-घर पर डी-टैन बॉडी वॉश बनाने के लिए आपको चाहिए-- कॉफी- शहद-चीनी पाउडर- भुनी हुई हल्दी-नारियल का तेलकैसे बनाएं डी-टैन बॉडी वॉशइस वॉश को बनाने के लिए सबसे पहले तवा गर्म करें और उस पर हल्दी पाउडर डालकर अच्छे से भून लें। जब हल्दी का रंग पीले से भूरा हो जाए तो आंच को बंद करें और फिर इसे एक प्लेट में निकाल लें। अब एक कंटेनर में कॉफी, शहद, चीनी पाउडर, भुनी हुई हल्दी और नारियल का तेल डालें। सभी चीजों को अच्छी तरह से मिक्स कर लें। अगर आपके पास चीनी का पाउडर नहीं है तो आप घर में रखी चीनी को पीसकर पाउडर बना लें। सभी चीजें जब अच्छे से मिक्स हो जाएं तो इसमें केमिकल रहित बॉडी वॉश भी मिला दें। अच्छे से मिक्स करें और फिर एक टाइट कंटेनर में स्टोर करें और नहाने के लिए इस्तेमाल करते रहें। जब आप नियमित तौर पर इसका इस्तेमाल करेंगे तो टैनिंग से छुटकारा मिलेगा और स्किन सुपर सॉफ्ट हो जाएगी।
- आजकल की अनहेल्दी लाइफस्टाइल से जहां कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ा है वहीं, स्किन और बालों पर भी इसका असर देखने को मिला है। हेयर फॉल, हेयर थिनिंग और बालों का समय से पहले सफेद होना ऐसी ही परेशानियां हैं जो मॉडर्न लाइफस्टाइल की वजह से तेजी से बढ़ रही हैं। कम उम्र में बालों को सफेद होने से रोकने के लिए आयुर्वेद में कुछ फूड्स का सेवन लाभकारी माना जाता है। आइए जानते हैं उन्हीं फूड्स के नाम जो आपके बालों को नेचुरली हेल्दी और ब्लैक रखने का काम करते हैं।अश्वगंधास्ट्रेस और थकान कम करने के लिए अश्वगंधा को दूध में घोलकर पीने की आदत कई लोगों में होती है। लेकिन, बहुत कम लोगों को पता है कि अश्वगंधा का दूध पीने से आपके बालों की कई समस्याएं भी कम होती हैं। अदरकचाय में पड़ने वाली साधारण-सी अदरक कई ऐसे औषधीय गुणों से भरपूर होती है जो बालों की हेल्थ सुधारते हैं। आप प्री-मैच्योर हेयर ग्रेइंग को रोकने के लिए अदरक का सेवन (Ginger For Black Hair) कर सकते हैं। अदरक की चटनी या अदरक और शहद का सेवन करने से भी बालों को फायदा हो सकता है।आंवलाबालों के लिए आंवले का सेवन बालों की हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। आंवले का जूस पीने से बालों को मजबूती मिलती है, इससे हेयर फॉल रुकता है और काले बालों का समय से पहले सफेद होने जैसी समस्याएं कम होती हैं।गाजर का जूस पिएंविटामिंस और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर गाजर का जूस पीने से भी सफेद बालों की समस्या कम होती है। गाजर में विटामिन और विटामिन ई पाया जाता है जो बालों को सफेद होने से बचाता है।काला तिलतिल के बीजों को आयुर्वेद में बालों के लिए बहुत फायदेमंद बताया गया है। यह आपके बालों को काला और शाइनी बनाता है।Disclaimer : यह आर्टिकल केवल सामान्य जानकारी और सलाह देता है। यह किसी भी तरह से चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। इसलिए अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर करें।
- हमारे नाखून न केवल सौंदर्य का हिस्सा हैं, बल्कि शरीर की अंदरूनी स्थिति का संकेत भी देते हैं। कमजोर, टूटते या बदलते रंग के नाखून कई बार पोषण की कमी या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की ओर इशारा करते हैं। वहीं नाखूनों पर बनने वाली रेखाएं, दाग या बदलाव अक्सर शरीर में हो रही पोषक तत्वों की कमी, बीमारियों या अन्य शारीरिक असंतुलन का संकेत होते हैं। आइए जानें नाखूनों पर बनने वाली अलग-अलग लाइनों और उनकी संभावित वजहों के बारे में।गहरी लाइनेंअगर नाखूनों पर गहरी क्षैतिज रेखाएं दिख रही हैं तो यह ब्यूज लाइन्स हो सकती हैं। ये रेखाएं गंभीर बीमारी, बुखार, डेंगू, कोविड-19 या किसी बड़ी सर्जरी के बाद शरीर में पोषण की कमी या तनाव का कारण बनती हैं। ये शरीर के रिकवरी पीरियड का संकेत हो सकती हैं। इस तरह के लक्षण को इग्नोर नहीं करना चाहिए।वर्टिकल लाइन्सवर्टिकल लाइन्स पतली, सीधी रेखाएं अधिकतर उम्र के बढ़ने के साथ सामान्य रूप से बनती हैं। लेकिन अगर ये रेखाएं गहरी हों और अचानक बनें, तो यह आयरन, मैग्नीशियम या विटामिन बी12 की कमी का संकेत हो सकती हैं। लंबे समय तक नाखून के इन लक्षणों को इग्नोर नहीं करना चाहिए। (Also Read: शरीर के अंगों को डैमेज कर सकती है इन विटामिनों की कमी)सफेद रेखाएं या धब्बेनाखूनों पर सफेद रेखाएं या छोटे-छोटे धब्बे दिखना अक्सर कैल्शियम, जिंक या प्रोटीन की कमी का संकेत होते हैं। कभी-कभी ये चोट लगने या नाखूनों की देखभाल में लापरवाही के कारण भी हो सकते हैं। अगर आपके नाखूनों में ऐसी लाइन दिख रही हैं, तो इन्हें इग्नोर न करें और एक बार डॉक्टर से इस बारे में बात कर लेनी चाहिए।गहरी काली रेखाअगर नाखून में एक सीधी काली या भूरी रेखा दिखे, तो यह त्वचा की कोशिकाओं के अत्यधिक सक्रिय होने का संकेत हो सकता है। कभी-कभी यह त्वचा कैंसर (मेलानोमा) का शुरुआती लक्षण भी हो सकता है, इसलिए इसे नजरअंदाज न करें। समय रहते कैंसर का निदान और इलाज शुरू करना स्थिति को जटिल होने से बचा सकता है।स्ट्रक्चर में बदलाव वाली रेखाएंअगर नाखून की सतह पर गड्ढे, दरारें या उभरी रेखाएं नजर आएं, तो यह सोरायसिस या एक्जिमा जैसी त्वचा संबंधी बीमारियों का संकेत हो सकता है। यह लक्षण अक्सर शरीर के अंदरूनी स्वास्थ्य समस्याओं को भी दर्शाते हैं, जिनकी समय पर जांच आवश्यक होती है।(नोट : यह आर्टिकल केवल सामान्य जानकारी और सलाह देता है। इसलिए अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर करें। )
- चटनी-अचार न सिर्फ खाने का स्लाद बढ़ाते हैं बल्कि इनमें पड़े मसाले हेल्थ के लिए भी अच्छे होते हैं। कुछ डिशेज तो ऐसी होती हैं जिनमें अचार के बिना मजा ही नहीं आता। वहीं कई बार सब्जी न होने पर अचार का बड़ा सपोर्ट होता है। यहां तीन पॉप्युलर अचारों की रेसिपीज हैं जिन्हें देखकर आप खुद अचार एक्सपर्ट बन सकती हैं।लाल मिर्च का अचारसामग्री: • ताजी लाल मिर्च: 100 ग्राम • सरसों: 3 चम्मच • सौंफ: 1 चम्मच • हल्दी पाउडर: 1/4 चम्मच • नमक: 1 चम्मच • तेल: 5 चम्मच • नीबू का रस: 1 चम्मचविधि: लाल मिर्च को पानी से अच्छी तरह से धोकर साफ और सूखे कपड़े से पोंछकर अच्छी तरह से सुखा लें। मिर्च का ऊपरी सिरा काटकर हटा दें और बीज भी निकाल दें। मिर्च को लंबाई में काट लें। एक बड़े बर्तन में सरसों, सौंफ, नमक, हल्दी पाउडर, नीबू का रस और लगभग आधा तेल डालकर मिलाएं। अब इस मिश्रण में लाल मिर्च डालकर मिलाएं। अब एक मर्तबान लें और उसमें यह अचार डालें। बाकी बचा हुआ तेल भी ऊपर से डालें। अचार को तीन घंटे के लिए ऐसे ही छोड़ दें। तीन घंटे बाद परांठा आदि के साथ सर्व करें।आम का अचारसामग्री: • सख्त कच्चे आम: 1/2 किलो • हल्दी पाउडर: 1/2 चम्मच • लाल मिर्च पाउडर: 1/2 चम्मच • देगी मिर्च पाउडर: 1/2 चम्मच • हींग पाउडर: 1/4 चम्मच • सौंफ पाउडर: 1 चम्मच • नमक: 2 चम्मच • सरसों का तेल: 1 चम्मचविधि: आम को धोकर पोंछ लें। छिलका छीलकर छोटे टुकड़ों में काट लें। एक पैन में एक चम्मच तेल गर्म करके उसमें हींग पाउडर डालें फिर हल्दी पाउडर डालकर भूनें और तुरंत आम के टुकड़े डाल दें। गैस बंद करें। सारे मसाले और नमक डालें। आधे घंटे में आम पानी छोड़ देगा। गैस ऑन करें और पानी सुखा दें। गैस ऑफ करें और अचार को पूरी तरह से ठंडा होने दें। स्टरलाइज्ड बोतल में भर लें। यह अचार दस से पंद्रह दिन तक खराब नहीं होता। फ्रिज में रखें तो ज्यादा अच्छा रहेगा।हरी मिर्च का अचारसामग्री: • अचार वाली मोटी मिर्च: 250 ग्राम • सरसों पाउडर: 3 चम्मच • दरदरा मेथी दाना: 2 चम्मच • सौंफ पाउडर: 2 चम्मच • लाल मिर्च पाउडर: 2 चम्मच • हल्दी पाउडर: 1 चम्मच • हींग पाउडर: 1/4 चम्मच • नमक: 3 चम्मच • नीबू का रस: 2 चम्मच • सरसों का तेल: 2 चम्मचविधि: मिर्च को साफ पानी से धोकर पोंछ लें और धूप में आधे घंटे के लिए रख दें। डंठल हटा दें और मिर्च को आधे इंच मोटे टुकड़ों में काट लें। एक नॉनस्टिक पैन में तेल गर्म करके हींग डालें। उसके बाद हल्दी पाउडर डालें और फिर तुरंत कटी मिर्च डाल दें। आंच धीमी करें और सभी सूखे मसाले डालकर तीन से चार मिनट तक पकाएं। गैस ऑफ करें और अचार को ठंडा होने दें। इसमें नीबू का रस मिलाकर साफ-सुथरे डिब्बे में रख दें। एक दिन बाद से इस्तेमाल में लाएं, सप्ताह भर के भीतर खत्म कर दें।
- आम की लगभग एक हजार किस्में दुनिया भर में पाई जाती हैं और शायद उतने ही तरीकों से आम को खाया भी जा सकता है। आप चाहें तो इसे कच्चा खाएं या पकने के बाद इसे चूस लें, काटकर खाएं या फिर गिलास में भरकर पी जाएं। मैंगो आइसक्रीम और मैंगो कुल्फी के रूप में जमाकर खाएं या काटकर फ्रूट सलाद बना लें, मर्जी है आपकी। यह एक ऐसा फल है जो खुशबू, स्वाद और सेहत से भरपूर होता है। पर, आम को लेकर बहुत सारी गलतफहमियां भी हैं। आपने यह तो बहुत बार सुना होगा कि अच्छी सेहत के लिए एक सेब रोज खाएं, लेकिन आप यह नहीं जानती हैं कि एक आम रोज खाने के भी कई फायदे हैं। तो आज जानिए आम के फायदों और इससे जुड़ी गलतफहमियों के बारे में:त्वचा को बनाए चमकदारआम में विटामिन-सी, बीटा-कैरोटीन और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा होते हैं। ये सभी त्वचा को स्वस्थ रखने और उसकी प्राकृतिक चमक बनाए रखने के लिए जरूरी हैं। रोजाना एक आम खाने से शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में भी मदद मिल सकती है, जो त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है।दिल को रखे सेहतमंदआम पोटैशियम से भरपूर होता है और इसमें मैग्नेशियम भी पाया जाता है। ये दोनों पोषक तत्व दिल को दुरुस्त रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पोटैशियम और मैग्नेशियम रक्तचाप को कम करने में भी मदद करते हैं, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।वजन घटाने में सहायकआम के बारे में एक सामान्य धारणा प्रचलित है कि उसे खाने से वजन बढ़ता है। जबकि सच्चाई तो यह है कि अगर आप एक आम रोज खाएं तो आपको वजन कम करने में मदद मिल सकती है। इसका कारण यह है कि आम में फाइबर प्रचूर मात्रा में होता है, जिससे लंबे समय तक पेट भरा होने का एहसास होता है।शुगर रहेगा नियंत्रितआम में फाइबर और दूसरे पोषक तत्व होते हैं, जो शुगर के स्तर को अनियंत्रित होने से रोकता है।मत कीजिए इन मिथकों पर विश्वास---कई लोग आम खाने से झिझकते हैं। उन्हें लगता है इसमें कार्बोहाइड्रेट और शुगर की मात्रा अधिक होने से यह वजन बढ़ने सहित दूसरी समस्याओं का कारण बन सकता है। पर, सच्चाई तो यह है कि इस फल में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और मिनरल के साथ-साथ फाइबर भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। अगर आपको भी आम को लेकर कुछ गलतफहमियां हैं, तो इससे जुड़ा सच आपको जरूर पता होना चाहिए:मिथक: आम खाने से वजन बढ़ता हैतथ्य: आम वजन नहीं बढ़ाते क्योंकि इनमें विटामिन-ए और सी, आयरन, पोटैशियम, कॉपर अच्छी मात्रा में होते हैं। इनमें कोई वसा, सोडियम और कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है। इसमें फाइबर भी काफी मात्रा में होता है, जिससे पेट भरा होने का अहसास होता है।मिथक: आम मुहांसे और फुंसियों को बढ़ावा दे सकता हैतथ्य: विटामिन-ए, एंटीऑक्सीडेंट और मिनरल की कमी से मुहांसे या फुंसियां होने का खतरा बढ़ सकता है। आम का पर्याप्त मात्रा में सेवन शरीर में केराटिन नाम के प्रोटीन का उत्पादन बढ़ाता है और आम में ये सभी पोषक तत्व होते हैं।मिथक: मधुमेह रोगियों के लिए आम ठीक नहीं हैंतथ्य: यह व्यापक रूप से माना जाता है कि आम खाना मधुमेह रोगियों के लिए उपयुक्त नहीं है। यह सच है कि आम में प्राकृतिक शुगर अधिक मात्रा में होता है, लेकिन इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (55 से नीचे) कम है। इसलिए मधुमेह के रोगी भी बिना किसी परेशानी के थोड़ी मात्रा में इसका सेवन कर सकते हैं। यही नहीं, आम में मैंगिफेरिन नामक एक यौगिक होता है, जो एक महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट है, जो रक्त शर्करा के स्तर को थोड़ा कम कर उसे नियंत्रित करने में मदद करता है।मिथक: आम आपके शरीर का तापमान बढ़ा सकता हैतथ्य: अधिक मात्रा में आम का सेवन करने से शरीर में उष्मा का स्तर बढ़ता है, इसलिए इनका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। आम को खाने से पहले कुछ घंटों के लिए पानी में भिगो दें। यह तकनीक शरीर में ऊष्मा के स्तर को बढ़ने से रोकती है।मिथक: गर्भवती महिलाओं को आम नहीं खाना चाहिएतथ्य: गर्भावस्था में सामान्य से अधिक वजन बढ़ना और जेस्टेशनल डायबिटीज बड़ी समस्याएं हैं, इसलिए जो गर्भवती महिलाएं इन समस्याओं का सामना कर रही हैं, वो आम का सेवन न करें। बाकी गर्भवती महिलाएं थोड़ी मात्रा में आम का सेवन करें, तो इसमें कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।
- एक हेल्दी, टेस्टी और बजट फ्रेंडली स्नैक की बात करें तो भुने हुए चने का का नाम जरूर आएगा। बरसों से ये हम भारतीयों की डाइट का हिस्सा हैं। ये शरीर को तुरंत एनर्जी देने का काम करते हैं और इनमें आयरन, जिंक और मैग्नेशियम जैसे कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। वेट लॉस हो या डायबिटीज, लगभग हर बीमारी में ये एक परफेक्ट स्नैक का काम करते हैं। हालांकि लोगों के मन में अक्सर ये सवाल बना रहता है कि इन्हें छिलके सहित खाना चाहिए या बिना छिलके सहित। अब खा तो इन्हें दोनों तरीकों से सकते हैं लेकिन सवाल है कि आपके लिए किस तरह इन्हें खाना ज्यादा फायदेमंद होगा। तो चलिए जानते हैं छिलका या बिना छिलका, कैसे चने खान आपके लिए सही है।छिलके सही चने खाने के फायदेभुने हुए चने का जो भूरा छिलका होता है, वो फाइबर से भरपूर होता है। ऐसे में जब आप इन्हें छिलके सहित खाते हैं जो शरीर को फाइबर मिलता है, जिससे पाचन और मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। अगर आपको कब्ज की शिकायत बनी रहती है, तो भी ये आपके लिए बड़े फायदेमंद हो सकते हैं। छिलके सहित चने खाने से पेट लंबे समय तक भरा हुआ रहता है और अनहेल्दी क्रेविंग कंट्रोल होती हैं। ऐसे में वेट लॉस और डायबिटीज के लिए छिलके सहित चने खाना ज्यादा फायदेमंद होता है। ओवरऑल गट हेल्थ के लिए भी ये ज्यादा हेल्दी होता है।बिना छिलके के चने खाने के फायदेकुछ लोग चने का छिलका रिमूव कर के ही खाना पसंद करते हैं। कारण सिंपल है कि चने का छिलका बहुत हार्ड होता है, जिस वजह से ये कई बार गले में भी अटक जाता है। इसके अलावा बिना छिलके के ये काफी लाइट वेट भी लगता है। हालांकि सेहत के लिहाज से देखें तो बिना छिलके के चने खाना उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है, जिन्हें पाचन में समस्या होती है। दरअसल कई लोगों के लिए फाइबर को पचाना मुश्किल होता है। ऐसे में अगर आपको भी एसिडिटी, गैस या ब्लोटिंग बनी रहती है तो आप बिना छिलके के चने खा सकते हैं।छिलका या बिना छिलका, कैसे चने खाएं?छिलके सहित चने खाएं या छिलका उतार कर, दोनों ही तरह से ये आपके लिए काफी हेल्दी होते हैं। छिलके से इनके प्रोटीन, मिनरल या अन्य पोषक तत्वों पर कोई खास फर्क नहीं पड़ता है। हालांकि हर बॉडी अलग होती है और जो भी आपकी बॉडी को सूट करे वही तरीका सही होता है। इसलिए अपनी हेल्थ कंडीशन के हिसाब से देखें आपको क्या सूट होता है।
- गर्मी हो या फिर सर्दी चाय पीने के शौकीन लोग अपने दिन की शुरुआत एक कप गरमागर्म चाय के साथ ही करते हैं। टी लवर्स दिन के किसी भी समय पर इसे पीने के लिए तैयार रहते हैं। हालांकि, कुछ लोगों को अपनी ये आदत काफी भारी पड़ती है। क्योंकि सुबह चाय पीने की आदत पेट फूलने का कारण बन सकती है। अगर चाय पीने के बाद आपको ब्लोटिंग या पेट फूलने की दिक्कत होती है तो यहां जानिए ऐसा होने का कारण।चाय पीने के बाद क्यों फूलने लगता है पेट?चाय एक फेमस इंडियन ड्रिंक है, जो दुनिया भर में पसंद की जाती है। वैसे तो चाय कई तरह की होती है जैसे कि ब्लैक टी, ग्रीन टी, और हर्बल टी। लेकिन भारत में अधिकतर लोग दूध वाली चाय पीना पसंद करते हैं। ज्यादातर लोग सुबह बेड टी पीते हैं। चाय में कैफीन होता है और खाली पेट इसे पीने से पेट फूल सकता है। चाय में मौजूद कैफीन पेट में एसिड बना सकता है, जिसकी वजह से गैस होने लगती है। ये एसिडिटी बेचैनी और पेट फूलने का काम करती है।चाय पीने के बाद पेट फूलने की समस्या से कैसे बचें?अगर चाय पीने के बाद आपका पेट फूलने लगता है तो आपको इसे बनाने का तरीका बदलना चाहिए। अगर आप मीठी चाय पीना पसंद करते हैं तो चीनी की जगह मिठास के लिए शहद या स्टीविया जैसे नेचुरल ऑप्शन का इस्तेमाल करें। ऐसा करके चाय को आसानी से पचाने में मदद मिलती है, जिससे गैस नहीं बनती है। इसके अलावा आप चाय बनाते समय इसमें इलायची डाल दें। ये चाय का स्वाद बढ़ाने के साथ पाचन में मदद करती है और एसिडिटी कम होती है। सबसे जरूरी बहुत ज्यादा चाय पीने से बचें।
- गर्मी के मौसम में अक्सर लोग खराब डाइजेशन से जूझने लगते हैं। गैस, अपच, बदहजमी की वजह से पेट में एसिटिडी और कब्ज की शिकायत हो जाती है। जिसकी वजह से मुंह में छालै निकल आते हैं। ये छाले शरीर में लगातार कब्ज और बदहजमी की वजह से होने वाली सिस्टमेटिक इनफ्लेमेशन की वजह से होते हैं। ऐसे में कुछ घरेलू उपाय इन छालों से राहत पहुंचा सकते हैं।सूखा नारियल चबाएंसूखे नारियल के गोले में तेल कंटेट ज्यादा होता है। अगर मुंह में छालों ने परेशान कर रखा है तो बस दिन में तीन से चार बार छोटे टुकड़े सूखे नारियल की चबाएं और धीरे-धीरे खा लें। इन सूखे नारियल से निकलने वाले ऑयल से मुंह के छालों में आराम मिलेगा।छालों पर लगाएं इलायची का पाउडरइलायची डाइजेशन को बढ़ाने में मदद करती है। बस छोटी इलायची चार से पांच लेकर उसे छिलका सहित पीसकर रख लें। अब किसी चम्मच में इलायची का पाउडर और शहद को मिक्स करें। अब इस मिक्सचर को मुंह के छालों पर लगाएं। दिनभर में चार से पांच बार लगाने से मुंह के छालों में जल्दी आराम मिलता है।मुलेठी के पानी से करें कुल्लामुलेठी की जड़ इंफ्लेमेशन कम करने में मदद करेगी। मुलेठी की जड़ को पानी में भोगकर रातभर के लिए छोड़ दें। सुबह इस पानी से कुल्ला करें। साथ ही मुलेठी की भीगी जड को भी चबाएं। दिनभर में तीन से चार बार इस पानी से कुल्ला करने और जड़ चबाने से मुंह के छालों में आराम मिलता है।
- तापमान का पारा दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। ऐसे में खुद को हेल्दी रखना एक चैलेंज की तरह है। बढ़ते तापमान की वजह से बॉडी का टेंपरेचर भी ज्यादा हो जाता है। जो कि सेहत के लिए बिल्कुल भी ठीक नही है। बॉडी हीट यानी शरीर में गर्मी बढ़ने से हीट स्ट्रोक, हीट क्रैम्प जैसी स्थिति हो जाती है। सिर में दर्द, मसल्स में ऐंठन महसूस होती है और हीट स्ट्रोक होने का खतरा रहता है। गर्मी से खुद को बचाने के लिए खानपान और लाइफस्टाइल में बदलाव जरूरी है। गर्मियों में ढेर सारा पानी पीने के साथ ही ऐसे लिक्विड ड्रिंक पीने की जरूरत रहती है जो बॉडी के टेंपरेचर को बढ़ने से रोके और ठंडक बनाए रखे। आयुर्वेद में दो ऐसे ही नेचुरल कूलेंट बताए गए हैं जो शरीर को अंदर से ठंडक देते हैं और बॉडी हीट बढ़ने से रोकते हैं। योगा टीचर स्निग्धा भारद्वाज ने इन दो चीजों को पानी में मिलाकर पीने की सलाह दी है।बॉडी हीट कम करने में मदद करती हैं ये दो चीजेंगोंद कतीरागर्मियों के मौसम में शरीर को ठंडक देने के साथ ही एनर्जी देने और सनस्ट्रोक जैसे खतरे को कम करना है तो रोजाना गोंद कतीरा को जरूर खाएं। ये पेट की गर्मी से होने वाले मुंह के छाले और कब्ज से भी राहत देता है।खस की जड़गर्मियों में शरीर को ठंडक देने के लिए खस का इस्तेमाल सदियों से हो रहा है। खस की जड़ को वेटिवर कहते हैं। खस के अर्क से बना शरबत तो कई बार पिया होगा। ये शरबत लू लगने से बचाने में मदद करता है। अंदरूनी ही नहीं खस की जड़ को पानी में डालकर नहाया जाए तो ये गर्मी की वजह से होने वाली स्किन प्रॉब्लम को भी कम करता है।पानी में मिलाकर पिएं ये दो चीजेंतपती गर्मी में बॉडी को कूल रखना है तो खस की जड़ और गोंद कतीरा को एक लीटर पानी में मिलाकर रखें और दिनभर इस पानी को पिएं। पानी खत्म हो जाने पर इसमे फिर से पानी भर दें। रोजाना फ्रेश गोंद कतीरा और खस को डालकर पानी तैयार करें। इस पानी को पीने के कई सारे फायदे हैं। गर्मियों में होने वाली कब्ज, ब्लॉटिंग, इनडाइजेशन से छुटकारा दिलाने के साथ ये पानी दिनभर एनर्जेटिक बनाकर रखेगा।इन बातों का रखें ध्यानजब भी खस की जड़ को पानी में भिगोना हो तो उसे अच्छी तरह धो लें। वहीं भूलकर भी इसे प्लास्टिक या कॉपर की बोतल या जग में ना बनाएं, नहीं तो फायदे की जगह नुकसान हो सकता है।
- खूबसूरत और बेदाग त्वचा पाने के लिए एक तरफ आप महंगे क्रीम का इस्तेमाल और पार्लर ट्रीटमेंट ले सकती हैं या घर पर नैचुरल चीजों का इस्तेमाल कर चेहरे को चमका सकती हैं। नैचुरल उपायों का इस्तेमाल करने के कई फायदे हो सकते हैं। जिनमें से सबसे जरूरी है कि ये स्किन को बिना नुकसान पहुंचाए ग्लोइंग बना सकते हैं। अगर आप घरेलू चीजों का यूज करना चाहती हैं को चेहरे पर तुलसी पत्तों का इस्तेमाल किया जा सकता है। ये पत्ते स्किन केयर में कई तरीकों से काम आ सकते हैं। यहां जानिए स्किन चमकाने के लिए कैसे यूज करें तुलसी पत्ते-तुलसी के हरे पत्ते चमका देंगे आपका चेहरा, जानें कैसे करें यूज1) ड्राई स्किन पर कैसे लगाएंइसे बनाने के लिए आपको चाहिए- तुलसी पाउडरइस फेस पैक को कैसे बनाएंफेस पैक बनाने के लिए एक कटोरी में तुलसी पाउडर और शहद मिलाएं। फिर नारियल तेल की कुछ बूंदें इसमें मिलाएं और इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं और कम से कम 15 मिनट तक लगा रहने दें। फिर चेहरे को गुनगुने पानी से साफ करें।2) ऑयली स्किन के लिए कैसे लगाएंइसे बनाने के लिए आपको चाहिए- तुलसी पाउडरइस फेस पैक को कैसे बनाएंइस फेस पैक को बनाने के लिए तुलसी पाउडर, मुल्तानी मिट्टी और गुलाब जल को एक साथ मिलाएं और एक स्मूद पेस्ट तैयार करें। इसे चेहरे और गर्दन पर लगाएं। 15 मिनट तक सूखने दें, फिर चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।3) तुलसी टोनरतुलसी से आप टोनर बना सकते हैं। इसके लिए आपको चाहिए- तुलसी के पत्तेकैसे बनाएं टोनरटोनर बनाने के लिए तुलसी के पत्तों को कुछ मिनट के लिए पानी में उबालें। फिर पानी को ठंडा करें और पत्तियों को छान लें। अब इस छने हुए पानी में अपनी पसंद के एसेंशियल ऑयल को मिलाएं और फिर चेहरा साफ करने के बाद ठंडे टोनर को अपने चेहरे पर लगाएं। यह टोनर रोमछिद्रों को साफ करने, सूजन को कम करने और स्किन को चमकदार बनाने में मदद करता है।
- मूंग स्प्राउट्स: हरे मूंग में शरीर को ठंडा रखने की क्षमता होती है। उबले आलू का ठंडा करें। उसमें खीरा और मुट्ठी भर स्प्राउट्स डालकर चाट तैयार करें। गर्मियों के लिए यह शानदार स्नैक्स साबित होगा। जिस पानी में आपने मूंग को रात भर के लिए भिगोया है, उसे पीने से भी शरीर को ठंडक मिलती है।कोकम: मुख्य रूप से गुजरात और कोंकण इलाके में इस्तेमाल किया जाने वाला कोकम भी शरीर को ठंडा रखने की अद्भुत क्षमता रखता है। पूरी गर्मी अपने खानपान में इमली की जगह इसका इस्तेमाल करें।नारियल पानी: गर्मी के मौसम में नारियल पानी से अपनी दोस्ती बढ़ाएं। शरीर को पर्याप्त मात्रा में नमी देने के साथ ही इसमें जरूरी मिनरल्स भी होते हैं, जो इलेक्ट्रोलाइट का संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं।करेला: स्वाद में कड़वा होने के बावजूद करेला शरीर से अतिरिक्त गर्मी को सोखने का काम करता है। सप्ताह में दो से तीन बार इसे खाएं या फिर हर दिन दो से तीन चम्मच करेला जूस पिएं।लौकी: लौकी में 96 प्रतिशत तक पानी होता है। यह शरीर को भीतर से ठंडा रखता है। साथ ही इसमें पोटैशियम होता है, जो इलेक्ट्रोलाइट के संतुलन को बरकरार रखकर थकान से बचाता है।गुलकंद: गुलाब की पत्तियों से बनने वाला गुलकंद शरीर को ठंडा रखने के साथ थकान और दर्द आदि से भी राहत देता है। यह पाचन में मदद पहुंचाकर एसिडिटी से भी राहत देता है।
- हेल्दी रहने के लिए फल खाना बहुत जरूरी है। मिनरल्स, विटामिन से भरपूर फल आपको कई बीमारियों से बचाए रख सकते हैं। कुछ फलों में फाइबर की मात्रा अच्छी होती है, जो पाचन दुरुस्त रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा फलों में विटामिन सी भरपूर होता है और ये इम्यूनिटी को बूस्ट करता है। लेकिन कई बार गलत तरह से फलों को खाने पर नुकसान हो सकता है। यहां हम ऐसे फलों के बारे में बता रहे हैं जो आपको एक साथ खाने से बचना चाहिए।1) तरबूज-खरबूजतरबूज किसी दूसरे फल के साथ नहीं खाना चाहिए। तरबूज और खरबूज को दूसरे फलों के साथ मिलाने से बचने की सलाह दी जाती है। आप तरबूज के साथ खरबूज खा सकते हैं। ये फल दूसरे फलों की तुलना में ज्यादा तेजी से पचते हैं। खरबूजे में पानी की मात्रा ज्यादा होती है, इसलिए दूसरे फलों के साथ मिलाने पर ये ठीक से पच नहीं पाते हैं।2) मीठे फलों के साथ एसिडिक फलअंगूर, स्ट्रॉबेरी, सेब, अनार और आड़ू जैसे एसिडिक और सब एसिडिक फलों को कभी भी केले और किशमिश जैसे मीठे फलों के साथ खाने से बचना चाहिए। यह सबसे खराब फलों के कॉम्बिनेशन में से एक है। इससे पाचन संबंधी समस्याएं, एसिडोसिस और सिरदर्द हो सकता है।3) पपीता और नींबूपपीता और नींबू सबसे खराब फलों के कॉम्बिनेशन में से एक है। इस कॉम्बिनेशन से बचना बेहतर है। इन दोनों चीजों को मिलाने से एनीमिया या हीमोग्लोबिन असंतुलन हो सकता है। इसलिए जितना हो इन दोनों फलों को एक साथ खाने से बचें।4) फल और सब्जियांफल और सब्जियां अलग-अलग तरह से पचती हैं। फलों में चीनी की मात्रा ज्यादा होती है, जो सब्जियों की पाचन प्रक्रिया में बाधा डाल सकती है। इसलिए संतरे को गाजर के साथ नहीं मिलाना चाहिए, ये पेट खराब होने का कारण बन सकता है।
- गर्मी के दिनों में होने वाली सबसे कॉमन समस्याओं में से एक है टैनिंग। धूप में कुछ देर निकलने के बाद ही शरीर के खुले अंग लाल दिखने लगते हैं और फिर ये काले हो जाते हैं। इसलिए शरीर को पूरी तरह से कवर करके घर से बाहर निकलने की सलाह दी जाती है। वैसे तो सन टैन से बचाव के लिए मार्केट में बड़े-बड़े ब्रांड के सन क्रीम मिलते हैं जो धूप से होने वाली टैनिंग से बचाव करते हैं। हालांकि, इन्हें लगाने के बाद भी हल्की बहुत टैनिंग हो जाती है। इस समस्या से निपटने के लिए आप कुछ तरीकों को अपना सकते हैं।ये तरीके चेहरे-शरीर से तुरंत टैनिंग हटाने का काम करते हैं। आप भी जानिए-1) फलों की मदद से करें टैनिंग रिमूवफलों की मदद से टैनिंग को आसानी से साफ किया जा सकता है। आप पपीते का इस्तेमाल करके स्किन टैनिंग को साफ कर सकते हैं। पपीता स्किन साफ करके त्वचा को चमकदार बनाता है और सनटैन हटाने के लिए भी बहुत अच्छा है। इसे यूज करने के लिए पके हुए पपीते के कुछ टुकड़ों को पीसकर चिकना पेस्ट बना लें। फिर एक चम्मच शहद और दो चम्मच ठंडे दूध के साथ इसे अच्छी तरह मिलाएं। इस मिक्स को चेहरे, गर्दन, कंधों और बांहों पर लगाएं। शहद और दूध मिलाने से टैन तुरंत हटाने में मदद मिलती है।2) खीरे का करें इस्तेमालचेहरे से टैनिंग तुरंत हटाने के लिए आप खीरे का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये सनटैन हटाने के लिए सबसे अच्छे और नैचुरल उपचारों में से एक है। इसका इस्तेमाल करने के लि खीरे को छीलकर कद्दूकस कर लें। फिर इसका रस निचोड़ लें। रस को कॉटन बॉल या उंगलियों से चेहरे पर लगाएं।3) मुल्तानी मिट्टी से साफ करें कालापनमुल्तानी मिट्टी में सूजन-रोधी गुण होते हैं जो बैक्टीरिया को चेहरे से हटाने का काम करते हैं। इसे यूज करने के लिए एक कटोरी में दो चम्मच मुल्तानी मिट्टी और चार चम्मच एलोवेरा जेल मिलाएं। एक गाढ़ा पेस्ट तैयार होने के बाद ब्रश से पेस्ट को स्किन पर लगाएं। इसे चेहरे पर 15 से 20 मिनट तक लगा रहने दें और फिर गुनगुने पानी से धो लें।4) शहद और नींबूटैनिंग को तुरंत हटाने का तरीका खोज रही हैं तो शहद और नींबू का इस्तेमाल करें। शहद एक प्राकृतिक मॉइस्चराइजर है और नींबू के रस में ब्लीचिंग गुण होते हैं। इसके अलावा नींबू में विटामिन सी की मात्रा ज्यादा होती है। इसका इस्तेमाल करने के लिए शहद और नींबू का रस मिलाएं। फिर इस पैक को चेहरे या टैन वाले शरीर के अंगों पर लगाएं। आप डेड स्किन सेल्स को हटाने के लिए इसमें चीनी भी मिला सकते हैं। इसे स्किन पर कम से कम 30 मिनट तक लगा रहने दें और फिर पानी से धो लें।5) आलू आएगा कामआलू टैन को हटाने या हल्का करने में बहुत कारगर होते हैं क्योंकि ये प्राकृतिक शामक होते हैं। इसका इसका इस्तेमाल करने के लिए आलू को छीलकर कद्दूकस कर लें। फिर आलू को निचौड़ कर इसके रस को एक साफ कप में इकट्ठा करें। रस को त्वचा पर लगाएं और 15 मिनट तक लगा रहने दें। फिर ठंडे पानी से अच्छी तरह धो लें।
- दही और खसखस हमारी सेहत के लिए सुपरफूड होते हैं। दोनों ही शरीर को ठंडा रखने में मदद करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं इन दोनों का कॉम्बिनेशन सेहत के लिए कैसे फायदेमंद है?दही में खसखस मिलाकर खाने के फायदेशरीर ठंडा रहता है-गर्मियों में शरीर को ठंडा रखने के लिए दही और खसखस का कॉम्बिनेशन बहुत फायदेमंद है. दही और खसखस की तासीर ठंडी मानी जाती है जिससे शरीर को ठंडा रखने में मदद मिलती है. यह कॉम्बिनेशन शरीर को ठंडा रखता है और चिलचिलाती गर्मी से राहत देने में मदद करता है।लू से राहत मिलती है-गर्मियों में तेज धूप और गर्म हवा में जाने से लू लग जाती है। इस कारण बॉडी डिहाइड्रेट हो जाती है और उल्टी व चक्कर आने जैसी समस्याएं होने लगती है। ऐसे में यह कॉम्बिनेशन बहुत फायदेमंद होता है। दही और खसखस दोनों ही शरीर को ठंडा रखते हैं। इनका कॉम्बिनेशन शरीर का तापमान नॉर्मल करने में भी मदद करता है।पाचन तंत्र स्वस्थ रहता हैदही में खसकस डालकर खाने से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है। खसखस पेट को ठंडक देता है जिससे पाचन तंत्र भी स्वस्थ रहता है। दही में प्रोबायोटिक्स मौजूद होते हैं, जो गट हेल्थ इंप्रूव करने में मदद करते हैं। अगर किसी को ब्लोटिंग, कब्ज, एसिडिटी जैसी समस्याएं हो रही हैं, तो दही में खसखस डालकर पीने से बहुत फायदेमंद होगा।बॉडी एनर्जेटिक रहती है-खसखस और दही बॉडी को एनर्जेटिक रखने में मदद करते हैं। इसके सेवन से थकावट और सुस्ती भी दूर होती है। यह कॉम्बिनेशन बॉडी को दिनभर एनर्जेटिक रखने में मदद करता है। इसका सेवन आप नाश्ते या लंच में कर सकते हैं।इम्यूनिटी बूस्ट होती हैदही और खसखस दोनों में कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। दही से प्रोटीन, प्रोबायोटिक्स, मैग्नीशियम मिलता है। खसखस से कैल्शियम, विटामिन और मिनरल्स मौजूद होते हैं। इससे बीमारियों का खतरा कम होता है और इम्यूनिटी बूस्ट होती है।हड्डियां मजबूत रहती हैंदही में खसखस मिलाकर खाने से हड्डियों को मजबूत रखने में भी मदद मिलती है। खसखस में अधिक मात्रा में कैल्शियम मौजूद होता है, जो हड्डियों को मजबूती देने में मदद करता है। दही में प्रोटीन होता है, जो बोन्स हेल्थ को इंप्रूव करने में मदद करता है। इससे मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और बॉडी एक्टिव रहती है।खसखस खाने से सेहत को कई फायदे मिलते हैं। यह शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है। पाचन संबंधित समस्याओं में भी खसखस फायदेमंद माना जाता है। इसके सेवन से हड्डियां मजबूत होती है और मांसपेशियां स्वस्थ रहती हैं। दही में कई चीजें मिलाकर खा सकते हैं। इसमें इसबगोल, गोंद कतीरा या खसखस मिलाकर खा सकते हैं। इनके सेवन से शरीर को ठंडक मिलती है। इसके अलावा, दही में जीरा, हींग और अजवाइन डालकर भी खा सकते हैं। इनका कॉम्बिनेशन पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। आयुर्वेद के मुताबिक, खसखस की तासीर ठंडी होती है। यह शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है। इससे बॉडी रिलैक्स रहता है और दिमाग को भी ठंडक मिलती है। खसखस के सेवन से पाचन तंत्र भी स्वस्थ रहता है। इसके सेवन से ओवरऑल हेल्थ इंप्रूव होती है।
- मोटापे की तरह ही बहुत ज्यादा दुबलापन भी हेल्थ के लिए नुकसानदायक होता है। जो लोग बहुत ज्यादा पतले होते हैं, उनमें एनर्जी की कमी होती है और साथ ही कोई भी काम करते हुए वे बहुत जल्दी थक जाते हैं। इसके अलावा ज्यादा दुबलापन कुछ लोगों में आत्मविश्वास की भी कमी ला सकता है। अब वजन घटाना जितना मुश्किल है, वजन बढ़ाना भी उतना ही मुश्किल है। ढेर सारा खाना खाने के बाद भी अगर आपका शरीर दुबला-पतला ही बना रहता है, तो जरूरत है एक ऐसे आसान स्वादिष्ट और पोषण से भरे उपाय की, जिससे बिना ज्यादा स्ट्रगल के आप अपना वजन बढ़ा सकें। इसके लिए बनाना शेक एक हेल्दी ऑप्शन हो सकता है। चलिए जानते हैं बनाना शेक बनाने की कुछ तरीके, जिससे आपको वजन बढ़ाने में मदद मिलेगी।क्लासिक बनाना शेकक्लासिक बनाना शेक बनाना बहुत ही आसान है। इसमें मौजूद फुल क्रीम दूध और केले से शरीर को भरपूर एनर्जी मिलती है। इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन और कैलोरी मौजूद होती हैं, जिससे वजन तेजी से बढ़ता है। क्लासिक बनाना शेक बनाने के लिए दो केले, एक गिलास फुल क्रीम दूध, चार-पांच भिगोए हुए बादाम और एक बड़ा चम्मच शहद लें। अब इन सारी चीजों को मिक्सर जार में डालकर अच्छे से ब्लेंड कर लें। इस तरह से आपका क्लासिक बनाना शेक बनाकर तैयार हो जाएगा। इसे सुबह या शाम अपनी डाइट में शामिल करें।ओट्स बनाना शेकओट्स बनाना शेक बनाने के लिए दूध और बनाना के अलावा पीनट बटर और ओट्स की जरूरत होती है। ओट्स और पीनट बटर से शरीर को हेल्दी फैट्स और फाइबर मिलते हैं, जिससे मसल्स को मजबूती मिलती है। इसे बनाने के लिए एक केला, थोड़े से पानी में सोक किए हुए दो चम्मच ओट्स, एक गिलास दूध, एक चम्मच पीनट बटर और एक चम्मच शहद लें। अब इन सारी चीजों को एक साथ मिक्सर जार में डालें और ब्लेंड करते हुए गाढ़ा शेक तैयार करें। इस शेक को सुबह ब्रेकफास्ट में लेने से शरीर को बहुत फायदा मिलता है।ड्राई फ्रूट्स बनाना शेकड्राई फ्रूट्स के साथ तैयार की गई बनाना शेक, शरीर को भरपूर एनर्जी देती है और इसमें मौजूद हेल्दी फैट्स और प्रोटीन वजन बढ़ाने में भी मदद करते हैं। इस बनाना शेक को बनाने के लिए चार-पांच बादाम, दो अखरोट, 3-4 काजू को रात में पानी में भिगोकर रख दें। सुबह ड्राई फ्रूट्स को मिक्सर जार में डालें। अब इसमें एक केला, एक गिलास दूध और एक चम्मच शहद एड करें। सभी चीजों को अच्छे से ब्लेंड करते हुए गाढ़ा शेक तैयार करें। आप इस शेक को सुबह के ब्रेकफास्ट में ले सकते हैं।चॉकलेट बनाना शेकवजन बढ़ाने के लिए चॉकलेट बनाना शेक पीना भी काफी फायदेमंद है। यह बहुत स्वादिष्ट होता है और साथ ही इसमें मौजूद हेल्दी फैट्स वजन बढ़ाने में भी मदद करता है। चॉकलेट बनाना शेक बनाने के लिए एक केला, एक गिलास दूध, एक बड़ा चम्मच चॉकलेट सिरप या कोको पाउडर और एक छोटा चम्मच पीनट बटर लें। इन सारी चीजों को मिक्सर जार में डालकर अच्छे से ब्लेंड कर ले। आप चाहें तो इसमें एक छोटा बर्फ का टुकड़ा भी एड कर सकते हैं, जो टोटली ऑप्शनल है। इस तरह से आपका चॉकलेट बनाना शेक बनकर तैयार हो जाएगा।दही बनाना शेकदही के साथ तैयार किया गया बनाना शेक भी हेल्थ के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद है। दही से पाचन सुधरता है और इससे तैयार बनाना शेक शरीर को भरपूर कैलोरी भी देता है। दही बनाना शेक बनाने के लिए एक केला, आधा कप गाढ़ा दही, आधा कप दूध और एक चम्मच शहद लें। स्वाद को बढ़ाने के लिए आप थोड़ी सी इलायची भी ले सकते हैं। इन सारी चीजों को एक मिक्सर जार में लेकर अच्छे से ब्लेंड करके शेक तैयार करें। ध्यान रहे कि शेक को बनाने के बाद इसे तुरंत पी लें।
- मसाले भारतीय रसोई की जान हैं। ये ना सिर्फ खाने के स्वाद को दोगुना करते हैं बल्कि हेल्थ के लिए भी बड़े फायदेमंद होते हैं। ऐसा ही एक मसला है तेज पत्ता। तेज पत्ता खड़े मसालों में से एक है, जिसे तड़के के वक्त खाने में एड किया जाता है। चावल, दाल या सब्जी से ले कर बिरयानी तक में अगर तेज पत्ता एड कर दिया जाए, तो खाने की खुशबू नेक्स्ट लेवल हो जाती है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि अगर आप रोजाना तड़के में एक तेज पत्ता शामिल करें तो आपकी सेहत को भी कई फायदे हो सकते हैं। तो चलिए आज जानते हैं कि क्यों आपको खाने में तेज पत्ता एड करना चाहिए और इसके क्या कुछ फायदे आपको मिल सकते हैं।पाचन तंत्र के लिए है बेहद फायदेमंदरोज की दाल-सब्जी या चावल में अगर आप एक तेज पत्ता शामिल करती हैं, तो ये आपके पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है। जिन लोगों को गैस, ब्लोटिंग या अपच जैसी समस्याएं बनी रहती हैं, उन्हें तो तेज पत्ता को अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए। दरअसल तेज पत्ता में डाइजेस्टिव एंजाइम्स मौजूद होते हैं, जो खाने को ब्रेकडाउन करने में मदद करते हैं और ओवरऑल पाचन बेहतर होता है।डायबिटीज के मरीज डाइट में जरूर शामिल करेंडायबिटीज के मरीजों के लिए तेज पत्ते का सेवन बहुत फायदेमंद हो सकता है। दरअसल तेज पत्ता इंसुलिन एक्टिविटी को इंप्रूव करता है और ब्लड शुगर लेवल को रेग्यूलेट करने में मदद करता है। हालांकि फायदे के लिए नियमित रूप से इसका सेवन करना जरूरी है। इसलिए खाना बनाते वक्त आप तड़के में तेज पत्ता इस्तेमाल कर सकती हैं।इम्यूनिटी को बूस्ट करता है तेज पत्तानियमित रूप से अगर आप तेज पत्ते को अपनी डाइट में शामिल करते हैं, तो ये इम्यूनिटी के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। दरअसल तेज पत्ते में भरपूर मात्रा में विटामिन सी, विटामिन ए और एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं; जो इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। अगर आप रोजाना तेज पत्ता डालकर खाना बनाते हैं, तो पूरे परिवार की इम्यूनिटी बेहतर होने में मदद मिलती है।दिल को रखे हेल्दीहार्ट हेल्थ के लिए भी तेज पत्ता काफी फायदेमंद होता है। इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी कंपाउंड और फाइटोन्यूट्रिएंट्स मौजूद होते हैं, जो बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं। अगर आप कम और अच्छे तेल में खाना बनाते हैं और साथ ही उसमें तेज पत्ते का तड़का भी लगा देते हैं, तो हार्ट हेल्थ के लिए ये बहुत फायदेमंद होता है।खाने की खुशबू और स्वाद बढ़ाएकिसी भी डिश में तेज पत्ते का तड़का लगाने से उसकी खुशबू और स्वाद दोनों बढ़ जाते हैं। ये दाल, सब्जी, चावल या बिरयानी में एक हल्का अरोमा एड करता है; जो डिश में एक अनोखा फ्लेवर एड करता है। ये बाकी मसालों के स्वाद को बैलेंस कर के उनका फ्लेवर भी उभरता है। इसलिए दादी-नानी के नुस्खों में हमेशा स्पेशल खाना बनाते हुए तेज पत्ते का तड़का जरूर लगाया जाता है।
- अपने बालों को नेचुरली काला करने के लिए आप कुछ घरेलू उपायों का सहारा ले सकते हैं। इन्हीं उपायों में एलोवेरा भी शामिल है। जी हां, एलोवेरा बालों को मजबूत बनाने के साथ-साथ काला करने में भी प्रभावी होता है। यह बालों को नमी और पोषण प्रदान करता है। एलोवेरा में एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं, जो बालों को मुलायम और चमकदार बनने में मदद करते हैं। साथ ही, यह बालों को के टेक्सचर को सुधारने में भी मददगार होता है। नियमित रूप से इसका इस्तेमाल करने से समय से पहले बालों को सफेद होने से रोकने में मदद मिल सकती है। तो आइए, जानते हैं सफेद बालों को काला करने के लिए कैसे करें एलोवेरा का इस्तेमालबालों को काला करने के लिए एलोवेरा में मिक्स करें नारियल तेल और मेहंदीअपने सफेद होते बालों को काला बनाने के लिए आप एलोवेरा में नारियल तेल और मेहंदी मिलाकर लगा सकते हैं। दरअसल, नारियल का तेल बालों को मजबूत बनाने के साथ-साथ काला करने में भी प्रभावी होता है। यह स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है, जिससे बालों की ग्रोथ के साथ-साथ बालों को सफेद होने से रोकने में मदद मिलती है। वहीं, मेहंदी बालों को प्राकृतिक रूप से काला करने में भी प्रभावी होती है। साथ ही, यह बालों को मुलायम और चमकदार भी बनाती है।आइए, जानते हैं कैसे करें इसका प्रयोग -आवश्यक सामग्री1 कप एलोवेरा जेल2 चम्मच नारियल का तेल2 चम्मच मेहंदीविधिसबसे पहले एक बाउल में एलोवेरा जेल लें। अब इसमें नारियल तेल और मेहंदी डालकर अच्छी तरह अच्छी तरह मिक्स कर लें। आप चाहें तो इसमें एक चम्मच नींबू का रस भी मिला सकते हैं। उसके बाद आप इस पेस्ट को करीब 10 मिनट के लिए ढककर रख दें।कैसे करें इसका प्रयोग?इस तैयार पेस्ट को अपने स्कैल्प और बालों पर लगाएं। इसे करीब 30-40 मिनट तक लगा रहने दें। उसके बाद किसी माइल्ड शैम्पू की मदद से बालों को धो लें। सप्ताह में 2-3 बार इस मिश्रण को बालों में लगाने से धीरे-धीरे बाल काले होने लगेंगे। साथ ही, बालों की ग्रोथ अच्छी होगी।
- 40 साल के बाद चेहरे पर झुर्रियां, फाइन लाइंस, पिग्मेंटेशन और झाइयां पड़ने लगती हैं। इसलिए इस उम्र के बाद ज्यादातर महिलाएं स्किन को यंग और ग्लोइंग बनाए रखने के लिए महंगे स्किनकेयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करती हैं। खासकर, महिलाएं महंगे क्लींजर का प्रयोग करती हैं। जबकि, इनमें कई तरह के केमिकल्स होते हैं, जो त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में फेस क्लींजिंग के लिए आप घरेलू उपायों को आजमा सकती हैं। बेसन एक ऐसा ही घरेलू नुस्खा है, जिसे चेहरा धोने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। बेसन त्वचा की गहराई से सफाई करता है और सारी धूल-मिट्टी और गंदगी को निकाल देता है। इसलिए आप भी चाहें तो बेसन से चेहरा धो सकती हैं। आइए, जानते हैं 40 साल के बाद बेसन से चेहरा कैसे धोएं (बेसन का पेस्टअगर आप 40 साल से ज्यादा उम्र की हैं, तो चेहरा धोने के लिए बेसन का इस्तेमाल कर सकती हैं। इसके लिए आप 2-3 चम्मच बेसन लें और इसमें थोड़ा-सा पानी मिलाएं। अब इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं और धीरे-धीरे से स्क्रब करें। 20-30 मिनट बाद चेहरे को नॉर्मल पानी से धो लें। इससे त्वचा के दाग-धब्बे रिमूव होंगे और चेहरे का निखार भी बढ़ेगा।बेसन और गुलाब जल40+ महिलाओं की स्किन डल और बेजान होने लगती है। ऐसे में चेहरे का ग्लो बढ़ाने के लिए आप बेसन और गुलाब जल का इस्तेमाल कर सकती हैं। गुलाब जल त्वचा को नमी प्रदान करता है। यह त्वचा का निखार बढ़ाने में मदद करता है। गुलाब जल त्वचा के पीएच लेवल को भी बैलेंस में बनाए रखता है। बेसन और गुलाब जल त्वचा पर जमी सारी गंदगी और धूल-मिट्टी को आसानी से निकाल देते हैं।बेसन और कच्चा दूध40 साल के बाद चेहरा धोने के लिए आप बेसन और कच्चे दूध का इस्तेमाल भी कर सकती हैं। इसके लिए आप 2 चम्मच बेसन लें और इसमें कच्चा दूध मिक्स करें। अब इस पेस्ट को चेहरे पर अप्लाई करें और आधे घंटे बाद त्वचा को धो लें। कच्चा दूध त्वचा की गहराई से सफाई करने में मदद करता है। इससे झाइयों और पिग्मेंटेशन से भी छुटकारा मिलता है। कच्चा दूध त्वचा का निखार बढ़ाता है।बेसन और एलोवेरा40+ महिलाएं बेसन में एलोवेरा मिलाकर चेहरा धो सकती हैं। इसके लिए आप 2-3 चम्मच बेसन लें। इसमें एलोवेरा जेल मिक्स करें। इस पेस्ट को चेहरे पर अप्लाई करें। 30-35 मिनट बाद चेहरे को सादे पानी से धो लें। एलोवेरा त्वचा को हाइड्रेट और मॉइश्चराइज करता है। इससे त्वचा पर जमी सारी गंदगी और अशुद्धियां भी निकल जाती है। बेसन और एलोवेरा जेल को मिक्स करके लगाने से दाग-धब्बे और झुर्रियां भी कम होती हैं।बेसन और दही40 साल के बाद चेहरे पर दाग-धब्बे, पिग्मेंटेशन और झाइयां हो जाती हैं। अगर आप भी इन समस्याओं से परेशान हैं, तो चेहरा धोने के लिए बेसन और दही का इस्तेमाल कर सकती हैं। इसके लिए आप 2 चम्मच बेसन और दही लें। इसे चेहरे पर अप्लाई करें और 2-3 मिनट तक मसाज करें। फिर चेहरे को सादे पानी से धो लें। दही में लैक्टिक एसिड होता है, जो दाग-धब्बों को मिटाने में असरदार होता है।
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एक हेल्दी, टेस्टी और बजट फ्रेंडली स्नैक की बात करें तो भुने हुए चने का का नाम जरूर आएगा। बरसों से ये हम भारतीयों की डाइट का हिस्सा हैं। ये शरीर को तुरंत एनर्जी देने का काम करते हैं और इनमें आयरन, जिंक और मैग्नेशियम जैसे कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। वेट लॉस हो या डायबिटीज, लगभग हर बीमारी में ये एक परफेक्ट स्नैक का काम करते हैं। हालांकि लोगों के मन में अक्सर ये सवाल बना रहता है कि इन्हें छिलके सहित खाना चाहिए या बिना छिलके सहित। अब खा तो इन्हें दोनों तरीकों से सकते हैं लेकिन सवाल है कि आपके लिए किस तरह इन्हें खाना ज्यादा फायदेमंद होगा। तो चलिए जानते हैं छिलका या बिना छिलका, कैसे चने खान आपके लिए सही है।
छिलके सही चने खाने के फायदे
भुने हुए चने का जो भूरा छिलका होता है, वो फाइबर से भरपूर होता है। ऐसे में जब आप इन्हें छिलके सहित खाते हैं जो शरीर को फाइबर मिलता है, जिससे पाचन और मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। अगर आपको कब्ज की शिकायत बनी रहती है, तो भी ये आपके लिए बड़े फायदेमंद हो सकते हैं। छिलके सहित चने खाने से पेट लंबे समय तक भरा हुआ रहता है और अनहेल्दी क्रेविंग कंट्रोल होती हैं। ऐसे में वेट लॉस और डायबिटीज के लिए छिलके सहित चने खाना ज्यादा फायदेमंद होता है। ओवरऑल गट हेल्थ के लिए भी ये ज्यादा हेल्दी होता है।
बिना छिलके के चने खाने के फायदे
कुछ लोग चने का छिलका रिमूव कर के ही खाना पसंद करते हैं। कारण सिंपल है कि चने का छिलका बहुत हार्ड होता है, जिस वजह से ये कई बार गले में भी अटक जाता है। इसके अलावा बिना छिलके के ये काफी लाइट वेट भी लगता है। हालांकि सेहत के लिहाज से देखें तो बिना छिलके के चने खाना उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है, जिन्हें पाचन में समस्या होती है। दरअसल कई लोगों के लिए फाइबर को पचाना मुश्किल होता है। ऐसे में अगर आपको भी एसिडिटी, गैस या ब्लोटिंग बनी रहती है तो आप बिना छिलके के चने खा सकते हैं।
छिलका या बिना छिलका, कैसे चने खाएं?
छिलके सहित चने खाएं या छिलका उतार कर, दोनों ही तरह से ये आपके लिए काफी हेल्दी होते हैं। छिलके से इनके प्रोटीन, मिनरल या अन्य पोषक तत्वों पर कोई खास फर्क नहीं पड़ता है। हालांकि हर बॉडी अलग होती है और जो भी आपकी बॉडी को सूट करे वही तरीका सही होता है। इसलिए अपनी हेल्थ कंडीशन के हिसाब से देखें आपको क्या सूट होता है। - ज्यादा मोबाइल, लैपटॉप या टैबलेट का इस्तेमाल आंखों पर सीधा असर डालता है, जिसके चलते हर वर्ग के लोग आंखों से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं। ऐसे में आंखों की देखभाल करना बेहद जरूरी हो जाता है। काली किशमिश आंखों की रोशनी बढ़ाने में मददगार साबित हो सकती है, जिसमें भरपूर पोषक तत्व मौजूद होते हैं। आइए विस्तार से इस बारे में जानते हैं कि काली किशमिश खाने से आंखों को क्या फायदे मिलते हैं, दिन में कितनी काली किशमिश खानी चाहिए।काली किशमिश में मौजूद पोषक तत्वकाली किशमिश जिसे मुनक्का भी कहा जाता है, जिसमें भरपूर पोषक तत्व शामिल हैं। इस ड्राई फ्रूट को खाने से न सिर्फ आंखों की रोशनी बढ़ती है, बल्कि कई और अन्य फायदे भी मिलते हैं। यह विटामिन ए से भरपूर है जो आंखों की रेटिना को स्वस्थ रखने में मदद करती है। इसके अलावा इसमें कैलोरी, प्रोटीन, फैट्स, कार्बोहाइड्रेट्स, शुगर, विटामीन सी, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, एंटीऑक्सीडेंट और पॉलिफेनॉल जैसे पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं। ये पोषक तत्व आंखों को किसी भी तरह के नुकसान से बचाते हैं। साथ ही ये आंखों में आई कमजोरी को कम करने में मदद करते हैं।काली किशमिश को कैसे खाएं-काली किशमिश को भिगोकर खाने का तरीका सबसे अच्छा माना जाता है। रात में 3-4 मुनक्का भिगोने डाल दें और सुबह खाली पेट खांए। इसके अलावा बच्चों को यह दूध में डालकर भी दिया जाता है, जिससे भरपूर पोषण मिलता है। इसके अलावा दिन में इसे कभी भी खा सकते हैं। अगर आप निमयित रूप से तीन या चार हफ्तों तक मुनक्का खाते हैं, तो आंखों की थकान, जलन और ड्रायनेस जैसी समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं।काली किशमिश को खाने के अन्य फायदे-काली किशमिश में भरपूर पोषक तत्व होते हैं। यह आंखों की रोशनी बढ़ाने में मददगार साबित हो सकती है, लेकिन इसके कई अन्य फायदे भी हैं। काली किशमिश हाई ब्लड प्रेशर को कम करता है और वजन कम करने में सहायक होता है। जानिए काली किशमिश खाने के कई अन्य फायदे क्या हैं?आंखों की रोशनी बढ़ाने में मददगारकाली किशमिश में विटामिन ए, विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट और पॉलिफेनॉल पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह आंखों की रेटिना को स्वस्थ रखने में मदद करता है, जिस कारण आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद मिलती है।हाई ब्लड प्रेशर को कम करता हैकाली किशमिश फाइबर का स्त्रोत है जो शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है। पौटेशियम जैसे पोषक तत्वों की वजह से यह हाई बीपी के स्तर को कम करने में मदद करता है और संतुलित रखने में मददगार है। रोज काली किशमिश खाने से हाई बीपी, हार्ट अटैक जैसी बीमारियों का जोखिम भी कम हो सकता है।वजन कम करने में सहायककाली किशमिश में कैलोरी की मात्रा कम पाई जाती हैं, जिसके चलते रात भर 3-4 काली किशमिश भिगोकर सुबह खाली पेट खाने से वजन कम करने में भी मदद मिल सकती है।काली किशमिश खाने के साइड इफेक्ट्सकाली किशमिश के कई फायदे हैं, लेकिन इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं है कि इसे अधिक मात्रा में खाएं। इसमें प्राकृतिक रूप से शुगर होता है, जिसके चलते डायबिटीज के मरीजों के लिए यह खाना ठीक नहीं है। उनके लिए रोज 2 मुनक्का खाना ही फायदेमंद साबित हो सकता है।-रात में 3-4 काली किशमिश भिगोकर सुबह खाली पेट खाएं और उस पानी को पी सकते हैं। इससे शरीर में कई फायदे मिलते हैं।-काली किशमिश में मौजूद विटामीन-ए, पॉलीफेनोलिक और मौजूद एंटीऑक्सीडेंट आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करते हैं।-काली किशमिश खाने कई फायदे हैं। यह आयरन की कमी को दूर करने में मदद करती है, हड्डियों को मजबूत बनाती है, आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करती है।
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लेखिका-शहनाज हुसैन-
(लेखिका अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सौंदर्य विशेषज्ञ है)सुन्दर चमकीली त्वचा, गठीला शरीर, छरहरा बदन,चेहरे पर यौवनता, चमकीले बाल तथा प्राकृतिक रूप से सुन्दर दिखने की चाहत में आज कल पिफटनेस सैन्टरों, जिम, सैलून, स्पा तथा बहु राष्ट्रीय कम्पनियों के मंहगे सौदर्य प्रसाधनों को खरीदने की होड़ आम देखी जा सकती है/ आज कल के प्रदूषण,तनाव, लाइफ स्टाइल तथा दिन रात की भागदौड़ भरी जिन्दगी से आप समय से पहले ही बूढ़े दिखने लगते हैं तथा युवा उम्र में ही चेहरे पर झुर्रियां ,कील मुहाँसे ,फुंसियाँ ,काले धब्बे लगातार परेशानी का सबब बन जाते हैं / अधिकांश लोग सूंदर दिखने की लालसा क्या क्या नहीं कर देते लेकिन फिर भी ब्यूटी सैलूनों में घण्टों फेयरनेस ट्रीटमेंट तथा कॉस्मेटिक पर भारी खर्च करने के बाद भी चेहरे का निखार कुछ दिनों बाद ही गायब हो जाता है /ऐसे में लोग उदास होकर दिल तोड़ बैठते हैं तथा उन्हेँ लगता है की सुंदरता तो बिरासत में ही मिलती है /लेकिन कया आप जानते हैं की अगर आप शारीरिक रूप से सुन्दर हैं तो आपका सौन्दर्य चेहरे पर स्वभाबिक रूप से झलकेगा / कुछ योग आसनों के नियमित अभ्यास से आप प्राकृतिक सुन्दरता , दमकती त्वचा तथा शारीरिक आकर्षण ग्रहण कर सकते है / बास्तव में अगर आप योग साधना को अपने जीवन से जोड़ लें तो शरीर को स्वस्थ्य रखने के साथ ही प्रकृतिक तौर पर स्थाई रूप से सुन्दर तथा प्रभाबशाली भी बनाया जा सकता है तथा महँगे सौन्दर्य प्रसाधनों , ,ब्यूटी सैलूनों के महँगे उपचार तथा समय को बचाया जा सकता है /, भारतीय आर्युवैदिक पद्धति योग के साधारण आसनों के जरि आप स्थाई आन्तरिक तथा बाहरी सौन्दर्य मुफ़त में आसानी में पा सकते है।प्रतिदिन महज आध घण्टा सुबह तथा शाम सूर्या नमस्कार, प्राणायाम, उत्थान आसन, कपाल भाती, धनुर आसन तथा सांसो की क्रिया के माध्यम से आप अपने यौवन, सौन्दर्य तथा प्राकृतिक आकर्षण को जीवन पर्यन्त बनाऐ रख सकते है।बालों तथा त्वचा के सौंदर्य को बनाए रखने में प्राणायाम महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। प्राणायाम से जहां तनाव कम होता है वहीं दूसरी ओर शरीर में प्राण वायू का प्रभावी संचार होता है तथा रक्त का प्रभाव बढ़ता है। प्राणायाम सही तरीके से सांस लेने की बेहतरीन अदा है। प्रतिदिन 10 मिनट तक प्राणायाम से मानव शरीर की प्राकृतिक क्लीजिंग हो जाती है। प्राणायाम का आज पूरे विश्व में अनुसरण किया जाता है। प्राणायाम से मानव खोपड़ी में व्यापक आक्सीजन तथा रक्त संचार होता है। जिससे बालों की प्राकृतिक रूप से वृद्वि होती है तथा बालों का सफ़ेद होना तथा झड़ने जैसी समस्या को रोकने में भी मदद मिलती है। योगा का मानसिक शारीरिक, भावनात्मक तथा मनोभाव पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है जिससे आत्म विश्वास बढ़ता है। योगा से आप आत्मिक तौर पर शान्त महसूस करते हैं। जिससे आपके बाहरी सौन्दर्य में भी निखार आता है।आमतौर पर अनिद्रा, तनाव आदि में पैदा होने वाली कील, मुहांसे, काले धब्बों आदि की समस्याओं के स्थाई उपचार में योग महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। उत्थान आसन के लगातार उपयोग से आप कील, मुंहासे, काले धब्बों आदि की समस्याओं का स्थाई उपचार पा सकते है। कपालभाती शासीर में कार्बन डाईक्साईड को हटाकर खून को साफ करने में मदद मिलती है। उससे शरीर में हल्कापन महसूस होता है। धनुर ध्आसन से शरीर में रक्त का प्रभाव बढ़ता है तथा शरीर से विषैले पदार्थो को बाहर निकालने में मदद मिलती है इससे शरीर की त्वचा में प्राकृतिक चमक आती है तथा त्वचा की रंगत में निखार भी आता है।योग के लगातार अभ्यास से त्वचा तथा शरीर में यौवन को दीर्घ कालीन तौर पर बनाए रखने में मदद मिलती है। योगासन से रीढ़ की हड्डी तथा जोड़ों को लचकदार बनाया रखा जा सकता है। जिससे शरीर लम्बे समय तक लचीला तथा आकर्षक बनता है, योग से शरीर के भार को कम करने में भी मदद मिलती है तथा इससे मांस पेशियां नरम तथा मुलायम हो जाती है। योगा से थकान से मुक्ति मिलती है। तथा शरीर में उर्जा का प्रभावी संचार होता है सूर्यानमस्कार आसन से पूरे शरीर में नवयौवन का संचार होता है। सूर्यानमस्कार से शरीर पर बढ़ती आयु के प्रभाव को रोका जा सकता है तथा यह चेहरे तथा शरीर पर बुढ़ापे की भाव मुद्राओं के प्रभाव को रोकने में मददगार साबित होता है।चेहरे की झुर्रियों से मुक्ति पाने के लिए सूर्यानमस्कार तथा प्राणायाम दोनों प्रभावी आसन है।आपके सुन्दर दिखने के लिए जरूरी नहीं कि आप सुन्दर ही पैदा हुए हों आप अपने प्रयत्नों से सौंदर्य प्राप्त कर सकते है। अच्छा स्वास्थ्य तथा सौंदर्य एक ही सिक्के के दो पहलू है। यदि आप आन्तरिक रूप से सुन्दर नहीं है तब तक आपका सौंदर्य चेहरे पर नहीं झलक सकता। सुन्दर त्वचा, चमकीले बाल तथा छरहरे बदन के लिऐ अच्छी सेहत का होना परम आवश्यक है। वास्तव में मैंने समग्र स्वास्थ्य के लिए आर्युवैदिक सिद्धान्त को प्रोत्साहित किया। जिसमें योग को इस कार्यक्रम का अभिन्न अंग माना गया। मेरी समग्र सौंदर्य देखभाल की विशिष्ट अवधारणा को विश्व भर में सराहा गया है। वास्तव में मेरा विचार है कि आज की आधुनिक जीवनशैली में स्वास्थ्य तथा सौंदर्य के सन्दर्भ में योग काफी सार्थक है। योग मेरे व्यक्तिगत जीवन का अभिन्न अंग रहा है तथा मैंने इसके असंख्य लाभ महसूस किए है।योग से मानसिक तथा शारीरिक दोनों को प्रचुर लाभ मिलता है। इससे न केवल सभी मांस पेशियों को फायदा होता है बल्कि इससे प्राण शक्ति बढ़ती है तथा आन्तरिक अंगों की रंगत में निखार आता है।इससे नाड़ी तंत्र को स्थिर रखने में मदद मिलती है। इससे तनाव को कम करने तथा मानसिक संतुलन में भी लाभ मिलता है। योग प्राचीन भारतीय विद्या है तथा इसके निरन्तर अभ्यास से संयमित व्यक्तित्व तथा वृद्वावस्था की भाव मुद्राओं को रोकने में मदद मिलती है। योग का दूसरा महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इससे सांसों पर नियन्त्रण रहता है तथा योगाभ्यास के दौरान सांस खींचने तथा सांस बाहर निकलाने की उचित विधि से शवास को संयमित करने में मदद मिलती है जिससे शरीर में आक्सीजन को नियन्त्रित करने में सहायक सिद्ध होती है। योग से शारीरिक तथा मानसिक उल्लास की असीम अनुभूति प्राप्त होती है।योग सौन्दर्य के लिए अत्यन्त आवश्यक है क्योंकि आन्तरिक सौंदर्य से ही सही शारीरिक सौंदर्य की प्राप्ति की जा सकती है।येाग से रक्त संचार के प्रवह में सुधार होताहै जिससे त्वचा के स्तह तक पर्याप्त मात्रा में रक्त संचार होता है तथा यह रक्त संचार सुन्दर त्वचा के लिए अत्यधिक आवश्यक होता है क्योंकि इससे त्वचा को आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध होते हैं जिससे त्वचा सुन्दर तथा निखरी दिखाई देती है। योग के माध्यम से शरीर के विषैले तत्व त्वचा के माध्यम से बाहर आते है तथा रक्त संचित त्वचा के मामले में योग सबसे ज्यादा लाभदायक सिद्ध होते है। इससे त्वचा में रंगत तथा स्फूर्ति आ जाती है। योग से सौंदर्य में व्यापक निखार आता है तथा यह त्वचा को ताजा तथा बीमारियों से पूरी तरह मुक्त रखती है। यह अवधारणा बालों पर भी लागू होती है। योग से सिर की खाल तथा बालों के कोश में रक्त संचार तथा आक्सीजन का व्यापक निरन्तर प्रवाह होता है। इससे बालों के रक्त संचार को पोष्टिक तत्व पहुंचाने में काफी मदद मिलती है जिससे बालो की वृद्धि तथा सिर की खाल को स्वास्थ्य रखने में बहुत मदद मिलती है।जब हम सौंदर्य की बात करते है तो हम केवल बाहरी चेहरे की सौंदर्य की ही बात नहीं करते बल्कि इसमें आंतरिक सूरत भी शामिल होती है जिसमें लचकपन, हाव.भाव तथा शारीरिक आर्कषण होना नितान्त आवश्यक होता है।जहां तक बाहरी सौंदर्य का सम्बन्ध है वहां छरहरे बदन से व्यक्ति काफी युवा दिखाई देते हैं जो कि लम्बे समय तक यौवन बनाए रखने में सहायक होता है। योग से शरीर के हर टिशू को आक्सीजन प्राप्त होती है जिसे शरीर में सौंदर्य तथा स्वास्थ्य प्राप्त होता है। यदि आप ऐसी जीवनशैली गुजार रहे हैं जिसमें शारीरिक गतिविधी नगण्य है तो आप वास्तव में बुढ़ापे को नियन्त्रण दे रहे है योग तथा शारीरिक श्रम से आदमी को यौवन की स्थिति को लम्बें समय तक बनाए रखने में मदद मिलती है क्योंकि इससे शरीर सुदृढ़ होता है तथा शरीर सुव्यवस्थित तथा तन्दुरूस्त रखने में भी मदद मिलती है योग आसनों से रीढ़ की हड्डी तथा हड्यिों के जोड़ों को लचकदार एवं कोमल बनाने में मदद मिलती है। इससे शरीर सुदृढ़ तथा फुर्तीला बनता है। मांसपेशियों में रंगत आती हैए रक्त संचार में सुधार होता हैए प्राण शक्ति का प्रवाह होता है तथा सौंदर्य एवं अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है।अनेक सौंदर्य समस्यायें मानसिक तनाव की वजह से उत्पन्न होती है। योग से तनाव को कम करने तथा स्वछन्द मानसिक उन्मुक्त वातावरण तैयार करने में मदद मिलती है तथा इससे तनाव से जुड़ी सौंदर्य समस्याओं को निजात प्रदान करने में मदद मिलती है। योग के लगातार अभ्यास से कील मुंहासोंए बालों के झड़ने की समस्याओंए सिर की रूसी आदि समस्याओं का स्थाई उपचार मिलता है योग तथा शारीरिक क्रियायें करने वाले युवाओं पर किए गए अध्ययन में यह पाया गया हैं उनके व्यक्तित्व में भावनात्मक स्थिरताए आत्म विश्वासए उचित मनोभावए जैसे सकारात्मक बदलाव महसूस किये जाते है। जिसका दिमाग भावनाओं तथा मिजाज पर सीधा प्रभाव दिखाई देता है। वास्तव में योग नियमित रूप से तनाव से मुक्ति प्रदान करता है। जिससे त्वचा पर रंगत वापिस आ जाती है। योग करने से आप तत्काल पुनः यौवन प्राप्त करके चित प्रसन्न महसूस कर सकते है।वास्तव में योग से बाहरी शारीरिक सौंदर्य को निखारने तथा संवारने में काफी मदद मिलती है।आज का समय लगातार बढ़ती जटिलताओं और गति का समय है। जीवन यापन के लिए हर कोई लगातार गतिमान है। भाग-दौड़ की इन स्थितियों में एक सुसंगत,संयमित और स्वस्थ्य जीवन दृष्टि की खोज हर व्यक्ति को है। हर कोई अपने शरीर को स्वस्थ्य रखना चाहता है। भारतीय परंपरा हमेशा से ही जीवन को समग्र और संतुलित रूप से जीने की दृष्टि देती रही है। भारतीय चिंतन और परंपरा का आधार रहा है योग-शास्त्र। योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं है,वरन् यह जीवन को संतुलित रूप से जीने का शास्त्र है। यह निरंतर बढ़ती हुई भाग-दौड़ में व्यक्तित्व को एक ठहराव,एक गहराई देने की विद्या है। ऐसे में आज न केवल भारत बल्कि विश्व के दूसरे देश भी योग को जीवन शैली में सुधार लाने का एक प्रमुख उपाय मान रहे हैं।जीवन की भाग-दौड़ वाली जिंदगी से परेशान होकर हर कोई जिंदगी को आसान बनाना चाहता है। ऐसी स्थिति में क्या हम अपने जीवन को सुखी बनाने के लिए थोड़ा समय योग को नहीं दे सकते? योग एक ऐसी विधा है जिससे हम अपने मन को स्थिर कर सकते हैं। जब तक मन शुद्ध या स्थिर नहीं होता,हमारा तन भी अशुद्ध रहता है। योगाभ्यास द्वारा ही तन व मन की शुद्धि होती है और हमारा तन-मन निरोगी हो जाता है। योगाभ्यास से मन को स्वस्थ्य और शांत बनाया जा सकता है।शरीर को स्वस्थ्य बनाने में तन और मन का बेहतर योगदान होता है। आमतौर पर देखा गया है कि हमारी शारीरिक बीमारियों के मानसिक आधार होते हैं। क्रोध हमारे मन को विकृत करता है जिससे हम विभिन्न प्रकार की बीमारियों से घिर जाते हैं फिर भी क्रोध से बिल्कुल अनभिज्ञ रहते हैं। योगाभ्यास क्रोध पर नियंत्रण रखने में अहं भूमिका निभाता है। जब हम सौंदर्य की बात करते है तो हम केवल बाहरी चेहरे की सौंदर्य की ही बात नहीं करते बल्कि इसमें आकृतिए सूरत भी शामिल होती है जिसमें लचकपनए हावण्भाव तथा शारीरिक आर्कषण होना नितान्त आवश्यक होता है।जहां तक बाहरी सौंदर्य का सम्बन्ध है वहां छरहरे बदन से व्यक्ति काफी युवा दिखाई देते हैं जो कि लम्बे समय तक यौवन बनाए रखने में सहायक होता है। योग से शरीर के हर टिशू को आक्सीजन प्राप्त होती है जिसे शरीर में सौंदर्य तथा स्वास्थ्य प्राप्त होता है। यदि आप से ऐसी जीवनशैली गुजर रहे हैं जिसमें शारीरिक गतिविधी नगण्य है तो आप वास्तव में बुढ़ापे को नियन्त्रण दे रहे है योग तथा शारीरिक श्रम से आदमी को यौवन की स्थिति को लम्बें समय तक बनाए रखने में मदद मिलती है क्योंकि इससे शरीर सुदृढ़ होता है तथा शरीर सुव्यवस्थित तथा तन्दुरूस्त रखने में भी मदद मिलती है योग आसनों से रीढ़ की हड्डी तथा हड्यिं के जोड़ों को लचकदार एवं कोमल बनाने में मदद मिलती है। इससे शरीर सुदृढ़ तथा फुर्तीला बनता है। मांसपेशियों में रंगत आती हैए रक्त संचार में सुधार होता हैए प्राण शक्ति का प्रवाह होता है तथा सौंदर्य एवं अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है।अनेक सौंदर्य समस्यायें मानसिक तनाव की वजह से उत्पन्न होती है। योग से तनाव को कम करने तथा स्वछन्द मानसिक उन्मुक्त वातावरण तैयार करने में मदद मिलती है तथा इससे तनाव से जुड़ी सौंदर्य समस्याओं को निजात प्रदान करने में मदद मिलती है। योग के लगातार अभ्यास से कील मुंहासोंए बालों के झड़ने की समस्याओंए सिर की रूसी आदि समस्याओं का स्थाई उपचार मिलता है योग तथा शारीरिक क्रियायें करने वाले युवाओं पर किए गए अध्ययन में यह पाया गया हैं उनके व्यक्तित्व में भावनात्मक स्थिरताए आत्म विश्वासए उचित मनोभावए जैसे सकारात्मक बदलाव महसूस किये जाते है। जिसका दिमाग एवं भावनाओं तथा मिजाज पर सीधा प्रभाव दिखाई देता है। वास्तव में योग नियमित रूप से तनाव से मुक्ति प्रदान करता है। जिससे त्वचा पर रंगत वापिस आ जाती है।वास्तव में योग से बाहरी शारीरिक सौंदर्य को निखारने तथा संवारने में काफी मदद मिलती है।आज का समय लगातार बढ़ती जटिलताओं और गति का समय है। जीवन यापन के लिए हर कोई लगातार गतिमान है। भाग.दौड़ की इन स्थितियों में एक सुसंगत ,संयमित ,और स्वस्थ्य जीवन दृष्टि की खोज हर व्यक्ति को है। हर कोई अपने शरीर को स्वस्थ्य रखना चाहता है। भारतीय परंपरा हमेशा से ही जीवन को समग्र और संतुलित रूप से जीने की दृष्टि देती रही है। भारतीय चिंतन और परंपरा का आधार रहा है योग.शास्त्र। योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं है वरन् यह जीवन को संतुलित रूप से जीने का शास्त्र है। यह निरंतर बढ़ती हुई भाग.दौड़ में व्यक्तित्व को एक ठहरावएएक गहराई देने की विद्या है। ऐसे में आज न केवल भारत बल्कि विश्व के दूसरे देश भी योग को जीवन शैली में सुधार लाने का एक प्रमुख उपाय मान रहे हैं। जीवन की भाग.दौड़ वाली जिंदगी से परेशान होकर हर कोई जिंदगी को आसान बनाना चाहता है। ऐसी स्थिति में क्या हम अपने जीवन को सुखी बनाने के लिए थोड़ा समय योग को नहीं दे/ योग एक ऐसी विधा है जिससे हम अपने मन को स्थिर कर सकते हैं। जब तक मन शुद्ध या स्थिर नहीं होता तब तक हमारा तन भी अशुद्ध रहता है। योगाभ्यास द्वारा ही तन व मन की शुद्धि होती है और हमारा तन.मन निरोगी हो जाता है। योगाभ्यास से मन को स्वस्थ्य और शांत बनाया जा सकता है। - अखरोट और खजूर दोनों ही हेल्दी ड्राई फ्रूट्स में से एक हैं। इन दोनों में ही भरपूर मात्रा में विटामिन्स और मिनरल्स जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इनका सेवन करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने मिलते हैं, साथ ही, कई समस्याओं से राहत देने में भी मदद मिलती है। ऐसे में इन दोनों को साथ खाने से क्या होता है।खजूर और अखरोट में मौजूद पोषक तत्व -खजूर में भरपूर मात्रा में फाइबर, पोटैशियम, आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन-बी, विटामिन-सी और विटामिन-डी जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, साथ ही, इसमें भरपूर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स के गुण पाए जाते हैं। वहीं, अखरोट में भरपूर मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर, प्रोटीन और विटामिन्स जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, साथ ही, इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स के गुण पाए जाते हैं। इनका सेवन करने से स्वास्थ्य को बेहतर कर हेल्दी बनाए रखने में मदद मिलती है।खजूर और अखरोट को खाने के फायदेखूजर और अखरोट हेल्दी ड्राई फ्रूट्स हैं। इनको खाने से स्वास्थ्य को कई तरीकों से लाभ मिलते हैं। ऐसे में अखरोट को भिगोकर और खजूर को दूध में उबालकर खाना फायदेमंद होता है।शरीर की इम्यूनिटी बूस्ट करेखजूर और अखरोट में हेल्दी फैट्स और एंटी-ऑक्सीडेंट्स के गुण पाए जाते हैं। ऐसे में इन दोनों को साथ खाने से शरीर की इम्यूनिटी को बूस्ट करने, बीमारियों से बचाव करने और इंफेक्शन से लड़ने में मदद मिलती है, साथ ही, इससे स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में भी मदद मिलती है।शरीर को दे एनर्जीखजूर नेचुरल स्वीटनर के तौर पर काम करता है। इसके अलावा, दोनों में प्रोटीन, हेल्दी फैट्स और एंटी-ऑक्सीडेंट्स के गुण पाए जाते हैं। इन दोनों को साथ खाने से शरीर में एनर्जी बनाए रखने और शरीर की कमजोरी को दूर करने में मदद मिलती है। इससे शरीर एनर्जेटिक बना रहता है।स्किन के लिए फायदेमंदअखरोट में मौजूद हेल्दी फैट्स और खजूर में मौजूद विटामिन्स पाए जाते हैं। इसका सेवन करने से स्किन को हेल्दी बनाए रखने, त्वचा को अंदर से पोषण देने और त्वचा के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मदद मिलती है।खून की कमी दूर करेखजूर में भरपूर मात्रा में आयरन और विटामिन्स पाए जाते हैं। ऐसे में इनको साथ खाने से शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बेहतर करने और खून की कमी को दूर करने और शरीर में एनर्जी बनाए रखने में मदद मिलती है। इससे शरीर का इम्यून सिस्टम भी बेहतर होता है।पाचन को दुरुस्त करने में सहायकखजूर और अखरोट में भरपूर मात्रा में विटामिन्स और फाइबर के गुण पाए जाते हैं। ऐसे में इनका सेवन करने से पाचन तंत्र को दुरुस्त करने और इससे जुड़ी कब्ज और गैस जैसी पाचन से जुड़ी समस्याओं से राहत देने में भी मदद मिलती है।हार्ट के लिए फायदेमंदअखरोट में भरपूर मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन-ई जैसे हेल्दी फैट्स पाए जाते हैं। वहीं, खजूर में भरपूर मात्रा में पोटैशियम होता है। ऐसे में इनको खाने से हार्ट को मजबूती देने, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल कर हार्ट को हेल्दी बनाए रखने में मदद मिलती है। इससे हार्ट के स्वास्थ्य बेहतर होता है।खजूर कितनी मात्रा में खाना चाहिए?खजूर कितनी मात्रा में खाना चाहिए?खजूर खाना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। 1 दिन में 3-4 खजूर को भिगोकर खाना फायदेमंद है। इसको खाने से शरीर में एनर्जी बनाए रखने और स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मदद मिलती है।अखरोट खाने से कौन सी बीमारी ठीक हो सकती है?अखरोट में भरपूर पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसका सेवन करने से हार्ट को हेल्दी बनाए रखने, शरीर को एनर्जी देने, पाचन को दुरुस्त करने, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बेहतर करने और ब्रेन के कार्यों को बेहतर करने में भी मदद मिलती है।खजूर खाने से क्या फायदा होता है?खजूर खाने से स्वास्थ्य को कई लाभ मिलते हैं। इसका सेवन करने से शरीर को एनर्जी देने, पाचन में सुधार करने, हार्ट के लिए फायदेमंद और हड्डियों को मजबूती देने में मदद मिलती है।
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भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास खाने-पीने का भी समय नहीं है। ऐसे में लोग सुबह जल्दबाजी में या तो नाश्ता नहीं करते या कुछ ऐसा खा लेते हैं जो डाइनिंग टेबल पर आसानी से मिल जाए और जिसे खाने में अधिक समय ना लगे। ऐसे में पेट भर नाश्ता करने के लिए लोग अगर ऑमलेट के साथ ब्रेड खाना पसंद करते हैं। इसी तरह ब्रेड-बटर-जैम या एवोकाडो टोस्ट जैसी चीजें खाना भी कई लोगों का डेली डाइट का हिस्सा है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इस तरह रोज-रोज सफेद ब्रेड खाने से आपकी हेल्थ को बहुत गम्भीर नुकसान हो सकते हैं। आइए जानते हैं कि, अधिक मात्रा में ब्रेड खाने से क्या नुकसान हो सकते हैं।
बढ़ सकती है कब्जब्रेड एक प्रकार का रिफाइंड फूड है जिसमें फाइबर की मात्रा बहुत कम होती है। पाचन तंत्र को लो-फाइबर फूड खाने से नुकसान होता है। इस तरह का खाना खाने से कॉन्स्टिपेशन की शिकायत हो सकती है।मोटापे का खतराज्यादा मात्रा में ब्रेड खाने से आपके शरीर का वजन बढ़ सकता है। इससे मोटापा, बेली फैट निकलने और अन्य मेटाबॉलिज्म संबंधित समस्याएं भी बढ़ सकती हैं।लिवर को हो सकता है नुकसानब्रेड खाने से लिवर डैमेज का भी खतरा बढ़ सकता है। ब्रेड अधिक मात्रा में खाने से फैटी लिवर की समस्या भी हो सकती है।बढ़ सकता है ब्लड शुगर लेवलब्रेड अधिक मात्रा में खाने से आपका ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ सकता है। दरअसल, मैदे से बने होने के कारण ब्रेड में फाइबर की मात्रा बहुत कम होती है। इससे शरीर में ग्लूकोज का असंतुलन बढ़ सकता है और डायबिटीज से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं।बढ़ सकता है इंफ्लेमेशनब्रेड खाने से शरीर में इंफ्लेमेशन भी बढ़ सकती है। इससे आपको सूजन संबंधित बीमारियों जैसे गठिया और जॉइंट पेन की समस्या भी हो सकती हैं। - सभी ग्लोइंग स्किन की चाह रखते हैं। लेकिन, गलत खान-पान, तनाव और खराब जीवनशैली की वजह से त्वचा संबंधी समस्याएं होने लगती हैं। इसकी वजह से स्किन डल और बेजान हो जाती है। कई लोगों को चेहरे पर मुंहासे और दाग-धब्बे भी हो जाते हैं, जो पूरी खूबसूरती को खराब कर देते हैं। ऐसे में अक्सर लोग चेहरे का ग्लो बढ़ाने के लिए महंगे प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन, आप चाहें तो चेहरे पर ग्लो लाने के लिए घरेलू उपायों का सहारा भी ले सकते हैं। विटामिन-ई कैप्सूल एक ऐसा ही घरेलू उपाय है, जो चेहरे पर नेचुरल ग्लो लाने में असरदार हो सकता हैविटामिन-ई कैप्सूलचेहरे का ग्लो बढ़ाने के लिए आप विटामिन-ई कैप्सूल ऑयल को सीधे तौर पर लगा सकते हैं। इसके लिए आप 2 विटामिन-ई कैप्सूल लें। इसका ऑयल निकालें और फिर चेहरे पर अप्लाई करें। 3-4 मिनट तक त्वचा की धीरे-धीरे मालिश करें। इससे त्वचा पर ब्लड सर्कुलेशन बढ़ेगा और स्किन पोर्स हेल्दी होंगे। विटामिन-ई कैप्सूल त्वचा के दाग-धब्बों को कम करने में असरदार होता है। इसे लगाने से चेहरे का ग्लो भी बढ़ता है। विटामिन-ई कैप्सूल और एलोवेराचेहरे का ग्लो बढ़ाने के लिए आप विटामिन-ई कैप्सूल में एलोवेरा मिलाकर भी चेहरे पर लगा सकते हैं। इसके लिए आप 2 चम्मच एलोवेरा जेल लें। इसमें विटामिन-ई कैप्सूल ऑयल निकालकर मिक्स करें। अब इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं और 40 मिनट के लिए छोड़ दें। फिर चेहरे को सादे पानी से धो लें। एलोवेरा त्वचा को मॉइश्चराइज करके नमी प्रदान करता है। इससे त्वचा से जुड़ी कई समस्याएं दूर होती हैं और नेचुरल ग्लो आता है।विटामिन-ई कैप्सूल और गुलाब जलआप विटामिन-ई कैप्सूल ऑयल में गुलाब जल मिक्स करके भी चेहरे पर लगा सकते हैं। इससे भी चेहरे पर नेचुरल ग्लो आता है। गुलाब जल त्वचा का निखार बढ़ाता है और स्किन को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है। इसके लिए आप 1-2 चम्मच गुलाब जल लें। इसमें विटामिन-ई कैप्सूल का ऑयल निकालकर मिलाएं। इसे चेहरे पर अप्लाई करें और 3-4 मिनट तक धीरे-धीरे मालिश करें। 45 मिनट बाद चेहरे को सादे पानी से धोकर मॉइश्चराइज कर लें।विटामिन-ई कैप्सूल और ग्लिसरीनअगर आपकी स्किन डल और बेजान है, तो आप विटामिन-ई कैप्सूल में ग्लिसरीन मिलाकर चेहरे पर अप्लाई कर सकते हैं। ग्लिसरीन त्वचा को कोमल, मुलायम और चमकदार बनाता है। विटामिन-ई कैप्सूल भी त्वचा के रूखेपन को कम करने में मदद करता है। इसके लिए आप एक चम्मच ग्लिसरीन लें। इसमें विटामिन-ई कैप्सूल ऑयल निकालकर मिक्स करें। इसे चेहरे पर अप्लाई करें और थोड़ी देर तक मसाज करें। इससे त्वचा का ग्लो बढ़ता है और स्किन सॉफ्ट बनती है।विटामिन-ई कैप्सूल और नींबू का रसअगर आपके चेहरे पर दाग-धब्बे हैं, तो आप विटामिन-ई कैप्सूल और नींबू के रस का इस्तेमाल कर सकते हैं। नींबू के रस में साइट्रिक एसिड होता है, जो दाग-धब्बों को मिटाकर चेहरे का ग्लो बढ़ाने में मदद करता है। आप 2 विटामिन ई कैप्सूल से ऑयल निकालें। अब इसमें नींबू का रस मिक्स करें और फिर चेहरे पर अप्लाई करें। इससे त्वचा से जुड़ी कई समस्याएं दूर होती हैं। चेहरे पर नेचुरल ग्लो भी आता है और स्किन की रंगत साफ होती है।